कैसा है तुम्हारा मन - फूल, या धूल? || आचार्य प्रशांत, दादू दयाल पर (2017)
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- Опубликовано: 8 сен 2024
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वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 9.12.17, मुक्तेश्वर, नैनिताल, भारत
प्रसंग:
~ मन क्या है?
~ कैसा है तुम्हारा मन - फूल, या धूल?
~ "मन को माणिक क्यों बोला गया है?
~ मन माणिक कब है?
~ मन को कीमती क्यों बताये है संत दादू दयाल?
~ मन माणिक मूरख राखि रे, जन-जन हाथ न देहु। इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
संगीत: मिलिंद दाते
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दोहा:
मन माणिक मूरख राखि रे,
जन-जन हाथ न देहु।
दादू पारिख जौहरी,
राम साध होई लेहु ।।
~ संत दादू दयाल
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आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति ईश्वर की प्राप्ति , कृष्ण की प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन इस युगपुरुष को 🙏आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l
नमन है इस युगपुरुष को 🙏♥️♥️♥️
आचार्य जी के अनुयायियों की संख्या तेजी से बढ़ते देख कर बहुत बहुत बहुत अच्छा लगता है l सत्य के प्रति और सत्य से अवगत कराने वाले आचार्य जी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ते देख कर बहुत अच्छा लगता है l नमन 🙏🙏❤️
आचार्य श्री।इतनी गहरी बात बड़े सरल शब्दों में बता दी आपने ।हम कृतज्ञ हैं ।शतू - शत् नमन !
Dhanyavaad sir
Sat sat naman Acharya ji
आभार आचार्य जी
Pranam Acharya Jee 🙏🙏🙏🙏🙏
Naman Acharya ji
Guru aur aatma ek hi hai...aap hi guru...aap hi aatma....
Pure...👌
pranam guruvar!
Naman mere priye acharya ji ❤❤
Acharya ji...aap ye staya karate rahei...swasth se Parichay ho raha hai...
चरण स्पर्श, आचार्य जी। 🙇🏻🪔
कोटी कोटी प्रणाम आचार्य जीं🌺🌺🌺🙏🙏🙏
Guru maharaj ❤
🙌
❤️❤️🙏
🙏🙏
Jayho
Bitar ka rahanevala bahar ka rahanevale nahi bhitar jo raheta hai Aachryaji koti koti Danyabad shukriya mete pas shabda nahi hai
Grateful 🌻🙏🙏
Aabhar apka❤❤❤❤
Pranam
धन्यवाद आचार्य जी.
😇🙏🙏🙏
Pranam Acharya ji 🌻
🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद आचार्य जी।
🙏🙏
jai ho
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी
🙏
🙏🙏🙏