संघ, विविध संगठन और अन्तर्सम्बन्ध || दत्तोपंत ठेंगड़ी || DATTOPANT THENGADI

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  • Опубликовано: 23 ноя 2024

Комментарии • 11

  • @bhaskarvats4216
    @bhaskarvats4216 Год назад +1

    साध्य - परम वैभवम नेतुमेतत स्व राष्ट्रम
    साधन - विधायस्य धर्मस्य संरक्षणम
    आधार - विजेत्री च न संहता कार्य शक्तिर

  • @subhashmalhotra5817
    @subhashmalhotra5817 5 лет назад +8

    श्रद्धेय ठेंगड़ी जी के बौद्धिक ग्रहण करने के पश्चात, किसी प्रकार के सामाजिक,राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक प्रवचन सुनने की भूख ही नहीं बची।अहोभाग्य!

  • @upendraupadhyay9511
    @upendraupadhyay9511 4 года назад +5

    संघ और संघ परिवार के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले स्वयंसेवकों का इससे स्पष्ट मार्ग दर्शन और कुछ नहीं हो सकता।

  • @subhashmalhotra5817
    @subhashmalhotra5817 4 года назад +5

    "चमत्कारी शक्तियों का मोह ,परम्वैभव के लक्ष्य को हानि पहुँचा सकता है ।" श्रद्धेय ठेंगड़ी जी को प्रणाम!!

  • @ramanandpathak5373
    @ramanandpathak5373 4 года назад +3

    श्रधेय ठेंगड़ी जी के विचारों से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूँ। आपकी पुस्तक "कार्यकर्ता" ने मुझे संगठन में कार्य करने का नया आयाम दिया।
    भारत माता की जय। 🙏🚩

    • @hinduway
      @hinduway  4 года назад +3

      www.dbthengadi.in पर जाकर श्रद्धेय दत्तोपंत जीके समग्र साहित्य का अध्ययन कर सकते हैं

    • @ramanandpathak5373
      @ramanandpathak5373 4 года назад +1

      @@hinduway धन्यवाद 🙏🚩

    • @highlandermarine3858
      @highlandermarine3858 3 года назад +1

      @@hinduway Bahut dhanyawad Bhai Saab .

  • @seemabhardwaj553
    @seemabhardwaj553 3 года назад +2

    आदरणीय जी दूरदृष्टा थे।

  • @dharmendragogawale4607
    @dharmendragogawale4607 4 года назад +1

    अतिशय सुंदर विचार.

  • @neerajclassesbishnupurbankura
    @neerajclassesbishnupurbankura 4 года назад +1

    Bahut hi sundar