माँ बगलामुखी महाविद्या दस महाविद्याओं मेंआठवीं महाविद्य:शत्रु नाशकऔरविजय की देवी;

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  • Опубликовано: 28 авг 2024
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    माँ बगलामुखी महाविद्या: दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्य
    *माँ बगलामुखी महाविद्या* दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं, जो शत्रु नाश और विजय की देवी मानी जाती हैं। तंत्र शास्त्र में उनका विशेष स्थान है और वे साधकों को शत्रु बाधाओं से मुक्ति और विजय प्रदान करती हैं। उन्हें स्तंभन शक्ति की देवी भी कहा जाता है, जो शत्रुओं के दुष्प्रभावों को नष्ट करती हैं और साधक को सफलता प्रदान करती हैं।
    बगलामुखी को अर्पित किए जाने वाले भोग
    1. **हलवा**: गेहूं के आटे से बना हुआ हलवा।
    2. **पीली मिठाइयाँ**: जैसे बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू।
    3. **केसर**: केसर भी माँ बगलामुखी को अर्पित किया जाता है।
    4. **पीले फल**: जैसे आम, केला।
    5. **पंचामृत**: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना पंचामृत।
    माँ बगलामुखी की पूजा में मन, वचन और कर्म की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माँ बगलामुखी महाविद्या के माध्यम से साधक अपने शत्रुओं से मुक्ति और विजय प्राप्त कर सकता है।
    माँ बगलामुखी महाविद्या: शत्रु नाशक और विजय की देवी
    *माँ बगलामुखी महाविद्या* दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं, जो शत्रु नाश और विजय की देवी मानी जाती हैं। तंत्र शास्त्र में माँ बगलामुखी का विशेष स्थान है और वे साधकों को शत्रु बाधाओं से मुक्ति और विजय प्रदान करती हैं। उन्हें स्तंभन शक्ति की देवी भी कहा जाता है, जो शत्रुओं के दुष्प्रभावों को नष्ट करती हैं और साधक को सफलता प्रदान करती हैं। यहाँ माँ बगलामुखी महाविद्या से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
    1. **दस महाविद्याएँ**:
    - काली: अज्ञानता को नष्ट करती हैं।
    - तारा: मुक्ति प्रदान करती हैं।
    - त्रिपुरसुंदरी (श्री विद्या): सौंदर्य और आनंद की देवी।
    - भुवनेश्वरी: जगत की अधिष्ठात्री देवी।
    - भैरवी: शक्ति और साहस की देवी।
    - छिन्नमस्ता: आत्म-त्याग और बलिदान की देवी।
    - धूमावती: विधवा रूप में ज्ञान की देवी।
    - बगलामुखी: शत्रु नाश और विजय की देवी।
    - मातंगी: विद्या और संगीत की देवी।
    - कमला: लक्ष्मी का रूप और धन-समृद्धि की देवी।
    2. **भोग**: माँ बगलामुखी को अर्पित किए जाने वाले भोग जैसे हलवा, पीली मिठाइयाँ, केसर, पीले फल और पंचामृत।
    माँ बगलामुखी की पूजा में मन, वचन और कर्म की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माँ बगलामुखी महाविद्या के माध्यम से साधक अपने शत्रुओं से मुक्ति और विजय प्राप्त कर सकता हैI
    भारत में माँ बगलामुखी मंदिर विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं। कुछ प्रमुख मंदिर निम्नलिखित हैं
    1. **नलखेड़ा, मध्य प्रदेश**: यह मंदिर माँ बगलामुखी का एक प्रमुख और प्राचीन मंदिर है।
    2. **कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश**: यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक है और यहाँ बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं।
    3. **दतिया, मध्य प्रदेश**: यह मंदिर भी माँ बगलामुखी को समर्पित है और यहाँ भक्तों का तांता लगा रहता है।
    4. **हरिद्वार, उत्तराखंड**: यहाँ भी माँ बगलामुखी का एक प्रसिद्ध मंदिर है।
    5. **पटियाला, पंजाब**: पटियाला में भी माँ बगलामुखी का एक महत्वपूर्ण मंदिर है।
    ये मंदिर माँ बगलामुखी की उपासना और आराधना के प्रमुख केंद्र हैं।
    माँ बगलामुखी शक्तिपीठ कांगड़ा जिले के बांकुरा गांव में स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश में है। यह शक्तिपीठ माँ बगलामुखी को समर्पित है और यहाँ बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह स्थान अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है।
    माँ बगलामुखी शक्तिपीठ कांगड़ा जिले के बांकुरा गांव में स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश में है। यह शक्तिपीठ माँ बगलामुखी को समर्पित है और यहाँ बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह स्थान अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है।
    बगलामुखी को तंत्र की देवी माना जाता है । इनकी आराधना से दैवी प्रकोप,व्यापार में उन्नति और शत्रु से रक्षा तथा शांति, सुख समृद्धि राज्यकृपा की प्राप्ति होती है। भोग और मोक्ष देनों देने वाली इन महाशक्ति देवी की उपासना से प्रत्येक दुर्लभ वस्तु प्राप्त की जा सकती है। इन्हें ब्रह्मास्त्र विद्या के अतिरिक्त पीतांबरा, त्रिनेत्री, खड्गधारिणी, श्री विद्या, देवी श्री त्रिपुर सुंदरी, विश्वेश्वरी, मातंगी आदि नामों से भी पुकारा जाता है।
    माता बगलामुखी के सम्पूर्ण भारत में केवल दो सिद्ध शक्तिपीठ विद्यमान हैं, जिसमें से बनखण्डी एक है और दूसरा मध्य प्रदेश में है । इन दोनों मंदिरों का अपना अपना महत्व है । यहां पर लोग अपने कष्टों के निवारण के लिये हवन एवं पूजा करवाते हैं। लोगों का अटूट विश्वास है कि माता अपने दरबार से किसी को निराश नहीं भेजती। केवल सच्ची श्रद्धा एवं सद्विचार की आवश्‍यक्‍ता है। हिमाचल में माँ श्री बगलामुखी का सिद्ध शक्तिपीठ कांगड़ा जनपद के कोटला क़स्बे में स्थित हैI

Комментарии • 2

  • @DharmikKatha13
    @DharmikKatha13  Месяц назад +1

    IIॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम: II

  • @NehaKumari-il8ru
    @NehaKumari-il8ru Месяц назад

    ❤ Jay mata di ❤