राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं, ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं | Pramod Tiwari | Poetry | Mushaaira
HTML-код
- Опубликовано: 28 сен 2024
- राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं
ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं
आओ तुमको एक गीत सुनाते हैं
अपने संग थोड़ी सैर कराते हैं।
मेरे घर के आगे एक खिड़की थी,
खिड़की से झांका करती लड़की थी,
इक रोज मैंने यूँ हीं टाफी खाई,
फिर जीभ निकाली उसको दिखलाई,
गुस्से में वो झज्जे पर आन खड़ी,
आँखों ही आँखों मुझसे बहुत लड़ी,
उसने भी फिर टाफी मंगवाई थी,
आधी जूठी करके भिजवाई थी।
वो जूठी अब भी मुँह में है,
हो गई सुगर हम फिर भी खाते हैं।
राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं
ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं।
दिल्ली की बस थी मेरे बाजू में,
इक गोरी-गोरी बिल्ली बैठी थी,
बिल्ली के उजले रेशम बालों से,
मेरे दिल की चुहिया कुछ ऐंठी थी,
चुहिया ने उस बिल्ली को काट लिया,
बस फिर क्या था बिल्ली का ठाट हुआ,
वो बिल्ली अब भी मेरे बाजू है,
उसके बाजू में मेरा राजू है।
अब बिल्ली,चुहिया,राजू सब मिलकर
मुझको ही मेरा गीत सुनाते हैं।
राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं
ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं।
एक दोस्त मेरा सीमा पर रहता था,
चिट्ठी में जाने क्या-क्या कहता था,
उर्दू आती थी नहीं मुझे लेकिन,
उसको जवाब उर्दू में देता था,
एक रोज़ मौलवी नहीं रहे भाई,
अगले दिन ही उसकी चिट्ठी आई,
ख़त का जवाब अब किससे लिखवाता,
वह तो सीमा पर रो-रो मर जाता।
हम उर्दू सीख रहे हैं नेट-युग में,
अब खुद जवाब लिखते हैं गाते हैं।
राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं
ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं।
इक बूढ़ा रोज गली में आता था,
जाने किस भाषा में वह गाता था,
लेकिन उसका स्वर मेरे कानों में,
अब उठो लाल कहकर खो जाता था,
मैं,निपट अकेला खाता सोता था,
नौ बजे क्लास का टाइम होता था,
एक रोज ‘मिस’नहीं मेरी क्लास हुई,
मैं ‘टाप’ कर गया पूरी आस हुई।
वो बूढ़ा जाने किस नगरी में हो,
उसके स्वर अब भी हमें जगाते हैं ।
राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं
ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं।
इन राहों वाले मीठे रिश्तों से,
हम युगों-युगों से बँधे नहीं होते,
दो जन्मों वाले रिश्तों के पर्वत,
अपने कन्धों पर सधे नहीं होते,
बाबा की धुन ने समय बताया है,
उर्दू के खत ने साथ निभाया है,
बिल्ली ने चुहिया को दुलराया है,
जूठी टाफी ने प्यार सिखाया है।
हम ऐसे रिश्तों की फेरी लेकर,
गलियों-गलियों आवाज लगाते हैं।
राहों में भी रिश्ते बन जाते हैं
ये रिश्ते भी मंजिल तक जाते हैं।
आओ तुमको एक गीत सुनाते हैं
अपने संग थोड़ी सैर कराते हैं।
Pramod Tiwari at ‘Sarhadon Se Aagey’ organized by Hello Hindustan. #SarhadonSeAage #HelloHindustan #PramodTiwari
Indo-Pak Kavi Sammelan & Mushaaira | Bhopal | 2012
‘Hello Hindustan News & Network’ is a leading News Media Group having its fortnightly magazine and afternoon daily newspaper headquartered at Indore, India. #RahatIndori #KumarVishwas #Hindi #Indore #IndoreLitFest #LitFest #Poetry #Stories #Literature #Inspiration #Storytelling #Bollywood #Lahore #Pakistan #Indoree #IndoreCity #Sarcastic #Love #Romance #Shayari #Love #Shayar #UrduPoetry #HindiShayari #ShayariLover #Urdu #Ghazal #Nazm
जिंदादिल हर दिल अजीज इंसान
अंकल जी आप की स्मृतियां सदैव हृदय में विराजमान हैं
दिल को छू लेने वाली कविता है सब लोग जिली और कई बेवसाईड में मस्त हैं पता नहीं लोग इन महान साहित्यकारों की कविता को क्यो नही लाईक और सेयर नही करते ये हमारे हिन्द स्वराज के असली गीत है जितने लोग मेरे इस कमेन्ट को पड़ रहे हैं अगर सहमत तो लईक करे
ऐसे शायर ऐसे कवि कहां चले जाते है, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, शायद अब कभी नहीं,,,,,,,,, दिलों में जिंदा हैं
Dil khush ho gaya is geet ko sunkar
वाह तिवारी जी वाह ,बहुत बढ़िया रहा ।जय जय सियाराम हर हर महादेव जय बजरंगबली।
Proud of you.
Kanpur is the place of gems..
Mahan kavi❤
Gazab Sir 👍👌👏 AAP hmesha sbke beech zinda rhenge 👌👍👏
kya baat hai kaviraj
❤❤
Achha hai Bhai
तिवारी जी आप हम लोगों को अधुरा छोड कर चले गए थे 😢😢😢
शायद जीवन में बहुत आप देकर जातें संसार को कविताएं के मध्याम से 🥲🥲
चाचा जी की नमस्कार
2018 में कवि सम्मेलन आयोजित करके लौट रहे थे गाड़ी का आक्सिडेंट हो गया था भाई
अब तिवारी जी दुनिया में नहीं है
लेकिन आज भी हमारे दिलों में जिंदा है 😢
Parmod ji ki bahut bahut sundar kavita jo dil ko choo gai
महान कवि को कोटि कोटि नमन
🙏🙏❤️❤️
.
Miss you sir ji😢😢
धन्यवाद