जागृत, स्वप्न, सुषुप्ति, और तुरीय अवस्था क्या || जीवात्मा के चार अवस्था ~jeevaatma ke chaar avastha

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  • Опубликовано: 9 фев 2025
  • जागृत, स्वप्न, सुषुप्ति, और तुरीय अवस्था क्या || जीवात्मा के चार अवस्था ~jeevaatma ke chaar avastha
    जागृत, स्वप्न, और सुषुप्ति, ये तीन अवस्थाएं जीव के जीवन का हिस्सा हैं. इनके बारे में ज़्यादा जानकारीः
    जागृत अवस्था
    यह अवस्था जगा हुआ व्यक्ति की होती है. इस अवस्था में व्यक्ति बाहरी दुनिया का अनुभव करता है और पांचों इंद्रियों के ज़रिए चीज़ों को देखता है.
    स्वप्न अवस्था
    यह जागृति और निद्रा के बीच की अवस्था होती है. इस अवस्था में व्यक्ति थोड़ा जागा और थोड़ा सोया रहता है. स्वप्न में अस्पष्ट अनुभव होते हैं और व्यक्ति को किसी भी समय कोई भी सपना आ सकता है.
    सुषुप्ति अवस्था
    यह गहरी नींद की अवस्था होती है. इस अवस्था में पांचों ज्ञानेंद्रियां और पांचों कर्मेंद्रियां सहित चेतना विश्राम करती है. सुषुप्ति में मन निश्चल होता है और व्यक्ति को अपने होने के भाव से आनंद मिलता है.
    इन तीनों अवस्थाओं के अलावा, चौथी अवस्था तुरीय है. तुरीय अवस्था में न तो स्वप्न होता है और न ही सुषुप्ति. यह अवस्था आध्यात्मिक खोज और अभ्यास से हासिल होती है
    ( Prabhu vinodanand)
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