Katha 40 | Karmo Ke Fal Ki Katha | SSDN | 20 May Satsang | Ninda |
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- Опубликовано: 8 сен 2024
- Katha 40
Bhul Kar Bhi Na Karen Aisa Kaam
Santo Ki Ninda
20 may Satsang
तो इसी प्रकार
गुरुमुख प्रेमियों
सतगुरु महापुरुषों के हम जीवो पर अनंत उपकार है
उनके उपकारओं का वर्णन
जीवा करने में समर्थ नहीं है, गुरु महिमा के पाठ में
हम नित्य प्रति पाठ करते हैं
श्रवण करते हैं
जो महापुरुष सतगुरु, अपने सेवकों को सच्ची दात बक्शीश करते हैं
उसका वर्णन किया जा रहा है
के सत्य नाम की देकर दीक्षा
सुमिरन की फिर देते शिक्षा
सूरत को अंतर्मुखी बनाते
भक्ति प्रेम की जोत जगाते
मिट्ट जाए मन का अंधियारा
घट भीतर हो तब उजियारा
यह गुरुमुखओं उस सच्ची ऊंची दात का वर्णन है
जो सतगुरु महापुरुष इस जीव को बक्शीश करते हैं
अपने सेवकों को प्रदान करते हैं
वह कौन सी चीज है
की सत्य नाम की देकर दीक्षा
कि इस जगत में इस जीव आत्मा की
सारे दुख और वचनों को नष्ट करने वाला
और इसे सच्चे अर्थों में सुखी शांत और आनंदमय बनाने वाला
जो सच्चा पदार्थ है वो सत्य नाम है
और उस सत्य नाम की
जो बक्शीश है, वो शिवाय सद्गुरु महापुरुषों के और कोई भी इस जीव को नहीं प्रदान कर सकता
तो ऐसा सत्य नाम प्रदान करके फिर कथन कर रहे हैं
के इसके सुमिरन करने की शिक्षा भी साथ साथ प्रदान करते रहते
हैं
सभी गुरमुखजन पावन श्री वचनों में श्रवण करते रहते हैं
कि हमारे महाप्रभु हमारे सतगुरु देव जी
जब भी अपने पावन प्रवचन की वृष्टि अपने गुरुमुखों पर करते हैं
तो नाम की कमाई करने पर जोर देते हैं
के गुरुमुखों
यह सच्चा नाम, सच्चा है ऊंचा है और अच्छा है।
कि इस
श्री आनंदपुर दरबार की जितनी भी रचना हुई है
वह इसी नाम के प्रताप से है
नाम के प्रभाव से ही सारी रचना है
और नाम की कमाई कराने के लिए ही
सारा उपदेश है
तो यह नाम कैसा है
सबसे ऊंचा भी है
सबसे सच्चा भी है
और सबसे अच्छा भी है
भाव के इस जीव का कल्याण करने वाला जो सार पदार्थ है वह केवल यह सत्य नाम है और फिर यह महापुरुष कृपा करते हैं कि वह अपने सेवकों को इस पावन श्री दरबार की सेवा प्रदान करते हैं तो गुरमुखजन सेवक जन जब उनकी आज्ञा के अनुसार सेवा करते चलते हैं तो सेवा करते करते उनका मन निर्मल होने लगता है
जब मन निर्मल होने लगता है तो निर्मल मन में यह सत्य नाम स्थिर होने लगता है
वैसे इस मन को चंचल मन को स्थिर कर पाना बहुत ही कठिन है
अति दुर्लभ महापुरुषों का जब आशीर्वाद मिलता है
तभी मन स्थिर हो पाता है और किस प्रकार से हो पाता है जब गुरमुखजन उनकी श्री आज्ञा के अनुसार श्रद्धा भावना से इस दरबार की सेवा करते हैं
सेवा का यही प्रभाव होता है कि मन शुद्ध होने लगता है शुद्ध मन ही स्थिर हुआ करता है और जब मन स्थिर होने लगता है तो इस सच्चे नाम का प्रकाश अंदर आ जाता है
तो महापुरुषों के ये उपकार वर्णन किए जा रहे हैं कि सूरत को अंतर्मुखी बनाते भक्ति प्रेम की ज्योत जगाते फिर अंतर्मन में वो भक्ति और प्रेम की जोत जाग उठती है जिसके इस जीवात्मा को तलाश है जन्म जन्म से यह जीव आत्मा भटकती आई है अंधेरे में अज्ञानता के अंधेरे में हृदय में प्रकाश नहीं है क्योंकि अज्ञान है
तो अज्ञान तो अंधकार का दाता है तो महापुरुषों की सेवा के प्रभाव से जब मन निर्मल होता है तो इसमें सत्य नाम की ज्योत जग उठती है तो यह महापुरुषों का हम पर बहुत बड़ा उपकार है । सारे ही महापुरुषों ने अपने वचन वाणी उपदेशों में इसी नाम की महिमा का वर्णन किया है । वाणी में वचन आते हैं कि धन सेवा सेवक परवान , अंतर्यामी पूर्वक प्रधान
जिस मन बसे सो होत निहाल ताके निकट ना आवे काल
तो ये महापुरुषों के वचन उपदेश है
कथन कर रहे हैं कि जो सेवक सेवा कर रहे हैं इस पावन श्री दरबार की सतगुरुदेव जी की , उनकी सेवा सच्चे हृदय से की हुई दरगाह में परवान होती है दरगाह में कबूल हो जाती है दरगाह तक उनकी रसाई होती है और वह अंतर्यामी पूरक जो प्रधान पूरक है इस सृष्टि के रचयिता है , सारे सुखों का भंडार है जो दातार हैं वह स्वयं सदगुरुदेव जी उनका अवतार है तो वह हृदय में जिसके मन बस जाते हैं तो उसके निकट फिर काल भी नहीं आता है भाव के उसके जन्म मरण का सारा बंधन टूट जाता है तो गुरुमुखों ऐसी सच्ची ऊंची दात हमारे सदगुरुदेव जी हमको प्रदान कर रहे हैं और इस सच्ची दात को हमारे हृदय में दृढ़ करने के लिए श्री दरबार की रचना करके उन्होंने भक्ति के नियम साधन जारी किए और गुरुमुखों को नितप्रति उनकी प्रेरणा मिल रही है
कि जो गुरमुखजन अपना कल्याण चाहते हैं वो
श्री आरती पूजा सत्संग सेवा और ध्यान
श्री आरती पूजा सत्संग सेवा सिमरन और ध्यान यह 5 नियमों का पालन करते चले और जो सत्य नाम हमारे संग साथ रहने वाला है जिसकी कमाई करने से हमारा जीवन धन्य होना है उसकी कमाई भी करते चले 2 घंटे भजन अभ्यास की श्री आज्ञा नित प्रति होती है के गुरुमुख जन पूरा पूरा इस प्रकार नीत नियमों में दृढ़ रहकर भजन अभ्यास का भी नियम पूरा करते हुए श्री सत गुरुदेव जी महाराज जी की प्रसन्नता के पात्र बने और अपने जीवन का कल्याण करें जय कारा
SSDN
Bol jai kara bol mere shri guru maharaj ki jai
Jai sachidanand ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
Jai sachidanand ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji aapka harpal shukrana guruji ji waheguru ji
Jai sachidanand ji 🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤
Jai sachidanand ji 🌺🌺🌻🌻🍁🍁🌼🌼🌷🌷🥀🥀💐💐🌹🌹
Thanku so much Guru ji 🙏🏻💝
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JAI GANESH DEVA
JAI SACHIDANAND JI
JAI GURA DI
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❤❤❤jai sachdanand ji Charan wadna mehtma ji ❤❤❤
Guru Ji apne Guddu ke jiwan mai mngl hi mngl hove ek maa ki ardaass hai 🙏🌹🌹🙏
🌻🙏🌻Jai 🌻🙏🌻sachidanand 🌻🙏🌻Ji 🌻🙏🌻
Bol jaikara bol mere shri gurmuharj ji ki Jai Jai schidanand Ji Sabhi ko 🙏🙏❤😍💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
Jai sachidanand ji. 🙏🌹
Jai guru Maharaj Ji apne Guddu ki rksha krna us nu tndrusti khushia trkkia chnga life partner dena 🌹🌹🙏🙏🌹🌹
ख 7:43 7:43 7:43 गघघघझढञ😮
Jai sachda nand ji
🙏🏻🙏🏻❤❤
Jai Sachidanand Ji 💐💐
🙏dhan.garu.maharaj.🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jai guruji
🙏🙏
Jai sachidanand ji ki shub ratri guru ji Maharaj shukrana apka harpal ka koti koti pranam
🙏jsd.ji.🙏
Ashish Rajwanshi ❤❤❤😜😜
Guruji kisi ki sachchai ko na btane se khud ko har jagah jhut bolne pdta h to fir uski sachayi btane pr bhi ninda hoti h ky,wo sant na hokar koi ahkari ho tb bhi
🌸🙏 Jai sachidanand Ji 🙏🌸
❤Jai sachidanand ji ❤
JAI SACHIDANAND 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai scchidanand ji jaí guran di ❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
Jai sachidanand ji🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jai sachidanand ji ❤️ ❤
Jai sachidanand ji❤❤
Jai sachidanand ji ❤❤❤❤❤
🙏🌹Jai Sachidanand ji 🌹🙏
Jai sachidanand ji
Jay sacchidanand ji
Jai Sachidanand ji
Jai sachidanand ji
Jai sachidanand ji🙏🙏🙏🙏🙏
Jai sachidanand ji 💐🙏
Jai sachidanand ji
Jai suchda anand