Gurudwara Gwalior | Gurudwara Data Bandi Chhod | गुरुद्वारा दाता बन्दी छोड़ | ग्वालियर का किला

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  • Опубликовано: 12 сен 2024
  • ग्वालियर का किला जब मुगलों के कब्जे में आया तो उन्होंने इसे जेल बना दिया। यहां राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण और बादशाहत के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों को कैद रखा जाता था। मुगल बादशाह जहांगीर ने भी इसमें 52 अन्य राजाओं के साथ 6 वें सिख गुरू हरगोविंद साहब को कैद रखा था। कहा जाता है कि किसी रूहानी हुक्म से बादशाह ने आज के दिन ही गुरू हरगोविंद साहब को उनकी इच्छा के मुताबिक 52 राजाओं के साथ रिहा किया था। इसकी याद में किले पर गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ का निर्माण कराया गया।
    दाता बंदी छोड़ दिवस पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किला स्थित गुरुद्वारे पर आज से शुरू होगा। इस अवसर पर देशभर से सिख समुदाय के लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
    हरगोविंद साहिब के साथ रिहा हुए 52 कैदी
    इतिहास के मुताबिक जहाँगीर ने गुरु हर गोबिंद साहिब को ग्वालियर के किले में बंदी बनाया था। उन्हें लगभग दो साल तक कैद में रखा।किंवदंतियों के मुताबिक गुरू हरगोविंद को कैद किए जाने के बाद से जहांगीर को स्वप्न में किसी फकीर से गुरू जी को आजाद करने का हुक्म मिलने लगा। जहांगीर मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। इसी दौरान मुगल शहंशाहों के किसी करीबी फकीर ने उसे मशविरा दिया कि वह गुरू हरगोविंद साहब को तत्काल रिहा कर दे। लेकिन गुरू अड़ गए कि उनके साथ 52 राजाओं को भी रिहा किया जाए। लिहाजा उनके साथ 52 कैदियों को भी छोड़ दिया गया।
    52 कलियों के अंगरखे को पकड़ बाहर आए राजा
    जहांगीर के मुताबिक उन 52 राजाओं को रिहा करना मुगल साम्राज्य के लिए खतरनाक था, लिहाजा उसने कूटनीतिक आदेश दिया। जहांगीर का हुक्म था कि जितने राजा गुरू हरगोविंद साहब का दामन थाम कर बाहर आ सकेंगे, वो रिहा कर दिए जाएंगे। सिख गुरू चाहते थे कि उनके साथ कैद सभी राजा रिहा हों, लिहाजा गुरू जी के भाई जेठा ने युक्ति सोची। जेल से रिहा होने पर नया कपड़ा पहनने के नाम पर 52 कलियों का अंगरखा सिलवाया गया। गुरू जी ने उस अंगरखे को पहना, और हर कली के छोर को 52 राजाओं ने थाम लिया। इस तरह सब राजा रिहा हो गए।
    गुरू जी के इस कारनामे की वजह से उन्हें दाता बंदी छोड़ कहा गया। बाद में उनकी इस दयानतदारी की याद बनाए रखने के लिए ग्वालियर किले पर उस स्थान पर एक गुरुद्वारा स्थापित कराया गया, जहां गुरू हरगोविंद साहब 52 राजाओं के साथ कैद रहे थे। गुरू जी के नाम पर इसका नाम भी गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब रखा गया।
    गुरू हरगोविंद साहब के नाम पर बना गुरु द्वारा
    ‘गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़’ 6 वें सिख गुरु हरगोबिंद साहिब का स्मारक है। इतिहास के अनुसार राजा जहाँगीर ने गुरु गोबिंद साहिब को ग्वालियर के किले में बंदी बनाकर लगभग दो साल तीन माह तक कैद में रखा गया था। गुरु हरगोबिंद सिंह की याद में 1968 में संत बाबा अमर सिंह जी ने गुरुद्वारे की स्थापना करवाई थी। करीब 100 किलो सोने का इस्तेमाल कर गुरुद्वारे का दरबार बनाया गया है।

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