चिट्ठी आई है वतन की चिट्ठी आई है chitthi aayi Hai chitthi aayi Hai 15 August 2024 song Dimpal Bhumi

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  • Опубликовано: 16 сен 2024
  • चिट्ठी आई है वतन की चिट्ठी आई है chitthi aayi Hai chitthi aayi Hai 15 August 2024 song Dimpal Bhumi
    Chitthi Aayi Hai / चिट्ठी आई है आई है, चिट्ठी आई है
    चिट्ठी आई है आई है, चिट्ठी आई है
    चिट्ठी आई है वतन से चिठ्ठी आई है
    बड़े दिनों के बात, हम बे-वतनों को याद
    वतन की मिट्टी आई है
    उपर मेरा नाम लिखा है
    अंदर ये पैगाम लिखा है
    ओ परदेस को जानेवाले
    लौट के फिर ना आनेवाले
    सात समुंदर पार गया तू
    हम को ज़िंदा मार गया तू
    खून के रिश्ते तोड़ गया तू
    आँख में आँसू छोड़ गया तू
    कम खाते हैं, कम सोते हैं
    बहोत ज़्यादा हम रोते हैं
    चिट्ठी आई है
    सुनी हो गई शहर की गलियाँ
    काँटे बन गई बाग की कलियाँ
    कहते हैं सावन के झूले
    भूल गया तू हम नहीं भूले
    तेरे बिन जब आई दीवाली
    दीप नहीं दिल जले है खाली
    तेरे बिन जब आई होली
    पिचकारी से छुटी गोली
    पीपल सुना, पनघट सुना
    घर शमशान का बना नमूना
    फसल कटी, आई बैसाखी
    तेरा आना रह गया बाकी
    चिट्ठी आई है
    पहले जब तू खत लिखता था
    कागज में चेहरा दिखता था
    बंद हुआ ये मेल भी अब तो
    ख़त्म हुआ ये खेल भी अब तो
    डोली में जब बैठी बहना
    रस्ता देख रहे थे नैना
    मैं तो बाप हूँ मेरा क्या है
    तेरी माँ का हाल बुरा है
    तेरी बीवी करती है सेवा
    सूरत से लगती है बेवा
    तू ने पैसा बहोत कमाया
    इस पैसे ने देस छुड़ाया
    देस पराया छोड़ के आजा
    पंछी पिंजरा तोड़ के आजा
    आजा उम्र बहोत है छोटी
    अपने घर में भी है रोटी
    चिट्ठी आई है

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