तिवारी जी की ये कविता हर मन को मोहने वाली है मां शारदा का श्ब्दों मे स्वय अवतरण है ऐसा लगता है पर अब तिवारी जी हमारे बिच नहि है भगवान उनको अपने चरणों मे स्थान दे ओम शान्ति
आज पहली बार इस दिव्य कविता को सुना।कॉमेंट बॉक्स में पढ़ने पर पता चला की इसकी रचना करने वाले महान कवि इस संसार में अब नहीं रहे।बेहद ही भावुक और सारगर्भित रचना है हमारी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि प्रमोद जी को।बारंबार नमन।
आदरणीय आप की इस रचना मैने कुछ ही महीने पहिले सुनी देखी और जबसे इसको मैने सेकड़ो बार सुना,पता चला कि इस कविता को रचने बाले अब इस दुनिया मे नही है, ऐसी पूण्य आत्मा को मेरा सादर नमन 🙏
अद्भुत गीत ,,,अद्भुत गीतकार हैआप,,,, कुमार साहब का एक गीत है वो कहते है कि ,,जो आता है सो जाता है पर जब आप जैसा कोई असमय जाता है तो दुःख होता है,,,💜💜🙏🙏
पहली बार आपकी कविता सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, और दुख भी के अब इनकी महान रचनाएं सुनने का अवसर नहीं मिल पाएगा,पर इनकी पिछली रचनाएं ज़रूर सुनने की कोशिश रहेगी🙏🙏💐💐
नदियां धीरे धीरे बहना, नदिया घाट घाट से कहना कि मीठी मीठी मेरी धार , खारा खारा सारा संसार नदियां धीरे धीरे बहना....... भगवान दिवगंत आत्मा को शान्ति दे!!!
For those who love these lyrics and the amazing heart and soul in Pramod Tiwari ji's voice: नदिया धीरे-धीरे बहना नदिया धीरे-धीरे बहना नदिया घाट-घाट से कहना, मीठी-मीठी है मेरी धार खारा-खारा है सारा संसार तुझको बहते जाना है सागर का घर पाना है सागर से पहले तुझको गागर-गागर जाना है, सागर की बहना नदिया गागर से कहना नदिया गति में है जीवन का श्रृंगार बांधो न पावों में दीवार रस्ते मुश्किल होते हैं फिर भी हासिल होते हैं बहते पानी के संग-संग प्यासों के दिल होते हैं, बहना, बस बहना नदिया; कुछ भी हो सहना नदिया सब पे लुटाना अपना प्यार; कहना इसको कहते हैं धार सीमाएं क्या होती हैं कैसे तोड़ी जाती हैं तोड़ी सीमाएं फिर से कैसे जोड़ी जाती हैं, सबको समझाना नदिया; सबको बतलाना नदिया सीमाओं में भी है विस्तार; साधो न लहरों पर तलवार प्रचलित गतियों से बचना अपना पथ खुद ही रचना अपनी रचना में तुमको झलकेंगी गंगा-जमुना, अपना पथ अपना होगा; अपना रथ अपना होगा अपनी ही होगी फिर रफ़्तार; अपनी कश्ती अपनी पतवार सागर के घर जब जाना थोडा सोना सुस्ताना स्थिरता का सुख क्या है इसकी तह तक भी जाना, किरणें सर पर नाचेंगी; सूरज का ख़त बाचेंगी ख़त में होगा जीवन का सार; लेना फिर बादल का अवतार नदिया धीरे-धीरे बहना नदिया घाट-घाट से कहना .. मैं ही हूँ बादल का अवतार; फिर मैं गाऊंगा गीत मल्हार
ये मेरा दुर्भाग्य ही है जो आज पहली बार इस शानदार प्रस्तुति को सुना
नमन कविवर
इस बनावटी दुनिया में जब हर एक मुखौटा लगाए है तब ऐसे गीत कविताएं जिंदगी का मतलब समझा देती हैं,धरातल पर ला खड़ा करती हैं,
पहली बार सुना!
देर हो गयी आप तक पहुँचने में 😢
नमन है
उफ़्फ़। कितनी बड़ी दौलत खो गयी। एक सच्चा और ईमानदार गीतकार चला गया। 3 ॐ शान्ति शान्ति शान्ति ।
ओह सही कहा
@@shweta326 0 pop puppy for o
High
Nahi bhai ese log marte nahi hai amar ho jate hai
अपना पथ अपना होगा, अपना रथ फिर अपना होगा, अपनी ही होगी फिर रफ्तार अपनी कश्ती अपनी पतवार 😊😊❤❤
तिवारी जी की ये कविता हर मन को मोहने वाली है मां शारदा का श्ब्दों मे स्वय अवतरण है ऐसा लगता है पर अब तिवारी जी हमारे बिच नहि है भगवान उनको अपने चरणों मे स्थान दे ओम शान्ति
बेटियों के लिए इस अद्भुत संदेश के लिए. भाव पूर्ण श्रद्धांजलि.
प्रणाम है आप को जो आप ने एक बेटी को उपदेश देते हुए एक नदिया का नाम दिया बेटी जब ससुराल जाती है तब उसे यही करना पड़ता है
Iske kai arth hain
Ye kavita mere jivan ki sabse badi inspiration hai
The great pramod sir
ओ नदिया आना फिर इस पार, रहेगा तेरा फिर इंतज़ार ।
ओ नदिया बहुत बड़ा है तेरा संसार..
दिवंगत तिवारी जी को विनम्र श्रधांजलि।
आज पहली बार इस दिव्य कविता को सुना।कॉमेंट बॉक्स में पढ़ने पर पता चला की इसकी रचना करने वाले महान कवि इस संसार में अब नहीं रहे।बेहद ही भावुक और सारगर्भित रचना है हमारी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि प्रमोद जी को।बारंबार नमन।
भाईसाहब आप के गीत हमारी यादों मे सदा रहेंगे एक श्रेष्ठ गीतकार हमसे सदा के लिए दुर चला गया श्रद्धांजलि
वह वाह वाह क्या ही सुंदर गीत है, अद्भुत अनुपम भावपूर्ण श्रद्धांजलि
Ek hira kho diya hmne😢. क्या अद्भुत कल्पना हैं❤
😂
aapke shabd sunke man ki halchal ko ek disha milti hai, bahut aabhar Swargiya Shri Pramod Tiwari ji.
क्या बात है दिल छू लिया आपने प्रकृति प्रेमियों का 👌👌👌
आज पहली बार सुना आपको,मन तृप्त हो गया,लेकिन ये जानकर बहुत अफसोस हुआ की आप हम सबके बीच नही है।🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
Sadar naman. Kya likha hai, us se behtar gaya hai.
जीवन को चलने का शानदार मार्ग सिखाती अदभुत कविता ,दिल निकाल कर रख दिया यही जीवन का खूबसूरत श्रृंगार ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
👌👌👌👌👌 bahut kuch shikne ko mila hai esh geet se 🙏🏻🙏🏻 radhey krishna
आदरणीय आप की इस रचना मैने कुछ ही महीने पहिले सुनी देखी और जबसे इसको मैने सेकड़ो बार सुना,पता चला कि इस कविता को रचने बाले अब इस दुनिया मे नही है,
ऐसी पूण्य आत्मा को मेरा
सादर नमन 🙏
Meri bhi yahi sthiti hai ,,,,,hajar bar sunkar rataa gayi mujhe to ,,,miss u A lot😪😪😪❤️
@@manimalasharma5875 🙂
अद्भुत गीत ,,,अद्भुत गीतकार हैआप,,,, कुमार साहब का एक गीत है वो कहते है कि ,,जो आता है सो जाता है पर जब आप जैसा कोई असमय जाता है तो दुःख होता है,,,💜💜🙏🙏
😢😢😢😢😢😢❤
इतने बड़े गीतकार को मैं पहली बार सुन रहा हूं। शायद मैं काफी लेट हो गया । इतनी अच्छी आवाज,!!🙏🙏
Pramod Tiwari ji k shandar kavita.. naman hai aapko sir 🙏
पहली बार आपकी कविता सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, और दुख भी के अब इनकी महान रचनाएं सुनने का अवसर नहीं मिल पाएगा,पर इनकी पिछली रचनाएं ज़रूर सुनने की कोशिश रहेगी🙏🙏💐💐
अद्भुत व्यक्तित्व तिवारी जी आपका असमय दुनिया से जाना अपूरणीय क्षति है।आपकी हर कविता सहज सरल संदेश देती है।
Bahut dukhad
अद्भुत रचना ll मन मोहित कर लिया सर 🙏🙏
परम् श्रद्धेय आदरणीय स्वर्गीय श्री प्रमोद तिवारी जी को कोटि कोटि नमन 🌹🌹🙏🙏 जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम 🇮🇳🇮🇳🚩🚩🕉️🕉️🙏🙏
Pramod ji Mai aur mere bachhe aapkki ye Kavita Kam se Kam ek Baar jarur sunte hai.
Jab se mene suna hai dil me jagah bana li hai iss geet ne
Asli rachna yahi hoti hai...bahut khoob sir
अद्भुत, अद्वितीय ,अतिसुंदर रचना..👌👌👌💐😢😢😢
Apni Rachnaaon ke Zariye Aap Hamaare Dilon Mein Sadaa Rahoge...
Shubh-Bhavana, Pramod Ji
वाह कवि महोदय,
आप हमारे दिलों में आपका स्थान हमेशा हमेशा रहेगा।
नदियां धीरे धीरे बहना, नदिया घाट घाट से कहना कि मीठी मीठी मेरी धार , खारा खारा सारा संसार नदियां धीरे धीरे बहना.......
भगवान दिवगंत आत्मा को शान्ति दे!!!
Gajab
23 nov 2024 ko meri shadi hai aaj mere father n muje bahut bahvuk ho kr yeh sunder poem sunne ko kaha. ❤
very genius poem and poet salam saab....pramod jee
Million like deserve😢❤
Wonderful
Apko bahut miss kar rahe he
Really amazing creativity, repeatedly listening from three days. Every word delivers positivity and energy
We are grateful of your great composing talent..
Thanks sir.... U r so great .... U were really great....
Bahut dilkash shabdo ki maala jaan ko chhu gayi ❤
Super poet
Shandar poems written by sir🙏🙏
बहुत सुंदर रचना
अद्भुत, अद्वितीय
Bhot he khoobsurst kavita hae sir I salute u
Super se bhi upar
बहुत शानदार
जीवन सार्थक हो गया
Lisinin this poem is just feeling of doing meditation
Sadar Naman 🙏
Bahut hi Sundar Manmohak Kavi
That is why old is gold salute him
You are my best poet Mr pramod ji. Always miss u
ये विलक्षण व्यक्तित्व हैं अजर अमर। कण कण में व्याप्त हैं आभास करने की जरूरत है। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Shandaar,jabardast,hatts off 2u sir,,
जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गये।
It's really one of the best poetry
अद्भुत कविता निश्चय ही सर्वश्रेष्ठ
अद्भुत कविता
प्रणाम सर
बहुत ही सुन्दर, सराहनीय... कविता
बहुत अच्छा गीत । विनम्र श्रद्धांजलि
Bahut sundar geet ❤❤❤❤
I got goosebumps listening this.
बहुत याद आते हैं आप।😥
❤झंझोर दिया हृदय को 😢
2021 needs this ....
MY life is the only best complicated song Patmos ji
Very good
Nice
Bahot khub 👌👌👌
Sadar Naman sir ji❤
अत्युत्तम , dislike Karne wale fir se sune
बहुत ही खूबसूरत ❤
Bahut sundar.bhavbhini shardanjali
बहुत ही सुन्दर 👌🏻🌻🙏🏻
Hindi kavya jagat ke anmol ratna the sir
वाह वाह शानदार लाजबाब 👌 👌 👌
नमन 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
Heart touching poem h sir.
Simply Awesome 👍👏👍
बहुत दुखी हो गया मन ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे।
तिवारी जी आपने याद ताजा कर दिया।
बहुत प्रेरणादायक गीत
Bahut badhiya rachna.
क्या बात है क्या भाव है 👍👍👍👍
For those who love these lyrics and the amazing heart and soul in Pramod Tiwari ji's voice:
नदिया धीरे-धीरे बहना
नदिया धीरे-धीरे बहना नदिया घाट-घाट से कहना,
मीठी-मीठी है मेरी धार खारा-खारा है सारा संसार
तुझको बहते जाना है सागर का घर पाना है
सागर से पहले तुझको गागर-गागर जाना है,
सागर की बहना नदिया गागर से कहना नदिया
गति में है जीवन का श्रृंगार बांधो न पावों में दीवार
रस्ते मुश्किल होते हैं फिर भी हासिल होते हैं
बहते पानी के संग-संग प्यासों के दिल होते हैं,
बहना, बस बहना नदिया; कुछ भी हो सहना नदिया
सब पे लुटाना अपना प्यार; कहना इसको कहते हैं धार
सीमाएं क्या होती हैं कैसे तोड़ी जाती हैं
तोड़ी सीमाएं फिर से कैसे जोड़ी जाती हैं,
सबको समझाना नदिया; सबको बतलाना नदिया
सीमाओं में भी है विस्तार; साधो न लहरों पर तलवार
प्रचलित गतियों से बचना अपना पथ खुद ही रचना
अपनी रचना में तुमको झलकेंगी गंगा-जमुना,
अपना पथ अपना होगा; अपना रथ अपना होगा
अपनी ही होगी फिर रफ़्तार; अपनी कश्ती अपनी पतवार
सागर के घर जब जाना थोडा सोना सुस्ताना
स्थिरता का सुख क्या है इसकी तह तक भी जाना,
किरणें सर पर नाचेंगी; सूरज का ख़त बाचेंगी
ख़त में होगा जीवन का सार; लेना फिर बादल का अवतार
नदिया धीरे-धीरे बहना नदिया घाट-घाट से कहना ..
मैं ही हूँ बादल का अवतार; फिर मैं गाऊंगा गीत मल्हार
Thank you Sir
बहुत सुन्दर कविता 🙏🙏
सबसे बेहतरीन कविता गाया
Wow wonderful Geet
Hii
Adbhut..👍👍
June 2024 me sunne Wale ❤❤
Bahut Sundar 👌🌹🌹
वाह
महान तिवारी जी।
❤ unmatched.
Ati sundar ❤
Salute...promodji
Naman hai dada aap ki rachana aur aapko
बहुत ही सुंदर कविता है l
Awesome v true
Aapko bar bar Naman
Lazwab 😮😮❤❤
अति सुन्दर रचना
Bahute madhur tatha prasangik sunder