क्या हम एक वस्तु मात्र हैं? | Are We just an Object?
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- Опубликовано: 9 фев 2025
- इस वीडियो में निम्नलिखित दस बिंदुओं द्वारा स्वयं को वस्तु मात्र समझने की हमारी गंभीर भूल दर्शाई गई है - वस्तु क्या है?
1. वस्तु वह है जो अपने से भिन्न हो।
2. वस्तु वह है जिसे कि जाना जा सके।
3. वस्तु वह है जिसकी स्थिति देश-काल में ही सम्भव हो।
4. वस्तु वह है हों अनादि न हो अर्थात उत्पन्न हुई हो एवं फिर नष्ट हो जाए।
5. वस्तु वह है जिसमें कुछ न कुछ विषयगत गुणधर्म हों जैसे कि रंग, रूप, अवयव आदि।
6. वस्तु वह है जोकि सतत क्षीणता को प्राप्त हो पुरानी पड़ती जाती है।
7. वस्तु वह है जिसके विषय मे चिंतन हो सके और धारणा बन सके।
8. वस्तु वह है जोकि निराधार न हो अर्थात जिसकी स्थिति बिना किसी अन्य आधार के सम्भव न हो।
9. वस्तु वह है जिसका कोई भी अस्तित्व बिना स्मृति के सम्भव ही नहीं।
10. वस्तु वह है जो स्वयं को कदापि नहीं जान सकती।
अब आप अपने को जो कुछ समझते है उस सबको उपरोक्त दस बिन्दुओं से मिलाकर देखे...कहीं आप भी मात्र वस्तु ही तो नहीं!
In this video, based on 10 points, the following concepts are elucidated: Firstly, as we think of ourselves, so we become. Secondly, we are not the person whom we think we are. Thirdly, it posits that a person is an object, not a subject.
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नमन प्रभु 🌹
Parnam maharaj ji 🙏
यह कैसा प्रेम है महाराज जी आपका ,जो में व्यक्त भी नही कर पा रहा हूं 🙏 जैसे यह बढता ही जा रहा हो और साथ ही खुद के स्वरुप को प्राप्त होता ही जा रहा हो 🙏बहुत संभाला है आपने और अब जैसे सारे आधार छुट कर निराधार होते जा रहा, आपका धन्यवाद 🪔ॐ
🙏🙏🙏🙏
अद्भुत ज्ञान गुरुदेव जी,आपको कोटी प्रणाम ❤❤
🙏🙏
❤❤❤
दंडवत प्रणाम महाराज जी 🙏
आपने नया आसमान दिया है उड़ने के लिये
Hariom Tatsat namah Shivay
Parnaam maharaj ji 🙏
Bahut Sundar aur Gehre margdarshan ke liye aapka bahut bahut dhanyavad
Thanks
Sundar
True❤❤
Hariom. Swamiji❤
🙏प्रणाम महाराज जी🙏
आपने बहुत अच्छी तरीके से बताया कि हम एक बस्तु मात्र हैं।
स्वामी जी बहुत अच्छा विवरण.नमस्ते.
Etai sotto je amara 🌿🍃🌿🍃🌿🍃nature bostu rrr kichu na😞
आत्मा सदैव मुक्त है जो कि मैं हूं। अपने आप को जो आप मानते हो वही बन जाते हो, इसलिए मुक्त होते हुए भी बंधन है।
Hari Om tat sat my friends शुक्रिया बहुत-बहुत धन्यवाद मार्गदर्शन के लिए Sadar naman सच्चिदानंद भगवान
प्रभु आपकी वाणी ने हमारे जीवन को रूपांतरित कर दिया आपके सत्संग ने सब कुछ शून्य कर दिया वास्तव में शून्य में शून्य की हिलोर है जब से जीवन मे आपका सत्संग मिला हमे जीवन जीने की सही दिशा मिली आपका बहुत बहुत धन्यवाद
प्रभु आपके चरणों में कोटि कोटि नमन
स्वामीजी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन
धन्यवाद
Excellent
Guru ji ek prashan ha mera ...kehte hain ki aatma sada rehta hai marta nahi na janam leta hai. Phir jin logon ko aatm sakshatkar ho jaata hai woh dubara is duniya main nahi aate ...yeh kaise ho sakta hai kyonki jo gaya hi nahi woh sada vidyeman haiwoh na jaayega na aayega. Phir mukti kiski hui sharir to pehle hi vastu hai jo isi sansar main bani aur isi sansar main nasht bhi ho gayi ..aatma to sadaiv hai to phir mukti kiski hui
Kripya jawab jaroor dein
प्रणाम!
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके: ईमेल आईडी:
satya_ki_aur@yahoo.com टीम - सत्य की ओर
महाराज जी प्रणाम !बहुत सुंदर तरीके से आपने बताया कि शरीर एक वास्तु मात्र है इस अद्भुत व्याख्या के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत बढिया
प्रणाम महाराज जी 🙏 | उत्तम में भी सर्वोत्तम विचार की अभिव्यक्ति
ना मैं यह हूं ना मैं वह हूं l ना मैं मन हूं ना मैं बुद्धी हूं l ना मैं सुख हूं ना मैं दुःख हूं l ना मैं अहंकार हूं ना मैं चित्त हूं l ना मैं मृत्यू हूं ना मैं जनम हूं l ना मैं भोजन हूं ना मैं भोक्ता हूं l मैं तेजम हूं मैं सोहम हूं l मैं सत चिद आनंद हूं l अहं निर्विकल्प निराकार रुपौ विभुरव्याप्य सर्वत्र सर्वइंद्रियांनाम सदा मे समत्वम न मुक्तीर्ण बंधा चिदा नंद रूप शिवोहम शिबोहम ll🙏
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