ढोल, गंवार , शूद्र ,पशु ,नारी - ताड़ना के अधिकारी | संशय उन्मूलन | रामचरितमानस | TADANA ADHIKARI
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- Опубликовано: 14 июл 2020
- #Dhol_ganvar_pashu_nari, #dr_hs_sinha
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प्रोफेसर सिन्हा जी
प्रणाम
आपको 60 वषोॅ के बाद सुना! कुरूक्षेत्र के दिन याद आ गए! मन गद गद हो गया! 1967 में फजिकस के विध्यार्थी के नाते आपसे हिन्दी पढते थे!
प्रभु आप को और अचछा सवास्थ्य दे!
प्रणाम!
🙏🙏
पहले मैं इन शब्दों से घृणा और भय करती थी। उस आदमी को कोसती थी जिसने यह लिखा।
परंतु आपका वीडियो देखने के बाद मुझे असलियत समझ में आई और मुझे अपने नारी होने पर और भी गर्व हुआ।
राम जी ने यह शब्द बोलने वाले समुद्र को नीच कहा....यह समझ कर मेरा बहुत बड़ा दुख मन से हट गया।
Right
Deepti ji
@भारत की कहानी (पॉडकास्ट) एक किताब आप भी लिखकर दिखाए
@@bharatkikahani238 तेरे बाप ने और, तूने रामायण पढ़ी.नहीं
PR
Aaj maine TV9 ka debate dekha, isi chaupai k upar. Aur wahan log politics mein ghus gaye par is shlok ka arth kisi ne sahi se nai bataya. Toh main guru ji k video search karne laga k shayad inhone kuch bataya hoga. And I am lucky toh hear him and now i am at peace. Thank you Guruji. Aapne apne uttar se mujhe tript kar dia. 🙏🏼
That's why I stopped watchy news channels any channel Zee abp TV9 ndtv or any of them
@@narayandutt_7 haa
सही अर्थ बताके मन का समाधान करने का शुक्रिया। कृपया इसी तरह से अपने धर्म के बारेमे जो गलतफमियां है उन्हें दूर करने की कृपा करते रहिये। धन्यवाद
@@manovarma875 मैं Sc हूँ लेकिन मैं समाज को तोड़ने पे विश्वास नही रखता है, तुम दुष्ट कुटिल बुद्धि हो समाज में बंटवारा करके देश की खुशहाली को भंग करने वाले हो, मैं एक हिन्दू हूँ और मुझे गर्व है हिन्दू होने पर, इस चौशाई पर मुझे भी संशय था और मेरे समाज को भी लेकिन अब मेरा संशय मिट गया और मैं अब अपने समाज का संशय भी दूर करूँगा | ब्राह्मण मेरे मित्र हैं वो मुझे बहुत सम्मान देते जितना अन्य Sc, obc, st मुस्लिम नहीं करते
Bakvas
अबे अपने जातिवादी मानसिकता और धर्म के कितने जातिवादी चौपाई में सफाई देंगे बे ये पंडित लोग।।
@@manovarma875 Tum jakar apna halala kyon nahi karwate Bhai .
Jao jakar Kurand padho 🤣🤣🤣🤣
@@ww7308 नही बेटा बौद्ध को मानता हूं। वैसे तुम जैसे लोग मुस्लिमो का मजाक बना के नफरत जाहिल करते हैं इसी लिए नफरत पाते हो। वैसे ये ह्रह्मणवाद की महा नीच सिस्टम तुमको पसन्द है सबको नहीं ओके। मुस्लिम से नफरत नही करता हूं बल्कि मैं ब्राह्मणवाद की मानसिकता और घटियापंती से नफरत करता हूं ओके।🔥
मोदिजी कानून बनवाओ..स्कूल लिव्हींग सर्टीफिकेटपर जाती लिखना बंद हो..और सरकार ज्यादा से ज्यादा आंतरजातीय विवाह करनेपर जनजागृती करे अभियान चलाए..इस देश से जातीयों का अंत हो जाएगा..हिंदू एक हो जायेंगे
Exactly, मैं अपने लोगो को यही कितने सालो से समझा रहा हू, जब जातीया कोई मानता नही तो ये मांग उठनी चाहिए की cast certificate हटाव और category certificate लाओ.
जिस पर सिर्फ category लिखी होनी चाहिए like OBC, SC, GENERAL,NT, ST ,SBC ताकी वंचित वर्ग को आगे आने का मौका भी मिले और जाती का भूत भी लोगो के दिमाग से निकल जाये.
Achi bat hai par hindu dharm jati par khada hai
Mai hindu ekta ka samarthan karunga, yadi cast khatm ho jaye to tab hi hindu vikas karega.
व्याख्या उचित है लेकिन पूर्व की व्यवस्था के चिन्ह अभी भी अंकित हैं अभी भी शुद्र यथोचित सम्मान के लिए लड़ रहा है,
हिन्दू समाज अपनी भूल को ठीक करे,सभी जातियों के साथ समान व्यवहार करें
SC log Maharishi Balmiki Ji ki yogyata ko sawikaaren toh sahi ,uss par naaz karen toh sahi . Shri BR Ambedkar Ji k vichaaron ko padhen toh sahi . Bina padhe hi Jai Bhim Jai Meem k naare lagayenge toh kya hoga .
@@SurinderSingh-cc8pk ji
Agree
Koi chota Bada nhi.. Sb Ek saman hai sbka apna goravshali itihas hai.. Aur SC/ST ko chota Maana bhi Galat hai...pr hum logo ko Smjhna hoga ki humre dharm Granth Humko divide NHi krte....sewa krne wale logo ko shudra Kha Gya hai Humri varn vaywastha Mai.. Humre veda Puran Kisi trha Ki koi uuch neech nhi Sikhate pr bhut Sare log bina padhe hi apne dhram grntho ko gali dete hai Jo ki galat Hai.. Ye sb Hum hinduo ko Kamzor krne ka propoganda hai... Ki Hum Apas mai hi uljhe Rahe ur humra samul Nash kiya Jaye... Aaj na kisi ko khud ko bhraman Khne mai Sharam honi chaiye na Shudra Khne mai... Hum Hindu hai aur Sanatan ko mane wale hai...Hume khud pr garb krna chaiye
सम सामयिक प्रश्न
हरी ओम पंडित जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद. आप जैसे ज्ञानी आतमाए ही हमारी संस्कृति को समझती और समझाती है मुझे लगता है आप सतयुगी आत्मा है धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद परेमशवर आपको हमेशा खुश रखे और आपको लंबी आयु प्रदान करे हरी ओम.
Respected sir , you are a only positive practical person. I was searching after getting conscious. I visited some of your vedio for positivity concern. you have full of positive energy.God bless more.
सनातन में आपका स्वागत है
yes even when i heard his charvak lecture. everyone in history condemned charvaks but he is the only person who also defended them saying no religion is perfect.
sanatan dharma is oldest and the only religion where God himself ( not any messanger) incarnate on earth, in order to eleminate the evil.
jai Shankar.
Zazakallah hu khairat
@@ManOfSteel1
Q
आप जैसे गुरु का सानिध्य जिसे प्राप्त हो जाय वो, उसे किसी और गुरु की आवस्यकता ही नही हो, कोटि कोटि प्रणाम गुरूदेव
👉ढोलक_ पीटने से नही बजती है इसके लिए ढोलक बजाने का ज्ञान होना चाहिए, ढोलक ठीक से मढ़ी होनी चाहिए ठीक से कसी होनी चाहिए।
👉गंवार_ व्यक्ति को अपनी निंगरानी में काम कराया जाएगा तभी वह ठीक से कार्य करेगा।
👉शूद्र _जो धर्म को नही मानता है उसे आप को अपने संरक्षण में शिक्षा देनी होगी तब वह धर्म को मानेगा।
👉नारी_लक्ष्मी स्वारूप है उसकी हिफाजत उसका सम्मान करेंगे तभी वह आपके लिए सुखदायक होगी।
🙏🙏जय श्री राम🙏🙏
🙏🙏aap ko naman
@@p.l.pandey6649 🙏
@@user-hf4so4zq7n
आप की राष्ट्रीय समझदारी को सो तोपों की सलामी देता हुं।
धन्यवादआपको।
जय यादव ,जय भीष्म ,जय कुरुक्षेत्र ।😂😅
बहुत बहुत धन्यवाद , इतने सालो से जो बदनामी तुलसिदासजी की सुनते आ रहे थे उसका निराकरण आपने कर दिया।
Mtlb
इतने सालों से तुलसीदास जी की बदनामी किसने की यह तो पता लगाओ क्या अब तक कथा कहने वाले और सुनने वाले सब मूर्ख थे आज तक शंकराचार्य यह पता क्यों नहीं लगा पाए कि कौन-कौन सेअंश प्रक्षिप्त है 33 करोड़ देवता है या 33 प्रकार के प्रकार के उनके नाम आज तक क्यों नहीं बता पाए यह देश कथावाचक की मनमर्जी से चल रहा है या कोई नियम भी है गीता प्रेस गोरखपुर के पुराने संस्करणों में ताड़ना का अर्थ पीटना क्यों हैl
इन योग्य, वफादार, मेहनतकश तबकों को अपने समक्ष रखते हुए हमें चाहिए कि हम न इन्हें अछूत कहें और न समझें। बस, समस्या हल हो जाती है। नौजवान भारत सभा ने जो ढंग अपनाया है वह काफी अच्छा है। जिन्हें आज तक अछूत कहा जाता रहा उनसे अपने इन पापों के लिए क्षमायाचना करनी चाहिए तथा उन्हें अपने जैसा इन्सान समझना, बिना अमृत छकाए बिना कलमा पढ़ाए या शुद्धि किए उन्हें अपने में शामिल करके उनके हाथ से पानी पीना, यही उचित ढंग है और आपस में खींचतान करना और व्यवहार में कोई भी हक न देना, कोई, ठीक बात नहीं है।
आपको शत् शत् नमन 🙏🏻
मुझे भी इस दोहे पर बहुत ही भ्रम था।
इतना अच्छा विष्लेषण करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🏻 मेरे मन की पीड़ा मिट गई।
ruclips.net/video/l1q6nCJXdt0/видео.html
pranam ma
Guru ji namaskar
Me ek prashan puchna chahti hu kese
@@humanityfirst2870 ramcharitmanas me "vivek" is shabd par achche se prakash dala hai goswami ji ne ( i dont know page no. but agr kbhi tan man se aapne pdha hai to pta hoga aapko) . agr uske bavjud usko aapko hi doubt aa rha hai toh ma janknandini aapko nirmal mati de .
bhagwan ram ka kevat se milna, shabri juthe ber khana , yha tak ki guru vashishth ji aur nishad raj ji ka prasang aapke soch se viprit pratit hota hai.
mai aapke logical mind hone ke karn parkt hue is shanka ko samjh sakta hun, aur iske nivaran ke liye "Ramkinkar ji upadhyay " mahraj ka you tube me available pravachan recommend karta hu. pehle mujhe bhi bhut doubt hota tha aapki tarh.
sabka kalyan ho
hare ram hare ram ram ram hare hare hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare ..
आपका एक एक शब्द अथाह ज्ञान का भंडार है।
हर विषय पर इतना ज्ञान और इतना गूढ़।
ऐसी व्याख्या अद्भुत है।
आपके चरणों में बारंबार प्रणाम करते है।
जिन्होंने आपसे शिक्षा प्राप्त की होगी वो धन्य हैं कि ऐसे सुकरात से ज्ञान पाया है।
youtube.com/@shikshasalahkar?sub_confirmation=1
बहुत सुंदर व्याख्यान आप का है। सब dispute को आपने बहुत ही बिस्तार से व्यक्त किया है। आपको नमन प्रणाम
प्रिय दादा जी आपके श्री चरणों बरांबार प्रणाम करता हुँ। आज मुझे तीन दिन हो गए है। आपके सारे विडियो को देखते हुए मन नहीं भर रहा इस विषय पर तो आपने आखें खोल दी है हमारे भारत में अज्ञानी लोग जिन्हे इसका मतलब ही नहीं पता ढोल, गंवार , शूद्र ,पशु ,नारी - ताड़ना के अधिकारी, ईश्वर के प्रति मेरी बहुत आशा है , दादा जी मुझे मालुम नहीं था आपके बारे में नहीं तो कब का आपके चरणों को स्पर्श करके आपका आर्शीवाद लेता ।
ऐसे प्रबुद्ध आचार्य जी को बारम्बार प्रणाम।
गुरु जी का निर्वचन व अध्ययन अतुलनीय है। गुरु जी को सादर नमन।
Awaken the world channel pe.. Samadhi video jarur watch kre
ruclips.net/video/l1q6nCJXdt0/видео.html
pranam
प्राचीन हिंदी साहित्य में कोई भी कविता , कहानी नकारात्मक अर्थ प्रतिपादित नही करती , अर्थ की गहराई में जाने पर बड़ा ही सुंदर अर्थ निकलता है, और समाज सुधार की बात करता है
Okk
पहली बार किसी ने संतोषजनक व्याख्या की है 🙏🙏🙏
I always had this doubt whenever we used to chant Sundarkand, so beautifully explained. Thankyou so much for clearing it out.🙏
Me too
Aptly and ably explained.People must understand that gender is not the essence of life in indian culture.Truth ,which is beyond all boundaries of material world, is the bedrock on which edifice of indian lifestyles was erected.
@@sukhadrampandey5127 l
एक और चौपाई * भई वर्षा चली फूटि कियारी ( क्यारी ) जिमि स्वतंत्र भये बिगरहि' नारी * की व्याख्या बहन जी कर दीजिए।
@@harishchandra7640 nikal be
सही व्याख्या करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, मेरी सभी सनातनी हिन्दू भाइयों, बहनों से अनुरोध है कि इस वीडियो को अधिक से अधिक संख्या में प्रसारित करें ताकि जातिगत वैमनस्यता फैला कर वोट बटोरने की कुत्सित राजनीति करने वालों का षड्यंत्र नाकाम हो सके
youtube.com/@shikshasalahkar?sub_confirmation=1
सटीकता से स्पष्टीकरण कर एक विवादित बिंदु को सहजता से स्वीकार्य योग्य व्याख्या करने के लिए आपको धन्यवाद 🙏
आपके द्वारा सभी शास्त्रों को सही एवं सरल तरीके से समझाने का अनुपम गुण हैं।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻।
youtube.com/@shikshasalahkar?sub_confirmation=1
मानस की सटीक व्याख्या के लिए आपको बहुत-बहुत अभिनंदन और सादर अभिनंदन है आचार्य लक्ष्मीकांत शास्त्री।
अष्टतः प्रकर्ति पूतना है,परा प्रकर्ति सीता है,जीव अल्पज्ञ है,आध्यात्मिक ज्ञान ,
गुरुबिनू भवः निधी तऱ्हीं न कोई
शँकर विरंचि सम होइ👏
हरि ॐ💐
सही कहा है आपने, सर. शास्र गलत नहीं होते हैं. उनकी vyakhaya करने वाले विषय के साथ न्याय नहीं कर पाते. ऐसे लोग जाने अनजाने विषय के मूल स्वरूप व भावना को संशय में डाल देते हैं.
Ati sunder aur satik v tarkik vivevchan !!!!! SANATAN Dharm ki jai ho !!! Koti Kofi NAMAN !!!!!!!
रविदास ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुण हीन।
पूजिए चरण चाण्डाल के ,जो होवे ज्ञान प्रवीण।। इसका भी अर्थ करिए
Great Bro
Ye hi sachh h, jo bhi achha h and samanjhdar h usi ka samman hona chahiye ..chahe woh koi bhi ho kisi bhi jati (so called jati ) ka Hyun hi na ho
You are right,
Babaji ka aaklen bilkul galat hey, aap jabardasti Tulsi ko sahi kah rahe he,jabki Tulsi mahila virodhi the isme tanik bhi sandeh nahi.
Me aapse sahmat nahi hun.
@@jagdishchander5097 kaise?
@@jagdishchander5097 bewkoof wo kya likha samjha v😂
Tum jaise mujhe raste pe nahi milte warna saala dang fad ke rakh du tumhari.. motherboard
बहुत बढीया गुरुजी! शंका का समाधान वैज्ञानिक नीती से किया। शांति! शांति! शांति!!
सतत् अध्येता एवं व्याख्याकार की वाणी से ज्ञान वर्धन होरहा है। धन्य है आप और हम श्रोता-दर्शकगण!परमात्मा आपको स्वस्थ -चिरंजीवी करे।
Sadar pranam bahut sundar samadhan
Qlp1
Lovely
99
जाति, तो हर पंथ मे है चाहे वो इस्लाम हो या सनातन या फिर बौध।
इस्लाम मे भी जाति है:- शिया सुन्नी अहमदीया।
बौध मे भी ऊंच नीच और जाति है।
आपको सादर प्रणाम। चौपाई का आपने बड़ा सही विवेचन किया है जिनके मन मे कूड़ा भरा है इसे वह अवश्य सुने।
ढोल ग्वार शूद्र पशु नारी,
सकल ताड़ना के अधिकारी।। अवधि भाषा
प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी॥ अवधि भाषा
अर्थात
प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपकी ही बनाई हुई है। ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री ये सभी उद्धार/उत्थान (Absolution/Liberation/Deliverance) के अधिकारी हैं।
इस चौपाई का full from
ढोल ताड़ना के अधिकारी।
ग्वार ताड़ना के अधिकारी।
शूद्र ताड़ना के अधिकारी।
पशु ताड़ना के अधिकारी।
नारी ताड़ना के अधिकारी।।
ताड़ना अवधि भाषा है जिसका हिंदी अर्थ तारना होगा, तारना का हिंदी अर्थ उद्धार/उत्थान होगा( ऐसा काम करना जिससे किसी का भला हो) l
जैसे आजकल नारी सशक्तिकरण होता है।
सूद्र अवधि भाषा में लिखा है जिसका हिन्दी शूद्र होगा।
Remember यहां श्लेष अलंकार है।
जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है।
श्लेष अलंकार
उदाहरण 1
सुबरन को खोजत फिरत,
कवि, व्यभिचारी, चोर।
अर्थ
यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं; कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द, व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर स्त्री/पुरुष, चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ धन/सोना है।
उदाहरण 2
पानी गये न ऊबरैँ,
मोती मानुष चून।।
इस चौपाई का Full From
पानी गये न उबारै मोती।
पानी गये न उबारै मानुष।
पानी गये न उबारै चून।
अर्थ
यहाँ पानी का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं; मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।
ठीक उसी प्रकार यह चौपाई है।
1 जैसे ढोल के संदर्भ में उसे ठीक से रस्सी कसना या ढोल को बजाकर देखना की रस्सी ठीक से बंधी है क्या ?
2 ग्वार के संदर्भ में शिक्षा देना तभी उसका उद्धार/उत्थान होगा।
3 शूद्र के संदर्भ में उस समय समाज में शूद्र की हालत दयनीय स्थिति में थी दुखी, गरीब अज्ञानी आदि इसलिए उनका उद्धार उत्थान होना चाहिए।
4 पशु के संदर्भ में प्रशिक्षित/ट्रेनिंग करना जैसे बैल,घोड़ा आदि तभी बैल या घोड़ा ठीक मार्ग पर ले जा पायेगा।
5 स्त्री के संदर्भ में शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण, आदि सभी उससे छीनते गए थे उसे सुरक्षित किया जा स्त्री की हालत गंभीर दयनीय स्थिति में थी इसलिए यहां कहा गया है की स्त्री ताड़ना के अधिकारी।
ताड़ना अवधि भाषा है जिसका हिंदी अर्थ तारना होगा जिसका अर्थ उद्धार उत्थान करना होता है जैसे आजकल नारी सशक्तिकरण आदि।
जय श्री राम । 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🙏🙏🙏parnam ji 🙏🙏❤️
Rahul ji apko sat sat naman apke Gyan ko naman 🙏🙏
@@user-cr5hc5xy6b धन्यवाद ।
में चाहता हूं आप इस Comment को सभी स्थान पर फैलाए तथ्य और व्याकरण के साथ जिससे भारत में भ्रम और अज्ञान दूर हो और विरोध और समर्थन करने वालो को अर्धसत्य अर्थ नही बल्कि सत्य अर्थ तथ्य और व्याकरण के साथ समझे।
ततुलसीदास जी ने वहा उद्धार/उत्थान अर्थ श्लेष अलंकार के साथ लिया है।
जय श्री राम। 🚩🚩🚩🚩
@@RahulSanatanDharma ji jroor mene screenshot le लिया है 🙏🙏🙏
@@user-cr5hc5xy6b आप इसको भी जोड़ लेना चौपाई के अर्थ के नीचे।
प्रभु(श्रीराम) ने अच्छा किया जो मुझे सिख/शिक्षा दी, किंतु मर्यादा(जीवों का स्वभाव) भी आपका ही बनाया हुआ है।
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
इसमें समुद्रदेव कह रहे है जैसे आपने(श्रीराम) मुझे सिख/शिक्षा दी है जिससे मेरा उद्धार/उत्थान हुआ । उसी प्रकार ढोल गंवार शूद्र पशु स्त्री सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
संशय को विस्तृत विवरण से निवारण करने के लिए प्रणाम 🙏🙏
आप का समझाने का तरीका ऐसा है जेसे एक पिता आपने बालक को समझाना है पिता जी
Wah saab. Behad Sundar tarike se Gurudev ne samjhaya hai. Saadar Naman
गुरूजी आप निरोगी रहो, आपका शरीर चंचल रहे, आप दीर्घायु रहे ।
दुख के साथ बताना पड़ रहा है की गुरु जी का देहांत कल हो गया।
पुरा संशय दूर हुवा, धन्यवाद ! आप बहुत विद्वान है, सादर प्रणाम ।
तुलसीदास जी के मन में इन सबके लिए बहुत ही दया भाव था,आज से 500वर्ष पूर्व इन की दशा समाज में दयनीय थी, ये अपने मन की बात को ठीक से कह भी पाते थे । इसलिये तुलसीदास जी ने यहां पर समाज से आग्रह किया है आप इन्हें तड़ै (उन के मन के भाव को समझना) जैसे घर में बहु,उसकी कोई इच्छा हो जिसे वह बता नहीं पा रही हो। शूद्र- भी अपने मन की बात को ठीक से कह भी नहीं पाते थे । पशु- को आप ने घर में बाधा है वह किस लिए राम रहा है, घास,पानी, गर्भाधान या किसी अन्य चीज़ के लिए । ढ़ोल- को किस लय में बजाना है आप को समझना है ।
यह बड़ी बिडंबना है कि हिन्दू समाज के महान पंडित लोग भी आज तक तुलसीदास जी को नहीं समझ पाये ।
सही बोला आप
इन महान पंडितों ने आपकी तरह व्याख्या की होती तो समाज में गोस्वामी जी के प्रति नफरत ना फैलती । वैसे मेरा मन इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं था लेकिन इन महान पंडितों ने मेरे मन भी गोस्वामी जी के प्रति संशय पैदा कर दिया था । आपने मेरे मन का संशय दूर किया इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद महाराज जी ।
ताड़ को ताड़ से ताड़कर ताड़ा जाता है यानी ज्ञान से ज्ञान को जानकर समझा जाता है
Awadhi Bhasha hai Tarana ka matalab dekhana ya dhyan rakhna hota hai hum log abhi bhi bolte hai bhai
Abey vedio m kh rhe taadna ka mtlb samjhna nii hota ab tm phir whi likh rhe gajab ho
आपको सारे देश के लोगो को संदेश देना चाहिए
यह पूरी चोपाई ही ग़लत है।
धन्यवाद
PRANAM 🙏🏾🙏🏾🙏🏾. Aap ke dharmiya vichar bislesan la jabab hai .
अति उत्तम व्याख्या। पूज्यनीय गुरु जी को सादर नमन।
गुरु जी के श्री चरणों को मेरा दण्डवत प्रणाम💐💐
गुरु जी आपसे विनम्र निवेदन है कि आप हम सब के एक संसय का समाधान एक वीडियो बनाकर करे...
हमे बताया जाता है कि उत्तरकांड बाद में जोड़ा गया हिन्दू संस्कृति को बदनाम करने के लिए...जिसमे बताया गया है कि श्री राम अपने गर्भवती पत्नी का त्याग कर देते है...जो किसी भी रूप में नही होना चाहिए था क्योंकि सीता जी अग्नि परीक्षा दी थी.....आपकी अति कृपा होगी
Right
नारी शब्द की ऐसी व्याख्या आज ही आपके श्री मुख से मैने जानी।आपके द्वारा इस चौपाई की इतनी सुंदर और सरल व्याख्या को जानकर मैं धन्य हो गई। आपको कोटि कोटि प्रणाम। हृदय❤से धन्यवाद
समाजिक परिवेश बदल गया है , इसलिए पूनर्व्याख्या किया जा रहा है।
ati sunder...bahut Acha marg darhshan 🙏🙏😀
Very good Sir ......aaj kuch nya sikhne ko mila
बहुत शानदार , आपको मेरा सादर सम्मान ।🙏🏻
Guru ji great vision 🙏🙏🙏🙏🙏
प्रभु धन्य कर दिया🙏🙏 किसी ने ऐसे नहीं समझाया, बहुत आभारी हूँ गुरूजी और the quest का🙏
🌹शत-शत नमन करता हूं गुरुदेव🙏🙏
Today unclear my doubt about these lines…thank u sir 🙏🏻🙏🏻
बहुत ही अच्छा डैमेज कंट्रोल
यह पाठ उन्हें सुनना चाहिए जो कर्म के अनुसार शुद्र होते हुए अपने को जन्म को आधार बनाकर अपने को उच्च मानते हैं और धर्म को धंधा बना दिया है
Aisa bharat ka sanvidhan kehta hai ki brahaman ka beta brahman aur shudra ka beta shudra. Par dharam aisa nhi kehta.
Thank you for explaining it so nicely 🙏🙏🙏
youtube.com/@shikshasalahkar?sub_confirmation=1
बहुत तथ्यात्मक और सत्यात्माक, सुंदर समाधान प्रस्तुत करने के लिए गुरु जी आपका बहुत-बहुत धन्यवादl
Pnadi ko bhi nari vaidy log bolachal me kahete hain jise apane se hi marj ka gyan hota hai .Koop se malva nIkalne bali rassi ko bhi nari kahte , jise kheech na, dabaNa padta hai budhyeevI saNttulsI ko dos nahi dete,bhagwan sHankar ka anuModan hai,aa pl ko hraday se sadhuvad.
Daalo kabhi dosnahi dete,aapke udgar ko hraday se sadhuvad.
🙂 sahi kaha. Aise hi udar aur spasht vishleshan doosre dharmo ka bhi karte hain guru ji. Wahan bhi logon cheezon ko tod Marod kar jhooth faila rakha hai.
Guruji satya ko asatya se alag kar dete hain.
Itni sunder explaination.. Guru ji aap hamesha healthy raho 🙏
धार्मिक ग्रंथ कभी किसी के बारे मे गलत कह हि नही सकते लेकिन लोग उसका गलत अर्थ निकालकर ग्रंथ को गलत साबित करने की कोशिश कर रहे है
भगवान उनको सतबुद्धि दे जय गुरुदेव 🙏
जय शिया राम 🙏🚩🚩🚩
आपको देखकर और सुनकर मन शांत हो जाता है🙏
Bahut sunder prastuti
Bahut bahut dhanyawad
Beautifully explained ❤️
I had a same feeling while reading sundar kand. Its the portaile of sea who said it and not tulsidads's view.
ruclips.net/video/l1q6nCJXdt0/видео.html
Doubt clear ho gya mahashay... 🙏✌
Sarvottam , akatay, adhbhut , satya 🙏 guruvar aapke gyan ko dandvat parnam 🙏 jai maa valgamukhi
Thanks , Please share more of your wisdom , young generation need that
Very simple explanation so that aam log samajh saken ! Charan Sparsh Guru Ji !
ruclips.net/video/l1q6nCJXdt0/видео.html
Thanks a million you really have cleared doubts beautifully.
Right criticism by guru ji.i hail his knowledge..I do appreciate him .
धन्यवाद गुरूजी में कल ही एक उपन्यास का नाम याद कर रही थी, पर याद ही नहीं आ रहा था, Far from the maddling crowd
Well explained, thanks,naman prabhu ji
Jai Shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏👏
Adbhut vyakhya gurudev, apko shat shat naman 🧎♂️🙏🙇♂️.
अद्भुत!! बहुत बहुत धन्यवाद!
इसी प्रकार शंबुक वध का भी विस्तार करें गुरुजी!
😂😂😂 जी बिलकुल ???
So simple yet absolutely logical interpretation,pranam🙏
pranam ma
What! What Logical thing you got it from this video, samudra ko pyaale me pee liya fir mutra visarjan kar diya, matlab aaj bhi moot hi bhara hua hai, jara faith ko alag rakh ke dekho tab pata chalega ki majaraj siway baate ghumane ke aur ku6 nahi kar rahe, Seekjiye aur janiye ye babao me hi nahi banti dusro suno wo ku6 aur batayega teesra ku6 aur to kyu in ke chakkaron me padna, Be Educated Be rational
@@kratos7501 i pray that u will be healed from ur mental illness soon
@@kratos7501 educated aur rational log hi duniya mein problems paida kar rahe hain jyadatar.
Samundar ko pee ke mootra visarjan karna pouranik kahani ka part hai aur matra itni si baat pe tum hamare saare ved-vedaanton aur Upanishads ko galat bol rahe ho?
Saare world mein sanatan aur uske branches hi hain jo questioning ko allow karte hain jab tak kisi ki jigyasa shaant na ho jaye.
Clear dikh raha hai tumhe hi aur education ki jarurat hai taki tumhari samajh badh sake.
Aur ha, Guru ji kuch ghuma fira ke nahi bata rahe balki sabhi tarah ke grathon aur dusre majahabon ke baare mein sabse achchhi vyakhya deke saralta se samjha rahe hain.
@@kratos7501 तुने कितनो को सुना है जो यहाँ ज्ञान दे रहा है?
जो उन्होने समझाया उसको समझ।
सबसे ज्यदा दुनिया को बर्बाद पढ़े लिखे लोगो ने ही किया है। जित्नी क्षति पढ़े लिखे लोगो ने प्रकृती को पहुचाई है उत्नी किसी ने नही।
आज तो space को भी प्रदूषित करने पर तुले हुए है।
बहुत सुंदर ढंग से समाधान किया महराज जी जय श्री राम
Guru ji aapko koti koti 🙏🙏🕉🕉🌺🌺💐💐🌷🌷🥀🥀🌹🌹😊😊🙏🙏
Jay gurudev.
Thanks a lot for explaining like no body ever did before and thus removing the guilt feeling. 🙇🏻🙇🏻🙏🕉🙏🙇🏻🙇🏻
थैंक्स
तुलसीदास जी ने तत्कालीन सामंत वादी सोच का वर्णन किया है
U r highly Respected Being 💐🙏🙂
जय श्री हरि 🌺🙏🌺
।।रां।। ऊं सत्यं शिवम् सुंदरम 🙏❤️🙏 ऊं श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः ॐ मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सोदशरथ अजिरबिहारीदीन दयाल बिरूद संभारी हरहुं नाथ मम संकट भारी सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुणगान सादर सुनहिं जे तरहिं भव सिंधु बिना जल जान मंगल भवन अमंगल हारी उमा सहित जेहिं जपत पुरारी देबि पूजि पद कमल तुम्हारे सुर नर मूनिजनहोहि सुखारे ऊं श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः ॐ
अपने शोक का बहुत ही सुंदर व्याख्या करके सभी के मन को खोल दिया है अब जो भी इस श्लोक के ऊपर सवाल उठाते हैं उन्हें यही पूछा जाना चाहिए की रामायण में एक भी वृतांत वह ऐसा बता दे जिसमें नारी को ताड़ना दी गई है
वास्तव में संतों की वाणी को समझने के लिए उनका सत्संग करना होगा।
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
मेरे चैनल पर रामचरितमानस वाचन सुनकर आशीर्वाद दीजिए सर सीताराम एक नन्हा प्रयास किया है 🙏💐
चरण वंदन,,,,,भावनात्मक हूँ,,,,, अपको गुरू रुप मनता हूँ,,,,,
हार्दिक धन्यवाद. बेहद की परमशान्ति.
Bahut sundar viyakhya ki hai aapne 🙏🌹🌹
आदरणीय श्री जी को प्रणाम, ताड़न का अर्थ ट्रेनिंग का पर्याय भी है, ढोर एक प्रकार का ध्वनि या वाद्य यंत्र है. ग्वार अर्थात जिसे ट्रेन या अभ्यास करवाना होता है, शूद्र सभी जन्म से होते हैं केवल उपनयन उपरान्त ही उनका वर्ग या वर्ण बदलता है और नारी को भी ट्रेन या समाज की व्यवस्था के प्रति बताना पड़ता है, कृप्या इस पर भी सूक्ष्मता से अध्ययन करे. यह प्रेरक या metaphor है सही अभिप्राय ऐसा है
कंट्रोल.... कर उनकी उपयोगिता बढ़ाने की बात है।
ढोल...वाद्य यंत्र को खींचकर रखने में अच्छी ध्वनि।
वायु को नियन्त्रित कर....ऊर्जा से एयरोप्लेन उड़ा सकते।...अन्यथा आंधी तूफान के रूप में विनाश होगा।...गवार का प्रतीक
जल को नियंत्रित कर बिजली बना लीजिए...नही तो आसपास के क्षेत्र को बहा ले जाएगी।...पशु का प्रतीक
दिशाहीन।
अग्नि को चूल्हे में नियंत्रित कर भोजन बना लीजिए...नही तो बड़वानल बन जायेगा...शुद्र का प्रतीक
स्त्री को विवाह बंधन में बांध मातृ शक्ति ,जननी बना लीजिए...अन्यथा??...भटक गए तो शूर्पनखा।
ताड़ना....का अभिप्राय नियंत्रण से है।
The Great thought and opinion on the shri Ramayan, we also need some important part, where malafide confusion have been created with intention.
जय श्रीराम।
क्षमाप्रार्थी,,,,,आपके दीर्घायु की कामना,,,,, पर यह ज्ञान ओर हृदय मे उत्पन्न होते प्रशनौत्तर सदा दीर्घकाल मे अगली पिड़ि को प्राप्त होते रहे,,,,, एसा प्रयोजन भी करे,,,,, भविष्य उजव्व्ल की कामना
Guru ji pranam.
Slok ka bekhya sabdo ka arth kya hai batane ka kripa kare .
Itne lambe jabab me ham sadharan manab ulajh kar rah jayenge .
Sabd bhedi ban srabankumar ka sine me kiun laga kalas me kiun nahi laga. Kripa samadhan bataye.
Today after listening this now I got satisfied …. I had this doubt since very long🙏🏼🙏🏼thank you so much😇
Far.change.think
आप बहुत ज्ञानी है प्रभु जी 🙏🏻🙏🏻
अति सुन्दर व्याख्या गुरुदेव । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
परम पूज्य गुरुवर के श्री चरणो में कोटि कोटि नमन ,वंदन प्रणाम 🙏🙏
Love u sir
Re: actually, Shudrapashunari is one word, = "dirty animalistic woman ", it is all a matter of punctuation. over time, this word has been broken up into three words:" Shudra,"" Pashu," and "Nari", implying that: the lower caste/shudra, animals and women deserve painful punishment.
It would not be surprising if the privileged classes deliberately removed the punctuation to justify their mistreatment of the lower caste population by implying that Tulsidas recommended it.
If, it is printed and read as intended, it would be:
"Dhor, gawar, shudrapashunari, yay sab taran ke adhikari." ( ,)= ardhviram, ("." ) is purna viram.
This distinction is overlooked in the argument that Goswami Tulsidas or the Hindu scriptures recommended severe pain and punishment to "animals, idiots, low caste humans, animals and women" makes no sense to mention animals twice ie. dhor and pashu essentially mean the same .
This misinterpretation is used as a stick to make debating points were none exists, at least in this context.
There are many issues to argue over, but, this is not, and should not be an issue.
If you indeed want to argue about something : it would be : why punish a woman , no matter what " unacceptable " behavior she is accused of !
सभी। चौपाई का तुलसी दास जी नेअर्थ अच्छी तरह से समझाया है वहा आप का नोबेल का ज्ञान क्यू नही लिया सठ सुधरई सत संगत पाई अब कितना सफाई दे फिर भी शब्द बदलने वाला नहीं कितनाभी सत्संग प्रवचन देते रहे
Thankyou guru dev ji bahut achhi tarah se aapne iss chaupayi ka unmoolan kiya
जय सीताराम
जय महावीर हनुमान जी बाबा
जय सीताराम