माँ के चौथे स्वरुप देवी कुश मांडा की कथा।
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- Опубликовано: 19 окт 2023
- नवरात्रि के चौथे दिन की देवी हैं माता कूष्माण्डा । माता की मंद हंसी से ब्रह्मांड उत्पन्न होने के कारण उन्हें देवी कूष्माण्डा के नाम से जाना गया। जब यह सृष्टि नहीं थी और सभी दशों दिशाओं में अंधकार था, तब इन्हीं देवी ने अपने दिव्य हास्य से इस ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः इन्हें सृष्टि की आदिस्वरूपा कहा जाता है।
माना जाता है कि सृष्टि की उत्पत्ति से पूर्व जब चारों ओर अंधकार था और कोई भी जीव जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी कारण उन्हें कूष्मांडा कहा जाता है। सृष्टि की उत्पत्ति करने के कारण इन्हें आदिशक्ति नाम से भी अभिहित किया जाता है।
जय माँ देवी कुश मांडा की
जय गौ माता की।
Very nice video
Thanks! May the blessings of maa Bhawani be always on you and your family.