अगर देश के हर मुसलमानों का विचार अकबर भाई जैसे हो जाये तो जीते जी ही ये देश हिन्दुओ के लिए स्वर्ग और मुसलमानों के लिए जन्नत हो जाये सभी कवियों और आपकी कविताओं को मेरा प्रणाम
आज जब मैंने ये एपिसोड देखा तो लगा ये दुनिया का बेहतरीन प्रोग्राम है कभी कोई कवि सम्मेलन, मुशायरा जो लोगों के दिल को छू गया है इससे बढ़कर नहीं हो सकता। शैलेष लोढ़ा जी बहुत शुक्रिया।
मैं जितनी बार सुनता हूं उतनी बार रोता हूं।सच में मन की आंखों को खोल दिया इन कवियों ने।बहुत बहुत धन्यवाद शैलेश सर आपको । कोटि कोटि प्रणाम इन कवियों को।धन्य है हमारा देश जो इनको अपने घर जन्म दिया।धन्य हैं वो माएं जो अपने गर्भ से इनको पृथ्वी माता पर लाई। बहुत सुंदर।
शैलेश जी आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद ऐसे कवियों को प्रोत्साहित करने के लिए कवि अकबर ताज की वो लाइन, मेरी बेटी मुझे हररोज विडियो काल करती है, दिल के अंतर्मन को छू गई
बहुत खूब, आदरणीय श्री शैलेश लोढा जी,कवि सम्मलेन में तो आपको सुनता था,मगर यह रूप ,आज ,यकायक देखा,आपको बहुत-बहुत धन्यवाद व आभार भी। रमेश कुमार द्विवेदी,चंचल, सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश।
वाह -वाह कया बात है । मैंनें बहुतों को देखा व सुना है ,लेकिन कोई भी इतनी गहराई तक नहीं पहुंचा कि ---वह आंखों को छलका दे । इनलोगों का गायन शैली ,शबद -संयोजन सबके सब सीधे दिल को छू गया और मन ने कहा कि ,काश कुछ देर और सुन पाते । इनको प्रभु ने विशेष प्रतिभा दिया है । इनको दुनियां के सामने लाने के लिए ,चैनल व शैलेश जी को बहुत बधाई ।
मैं कहीं व्यस्त हो रहा था कि अचानक ये वीडियो यूही देखने लगा, और बस फिर पहली शायरी सुनते ही काम को एक साइड में किया और एक घण्टे का ये पूरा एपिसोड देखने को मजबूर हो गया❤❤❤ सच में आनन्द आ गया वाह भई वाह👏👏👌
आदरणीय शैलेश सर, इन कवियों को सुनकर मन प्रफुल्लित हो गया। आंखो से अंशु यूं ही नहीं निकलते कुछ तो दर्द था इन कवियों की आवाज में। आपको और इन कवियों को कोटि कोटि नमन।
अंत॔मन के दद॔ को शबदों में पिरोकार ---सुनाने वाले इन कवियों नें ---दिल में कसक ,मन में टीस ,और आंखों में आंसू भर दिया । दावे के साथ कह सकता हूं कि ,ऐसा श्रोताओं /दश॔कों का लगाव और इजजत आज तक देखने -सुनने को नहीं मिला है।
भारत, 5000 प्राचीन देश , नेता , व्यापारी , टीवी मिडिया , श्रोता आदि --- दृष्टिविहीन से नाम कमाना चाहते हैं , उनकी अपार काबिलियत के बाद ... चांद, मंगल ग्रह और सूदूर ब्रह्माण्ड में जाने को आतुर ... किन्तु परन्तु ... तालियां खूब बज रही क्या .... क्या .... हम इस काबिल नहीं है ,या होना नहीं चाहते ... नेत्रहीनों को दृष्टि मिले ... तुरंत और आसानी से क्षमा 👋 🌍🇮🇳🙏🤔👉😡🥱 पवार
शैलेश सर आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🎉 आपने ऐसे प्रतिभाशाली प्रज्ञा चक्षु कवियों को अपने मंच से दुनियाभर को अतिसुंदर रचनाएं सुनाने के लिए प्रस्तुत किया । ये नेत्रहीन या अंधे नहीं है बल्कि ये तो प्रज्ञा चक्षु हैं।
ऐसा कवि सम्मेलन नही देखा। सच मे आंखें नम हो गयीं। शैलेश जी को बधाई शुभकामनाएं कि वो इतने बेहतरीन कवि-शायरों को देश के सामने लाये। 'वाह भाई वाह' की पूरी टीम को प्यार बधाई शुभकामनाएं 💐 नागेश खरे बाँदा (उत्तर प्रदेश)
शैलेश भाई आपने कविता और शाइरी की जो त्रिवेणी प्रवाहित की है , उसकी प्रशंसा के लिए मुझे शाब्दिक दुर्भिक्ष का सामना करना पड़ रहा है । शब्द निर्झर बह गया है । अश्रु सागर रह गया है । धन्य हैं ये तीनों काव्य विभूतियां जिनके एकसाथ होने से काव्य कुम्भ सज गया है । इन तीनों के काव्य पाठ पर सजल आंखें ही प्रतिक्रिया दे रही हैं ।
कवि संगम राम वन गमन काव्ययात्रा में अयोध्या के कार्यक्रम में जतिन को मंच तक ले जाने में हमने सुख का अनुभव किया।आदरणीया पूनम जी ने परिचय देते हुए सहयोग करने को कहा।आज वह भाई वाह में देख कर मन गदगद है।जय जय हो
बहुत ही सुंदर संयोजन लोढ़ा सर को बहुत बहुत शुभकामनाये। दोनों कवि और 1 कवयित्री ने पूरा शमां बांध दिया।तीनो अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं।हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।❤
शैलेश जी आप महान है आपने जिस तरह से इन नेत्रहीन भाइयों की प्रतिभा को पहचाना है और उन्हें मंच पर आने का अवसर दिया है आप बधाई के पात्र हैं । इन तीनों को साथ-साथ आपको भी कोटि-कोटि नमन।
Wah bhai wah sheleshji aaj hi dekha ye program bahut hi sunder h n sunder vichar h ji behan dilkash h aankhobwalo ko tobdekhate hi h but ye to bin.aNkho walo ke man aatma ko dekha.......
ऐसे नेत्रहीन महान विभूति की कविताओं को सुना और अपने जीवन में ऐसी कविताएं नही सुनी जितनी तारीफ कि जाए वह कम है। सादर नमन ईश्वर सब को कुछ न कुछ हुनर जरूर देता है
भारत, 5000 प्राचीन देश , नेता , व्यापारी , टीवी मिडिया , श्रोता आदि --- दृष्टिविहीन से नाम कमाना चाहते हैं , उनकी अपार काबिलियत के बाद ... चांद, मंगल ग्रह और सूदूर ब्रह्माण्ड में जाने को आतुर ... किन्तु परन्तु ... तालियां खूब बज रही क्या .... क्या .... हम इस काबिल नहीं है ,या होना नहीं चाहते ... नेत्रहीनों को दृष्टि मिले ... तुरंत और आसानी से क्षमा 👋 🌍🇮🇳🙏🤔👉😡🥱 पवार
ऐसा प्रोग्राम आज तक ना ही सुना और ना ही देखा है।तीनो कवियों ने आज एक कट्टर अनुशासित फौजी आदमी को एकेले को बंद कमरे में एक घंटे के लिए रूलाए रखा। बहुत बहुत धन्यवाद और आभार भाई शैलेश जी लोढा।
मैं भी उन्हीं सज्जन को बार बार देख रहा था... और समझ गया था कि वो जतिन जी के पिता जी ही होंगे... क्योंकि ये प्रेम के अश्रु ये भाव किसी पिता या माँ में ही झलक सकता है - प्रणाम उनको 🙏
अति सुन्दर कोई नेत्रहीन दृष्टिहीन व्यक्ति ऐसी अद्भुत कविता लिख ही नहीं सकता मैं तो इन्हें नेत्रहीन नहीं मानता इनके पास एक अद्भुत दृष्टि है जो इस लौकिक जगत से भिन्न है ❤❤
आज का ये बहोत बहोत अनमोल एपिसोड हैं.....जहा आसू भी रोखना मना हैं... ऐसे कलाम सुनाये तीनो कवियों नें...... नंबर 1 कवी संमेलन.....शैलश भाई..प्रणाम .... वाह.... वाह... क्या बात हैं...🙏🌹🌹🙏
मेरे पास शब्द नहीं है 👌🏻इतने अच्छे कवियों के कविता पर, ये कविता नहीं हृदय है इन महान कवियों के 🙏🙏👍🏻👍🏻💐💐💐💐❤️❤️❤️❤️ मेरी दृष्टि में इससे बढ़कर कोई कविता नहीं इससे बढ़कर कवि नहीं, इससे अधिक प्रेरणादायक सूत्र नहीं
बहुत बहुत आभार, शैलेश जी जो आपने इन बेशकीमती प्रतिभाओं को मंच साझा कराया !!एक अनुरोध है जब कोई प्रतिभागी अपनी बात कह रहा हो तो वाद्ययंत्र को बंद रखा जाए क्योंकि उसके आगे कही हुई बातें मिश्रित होकर समझ नहीं आती,सादर आभार
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Sailash sir pls mere papa ko bulana kyunki vo bhi anchoring karthe hai
सच में आंसू रुके ही नही 😢 कुछ पंक्तियां रोंगटे खड़े कर दिए थे 🙏 अदभुत कलाकार है . नमन 🙏🙏
Trueeee bhai...anshu nikl gaye...n goosebumps...1st time aise feel hua
अकबर ताज खंडवा तुम्हें सलाम करता है वाह! वाह! क्या बात है🎉
अगर देश के हर मुसलमानों का विचार अकबर भाई जैसे हो जाये तो जीते जी ही ये देश हिन्दुओ के लिए स्वर्ग और मुसलमानों के लिए जन्नत हो जाये सभी कवियों और आपकी कविताओं को मेरा प्रणाम
Ye vichar to sbhi ke h magr netao ko ache nhi lagte kyo ki en ko to Hindu Muslim karne se hi vot melte h
Sab Muslim bhaee aise hi hote hai bhaee bas aap ka najariya alag hai
ACHHA ADAMI ACHHA HI HOTA HAI KOII HINDU MUSLIM NAHI HOTA
LOVE YOU BROTHER
.k 10:58
Right sir
खाक एक जैसे होते है फर्जी की बात मत करो भाई
सैलेश जी आपने इन नेत्रहीनों को मंच पर लाकर हम बंद आंख वालों के नेत्र ही खोल कर रख दिए, वाह भाई वाह!!👌👌🙏🙏
👏👏👏👌👌👌👍👍👍🙏🙏🙏❤️❤️❤️
Sir aap ne bahut achha likha hai
@@AnishkiranashopHindi vetty jp A.
Sailesh sir very very thanks
⁶⁷
आज जब मैंने ये एपिसोड देखा तो लगा ये दुनिया का बेहतरीन प्रोग्राम है कभी कोई कवि सम्मेलन, मुशायरा जो लोगों के दिल को छू गया है इससे बढ़कर नहीं हो सकता। शैलेष लोढ़ा जी बहुत शुक्रिया।
मैं जितनी बार सुनता हूं उतनी बार रोता हूं।सच में मन की आंखों को खोल दिया इन कवियों ने।बहुत बहुत धन्यवाद शैलेश सर आपको । कोटि कोटि प्रणाम इन कवियों को।धन्य है हमारा देश जो इनको अपने घर जन्म दिया।धन्य हैं वो माएं जो अपने गर्भ से इनको पृथ्वी माता पर लाई। बहुत सुंदर।
पहली बार इतनी खूबसूरत गजलों का सिलसिला सुना हैं। मन तृप्त हो गया है इन नेत्रहीन कवियों को सुन कर। इनके चरणों में मेरा नमन है।
Issuer ka diya vardan hai ye net netrahin vibhutiya inhey jugar karane ka sraya aap ko Jatahai aap ko koti koti dhanyabad
13:00 13:01 🎉🎉 13:06
@@mridulasingh4048yy?उउयहुनेका gutenbergnet greatest yourself yourself यसको hyggyuhuy?gगुग्य😅हुउय्युउह्ह्य्गुह्य्ह्ह्ह्ह्य्य्युघ्य्य्य्य्य्य्य्ह्य्युय्ह्युग्घ्ह्घ्य्ह्ह?होइनन् होइनन् uhhyyhghuhyhughgyhhyyuuyugyuyh?yuuyhugyughyyg?yourself ygyhg😅ghyyyyh?ग्यासको य्ग्ग्य्ग्ग्य्य्य्य्ग्ग्य्य😅ygyhughgyyhhuyuyguhyhyuuyhhuuhyyhy uhvhg😅yourself here's ह्याटि्रक योजना ?युय्ग्य्ह्ह्य्य्य्य्ग्य्य्ग्युय्य्य्ह्ग्य्य्य्घ्री?गयज्ञान् ?yourself hyh😅
@anuragpandey9535 yggghyy😅y?yy?yyu
@@anuragpandey9535य्य्ह्घ्ग्ग्य्ह्ग्य्य्ह्य्य्य्ह्ह्य्ह्य्ह्ह्य्ग्य्य😅?य?घ्यम्पो य्य?ughuhyguhyyhuyghhyuy?yourself yourself hypothesis hygggy😅uyyggvv😅yours yours yourself yourself hyy?ह?उगग
कमाल के कवि है ,बहुत प्यारी अभिव्यक्ति तीनो कवियों की सादर प्रणाम
गजब गजब गजब। आंख भले न हो लेकिन ऐसी गजल शायरी की रोशनी अच्छे अच्छों के पास नहीं।। बेहतरीन शायर भी पानी मांग लेंगे।
नि:शब्द हूँ मैं!
मैं खुद अपने आंसुओं को रोक नहीं सकी।
आदरणीय शैलेश सर को बहुत-बहुत बधाई!
वाह भई वाह की माला में ये एपिसोड कोहिनूर है
इसि-लिये आप और आपकी टीम दुनिया में मशहूर है ❤🎉🎉🎉🎉🙏
सच ही कहा इस से बेहतर एपिसोड कुछ हो नहीं सकता.....
शैलेश जी आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद ऐसे कवियों को प्रोत्साहित करने के लिए
कवि अकबर ताज की वो लाइन, मेरी बेटी मुझे हररोज विडियो काल करती है, दिल के अंतर्मन को छू गई
दिल की आवाज से उठी कलम और बने शब्दो का बगीचा बन गए और बन गए निराश लोगों के लिए आईने ।।
मै भाग्यशाली हूँ जो इतनी बढ़िया कविता सुनने को मिला।
बहुत खूब, आदरणीय श्री शैलेश लोढा जी,कवि सम्मलेन में तो आपको सुनता था,मगर यह रूप ,आज ,यकायक देखा,आपको बहुत-बहुत धन्यवाद व आभार भी।
रमेश कुमार द्विवेदी,चंचल, सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश।
आदरणीय शैलेश जी जय जिनेन्द्र🙏 अदभुत अविस्मरणीय योगदान रहा इस कवि सम्मेलन का
शैलेष जी, आपके इस प्रोग्राम के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
और हमारे तीनों कवियों को दिल से धन्यवाद और शुभकामनाएँ. भगवान इन्हें इसी तरह खुश रखें.
😊
😊
/
सुपर से भी ऊपर कहूं तो भी कम होगा,शैलेश जी बहुत बहुत साधुवाद आपको, नमन आपकी प्रेरणा श्रोत कलाकृति को
वाह -वाह कया बात है । मैंनें बहुतों को देखा व सुना है ,लेकिन कोई भी इतनी गहराई तक नहीं पहुंचा कि ---वह आंखों को छलका दे । इनलोगों का गायन शैली ,शबद -संयोजन सबके सब सीधे दिल को छू गया और मन ने कहा कि ,काश कुछ देर और सुन पाते । इनको प्रभु ने विशेष प्रतिभा दिया है । इनको दुनियां के सामने लाने के लिए ,चैनल व शैलेश जी को बहुत बधाई ।
मैं कहीं व्यस्त हो रहा था कि अचानक ये वीडियो यूही देखने लगा,
और बस फिर पहली शायरी सुनते ही काम को एक साइड में किया और एक घण्टे का ये पूरा एपिसोड देखने को मजबूर हो गया❤❤❤
सच में आनन्द आ गया वाह भई वाह👏👏👌
Just like me
आज का एपिसोड बहुत खूबसूरत था मेरे आँसू नही रुक रहे थे अल्लाह आपको सदा खुश रखे
आदरणीय शैलेश सर, इन कवियों को सुनकर मन प्रफुल्लित हो गया। आंखो से अंशु यूं ही नहीं निकलते कुछ तो दर्द था इन कवियों की आवाज में। आपको और इन कवियों को कोटि कोटि नमन।
रुला देने वालो को भी बार बार देखने को दिल करता है । आदरणीय शैलेष सर जी को शुभकामनाएं ।
इन्हे सुनकर आंखो में आंसू नहीं रोक सका सर आपने ये कमाल कर दिया इन्हे मंच देकर इनकी भी दुआए ले ली आपने
0 🙏0 👍
बहुत ही शानदार आंख में आंसू आ गए
इतना खूबसूरत सही में दिल को छूने वाला प्रोग्राम है।
अंत॔मन के दद॔ को शबदों में पिरोकार ---सुनाने वाले इन कवियों नें ---दिल में कसक ,मन में टीस ,और आंखों में आंसू भर दिया । दावे के साथ कह सकता हूं कि ,ऐसा श्रोताओं /दश॔कों का लगाव और इजजत आज तक देखने -सुनने को नहीं मिला है।
कमाल का मंच तैयार किया है
शैलेश लोढ़ा जी ने
सैल्यूट दिल से
शैलेश भाई बहुत दिनों से मैं चुप था पर आज मैं लगातार रोता ही रहा, क्या खूब भाई बहनों को सुनवाया है आपने, बहुत बहुत धन्यवाद
आज का एपिसोड वाकई में बहुत खास है सारे कवियों को शुभकामनाएं साथ ही शैलेष जी आपको भी सादर साधुवाद ।।
आज पूरे विश्व का न. 1 कवि सम्मेलन सुना।
Sir आपको दिल से जय हिन्द🙏👍❤️🌹
भारत, 5000 प्राचीन देश ,
नेता , व्यापारी , टीवी मिडिया , श्रोता आदि ---
दृष्टिविहीन से नाम कमाना चाहते हैं , उनकी अपार काबिलियत के बाद ...
चांद, मंगल ग्रह और सूदूर ब्रह्माण्ड में जाने को आतुर ...
किन्तु परन्तु ...
तालियां खूब बज रही
क्या .... क्या ....
हम इस काबिल नहीं है ,या होना नहीं चाहते ...
नेत्रहीनों को दृष्टि मिले ... तुरंत और आसानी से
क्षमा 👋
🌍🇮🇳🙏🤔👉😡🥱
पवार
Sach me sahi kaha
Nice program ❤❤😂😂
इतना इमोशनल काव्य हमने आज जिंदगी में पहली बार सुना
शैलेश सर आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🎉 आपने ऐसे प्रतिभाशाली प्रज्ञा चक्षु कवियों को अपने मंच से दुनियाभर को अतिसुंदर रचनाएं सुनाने के लिए प्रस्तुत किया । ये नेत्रहीन या अंधे नहीं है बल्कि ये तो प्रज्ञा चक्षु हैं।
ऐसा कवि सम्मेलन नही देखा। सच मे आंखें नम हो गयीं। शैलेश जी को बधाई शुभकामनाएं कि वो इतने बेहतरीन कवि-शायरों को देश के सामने लाये।
'वाह भाई वाह' की पूरी टीम को प्यार बधाई शुभकामनाएं 💐
नागेश खरे
बाँदा (उत्तर प्रदेश)
शैलेश भाई आपने कविता और शाइरी की जो त्रिवेणी प्रवाहित की है , उसकी प्रशंसा के लिए मुझे शाब्दिक दुर्भिक्ष का सामना करना पड़ रहा है । शब्द निर्झर बह गया है । अश्रु सागर रह गया है । धन्य हैं ये तीनों काव्य विभूतियां जिनके एकसाथ होने से काव्य कुम्भ सज गया है । इन तीनों के काव्य पाठ पर सजल आंखें ही प्रतिक्रिया दे रही हैं ।
बहुत सुंदर कवि सम्मेलन❤आंखें भर आयी❤😘
आंख वाले कवियों से ज्यादा अच्छा इन कवियों के नगमों ने दिल जीत लिया।वाह वाह। शैलेश जी को कोटिशः साधुवाद।
बहुत ही शानदार और , कबीले तारीफ है इनकी कविताएं , ,,,, इन सबके चरणों में मेरा नमन!!!!👍🏻👍🏻🙏🙏
आरिफा जी को कई बार सामने बैठ कर सुनने का मौका मिला। पुनः सुनवाते के लिए शैलेश जी को धन्यवाद।
Mujhe bhi me to ghar me raha hu unke ❤❤❤
आंख होकर भी हम चल नहीं पाए।
मुझे गर्व है राम पर जो बंद आंखें राह दिखाए ।
Wah bhai wah
Jeewan ka behtreen episode
Thank God
शायद ही कोई होगा जो इनकी भावनाओं को सुनके अपने आशू रोक पाए। धन्य है ये लोग
कवि संगम राम वन गमन काव्ययात्रा में अयोध्या के कार्यक्रम में जतिन को मंच तक ले जाने में हमने सुख का अनुभव किया।आदरणीया पूनम जी ने परिचय देते हुए सहयोग करने को कहा।आज वह भाई वाह में देख कर मन गदगद है।जय जय हो
वाह भाई का कार्यक्रम बहुत बढ़िया शैलेश जी तीनों को कवियों ने बहुत बढ़िया प्रस्तुति दी आंख नम हो गई
बहुत ही सुंदर संयोजन लोढ़ा सर को बहुत बहुत शुभकामनाये। दोनों कवि और 1 कवयित्री ने पूरा शमां बांध दिया।तीनो अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं।हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।❤
जब अकबर साहब ने पढ़ना शुरू किया तो आंसू रुक नही पाए।
तीनों लोग महान है बहुत अच्छा सुनाया सबने अल्लाह पाक सबको सलामत रखें❤️
शैलेश जी आपका दिल से बहुत बहुत धन्यवाद आप महान है जो ऐसे ऐसे कवियों को लाते है आपके लिए मेरे पास शब्द नही है
वह भाई वह नेत्रहीन कवि ने जो पंक्तियां पेश की है लाजवाब है
कोई शब्द नही ऐसी विभूतियों के लिए... लाख कोशिशों के बावजूद आँसू नही रुके...🎉🎉
लाख कोशिश करने के बाद भी आंसू रोक नही पाया आपका बहुत बहुत धन्यवाद शैलेश सर
कवि सम्मेलन हो तो ऐसा,,,,,, बहुत ही उत्कृष्ट कार्यक्रम शैलेश जी,,,,,ये कार्यक्रम सदा चलता रहे,,,
शैलेश जी आप महान है आपने जिस तरह से इन नेत्रहीन भाइयों की प्रतिभा को पहचाना है और उन्हें मंच पर आने का अवसर दिया है आप बधाई के पात्र हैं । इन तीनों को साथ-साथ आपको भी कोटि-कोटि नमन।
बहुत बेहतरीन ❤
शब्द नही है आपकी तारीफ के लिए 🙏
सारी लाइन बेहतरीन है 😊
मैंने कई एपीसोड देखा हूं कई प्रोग्राम के लेकिन इतना सुकून आज तक नहीं मिला बहुत बहुत धन्यवाद शैलेश जी
दृष्टि नहीं तो क्या,दृष्टिकोण बहुत लाजवाब है,वाकई में अद्भुत प्रोग्राम,यह प्रोग्राम अनमोल धरोहर है... 👌🙏
इस एपिसोड के लिए आदरणीय शैलेष भैया, टीम वाह भाई वाह एवं शेमारू टीवी का बेहद आभार 🙏❣️🙏
Wah bhai wah sheleshji aaj hi dekha ye program bahut hi sunder h n sunder vichar h ji behan dilkash h aankhobwalo ko tobdekhate hi h but ye to bin.aNkho walo ke man aatma ko dekha.......
ऐसे नेत्रहीन महान विभूति की कविताओं को सुना और अपने जीवन में ऐसी कविताएं नही सुनी जितनी तारीफ कि जाए वह कम है।
सादर नमन ईश्वर सब को कुछ न कुछ हुनर जरूर देता है
क्या बात है सर आंखे नम हो गईं,,,
आप जैसा इंशान कोई नहीं है 👌👌👌🙏🙏🙏
वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति...शैलेश सर जी आपके प्रयास को नमन ...भारत के कोने कोने से प्रतिभाओं को ढूंढ कर उन्हे पहचान दिलाने के लिए...💐💐💐🙏🏻🥲
😊 se XD XD XD no no uh Becca😂
Wah bhai wah
भारत, 5000 प्राचीन देश ,
नेता , व्यापारी , टीवी मिडिया , श्रोता आदि ---
दृष्टिविहीन से नाम कमाना चाहते हैं , उनकी अपार काबिलियत के बाद ...
चांद, मंगल ग्रह और सूदूर ब्रह्माण्ड में जाने को आतुर ...
किन्तु परन्तु ...
तालियां खूब बज रही
क्या .... क्या ....
हम इस काबिल नहीं है ,या होना नहीं चाहते ...
नेत्रहीनों को दृष्टि मिले ... तुरंत और आसानी से
क्षमा 👋
🌍🇮🇳🙏🤔👉😡🥱
पवार
ऐसा प्रोग्राम आज तक ना ही सुना और ना ही देखा है।तीनो कवियों ने आज एक कट्टर अनुशासित फौजी आदमी को एकेले को बंद कमरे में एक घंटे के लिए रूलाए रखा। बहुत बहुत धन्यवाद और आभार भाई शैलेश जी लोढा।
अद्भुत, आंखों से बरबस ही आंसू निकल ही पड़े। इन कवियों को नमन।
मैं भी उन्हीं सज्जन को बार बार देख रहा था... और समझ गया था कि वो जतिन जी के पिता जी ही होंगे... क्योंकि ये प्रेम के अश्रु ये भाव किसी पिता या माँ में ही झलक सकता है - प्रणाम उनको 🙏
Respect for these legend ❤❤❤
जीवन का सबसे मशहूर कविता पहली बार सुना है इन कलाकारों को कोटि कोटि धन्यवाद🙏💕
आज मुझे थोड़ा टेंशन था.. दुबारा ये गीत सून कर थोड़ा साहस मिला...
एक प्राथना करूंगा ऐसे एपिसोड और लाए 🙏🙏🙏
🎉wah wah keya baat hay❤ye aap ke unche sonch ka sama bandha hY aur aap ne jatin ka haque dila dia❤lov you lodha ji Ishwar aap ko ishka azre phL dega
सर इन लोगों ने आज बहुत रूला दिया अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पायी क्या बेटी के प्यार को आपने लोगों तक पहुंचाया है 😊😊😊❤❤❤❤❤❤❤❤
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं वाह भाई वाह के शो को जो ऐसी प्रतिभा को लेकर आता है
नमन ऐसे कवियों के चरणों में ❤❤
शैलेश जी का आभार 🙏🙏
अति सुन्दर
कोई नेत्रहीन दृष्टिहीन व्यक्ति ऐसी अद्भुत कविता लिख ही नहीं सकता
मैं तो इन्हें नेत्रहीन नहीं मानता इनके पास एक अद्भुत दृष्टि है जो इस लौकिक जगत से भिन्न है
❤❤
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
मुक्तक सुनकर मन तृप्त हो।गया सर जी
अब तक का सबसे अच्छा कवि सम्मेलन
नेत्रहीन कवियों को मेरा प्रणाम
Ni shabd hun Shailesh ji en logon ko manch dekar aapne sbka dil jeet liya.
वा भाई वा दिल जीत लिया❤❤❤
बहुत बहुत बधाई जतिन बेटा।बधाइयां।शुभकामनाएं
धन्य हो श्रीमान शैलेश जी को सादर अभिनन्दन आप ने भगवान से मिला दिया भगवान इनकी जीवन में खुशिययाँ भर2 कर दे। धन्यवाद सर
दिल दहल गया वह बहुत खूब अकबर ताज को सलाम और सभी ने कविता बहुत सुन्दर कही ❤
ये कवि सम्मेलन कितना सुंदर हुआ है आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते है की मै इसे कई बार देख चुका हु फिर भी मेरा मन नही भरता 🙏🙏
वाह भाई वाह 👌👌
एक एक शब्द में कितनी सत्यता है मेरे भाई दिल से आप तीनों को सैल्यूट करता हूं
अकबर ताज की शानदार कविता.... बधाई... बधाई.... बधाई
जीवन में कवि सम्मेलन बहुत देखें है सुने हैं पर इस पूरे एपिसोड में मेरी आंखो से आंसू नहीं रुके है।नमन मेरा तीनों कवियों को।
Ham khud.Netr.honekebaujud.bhi.Netrahin.Hai.unheto.Rahane.undarki.Aakh.di.hai
हे भगवान ए खुदा तू है और ऐसे इंसानों में ह यह विश्वास आज और पक्का हो गया
सच में लाजवाब है । अद्भुत है ।आपने मंच देकर अद्वितीय कार्य किया है ।कोटि कोटि धन्यवाद
आपको मेरा दण्डवत चरण स्पर्श आदरणीय सैलेश भाईसाहब मैं कृतज्ञ हो गया ये कविता सुनकर मेरी बेटी मुझे रोज़ वीडियो काल करती है
मंडल जी के भाव मुक्तक सुनकर विश्वास है कि भारत में कविता का भविष्य उज्जवल है ।
❤❤
बेहतरीन और भावुक प्रस्तुति...
तीनों महान विभूतियों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है
शैलेश जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
इन महान कवियों को बुलाने के लिए। हमें सुनने का अवसर दिया है, भावुक कर दिया सभी ने,😢😢
शैलेश् जी आपके इस प्रयास को ह्र्दय से धन्यवाद जो इन अनुठे कलाकारो को सुनने का मोका मिला
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी गई है, बेहतरीन लगा, बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं आपको, इन सभी अदभुत अकल्पनीय अविश्वसनीय अभूतपूर्व भारतीय कवियों को।
हृदय से सलाम करता हूं कविताओं को
Sir,
क्या कर दिया आपने
इस मंच के लिए आज मेरे पास कोई शब्द नही है।
Nice
❤❤❤❤😊❤❤
शैलेश सर का बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
🎉❤ दृष्टिहीन कवि की कविताएं सुनकर आंखों में आसूं आ गये। आप बहुत आगे जाओगे।
ये वाला एपिसोड कसम से कई बार सुना और हर बार नया लगता है।
वाह भई वाह👏
मेरे पास शब्द नही हैं कुछ बोलने का shandar लाजबाब ये ही मेरा भारत है
आज का ये बहोत बहोत अनमोल एपिसोड हैं.....जहा आसू भी रोखना मना हैं... ऐसे कलाम सुनाये तीनो कवियों नें...... नंबर 1 कवी संमेलन.....शैलश भाई..प्रणाम .... वाह.... वाह... क्या बात हैं...🙏🌹🌹🙏
मेरे पास शब्द नहीं है 👌🏻इतने अच्छे कवियों के कविता पर, ये कविता नहीं हृदय है इन महान कवियों के 🙏🙏👍🏻👍🏻💐💐💐💐❤️❤️❤️❤️
मेरी दृष्टि में इससे बढ़कर कोई कविता नहीं इससे बढ़कर कवि नहीं, इससे अधिक प्रेरणादायक सूत्र नहीं
Pehli baar itNi sunder kavita or gajal suni he..v good sir.aap ki aankhein nahi aap sabhi kavi Kohinoor ho,,,
बहुत बहुत आभार, शैलेश जी जो आपने इन बेशकीमती प्रतिभाओं को मंच साझा कराया !!एक अनुरोध है जब कोई प्रतिभागी अपनी बात कह रहा हो तो वाद्ययंत्र को बंद रखा जाए क्योंकि उसके आगे कही हुई बातें मिश्रित होकर समझ नहीं आती,सादर आभार
आरम्भ सुनते से ही इनके प्रति प्रेम के अश्रु धारा स्वतः बह चले 💐💐
Thanx you Shailesh sir
Ye koi Noor nhi Kohinoor hai
Salute you
Wah Bhai waah
😢😢😢😢😢😢😢