पुरुष सूक्त 10.90(भाग-3, मन्त्र 11-16) | Purush Sukt | ऋग्वेद | पुरुषेवेदं सर्वं

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  • Опубликовано: 1 янв 2025

Комментарии • 5

  • @devpaldaulat70
    @devpaldaulat70 2 года назад +2

    Jai ho

  • @jaibalaji1883
    @jaibalaji1883 3 года назад +2

    जय श्री राम ललित जी👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼

  • @rajbalamahala48
    @rajbalamahala48 3 года назад +2

    Good sir

  • @ShivamMishra-hb7zl
    @ShivamMishra-hb7zl 3 года назад +2

    जय श्री राम 🙏🚩

  • @nathuramshatriaraym.a
    @nathuramshatriaraym.a 10 месяцев назад

    आपके विवेचनाधार से परम पुरुष के टुकड़े होते हुए मालूम पड़ते हैं कृपया खुले रूप से स्पष्ट करें।