बद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौ्द्र ग्रंथो में ही मिलते है जो सिर्फे एक पत्थर पर कल्पना होने के प्रमाण है नाके बुद्ध के वास्तविक होने के! बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया, महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया। 1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम भी सिद्धार्थ था। 2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो बुद्ध को भी इक्षवाकू वंश में पैदा करवा दिया। 3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज, मोह,पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लिया तो बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लियान। 4- महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा था तो बुद्ध की पत्नी का नाम भी यशोधरा ही था। 5-महावीर स्वामी की 1 संतान थी तो बुद्ध की भी 1 संतान थी। 6-महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की बुद्ध की भी भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की। 7-महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गई थी बुद्ध की माता भी बुद्ध के पैदा होते ही गुजर गई। 🤔8-महावीर स्वामी जी ने एक महिला के हाथों एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर सुजाता नामक महिला से खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए। 🤔9-महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था,बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था। 🤔10-महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे। 🤔11-महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था,तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था 🤔12-महावीर स्वामी को साँप ने काटा तो उनके शरीर से दूध निकला तो बुद्ध को भी साँप ने काटा उनके शरीर से दूध निकला। 🤔13-एक किस्सा आता है जैन इतिहास में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही थी। वही ललित विस्तार(बौद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में सोई रही। 🤔14-महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले बुद्ध के भी बाल घुंगराले थे। 🤔15-जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना है तो बुद्ध धर्म का ग्रंथ है। 🤔16-महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध था तो बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध ही कर दिया। 🤔17-जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे तो बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे। 🤔18-महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो तो बुद्ध ही बन जाएंगे। 🤔19-अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है। 🤔20-हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए बुद्ध ग्रंथ महावंश और दिपवंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने। 🤔21- महावीर स्वामी के कान लंबे थे तो बुद्ध के कान भी लंबे थे। इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया,इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता! मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडिका में भारत के जलवायु ,7 प्रकार के वर्ग,58 नदिया, हवन और यह तक तक छोटे-छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता है जैसे की (बोन) Bones और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वो भी चीन थाईलैंड,श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग-अलग है भाई यह कल्पना कपटी ब्रामणो,नकली जैन भिक्षुक और ब्राह्मण मा के पुत्र अशोक का किया हुआ है उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की कोशिश की, अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोकवदान) के कथा के अनुसार एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था,यही शम्भुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोकवदान )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बौद्धों द्वारा इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया था,,
अण्णा तुम्हाला नमस्कार जर तुम्ही आजच्या काळात तरुण असता तर तुमच्या ज्ञानाच्या जोरावर तुम्ही खूप साऱ्या पदव्या आणि डॉक्टरेट मिळवली असती.. तुमच्या कार्याला सलाम 🙏
yeh buddha aaj ka dhurth dhongi hai, jo buddh ke naam pe logo ko pakhand ki aur dhakel raha hai . koi isko sanatan ka matlab pooche ? aur jis sankaracharya ki baat ye kar raha ai wo kis sadi mein tha yeh bhi pooche ? aaur ha ek aur sawal bharat mein log kab se kagaj mein likhne lage yeh bhi pooche ...... ? chutya ! log ko gyan baat raha hai . issko poocho samrat ashok ke shila lekh pattharo parmilte hai ki pandit brahmano ke kyu nahi milte agar wo buddh ke pehle the aur unhe padhna likhna aata tha to .... pura bharat bhi khod dalonge na thab bhi tum jaise phakhandi logo ke banaye bhagwano ki ek murti kya ek praman nahi milenga , sivay buddha ke .... is buddhe se poocho bhai log murti kala kiski hai aur kab aayi hai ? ... ek baar phandharpurke pandurang, tirupati balaji, jaise anek murtiyo ke upar ka mukut nikal kar dekha do ya sirf khulli murti dikha do, sab pata chal jayenga, kaun shiv hai kaun vishnu hai ya bhuudh hai ........ agar aap logo ko satya jaana hai to dr. rajendra ki kitab " itihas ka muaina " padho , aise dhurt pakhandiyo ka sach samne aa jayenga . jai bhim, jai shivrai .
बद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौ्द्र ग्रंथो में ही मिलते है जो सिर्फे एक पत्थर पर कल्पना होने के प्रमाण है नाके बुद्ध के वास्तविक होने के! बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया, महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया। 1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम भी सिद्धार्थ था। 2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो बुद्ध को भी इक्षवाकू वंश में पैदा करवा दिया। 3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज, मोह,पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लिया तो बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लियान। 4- महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा था तो बुद्ध की पत्नी का नाम भी यशोधरा ही था। 5-महावीर स्वामी की 1 संतान थी तो बुद्ध की भी 1 संतान थी। 6-महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की बुद्ध की भी भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की। 7-महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गई थी बुद्ध की माता भी बुद्ध के पैदा होते ही गुजर गई। 🤔8-महावीर स्वामी जी ने एक महिला के हाथों एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर सुजाता नामक महिला से खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए। 🤔9-महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था,बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था। 🤔10-महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे। 🤔11-महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था,तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था 🤔12-महावीर स्वामी को साँप ने काटा तो उनके शरीर से दूध निकला तो बुद्ध को भी साँप ने काटा उनके शरीर से दूध निकला। 🤔13-एक किस्सा आता है जैन इतिहास में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही थी। वही ललित विस्तार(बौद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में सोई रही। 🤔14-महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले बुद्ध के भी बाल घुंगराले थे। 🤔15-जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना है तो बुद्ध धर्म का ग्रंथ है। 🤔16-महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध था तो बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध ही कर दिया। 🤔17-जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे तो बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे। 🤔18-महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो तो बुद्ध ही बन जाएंगे। 🤔19-अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है। 🤔20-हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए बुद्ध ग्रंथ महावंश और दिपवंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने। 🤔21- महावीर स्वामी के कान लंबे थे तो बुद्ध के कान भी लंबे थे। इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया,इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता! मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडिका में भारत के जलवायु ,7 प्रकार के वर्ग,58 नदिया, हवन और यह तक तक छोटे-छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता है जैसे की (बोन) Bones और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वो भी चीन थाईलैंड,श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग-अलग है भाई यह कल्पना कपटी ब्रामणो,नकली जैन भिक्षुक और ब्राह्मण मा के पुत्र अशोक का किया हुआ है उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की कोशिश की, अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोकवदान) के कथा के अनुसार एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था,यही शम्भुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोकवदान )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बौद्धों द्वारा इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया था,,
बद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौ्द्र ग्रंथो में ही मिलते है जो सिर्फे एक पत्थर पर कल्पना होने के प्रमाण है नाके बुद्ध के वास्तविक होने के! बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया, महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया। 1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम भी सिद्धार्थ था। 2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो बुद्ध को भी इक्षवाकू वंश में पैदा करवा दिया। 3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज, मोह,पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लिया तो बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लियान। 4- महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा था तो बुद्ध की पत्नी का नाम भी यशोधरा ही था। 5-महावीर स्वामी की 1 संतान थी तो बुद्ध की भी 1 संतान थी। 6-महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की बुद्ध की भी भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की। 7-महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गई थी बुद्ध की माता भी बुद्ध के पैदा होते ही गुजर गई। 🤔8-महावीर स्वामी जी ने एक महिला के हाथों एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर सुजाता नामक महिला से खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए। 🤔9-महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था,बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था। 🤔10-महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे। 🤔11-महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था,तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था 🤔12-महावीर स्वामी को साँप ने काटा तो उनके शरीर से दूध निकला तो बुद्ध को भी साँप ने काटा उनके शरीर से दूध निकला। 🤔13-एक किस्सा आता है जैन इतिहास में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही थी। वही ललित विस्तार(बौद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में सोई रही। 🤔14-महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले बुद्ध के भी बाल घुंगराले थे। 🤔15-जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना है तो बुद्ध धर्म का ग्रंथ है। 🤔16-महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध था तो बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध ही कर दिया। 🤔17-जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे तो बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे। 🤔18-महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो तो बुद्ध ही बन जाएंगे। 🤔19-अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है। 🤔20-हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए बुद्ध ग्रंथ महावंश और दिपवंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने। 🤔21- महावीर स्वामी के कान लंबे थे तो बुद्ध के कान भी लंबे थे। इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया,इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता! मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडिका में भारत के जलवायु ,7 प्रकार के वर्ग,58 नदिया, हवन और यह तक तक छोटे-छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता है जैसे की (बोन) Bones और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वो भी चीन थाईलैंड,श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग-अलग है भाई यह कल्पना कपटी ब्रामणो,नकली जैन भिक्षुक और ब्राह्मण मा के पुत्र अशोक का किया हुआ है उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की कोशिश की, अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोकवदान) के कथा के अनुसार एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था,यही शम्भुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोकवदान )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बौद्धों द्वारा इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया था,,
सम्राट अशोकच्या काळत सत्तेचे जिवावर बौध्द धर्माच प्रचार केला सर्व तिजोरी सत्ता धर्माप्रसारावर केला त्यामुळे त्याचे नात वाने बंड करून बौद्ध धर्मासंपावला.पुढ ३००वर्शानि पुशमित्र श्रुंग झाला.पुंडलिक दक्षणी होता.नामदेव हिंगोली जिल्हातील आहे.तेथे त्याचा इती हास आहे.जर बौद्ध जर् ८०होत तो शून्य टक्के झाला राजसत्तेवर कोणाही धर्मा टिकत नाही ..
आण्णा,आपण केलेले विश्लेषण खरोखर अप्रतिम आहे. आजपर्यंत खरा इतिहास बहुजनापर्यंत पोहोचू च दिला गेला नाही.ही मोठी शोकांतिका आहे.बहुजनामध्ये आज जागृती निर्माण करणे ही काळाची गरज आहे. त्यासाठी शिक्षित होणे हाच एक पर्याय आहे. आपणास आज तार्किक विचाराची गरज आहे. हे असेच का? असा प्रश्न स्वतःला विचारला पाहिजे.आपले विचार बहुजन समाजाला खोलवर रुजवले जावोत यासाठी कोटी कोटी प्रणाम. धन्यवाद.
yeh buddha aaj ka dhurth dhongi hai, jo buddh ke naam pe logo ko pakhand ki aur dhakel raha hai . koi isko sanatan ka matlab pooche ? aur jis sankaracharya ki baat ye kar raha ai wo kis sadi mein tha yeh bhi pooche ? aaur ha ek aur sawal bharat mein log kab se kagaj mein likhne lage yeh bhi pooche ...... ? chutya ! log ko gyan baat raha hai . issko poocho samrat ashok ke shila lekh pattharo parmilte hai ki pandit brahmano ke kyu nahi milte agar wo buddh ke pehle the aur unhe padhna likhna aata tha to .... pura bharat bhi khod dalonge na thab bhi tum jaise phakhandi logo ke banaye bhagwano ki ek murti kya ek praman nahi milenga , sivay buddha ke .... is buddhe se poocho bhai log murti kala kiski hai aur kab aayi hai ? ... ek baar phandharpurke pandurang, tirupati balaji, jaise anek murtiyo ke upar ka mukut nikal kar dekha do ya sirf khulli murti dikha do, sab pata chal jayenga, kaun shiv hai kaun vishnu hai ya bhuudh hai ........ agar aap logo ko satya jaana hai to dr. rajendra ki kitab " itihas ka muaina " padho , aise dhurt pakhandiyo ka sach samne aa jayenga . jai bhim, jai shivrai .
तुमच्या बुध्दांचा जन्म हे नेपाळचा अन इथे महाराष्टात का संबंध...तुमचा बुध्द प्रत्येक वेळी ध्यान अवस्थेत बसलेले आहेत कर कटेवरी ठेवलेले हा आमचा विठ्ठल माय बाप आहे जिथे बुध्दांचा जन्म झाला तिथे आहे का असा वारकरी पंथ जो इतकी श्रध्दा ठेवतो........वारकरी पंथ हा फक्त अन फक्त आमच्या विठुरायाचा आहे जो की इतकी श्रध्दा असणारा आमचा जीव आमचा देव असंख्य लोकं फक्त अन फक्त विठ्ठलाचे भक्त आहेत......मुर्तीच म्हणाल तर उभारलेली बुध्दांची मुर्ती कुठे आहे जी दोन्ही हात कमरेवर ठेवलेले आहेत......मग रखुमाई कोण आहे पुंडलिक कोण होता? स्वयंभु हा माझा विटेवरी उभा चैतन्याचा गाभा पांडुरंग नाही घडिवली नाही बैसविला दवारकेची अवधी संपदा घेऊनी आले चक्रपानी पंढरीसी तुका म्हणे मुर्ती घडवली जे म्हणती तया मुखाप्रती किडे पडो!!
@@samarth-p3w तुमचा माझा करणेतच घर फोडा बांध फोडा आई वडील तोडा,फक्त स्वार्थ साधा,अरे तुकोबांचे प्रमाण देतोस आणी असे अविचाराने बोलतोस,अरे बुध्द सहन होत नाहीत म्हणून तर मनूवादयांनी भगवान विष्णु चा नव्ववा अवतार तयार केला, हे जरा निट बघशील काय,,जहाँ भी जावो बुध्द ही बुध्द पाओगे,,
एकच नंबर 👌🤝🚩🙏👍 उघड सत्य यापेक्षा वेगळे अध्यात्मिक ज्ञान असुच शकत नाही. फक्त आणि फक्त यालाच म्हणतात प्रबोधन सत्यमेव जयते. खुप खुप धन्यवाद 🙏 जय जिजाऊ 🚩 जय शिवराय जय क्रांती जोती 🤝 जय भिम जय जवान 💪 जय किसान जय भारत 🇮🇳 जय संविधान जय मुलनिवाशी 👊 भगाव विदेशी ईव्हिम हटाव 🇮🇳 देश का लोकतंत्र बचाव
सुंदर अति सुंदर महाराज, तुकोबाराय महाराज म्हणतात,पांडु रंग मणि पांडु रंग ध्यानी जागृती सोपानी पांडुरंग. आपला खुप मोठा अभ्यास आहे, या भारतातील सर्व मानव मात्र या विचारला केव्हा समजतील,हिच मोठी शोकांतिका आहे. धन्यवाद महाराज, सप्रेम जयभीम नमोबुद्धाय सर्वांचे मंगल हो.
बाबा....भगवान बुद्धांनी सांगितलेल्या महत्वाच्या दानांपैकी तुम्ही एका महान दानाचे कार्य करत आहात " ज्ञानाचे दान".. ज्यांच्या बुद्धीला गंज लागला आहे तो तुमच्यामुळेच स्वच्छ होईल....दीर्घायुषी व्हा...🙌🙌
काका तुम्ही खूप खूप छान माहिती देता, ती आम्हाला मनापासून आवडतं आणि आमच्या ज्ञानामध्ये सुद्धा त्यांची चांगली भर पडत असते तुम्ही असीच माहिती लोकांपर्यंत पोहोचवण्यासाठी जे श्रम करत आहात हे खूप महत्त्वाचे आहे, या मुळे तळा गळा पर्यंत खरी माहिती पोचत आहे, असाच खऱ्या अर्थानं बौध्द धर्माचा प्रचार आणि प्रसार केला तर अंधारात देव जे लोकं देव शोधतात त्यांना कळेल की खरं काय आहे ते, तुमचे खूप खूप धन्यवाद...
नमो बुद्धाय जय भीम अण्णाजी आमच्या मेंदू मध्ये जो भुसा भरलेला होता तो निघून गेला. तुम्ही सत्य बाजू मांडली . तुमच्या वयाशी विचार केला तर आमचा लाज वाटते . जे विचार ज्ञान तुम्ही या वयात करतात पुढे आम्ही शोध घेत राहू तुम्हाला चांगले आरोग्य मिळावे ही तथागत बुद्ध यांच्या चरणी वंदना .....
बुद्ध म्हणजे जागरूक मानवी वृत्ती असावी...अश्या अनेक वृत्ती विविध धर्मात,पंथात वेळोवेळी व्यक्ती...विचाररूपांत झाल्या आहेत...सद्यस्थितीत आहे नि भविष्यात पण होत राहील.अण्णा...खुप छान माहिती दिली आपण,आपलं खूप खूप आभार. तुम्हाला पण बुद्धत्व लाभो हीच मंगलकामना.
खरच महाराज तुम्हाला दंडवत आपण केलेले विश्लेषण खूप विचारणीय आहे सर्व महाराज व कथा वाचनकार यांनी खरं खरं च विश्लेषण करताना अभ्यास पुर्ण जनतेसमोर विचार मांडले पाहिजे व आपली संबोधी खोलली पाहिजे ..महाराज आपण ही खरोखर बुद्ध झाला तुम्ही ज्ञानी आहात
जयभीम महाराज आपण अतिशय उत्कृष्ट विश्लैशन केले आहे.आपणास दिर्घ आरोग्य लाभो.संत नामदेवांच्या अभंगांचा संदर्भ देऊन पंढरीचा पांडुरंग विष्णू किंवा कृष्ण नसून भगवान गौतम बुध्दच आहे .हे छान पटवून सांगितले आहे.जयभीम,नमोबुध्दाय,जय भारत,जय संविधान.प्रबुध्द भारत होवो.
महाराज आज मी तुमचा हा व्हिडिओ पहिल्यांदा बघितला मी भजन करतो विठ्ठलाचे पांडुरंगा चे आणि मी बौद्ध आहे आज मल खरा अर्थ कळाला महाराज मी विठ्ठला ला पण मानतो आणि सम्राट अशोका ना पण . पण आज मला खरा अर्थ तुमच्या मुळे कळाला
आम्ही हिंदू नाही, आम्ही बहुजन आहोत (भूतकाळातील बौद्ध). चलो बुद्ध की ओर, नमो बुद्धाय, जय अशोक,पांडुरंग पांडुरंग, जय शिवराय, जय जोहर, जय क्रांतीबा, जय भीम 🙏🙏
Great contribution to the new era of Buddhism which was written by Dr Babasaheb Ambedkar long back ..but you explained it simply ,we are really great ful to you for this real pious cause .congratulations and best wishes. Kind regards Jaibhim🙏🏻💐 Pravin More Police inspector Pune
संत नामदेव यांनी अनेक अभंगात राम कृष्णाचा उल्लेख संत ज्ञानेश्वर महाराजांच्या ज्ञानेश्वरीत ना राम कृष्णाचा उल्लेख आहे विठ्ठलाच्या डोक्यावर शिवलिंग आहे हातात शंख चक्र आहे कमरेला मेखला आहे व पितांबर नेसलेला आहे कार्तिकी आणि आषाढी एकादशीला उपवास आणि वारी असते भजन जय जय रामकृष्ण हरी हे आहे हे वैष्णव धर्मातच आहे
वारकरी संप्रदायाला संत साहित्य आणि त्यातून पंढरीचे पुंडरिक हे बुद्धच होते याची सत्यता पडताळून पाहण्याची दृष्टी दिली. हे कीर्तनाचे रूपातून मोलाचे ,कल्याणाचे कार्य करीत आहात.आपले खुप अभिनंदन.
@@beinghuman4427 😎😎 काळुबाई छत्रपती संभाजी महाराजांच्या ह्रदयात होती म्हणुन तर माझे राजे 40 दिवस एवढ्या यातना सहन करु शकले असावे अरे ते म्हणाले जीव गेला तरी बेहत्तर पण धर्म नाही सोडनार, आणि तुम्ही या महाराष्ट्रावर एक कलंक आहात ज्या धर्मासाठी संभाजी राजेंनी बलीदान दिल त्याच पवित्र धर्मावर टीका करता यालाच म्हणतात नाजायज😎😎😎🕉🕉🕉🕉🕉🙏🙏🙏
खुप सखोल अभ्यास आहे नमो बुध्दाय
बद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौ्द्र ग्रंथो में ही मिलते
है जो सिर्फे एक पत्थर पर कल्पना होने के प्रमाण है नाके बुद्ध के
वास्तविक होने के!
बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया
है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया,
महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे
काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया।
1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम
भी सिद्धार्थ था।
2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो
बुद्ध को भी इक्षवाकू वंश में पैदा करवा दिया।
3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज, मोह,पत्नी, पुत्र त्याग
करके संन्यास लिया तो
बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास
लियान।
4- महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा था तो
बुद्ध की पत्नी का नाम भी यशोधरा ही था।
5-महावीर स्वामी की 1 संतान थी तो
बुद्ध की भी 1 संतान थी।
6-महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की बुद्ध
की भी भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की।
7-महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गई थी
बुद्ध की माता भी बुद्ध के पैदा होते ही गुजर गई।
🤔8-महावीर स्वामी जी ने एक महिला के हाथों एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर सुजाता नामक महिला से खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
🤔9-महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था,बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था।
🤔10-महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे।
🤔11-महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था,तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था
🤔12-महावीर स्वामी को साँप ने काटा तो उनके शरीर से दूध निकला तो बुद्ध को भी साँप ने काटा उनके शरीर से दूध निकला।
🤔13-एक किस्सा आता है जैन इतिहास में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही थी।
वही ललित विस्तार(बौद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में सोई रही।
🤔14-महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले
बुद्ध के भी बाल घुंगराले थे।
🤔15-जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना है तो
बुद्ध धर्म का ग्रंथ है।
🤔16-महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध था तो
बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध ही कर दिया।
🤔17-जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे तो
बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे।
🤔18-महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो तो बुद्ध ही बन जाएंगे।
🤔19-अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है।
🤔20-हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए
बुद्ध ग्रंथ महावंश और दिपवंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने।
🤔21- महावीर स्वामी के कान लंबे थे तो बुद्ध के कान भी लंबे थे।
इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया,इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता!
मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडिका में भारत के जलवायु ,7 प्रकार के वर्ग,58 नदिया, हवन और यह तक तक छोटे-छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही
भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता है जैसे की (बोन) Bones
और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वो भी चीन थाईलैंड,श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग-अलग है
भाई यह कल्पना कपटी ब्रामणो,नकली जैन भिक्षुक और ब्राह्मण मा के पुत्र अशोक का किया हुआ है उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की कोशिश की, अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोकवदान) के कथा के अनुसार एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था,यही शम्भुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोकवदान )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बौद्धों द्वारा
इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया था,,
अण्णा तुम्हाला नमस्कार जर तुम्ही आजच्या काळात तरुण असता तर तुमच्या ज्ञानाच्या जोरावर तुम्ही खूप साऱ्या पदव्या आणि डॉक्टरेट मिळवली असती..
तुमच्या कार्याला सलाम 🙏
शिवाजी महाराजांच्या वडीलचे नाव शहाजी का होते?
ruclips.net/video/0NmRbZcjEDM/видео.html
जय हरी पांडुरंग पांडुरग
@@user-sj2rz7md2s ib&;8?😂:+ FB TCS
yeh buddha aaj ka dhurth dhongi hai, jo buddh ke naam pe logo ko pakhand ki aur dhakel raha hai . koi isko sanatan ka matlab pooche ? aur jis sankaracharya ki baat ye kar raha ai wo kis sadi mein tha yeh bhi pooche ? aaur ha ek aur sawal bharat mein log kab se kagaj mein likhne lage yeh bhi pooche ...... ? chutya ! log ko gyan baat raha hai . issko poocho samrat ashok ke shila lekh pattharo parmilte hai ki pandit brahmano ke kyu nahi milte agar wo buddh ke pehle the aur unhe padhna likhna aata tha to .... pura bharat bhi khod dalonge na thab bhi tum jaise phakhandi logo ke banaye bhagwano ki ek murti kya ek praman nahi milenga , sivay buddha ke .... is buddhe se poocho bhai log murti kala kiski hai aur kab aayi hai ? ... ek baar phandharpurke pandurang, tirupati balaji, jaise anek murtiyo ke upar ka mukut nikal kar dekha do ya sirf khulli murti dikha do, sab pata chal jayenga, kaun shiv hai kaun vishnu hai ya bhuudh hai ........
agar aap logo ko satya jaana hai to dr. rajendra ki kitab " itihas ka muaina " padho , aise dhurt pakhandiyo ka sach samne aa jayenga . jai bhim, jai shivrai .
बद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौ्द्र ग्रंथो में ही मिलते
है जो सिर्फे एक पत्थर पर कल्पना होने के प्रमाण है नाके बुद्ध के
वास्तविक होने के!
बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया
है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया,
महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे
काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया।
1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम
भी सिद्धार्थ था।
2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो
बुद्ध को भी इक्षवाकू वंश में पैदा करवा दिया।
3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज, मोह,पत्नी, पुत्र त्याग
करके संन्यास लिया तो
बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास
लियान।
4- महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा था तो
बुद्ध की पत्नी का नाम भी यशोधरा ही था।
5-महावीर स्वामी की 1 संतान थी तो
बुद्ध की भी 1 संतान थी।
6-महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की बुद्ध
की भी भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की।
7-महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गई थी
बुद्ध की माता भी बुद्ध के पैदा होते ही गुजर गई।
🤔8-महावीर स्वामी जी ने एक महिला के हाथों एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर सुजाता नामक महिला से खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
🤔9-महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था,बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था।
🤔10-महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे।
🤔11-महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था,तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था
🤔12-महावीर स्वामी को साँप ने काटा तो उनके शरीर से दूध निकला तो बुद्ध को भी साँप ने काटा उनके शरीर से दूध निकला।
🤔13-एक किस्सा आता है जैन इतिहास में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही थी।
वही ललित विस्तार(बौद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में सोई रही।
🤔14-महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले
बुद्ध के भी बाल घुंगराले थे।
🤔15-जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना है तो
बुद्ध धर्म का ग्रंथ है।
🤔16-महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध था तो
बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध ही कर दिया।
🤔17-जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे तो
बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे।
🤔18-महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो तो बुद्ध ही बन जाएंगे।
🤔19-अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है।
🤔20-हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए
बुद्ध ग्रंथ महावंश और दिपवंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने।
🤔21- महावीर स्वामी के कान लंबे थे तो बुद्ध के कान भी लंबे थे।
इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया,इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता!
मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडिका में भारत के जलवायु ,7 प्रकार के वर्ग,58 नदिया, हवन और यह तक तक छोटे-छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही
भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता है जैसे की (बोन) Bones
और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वो भी चीन थाईलैंड,श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग-अलग है
भाई यह कल्पना कपटी ब्रामणो,नकली जैन भिक्षुक और ब्राह्मण मा के पुत्र अशोक का किया हुआ है उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की कोशिश की, अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोकवदान) के कथा के अनुसार एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था,यही शम्भुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोकवदान )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बौद्धों द्वारा
इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया था,,
एखाद्या इतिहास संशोधकाला लाजवेल अशी अभ्यासपूर्वक व तर्कशुद्ध माहिती तुमच्या या कार्यास. जय भीम . नमो बुद्धाय .
Jai Bhim ,Namo Buddhai, Jai Jijau , Jai Shambhu Raje .
बद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौ्द्र ग्रंथो में ही मिलते
है जो सिर्फे एक पत्थर पर कल्पना होने के प्रमाण है नाके बुद्ध के
वास्तविक होने के!
बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया
है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया,
महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे
काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया।
1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम
भी सिद्धार्थ था।
2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो
बुद्ध को भी इक्षवाकू वंश में पैदा करवा दिया।
3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज, मोह,पत्नी, पुत्र त्याग
करके संन्यास लिया तो
बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास
लियान।
4- महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा था तो
बुद्ध की पत्नी का नाम भी यशोधरा ही था।
5-महावीर स्वामी की 1 संतान थी तो
बुद्ध की भी 1 संतान थी।
6-महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की बुद्ध
की भी भविष्यवाणी हुई सन्यासी बनने की।
7-महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गई थी
बुद्ध की माता भी बुद्ध के पैदा होते ही गुजर गई।
🤔8-महावीर स्वामी जी ने एक महिला के हाथों एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर सुजाता नामक महिला से खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
🤔9-महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था,बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था।
🤔10-महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे थे।
🤔11-महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था,तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था
🤔12-महावीर स्वामी को साँप ने काटा तो उनके शरीर से दूध निकला तो बुद्ध को भी साँप ने काटा उनके शरीर से दूध निकला।
🤔13-एक किस्सा आता है जैन इतिहास में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही थी।
वही ललित विस्तार(बौद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में सोई रही।
🤔14-महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले
बुद्ध के भी बाल घुंगराले थे।
🤔15-जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना है तो
बुद्ध धर्म का ग्रंथ है।
🤔16-महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध था तो
बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध ही कर दिया।
🤔17-जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे तो
बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक(श्रमण) कहे जाते थे।
🤔18-महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो तो बुद्ध ही बन जाएंगे।
🤔19-अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है।
🤔20-हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए
बुद्ध ग्रंथ महावंश और दिपवंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने।
🤔21- महावीर स्वामी के कान लंबे थे तो बुद्ध के कान भी लंबे थे।
इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया,इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता!
मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडिका में भारत के जलवायु ,7 प्रकार के वर्ग,58 नदिया, हवन और यह तक तक छोटे-छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही
भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता है जैसे की (बोन) Bones
और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वो भी चीन थाईलैंड,श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग-अलग है
भाई यह कल्पना कपटी ब्रामणो,नकली जैन भिक्षुक और ब्राह्मण मा के पुत्र अशोक का किया हुआ है उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की कोशिश की, अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोकवदान) के कथा के अनुसार एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था,यही शम्भुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोकवदान )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बौद्धों द्वारा
इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया था,,
बौध्द धरोवर वाचवण्याच्या महान आपल्या कार्यास जयभीम नमोबुद्ध❤❤❤
विपश्यना साधना आहे, धन्यवाद काकांजी सत्य कथन केले, धाडशी आहात तुम्ही, ही क्रांती आहे तुमच्या नंतर येणारे प्रति क्रांती ची भाषा वापरतील नमो बुद्धाय
सम्राट अशोकच्या काळत सत्तेचे जिवावर बौध्द धर्माच प्रचार केला सर्व तिजोरी सत्ता धर्माप्रसारावर केला त्यामुळे त्याचे नात वाने बंड करून बौद्ध धर्मासंपावला.पुढ ३००वर्शानि पुशमित्र श्रुंग झाला.पुंडलिक दक्षणी होता.नामदेव हिंगोली जिल्हातील आहे.तेथे त्याचा इती हास आहे.जर बौद्ध जर् ८०होत तो शून्य टक्के झाला राजसत्तेवर कोणाही धर्मा टिकत नाही ..
बौद्ध धम्म अनुसरण करणारे महाराष्ट्र राज्य तील 1956 नंतर बौद्ध बांधवांनी हे प्रवचन ऐकावे सुंदर विशलेषण आहे, धन्यवाद। नमोबुद्धाय।
बौद्धांना एकण्याची गरज नाही ते जाणतात पण हे इतरांनी ऐकणे जास्त गरजेचे आहे
सर आपल ज्ञान आगाध व सत्यावर आधारीत आहे आपण जर बाहेर देशात जन्मला असते तर महान वैज्ञानिक झाले असते🙏
😂😂😂😂🤣
अगदि साध्या भाषेमध्ये तुंम्ही जे सांगीतले आणि समजावले
त्या बद्दल तुमचे खुप खुप आभार अण्णा
जयभिम नमो बौद्धाय
खुप छान काका तुमची ज्ञानसंंपदा प्रचंड,अप्रतिम आहेत.👍💙👌📔🖋📕🙏सप्रेम जयभीम नमोबुद्धाय🙏💐💐💐💐💐
आपले मार्गदर्शन खुपच छान आहे महाराज 🙏🙏🙏🙏🙏
आण्णा आपले खुप खुप आभार,आपण सांगीतलेली माहीती ऐकून मन तृप्त झाले,
रुकमाजी आण्णा आणी युगे अठ्ठाविस ही माहीती खरोखरच मानवी मनाची कवाडे उघडलेशिवाय राहणार नाहीत,,जय हरी,
आण्णा,आपण केलेले विश्लेषण खरोखर अप्रतिम आहे. आजपर्यंत खरा इतिहास बहुजनापर्यंत पोहोचू च दिला गेला नाही.ही मोठी शोकांतिका आहे.बहुजनामध्ये आज जागृती निर्माण करणे ही काळाची गरज आहे. त्यासाठी शिक्षित होणे हाच एक पर्याय आहे.
आपणास आज तार्किक विचाराची गरज आहे. हे असेच का? असा प्रश्न स्वतःला विचारला पाहिजे.आपले विचार बहुजन समाजाला खोलवर रुजवले जावोत यासाठी कोटी कोटी प्रणाम.
धन्यवाद.
आण्णा तुम्ही धाडसाने नवीन मांडणी करत आहात.. धन्यवाद
yeh buddha aaj ka dhurth dhongi hai, jo buddh ke naam pe logo ko pakhand ki aur dhakel raha hai . koi isko sanatan ka matlab pooche ? aur jis sankaracharya ki baat ye kar raha ai wo kis sadi mein tha yeh bhi pooche ? aaur ha ek aur sawal bharat mein log kab se kagaj mein likhne lage yeh bhi pooche ...... ? chutya ! log ko gyan baat raha hai . issko poocho samrat ashok ke shila lekh pattharo parmilte hai ki pandit brahmano ke kyu nahi milte agar wo buddh ke pehle the aur unhe padhna likhna aata tha to .... pura bharat bhi khod dalonge na thab bhi tum jaise phakhandi logo ke banaye bhagwano ki ek murti kya ek praman nahi milenga , sivay buddha ke .... is buddhe se poocho bhai log murti kala kiski hai aur kab aayi hai ? ... ek baar phandharpurke pandurang, tirupati balaji, jaise anek murtiyo ke upar ka mukut nikal kar dekha do ya sirf khulli murti dikha do, sab pata chal jayenga, kaun shiv hai kaun vishnu hai ya bhuudh hai ........
agar aap logo ko satya jaana hai to dr. rajendra ki kitab " itihas ka muaina " padho , aise dhurt pakhandiyo ka sach samne aa jayenga . jai bhim, jai shivrai .
तुमच्या बुध्दांचा जन्म हे नेपाळचा अन इथे महाराष्टात का संबंध...तुमचा बुध्द प्रत्येक वेळी ध्यान अवस्थेत बसलेले आहेत कर कटेवरी ठेवलेले हा आमचा विठ्ठल माय बाप आहे जिथे बुध्दांचा जन्म झाला तिथे आहे का असा वारकरी पंथ जो इतकी श्रध्दा ठेवतो........वारकरी पंथ हा फक्त अन फक्त आमच्या विठुरायाचा आहे जो की इतकी श्रध्दा असणारा आमचा जीव आमचा देव असंख्य लोकं फक्त अन फक्त विठ्ठलाचे भक्त आहेत......मुर्तीच म्हणाल तर उभारलेली बुध्दांची मुर्ती कुठे आहे जी दोन्ही हात कमरेवर ठेवलेले आहेत......मग रखुमाई कोण आहे पुंडलिक कोण होता?
स्वयंभु हा माझा विटेवरी उभा चैतन्याचा गाभा पांडुरंग
नाही घडिवली नाही बैसविला दवारकेची अवधी संपदा घेऊनी आले चक्रपानी पंढरीसी तुका म्हणे मुर्ती घडवली
जे म्हणती तया मुखाप्रती किडे पडो!!
@@samarth-p3w तुमचा माझा करणेतच घर फोडा बांध फोडा आई वडील तोडा,फक्त स्वार्थ साधा,अरे तुकोबांचे प्रमाण देतोस आणी असे अविचाराने बोलतोस,अरे बुध्द सहन होत नाहीत म्हणून तर मनूवादयांनी भगवान विष्णु चा नव्ववा अवतार तयार केला, हे जरा निट बघशील काय,,जहाँ भी जावो बुध्द ही बुध्द पाओगे,,
महाराज तूम्ही सत्य काय आहे ते देशाला सांगितल्याबद्दल धन्यवाद 👍🙏 जय जिजाऊ जय शिवराय जय भीम
❤
Samrath ashok ni sanatan dharma ki shiv, vishnu mandir padun buddha temple bandhale, asach varho ni varsha hot aala aahe
चेले जाओ बौद्ध राष्ट्र चाईना में
आन्ना तुम्ही असेच खरे खरे साहित्य मांडत रहा आम्हाला तुमचा अभिमान आहे
गौतम तांबे गुरूजी
एकच नंबर 👌🤝🚩🙏👍 उघड सत्य
यापेक्षा वेगळे अध्यात्मिक ज्ञान असुच शकत नाही. फक्त आणि फक्त यालाच म्हणतात प्रबोधन
सत्यमेव जयते. खुप खुप धन्यवाद 🙏
जय जिजाऊ 🚩 जय शिवराय
जय क्रांती जोती 🤝 जय भिम
जय जवान 💪 जय किसान
जय भारत 🇮🇳 जय संविधान
जय मुलनिवाशी 👊 भगाव विदेशी
ईव्हिम हटाव 🇮🇳 देश का लोकतंत्र बचाव
एक दम सत्य आहे महाराज बापू, आजच्या काळात सत्य लपवून ठेवली आहे, सध्या मानव हा जगातील एकमेव सत्य लपवून ठेवणारा प्राणी आहे
सुंदर अति सुंदर
महाराज, तुकोबाराय महाराज म्हणतात,पांडु रंग मणि पांडु रंग ध्यानी जागृती सोपानी पांडुरंग.
आपला खुप मोठा अभ्यास आहे,
या भारतातील सर्व मानव मात्र या विचारला केव्हा समजतील,हिच मोठी शोकांतिका आहे.
धन्यवाद महाराज,
सप्रेम जयभीम नमोबुद्धाय सर्वांचे मंगल हो.
बाबा....भगवान बुद्धांनी सांगितलेल्या महत्वाच्या दानांपैकी तुम्ही एका महान दानाचे कार्य करत आहात " ज्ञानाचे दान".. ज्यांच्या बुद्धीला गंज लागला आहे तो तुमच्यामुळेच स्वच्छ होईल....दीर्घायुषी व्हा...🙌🙌
❤
बाबा तुमच्या ज्ञान वाटण्याच्या कार्याला सलाम .
अण्णा आपण खूपच छान संशोधनात्मक पंढरपूर नगरी बद्दल माहिती पंढरपूर बुद्ध विहार व पांडुरंगाच्या मूर्तीबद्दल माहिती दिली खूप खूप धन्यवाद.
जय शिवराय जय भीम नमोबुध्दाय जय वारकरी संप्रदाय जय पांडुरंगा खुप छान जगात नंबर एक माहिती सांगितली तुम्ही 🙏🙏🙏👌👌👌👍👍
काका तुम्ही खूप खूप छान माहिती देता, ती आम्हाला मनापासून आवडतं आणि आमच्या ज्ञानामध्ये सुद्धा त्यांची चांगली भर पडत असते तुम्ही असीच माहिती लोकांपर्यंत पोहोचवण्यासाठी जे श्रम करत आहात हे खूप महत्त्वाचे आहे, या मुळे तळा गळा पर्यंत खरी माहिती पोचत आहे, असाच खऱ्या अर्थानं बौध्द धर्माचा प्रचार आणि प्रसार केला तर अंधारात देव जे लोकं देव शोधतात त्यांना कळेल की खरं काय आहे ते, तुमचे खूप खूप धन्यवाद...
खुप छान ऐतिहासिक माहिती दिली आहे 🌹🌹🌹🙏🙏🙏
मौलिक विवेचन अनेक पैलू चा संदर्भ देत। ज्ञान गंगा वाहत आहे। नमन या माउलीला!!
आण्णा खूप छान प्रवचन सांगितले नमोबुदधाय जयभीम.
इतिहासाच्या प्राध्यापकापेक्षाही आपण आधी सखोल अशी माहिती दिली धन्यवाद
हाच आपल्या सगळ्यांचा समृद्ध इतिहास आहे.आपण या सगळ्या माहितीबद्दल या गृहस्थानचे आभारी आहोत.💐
अदभुत अद्वितीय अण्णाजी
मानवतेच्या कल्याणाकरीता
आपणाला निरोगी दिर्घायुष्य लाभो
हिच प्रार्थना
फारच अप्रतिम, बर्याच गोष्टी आम्हाला माहीत नाहीत त्या आपण योग्य पुरावे निशी सांगीतले आहेत.
Satya bole ahat tumhi
नमो बुद्धाय जय भीम अण्णाजी आमच्या मेंदू मध्ये जो भुसा भरलेला होता तो निघून गेला. तुम्ही सत्य बाजू मांडली . तुमच्या वयाशी विचार केला तर आमचा लाज वाटते . जे विचार ज्ञान तुम्ही या वयात करतात पुढे आम्ही शोध घेत राहू तुम्हाला चांगले आरोग्य मिळावे ही तथागत बुद्ध यांच्या चरणी वंदना .....
आण्णा आपन खुप छान सनातन धर्म नाही सत्य धम्म होय.
अतिशय उत्कृषट मांडणी आहे. सहज समजणारी आहे. धन्यवाद. जयभीम.
आज सुश्राव्य अत्यंत माहितीपूर्ण ज्ञान आषाढी एकादशी दिवशी सहजपणे प्राप्त झाले .
आनंद वाटला . नमो बुद्धाय .
जय भीम जय हरी आपल्या अभ्यासपूर्ण मांडणी चा आम्हाला खूप गौरव वाटला
आपल्यासारख्या सखोल अभ्यासु, विचारी व्यक्तीमत्वास प्रणाम।
खूपच छान . नमो बुद्धाय💙
खूप सुंदर तुम्हाला त्रिवार वंदन.🙏🙏🙏
बुद्ध म्हणजे जागरूक मानवी वृत्ती असावी...अश्या अनेक वृत्ती विविध धर्मात,पंथात वेळोवेळी व्यक्ती...विचाररूपांत झाल्या आहेत...सद्यस्थितीत आहे नि भविष्यात पण होत राहील.अण्णा...खुप छान माहिती दिली आपण,आपलं खूप खूप आभार. तुम्हाला पण बुद्धत्व लाभो हीच मंगलकामना.
अण्णा या वयातही आपण इतिहासाचे महान कार्य करत आहात.नमन आपल्या कार्याला.
छान सोप्या पद्धतीने आपण प्रभोधन करून समाजाच्या मनावरील परिणाम शोधून सांगितले आहे
खरच महाराज तुम्हाला दंडवत आपण केलेले विश्लेषण खूप विचारणीय आहे सर्व महाराज व कथा वाचनकार यांनी खरं खरं च विश्लेषण करताना अभ्यास पुर्ण जनतेसमोर विचार मांडले पाहिजे व आपली संबोधी खोलली पाहिजे ..महाराज आपण ही खरोखर बुद्ध झाला तुम्ही ज्ञानी आहात
जयभीम महाराज आपण अतिशय उत्कृष्ट विश्लैशन केले आहे.आपणास दिर्घ आरोग्य लाभो.संत नामदेवांच्या अभंगांचा संदर्भ देऊन पंढरीचा पांडुरंग विष्णू किंवा कृष्ण नसून भगवान गौतम बुध्दच आहे .हे छान पटवून सांगितले आहे.जयभीम,नमोबुध्दाय,जय भारत,जय संविधान.प्रबुध्द भारत होवो.
Jay bhim namo budhay👌👌👌👌
गुरुजी खूप छान विश्लेषण करून माहिती दिली. नमो बुध्दाय जयभीम जय संविधान
Guruji tumhi kharokhar lokanchi doki saaf karit ahaat lokanna Patel ki apan mulche kon wa ata kuthe challoy Jai Buddha nami Buddhay
नामदेवांनी ते कधी आणि का वर्णन केलं आहे ते पन बघ... याला बोलतात अर्धकुक्कुटज्ञान 😅🚩👍👍👍
@@dineshpatil173 mag tu sang tula tar shattyacha mahiti nahi karan tula tar bramanchi chataychi aahe 🤣🤣🤣🤣
सच परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता
जय भिम नमो बुद्धाय
शोध कुठेतरी विसावला मला माझा धम्म गुरू गवसला
☸︎ नमो 🪷 बुद्धाय ☸︎
🔥 जय भीम ✊🏼
आत मन तुमचे शुध्द ,
पथ आहे तुमचा बुध्द
खोदा ही सारी पृथ्वी मीडेल तुम्हाला केवळ बुध्द।
अति उत्कृष्ट विश्लेषण सप्रेम जय भीम
आदरणीय प.पु.महाराज हाच भारताचा इतिहास आहे ... खूप छान माहिती सांगितली आहे....
महाराज आज मी तुमचा हा व्हिडिओ पहिल्यांदा बघितला मी भजन करतो विठ्ठलाचे पांडुरंगा चे आणि मी बौद्ध आहे आज मल खरा अर्थ कळाला महाराज मी विठ्ठला ला पण मानतो आणि सम्राट अशोका ना पण . पण आज मला खरा अर्थ तुमच्या मुळे कळाला
🙏
आपल्या प्रगल्भ ज्ञान प्रबोधनाला कोटी कोटी प्रणाम 🌹🌹🌹🌹🌹
जयभिम नमो बुद्धाय
खुपच छान विश्लेषण करून आपण सांगत आहात
खूप छान माहिती..... जनतेसमोर माहिती आली पाहिजे
खूपच छान सांगता तुम्ही बुद्ध भगवान बद्दल.
🙏🙏🙏
Jay bhim nmo buday
खुपच छान आहे सर जय शिवराय फुले कबिर शाहु आंबेडकर. ☸️☸️🇮🇳🇮🇳☸️☸️💐🌹🌼🙏👌.
Very nice baba
सत्य कथा गौतम बुद्ध कथा आरंभ झाला
आम्ही हिंदू नाही, आम्ही बहुजन आहोत (भूतकाळातील बौद्ध). चलो बुद्ध की ओर, नमो बुद्धाय, जय अशोक,पांडुरंग पांडुरंग, जय शिवराय, जय जोहर, जय क्रांतीबा, जय भीम 🙏🙏
jai bhim, i saw you on science journey
@@_RahulKumar358 buddha vithevari yanna science journey var bulavave lagel .
बाबा हो तू बुद्ध आहेत तुझ्या आई बुद्धाच्या देशात घाल जा.आणि 1956 चे आधी काय होतं ते पण सांग
💋
@@_RahulKumar358 就0
बुद्ध विटेवर इतके छान विश्लेषण सांगितले दादा तुम्हास मनापासून धन्यवाद . आणी तुम्हास उदंड आयुष्य लाभो
गुरू जी. खुप सुंदर
आपली माहिती व सांगण्याची हिम्मत फार आहे. धन्यवाद बाबा.
सांभवी _ अंबाबाई _महामाया
Maya thagani
Babaji Jay ho! Babaji video khup chan sangitala.
अतीशय खोलात मार्मिक अशी माहिती दील्या बद्दल आभार जय भारत 🙏 जय महाराष्ट्र
💐💐💐💐💐☸️☸️☸️☸️☸️👍👍👍👍👍💯💯💯💯👍🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🪷🪷🪷🪷 जय भीम नमो बुद्धाय ..आदरनीय सर .
सुंदर माहिती बाबा तुम्हाला उदंड आयुष्य लाभो सुंदर ऐकत रहावं असे विवेचन आभार बाबा आभार
जोवर चंद्र,सुर्य,पृथ्वी आहे तोवर माझ्या पंढरीचा माझा पांडुरंगच आहे हे ञिकालबाधित सत्य आहे❤
🤦🏽♂
Very grateful information about the vitthal pandurang
Namo buddhay
खूप छान विश्लेषण केले आहे आजोबांनी 🙏🙏🙏🙏
Bhagwat he muslim kalat lihile aahe.he Bhagwat prachin nahi.brahmanane boudha Dharma wadhu naye yachi kalji ghetali..ekahi brahmanachya hinduchya ghari Budha pratima Kiva photo milnar nahi.hi hyanchi chori darshavte..Pandurang,Balaji chya dari jatdarma chalat nahi.karan he donhi dev Budha aahet.
रूकमाजी घोबळे ,ऊर्फ रकमा डाकू यांस आम्ही मुंबई येथे समक्ष पाहिले आहे . आण्णा आपन सत्य माहिती देत आहेत.
छान विश्लेषण केले आहे आण्णा तुम्ही जय भिम जय शिवराय जय लहुजी
खूप छान पद्धतीने समजावून सांगितले
Khup Sunder JAI BHIM NAMO BUDHHAY JAI SANVIDHAN JAI BHARAT 🌹🙏🌹🙏🌹
पांडुरंगाला किंवा विठ्ठलाला अति आवडे तुळशी बुक्का आणि बाबा तुम्ही बुक्का लावलेला आहे म्हणजे तुम्ही सुद्धा विठ्ठलालाच मानतात राम कृष्ण हरी
Pandurang ja shabh pundarik cha saman arthi aahe pundarik mhanje pandhre shubhra kamal....jo buddh dharan karto
महाराज सलाम तुमच्या कर्याला 🙏
बरोबर आहे महाराज 🙏👍
Very nice and beautiful, true information Respected Dada.
Great contribution to the new era of Buddhism which was written by Dr Babasaheb Ambedkar long back ..but you explained it simply ,we are really great ful to you for this real pious cause .congratulations and best wishes.
Kind regards
Jaibhim🙏🏻💐
Pravin More
Police inspector Pune
Yes sir we need to take this information and knowledge to the mainstream people
Ug tondala yeil te barlu nka vari aali ki tumhala sudh yete ashe kothe gelel asta tumhi
That is why this is called land of Buddha. People who ignore Buddha and follow psudo Buddhism i.e. Hinduism are real fools
Did you really read what I did commented on...
जयभीम नमोबुध्दाय
खुप माहितीपुर्ण विश्लेषन
👇
सुर्य, चन्द्र, और सत्य, कभी छूप नही सकता, चाहे कोई कितना छुपाणे कि कोशिश करें।
साधु साधु साधु! नमो बुद्धाय!🙏☸️
तर्कशुद्ध मांडणी, आभ्यास पुर्ण माहिती आणि चिकित्सक वृत्ती.
धन्यवाद
जयभीम.
पांडुरंग, पांडुरंग, पांडुरंग...!!!
बुध्दम शरणम् गच्छामी.....!!!
🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Bhim, namobudhay
Atishay itihasik vivechan keleahe
Dhayavad maharaj.❤
अनेक अनके साधुवाद
बाबा जी
आपण सत्य मार्गावर आहात
साधू साधू साधू बाबाजी
जयभीम 🙏नामोबुध्दाय 🙏जयसंविधान 🙏💐💐💐
जय भीम .नमो बुद्धाय
गुरुजी.
सखोल अभ्यास आणि उत्तम विवेचन .
साधू साधू साधू 🙏🙏🙏
Namo Buddhay...Jay Bheem... Buddhism is the Sanatan Dharma...🙏🏻🙏🏻🙏🏻
एकच सत्य आहे....बुद्ध हा..विष्णूचा नववा अवतार आहे....जय शिवराय जय श्रीराम
संत नामदेव यांनी अनेक अभंगात राम कृष्णाचा उल्लेख संत ज्ञानेश्वर महाराजांच्या ज्ञानेश्वरीत ना राम कृष्णाचा उल्लेख आहे विठ्ठलाच्या डोक्यावर शिवलिंग आहे हातात शंख चक्र आहे कमरेला मेखला आहे व पितांबर नेसलेला आहे कार्तिकी आणि आषाढी एकादशीला उपवास आणि वारी असते भजन जय जय रामकृष्ण हरी हे आहे हे वैष्णव धर्मातच आहे
Raam Krishna he sankalpana he mulatach buddhanchi aahe Ram ani Krisha he buddhanchya jatak katha madhun chorleli kalpnik patra aahet khana konala shanka asel tyani dashrath jatak katha ani ghat jatak katha vachavi
Parabhramha lingam bhaji pandurangam....aadi shankaracharya. Vithone shri wahila devrana....ramdas swami.
नामोबुध्दाय साधू साधू साधू 🙏🙏🙏
भगवान गौतम बुद्धं यांच्या जीवनाच विवेचन ओशो आचार्य रजनीश यांनी खूप योग्य पद्धतीने केल आहे
नमो बुद्धाय साथियौं...💐
फार फार सुंदर वर्णन इतिहासात सांगितले नमो बुद्धाय जय भीम 🙏🏻💐🇪🇺 संजय सकपाळ अध्यक्ष संपादक बहुजन समाज संघ बुध्दिस्ट रिसर्च सेंटर फॉर भारत
गुरुजी आपण अभ्यास करून आणि समजवून माहिती दिलीत या वाया मध्ये आपले छान विचार मांडले त्याबद्दल तुम्हाला खुप खुप धन्यवाद जय भीम नमो बुद्धाय
वारकरी संप्रदायाला संत साहित्य आणि त्यातून पंढरीचे पुंडरिक हे बुद्धच होते याची सत्यता पडताळून पाहण्याची दृष्टी दिली. हे कीर्तनाचे रूपातून मोलाचे ,कल्याणाचे कार्य करीत आहात.आपले खुप अभिनंदन.
☸️👌बिल्कुल💯%✔️संशोधीत सत्यज्ञान है ! जयभीम ! जय विज्ञान ! जय संविधान !🇮🇳❤🙏
सर तुमचा इतिहास खूप प्रभावी आहेच आणि सत्य 🙏🙏🙏
हे विठ्ठला तुझ्या दर्शनासाठी पायी चालत येणार पण अगोदर तुझ्या मागे लपवलेला बुद्ध मला दाखव 🙏☸️
बुद्ध वगैरे काही नाही
@@भगवतीउपासक काळुबाई वगैरे आहेत🤦🤣🤣🤣🤣🤣😂😂😀😀😀
@@beinghuman4427 महाराष्ट्राच श्रद्धास्थान आहे काळुबाई छत्रपती संभाजी महाराजांनी ज्या देवीच्या पालखीला खंदा दिला ती काळुबाई
@@भगवतीउपासक मग जेव्हा संभाजी महाराजांचे तुकडे केले होते तवा. आमच्या राजाचे एवढे हाल केले . का बरं कोणती काळुबाई वेचायला आणि वाचवायला नव्हती गेली 🤔
@@beinghuman4427 😎😎 काळुबाई छत्रपती संभाजी महाराजांच्या ह्रदयात होती म्हणुन तर माझे राजे 40 दिवस एवढ्या यातना सहन करु शकले असावे
अरे ते म्हणाले जीव गेला तरी बेहत्तर पण धर्म नाही सोडनार, आणि तुम्ही या महाराष्ट्रावर एक कलंक आहात ज्या धर्मासाठी संभाजी राजेंनी बलीदान दिल त्याच पवित्र धर्मावर टीका करता
यालाच म्हणतात नाजायज😎😎😎🕉🕉🕉🕉🕉🙏🙏🙏
अतिशय गाढ अभ्यासपूर्ण संशोधन 👌👌👌
Namo Buddhay
नमोबुद्धाय जयभीम जयसवीधान
खूप छान माहिती दिली महाराज,जय भिम नमो बुद्धाय 🙏
माऊली खूप खूप नमन चांगली माहिती दिली धन्यवाद
Jay bhim, Jay पांडुरंगा,तुकाराम महाराज की जय, जय गौतम बुद्ध 🙏🙏🙏
नमोबुध्दाय अतिशय सुंदर माहिती