पेड़ों की खेती से लखपति बनें

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  • Опубликовано: 2 окт 2024
  • मालाबार नीम के पौधे की खासियत यह है कि इसमें ज्यादा खाद व पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है. यह सभी प्रकार की मिट्टी में लगाया जा सकता है. मालाबार नीम के पेड़ पांच साल में ही यह इमारती लकड़ी देने लायक हो जाते हैं. मालाबार नीम या मेलिया डबिया इस पेड़ को कई नाम से बुलाया जाता है. मेलियासी वनस्पति परिवार से उत्पन्न.
    मालाबार नीम यूकेलिप्टस की तरह तेजी से बढ़ता है. यह रोपण से 2 साल के भीतर 40 फुट तक ऊंचाई ले लेता है. कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के किसान इस पेड़ की फार्मिंग बड़ी संख्या में कर रहे हैं.
    मालाबार नीम के पौधे की खासियत है कि इसमें ज्यादा खाद व पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है. यह सभी प्रकार की मिट्टी में लगता है. पांच साल में ही यह इमारती लकड़ी देने लायक हो जाते हैं. इसे खेत की मेड़ पर भी लगा सकते हैं. इसका पौधा एक साल में 08 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है. इसके पौधों में दीमक नहीं लगने सेप्लाईवुड इंडस्ट्रीज में इसकी सर्वाधिक मांग है.
    लकड़ी का उपयोग
    इसकी लकड़ी का उपयोग पैकिंग के लिए, छत के तख्तों, भवन निर्माण के उद्देश्यों, कृषि उपकरणों, पेंसिल, माचिस की डिबिया, संगीत वाद्ययंत्र, चाय की पेटियों व हर तरह के फर्नीचर बनाने में होता है. इससे तैयार फर्नीचर में कभी भी दीमक नहीं लगते हैं. लिहाजा, इसकी लकड़ी से जीवनभर के लिए टेबल-कुर्सी, आलमीरा, चौकी, पलंग, सोफा व अन्य सामान बनवाए जा सकते हैं.
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