सिद्धों को दुख का ज्ञान है संसार मे होने वाले सभी परिणमन का ज्ञान है वेदन तो एक ज्ञायक भाव मात्र का है। अन्य कुछ भी नही।वो ज्ञायक तत्व अहम भाव से निःक्षाय रूप होने से पूर्ण वितरागभाव है , उसमे प्रगट हुई निराकुलता को ही वँहा सुख सन्धि है जो कि वास्तविक सुख भाव है उसी का उनको वेदन है अन्य कुछ भी नही।
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सिद्धों को दुख का ज्ञान है संसार मे होने वाले सभी परिणमन का ज्ञान है
वेदन तो एक ज्ञायक भाव मात्र का है। अन्य कुछ भी नही।वो ज्ञायक तत्व अहम भाव से निःक्षाय रूप होने से पूर्ण वितरागभाव है , उसमे प्रगट हुई निराकुलता को ही वँहा सुख सन्धि है जो कि वास्तविक सुख भाव है उसी का उनको वेदन है अन्य कुछ भी नही।
Please explain
Siddhoo ko dukhka gyan hai but vedan nahi hai aisa ho sakta hai ?