Hm ko aj samaj me aaya 3 nari ke bare me . Dil se parnayam kerete hai . Ek bar Hm 4 AM ke pass dhayan me soo rahe th to koi bahut Powerfull energy mere me inter kerene ke kosis ke hm jag gaye or bahut dar gaye bahut din tk dhayan chor diye lakin mn nahi lagta to 7-8 baje kerene lage jb sab koi jag jata hai tb . Iss ka answer hm ko aj mila .
आपका यह विडियो मूझे बहूत पसंद आया, कृपया इस तरह की गूढ एवं रहस्यमयी ज्ञान जो पुरातन काल से हमारे भारत भूमि में गुरु शिष्य की परम्परा से चलती आ रही है उसे आप ने अपने चैनल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं यह बहुत महत्वपूर्ण योगदान है आपका 🙏🙏🙏 इसी तरह की अद्वितीय ज्ञान से भरा विडियो हमेशा आपके चैनल पर अपलोड करते रहें ।धन्यवाद
Gurudev pranam kripya mujhe bataen ki agar mujhe mansik shaktiyon ke साथ-साथ atmik aur aadhyatmik Vikas bhi Karna hai to kya main donon abhyas ek sath kar sakta hun chandrabdhi aur apni samna ka jagran ek sath kar sakta hun
Hlo Respected sir nmste Mujhe apni education me b best dena h, apni desired life b jeeni h, or spirituality me b aage bdhna h Question- mujhe kon c Nadi p dhyan dena Hoga I do mantra Jaap+vipassana meditation everyday Ab ap btaye mujhe kya or kaise nirantar abhyas Krna chaiye I m waiting for your precious reply.. Always grateful to you Thank you so much 🥰
अगर आप अपनी एजुकेशन मे आगे बढ़ना चाहते है और आध्यात्मिक विकास भी करना चाहते हैं और अपनी इच्छित लाइफ भी जीना चाहते हैं तो आप सभी शक्तियों के संतुलित रूप के साथ आगे बढ़े। आपको अपनी इडा नाड़ी यानि अपनी चित शक्ति पर खास ध्यान देना चाहिए और इसके साथ-साथ अपनी सुषुम्ना नाड़ी यानि आत्म शक्ति को भी निखारना चाहिए। इसके लिए जो सब से आवश्यक है वो य़ह की आपको हर रोज प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए और खासकर सूर्य भेदी और चंद्र भेदी प्राणयाम, इससे आपकी मानसिक और शारीरिक दोनों चीजों का विकास होता रहेगा और आत्मिक विकास के लिए हर रोज ध्यान का अभ्यास करे जोकि मंत्र जाप और विपश्यना के द्वारा आप कर भी रहीं हैं।
Guruji Apne Jo Bhi Ida or pingla nadi Ke bare me bataya h sachi me bhot asha bataya h lekin Meri Ida nadi kabhi kabhi 8 ghanta regular Chalti h jb mai shayam ko dhayan kartahu tb sushupna chali h isa q guru ji
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित होकर 8 घण्टे तक चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा। कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी जिससे ध्यान के दौरान विचार भी ज्यादा नहीं आयेगे।
सर् जी,सादर प्रणाम, में जिला झाँसी उत्तर प्रदेश में रहता हूँ।आप मुझे अपने ध्यान केंद्र के बारे में जानकारी देने की कृपा करें।भारत मे आपके ध्यान केंद्र कौन से शहर में है।आपकी मेहरबानी होगी।
निश्चित रूप से कर सकती है और करना भी चाहिए क्यूंकि गर्भकाल के 9 महीनों मे यदि स्त्री ध्यान का अभ्यास करती हैं तो इससे उसके शरीर का parasympathetic system activate होगा जिससे उसके तन मन मे विश्राम और शांति की भावना विकसित होगी जोकि माँ और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक होगा गर्भकाल मे माँ जैसे भी विचार और भाव अपने अंदर रखेगी उसका सीधा असर बच्चे पर पड़ेगा, अगर इन नौ महीनों मे माँ अपने भीतर सुख, शांति और आनन्द जैसे सकरात्मक भावों को बना कर रखती है तो इससे जो सकरात्मक ऊर्जा पैदा होगी उससे माँ और बच्चे दोनों को लाभ मिलेगा, और ये सकरात्मक भाव ध्यान के अभ्यास से सहज ही विकसित होते हैं। इसके विपरीत यदि इन 9 महीनों मे माँ यदि अधिकतर दुःख, चिंता, तनाव जैसे नकारात्मक भावों मे यदि रहती हैं तो उससे शरीर मे हानिकारक हार्मोंस की वृद्धि होगी और यही हानिकारक केमिकल बच्चे तक भी पहुंचते है जिससे उसे भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए गर्भकाल मे स्त्री को हमेशा तनावमुक्त व प्रसन्न रहना चाहिए जो की ध्यान के अभ्यास से मुमकिन है।
निश्चित ही सम्भव है, बीमारी होने का मुख्य कारण होता है हमारे सूक्ष्म शरीर मे प्राण ऊर्जा के प्रवाह मे कोई रुकावट आ जाना, य़ह रुकावट किसी अस्वस्थ आदत के कारण या तनाव चिंता आदि के कारण आ जाती है, अगर ऊर्जा के प्रवाह मे रुकावट को ना आने दिया जाये तो कोई बीमारी आ ही नहीं सकती, किन्तु यदि बीमारी ऑल रेडी आ चुकी है तो भी ध्यान के माध्यम से प्राण ऊर्जा की रुकावट को दूर करके बीमारी को दूर किया जा सकता है। रेकी, सम्मोहन चिकित्सा, योग व प्राणायाम, विभिन्न वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों व विभिन्न ध्यान पद्धतियों के द्वारा पहले से ही देश विदेश मे बीमारियों का इलाज ध्यान द्वारा सफ़लतापूर्वक किया जा रहा है।
ध्यान के दौरान रोना आना बहुत कॉमन है, इसका कारण होता है हमारे अंदर हो रहे परिवर्तन, हमारे अवचेतन मन मे हमारी बचपन की या पूर्व जन्मों की बहुत सी स्मृतियां दबी रहती है जो ध्यान के प्रभाव मे अवचेतन मन से चेतन मन मे ऐसे ऊपर आ जाती है जैसे रुके हुए जल को हिलानेे से उसकी तलछट ऊपर सतह पर आ जाती है। इसके अलावा जब ध्यान के प्रभाव से हृदय चक्र जागृत होता है तब भी भावनाएं उमड़ने के कारण रोना आता है। और अच्छा है की ऐसा हो क्योंकि रोने से ऊर्जा मुक्त हो जाती है और हल्का कर देती है।
Pranam Guru Ji 🙏🙏 Kya koi aisi bhi vidya hoti hain ke jissey hum marey huye ki atma se baat kar sakein...? Agar haan to kripya margdarshan karein... Bari meharbaani hogi 🙏Pranam Ji 🙏
जी हाँ, यदि सप्रयोजन इस तरह की कोई तकनीक आप प्रयोग कर रहे है जिसमे आप अशरीरी रूप मे किसी दूसरी अशरीरी शक्ती से मिलना चाहते है तो ऐसा करना संभव है । वस्तुतः आत्माएं तो हमारे चारों और मौजूद ही है लेकिन क्युकि हम स्थूल शरीर मे है और वो सूक्ष्म शरीर मे, तो दोनो शरीरों की फ्रिक्वेंसी अलग अलग होने के कारण हमे इन आत्माओं का अनुभव नही होता लेकिन यदि हम भी ध्यान द्वारा या आउट ऑफ़ बॉडी एक्सपिरियंस द्वारा या कई बार नींद मे डरावने सपने के दौरान भी जब हमारा सूक्ष्म शरीर सक्रिय हो जाता है तो उस दौरान सेम फ्रिक्वेंसी मे आने के कारण हमारा संपर्क इन आत्माओं से हो सकता है या उनसे संपर्क का हम आयोजन कर सकते है, य़ह सम्भव है।
@@Dhyankagyan777 Guru ji yeh sawal maine aapse isliye poocha kyon ki jissey main prem karta hoon woh ab iss duniya mein nahi hain and main usey bahut yaad karta hoon, prem ke aansoon bhi nikal aate hain..... Isliye maine faisla liya ke ab main dhyan mein doobunga aur osho ke anusaar brahmcharya ka palan karunga aajeevan jaisa unhone sambhog se samadhi ki aur mein kaha hain....... Guru ji main ussey bahut bahut bahut prem karta hoon itna zyaada prem karta hoon ke main bata nahi sakta aapko jaise jal bin machli..... Guruji mujhe koi vidhi bataiye alag se pls ke jissey main uski atma se jurr sakun..... Yadi aap fees lena chahe thori bahut mujhe yeh vidya seekhane mein toh aap fees le sakte hain..... Main middle class family se belong karta hoon........ Roz dhyan sadhana karta hee hoon paramatma ka lekin mujhe uski bahut yaad aati hain guru ji pls kuch kariye mere liye pls 😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@paramveerkainth1110 jab tab tum USS vykti ki yad se mukt nahi honge tab tak wo bhi aatmalok me preshan rhenge na unhe chain milega na aapko agar unki unntee chahe aap to bahetar to aage badhna unse mukt hokr chlna yahi he sorry for this adwise
गुरूदेव प्रणाम !! फिर एक प्रश्न पूछनेका मनहुआ- योगा गुरूऔंने BP रोगियौंको सूर्य भेदि प्राणायाम करना मना किया है - फिर पिंगला नाडि एक्टिवकेलिए सूर्य भेदि प्राणयाम करना जरूरी है तो उक्त रक्तचाप वालोंको क्या करनाचाहिए - कृपया-----!!!
यदि रक्तचाप की समस्या हो तो सूर्य भेदी प्राणायाम बिना कुंभक के यानि बिना श्वास को रोके किया जा सकता है अर्थार्त तब आपको केवल दाई तरफ से साँस को भरकर बिना रोके बाइ तरफ से छोड देना है, और कोशिश करे की गर्मियों के दिनों मे इसका अभ्यास ना करे और अभ्यास के दौरान अपनी सब से छोटी अंगुली अपने अंगूठे से दबा कर रखे जिससे रक्त मे अतिरिक्त गर्मी पैदा नहीं होगी।
सुषुम्ना नाड़ी की जागृति के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखे:- जब हम ध्यान मे बैठते हैं तो उस समय हमे कमर सीधी करके बैठना चाहिए क्योंकि यदि हमारा शरीर यदि दाई और अगर झुका रहा तो पिंगला नाड़ी चलेगी और यदि बाइ और झुका रहा तो इडा नाड़ी चलेगी किन्तु यदि कमर सीधी रहीं तो सुषुम्ना चलनी शुरू हो जाती है, इसीलिए ध्यान मे सीधा बैठने का इतना महत्व है। दूसरी बात, ऐसी परिस्थितियां जिसमें जोखिम हो, रिस्क हो, वैसी परिस्थितियों मे भी सुषुम्ना सक्रीय हो जाती है, इसलिए अपने जीवन मे जितना आप दृढ़ निश्चय होकर पराक्रम करेगे उतनी आपकी सुषुम्ना नाड़ी सक्रीय रहेगी, क्योंकि चुनौती मे य़ह जागृति मे आ जाती है। तीसरी बात, आप ध्यान मे जब भी गहरे होगे, और जब भी आप का मन शांत होकर निर्विचार होगा, ठीक उसी समय सुषुम्ना जागृत हो उठेगी। तभी तो गहरे ध्यान मे अगर हम कोई प्रर्थना या संकल्प करे तो पूरा हो जाता है क्यूंकि उस समय सुषुम्ना सक्रीय रहती है। चौथी बात, सुषुम्ना अशुद्धियों के कारण बंद रहती है और प्राणायाम की मदद से हम इसे शुद्ध कर सकते हैं और जागृत कर सकते हैं, इसके इलावा इसको जागृत करने के लिये दिर्ध श्वास प्र्श्वास यानि निरंतर लम्बी गहरी सांस लेने की आदत डालनी चाहिये । जल नेति, सूत्र नेति का अभ्यास, योग अभ्यास जैसे त्रिव गति से सुर्य नमस्कार, दौडना, व्यायाम करना आदि भी सुष्मना जाग्रति के लिये उतम है । और ध्यान में बैठने से पहले कुछ शुद्धि दायक प्राणायाम करें जैसे कि कपालभाति और नाड़ी शोधन। इन प्राणायाम के 10 या 15 मिनट के अभ्यास करने से सुषुम्ना का मार्ग खुल जाएगा और फिर ध्यान के लिए बैठ जाये और अब अंतर देखें, आपको पहले की तुलना में ध्यान अधिक प्रभावी और गहरा लगेगा । इसके अलावा सुषुम्ना जागृति के लिए और भी बहुत सी महत्वपूर्ण बातें इस विडियो मे मैने बताई है, उनको ध्यान से सुनें।
नमस्कार गुरु जी आपका आश्रम कहां पर है हम आपसे गुरु दीक्षा लेना चाहते हैं और ध्यान में आगे बढ़ना चाहते हैं कृपा करके हमें उस मार्ग पर चलने का सही रास्ता बताएं
हमारा मुख्य ध्यान योग केंद्र यमुना नगर हरियाणा मे है जहा पर हर रोज योग व ध्यान की नियमित कक्षाएं लग रहीं है, जिसमें विद्यार्थि योग व ध्यान सीखने के लिए आते हैं इसके अलावा हमारे ध्यान साधना के शिविर ऋषिकेश, मंसूरी, धर्मशाला, मनाली आदि जैसे स्थानों पर लगते रहते है। जब हमारा अगला शिविर होगा तो आप उससे जुड़ सकते हैं, इसकी सूचना हम शिविर से 15 दिन पहले डाल देगे।
Kam se kam 10,000 hr dhayn se kundalini shakti jagrit hoti hai. So we have to meditate for long periods of time to achieving the goal. And many other things we have to follow.
No necessary, agar last birth mai aapne kundalini pe already kam kiya hai to kabhi bhi kundalini jagrut ho jati hai,birth chart mai agar forth house mai ketu hai to is janam mai aapki kundalini jagrut ho jayegi.
मैं आपको सजेस्ट करूंगा की आप केवल अपनी शक्ति पर ही विश्वास करे, और आप स्वयं भी आसानी से कुछ मेहनत के साथ उस लेवल पर आ सकते है जिस लेवल पर व्यक्ती दूसरे के शक्तिपात के माध्यम आता है। मैं समझता हूं कि शक्तिपात कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो एक वस्तु की तरह हो और जो आप किसी से ले सकते हैं या खरीद सकते हैं, और ना ही कोई सच्चा व्यक्ती ऐसे किसी को दे सकता है। मैं आपको शक्तिपात से जुड़ी मुख्य बातें बता रहा हू आप कृपया इन बातों को ध्यान से समझे, फिर जैसे आपका दिल करे वैसा करे। वस्तुतः शक्तिपात का मुख्य उदेश्य होता है की यदि आप अपने प्रयास से नही चल पा रहे है, या आपकी साधना कही अटक गई है या आपको अपनी साधना मे आगे बढ़ने के लिये एक ऐसा झटका चाहिए जो आपको तेजी से आगे ले जाये तो ऐसी स्थिति मे शक्तिपात आपकी रूकी हुई ऊर्जा को चलाकर आगे की और बढ़ा देता है, लेकिन याद रहे शक्तिपात का केवल इतना ही योगदान होता है, इससे आगे की यात्रा व्यक्ति को स्वयं ही अपनी जिमेदारी से व अपने प्रयासो से जारी रखनी होती है अन्यथा शक्तिपात का प्रयोग भी थोड़ी देर आनंद देने के बाद अपना प्रभाव खो देता है । आपका अपनी साधना के प्रति गहरा लगाव व रूचि होनी चाहिये, अपनी प्यास, संकल्प व अनुशासन के बल पर ही आप शक्तिपात की उर्ज़ा का सही उपयोग कर पायेगे व उसे आगे भी बढ़ा पायेगे अन्यथा शक्तिपात एक सुहावने स्वपन की तरह जीवन मे आयेगा ओर खो जायेगा । किसको शक्तिपात किया जा सकता है और किसको नही यह निर्भर करता है की शक्तिपात ग्रहण करने वाले साधक की शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक व अध्यात्मिक स्थिति कैसी है जिसका आकलन शक्तिपात देने वाला साधक या गुरु करता है । लेकिन प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बैठकर शक्तिपात देने के अलावा इसके बहुत से अन्य माध्यम भी हो सकते है । जैसे की दूरस्थ शक्तिपात जिसमे साधक को दूर स्थान से शक्ती प्रेषित की जाती है, अथवा गुरु के प्रति प्रेम व समर्पण की त्रिव भावना के दौरान, नृत्य भजन कीर्तन की मस्ती के दौरान, सानिध्य मे बैठने के दौरान, दोनो के मौन सत्संग के दौरान, शिष्य के गुरु को चरण स्पर्श के दौरान, गुरु के किसी विशेष अवसर पर शिष्य के नेत्रों मे यकायक देखने के दौरान गुरु परमात्मा का माध्यम बनकर शिष्य तक परमात्मा की उर्ज़ा पहुचाकर उसकी साधना मे उसको सहायता देने का प्रयास करता है । लेकिन अधिकतर ऐसी स्थिति को आयोजित या नियोजित नही किया जा सकता, यह एक अचानक से किसी श्रण मे भावातिरेक मे हो जाने वाली घटना है । यह घटना सहज हो जाये तो ठीक अन्यथा हमे इसकी लालसा नही करनी चाहिए और अपने स्वयं के श्रम से साधना मे आगे बढ़ना चाहिए ।
me aapse milna or judna chahta hu or apna aadhyatmik vikas kerna chahta hu isi jeewan me me is jeevan ko vyarth me khona nhi chahata kripya mera sahyog kere
@@rajafriend3366 मैं एक मार्गदर्शक की तरह आपका सहयोग करने की कोशिश करूंगा, आपको यदि कभी भी कोई समस्या या रुकावट आए तो आप कमेंट के माध्यम से अपना प्रश्न पूछ सकते हैं।
मैं आपको एक ऐसा तरीक़ा बताता हू जिसके आधार पर आप केवल नोकरी ही नहीं बल्कि जीवन मे वह सब पा लेते है जिसकी आप कामना करते है । सर्व प्रथम आप अपने मे अपनी सर्वोच्च इच्छा या कामना चिन्हित करे, फिर उस कामना प्राप्ति के लिये संकल्प करे और बाकी सभी विषयों पर केवल आवश्यक ध्यान रखते हुए मात्र इसी विशेष कामना पर अपना पुरा ध्यान एकाग्र कर दे और शरीर, मन, भाव और कर्म सभी जगह मे, चेतन मन और यहा तक की आपके अवचेतन मन तक मे कामना पूर्ति की इच्छा प्रवेश कर जाये । जब आप इस प्रकार अपनी सम्पूर्ण बिखरी शक्तियों को एकाग्र करके ना केवल इच्छा पूर्ति बल्कि बल्कि जीवन की कैसी भी स्थिति या परिस्तिथि को अपने अनुसार बदल सकते है । किसी भी प्रकार के नियम या ला का यही आधार है । दूसरी बात आप एक प्रयोग करे, आप हर रोज सुबह या रात को सोने से पहले आंख बंद करके बैठ जाये, साँस भरकर भीतर रोक ले और अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर केंद्रित करे और मन ही मन दोहराए की आपको मनपसंद नोकरी मिल गई है, ऐसा तब तक दोहराए जब तक आप साँस अंदर रोक कर रख सकते हैं किन्तु जब लगे की आप और देर तक साँस नहीं रोक सकते तो साँस को मुँह से बाहर निकाल दे, ये एक चक्र हुआ, कुछ सेकंड रुककर फिर से सब दोहराए। ऐसा आप 5 मिनट तक हर रोज करे।
(૧)Ida=Chadra=ChitShakti=Mental Shakti=Antarmukhi=Left Swar,(૨)Pingla=Surya=PranShakti=Phssical Shakti=બહિર્મુખી=રાઇટસ્વર(૩)સુષુમ્ણા=Your Own Power=Aatmshakti=Both Sides Swar=Dono mukh me Rah Shakta hai(Male or Female),Antarmukhi & બહિર્મુખી દોનો sides ka jivan Aasani se Ji Shakti hai,Chandra Bedi Pranayam me Rt side Nose ko Bandh karke Lt side se Swas Leke ૧૦ seconds Andar Roke Rakhe or fir Bahar Lt side se hi શ્વાસ કો nikale ye Subah Sam Dinme Do bar ૧૦ se ૧૫ minutes Karo jethi Ida/Chadra Nadi Tin Months me Activate hoke Chitshakti Majboot ho જાયેંગી,સામે Lt side nose band Karine Rt sidese Shwas ko Under Leke १० se १५ minutes Rokke fir usi Rt sidese nikale ye सूर्यभेदी प्राणायाम भी दिन में दो बार १० से १५ मिनट्स करता रहेवथी प्राणशक्ति एक्टिव जिससे फिजिकली शक्ति एक्टिवेट होगी & दोनो Nose se Anulom Vilom Pranayam bhi Dinme Dobar १० se १५ minutes Tin months karnese Sushumna Nadi ,usse आत्मशक्ति जागृत हो सकता है,आध्यात्मिक उन्नति और विकास उससे ही हो सकता है,All the best to all of you and also me
नकारात्मक और सकारात्मक पहलू भी काफी बढ़िया ढंग से समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद स्वागत है अगले प्रत्येक विडियो में
bahut acha dhiyan hai
Bahut Sundar Gyan guru Ji 🙏💐 dhaniyavad or Koti Koti parnam guru Ji 🙏🙏🙏💐
आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है।
Har. Har. Mahadev
Bhut dhnywad guru ji
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ
Thanks lot sir. Very nice u described
Nice video thanks 👍
Aap bohot gyani hain 🙏
Excellent sharing nicely explained 👌👌🌺🌺
Aap ki reading se positive energy milti hai 🙏 aur aapka samjhane ka tarika bahot 👌 badhiya hai 🙏 hame motivate Karti hai 🙏 so thank you 🙏🙏🌹🌹
Thanks
Bahut badiya sir ji👏👏👏👏
Thank you very much sir 🙏🙏🙏
I have gained tremendous knowledge from you. Thankx a lot.sir.
आत्म शक्ति प्राण शक्ति चित्त शक्ति
JOY GURU 🙏
Dandabat pronam Maharaj
Thank you Guruji 🙏🌹
Superb
Hm ko aj samaj me aaya 3 nari ke bare me . Dil se parnayam kerete hai . Ek bar Hm 4 AM ke pass dhayan me soo rahe th to koi bahut Powerfull energy mere me inter kerene ke kosis ke hm jag gaye or bahut dar gaye bahut din tk dhayan chor diye lakin mn nahi lagta to 7-8 baje kerene lage jb sab koi jag jata hai tb . Iss ka answer hm ko aj mila .
Thanks for the best knowledge very very thanks
Dandawat pranam GuruMaharaj🙌
Hare Krishna🙏🏻
Thank you Universe 🙏🔱🕉️🌹
Thanks, very nicely explained
Very very nice
Guru ji मुझे आपसे बहुत कुछ सिखने को मिला मै आगे भी आपके सानिध्य मे रहना चाहती हूँ। मै युमनानगर जरूर आऊंगी और आपके सानिध्य मे अपनी यात्रा आगे बढ़ाऊंगी.
Very nice
Thank u so much guru g great knowledge
Telepathy pe video banaye
Knowledgeable video.
#sir_blessme
From northeast 🙏🏼
Thanks guru ji
Thank you so much 🙏🙏🙏...God bless you always
आपका यह विडियो मूझे बहूत पसंद आया, कृपया इस तरह की गूढ एवं रहस्यमयी ज्ञान जो पुरातन काल से हमारे भारत भूमि में गुरु शिष्य की परम्परा से चलती आ रही है उसे आप ने अपने चैनल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं यह बहुत महत्वपूर्ण योगदान है आपका 🙏🙏🙏
इसी तरह की अद्वितीय ज्ञान से भरा विडियो हमेशा आपके चैनल पर अपलोड करते रहें ।धन्यवाद
नमस्ते गुरुजी 🙏🕉️🙏
Dhanyawad 🙏🙏🙏
नमस्ते
Gurudev pranam kripya mujhe bataen ki agar mujhe mansik shaktiyon ke साथ-साथ atmik aur aadhyatmik Vikas bhi Karna hai to kya main donon abhyas ek sath kar sakta hun chandrabdhi aur apni samna ka jagran ek sath kar sakta hun
🙏
Left nose ko band karna।।।।।Suryabhedi pranayam
Acchi padai keliye konsi nadi jagrit karni chahiye 🙏🙏
इडा नाड़ी
@@Dhyankagyan777 namo gurudev
Hlo
Respected sir nmste
Mujhe apni education me b best dena h, apni desired life b jeeni h, or spirituality me b aage bdhna h
Question- mujhe kon c Nadi p dhyan dena Hoga
I do mantra Jaap+vipassana meditation everyday
Ab ap btaye mujhe kya or kaise nirantar abhyas Krna chaiye
I m waiting for your precious reply..
Always grateful to you
Thank you so much 🥰
अगर आप अपनी एजुकेशन मे आगे बढ़ना चाहते है और आध्यात्मिक विकास भी करना चाहते हैं और अपनी इच्छित लाइफ भी जीना चाहते हैं तो आप सभी शक्तियों के संतुलित रूप के साथ आगे बढ़े।
आपको अपनी इडा नाड़ी यानि अपनी चित शक्ति पर खास ध्यान देना चाहिए और इसके साथ-साथ अपनी सुषुम्ना नाड़ी यानि आत्म शक्ति को भी निखारना चाहिए।
इसके लिए जो सब से आवश्यक है वो य़ह की आपको हर रोज प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए और खासकर सूर्य भेदी और चंद्र भेदी प्राणयाम, इससे आपकी मानसिक और शारीरिक दोनों चीजों का विकास होता रहेगा और आत्मिक विकास के लिए हर रोज ध्यान का अभ्यास करे जोकि मंत्र जाप और विपश्यना के द्वारा आप कर भी रहीं हैं।
ध्यान के में मेरा शरीर सोख रहा है क्या करो समझ में नहीं आ रहा
आप अपने आहार मे स्वस्थ चिकनाई जैसे दुध, माखन, देसी धी आदि शामिल करे, ऐसा करने से शरीर की रुक्षता समाप्त हो जायेगी।
Guruji Apne Jo Bhi Ida or pingla nadi Ke bare me bataya h sachi me bhot asha bataya h lekin Meri Ida nadi kabhi kabhi 8 ghanta regular Chalti h jb mai shayam ko dhayan kartahu tb sushupna chali h isa q guru ji
अगर आपकी इडा नाड़ी असन्तुलित होकर 8 घण्टे तक चल रहीं हैं और आप इसको बैलेंस करना चाहते है तो आप ठण्डी तासीर के खाद्य पद्धार्थ कम खाए और गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ ज्यादा ले, जब भी लेटे तो अपनी बाइ करवट लेटे ताकि दाई नाक ऊपर आ जाये, ऐसा करने से इडा नीचे दबकर बंद हो जायेगी और दाई यानि पिंगला चल पड़ेगी
अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य 10 मिनट प्रात काल अभ्यास करे। मेहनत वाले शारीरिक श्रम वाले कार्य करे, एक्सर्साइज करे, इससे आपको लाभ होगा।
कुछ दिन के अभ्यास से ही आपकी इडा नाड़ी संतुलित हो जायेगी जिससे ध्यान के दौरान विचार भी ज्यादा नहीं आयेगे।
सर् जी,सादर प्रणाम, में जिला झाँसी उत्तर प्रदेश में रहता हूँ।आप मुझे अपने ध्यान केंद्र के बारे में जानकारी देने की कृपा करें।भारत मे आपके ध्यान केंद्र कौन से शहर में है।आपकी मेहरबानी होगी।
Thanks 😊🙏
Right side।।।।Pingla।।।।।।Left Ida ।।।।।Both Shusumna
Ek bat bataye ki jab ham kisi se bat karte h to konsi Nadi chalti h to bo hamari bat manega or nibhayega bhi. Badlega nahi yensha ho to batayo
🙏🙏
ATI gyanvardhak video बहुत-बहुत dhanyvad sar aapka 🙏🙏💐💐 aapse hamari kabhi baat ho sakti hai sar ji Apne Anubhav share karne ke liye
मैं श्रमा चाहता हूं किंतु मैं किसी भी अन्य प्रकार से बात करने मे असमर्थ हू, आप कृपया कमेन्ट के माध्यम से ही अपनी बात पूछ सकते हैं।
Okay sir thank you 🙏🙏💐💐
ye dhan sadana koi bhi
kar sakte hai kya
jayse parivarik
बिल्कुल कर सकता है।
Guru ji. sahme sahme par badal jata
Meditation sambandhit kuch personal sawal puchna hai to aap tarika bataye please 🙏🙏
मैं श्रमा चाहता हूं किंतु मैं किसी भी अन्य प्रकार से बात करने मे असमर्थ हू, आप कृपया कमेन्ट के माध्यम से ही यदि आप चाहें तो अपनी बात पूछ सकते हैं।
🙏🙏🙏 dhanyawad aapka
Pranam guru ji 🙏
kya pregnent lady meditation kr skti hai
निश्चित रूप से कर सकती है और करना भी चाहिए क्यूंकि गर्भकाल के 9 महीनों मे यदि स्त्री ध्यान का अभ्यास करती हैं तो इससे उसके शरीर का parasympathetic system activate होगा जिससे उसके तन मन मे विश्राम और शांति की भावना विकसित होगी जोकि माँ और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक होगा
गर्भकाल मे माँ जैसे भी विचार और भाव अपने अंदर रखेगी उसका सीधा असर बच्चे पर पड़ेगा, अगर इन नौ महीनों मे माँ अपने भीतर सुख, शांति और आनन्द जैसे सकरात्मक भावों को बना कर रखती है तो इससे जो सकरात्मक ऊर्जा पैदा होगी उससे माँ और बच्चे दोनों को लाभ मिलेगा, और ये सकरात्मक भाव ध्यान के अभ्यास से सहज ही विकसित होते हैं।
इसके विपरीत यदि इन 9 महीनों मे माँ यदि अधिकतर दुःख, चिंता, तनाव जैसे नकारात्मक भावों मे यदि रहती हैं तो उससे शरीर मे हानिकारक हार्मोंस की वृद्धि होगी और यही हानिकारक केमिकल बच्चे तक भी पहुंचते है जिससे उसे भी नुकसान पहुंचता है।
इसलिए गर्भकाल मे स्त्री को हमेशा तनावमुक्त व प्रसन्न रहना चाहिए जो की ध्यान के अभ्यास से मुमकिन है।
@@Dhyankagyan777 Thank you guru ji aap ka bhut bhut dhnyvaad 🙏
क्या बीमारियों का इलाज ध्यान से संभव हैं?
निश्चित ही सम्भव है, बीमारी होने का मुख्य कारण होता है हमारे सूक्ष्म शरीर मे प्राण ऊर्जा के प्रवाह मे कोई रुकावट आ जाना, य़ह रुकावट किसी अस्वस्थ आदत के कारण या तनाव चिंता आदि के कारण आ जाती है, अगर ऊर्जा के प्रवाह मे रुकावट को ना आने दिया जाये तो कोई बीमारी आ ही नहीं सकती, किन्तु यदि बीमारी ऑल रेडी आ चुकी है तो भी ध्यान के माध्यम से प्राण ऊर्जा की रुकावट को दूर करके बीमारी को दूर किया जा सकता है।
रेकी, सम्मोहन चिकित्सा, योग व प्राणायाम, विभिन्न वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों व विभिन्न ध्यान पद्धतियों के द्वारा पहले से ही देश विदेश मे बीमारियों का इलाज ध्यान द्वारा सफ़लतापूर्वक किया जा रहा है।
Prnaam gurudev...🙏
Meditation k bich me hi hum fut fut kr rone Q lgte h?
ध्यान के दौरान रोना आना बहुत कॉमन है, इसका कारण होता है हमारे अंदर हो रहे परिवर्तन, हमारे अवचेतन मन मे हमारी बचपन की या पूर्व जन्मों की बहुत सी स्मृतियां दबी रहती है जो ध्यान के प्रभाव मे अवचेतन मन से चेतन मन मे ऐसे ऊपर आ जाती है जैसे रुके हुए जल को हिलानेे से उसकी तलछट ऊपर सतह पर आ जाती है।
इसके अलावा जब ध्यान के प्रभाव से हृदय चक्र जागृत होता है तब भी भावनाएं उमड़ने के कारण रोना आता है।
और अच्छा है की ऐसा हो क्योंकि रोने से ऊर्जा मुक्त हो जाती है और हल्का कर देती है।
Pranam Guru Ji 🙏🙏
Kya koi aisi bhi vidya hoti hain ke jissey hum marey huye ki atma se baat kar sakein...? Agar haan to kripya margdarshan karein... Bari meharbaani hogi 🙏Pranam Ji 🙏
जी हाँ, यदि सप्रयोजन इस तरह की कोई तकनीक आप प्रयोग कर रहे है जिसमे आप अशरीरी रूप मे किसी दूसरी अशरीरी शक्ती से मिलना चाहते है तो ऐसा करना संभव है । वस्तुतः आत्माएं तो हमारे चारों और मौजूद ही है लेकिन क्युकि हम स्थूल शरीर मे है और वो सूक्ष्म शरीर मे, तो दोनो शरीरों की फ्रिक्वेंसी अलग अलग होने के कारण हमे इन आत्माओं का अनुभव नही होता लेकिन यदि हम भी ध्यान द्वारा या आउट ऑफ़ बॉडी एक्सपिरियंस द्वारा या कई बार नींद मे डरावने सपने के दौरान भी जब हमारा सूक्ष्म शरीर सक्रिय हो जाता है तो उस दौरान सेम फ्रिक्वेंसी मे आने के कारण हमारा संपर्क इन आत्माओं से हो सकता है या उनसे संपर्क का हम आयोजन कर सकते है, य़ह सम्भव है।
@@Dhyankagyan777 Guru ji yeh sawal maine aapse isliye poocha kyon ki jissey main prem karta hoon woh ab iss duniya mein nahi hain and main usey bahut yaad karta hoon, prem ke aansoon bhi nikal aate hain..... Isliye maine faisla liya ke ab main dhyan mein doobunga aur osho ke anusaar brahmcharya ka palan karunga aajeevan jaisa unhone sambhog se samadhi ki aur mein kaha hain....... Guru ji main ussey bahut bahut bahut prem karta hoon itna zyaada prem karta hoon ke main bata nahi sakta aapko jaise jal bin machli..... Guruji mujhe koi vidhi bataiye alag se pls ke jissey main uski atma se jurr sakun..... Yadi aap fees lena chahe thori bahut mujhe yeh vidya seekhane mein toh aap fees le sakte hain..... Main middle class family se belong karta hoon........ Roz dhyan sadhana karta hee hoon paramatma ka lekin mujhe uski bahut yaad aati hain guru ji pls kuch kariye mere liye pls 😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@paramveerkainth1110 jab tab tum USS vykti ki yad se mukt nahi honge tab tak wo bhi aatmalok me preshan rhenge na unhe chain milega na aapko agar unki unntee chahe aap to bahetar to aage badhna unse mukt hokr chlna yahi he sorry for this adwise
@@paramveerkainth1110 aur aatma se baat krne ki ek best book 📚 if u can read
@@kajalagarwal1507 Books 📚ka naam bataiye kripya karke pls 🙏...... And main usey bhul nahi sakta yeh bilkul asambhav hain, usey bhul jaana matlab meri mrityu 😣😣🙏🙏
गुरूदेव प्रणाम !! फिर एक प्रश्न पूछनेका मनहुआ- योगा गुरूऔंने BP रोगियौंको सूर्य भेदि प्राणायाम करना मना किया है - फिर पिंगला नाडि एक्टिवकेलिए सूर्य भेदि प्राणयाम करना जरूरी है तो उक्त रक्तचाप वालोंको क्या करनाचाहिए - कृपया-----!!!
यदि रक्तचाप की समस्या हो तो सूर्य भेदी प्राणायाम बिना कुंभक के यानि बिना श्वास को रोके किया जा सकता है अर्थार्त तब आपको केवल दाई तरफ से साँस को भरकर बिना रोके बाइ तरफ से छोड देना है, और कोशिश करे की गर्मियों के दिनों मे इसका अभ्यास ना करे और अभ्यास के दौरान अपनी सब से छोटी अंगुली अपने अंगूठे से दबा कर रखे जिससे रक्त मे अतिरिक्त गर्मी पैदा नहीं होगी।
धन्यवाद
dono naak ko kaise activate karein
सुषुम्ना नाड़ी की जागृति के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखे:-
जब हम ध्यान मे बैठते हैं तो उस समय हमे कमर सीधी करके बैठना चाहिए क्योंकि यदि हमारा शरीर यदि दाई और अगर झुका रहा तो पिंगला नाड़ी चलेगी और यदि बाइ और झुका रहा तो इडा नाड़ी चलेगी किन्तु यदि कमर सीधी रहीं तो सुषुम्ना चलनी शुरू हो जाती है, इसीलिए ध्यान मे सीधा बैठने का इतना महत्व है।
दूसरी बात, ऐसी परिस्थितियां जिसमें जोखिम हो, रिस्क हो, वैसी परिस्थितियों मे भी सुषुम्ना सक्रीय हो जाती है, इसलिए अपने जीवन मे जितना आप दृढ़ निश्चय होकर पराक्रम करेगे उतनी आपकी सुषुम्ना नाड़ी सक्रीय रहेगी, क्योंकि चुनौती मे य़ह जागृति मे आ जाती है।
तीसरी बात, आप ध्यान मे जब भी गहरे होगे, और जब भी आप का मन शांत होकर निर्विचार होगा, ठीक उसी समय सुषुम्ना जागृत हो उठेगी। तभी तो गहरे ध्यान मे अगर हम कोई प्रर्थना या संकल्प करे तो पूरा हो जाता है क्यूंकि उस समय सुषुम्ना सक्रीय रहती है।
चौथी बात, सुषुम्ना अशुद्धियों के कारण बंद रहती है और प्राणायाम की मदद से हम इसे शुद्ध कर सकते हैं और जागृत कर सकते हैं, इसके इलावा इसको जागृत करने के लिये दिर्ध श्वास प्र्श्वास यानि निरंतर लम्बी गहरी सांस लेने की आदत डालनी चाहिये । जल नेति, सूत्र नेति का अभ्यास, योग अभ्यास जैसे त्रिव गति से सुर्य नमस्कार, दौडना, व्यायाम करना आदि भी सुष्मना जाग्रति के लिये उतम है ।
और ध्यान में बैठने से पहले कुछ शुद्धि दायक प्राणायाम करें जैसे कि कपालभाति और नाड़ी शोधन। इन प्राणायाम के 10 या 15 मिनट के अभ्यास करने से सुषुम्ना का मार्ग खुल जाएगा और फिर ध्यान के लिए बैठ जाये और अब अंतर देखें, आपको पहले की तुलना में ध्यान अधिक प्रभावी और गहरा लगेगा ।
इसके अलावा सुषुम्ना जागृति के लिए और भी बहुत सी महत्वपूर्ण बातें इस विडियो मे मैने बताई है, उनको ध्यान से सुनें।
@@Dhyankagyan777 koi aise book ka nam bataye jisse ye sab knowledge mil sake ya ap hi koi book likhe
👃
नमस्कार गुरु जी आपका आश्रम कहां पर है हम आपसे गुरु दीक्षा लेना चाहते हैं और ध्यान में आगे बढ़ना चाहते हैं कृपा करके हमें उस मार्ग पर चलने का सही रास्ता बताएं
हमारा मुख्य ध्यान योग केंद्र यमुना नगर हरियाणा मे है जहा पर हर रोज योग व ध्यान की नियमित कक्षाएं लग रहीं है, जिसमें विद्यार्थि योग व ध्यान सीखने के लिए आते हैं इसके अलावा हमारे ध्यान साधना के शिविर ऋषिकेश, मंसूरी, धर्मशाला, मनाली आदि जैसे स्थानों पर लगते रहते है।
जब हमारा अगला शिविर होगा तो आप उससे जुड़ सकते हैं, इसकी सूचना हम शिविर से 15 दिन पहले डाल देगे।
why my sushmana nadi is awaken all the time,,,???
It is good if it awakens most of the time
Bhai ye ghyan apko kaha se mila 🙏🙏
य़ह ज्ञान प्राचीन स्वरोदय विज्ञान शास्त्र मे बताया गया है।
Kam se kam 10,000 hr dhayn se kundalini shakti jagrit hoti hai. So we have to meditate for long periods of time to achieving the goal. And many other things we have to follow.
No necessary, agar last birth mai aapne kundalini pe already kam kiya hai to kabhi bhi kundalini jagrut ho jati hai,birth chart mai agar forth house mai ketu hai to is janam mai aapki kundalini jagrut ho jayegi.
guriji aap shaktipaat Kerte hai kya? mujhe apne sabhi chakra open kerwana hai
मैं आपको सजेस्ट करूंगा की आप केवल अपनी शक्ति पर ही विश्वास करे, और आप स्वयं भी आसानी से कुछ मेहनत के साथ उस लेवल पर आ सकते है जिस लेवल पर व्यक्ती दूसरे के शक्तिपात के माध्यम आता है।
मैं समझता हूं कि शक्तिपात कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो एक वस्तु की तरह हो और जो आप किसी से ले सकते हैं या खरीद सकते हैं, और ना ही कोई सच्चा व्यक्ती ऐसे किसी को दे सकता है।
मैं आपको शक्तिपात से जुड़ी मुख्य बातें बता रहा हू आप कृपया इन बातों को ध्यान से समझे, फिर जैसे आपका दिल करे वैसा करे।
वस्तुतः शक्तिपात का मुख्य उदेश्य होता है की यदि आप अपने प्रयास से नही चल पा रहे है, या आपकी साधना कही अटक गई है या आपको अपनी साधना मे आगे बढ़ने के लिये एक ऐसा झटका चाहिए जो आपको तेजी से आगे ले जाये तो ऐसी स्थिति मे शक्तिपात आपकी रूकी हुई ऊर्जा को चलाकर आगे की और बढ़ा देता है, लेकिन याद रहे शक्तिपात का केवल इतना ही योगदान होता है, इससे आगे की यात्रा व्यक्ति को स्वयं ही अपनी जिमेदारी से व अपने प्रयासो से जारी रखनी होती है अन्यथा शक्तिपात का प्रयोग भी थोड़ी देर आनंद देने के बाद अपना प्रभाव खो देता है ।
आपका अपनी साधना के प्रति गहरा लगाव व रूचि होनी चाहिये, अपनी प्यास, संकल्प व अनुशासन के बल पर ही आप शक्तिपात की उर्ज़ा का सही उपयोग कर पायेगे व उसे आगे भी बढ़ा पायेगे अन्यथा शक्तिपात एक सुहावने स्वपन की तरह जीवन मे आयेगा ओर खो जायेगा ।
किसको शक्तिपात किया जा सकता है और किसको नही यह निर्भर करता है की शक्तिपात ग्रहण करने वाले साधक की शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक व अध्यात्मिक स्थिति कैसी है जिसका आकलन शक्तिपात देने वाला साधक या गुरु करता है ।
लेकिन प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बैठकर शक्तिपात देने के अलावा इसके बहुत से अन्य माध्यम भी हो सकते है । जैसे की दूरस्थ शक्तिपात जिसमे साधक को दूर स्थान से शक्ती प्रेषित की जाती है, अथवा गुरु के प्रति प्रेम व समर्पण की त्रिव भावना के दौरान, नृत्य भजन कीर्तन की मस्ती के दौरान, सानिध्य मे बैठने के दौरान, दोनो के मौन सत्संग के दौरान, शिष्य के गुरु को चरण स्पर्श के दौरान, गुरु के किसी विशेष अवसर पर शिष्य के नेत्रों मे यकायक देखने के दौरान गुरु परमात्मा का माध्यम बनकर शिष्य तक परमात्मा की उर्ज़ा पहुचाकर उसकी साधना मे उसको सहायता देने का प्रयास करता है ।
लेकिन अधिकतर ऐसी स्थिति को आयोजित या नियोजित नही किया जा सकता, यह एक अचानक से किसी श्रण मे भावातिरेक मे हो जाने वाली घटना है । यह घटना सहज हो जाये तो ठीक अन्यथा हमे इसकी लालसा नही करनी चाहिए और अपने स्वयं के श्रम से साधना मे आगे बढ़ना चाहिए ।
dhanyawad guruji
me aapse milna or judna chahta hu or apna aadhyatmik vikas kerna chahta hu isi jeewan me me is jeevan ko vyarth me khona nhi chahata kripya mera sahyog kere
@@rajafriend3366 मैं एक मार्गदर्शक की तरह आपका सहयोग करने की कोशिश करूंगा, आपको यदि कभी भी कोई समस्या या रुकावट आए तो आप कमेंट के माध्यम से अपना प्रश्न पूछ सकते हैं।
Mujhe govt job leni h.. Kya kru????
मैं आपको एक ऐसा तरीक़ा बताता हू जिसके आधार पर आप केवल नोकरी ही नहीं बल्कि जीवन मे वह सब पा लेते है जिसकी आप कामना करते है ।
सर्व प्रथम आप अपने मे अपनी सर्वोच्च इच्छा या कामना चिन्हित करे, फिर उस कामना प्राप्ति के लिये संकल्प करे और बाकी सभी विषयों पर केवल आवश्यक ध्यान रखते हुए मात्र इसी विशेष कामना पर अपना पुरा ध्यान एकाग्र कर दे और शरीर, मन, भाव और कर्म सभी जगह मे, चेतन मन और यहा तक की आपके अवचेतन मन तक मे कामना पूर्ति की इच्छा प्रवेश कर जाये । जब आप इस प्रकार अपनी सम्पूर्ण बिखरी शक्तियों को एकाग्र करके ना केवल इच्छा पूर्ति बल्कि बल्कि जीवन की कैसी भी स्थिति या परिस्तिथि को अपने अनुसार बदल सकते है ।
किसी भी प्रकार के नियम या ला का यही आधार है ।
दूसरी बात आप एक प्रयोग करे, आप हर रोज सुबह या रात को सोने से पहले आंख बंद करके बैठ जाये, साँस भरकर भीतर रोक ले और अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर केंद्रित करे और मन ही मन दोहराए की आपको मनपसंद नोकरी मिल गई है, ऐसा तब तक दोहराए जब तक आप साँस अंदर रोक कर रख सकते हैं किन्तु जब लगे की आप और देर तक साँस नहीं रोक सकते तो साँस को मुँह से बाहर निकाल दे, ये एक चक्र हुआ, कुछ सेकंड रुककर फिर से सब दोहराए। ऐसा आप 5 मिनट तक हर रोज करे।
@@Dhyankagyan777 thanku 🙂
(૧)Ida=Chadra=ChitShakti=Mental Shakti=Antarmukhi=Left Swar,(૨)Pingla=Surya=PranShakti=Phssical Shakti=બહિર્મુખી=રાઇટસ્વર(૩)સુષુમ્ણા=Your Own Power=Aatmshakti=Both Sides Swar=Dono mukh me Rah Shakta hai(Male or Female),Antarmukhi & બહિર્મુખી દોનો sides ka jivan Aasani se Ji Shakti hai,Chandra Bedi Pranayam me Rt side Nose ko Bandh karke Lt side se Swas Leke ૧૦ seconds Andar Roke Rakhe or fir Bahar Lt side se hi શ્વાસ કો nikale ye Subah Sam Dinme Do bar ૧૦ se ૧૫ minutes Karo jethi Ida/Chadra Nadi Tin Months me Activate hoke Chitshakti Majboot ho જાયેંગી,સામે Lt side nose band Karine Rt sidese Shwas ko Under Leke १० se १५ minutes Rokke fir usi Rt sidese nikale ye सूर्यभेदी प्राणायाम भी दिन में दो बार १० से १५ मिनट्स करता रहेवथी प्राणशक्ति एक्टिव जिससे फिजिकली शक्ति एक्टिवेट होगी & दोनो Nose se Anulom Vilom Pranayam bhi Dinme Dobar १० se १५ minutes Tin months karnese Sushumna Nadi ,usse आत्मशक्ति जागृत हो सकता है,आध्यात्मिक उन्नति और विकास उससे ही हो सकता है,All the best to all of you and also me
any medium to contact you sir, pls