Wahi Tumhari Thhodi Ka Til | वही तुम्हारी ठोड़ी का तिल | Dr Kumar Vishwas

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 16 окт 2024
  • कई बार लगता है, हालाँकि इस जन्म में होगा तो शायद नहीं ही, कि अचानक मेरे मोबाइल पर उसकी आवाज़ गूंज़े, जिसकी बेवक्त ख़ामोशी को मैंने उम्र-भर गीत किया है और मुझे पक्का पता है कि मैं उसका सिर्फ़ एक लफ़्ज़ "सुनो" सुनकर उसको पहचान तो लूँगा ही, तो मैं उससे बात कहाँ से शुरू करूँगा ? मैं, जिस की संदर्भगत बकबक को सुनकर ना जाने कितने लोग ख़ुश हैं और ना जाने कितने लोग नाख़ुश, उससे क्या पूछूँगा ? वक़्त की और उसकी नासमझी के किस-किस हिस्से पर उससे लड़ूँगा? इस पृथ्वी के किस-किस कोने में, किन-किन बड़े-बड़े ख़ाली शहरों, जगमगाते फीके-फीके होटलों, भीड़-भरे सुनसान रास्तों में मन ही मन साँस-साँस दुहराए गए उसके किस-किस व्यवहार पर उससे रूठूँगा? या सिर्फ़ एक वही बात पूछूँगा, जिसका ज़वाब कभी मैंने और उसने एक दूसरे में घुलकर,मिलकर गढ़ा था ! या हमारी मुहब्बत के वो ख़्वाब जो साझा नींदों में उतरने तय थे, उन के बारे में पूछूँगा ? या जो इस विडीओ में, गमकती तालियों और वाह-वाह के बीच दबी रह गयी मेरी अनसुनी-आहों ने नफ़ीस सूट पहन कर हँस-हँस कर उसकी अनुपस्तिथि से पूछा है, बस वही उसकी आवाज़ से पूछकर रह जाऊँगा ?
    ख़ैर, ईश्वर के अलावा मुहब्बत ही दूसरा ऐसा जज़्बा है जो सोते-जागते, खोते-पाते, ख़बर-बेख़बर रहते ना कभी बुझता है ना कभी सादा ज़िंदगीपसंद दुनियावी लोगों को दिखता है ! शायद आप जैसे प्यार में गाफ़िल लोगों को दिखे
    #DrKumarVishwas
    #बच्चों_के_क्या_नाम_रखे_हैं
    #KvStudio
    Follow us on :-
    RUclips :- / kumarvishwas
    Facebook :- / kumarvishwas
    Twitter :- / drkumarvishwas

Комментарии • 1,2 тыс.