प्रणाम नेगी जी को | उत्तराखंड को जितना मैंने जाना है वो सिर्फ गर्मियों की छुट्टी में गाँव में बिताया समय और बाकि नेगी जी के गीतों से ही जाना | नेगी जी के बिना गढ़वाल की पहचान ही नहीं | प्रभु अच्छा स्वास्थ दे नेगी जी को | बाकी मेरे लिए तो नेगी जी अमर हैं |
सर जी आपकी लेखकी और आपकी गायकी का कोई जवाब नहीं मै भगवान से यही कामना करता हूं कि आप स्वस्थ रहो और हमारे लिए ऐसे ही अच्छे गीत लिखते और गाते रहो। सर जी आपने इस गीत में कुछ और लाइने जोड़कर चार चांद लगा दिए.....
जब भी आपको सुनता हूँ न जानें क्यों मेरे रोमते खड़े हो जाते हैं और आंखों में आंसू आ जाते हैं मेरे जैसे न जाने कितने कलाकार बिना देखे मिले आपको अपना गुरु मानते होंगे लिखने की प्रेरणा मेने आपके गीतों से सीखी है धन्यभाग हमारे कि आप हमारी भूमि में जन्में जय उत्तराखंड जय देवभूमि 🙏🙏
बहुत ही सुन्दर अदरणीय श्री नेगी जी आपके गीतों को सुन कर बड़ा आनन्द आता है बचपन से आपके गीत सुनते आ रहे हैं भगवान आपको राजी खुसी रखे और आप हमारे लिय एसे ही गीत गाते रहें और लिखते रहें ।। आपका सदाबहार फेन कुलवीर चौहान चम्बा टीरी वाला
वाकई नेगी जी आप जैसे कलाकार सदैव अद्भुत अविस्मरणीय रहेंगे आपकी छवि उत्तराखंड में महान है हमारी विडंबना है की उत्तराखंड सरकार को अपनी संस्कृति और लोकभाषा संरक्षण में कोई रूचि नहीं है आपने अपने लोकगीतों के माध्यम से पहाड़ी रीती रिवाजों लोकपरम्पराएं संस्कृति सभ्यता पहाड़ी जीवनशैली जन जन के दिलो में पहुंचाई है आपको मेरा कोटि कोटि प्रणाम l
प्रशंसनीय गीत महोदय नेगी जी.......कहने को तो में भी गढ़वाली हूँ पर जन्म पालन पोषण शिक्षा सब देश की राजधानी में हो रही है तो प्रवासी ही हुआ... अपने गाँव तो कब से नही गया पर पिताजी पुरोहित है तो हरिद्वार ऋषिकेश गंगास्नान के लिए जाते रहते है......पर नेगी जी मैं आज जो भी उत्तराखंड के रीति रिवाज लोक परंपरा या संस्कृति के विषय मे जानता हूँ तो उसका श्रेय आपको और मेरे पिताजी को जाता है क्योंकि हम कही भी यात्रा में जाते है तो पिताजी का सख्त आदेश रहता है गाड़ी में गाने बजाने है तो नेगी जी के वरना नही....तो ऐसे ही कई गीतों की व्याख्या मेरे पिताजी ने की मुझसे....वैसे ही मैं साहित्य का छात्र हूँ संस्कृत(साहित्य) से आचार्य किया है इस वर्ष पूर्ण हो गया एवं अध्यापक बनने की और अग्रसर हूँ....तो मैने कालिदास,भास,भवभूति,माघ इत्यादि को पढ़ा है उनकी जो उपमा शैली ग्रंथो में है वही उपमा,रूपक शैली आपके गीतरूपी लोक एवं गीतों के शब्दों में है जो अकाट्य है...एवं सह्रदयकारियो के मन मस्तिष्क में अमिट छाप छोड़ती है....ऐसे ही मेने आपके गीतों का चिंतन प्रारंभ किया और आपके गीतों का रसास्वादन किया😊😊😊......नेगी जी आपसे सम्पर्क करना हो तो कैसे संभव होगा कृपया मार्गदर्शन करें...😊😊
Negi Ji ko koti koti Danyawad. Uttrakhand ki Sanskriti ko Apne geeto ke dwara jivit rakhane ke liye. Negi Ji ko sat sat Naman. Hum sab Aapke Jeevan bhar Aabhari rahege
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵 उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
नेगी जी यानि हमारे लिए पुरा उत्तराखंड । मैं ईश्वर को कोटि कोटि धन्यवाद देता हूँ कि मेरा जन्म उस काल में हुआ जिस काल में हमारे गढ़रत्न नेगी जैसे विभूति के गायन एवं लेखन के सामने और कोई दूर दूर तक नहीं। उनकी आवाज में वो जादू है ,जिसे सुनकर हर पहाड़ी व्यक्ति को अपनेपन का एहसास होता है। ईश्वर उनको दीर्घायु एवं सुख स्वास्थ्य प्रदान करे और हमारे आगे की पीड़ी भी उनके इस कर्णप्रिय गीत संगीत को सुनकर आंनदीत हो। जय हो नेगी जी। 🌹🌹
नेगी जी आप के बारे में शब्द कम पड़ जाते हैं आप उत्तराखंड राज्य की लोक संस्कृति और लोकभाषा को बचाने में अग्रणी भूमिका निभाने में सबसे आगे हैं आपको हमारे पहाड़ों के लोग जो जहां भी हैं चाहे देश हो या विदेश में हो बहुत चाहते हैं, प्यार करते है, आपको सुनना और देखना चाहते हैं क्योंकि आप पहाड़ की दिल की धड़कन है, आपको शत शत नमन👍👍💞💞👌👌❤❤🙏🙏
Bhut accha geet h negi ji ..mane kai bar suna h dekha h ....is geet s apni bhoomi ki yad aati h or jo baher rhte h apni bhoomi s unko bhi apni matribhoomi s jodta h y geet.........aap bhut acche meaning full geet likhte ho aap ....bhagwan aapko lambi aayu de taki aap aage bhi yunhi likhte rahe .......aap mera shat shat naman swikar kre...🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु जी थैं कोटि कोटि नमन प्रणाम सेवा सौंलि 🙏🙏 एक गीत हमारी फरमाइश फर लगैं दिआं गुरु जी🙏🙏🌺🌺 गीत भी ह्वे जालु अर गीत मा बात भी बुलै जालि🙏🙏🌺🌺 तैं ज्वनि को राज पाट बांद है बांद हम भी देखना कब थैं रांद
ये मेरे सबसे पसंदीदा गीतों में से है। मेरी कॉलर ट्यून भी यही है और बहुत सारे लोगों को ये गीत मुझे भेजना पड़ता है। नेगी जी कृतियों हमेशा पहाड़ के लिए अंदर छुपी किसी ना किसी भावना को छू लेती हैं। आपका आशीर्वाद व मार्गदर्शन हमेशा हमेशा बना रहे। बहुत बहुत प्रणाम।
असली पदम श्री के हकदार आप थे पर मेरे समझ में बात नहीं आई जिन्होंने उत्तराखंड के लिए इतना बड़ा बलिदान दिया उन्हें पद्मश्री क्यों नहीं मिला मुझे दुख इस बात का है आपके बराबर न कोई गायक था ना होगा ना रहेगा आपकी गीतों में सब चीज समाया हुआ है संपूर्ण उत्तराखंड
Ek bat btau mere bhai asli word bolne se phle ek gayak or ek lekhak me frq kya h ye samjh lo..... Negi ji jesa lekhak na koi h or na koi hua h.... Lekin jo harkate murkiya or singing preetam bhartwan ji ki h or jis sanskriti dharohar ko wo age badha re hn.... Us chetra me unhe mila smjhiye.... Jha bat likhni ki h to negi ji bhi hakdar h...
मैं भी विदेश में हुँ नेगी जी लेकिन जब भी इस गीत को सुनता हूँ मुझे ऐसा लगता है कि आप लोग अपना आशिर्वाद दे रहे हो ,, खास कर वो लाइन ..उत्तराखण्डी प्रवासी भै बन्धु जी रयाँ जागी रयाँ लागि बडूली कसम से आँसु आने लगते हैं अपने आप ही ,,मैं जब अभी आपको ये msg लिख रहा हूं तो फिर से आँख भरने लग गयी ..धन्य हो आप जो हमारे लिए इतना प्यारा गीत लिखा ...याद हमको भी बहुत आती है अपने उत्तराखंड की लेकिन क्या करें ,,हमारे देश में तो टेलेंट की कद्र ही नहीं है अगर कद्र है तो उनकी जो चमचागिरी चाटुकारी और सांठ गांठ वाले लोग हैं जो आरक्षण वाले हैं ,, और अगर कोई अपने दम पे बढ़ने की कोशिस करता है तो उसका हाल सुशांत सिंह राजपूत जैसा होता है ,, हमारा देश कब का नम्बर 1 बन चुका होता अगर सुंदर पिचई जैसे लोग इंडिया में होते लेकिन क्या करें हमको व्यवस्थाओं ने मजबूर किया अपनी इच्छा से कोई अपनी जन्म भूमि नहीं छोड़ना चाहता ,, लेकिन यंहा से भी हम अपने देश के लिए अपनी संस्कृति के लिए जो भी बन सकता है जरूर करते रहते हैं और करते रहेंगे ,, आपका बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी जुग जुग जियो आप
नेगी जी आपके जितने भी गीत है.. सच कहुँ तो मेरे पास कुछ शब्द ही नही है बोलने के लिए. आपका हर एक गीत के पीछे कुछ ना कुछ राज जरूर है.. मै उन सभी लोगो से निवेदन करूँगा. जो अपनी संस्कृति को भूल रहे है. एक बार जरूर पीछे मुड के देखे.. आपके गीतो को सुनके आँखों मे आँसू छलक जाते है. धन्य है जी आप... 😢🙏
Ap ke sewa itne kathin Geet koi nahi ga sakta hye apni sudh Gadwali Bhasa akdam paur bahut sunder lagta hye man karta her samya Negi sir ke Geet sunte rahiye ap Uttarakhand ki jaan ho all the best Ap sefe and surakshit rahye 🙏🙏💐💐
आदरणीय नेगीजी प्रणाम 🙏। आप जैसी धरोहर हमारे उत्तराखंड की शान हैं ।आपके साथ काम करने का एक अलग ही एहसास है न्यूजीलैंड के बाडुली संस्था में आयोजित संगीत संध्या में आपके साथ बांसुरी संगत का अवसर मिला बहुत ही मन अत्यधिक प्रसन्न था।आप जैसे लोकप्रिय महान शख्सियत के साथ बांसुरी वादन का अलग ही आनंद रहा।और वहां के बिताए हर पल ज्यादातर बस आप ही के साथ बीते थे। बहुत कुछ आप से सीखने को मिला ।यूं ही आप लोक संगीत पर अपने धुन और गीतों से हम सब तक को मंत्रमुग्ध करते रहे।
Bhot hi sundar narendra singh negi ji hm bhi pahadi chha pr hmne pura uttrakhand nehi khuma he or hm hmesa aap ke gane sunte he or aap ke gane sunke hm ko ye esha hota he ki hm pure uttrakhand me khun gye he hmra pura uttrakhand narendra singh negi ji ke pas bsa he or hm narendra singh negi ji ke gene sunkar bade huye he hm narendra singh negi ji bacpan se fen rahe he or hmsahi rahenge hmare narendra singh negi ji ki jga koi ni lepayega or narendra singh negi ji se hmari rekwest he ji please aap lagi batuli gane ko Studio ke madhiyam se pura karen please wese hm ko aap ke sabhi gane bhot bhole to bhot hi jada psand he or aap ne ye batuli gane ko gake bhot hi acha kiya hm aap ka The dil se parnam 🙏 karte he 🙏🙏 hamare uttrakhand ki san ho aap hmare uttrakhand ka jiwan aap ke hi pass he
रुक जाता हूं आपके गाने को सुनते सुनते भूल जाता हूं हर वो काम और थम जाता हूं सुनकर आपकी आवाज की एक झलक। शहर में हो या घर मे क्योंकि में भी गुनगुनाता हु साथ मे जब आवाज में आवाज आपकी बैठाता हु।
"लागि बाडुळी"-प्रणाम आपतैं।। आपा काळजै गीतों मा एक हौर गीत जुड़िगे। ये गीत से आस- बिस्वास जगणू च कि परबासी भै बंध टैम टैम पर अपणि मातृ भूमि जरूर औणा रौला।अगर कूड़ि खंद्वार च त तै सल्योला। पुंगड़ि बांजि छिन त तौं चल्दि करौला अर साळ टूटी त तैं बी छण्ला।
गीत एक नास्टेल्जिक पक्ष प्रस्तुत करता है सदा की भांति कर्णप्रिय, भावपूर्ण, साधुवाद।लेकिन प्रवासी आपस मे इतने मिलनसार या भले नहीं होते जिनके लिए यह कीमती शब्दों को पिरोकर कवि श्रेष्ठ ने गीत उकेरा है,खैर!यह उनका कर्म,धर्म था। नस्लीय भेदभाव, जातीय द्वेष,पद, प्रतिष्ठा, क्षेत्र का श्रेष्ठता जैसे अवगुणों से लबरेज़ ये प्रवासी अब दिल्ली जैसे राज्य के थानों में सिपाही के रूप में,अदालतों में चपड़ासी के रूप में,हॉस्पिटल में वार्ड बॉय,सहायक कस रूप में,स्कूलो में कोई मास्टर या बाबू के रूप में,DTC, DDA में नहीं मिलते,क्योंकि सरकारी नौकरियों में अब इनका प्रतिशत नगण्य हो गया है।लेकिन दुराग्रह वही सन 80 वाले हैं।नई पीढ़ी एक दूसरे से हाय, हैल्लो भी नहीं करते,कथा कहानी कभी यहां की यथार्थवादी थी ही नहीं।शैलेश मटियानी,पंकज बिष्ट ने कुछ लिखा जरूर।लेकिन पढ़ा किसी ने नहीं।
सबसे बड़ी बात है कि गढ़वाली मां सभी उत्तराखण्ड अपनी भाषा में बात करने में हीन भावना से ग्रस्त हैं। नेपाली, मराठी भी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है वैसे ही उत्तराखंड की भाषा आसान है ।हम सब आसानी से लिख सकते हैं। हीन भावना को त्यागकर बोलना शुरू कीजिए। अधिकांश भारतीय अपनी भाषा में बोलते हैं।हम सबको एक दूसरे को आदर करना चाहिए।
Bahuut bahut sundar negi da, hamare dono bacche vansh Or vanshihika apke bahut bade diwane h, Or badi khushi hoti h ki me riya rawat, harpal rawat, ke baad bad bhi 8,shal ka ladka Or 5sal ki ladki aapke hi gano ko sunti h, negi aap hamesha swashth rahe hamaare apne est devi devtaao se hamesha Yahi parrarthna karte h, hamri umar bhi apko lag jaye, ase hi koi negi da nahi banta, kuch tha khash holu me ma, jai Uttrakhand
Gadratan negi ji ko sat sat naman 👏. Gadratan negi ji aap ki kalpana, or rachnay, aap ki soch aap k swar, sanget, or pyar hamary leye shogat h... Ham dhanya ho gaye esy anmol ratan ko chawn m👏👏👏... Dhanyabad ek or nagina hamye daynye k leye👏👏👏
Dhanya hai hamari ye dev bhumi jaha pr hamare ,negi jii ne janm liya ,aur apne geeton ke madhyam se hamari sanskriti ko bachaye rkha hai ,aapko koti koti pranam
अहा....! जब मिन यु गीत सूणीं तब मि सुचणूं रौं कि काश ये गीत मां एक द्वी अंतरा हौर होन्दी त कतगा बढ़िया छौ...! वास्तव मा यु बडुलि गी भौत हि सुन्दर और दिल मा उतरि गे...! भौत सुन्दर...!
बड़ा दुःख ह्वांद और क्रोध भी आंद जब छुर छुर फुर फुर गाणों पण और मैशप पण इतगा लाईक और जु आवाज बिना ऑटोट्यूनर क भी इतगा सुरीली च, नई रचना च वैपन इतगा कम लाईक। मैशप वाल और ऑटो ट्यूनर वालों ते लोगुन लोक कलाकार बने दयाई और जु लोक कलाकार इतगा समय से उत्तराखण्ड की हर समस्या खैरी विपदा सुख दुःख पन रचना करना,गाणा और समस्या ते सबुक समणी उठाना उन्का गीतों पर आजकल लोग ध्यान तक नि दयानां। नेगी जी क गीत फिर भी हमते हमर संस्कृति और इ देवभूमि मा ह्वानक एहसास कराना रयाला😍😍🙏🙏
Narender Singh Negi jiiii humare gad ratan h or unhe humare bujrag or hum humare jo chote chote bache h janam janam tak yaad rakhinge or Negi ji ne jo bi gane banye unse humesha kuch na kuch sikhne ko milta h wo sur samrat h unko me dil se 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
ये ऐसा गाना है जिससे मुझे अंदर से पूरा झकझोर दिया। मेरा फेव गाना है जब भी गौ की याद आती है इस गाने को सुन के और गौ की बहुत याद आ जाती है, ऐसा लगता है कोई बुला रहा है आवाज़ मार के । सच में नेगी जी की लेखनी और गाने का तरीक़ा, आवाज़ का कोई तोड़ नहीं है। मै भगवान बद्री विशाल जी से आपके लंबी आयु की कामना करता हूं। आपका बहुत बहुत आभार नेगी जी।🙏🙏 गढ़वाली समाज संगठन भोपाल एम. पी
नेगी जी आपको सादर प्रणाम🙏🙏। मैं आपका बहुत बड़ा फ़ैन हूँ। बचपन से आपके गाने सुनता आ रहा हूँ। आपका ये गाना दिल को छू लेता हैं। आपने अच्छा किया कि इस गाने को आपने लम्बा कर दिया पहले ये काफ़ी छोटा था । पूरे उत्तराखंड में आप जैसा गायक कोई नहीं हो सकता, आप जैसे लोग सदी में भी मुश्किल से मिलते हैं। आपके गाने और गाने के बोल अनमोल हैं। ऐसे ही इस उत्तराखंड को अच्छे गाने देते रहिए। आप हमेशा स्वस्थ रहे यही कामना हम ऊपर वाले से करते हैं। धन्यवाद🙏🙏🙏💐💐
ऐसा संभव नहीं लगता एक सूरज एक चादं है वैसे हमारे नेगी जी है शायद दय्यबतो की धरती मा भगवानों अवतार लिन्यु च नेगी जी का रूप मा कोटिशः नमन च श्रधेय देवतुल्य नेगी जी का चरणों मा
_Ye hum sabhi ka saubhagya ha jo ghar baithe Negi ji ko humare manpasand geet lagi baduli sunne ka awsar prapt hua __ha.Jo__ bhi gana Negi ji gaa de wo sadabahar ho jata hai.Ishwar sadev ap par yuhi kripa barsate rahe aur yuhi sada ap hanste gaate rahe ❤️♥️♥️🙏🙏🙏_
Negi ji Mera bachpan aapke geeto ke sath hi bada hua hai..jb v kiss pareshani me hota hu..to aapke geet sunkar kho jata hu..khush v rahu to aapke geeto k sath hi celebrate karta hu..bhagwan aapko sada swasth rakhe...
मैं नेगी जी आपकी बहुत बड़ी फैन हूं । आपके सभी गीतों के पीछे की हर कहानी बहुत ही दिलचस्प है। मेरी तो एक ही इच्छा है कि मैं आपसे मिलू । आपका आशीर्वाद हम सब पर सदैव ऐसे ही बना रहे। धन्यवाद अंजलि नेगी From muscat Oman
बहुत-ही सुन्दर आपकी आवाज सुन के दिल में एक अलग-सी महक जगती हैं।आपकी आवाज में उत्तराखंड गढ़वाल की एक अलग-मिठास हैं। सर में भी आपकी एलबम में एक शूटिंग करना चाहता हूं।सर में उत्तराखंड चमोली जिले के एक छोटे-से शहर कर्णप्रयाग से हूं💐💐👌👌💐👌💐👌💐👌💐👌💐💐
Negi da ka channel dekh bahut nirasha hoti hai Jabki pura uttrakhand negi da ka dil se fan hai Balki out of uttrakhand bhi So guys sabhi log apne Facebook or whatsapp ke madhyam se subscribe karne ko kahe sabhi ko
"अद्भुत अलौकिक प्रस्तुति भाई जी" "बाडुलि"संस्था द्वारा यह स्वरचित गीत आपने पूर्ण कर दिया है पूरी प्रस्तुति को सुनकर मन में ऊर्जा का संचार हुआ अद्भुत कला के धनी है भ्राता श्री जी आप गढ़वाली संस्कृति की भीष्म पितामह है आप धन्य है आपके कंठ को "बहुत सुंदर गीत भाई जी"
दोस्तों लिंक ते share करो please तभी नेगी जी को ओर अधिक होंसला मिलेगा , नेगी जी कब से हमारे वास्ते इतने अनमोल गाने लिख रहे हैं और गा रहे हैं,,,जय घन्डियाल देव जी की,,जय उत्तराखंड जय हिन्द,,love you sir ji,,,
नेगी जी आपसे हमारा एक निवेदन है की आप गढ़वाली में भगवानों कि कथा सुनाए। क्यूंकि हम ही नहीं बल्कि पूरा उत्तराखण्ड के लोगों को पता है कि आप तो ज्ञान का भंडार हैं।
जबरदस्त शब्द संयोजन ,मैं भी यही चाहता था कि यह गीत पूर्ण बन सकें ,आपने जो चार चांद लगा दिए ,असीम ,अनन्त खुशी मिली ,सादर प्रणाम ,आपका भुला गंगा दत्त जोशी ग्वालदम-गोपेश्वर से
गढ़रत्न श्रीमान नरेंद्र सिंह नेगी जी आपकी रचना आपके स्वर आपकी सोच आपकी कल्पना आपका प्यार देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति अकल्पनीय है, आपने देवभूमि की संस्कृति को सर्वोपरि रखने में कोई कमी नहीं रखी। """जय देवभूमि उत्तराखण्ड🙏🙏🙏🙏""""""
नेगीजी प्रणाम, आप उत्तराखंड के इनसाइक्लोपीडिया हैं। आपके गीत उत्तराखंडी मुहावरों और लोकोक्तियों से भरपूर्ण होते है जिन्हे हम उत्तराखंडी भाषा में मैणा भी कहते हैं और जो भी गीत आप गा लेते है वह अमर हो जाता है। अनेकों अनेक नमन आपको।
Garhwal par apka upkaar sada rahega negi ji, apka likha hr geet ,garhwal ki jan samasyao aur lok jeevan ka darpan h,aapki awaz hi pahad ki mehek ke saagar saman h. Ap sada prasann rahe swasth rahe🌹🌹🌹🌹🌹💖💖💖💖💖
नमस्कार नेगी जी 🙏🙏🙏🙏 आपका गीत हमारा हृदय मा रचा बस्या ची यह संस्कृति और समाज मा संदेश हमेशा देना और लोग आज भी आपका गीतों पर अमल भी करदा। आपकु उत्तराखंड की हर विधा पर गीत रचना ची। एक गीत वर्ण व्यवस्था पर भी बणी सकदु क्यूँ कि घर गौं मा आज भी छुआछूत नया प्रकार से जू बीमारी 21वीं सदी मा फूल-फलणू ची जू हमारा समाज मा नई प्रकार से असमानता व्याप्त हुणी चा पीढ़ी दर पीढ़ी लोग ये बोझ तैं अगनी बढौंणा छन नया पीढी या पीडित समाज का बच्चों कु क्या कसूर वै थै तब पता चलदू जब वी पर सोच समझ आंदी आखिर कसूर कैकू चा ये पर वै ही वर्ग तैं समझण पडलू जबकि क्वे भी वाजिब कारण नीची या कैमा यैकू उत्तर नीची की ऊँच-नीच आखिर क्या ची। आप जितका अच्छा कवि,रचनाकार,गीतकार और साक्षात हिमालय चा, ह्वे से भी अच्छा इंसान चा आपका जीवन मा कभी ऊँच-नीच नी राई मनखी मनखी मा भेद नी करी आपन।आपसे हाथ जोडीकर निवेदन चा कि ये पर आप एक गीत जू एक इंसान जू दूसरा इंसान थैं वर्ण व्यवस्था का कारण विभेद करदू जगजाहिर चा मेरी बात आप समझ गया होला पर बणै सकदा जू समाज तै एक बार नी हजारों बार सोचण पर मजबूर कलू अर समाज मा लोगों की सोच बदलकर रख द्यो या जातिरूपी बिमारी ख़त्म होण मा मील कू पत्थर साबित हो। यदि आपका गीत लेखनी का सिद्धांत का अनुसार सही बैठदू ता आप ये पर एक गीत अवश्य समाज का वास्ता दियां यदि आपका गीत लेखनी का सिद्घांत मा सही नी बैठदू त क्वै बात नी छा। फिर भी सोच विचार करी तैं ये ज्वलंत विषय पर आपकी एक रचना समाज का सामणी ऐ जो ता आपकू यू आशीर्वाद नई पीढ़ी स्वीकार अवश्य करली इन हम अपेक्षा कर सकदा। हम बहुत सौभाग्यशाली चा आप जन महान व्यक्तित्व उत्तराखंड मा हमतै मिली। नमस्कार आप दिल मा हमेशा राला। इ विषय पर आपकू ही गीत कू अंश चा कि...... सदनी नी रैण रे झूंतू तेरी जमदरी.............
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति भाई साहब नेगी जी मन गदगद हो गया प्रभु 🙏🙏
प्रणाम नेगी जी को | उत्तराखंड को जितना मैंने जाना है वो सिर्फ गर्मियों की छुट्टी में गाँव में बिताया समय और बाकि नेगी जी के गीतों से ही जाना | नेगी जी के बिना गढ़वाल की पहचान ही नहीं | प्रभु अच्छा स्वास्थ दे नेगी जी को | बाकी मेरे लिए तो नेगी जी अमर हैं |
सर जी आपकी लेखकी और आपकी गायकी का कोई जवाब नहीं मै भगवान से यही कामना करता हूं कि आप स्वस्थ रहो और हमारे लिए ऐसे ही अच्छे गीत लिखते और गाते रहो।
सर जी आपने इस गीत में कुछ और लाइने जोड़कर चार चांद लगा दिए.....
जब भी आपको सुनता हूँ न जानें क्यों मेरे रोमते खड़े हो जाते हैं और आंखों में आंसू आ जाते हैं
मेरे जैसे न जाने कितने कलाकार बिना देखे मिले आपको अपना गुरु मानते होंगे
लिखने की प्रेरणा मेने आपके गीतों से सीखी है
धन्यभाग हमारे कि आप हमारी भूमि में जन्में
जय उत्तराखंड जय देवभूमि 🙏🙏
गाना कोई भी हो अगर आवाज ये है तो हर गाना अमर है ।। धन्य हुआ उत्तराखंड ।।
बहुत ही सुन्दर अदरणीय श्री नेगी जी आपके गीतों को सुन कर बड़ा आनन्द आता है बचपन से आपके गीत सुनते आ रहे हैं भगवान आपको राजी खुसी रखे और आप हमारे लिय एसे ही गीत गाते रहें और लिखते रहें ।। आपका सदाबहार फेन कुलवीर चौहान चम्बा टीरी वाला
वाकई नेगी जी आप जैसे कलाकार सदैव अद्भुत अविस्मरणीय रहेंगे आपकी छवि उत्तराखंड में महान है हमारी विडंबना है की उत्तराखंड सरकार को अपनी संस्कृति और लोकभाषा संरक्षण में कोई रूचि नहीं है आपने अपने लोकगीतों के माध्यम से पहाड़ी रीती रिवाजों लोकपरम्पराएं संस्कृति सभ्यता पहाड़ी जीवनशैली जन जन के दिलो में पहुंचाई है आपको मेरा कोटि कोटि प्रणाम l
प्रशंसनीय गीत महोदय नेगी जी.......कहने को तो में भी गढ़वाली हूँ पर जन्म पालन पोषण शिक्षा सब देश की राजधानी में हो रही है तो प्रवासी ही हुआ... अपने गाँव तो कब से नही गया पर पिताजी पुरोहित है तो हरिद्वार ऋषिकेश गंगास्नान के लिए जाते रहते है......पर नेगी जी मैं आज जो भी उत्तराखंड के रीति रिवाज लोक परंपरा या संस्कृति के विषय मे जानता हूँ तो उसका श्रेय आपको और मेरे पिताजी को जाता है क्योंकि हम कही भी यात्रा में जाते है तो पिताजी का सख्त आदेश रहता है गाड़ी में गाने बजाने है तो नेगी जी के वरना नही....तो ऐसे ही कई गीतों की व्याख्या मेरे पिताजी ने की मुझसे....वैसे ही मैं साहित्य का छात्र हूँ संस्कृत(साहित्य) से आचार्य किया है इस वर्ष पूर्ण हो गया एवं अध्यापक बनने की और अग्रसर हूँ....तो मैने कालिदास,भास,भवभूति,माघ इत्यादि को पढ़ा है उनकी जो उपमा शैली ग्रंथो में है वही उपमा,रूपक शैली आपके गीतरूपी लोक एवं गीतों के शब्दों में है जो अकाट्य है...एवं सह्रदयकारियो के मन मस्तिष्क में अमिट छाप छोड़ती है....ऐसे ही मेने आपके गीतों का चिंतन प्रारंभ किया और आपके गीतों का रसास्वादन किया😊😊😊......नेगी जी आपसे सम्पर्क करना हो तो कैसे संभव होगा कृपया मार्गदर्शन करें...😊😊
प्रदीप भुला मै आजकल अपने गांव पौडी मे हूं। लाकडौन के बाद ही देहरादून जा पाऊंगा।
@@NARENDRASINGHNEGIKAVI जी जरूर अवश्य मिलने आएंगे आपसे देहरादून🙏😊
Negi Ji ko koti koti Danyawad. Uttrakhand ki Sanskriti ko Apne geeto ke dwara jivit rakhane ke liye. Negi Ji ko sat sat Naman. Hum sab Aapke Jeevan bhar Aabhari rahege
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵
उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
नेगी जी यानि हमारे लिए पुरा उत्तराखंड । मैं ईश्वर को कोटि कोटि धन्यवाद देता हूँ कि मेरा जन्म उस काल में हुआ जिस काल में हमारे गढ़रत्न नेगी जैसे विभूति के गायन एवं लेखन के सामने और कोई दूर दूर तक नहीं। उनकी आवाज में वो जादू है ,जिसे सुनकर हर पहाड़ी व्यक्ति को अपनेपन का एहसास होता है। ईश्वर उनको दीर्घायु एवं सुख स्वास्थ्य प्रदान करे और हमारे आगे की पीड़ी भी उनके इस कर्णप्रिय गीत संगीत को सुनकर आंनदीत हो। जय हो नेगी जी।
🌹🌹
नेगी जी आप के बारे में शब्द कम पड़ जाते हैं आप उत्तराखंड राज्य की लोक संस्कृति और लोकभाषा को बचाने में अग्रणी भूमिका निभाने में सबसे आगे हैं आपको हमारे पहाड़ों के लोग जो जहां भी हैं चाहे देश हो या विदेश में हो बहुत चाहते हैं, प्यार करते है, आपको सुनना और देखना चाहते हैं क्योंकि आप पहाड़ की दिल की धड़कन है, आपको शत शत नमन👍👍💞💞👌👌❤❤🙏🙏
आपके सब गाने प्रेरणादायक है❤️🙏🙏. और बहुत कुछ सीखने को मिलता है.. जो आजकल के नए singers में नहीं है
Bhut accha geet h negi ji ..mane kai bar suna h dekha h ....is geet s apni bhoomi ki yad aati h or jo baher rhte h apni bhoomi s unko bhi apni matribhoomi s jodta h y geet.........aap bhut acche meaning full geet likhte ho aap ....bhagwan aapko lambi aayu de taki aap aage bhi yunhi likhte rahe .......aap mera shat shat naman swikar kre...🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु जी थैं कोटि कोटि नमन प्रणाम सेवा सौंलि 🙏🙏
एक गीत हमारी फरमाइश फर लगैं दिआं गुरु जी🙏🙏🌺🌺
गीत भी ह्वे जालु अर गीत मा बात भी बुलै जालि🙏🙏🌺🌺
तैं ज्वनि को राज पाट बांद है बांद हम भी देखना कब थैं रांद
सिर्फ उत्तराखंड का ही नही दुनिया का सबसे महान कवि, संगीतकार नेगी जी 🙌🙏
उत्तराखंड की शान नरेन्द्र सिंह नेगी को ह्रदय की गहराईयों से नमन।
ये मेरे सबसे पसंदीदा गीतों में से है। मेरी कॉलर ट्यून भी यही है और बहुत सारे लोगों को ये गीत मुझे भेजना पड़ता है। नेगी जी कृतियों हमेशा पहाड़ के लिए अंदर छुपी किसी ना किसी भावना को छू लेती हैं। आपका आशीर्वाद व मार्गदर्शन हमेशा हमेशा बना रहे। बहुत बहुत प्रणाम।
मेरे को भी लगाना है भाई जी कैसे लगेगा
असली पदम श्री के हकदार आप थे पर मेरे समझ में बात नहीं आई जिन्होंने उत्तराखंड के लिए इतना बड़ा बलिदान दिया उन्हें पद्मश्री क्यों नहीं मिला मुझे दुख इस बात का है आपके बराबर न कोई गायक था ना होगा ना रहेगा आपकी गीतों में सब चीज समाया हुआ है संपूर्ण उत्तराखंड
Bilkul sahi baat hai
@DD uttarakhand kyu nhi ish program ko telecast karta hai. Please bhaiyo Dordarshan ko yeh request hum log ko mil kar karni chaiyee.
Pritam Bhartwan to jager samrath hai is vjh se unhe mila
Inko isliye nahin mila kyon ki inhone Nehru Gandhi parivar ki cahploosi nahi ki , inke phele wale ek bedu pako chura ke kafi naam kamaye hain
Ek bat btau mere bhai asli word bolne se phle ek gayak or ek lekhak me frq kya h ye samjh lo..... Negi ji jesa lekhak na koi h or na koi hua h.... Lekin jo harkate murkiya or singing preetam bhartwan ji ki h or jis sanskriti dharohar ko wo age badha re hn.... Us chetra me unhe mila smjhiye.... Jha bat likhni ki h to negi ji bhi hakdar h...
मैं भी विदेश में हुँ नेगी जी लेकिन जब भी इस गीत को सुनता हूँ मुझे ऐसा लगता है कि आप लोग अपना आशिर्वाद दे रहे हो ,, खास कर वो लाइन ..उत्तराखण्डी प्रवासी भै बन्धु जी रयाँ जागी रयाँ लागि बडूली कसम से आँसु आने लगते हैं अपने आप ही ,,मैं जब अभी आपको ये msg लिख रहा हूं तो फिर से आँख भरने लग गयी ..धन्य हो आप जो हमारे लिए इतना प्यारा गीत लिखा ...याद हमको भी बहुत आती है अपने उत्तराखंड की लेकिन क्या करें ,,हमारे देश में तो टेलेंट की कद्र ही नहीं है अगर कद्र है तो उनकी जो चमचागिरी चाटुकारी और सांठ गांठ वाले लोग हैं जो आरक्षण वाले हैं ,, और अगर कोई अपने दम पे बढ़ने की कोशिस करता है तो उसका हाल सुशांत सिंह राजपूत जैसा होता है ,, हमारा देश कब का नम्बर 1 बन चुका होता अगर सुंदर पिचई जैसे लोग इंडिया में होते लेकिन क्या करें हमको व्यवस्थाओं ने मजबूर किया अपनी इच्छा से कोई अपनी जन्म भूमि नहीं छोड़ना चाहता ,, लेकिन यंहा से भी हम अपने देश के लिए अपनी संस्कृति के लिए जो भी बन सकता है जरूर करते रहते हैं और करते रहेंगे ,, आपका बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी जुग जुग जियो आप
भुला राकेश धन्यबाद।
रोजी रोटी का खातिर प्रवास करणो हम पाड्यूं कि नियति छ।
Waah waah👏👏
@DD uttarakhand kyu nhi ish program ko telecast karta hai. Please bhaiyo Dordarshan ko yeh request hum log ko mil kar karni chaiyee.
लोग सिर्फ आपका गीतों का फैन होला...मैं त आपकी बातचीत कू भी फैन छौं🙏
नेगी जी आपके जितने भी गीत है.. सच कहुँ तो मेरे पास कुछ शब्द ही नही है बोलने के लिए. आपका हर एक गीत के पीछे कुछ ना कुछ राज जरूर है.. मै उन सभी लोगो से निवेदन करूँगा. जो अपनी संस्कृति को भूल रहे है. एक बार जरूर पीछे मुड के देखे.. आपके गीतो को सुनके आँखों मे आँसू छलक जाते है. धन्य है जी आप... 😢🙏
आपके गानों की पंक्तियां अतुल्य है। जय उत्तरखंड जय हिन्द।
Ap ke sewa itne kathin Geet koi nahi ga sakta hye apni sudh Gadwali Bhasa akdam paur bahut sunder lagta hye man karta her samya Negi sir ke Geet sunte rahiye ap Uttarakhand ki jaan ho all the best
Ap sefe and surakshit rahye 🙏🙏💐💐
आदरणीय नेगीजी प्रणाम 🙏।
आप जैसी धरोहर हमारे उत्तराखंड की शान हैं ।आपके साथ काम करने का एक अलग ही एहसास है न्यूजीलैंड के बाडुली संस्था में आयोजित संगीत संध्या में आपके साथ बांसुरी संगत का अवसर मिला बहुत ही मन अत्यधिक प्रसन्न था।आप जैसे लोकप्रिय महान शख्सियत के साथ बांसुरी वादन का अलग ही आनंद रहा।और वहां के बिताए हर पल ज्यादातर बस आप ही के साथ बीते थे। बहुत कुछ आप से सीखने को मिला ।यूं ही आप लोक संगीत पर अपने धुन और गीतों से हम सब तक को मंत्रमुग्ध करते रहे।
Bhot hi sundar narendra singh negi ji hm bhi pahadi chha pr hmne pura uttrakhand nehi khuma he or hm hmesa aap ke gane sunte he or aap ke gane sunke hm ko ye esha hota he ki hm pure uttrakhand me khun gye he hmra pura uttrakhand narendra singh negi ji ke pas bsa he or hm narendra singh negi ji ke gene sunkar bade huye he hm narendra singh negi ji bacpan se fen rahe he or hmsahi rahenge hmare narendra singh negi ji ki jga koi ni lepayega or narendra singh negi ji se hmari rekwest he ji please aap lagi batuli gane ko Studio ke madhiyam se pura karen please wese hm ko aap ke sabhi gane bhot bhole to bhot hi jada psand he or aap ne ye batuli gane ko gake bhot hi acha kiya hm aap ka The dil se parnam 🙏 karte he 🙏🙏 hamare uttrakhand ki san ho aap hmare uttrakhand ka jiwan aap ke hi pass he
रुक जाता हूं आपके गाने को सुनते सुनते भूल जाता हूं हर वो काम और थम जाता हूं सुनकर आपकी आवाज की एक झलक।
शहर में हो या घर मे क्योंकि में भी गुनगुनाता हु साथ मे जब आवाज में आवाज आपकी बैठाता हु।
"लागि बाडुळी"-प्रणाम आपतैं।। आपा काळजै गीतों मा एक हौर गीत जुड़िगे। ये गीत से आस- बिस्वास जगणू च कि परबासी भै बंध टैम टैम पर अपणि मातृ भूमि जरूर औणा रौला।अगर कूड़ि खंद्वार च त तै सल्योला। पुंगड़ि बांजि छिन त तौं चल्दि करौला अर साळ टूटी त तैं बी छण्ला।
गीत एक नास्टेल्जिक पक्ष प्रस्तुत करता है सदा की भांति कर्णप्रिय, भावपूर्ण, साधुवाद।लेकिन प्रवासी आपस मे इतने मिलनसार या भले नहीं होते जिनके लिए यह कीमती शब्दों को पिरोकर कवि श्रेष्ठ ने गीत उकेरा है,खैर!यह उनका कर्म,धर्म था। नस्लीय भेदभाव, जातीय द्वेष,पद, प्रतिष्ठा, क्षेत्र का श्रेष्ठता जैसे अवगुणों से लबरेज़ ये प्रवासी अब दिल्ली जैसे राज्य के थानों में सिपाही के रूप में,अदालतों में चपड़ासी के रूप में,हॉस्पिटल में वार्ड बॉय,सहायक कस रूप में,स्कूलो में कोई मास्टर या बाबू के रूप में,DTC, DDA में नहीं मिलते,क्योंकि सरकारी नौकरियों में अब इनका प्रतिशत नगण्य हो गया है।लेकिन दुराग्रह वही सन 80 वाले हैं।नई पीढ़ी एक दूसरे से हाय, हैल्लो भी नहीं करते,कथा कहानी कभी यहां की यथार्थवादी थी ही नहीं।शैलेश मटियानी,पंकज बिष्ट ने कुछ लिखा जरूर।लेकिन पढ़ा किसी ने नहीं।
सबसे बड़ी बात है कि गढ़वाली मां सभी उत्तराखण्ड अपनी भाषा में बात करने में हीन भावना से ग्रस्त हैं। नेपाली, मराठी भी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है वैसे ही उत्तराखंड की भाषा आसान है ।हम सब आसानी से लिख सकते हैं। हीन भावना को त्यागकर बोलना शुरू कीजिए। अधिकांश भारतीय अपनी भाषा में बोलते हैं।हम सबको एक दूसरे को आदर करना चाहिए।
बहुत ही सुन्दर अच्छा प्रस्तुति नेगी जी द्वारा
Boda ji aap ku mi Dil se dhnyavaad kardu ju AAP ethga achaa gieet likhdaa💓💓Myara negi daa
बहुत ही प्यारा गीत था ,भले ही वह बहुत छोटा था, लेकिन आपने जो सुंदर शब्दों और स्वरों के साथ उसे पिरोया था, वह लाजवाब था।🙏
Bahuut bahut sundar negi da, hamare dono bacche vansh Or vanshihika apke bahut bade diwane h, Or badi khushi hoti h ki me riya rawat, harpal rawat, ke baad bad bhi 8,shal ka ladka Or 5sal ki ladki aapke hi gano ko sunti h, negi aap hamesha swashth rahe hamaare apne est devi devtaao se hamesha Yahi parrarthna karte h, hamri umar bhi apko lag jaye, ase hi koi negi da nahi banta, kuch tha khash holu me ma, jai Uttrakhand
Gadratan negi ji ko sat sat naman 👏.
Gadratan negi ji aap ki kalpana, or rachnay, aap ki soch aap k swar, sanget, or pyar hamary leye shogat h...
Ham dhanya ho gaye esy anmol ratan ko chawn m👏👏👏...
Dhanyabad ek or nagina hamye daynye k leye👏👏👏
बहुत बहुत आभार।
सर! अब कोई शब्द नहीं रह गये।
सब लुटा चुका हूं या सब शब्द 'खते गिन'।
धन्य हैं भाई किशन महिपाल जो आपके सांधिय में है और आपके नक्शे कदम पर चल रहे है उनको भी आप अपना आशीर्वाद दीजियेगा
बहुत ही सुंदर गीत दिल को छू जाता है❤ नेगी जी आपको मेरे दिल की गहराइयों से प्यार भरा नमस्कार🙏
जी रै,,,, जागी रै,,, जुगराज रै तु,,, जी रै.... धन्य छा आप,,, धन्य छा आपक लेखनी 🙏🙏🙏🙏
Dhanya hai hamari ye dev bhumi jaha pr hamare ,negi jii ne janm liya ,aur apne geeton ke madhyam se hamari sanskriti ko bachaye rkha hai ,aapko koti koti pranam
माननीय लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी जी आप को मेरा प्रणाम आपने लगी बडुली मैं जो लाइन आगे बढ़ाई है, सचमुच यह लाइनें भी दिल को छू गई है। 🙏
अहा....! जब मिन यु गीत सूणीं तब मि सुचणूं रौं कि काश ये गीत मां एक द्वी अंतरा हौर होन्दी त कतगा बढ़िया छौ...! वास्तव मा यु बडुलि गी भौत हि सुन्दर और दिल मा उतरि गे...! भौत सुन्दर...!
बड़ा दुःख ह्वांद और क्रोध भी आंद जब छुर छुर फुर फुर गाणों पण और मैशप पण इतगा लाईक और जु आवाज बिना ऑटोट्यूनर क भी इतगा सुरीली च, नई रचना च वैपन इतगा कम लाईक। मैशप वाल और ऑटो ट्यूनर वालों ते लोगुन लोक कलाकार बने दयाई और जु लोक कलाकार इतगा समय से उत्तराखण्ड की हर समस्या खैरी विपदा सुख दुःख पन रचना करना,गाणा और समस्या ते सबुक समणी उठाना उन्का गीतों पर आजकल लोग ध्यान तक नि दयानां। नेगी जी क गीत फिर भी हमते हमर संस्कृति और इ देवभूमि मा ह्वानक एहसास कराना रयाला😍😍🙏🙏
धन्यबाद सूरज।
नेगी जी मेरा तो ऐसा कोई दिन नही जब सुबह आपके गीतों को सुनकर शुरू होता है सोता भी हु तो पहले आपका कोई गीत सुनकर
Narender Singh Negi jiiii humare gad ratan h or unhe humare bujrag or hum humare jo chote chote bache h janam janam tak yaad rakhinge or Negi ji ne jo bi gane banye unse humesha kuch na kuch sikhne ko milta h wo sur samrat h unko me dil se 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
Negi ji naaskar aap ke geet hamesa sudenko mune kerdi chahe kadga baar bhi sun lo.in geet lekhdanko baut dhanyabaad
🙏🙏🙏🙏🙏
ये ऐसा गाना है जिससे मुझे अंदर से पूरा झकझोर दिया। मेरा फेव गाना है जब भी गौ की याद आती है इस गाने को सुन के और गौ की बहुत याद आ जाती है, ऐसा लगता है कोई बुला रहा है आवाज़ मार के । सच में नेगी जी की लेखनी और गाने का तरीक़ा, आवाज़ का कोई तोड़ नहीं है। मै भगवान बद्री विशाल जी से आपके लंबी आयु की कामना करता हूं।
आपका बहुत बहुत आभार नेगी जी।🙏🙏
गढ़वाली समाज संगठन भोपाल एम. पी
धन्यबाद प्रवीण।
बहुत सुंदर प्रस्तुति नेगी जी दृंरा
💖💖
मजबूरी भैजी टक त आणकि लगी रैद मजबूर हम उत्तराखंडी मजबूरी हमारा रोजगार
नेगी जी आपको सादर प्रणाम🙏🙏। मैं आपका बहुत बड़ा फ़ैन हूँ। बचपन से आपके गाने सुनता आ रहा हूँ। आपका ये गाना दिल को छू लेता हैं। आपने अच्छा किया कि इस गाने को आपने लम्बा कर दिया पहले ये काफ़ी छोटा था ।
पूरे उत्तराखंड में आप जैसा गायक कोई नहीं हो सकता, आप जैसे लोग सदी में भी मुश्किल से मिलते हैं।
आपके गाने और गाने के बोल अनमोल हैं।
ऐसे ही इस उत्तराखंड को अच्छे गाने देते रहिए। आप हमेशा स्वस्थ रहे यही कामना हम ऊपर वाले से करते हैं।
धन्यवाद🙏🙏🙏💐💐
बहुत आभार जो आज हमे ईन गानों के बनने की पीछे की reality पता चल रही है उसके बाद फिर सुनने का अलग ही mza aa रहा है sachhi... प्रसन्नचित मन मेरा
आपके गानों का हमेशा से एक अलग ही अंदाज रहा है जो सभी के दिलों को छू जाते है
कास उत्तराखंड मे ओर नरेंद्र सिंह नेगी जी जेसे लोग जन्मे☺☺एसा हो तो धन्य हो जायेगा अपना उत्तराखंड
🌍❤ (मेरा कुमओ, मेरा गड्वाल, मेरा जौन्सार)🌍❤
ऐसा संभव नहीं लगता एक सूरज एक चादं है वैसे हमारे नेगी जी है शायद दय्यबतो की धरती मा भगवानों अवतार लिन्यु च नेगी जी का रूप मा कोटिशः नमन च श्रधेय देवतुल्य नेगी जी का चरणों मा
नरेंद्र सिंह नेगी जी जैसे ओर लोग जन्मे से भी उतराखंड़ का भला नहीं होगा पर नरेंद्र सिंह नेगी जी को सुने समझे जाने तो तो उत्तराखंड धन्य हो जायेगा भैजी
@@ukvibes2534 lov u all
@DD uttarakhand kyu nhi ish program ko telecast karta hai. Please bhaiyo Dordarshan ko yeh request hum log ko mil kar karni chaiyee.
@@laxmanbisht2638 uttam vichar
Margdarshan ki apecha hai
अहा!!कन सुंदर गीत च, लाजवाब शानदार 🙏🙏🙏
आपके गाने सुनकर एक अलग ही सुकुन महसूस होता है
Bhut h emotional krr diya...
Devta buna chnn...🙏🙏🙏
आतियां श्री श्री नेगी जी का बहुत-बहुत बधाई
नमस्ते सर जी 🙏🙏
बहुत सुन्दर गाना अति सुन्दर आवाज
अति उत्तम, लाजवाब। नेगी जी जुगराज रैंया और इनि सुंदर गढ्वलि रचना सुणाणा रैंया।🎉🙏
Negi ji Asli award logo ka pyar hi h Jo hamesha apke sath rhga ajkl award m politics h ....
_Ye hum sabhi ka saubhagya ha jo ghar baithe Negi ji ko humare manpasand geet lagi baduli sunne ka awsar prapt hua __ha.Jo__ bhi gana Negi ji gaa de wo sadabahar ho jata hai.Ishwar sadev ap par yuhi kripa barsate rahe aur yuhi sada ap hanste gaate rahe ❤️♥️♥️🙏🙏🙏_
बहुत सुंदर लाइन नेगी जी अब सही है पूरा गाना बन गया 🙏🙏🙏
धन्य है भाई साहब आप ।
सुनकर आंखों में आँसू आ गए ।
Negi ji Mera bachpan aapke geeto ke sath hi bada hua hai..jb v kiss pareshani me hota hu..to aapke geet sunkar kho jata hu..khush v rahu to aapke geeto k sath hi celebrate karta hu..bhagwan aapko sada swasth rakhe...
Bahut acha song es song ki sun ke .apne devbhumi uttarakhand ko miss kar rha hu ....❤️
नेगी जी आप के लिए लोगों के दिल मे एक विशेष जगह है शब्द भी कम पड़ जाते है तारीफ में ।जै भारत जै उत्तखण्ड
मैं नेगी जी आपकी बहुत बड़ी फैन हूं । आपके सभी गीतों के पीछे की हर कहानी बहुत ही दिलचस्प है। मेरी तो एक ही इच्छा है कि मैं आपसे मिलू । आपका आशीर्वाद हम सब पर सदैव ऐसे ही बना रहे।
धन्यवाद
अंजलि नेगी
From muscat Oman
आशीर्वाद।
बहुत-ही सुन्दर आपकी आवाज सुन के दिल में एक अलग-सी महक जगती हैं।आपकी आवाज में उत्तराखंड गढ़वाल की एक अलग-मिठास हैं।
सर में भी आपकी एलबम में एक शूटिंग करना चाहता हूं।सर में उत्तराखंड चमोली जिले के एक छोटे-से शहर कर्णप्रयाग से हूं💐💐👌👌💐👌💐👌💐👌💐👌💐💐
Negi da ka channel dekh bahut nirasha hoti hai
Jabki pura uttrakhand negi da ka dil se fan hai
Balki out of uttrakhand bhi
So guys sabhi log apne Facebook or whatsapp ke madhyam se subscribe karne ko kahe sabhi ko
नेगी जी नमस्कार, नया साल की बधाई आप तै।
बहुत सुन्दर गीत धन्यवाद नेगी जी।
बहुत बढ़िया गुरु जी स्वागत छू
नेगी जी हमु थै भी भौत बडुली लगदी।पर हम आप का गीत सूणी कि अपणु थोड़ा मन बुथै दीदौं।
Bahut sunder song Negi ji fain like kare Negi ji ye song stediyo me ho jaye lakho log sunege is song ko
"अद्भुत अलौकिक प्रस्तुति भाई जी"
"बाडुलि"संस्था द्वारा यह स्वरचित गीत आपने पूर्ण कर दिया है पूरी प्रस्तुति को सुनकर मन में ऊर्जा का संचार हुआ अद्भुत कला के धनी है भ्राता श्री जी आप गढ़वाली संस्कृति की भीष्म पितामह है आप धन्य है आपके कंठ को
"बहुत सुंदर गीत भाई जी"
दोस्तों लिंक ते share करो please तभी नेगी जी को ओर अधिक होंसला मिलेगा , नेगी जी कब से हमारे वास्ते इतने अनमोल गाने लिख रहे हैं और गा रहे हैं,,,जय घन्डियाल देव जी की,,जय उत्तराखंड जय हिन्द,,love you sir ji,,,
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना,, धन्य है हम उत्तराखंडी जिनको आप के जैसे महान गायक मिले,,, भगवान से आपकी लंबी आयु की कामना करते हैं ।।।।।🙏🙏🙏🙏🙏
सदैव की भांति अति उत्तम रचना 🌹🌹🙏🏻
नेगी जी आपसे हमारा एक निवेदन है की आप गढ़वाली में भगवानों कि कथा सुनाए।
क्यूंकि हम ही नहीं बल्कि पूरा उत्तराखण्ड के लोगों को पता है कि आप तो ज्ञान का भंडार हैं।
Bhut bdiya Negi ji bhut Sundar rachana Hain
नेगी जी आंसू आना छिन आपकु गीत सुणि तै आप ये गीत तै रिकॉर्ड करा 🙏🙏🙏 बहुत सुंदर गीत च यू नेगी जी plzzz ये तै रिकार्ड करा ।।
Dhniya ho aap jaise or mahpal singh bhai jaise gayakar ko tah dil se hardik shubhkanaye
Negi ji subha ki shuruwat apke is song se maja aagya thanku so much ghar ki yaad aagyi
Apki awaj bina music ke v laajawab hai negi ji👌✌🙏
नेगी जी जुगराज रंय्या तुम सदानी ईश्वर हमेशा आशीष बणै की रख्यां 🙏🙏
शानदार प्रस्तुति नेगी जी भगवान से यही प्रार्थना है आप ऐसे ही अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते रहें
जबरदस्त शब्द संयोजन ,मैं भी यही चाहता था कि यह गीत पूर्ण बन सकें ,आपने जो चार चांद लगा दिए ,असीम ,अनन्त खुशी मिली ,सादर प्रणाम ,आपका भुला गंगा दत्त जोशी ग्वालदम-गोपेश्वर से
सच में नेगी जी आप के जैसे कोई भी नही पूरे संसार में जिन्होंने अपनी भाषा को इतनी मान मर्यादा दी हो
गढ़रत्न श्रीमान नरेंद्र सिंह नेगी जी आपकी रचना आपके स्वर आपकी सोच आपकी कल्पना आपका प्यार देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति अकल्पनीय है, आपने देवभूमि की संस्कृति को सर्वोपरि रखने में कोई कमी नहीं रखी।
"""जय देवभूमि उत्तराखण्ड🙏🙏🙏🙏""""""
नेगी जी नमस्कार, आपका एक गीत है, मेरा आन से हर्ष हो सभी कू..... यह गीत कितना भी सुनलो मन नहीं भरता। धन्यवाद
इस गाने का पूरा नया ऑडियो फिर से रिकॉर्ड किया जा सकता है तो उसे भी रिकॉर्ड कर देंगे आप। एक बहुत बड़ा और अच्छा गाना है।
आपके लिए शब्द ही नहीं है महान हैं आप
नेगीजी प्रणाम,
आप उत्तराखंड के इनसाइक्लोपीडिया हैं। आपके गीत उत्तराखंडी मुहावरों और लोकोक्तियों से भरपूर्ण होते है जिन्हे हम उत्तराखंडी भाषा में मैणा भी कहते हैं और जो भी गीत आप गा लेते है वह अमर हो जाता है। अनेकों अनेक नमन आपको।
Dilko ❤️ chujate Hain apke gaane kyabat tum Jiya hajaron Saal 🎉🎉🎉 ❤️ se 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 bahut hi achalaga
नेगी जी नमस्कार भगवान आपकी लंबी उम्र करें गाना बहुत अच्छा गाया आपने आप के गानों को सुनते हुए ही हम बड़े हुए हैं धन्यवाद
बहुत सुन्दर नेगी जी हमारी भी येही तमन्ना थी कि ये गाना छोटा था अब आपने आगे बहुत सुन्दर गाना बनाया आपको मेरा सादर प्रणाम
बहुत सुन्दर जी सुपर हिट सोंग नेगी जी आप जियें हजारों साल
Garhwal par apka upkaar sada rahega negi ji, apka likha hr geet ,garhwal ki jan samasyao aur lok jeevan ka darpan h,aapki awaz hi pahad ki mehek ke saagar saman h. Ap sada prasann rahe swasth rahe🌹🌹🌹🌹🌹💖💖💖💖💖
नमस्कार नेगी जी 🙏🙏🙏🙏
आपका गीत हमारा हृदय मा रचा बस्या ची
यह संस्कृति और समाज मा संदेश हमेशा देना और लोग आज भी आपका गीतों पर अमल भी करदा।
आपकु उत्तराखंड की हर विधा पर गीत रचना ची।
एक गीत वर्ण व्यवस्था पर भी बणी सकदु क्यूँ कि घर गौं मा आज भी छुआछूत नया प्रकार से जू बीमारी 21वीं सदी मा फूल-फलणू ची जू हमारा समाज मा नई प्रकार से असमानता व्याप्त हुणी चा पीढ़ी दर पीढ़ी लोग ये बोझ तैं अगनी बढौंणा छन नया पीढी या पीडित समाज का बच्चों कु क्या कसूर वै थै तब पता चलदू जब वी पर सोच समझ आंदी आखिर कसूर कैकू चा ये पर वै ही वर्ग तैं समझण पडलू जबकि क्वे भी वाजिब कारण नीची या कैमा यैकू उत्तर नीची की ऊँच-नीच आखिर क्या ची।
आप जितका अच्छा कवि,रचनाकार,गीतकार और साक्षात हिमालय चा, ह्वे से भी अच्छा इंसान चा आपका जीवन मा कभी ऊँच-नीच नी राई मनखी मनखी मा भेद नी करी आपन।आपसे हाथ जोडीकर निवेदन चा कि ये पर आप एक गीत जू एक इंसान जू दूसरा इंसान थैं वर्ण व्यवस्था का कारण विभेद करदू जगजाहिर चा मेरी बात आप समझ गया होला पर बणै सकदा जू समाज तै एक बार नी हजारों बार सोचण पर मजबूर कलू अर समाज मा लोगों की सोच बदलकर रख द्यो या जातिरूपी बिमारी ख़त्म होण मा मील कू पत्थर साबित हो।
यदि आपका गीत लेखनी का सिद्धांत का अनुसार सही बैठदू ता आप ये पर एक गीत अवश्य समाज का वास्ता दियां यदि आपका गीत लेखनी का सिद्घांत मा सही नी बैठदू त क्वै बात नी छा। फिर भी सोच विचार करी तैं ये ज्वलंत विषय पर आपकी एक रचना समाज का सामणी ऐ जो ता आपकू यू आशीर्वाद नई पीढ़ी स्वीकार अवश्य करली इन हम अपेक्षा कर सकदा।
हम बहुत सौभाग्यशाली चा आप जन महान व्यक्तित्व उत्तराखंड मा हमतै मिली। नमस्कार आप दिल मा हमेशा राला।
इ विषय पर आपकू ही गीत कू अंश चा कि......
सदनी नी रैण रे झूंतू तेरी जमदरी.............
भुला वर्णव्यवस्था का खिलाफ मेरा क ई गीत छन।
प्रणाम नेगी भैजी। गीत मा अनुप्रास तथा मानवीकरण अलंकार की छटा शोभनीय छन उत्कृष्ट आनन्द ऐगी।