🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️🌹🌹🌹💐💐💐😎💐💐😎😎 सदगुरु परम पूज्य श्री रमाशंकर शायर के चरणों में बार-बार दंडवत प्रणाम करता हूं साहिब बंदगी करता हूं चरण स्पर्श करता हूं चरण वंदन करता हूं जय गुरु भगवान सभी को ऐसा संदेश दे सभी की जिंदगी धन्य हो जाए जय गुरु भगवान
।।सबके कबीर।।दोहे।।कबीर तो जल है जो सबकी प्यास बुझाते है। जाति धर्म मजहब और पंथ छोड, सबके चित्त मे वस जाते है।।01।।कबीर तो हवा है, जो सबके मन को भाते है। अगडा पिछड़ा ऊंच-नीच छोड, सबको गले लगाते है।।02।।कबीर धूप भी है, छांव भी, शहर मे भी और गांव मे भी। शांत भी वाचाल भी संत भी गृहस्थ भी, कवि भी भगत भी।।03।।श्रमण संस्कृति के वाहक भी, समाज सुधारक भी। क्या अमीर क्या गरीब, क्या दूर क्या करीब।।04।।कबीर से जुडे सब तपके है, कबीर तो सबके है। साकार भी निराकार भी, सगुण-निर्गुण से परे भी।।05।।आदि मध्य अंत भी, अनादि अकाल, विदेही बेहदी भी। अखंड सारशबद की झनकार भी, अंड पिण्ड ब्रम्हांडो के उस पार भी।।06।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
Saheb bandgi bahut hi sundar bichar hai saheb ji
Sabhi mahan Aatma sant samaj ko saheb Bandgi,Rama Shankar saheb ke Gyan bhari parbachan ke liye koti-koti Naman.
Saheb bandagi saheb
बहुत ही करान्तिकारी क्रान्तिकारी सदगुरू संन्त श्री की जय हो ❤🎉
बंदगी साहब आपके अमूल विचार सुनकर धन्य
हुआ
Karanti Kari sant aapka jai ho❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🌼🙏🏻Saheb Bandegi saheb Ji 🌼🙏🏻
Good 🙏🙏
@@akdancing8740😊😊😊😊😊 hu apse hu hu
साहेब वंदगी🙏🙏🙏
Saheb bandagi saheb guru ji 🙏🙏🙏❤️❤️❤️
Saheb bandagi satnam guruji
Sadguru ke charno me koti koti Naman❤😮😮🎉🎉
आज आपका यह। परम सत्य प्रवचन सुनकर बहुत भाग्यशाली हो गया। इसके लिए आपका रिणी होगया।सादर साहेब बंदगी।
बिन सतसंग विवेक नं होई,रम कृपा बिन सुलभ नं होई ❤🎉😊
Saheb bandgi saheb
साहेब बन्दगी
🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️🌹🌹🌹💐💐💐😎💐💐😎😎 सदगुरु परम पूज्य श्री रमाशंकर शायर के चरणों में बार-बार दंडवत प्रणाम करता हूं साहिब बंदगी करता हूं चरण स्पर्श करता हूं चरण वंदन करता हूं जय गुरु भगवान सभी को ऐसा संदेश दे सभी की जिंदगी धन्य हो जाए जय गुरु भगवान
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।।सबके कबीर।।दोहे।।कबीर तो जल है जो सबकी प्यास बुझाते है। जाति धर्म मजहब और पंथ छोड, सबके चित्त मे वस जाते है।।01।।कबीर तो हवा है, जो सबके मन को भाते है। अगडा पिछड़ा ऊंच-नीच छोड, सबको गले लगाते है।।02।।कबीर धूप भी है, छांव भी, शहर मे भी और गांव मे भी। शांत भी वाचाल भी संत भी गृहस्थ भी, कवि भी भगत भी।।03।।श्रमण संस्कृति के वाहक भी, समाज सुधारक भी। क्या अमीर क्या गरीब, क्या दूर क्या करीब।।04।।कबीर से जुडे सब तपके है, कबीर तो सबके है। साकार भी निराकार भी, सगुण-निर्गुण से परे भी।।05।।आदि मध्य अंत भी, अनादि अकाल, विदेही बेहदी भी। अखंड सारशबद की झनकार भी, अंड पिण्ड ब्रम्हांडो के उस पार भी।।06।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
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सब जग जलता देखिया अपनी अपनी आग 😢😮
मै बहुत भाग्यवान हूं, इसलिए कि मैं इंसान हूँ
इसलिए कि मैं इंसान हूँ 😅😂
Saheb bandagi saheb
साहेब वंदगी🙏🙏🙏