क्या भाई भतीजावाद नही चाहते हैं तो किसी विदेशी को नियुक्ति चाहते हो भारत में परिवारवाद, भाई भतीजावाद, जातिवादी, धर्मवाद मनुवादी सारे वाद विवादित मिल जाते हैं तो किसी विदेशी शक्तियां ही इनसे परे होती है। सर्व विदित है कि हिन्दू ही हिन्दू से नफरत करने में माहिर।
जिस तरह आईएएस, आईपीएस जैसे परीक्षा होना चाहिए ताकि क्रीम इंसान उस कुर्सी पर बैठने हकदार है. सारे विभाग में सुधार हुआ लेकिन अदालत आज भी आमदनी का दुकान बन कर रह गया है.
कॉलेजियम सिस्टम पारदर्शी नहीं है और सभी वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है । जब तक सभी वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं होगा , तब तक सभी वर्ग को न्याय सही मिल रहा है , कोई गारंटी नहीं है । इसलिए इस सिस्टम को बदल कर अखिल भारतीय विधिक आयोग के माध्यम से खुले रुप से सभी वर्गों के लिए होना चाहिए ।
@@CharanSingh-fh2hs असंवैधानिक कोलेजियम सिस्टम सीधे सीधे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, जो मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार के हनन होने पर संविधान की व्यवस्था है कि अनुच्छेद 32 के तहत उपचार हेतु सुप्रीम कोर्ट और अनुच्छेद 226के तहत हाई कोर्ट में उपचार हो ताकि मौलिक अधिकार का हनन रोका जाय।सभी विधि स्नातक को मेरिट पर जज बनने का मौका मिलना चाहिए। साथ ही कोर्ट के कार्यों के समीक्षा के लिए कोर्ट के सहमति से एक पारदर्शी सिस्टम बनाना चाहिए।
@@rampratapsingh1964ED,CBI is best in taking against your corrupt leaders..that's why your stomach is getting pain..instead you should suggest your leaders to be corruption free.
Ek tarha sey Govt rishvat deyte hai ta ke apne marzi ka judgment hom. Post retirement appointment nahe hona chaheye balki sitting judges ka he appointment hona chaheye.
@@studyadda365usb भाई प्रेसिडेंट कंफर्म ही करती हैं बस बाकी उनके पास कोई अधिकार नहीं है और सिर्फ 1 बार ही रिजेक्ट कर सकती हैं अगर सेम रिक्वेस्ट सेकंड टाइम गई तो तो उनको मानना ही पड़ेगा वो बाध्य हैं फिर करने के लिए आज भाई भतीजा बाद है ये सच है लेकिन ज्यूडिशियरी मजबूत है ।
@@Thetruthhunter01 Dhongi ho Tum log Tumse Bada Dalal Chatukar koi nahi hoga Samjhe or Faltu ka Comment na karna ab Tumse koi baat kar raha hai Tumhari kyu Jal rahi hai
भारत की जनसंख्या बहुत अधिक हो गई 👉समय पर सभी को न्याय मिले इसके लिए न्यायालय और न्यायाधीशों की संख्या दुगनी की जाए 👉कॉलेजियम सिस्टम समाप्त कर आयोग बना कर परीक्षा के आधार पर जज का चयन हो
कॉलेजियम को ख़तम करने के लिए इसमें आरक्षण को लागी किया जाए, इस देश की 90% आबादी की हिसदारी इसमे होनी चाहिए। इस देश की आबादी के हिसाब से जजों की नियुक्ति को जाए ना कि एक ही जाति के लोगो की
बेहद आपत्तिजनक कॉलेजियम सिस्टम।वर्तमान में ager इसका निदान सर्वजन हिताय बहुजन sukhay k तहत नही हुआ तो भविष्य में कुछ भी हो सकता है। अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर,आरक्षण नियमों के साथ ,प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा होना चाहिए। पात्रता मापदंड में कार्य अनुभव हो।
शरद हेमंत बोबडे ने बोला वर्तमान न्यायाधीशों के माध्यम से लंबित मुकदमों को हल करने के लिए 400 साल लगेंगे ऐसे में सभी को जीवन काल में न्याय मिलना मुश्किल है कृपया सरकार जल्द न्याय देने केलिए प्रयत्न करे।
वोट हमारा राज तुम्हारा कैसे एससी ओबीसी की जनसंख्या ज्यादा तो उनके अधिकारी ज्यादाक्यों नहीं है इस जाति के जज ज्यादा क्यों नहीं है डीसी भी में क्योंनहीं है इस पर विचार करना है साथियों
यदि कालेजियम सिस्टम में बदलाव कर दिया तो यह सरकार का सबसे अच्छा कदम होगा।इससे जनता-जनार्दन का जुकाम भी बीजेपी की तरफ अपने आप पर में शामिल होंगे। इसमें संसद द्वारा विशेष सत्र बुलाकर अध्यादेश लाया जाय और विधेयक लाकर कालेजियम सिस्टम को समाप्त कर दिया जाय।
Collegium k jariye unqualified log juditioary me baithe hai mehnat ke jariye sbhi ko chance milna chahiye exam conduct hona chahiye taaki judgement shi ho ske
ये कॉलेजियम सिस्टम बंद होना चाहिए ये न्यायपालिका का महा भ्रष्टाचार है संविधान के मुताबिक इस देश की जनता smprbhu है न की कोई जज या सुप्रीमकोर्ट या कोई नेता
न्यायपालिका अगर सरकार तय करने लगी तो नेताओं और सत्ता धारी लोगों की लाटरी लग जायेगी आम जनता को इन्सान कभी नहीं मिलेगा इस लिए इसे जनता के मत द्बारा नियुक्ति होनी चाहिए
कोलेजियम सिस्टम समाप्त होना चाहिए। देश के सभी हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति अखिल भारत स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए।इन परीक्षाओं में UR,EWS,OBC,SC,ST को आरक्षण मिलना चाहिए।
Ab sc me bhi judge ki niyukti upsc ,psc ki Tarah ho ,collegium system khatm honi chahiye . .... CJI chandrachud sir sc st ,obc ke liye vishvaas yogy nhi hai .
कॉलेजियम सिस्टम से नियुक्त किए जाने वाले कुछ न्यायाधीश राज्यसभा व अन्य राजनीतिक पदों के लालच में न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन जो संघ लोक सेवा आयोग से परीक्षा देकर जज बनेंगे तो न्यायिक प्रक्रिया में अधिक से अधिक सुचिता रहेगी
कोलेजियम को बंद नहीं होने के ही कारण न्याय व्यवस्था पर दुष्प्रभाव का जन्म का आरंभ हुआ। न्याय पालिका यदि कोई ठोस कार्रवाई वंचित वा उपयोगी अभर्थ्यथ्यों को उचित अवसर उपलब्ध नहीं हो सकता । सत्यम शिवम् !
कोलेजियम सिस्टम समाप्त होना चाहिये इसमे सभीब्राहमणवादी जज बैठे है और वे हमेशा बहुजनो के विरूध्द फैसला देते है।यह जाति सिस्टम समाप्त किया जाय इनकी नियुक्ति न्यायिक सेवा आयोग से परीक्षा पास करके जज बने तथा एस सी, एस टी, ओ बी सी को कोर्ट मे आरक्षण के तहत नियुक्त किया जाय।
जब केंद्र सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर क्रीमी लेयर पर सहमत नहीं हैं तो माननीय सुप्रीम कोर्ट 1 अगस्त 2024 के अपने आदेश को वापस क्यों नहीं कर सकती। इस बंद से देश में जनता हलाहल होने से बच सकती हैं😮
इस सिस्टम में संवैधानिक मूल्य जिसमें समानता, सोसल जस्टिस को पूरा नहीं करता है। इसी लिए बहुजन वर्गों की संख्या नगण्य है यह कहीं न कहीं डिसिशन को प्रभावित करता है।
काॅलेजियम सिस्टम की जगह पर सभी वर्गों से परीक्षा के आधार उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जानी चाहिए। ताकि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो और सभी सही न्याय मिल सके। सभी विभागों में प्रतियोगिता के आधार पर ही नियुक्ति होती है तो इसमें क्यों नहीं ?
कोलोजियम समाप्त होना ही चाहिए। जैसे चंद्रचूड़ के पिता जी CJI थे अब ये CJI हैं आने वाले समय में जरूर इनका लड़का बनेगा, तो जनता के टैक्स की सैलरी ले रहे हैं आखिर कब EWS, SC, ST और ओबीसी के गरीब छात्र कब जज बनेंगे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में। सरकार बिल लाये और कोलोजियम प्रणाली को समाप्त करें।
Before collegium system,Hon. President of India in 'consultation ' with cji was appointing judges. But in 1993 the supreme court hijacked this process stating the wrong meaning of 'consultation ' as ' concurrence ' . Moreover collegium system is not constitutional. So new system should be fully transparent & competitive like selections of IAS, IRS, CA etc. Moreover the central government also should pass some strict laws like the narco test, speaking / writing lie., making forged documents ( at least 15 years rigorous imprisonment & confiscation of wealth) So that load on judiciary will be reduced. Judges should not be allowed to give decisions as per their wish & will.
प्राची बहन श्री राधे राधे बहन, बहन , आपका हर एक विषय बेहद महत्वपूर्ण होता हैं (जैसा आप वीडियो के आरम्भ मे संकेत करती है) ,आपका सह्रदय आभार एवं साधुवाद बहन ।
कालेजियम सिस्टम खत्म होगा और सरकार के फेवर के लोगों से भर दिया जाएगा। हमारे लिए एक ही बात है हां अगर आरक्षण के हिसाब से नियुक्ति किया जाय तो कुछ बेहतर हो सकता है।
Government हमेशा राजनीति ही करती है, NJAC में भी SC, ST, OBC को स्थान दिया जा रहा था but General को कोई स्थान ही नहीं, क्या General इस देश के नागरिक नहीं। या government supreme court को भी जातिवाद का अड्डा बनाना चाहती है। Generals को भी आवाज उठानी चाहिए।
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का गठन किया जाए। अखिल भारतीय सेवा इस समय तीन है 1- IAS 2- IPS 3- IFS इसमें UPSC दो तरह से भर्ती करें पहले सीधी और दूसरी राज्यों के PCS/PPS और राज्यों के वन सेवा के अधिकारी से भरा जाय।
@@BhaiyaBabu-zm8jy बच्चे चीजे जैसी दिखती हैं वैसी होती नही , यह राज नीति है , बड़ा नेता कहि झुकता है तो वो सिर्फ हाइकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट है , नेताओ की मंशा इनको भी अपने इसारे पर नचाने की है
Anchor ji please. also ask another question to the audience, can govt put or select their own person who are yes man.... Will it be right if PM select his own man as CJI.
इस देश के बुद्धिजीवी लोगों को कॉलेजियम सिस्टम कतई स्वीकार नहीं होगा इसमें भारत सरकार को विचार करने की आवश्यकता है अब हर समाज के वर्ग में पढ़े लिखे लोग हैं बहुत दिनों तक किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है
In connection to the judicial reform it is necessary to revive again NJAC be like UPSC which become remote from any political pressure, who will organize examination and select passed candidates eligible for a judge
हमने लोकतंत्र इसलिए है की ये राजतंत्र से अच्छा सासन व्यवस्था है, लेकिन ऐसा नहीं की इसमें कमी नहीं है। जैसे इसमें हमेशा बहुसंख्यक समुदाय को अपनी तरफ आकर्षित जाता है जबकि अल्पसंख्यक वर्ग की बात कम या नहीं के बराबर ध्यान दिया जाता है। ठीक इसी प्रकार collegium प्रणाली में भी पारदर्शिता की कमी है लेकिन कार्यपालिका के हस्तक्षेप से ज्यादा बेहतर है। अगर NJAC पास हो जाता तो न्यायपालिका में कार्यपालिका का हस्तक्षेप बढ़ जाता जिससे रंजन गोगोई जैसे लोग ज्यादा भड़ जायेंगे और लोगों को न्याय देने से ज्यादा वो चाटुकारिता करके अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए काम करेंगे। बाकी आपलोगों की राय सादर आमंत्रित है। धन्यवाद 🙏🙏
कोलेजियम सिस्टम को ख़तम कर देना चाहिए और जाती जनगणना कराकर जनसंख्या के आधार पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जज के भर्ती में आरक्षण निर्धारित करना चाहिए और आईबीसी. एग्जाम लागु करना चाहिए जिसे प्रत्येक जाती वर्ग का पद आरक्षित रहे...
Civil and crime जज और पेनल जजों की नियुक्ति अलग होनी चाहिए जल्द केस का निपटारा हेतु, इस समय जमानत के लिए वह जज या जजों का दिखना, आज जज crime केस की तैयारी करेगा जजमेंट के लिए फिर अगर civil केस आया तो तैयारी?
Govt shoul not interfare in Judiciary system, Els Very Harmful result will come in future, 1st government should make law for transparency in Exam and anty paper leak and cheating Law
माननीय प्रधानमंत्री जी से देश को बहुत आकांक्षाये है राज्य सरकारें OBC आरक्षण को केंद्रीय व्यवस्था को ईमानदारी से लागू करने में अड़चनें पैदा कर रहे हैं मानवीय प्रधानमंत्री जी को गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए नीट काउंसिल में भी प्रधानमंत्री कार्यालय को सतत निगरानी ज़रूर रखना चाहिए ताकि किसी प्रकार कि गड़बड़ी न हो 🙏
न्यायपालिका में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। यदि कालेजियम सिस्टम खत्म हुआ तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह पायेगी। न्यायाधीशों का चयन भी जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए।
96% sirf brahman hi hai supreme court mey , aur 86% high courts mey , Yeh jaruri hai , bhai bhatija baad bahut jyada hai University mey 91 % Braham Ias 72% and ips 68% Brahman hi hai Yhe system rukna hi chahiye Jisko bhi doubt hai wo inki list dekh sakta hai , isme rti ki jarurat nhi hai
50 percent to UPSC me SC, ST, OBC ka reservation hai phir 70 percent IPS Brahman kahan se aa gaye. 2022 me UPSC Civil Services me total 72 ST selections me se akeli Meena jati ke 38 selections hue the, kya phir bhi ST arakshan ka vargikaran hokar Bhil, Santthal, Garasia, Saharia adi vastavik janjatiyon ko alag arakshan nahi milna chahiye?
1- Collegium system mai nishpakshata nahi hai . 2- Modi ji swayam nishpaksh nahi hain , atah Modi ji se nishpaksh nyay vyabstha ki apeksha nahi ki ja sakti hai.
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन किया जाना चाहिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयन किया जाना चाहिए इंटरव्यू के अंक 100 ही रखना चाहिए और उसमें भी जो भी उम्मीदवार परीक्षा पास करें उसे कम से कम 40% अंक अवश्य दिया जाना चाहिए क्योंकि अनुसूचित जातियों एवं जनजातीय तथा पिछड़ी जातियों को इंटरव्यू में जानबूझकर कम अंक दिए जाते हैं
कोलिजियम प्रणाली को तो खत्म किया हीं जाए साथ हीं सरकार के नियंत्रण से भी मुक्त हो,यह भी अति आवश्यक है।
कोलेजियम सिस्टम बंद हो। इसके लिए परीक्षा हो,फिर जज बने। मनुवाद ही असली जड़ है,इसको खतम होना चाहिए।
मनुबाद कया है जरा आम जनता को भी बतलाए।
राजनीति मे तो परिव़ाद और जातिवाद का विरोध किया जाता है परन्तु सुप्रीम कोर्ट मे जो परिव़ाद और जातिवाद है उसका भी विरोध किया जाना चाहिए।❤❤❤
Jaati ke naam pe kuchh nahi hona chahiye 😊
@@anujtripathi8282
जब तक जातियां हैं तब तक,जाति के नाम पर राजनीति होती रहेगी।
क्या भाई भतीजावाद नही चाहते हैं तो किसी विदेशी को नियुक्ति चाहते हो भारत में परिवारवाद, भाई भतीजावाद, जातिवादी, धर्मवाद मनुवादी सारे वाद विवादित मिल जाते हैं तो किसी विदेशी शक्तियां ही इनसे परे होती है। सर्व विदित है कि हिन्दू ही हिन्दू से नफरत करने में माहिर।
बेड़ा गर्क कर दिया इस भाई भतीजा वाद, सिफारिसी लोगो ने ही जज बन कर किया है। अपने स्व को पक्षकार होकर भी अपने पक्ष में सुनवाई,निर्णय तो गलत ही है।
NJAC aa gaya na toh ye neta court ko bhi bach khayenge Or neta apne matlab ke aadmi ko hi laagayega
@@sindhujha885 फैसले अभी भी सत्ता धारी दल के अनुसार आते हैं
@@sindhujha885जज बहुत सस्ते में बिकते है। नेताओं को थोड़ा बहुत शर्म आती है क्योंकि उन्हें जनता के पास जाना पड़ता है
मौजूदा सिस्टम सही है इसमें किसी पॉलिटिकल पार्टी का इंटरवेंशन नही है । जैसा है वैसा ही रहने दिया जाए
@@Yogendra_Yadavमौजूदा सिस्टम सही है इसमें किसी पॉलिटिकल पार्टी का इंटरवेंशन नही है । जैसा है वैसा ही रहने दिया जाए
जिस परिवार में कोई जज देखा जाता है वह परिवार भी तानाशाह की तरह व्यवहार करते हैं।
सिर्फ़ कड़ी परीक्षा के बाद ही न्यायालय में नियुक्ति होनी चाहिए....😢
सभी बिक जाते है पैसे पर देश की चिंता नही
जिस तरह आईएएस, आईपीएस जैसे परीक्षा होना चाहिए ताकि क्रीम इंसान उस कुर्सी पर बैठने हकदार है. सारे विभाग में सुधार हुआ लेकिन अदालत आज भी आमदनी का दुकान बन कर रह गया है.
"आईएएस" बनेंगे लेटरल एंट्री से
"जज बनेंगे" क्लोजियम सिस्टम से ,
और "ग्रुप डी" बनेंगे एग्जाम और फिजिकल टेस्ट से ?
शर्म आनी चाहिए....
शर्म होता तो ऐसा थोड़े करतें
Professor ki bahali bhi sirf interview se hoti central university m
All India Judicial Service must be introduced in India through upsc exam.
सही कह रहे हैं
👌👌👌🙏🙏👌👌
कॉलेजियम सिस्टम हटना चाहिए 🎉🎉
कॉलेजियम सिस्टम समाप्त होना ही चाहिए ।
लैटरल प्रवेश भी बंद होना चाहिए😊
@@vimlapandey2805 sawarn humesha chutyia hi rahega...Agar colegium system hata to wo bhi ye chutyie reservation lakar barbaad kar denge
Lateral Entery = Back door entery.
जब देश के उच्च न्यायालय से काॅलेजियम सिस्टम खत्म हो जाएगा।तो ये जाति धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर पाएंगे।
कॉलेजियम सिस्टम पारदर्शी नहीं है और सभी वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है । जब तक सभी वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं होगा , तब तक सभी वर्ग को न्याय सही मिल रहा है , कोई गारंटी नहीं है । इसलिए इस सिस्टम को बदल कर अखिल भारतीय विधिक आयोग के माध्यम से खुले रुप से सभी वर्गों के लिए होना चाहिए ।
@@CharanSingh-fh2hs असंवैधानिक कोलेजियम सिस्टम सीधे सीधे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, जो मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार के हनन होने पर संविधान की व्यवस्था है कि अनुच्छेद 32 के तहत उपचार हेतु सुप्रीम कोर्ट और अनुच्छेद 226के तहत हाई कोर्ट में उपचार हो ताकि मौलिक अधिकार का हनन रोका जाय।सभी विधि स्नातक को मेरिट पर जज बनने का मौका मिलना चाहिए। साथ ही कोर्ट के कार्यों के समीक्षा के लिए कोर्ट के सहमति से एक पारदर्शी सिस्टम बनाना चाहिए।
कोलेजियम संवैधानिक व्यवस्था नहीं है इनकी नियुक्ति के लिए परीक्षा क्यों नहीं होती
सत्र न्यायालय के न्यायाधीशों को इस परीक्षा में मौका मिलना चाहिए
Bhai jinaki pariksha hoti hai to kisake sath nyay hota hai . Tab kis aadhar par chayan hota hai .
Jaise ED cbi karti hai waise chahte ho kya
@@rampratapsingh1964ED,CBI is best in taking against your corrupt leaders..that's why your stomach is getting pain..instead you should suggest your leaders to be corruption free.
BJP wale es exam ka bi paper leak karwa dengy
सुप्रीम कोर्ट में अपनी मानसिकता को,भरने के लिए कांग्रेस ने,यह व्यवस्था लागू की थी।
नेता और न्यायमूर्ति को रिटायरमेंट के बाद की शासकीय सुविधा बंद हो। ये दे श। पर बोझ है ।
Ek tarha sey Govt rishvat deyte hai ta ke apne marzi ka judgment hom. Post retirement appointment nahe hona chaheye balki sitting judges ka he appointment hona chaheye.
"अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग" का गठन हो और UPSC द्वारा UR OBC SC ST EWS को खुली भर्ती कराया जाय,, अन्यथा भाई भतीजावाद खत्म नहीं होगा।
चुटिया प्रसाद जैसे upsc वाले सरकार की सुनते हैं ऐसे ही न्यायपालिका का हाल भी हो जायेगा
Confirm to president krti h
@@studyadda365usb भाई प्रेसिडेंट कंफर्म ही करती हैं बस बाकी उनके पास कोई अधिकार नहीं है और सिर्फ 1 बार ही रिजेक्ट कर सकती हैं अगर सेम रिक्वेस्ट सेकंड टाइम गई तो तो उनको मानना ही पड़ेगा वो बाध्य हैं फिर करने के लिए आज भाई भतीजा बाद है ये सच है लेकिन ज्यूडिशियरी मजबूत है ।
@@dev.com74 यदि भारत सरकार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करेगा तो सरकार किसको नियुक्त करेगा।
जो सरकार के इसरो पर काम करे तब न्याय और मिलेगा। जैसे अभी ED & CBI के डायरेक्टर करते हैं। वैसे ही सुप्रीम कोर्ट भी हो जायेगा।
जो एक बार जज बन गया फिर उसके परिवार या रिश्तेदार मे से कोई जज न बने तभी ये विवास्थ सुधरेगी
Politicians key betoon ko bhee chance nahe milna chaheye. Jai shah ka appointment kaisey hua?
सीनियर एडवोकेट को एलाऊ करना चाहिए competitive exam देने के लिए, फिर योग्य जज मिलेंगे
मौजूदा सिस्टम सही है इसमें किसी पॉलिटिकल पार्टी का इंटरवेंशन नही है । जैसा है वैसा ही रहने दिया जाए
@@Nothing_vIP when thete will be competitive EXAM then where is the role of political parties, Dear Great
अखिल भारतीय न्यायायिक सेवा आयोग बनना चलिए।
कॉलेजियम सिस्टम के कारण न्यायालय में न्याय नहीं मिलता बल्कि पूंजीपति और पैसों वालों के सामने न्याय बिक जाता है। कॉलेजियम सिस्टम बंद करो।
भाई भतीजावाद है बिल्कुल
Police bharti mei nhi yadav hi yadav 😅
@@deeppasharma6535 Tumhara Shuru ho gaya Jativad, Tumse koi Bola , kitna Padhe ho Andhbhakt
@@pankajyadav435 haaattttt mulle
@@pankajyadav435 अरे देखो आ गए टेढ़ी नाक धारी अक्ल लेस नमाजवादी के चाटुकार अखंड ब्रह्मांड के ज्ञान धारक परम चरण चुंबक ज्ञानी बाबा😂😂😂😂😂😂
@@Thetruthhunter01 Dhongi ho Tum log Tumse Bada Dalal Chatukar koi nahi hoga Samjhe or Faltu ka Comment na karna ab Tumse koi baat kar raha hai Tumhari kyu Jal rahi hai
न्यायपालिका को सरकारी भ्रष्टाचार से अब कोई नहीं बचा सकता। अब न्याय में ही transparency नहीं होगी, क्योंकि न्याय तो मिलेगा but निष्पक्ष नहीं होगा।
स्वास्थ, शिक्षा और न्यायपालिका को निःशुल्क और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए..... बाक़ी बातें बाद में 🥰🇮🇳🙏🤝👌👍
सभी समाज से एक एक जज होना चाहीए एक ही समाज का जज नही होना चाहीए
आपके सोच को सलाम।इतनी चिंता है तो जिस समाज से है उसी में पंचायत से निपटना चाहिए।
भारत की जनसंख्या बहुत अधिक हो गई 👉समय पर सभी को न्याय मिले इसके लिए न्यायालय और न्यायाधीशों की संख्या दुगनी की जाए
👉कॉलेजियम सिस्टम समाप्त कर आयोग बना कर परीक्षा के आधार पर जज का चयन हो
एक ही जाति के सब जज बनते आ रहे हैं जिनका न्याय अन्याय के साथ होता है।
कौन सी जाति?
न्यायपालिका मे आरक्षण नही मिलेगा तुम लोगों को 😂😂
😊😊😊😊😮😅😅😅 4:40 4:42 4:42 4:43 4:44 4:44 4:44 4:44 4:45 4:57 5:17 5:18 5:19 5:19 5:19 5:19 5:20 5:24 5:24 5:25 5:25 5:26 5:27 5:28 5:28 5:28 5:29 5:29 5:30 5:30 5:30 5:30 4:45 4:45 4:45 4:45 4:46 4:46 4:46 4:46 4:47
Right
Exam जरूरी है UPSC के द्वारा नहीं तो बेड़ा गर्क हो जाएगा अदालतों का भी और भी ज्यादा
न्यायालय में बदलाव की जरूरत है जब तक न्याय में भाई भतीजावाद चलेगा। तब तक देश नहीं सुधर पायेगा पाएगा।
कॉलेजियम को ख़तम करने के लिए इसमें आरक्षण को लागी किया जाए, इस देश की 90% आबादी की हिसदारी इसमे होनी चाहिए। इस देश की आबादी के हिसाब से जजों की नियुक्ति को जाए ना कि एक ही जाति के लोगो की
कॉलेजम खुद ही असमवेधानिक है, पीड़ादाययक है
बिल्कुल भाई भतीजा बाद चलता है.
बेहद आपत्तिजनक कॉलेजियम सिस्टम।वर्तमान में ager इसका निदान सर्वजन हिताय बहुजन sukhay k तहत नही हुआ तो भविष्य में कुछ भी हो सकता है।
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर,आरक्षण नियमों के साथ ,प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा होना चाहिए। पात्रता मापदंड में कार्य अनुभव हो।
न्यायपालिका अपना भर्ती आयोग बनाये और आरक्षण के अनुसार भर्ती करे ।
शरद हेमंत बोबडे ने बोला वर्तमान न्यायाधीशों के माध्यम से लंबित मुकदमों को हल करने के लिए 400 साल लगेंगे
ऐसे में सभी को जीवन काल में न्याय मिलना मुश्किल है
कृपया सरकार जल्द न्याय देने केलिए प्रयत्न करे।
कोलेजियम सिस्टम से न्यायधीश की भर्ती न्यायसंगत नहीं है। जनसंख्या के आधार पर हर समाज को आरक्षण देना चाहिए,
Sanskriti IAS me padhane wale sabhi teacher's ka mindset ek jaisa hi mila abhi tak 😂😂😂 shandar gjb parchar sansthan
OBC, SC, ST का खुली भर्ती होना चाहिये... कोलेजीयम ख़तम होना चाहिये!
Hh बिना एग्जाम का
@@abhayda9895#bin exam pe court mein job milta general logo ko
@@abhayda9895collegium system khatam hoga phir pariksha lo
बंद तो होना चाहिए ये लोग खानदानी बना दिये
Supreme court ke sbhi pado ki niyukti UPSC ke dwara hi honi chahiye
Colegeum system ko jarur samapt hona chahiye
वोट हमारा राज तुम्हारा कैसे एससी ओबीसी की जनसंख्या ज्यादा तो उनके अधिकारी ज्यादाक्यों नहीं है इस जाति के जज ज्यादा क्यों नहीं है डीसी भी में क्योंनहीं है इस पर विचार करना है साथियों
कोलेजियम सिस्टम को समाप्त कर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा से जज की नियुक्ती हो।
यदि कालेजियम सिस्टम में बदलाव कर दिया तो यह सरकार का सबसे अच्छा कदम होगा।इससे जनता-जनार्दन का जुकाम भी बीजेपी की तरफ अपने आप पर में शामिल होंगे। इसमें संसद द्वारा विशेष सत्र बुलाकर अध्यादेश लाया जाय और विधेयक लाकर कालेजियम सिस्टम को समाप्त कर दिया जाय।
ये कालेजीयम पध्दती बील्कुल हीं बंद होणीही चाहिये. जीससे, आप ने कहें मुताबीक भाई भतीजां वाद बंद होकर, जणता कों, सहीं मे न्याय मील सकेगां.
परीक्षा पास करें और आरक्षण के साथ जज बन जाइए। इसमें किसी भी आम जनता को दिक्कत नही होगी।
Collegium k jariye unqualified log juditioary me baithe hai mehnat ke jariye sbhi ko chance milna chahiye exam conduct hona chahiye taaki judgement shi ho ske
ये कॉलेजियम सिस्टम बंद होना चाहिए ये न्यायपालिका का महा भ्रष्टाचार है संविधान के मुताबिक इस देश की जनता smprbhu है न की कोई जज या सुप्रीमकोर्ट या कोई नेता
क्लोजियम सिस्टम बंद करो।जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। जय भीम जय संविधान 🎉
न्यायपालिका अगर सरकार तय करने लगी तो नेताओं और सत्ता धारी लोगों की लाटरी लग जायेगी आम जनता को इन्सान कभी नहीं मिलेगा इस लिए इसे जनता के मत द्बारा नियुक्ति होनी चाहिए
सरकार क्यों करे इसके लिए एक आयोग बनाओ और फिर upsc से exam कराओ
कोलेजियम सिस्टम समाप्त होना चाहिए। देश के सभी हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति अखिल भारत स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए।इन परीक्षाओं में UR,EWS,OBC,SC,ST को आरक्षण मिलना चाहिए।
Upsc k jaisa exam hona chahiye.na ki kisi ki sifaris se
जब खुद पर आती है,तो संवैधानिक नहीं है।
और आरक्षण पर मनुवादी फैसला कौनसा संवैधानिक है?
Ab sc me bhi judge ki niyukti upsc ,psc ki Tarah ho ,collegium system khatm honi chahiye . .... CJI chandrachud sir sc st ,obc ke liye vishvaas yogy nhi hai .
Me ye chenal pahli bar dekh raha hu par mem ka sam Jane ka tarika jabar jast he
हर हाल में कौलेजिएम और ईवीएम से चुनाव खत्म हो
कॉलेजियम सिस्टम से नियुक्त किए जाने वाले कुछ न्यायाधीश राज्यसभा व अन्य राजनीतिक पदों के लालच में न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन जो संघ लोक सेवा आयोग से परीक्षा देकर जज बनेंगे तो न्यायिक प्रक्रिया में अधिक से अधिक सुचिता रहेगी
Collegium system साभि जगह से हटाओ
कोलेजियम को बंद नहीं होने के ही कारण न्याय व्यवस्था पर दुष्प्रभाव का जन्म का आरंभ हुआ।
न्याय पालिका यदि कोई ठोस कार्रवाई वंचित वा उपयोगी अभर्थ्यथ्यों को उचित अवसर उपलब्ध नहीं हो सकता ।
सत्यम शिवम् !
कोलेजियम सिस्टम हटाकर एग्जाम के आधार पर ही किया जाता चाहिए।
जय भीम जय संविधान
कोलेजियम सिस्टम समाप्त होना चाहिये इसमे सभीब्राहमणवादी जज बैठे है और वे हमेशा बहुजनो के विरूध्द फैसला देते है।यह जाति सिस्टम समाप्त किया जाय इनकी नियुक्ति न्यायिक सेवा आयोग से परीक्षा पास करके जज बने तथा एस सी, एस टी, ओ बी सी को कोर्ट मे आरक्षण के तहत नियुक्त किया जाय।
जब केंद्र सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर क्रीमी लेयर पर सहमत नहीं हैं तो माननीय सुप्रीम कोर्ट 1 अगस्त 2024 के अपने आदेश को वापस क्यों नहीं कर सकती। इस बंद से देश में जनता हलाहल होने से बच सकती हैं😮
Sahi bath hay. ,eysa hona chahiye 3:33
1 मुस्लिम
2 शिख
3 ईसाई
4 ऐस टी
5 ऐस सी
6 ओबी सी
7 जनरल
ईस तरह जज बेच होनी चाहिए
कोलेजीयम बंद हो
इस सिस्टम में संवैधानिक मूल्य जिसमें समानता, सोसल जस्टिस को पूरा नहीं करता है। इसी लिए बहुजन वर्गों की संख्या नगण्य है यह कहीं न कहीं डिसिशन को प्रभावित करता है।
Koljiyam sistum bilkul band honi chahiye.❤❤❤❤❤.ye sistum to bahut ganda sistum hai or sanvidhan ke khilaf hai.
काॅलेजियम सिस्टम की जगह पर सभी वर्गों से परीक्षा के आधार उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जानी चाहिए। ताकि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो और सभी सही न्याय मिल सके। सभी विभागों में प्रतियोगिता के आधार पर ही नियुक्ति होती है तो इसमें क्यों नहीं ?
कॉलिजियन सिस्टम बन्द होना चाहिए इसके बड़ी बात ये है की इसको लाया कौन
कोलोजियम समाप्त होना ही चाहिए।
जैसे चंद्रचूड़ के पिता जी CJI थे अब ये CJI हैं आने वाले समय में जरूर इनका लड़का बनेगा, तो जनता के टैक्स की सैलरी ले रहे हैं आखिर कब EWS, SC, ST और ओबीसी के गरीब छात्र कब जज बनेंगे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में।
सरकार बिल लाये और कोलोजियम प्रणाली को समाप्त करें।
Collegium system band hona chahie
This will be outstanding actions by present government
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग में कुल 6 सदस्य थे
Before collegium system,Hon. President of India in 'consultation ' with cji was appointing judges. But in 1993 the supreme court hijacked this process stating the wrong meaning of 'consultation ' as
' concurrence ' . Moreover collegium system is not constitutional.
So new system should be fully transparent & competitive like selections of IAS, IRS, CA etc.
Moreover the central government also should pass some strict laws like the narco test, speaking / writing lie., making forged documents ( at least 15 years rigorous imprisonment & confiscation of wealth) So that load on judiciary will be reduced. Judges should not be allowed to give decisions as per their wish & will.
कालेजिएम सिस्टम मे बदलाव होते, 100% एस सी, एसटी, ओबीसी और सवर्ण का सिनिअराटी से आरक्षण कि जरुरत है
प्राची बहन श्री राधे राधे बहन, बहन , आपका हर एक विषय बेहद महत्वपूर्ण होता हैं (जैसा आप वीडियो के आरम्भ मे संकेत करती है) ,आपका सह्रदय आभार एवं साधुवाद बहन ।
Sabse badi jarurat hai courts me staff ki bahut shortage hai or kaam ka burden bhaut jyada hai
Collezium system हटना चाहिए।
कालेजियम सिस्टम खत्म होगा और सरकार के फेवर के लोगों से भर दिया जाएगा। हमारे लिए एक ही बात है
हां अगर आरक्षण के हिसाब से नियुक्ति किया जाय तो कुछ बेहतर हो सकता है।
Thank 🙏🙏 you so much prachi mishra mam for giving the good explanation of every aspect of collegium system.
Government हमेशा राजनीति ही करती है, NJAC में भी SC, ST, OBC को स्थान दिया जा रहा था but General को कोई स्थान ही नहीं, क्या General इस देश के नागरिक नहीं। या government supreme court को भी जातिवाद का अड्डा बनाना चाहती है। Generals को भी आवाज उठानी चाहिए।
Bro EWS TAB NAHI THA , AB EWS BHEE HOGA.
Gen - 50% hai bhai kyo pareshan hai
1जनरल से ज्यादा ना हो
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का गठन किया जाए। अखिल भारतीय सेवा इस समय तीन है 1- IAS 2- IPS 3- IFS इसमें UPSC दो तरह से भर्ती करें पहले सीधी और दूसरी राज्यों के PCS/PPS और राज्यों के वन सेवा के अधिकारी से भरा जाय।
सिस्टम नही सही पर सरकार की नीयत भी नही सही
सरकार कि नीयत सही है। आम जनता कि भलाई के लिए ही ये कर रहे।
@@BhaiyaBabu-zm8jy बच्चे चीजे जैसी दिखती हैं वैसी होती नही , यह राज नीति है , बड़ा नेता कहि झुकता है तो वो सिर्फ हाइकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट है , नेताओ की मंशा इनको भी अपने इसारे पर नचाने की है
@@BhaiyaBabu-zm8jyonly for A1 and A2
@@God_is_True A1 and A2? Matlab?
Anchor ji please. also ask another question to the audience, can govt put or select their own person who are yes man.... Will it be right if PM select his own man as CJI.
Judiciary me Reservation hona chahiye
Reservation
Sirf financial condition dekh k hona chahiye
Caste dekh k nahi
इस देश के बुद्धिजीवी लोगों को कॉलेजियम सिस्टम कतई स्वीकार नहीं होगा इसमें भारत सरकार को विचार करने की आवश्यकता है अब हर समाज के वर्ग में पढ़े लिखे लोग हैं बहुत दिनों तक किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है
ज्यूडिशियल में भर्ती परीक्षा चाहिए और यूपीएससी में लेटरल इंट्री 😂😂😂
Tum kavi v kuch nahi ban sakte okay 👍👍👍👍
@@SonuKumar-rs5uy beta tum abhi paida hue ho ham already kar rhe hai.okay 😂😂😂
In connection to the judicial reform it is necessary to revive again NJAC be like UPSC which become remote from any political pressure, who will organize examination and select passed candidates eligible for a judge
हमने लोकतंत्र इसलिए है की ये राजतंत्र से अच्छा सासन व्यवस्था है, लेकिन ऐसा नहीं की इसमें कमी नहीं है। जैसे इसमें हमेशा बहुसंख्यक समुदाय को अपनी तरफ आकर्षित जाता है जबकि अल्पसंख्यक वर्ग की बात कम या नहीं के बराबर ध्यान दिया जाता है। ठीक इसी प्रकार collegium प्रणाली में भी पारदर्शिता की कमी है लेकिन कार्यपालिका के हस्तक्षेप से ज्यादा बेहतर है।
अगर NJAC पास हो जाता तो न्यायपालिका में कार्यपालिका का हस्तक्षेप बढ़ जाता जिससे रंजन गोगोई जैसे लोग ज्यादा भड़ जायेंगे और लोगों को न्याय देने से ज्यादा वो चाटुकारिता करके अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए काम करेंगे।
बाकी आपलोगों की राय सादर आमंत्रित है। धन्यवाद 🙏🙏
Agree with you
कार्यपालिका में भाई-भतीजावाद तो नहीं न है हो। वो कार्यपालिका ही है न जो देश में कानून व्यवस्था मजबूत बनाए हुए है।
@@mohammadqamarahmad7758घंटा मेरा।
@@BhaiyaBabu-zm8jy कैसे नहीं है, अनुराग सिंह ठाकुर, आकाश विजयवर्गीय आदि लोग इसी के उदाहरण हैं भाई साहब । आप google कीजिए तब आपको पता चलेगा
@@mdirphanansari7254 भाई छोटे! ये लोग विधायीका से है।
कोलेजियम सिस्टम को ख़तम कर देना चाहिए और जाती जनगणना कराकर जनसंख्या के आधार पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जज के भर्ती में आरक्षण निर्धारित करना चाहिए और आईबीसी. एग्जाम लागु करना चाहिए जिसे प्रत्येक जाती वर्ग का पद आरक्षित रहे...
Abhi judge ki niyukti me nepotism chal raha hai isme badlav hona chahiye
Jaj ka nepotism neta ke nepotism se to achha hi h
@@sanataniabhishek186neta ia nepotism janta ke hath me rhta hai,ese hi kuch bhi bol dega
@@sanataniabhishek186agar jnta nhi chayegi to kaise hoga
Neta aur judge ke power me bahot different hota hai
Civil and crime जज और पेनल जजों की नियुक्ति अलग होनी चाहिए जल्द केस का निपटारा हेतु, इस समय जमानत के लिए वह जज या जजों का दिखना, आज जज crime केस की तैयारी करेगा जजमेंट के लिए फिर अगर civil केस आया तो तैयारी?
If colegium dies...judiciary dies...😢😢😢
अभी से शुरू हो गया रोना धोना😂😂😂😂हाय रे बाबा अब भाई भतीजवाद ख़तम🤪🤪🤪🤪
Chal nikal bevakoof
Chal nikal bevakoof
Corrupt Judiciary dies India Rise
@@AnuruddhAmbedkar14 parivarvaad to abhi Khatam hoga jab sc st me creamy layer lagega😄😄
Govt shoul not interfare in Judiciary system, Els Very Harmful result will come in future, 1st government should make law for transparency in Exam and anty paper leak and cheating Law
मेरे समझ से कॉलेजियम न्यायालय की निक्षपतता के लिए जरूरी लेकिन इसमें पारदर्शिता जरूरी है जो इस time बिल्कुल भी है।
माननीय प्रधानमंत्री जी से देश को बहुत आकांक्षाये है राज्य सरकारें OBC आरक्षण को केंद्रीय व्यवस्था को ईमानदारी से लागू करने में अड़चनें पैदा कर रहे हैं मानवीय प्रधानमंत्री जी को गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए नीट काउंसिल में भी प्रधानमंत्री कार्यालय को सतत निगरानी ज़रूर रखना चाहिए ताकि किसी प्रकार कि गड़बड़ी न हो 🙏
न्यायपालिका में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। यदि कालेजियम सिस्टम खत्म हुआ तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह पायेगी। न्यायाधीशों का चयन भी जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए।
न्यायपालिका स्वयं आगे आकर इस समाप्त करे और एक ऐसी व्यवस्था लागू करें जो पारदर्शी हो संविधान के अनुच्छेद 14 सभी को समान अवसर देनेवाली हो।
96% sirf brahman hi hai supreme court mey , aur 86% high courts mey ,
Yeh jaruri hai , bhai bhatija baad bahut jyada hai
University mey 91 % Braham
Ias 72% and ips 68% Brahman hi hai
Yhe system rukna hi chahiye
Jisko bhi doubt hai wo inki list dekh sakta hai , isme rti ki jarurat nhi hai
50 percent to UPSC me SC, ST, OBC ka reservation hai phir 70 percent IPS Brahman kahan se aa gaye. 2022 me UPSC Civil Services me total 72 ST selections me se akeli Meena jati ke 38 selections hue the, kya phir bhi ST arakshan ka vargikaran hokar Bhil, Santthal, Garasia, Saharia adi vastavik janjatiyon ko alag arakshan nahi milna chahiye?
Tumlog aise comments krte time apna logic kahi chhod kr aate ho kya@@Storyofkavi
@@Storyofkavi@Padh le bhai thoda gyan pelne ke bajay
Bahut achha se samjhaya aapne
Sanvidhan ko bchao
Samvidhan safe h Tum thik se raho 😂
@@Vishalkumar-wj1yo😂😂😂
1- Collegium system mai nishpakshata nahi hai .
2- Modi ji swayam nishpaksh nahi hain , atah Modi ji se nishpaksh nyay vyabstha ki apeksha nahi ki ja sakti hai.
कोलेजियम प्राणाली नहीं हटना चाहिए, क्योंकि जजों की नियुक्ति पारदर्शी माध्यम से होती है।
Collegium System में कितने members हैं तेरे को मालूम है रे?
@@BhaiyaBabu-zm8jy 5 members
@@RajaBabu-sp1wv कौन-कौन?
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन किया जाना चाहिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयन किया जाना चाहिए इंटरव्यू के अंक 100 ही रखना चाहिए और उसमें भी जो भी उम्मीदवार परीक्षा पास करें उसे कम से कम 40% अंक अवश्य दिया जाना चाहिए क्योंकि अनुसूचित जातियों एवं जनजातीय तथा पिछड़ी जातियों को इंटरव्यू में जानबूझकर कम अंक दिए जाते हैं