इसका मतलब यह हुआ हडपा मोहन जोद डo के राजा हरपाल ने जब दीक्षा ली तब ग्रीकांनी आक्रमण किया और राजा को पराजित किया तब वाह के लोगो ने ऊन रथ के साथ दफनाया और ग्रीक राजा के साथ निकल पडे ईसी कारण धम्म लिपी भारत आई. वहा जो रथ के साथ बॉडी मिली वह हरपाल राजा की हो सकती है
सर गपोडी इतिहासकारों ने बौद्ध अवशेष को दबाने का काम किया है। बहुत घालमेल किया है वह भी जानबूझकर।आपको कोटि कोटि धन्यवाद हमारी धरोहर को उजागर करने के लिए।
The 5 million inhabitants of the IVC abandoned/evacuated their cities and migrated/,relocated to the east and south where they eventually mixed with the native hunter gatherers to become the ASI
मुझे विश्वास है कि ऐसे ही क्रमश बढ़ते बढ़ते एक दिन सिंधु या हड़प्पा सभ्यता की लिपि को आप ही पढ़ करके दुनिया के सामने ले आयेंगे । कोटि कोटि धन्यवाद ❤❤❤❤
जब बौद्ध धर्म चरम पा था तब,ब्राह्मणों ने चाल चलके वैदिक धर्म,वैष्णो धर्म,शैश धर्म न जाने कौन कौन धर्म बनाया,बाद हिदू धर्म हो गया,जो कि हिन्दू शब्द अरबो और इरानीओ कि देन है ये शब्द।
Iska matlab Buddha ☸️ se pehle 28 Buddha ☸️ huve the. Q ki Indus valley civilization main Buddhist stupa jo 4500 saal se hai. 🙏☸️ NAMO 👌 BUDDHA ☸️🙏 only in the world 🌎🇮🇳 True
Sir इतिहासकार ब्राह्मण हैं और उनका मकसद ही हमारी पहचान मिटाना है इनसे भूल होती नही है जानबूझकर गलत अर्थ निकालते है जो सच बता दिया तो फिर अपना इतिहास कहां से लाएंगे ले भी आए तो विदेशी साबित हो जाएंगे 🙏 धन्यवाद सर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने 🙏🪷 नमोबुधाय
मा, डा, राजेन्द्र प्रसाद सिंग बौद्ध वैज्ञानिक खोज करने के बाद नयी जानकारी, हम सब बहूजन समाज के बौद्ध धमम लीपी की, खोज करके हमे समझाने के लिए बहुत बहुत साधूवाद धन्यवाद।
We have to develop and groom in all fields of Humanities such as Linguistics Evidences, Archeological Etymology Historical and Anthropology and all other such friends to connect interdisciplinary research.
आज से दो हजार साल पहले का इतिहास आज के भारत का गौरव है, शायद सम्राट अशोक महान के समय के भारत का इतिहास का प्रेरणा स्रोत यही सभ्यता रही होगी, जय हो दूरदर्शी ,दार्शनिक प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान...
Namo Bhuddhay,jai Babasaheb B R Ambedkar jai hind and thanks with gratitude to Dr Rajendra Prasad for sharing the precious historical Heritageous facts with comparison between Amrawati and sindhu ghati sabhyata
@@karan.kunwar543 tune dekha kya ye old civilization ki baat h koi dava nhi kar raha abhi research chal Raha h language decode hoga tab pura pata hoga
@@zojozojo-ox6wj agar Buddhism India Ka hota tho yaha say kyu hataya Gaya iska MATLAB India Ka main religion Kuch aur tha aur dusra Buddha was of Hun race that's why was it was not accepted by hindus of india
सर,आप तथ्यो के साथ सही इतिहास बताते है. सिंधू घाटी सभ्यता ये बौद्ध सभ्यता ही है, ऐसा आपकी प्रस्तुती देखकर लगता है. जय भीम, नमो बुध्दाय, भवतु सब्ब मंगलम , 👍🌹🙏
भारत की प्राचीनतम ज्ञात सभ्यता कैसे अनेक उतार-चढ़ावों के बावजूद आज तक अपनी पहचान बनाए हुए है और मौर्यकालीन धम्मलिपि तथा वर्तमान नागरी लिपि 'सिन्धु लिपि' की ही वारिस हैं, अनेकानेक उदाहरणों द्वारा इस सत्य के उद्घाटन के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर...👌👍🙏🙏🙏
आपके पढ़ाने की ये नई शैली (तकनीक के प्रयोग के साथ) बहुत अच्छी है सर। वीडियो शिक्षा में एडिटिंग बहुत जरुरी है, समझ को आसान बनाती है। आपने एडिटिंग को अपनाया, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏🏻
बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति, पौराणिक ग्रंथों मे पंचम निषाद प्रजाति, महाकाव्यओं मे निषादराज प्रजाति, तमिल साहित्य मे द्रविड़ प्रजाति, अंग्रेजी साहित्य मे प्रोटो ऑस्ट्रेलायड प्रजाति और हिंदी साहित्य मे नाग, निषाद, द्रविड़, कोल, भील,गोंड,संथाल तथा आजकल ओबीसी, अनसूचित जाति और अनसूचित जन जाति सब समयानुसार अलग अलग नाम है पर मुझे लगता है ये सब एक ही प्रजाति का नाम है अथवा एक जैसे ही है मेरी समझ मे तो यही आया पर अंतिम सत्य मुझे पता नहीं भीम जोहार बुद्ध प्रणाम
@@ashwanisahu2439 शायद ऐसा नहीं है क्योंकि वेस्ट साइड में (एटा-इटावा-मैनपुरी) होली के गुझिया पापड़ आदि नाश्ते को गांव में जुहारी/ जुआरी शब्द प्रचलित है मतलब मूलनिवासी का ही शब्द है
@@ashwanisahu2439 भाई जी जोहार का मतलब अभिवादन करना होता है, आज भी आदिवासी समुदाय जोहार या सेवा जोहार ही प्रयोग करता है बस विश्वरतन बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर साहब को सम्मान देने के लिए है
सर जी जय हिंद। मुझे लगता है कि आप जिस मूल निवासी नागवंशी का इतिहास खोज रहे हैं वह इस पुस्तक में मिल सकता है।,,,,, प्राचीन भारत का शासक नाग, उनकी उत्पत्ति एवं इतिहास,,, लेखक श्री डॉ नवल वियोगी,,,। धर्म रक्षक, राष्ट्र रक्षक, सच्चा देशभक्त, महान त्यागी व बलिदानी,, जुझारू एवं शूरवीर, मूल निवासी योद्धा के योद्धा महाराज सुहेलदेव राजभर की चरणों में कोटि कोटि नमन। जय हिंद जय भारत, जय संविधान, जय जवान जय किसान।
@@arpitaroy8390 आप ठीक ही कह रहे है, पर सारे विश्व मे केवल पांच ही प्रजाति होती है 1 कोकसाइड 2 प्रोटो ऑस्ट्रेलायड 3 मंगोलाइड 4नेग्राईट 5 कैफेइड अब है तो सब ही प्रोटो ऑस्ट्रेलायड है अब आप चाहे नाग बोलो या निषाद बोलो बात तो एक ही है और निषाद या नाग कोई जाति धर्म संप्रदाय का नाम नहीं है निषाद / नाग संस्कृति और सभ्यता का नाम है जब से किताबें लिखने का समय आया तो नाग प्रजाति ना लिख के निषाद प्रजाति हो गया है जय हिन्द
बहुत अच्छे से लिपि की उत्पत्ति और विकास के बारे में बताया। हमें आज पता चला कि लिपी का किसे कहते हैं लिपि का मतलब है लिपना। सबसे पहले चित्रों को लिपा गया जो चित्र लिपि कहलाई, फिर चित्रों में भाव डालकर उन्हें लिपा गया जो भावलिपि कहलाई, फिर उनमें ध्वनि के प्रतीक बनाकर लिपे गए जो ध्वनि लिपि कहलाई। इस तरह दिनों मिलकर के भाषा बन गई जिसे हम आपस में बातचीत कर सकते हैं, इस तरह भाषा और लिपी का जन्म हुआ। जिन लोगों ने जिस कारण से जिस आधार से लिपी बनी उसी के नाम पर लिपि की पहचान बन गई। जैसे धम्मिक लोगों ने बनाया तो धम्म लिपी, नाग लोगों ने बनाया तो नागरी लिपि आदि।
हमें पुरा विश्वास हैआप जैसे इतिहासकार बहुत कम हाय जो सत्ते हम ताक पाहूनच रहा है आप के कोटी कोटी नमन सर नोमो बुद्धय जय भीम जय सविधान जय महान सम्राट अशोका जय विज्ञान 🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹🙏💙💙💙💙🙏💜💜💜💜🙏🙏
great movement by.... Buddha's... historical....... great in all over world.... 100% .... true that all over time.... I'm proud of our history.... Buddha's
दोनों बैलों में बहुत अंतर है। इन दोनों का बाड़ी स्ट्रक्चर देखिए। सबसे बड़ी बात इनकी सींगों का मिलान कीजिए। इस प्रकार के बैल गंगा घाटी और राजस्थान में पाये जाते हैं। सिंधु नगरों के उजड़ने के बाद किसान ये बैल अपने साथ गंगा यमुना घाटी में लाए और यहां लगभग 1200 ईसापूर्व रहना आरंभ किया। यहां पक्के मकान बनाना आसान नहीं था। इसलिए घासफूस व सरकंडों से मकान बनाए गए। अगर हमें असली और सही इतिहास लिखना है तो आपको पक्षपात से बाहर निकलना होगा।
महोदय आपने बहुत गहन तुलनात्मक अध्ययन कर हमरी बौद्ध सभ्यता की खोज किए हैं इसके लिए समाज सदा आपका आभारी रहेगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करेगें कि आपको अनसुलझे इतिहास को सुलझाने में सशक्त बनाए। धन्यवाद!
Is Pashupati Seal found in Indus valley a symbol of Shiv ji?
Is Sindoor culture of today's women come from Indus valley?
Thank you for the encouragement! I will surely talk about it in upcoming videos.
Namo budhay sir. We are waiting for your video on this topic.
Ghaadey Buddhist monk dont keep beard the statue found has beard 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
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Mangal grah par ek budh ka figure hai. Dharti par bodh wahi se aye hain.
प्रेम एवं सम्मान डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह जी को।
जय भीम।❤
इसका मतलब यह हुआ हडपा मोहन जोद डo के राजा हरपाल ने जब दीक्षा ली तब ग्रीकांनी आक्रमण किया और राजा को पराजित किया तब वाह के लोगो ने ऊन रथ के साथ दफनाया और ग्रीक राजा के साथ निकल पडे ईसी कारण धम्म लिपी भारत आई. वहा जो रथ के साथ बॉडी मिली वह हरपाल राजा की हो सकती है
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सिर्फ एक यही चैनल है पूरे यूट्यूब पर जो सबसे सटीक और सही जानकारी उपलब्ध कराता है। ऐसे सच्चे इतिहासकार और देशभक्त को नमन है।
सच्च
Ak or channel h Humara Ateet visit kijiye...
Bhai science journey bhi dekha karo
Hamara Ateet YT also
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सर गपोडी इतिहासकारों ने बौद्ध अवशेष को दबाने का काम किया है। बहुत घालमेल किया है वह भी जानबूझकर।आपको कोटि कोटि धन्यवाद हमारी धरोहर को उजागर करने के लिए।
Does it mean ,some time period and some stories are added to change the history knowingly as conspiracy.
बिल्कुल सही कहा आपने।
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Correct sar
The 5 million inhabitants of the IVC abandoned/evacuated their cities and migrated/,relocated to the east and south where they eventually mixed with the native hunter gatherers to become the ASI
मुझे ऐसा लगता है कि आपके दिये गये तर्को पर चलकर एक दिन हमलोग सिन्धुघाटी की लिपियों को अवश्य पढ़ (decipher ) पायेंगे।
नमो बुद्धाय।
Yes sir
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@@karan.kunwar543Haan Harappa Kaal me shaving tu karwata tha 😂
कुल मिला के हिंदु सिख बोध जैन एक ही हेन इनमे कुछ अलग नही हे बस थोड़ा टाइम टाइम के बदलाव है
. डॉ राजेन्द्र बाबू आज के समाज के सामने इतिहास का सही और असली दृष्टिगोचर करने वाले भाषा वैज्ञानिक हैं।कोटी कोटी नमन।
मा.राजेंद्र प्रसाद सिंह सर
सविनय क्रांतिकारक जयभिम
आप को सादर प्रणाम है. सिंदू घाटी सभ्यता हामारी बैध्दो की है ए सिध्द करके दिखाया
मुझे विश्वास है कि ऐसे ही क्रमश बढ़ते बढ़ते एक दिन सिंधु या हड़प्पा सभ्यता की लिपि को आप ही पढ़ करके दुनिया के सामने ले आयेंगे । कोटि कोटि धन्यवाद ❤❤❤❤
प्राचीन विकसित नगरीय सभ्यता
बिल्कुल ही सही बात सर जी, जय भीम जय संविधान
जानबूझ कर पाली भाषा को नष्ट किए गए
पूरे एशिया में बुध धर्म फैला हुआ था
बहुत ही बढ़िया और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार आपका
जब बौद्ध धर्म चरम पा था तब,ब्राह्मणों ने चाल चलके वैदिक धर्म,वैष्णो धर्म,शैश धर्म न जाने कौन कौन धर्म बनाया,बाद हिदू धर्म हो गया,जो कि हिन्दू शब्द अरबो और इरानीओ कि देन है ये शब्द।
सिंधु घाटी बौद्ध सभयता
सिन्धु घाटी सभ्यता के समय गौतम बुद्ध का जन्म भी नहीं हुआ था।
जब बौद्ध धर्म अस्तित्व में ही नहीं आया था, तो सिन्धु सभ्यता बौद्ध सभ्यता कैसे हो जाएगी 🤔😐
बुद्ध से पहले भी बुद्ध हुये है। @@Dhoonki
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@@karan.kunwar543 in bewakufo ko batane ka koi fayeda nahi ye bc kisiske sage nahi hai.ek baar ko baba saheb ko v nikar denge.😆😆😆
@@karan.kunwar543 he is not claming it to be buddha
सिंधु घाटी बौद्ध सभ्यता
Pagla gaya
Iska matlab Buddha ☸️ se pehle 28 Buddha ☸️ huve the. Q ki Indus valley civilization main Buddhist stupa jo 4500 saal se hai. 🙏☸️ NAMO 👌 BUDDHA ☸️🙏 only in the world 🌎🇮🇳 True
सच्चा इतिहास यहीं मिलेगा साथियों ।नमो बु
द्धाय ।
Sir इतिहासकार ब्राह्मण हैं और उनका मकसद ही हमारी पहचान मिटाना है इनसे भूल होती नही है जानबूझकर गलत अर्थ निकालते है जो सच बता दिया तो फिर अपना इतिहास कहां से लाएंगे ले भी आए तो विदेशी साबित हो जाएंगे 🙏 धन्यवाद सर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने 🙏🪷 नमोबुधाय
Bramhans are BORONA VIRUSES 🦠🦟 (BRAMHAN ORIGINATED)
अबे साले तुमलोग आज तक पढ़े लिखे थे कभी वो तो हम ब्राह्मण तुझे ज्ञान दे रहे है , जब तुम लोग को अफ्रीका से लाया गया था तो कुत्ता कैसे हालात थे ,
प्रो साहब आपने मेरे जीवन की गुत्थी सुलझी है।
गजब सर, आपके जज्बे के सामने मैं नतमस्तक हूं। इस उम्र में भी पढ़ाई लिखाई के प्रति जो आपका समर्पण है वो शानदार है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे।
मैने भी प्राचीन भारतीय इतिहास से मास्टर डिग्री ली है। आप के तथ्य सही और सटीक हैं। नमन करता हूं आपको सच को सबके सामने ला रहे हैं😊🙏⚛️♾️
मा, डा, राजेन्द्र प्रसाद सिंग बौद्ध वैज्ञानिक खोज करने के बाद नयी जानकारी, हम सब बहूजन समाज के बौद्ध धमम लीपी की, खोज करके हमे समझाने के लिए बहुत बहुत साधूवाद धन्यवाद।
☸️👌बुध्द ही भारतीयो की असली ऐतिहासिक विरासत है !👍🔄🇮🇳❤🙏
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राजेंद्र प्रसाद सिंह जी के बुक पढना चाहिए बहुत ही प्रमाण के साथ लिखे है नमो बुद्धाय
Thank you Rajendra Prasad Singhji for this valueable information.
हमलोगो को अपना इतिहासकार पैदा करना होगा जय भीम
We have to develop and groom in all fields of Humanities such as Linguistics Evidences, Archeological Etymology Historical and Anthropology and all other such friends to connect interdisciplinary research.
हमारी विरासत को सच्चाई के साथ उजागर किया । कलम कसाई इतिहारकारो की कमी नहीं है।शुक्रिया dr sahab,जय भारत।
सिंधु घाटी सभ्यता ज़िंदा है।
इस कार्यक्रम को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग नमोः बुद्धय
सिंधु घाटी सभ्यता भारत के मूलनिवासीयों की है
You are right sir 🎉🎉🎉🎉
सर , आपका विश्लेषण बहुत ही बेहतरीन , वैज्ञानिक तथ्यपरक और साक्ष्यों से परिपूर्ण है । आपको बहुत-बहुत साधुवाद .
Excellent Professor Saheb 👏👏👏👏👏👏, Keep it up !!!!! The real Indian Bahujan Historian and Archeological and Linguistics!!!!!! Keep it up Sir !!!!!!
सभ्यता में क्रमिक विकास होता है यही विज्ञान है सिन्धु घाटी सभ्यता भी समण संस्कृति की सभ्यता है बात सही है।
thanks, आपका सिंधु घाटी लिपि से मिलन सही लग रहा है । और सीधा सीधा है । दुनिया फिर इनती confuse क्यू है सिंधु घाटी लिपि को लेकर
Kuch confused ni. Logo ko sacchai na pata chal jaye isiliye confused hone ka dhong kar rahi h.
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@@karan.kunwar543
Indus valley me saman parampara tha. Saman se Buddh marg, Jain Marg, Sankhya Darshan yeh sab nikla..
@@Gaotami so it means it was not Buddhist 😂😂😂😂😂
@@karan.kunwar543
Isme hasne ki kya baat h?
Most important knowledge
आज से दो हजार साल पहले का इतिहास आज के भारत का गौरव है,
शायद सम्राट अशोक महान के समय के भारत का इतिहास का प्रेरणा स्रोत यही सभ्यता रही होगी,
जय हो दूरदर्शी ,दार्शनिक प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान...
सर.... कोई शब्द नही है आपके योगदान के लिये ....इतिहास की सबसे बडा सवाल का अपने जवाब दिया ....ये research published honi chahiye ....❤
Namo Bhuddhay,jai Babasaheb B R Ambedkar jai hind and thanks with gratitude to Dr Rajendra Prasad for sharing the
precious historical Heritageous facts with comparison between Amrawati and sindhu ghati sabhyata
ऐसे खोजी गुरु को क्रांतिकारी सैल्यूट,आपकी बारंबार जय हो जय हो
अठ्ठावीस बुद्धों कालिन प्राचीन भारत बौद्धमय था
नमो बुध्दाय
इसी से हम जुड़ रहे हैं
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@@karan.kunwar543 tune dekha kya ye old civilization ki baat h koi dava nhi kar raha abhi research chal Raha h language decode hoga tab pura pata hoga
@@zojozojo-ox6wj agar Buddhism India Ka hota tho yaha say kyu hataya Gaya iska MATLAB India Ka main religion Kuch aur tha aur dusra Buddha was of Hun race that's why was it was not accepted by hindus of india
@@zojozojo-ox6wj apna bakwaas band Karo aaj Buddhism hai tho because of India ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Great ..thease things should be investigated
सर,आप तथ्यो के साथ सही इतिहास बताते है. सिंधू घाटी सभ्यता ये बौद्ध सभ्यता ही है, ऐसा आपकी प्रस्तुती देखकर लगता है. जय भीम, नमो बुध्दाय, भवतु सब्ब मंगलम , 👍🌹🙏
भारत की प्राचीनतम ज्ञात सभ्यता कैसे अनेक उतार-चढ़ावों के बावजूद आज तक अपनी पहचान बनाए हुए है और मौर्यकालीन धम्मलिपि तथा वर्तमान नागरी लिपि 'सिन्धु लिपि' की ही वारिस हैं, अनेकानेक उदाहरणों द्वारा इस सत्य के उद्घाटन के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर...👌👍🙏🙏🙏
सुंदर व्याख्यान ✅💯
वास्तविक इतिहास प्रस्तुति। जय भीम, नमो बुद्धाय ।
बहुत सुंदर और अच्छी तरह हमे सिंधु सभ्यता, लिपि के संबंध में बौद्धकाल और मौर्यकालीन में समानता की जानकारी व समझने का मौका मिला । धन्यवाद
सिंधु घाटी सभ्यता में मिले सील और मौर्य कालीन शिल्प, मूर्ती कला का विकास होता हुआ साफ साफ दिखता है।
सर प्रणाम , बहुत सटीक जानकारी
आदरणीय सर जी आपके कई बुक को हमने पढ़ा हैं भारत का इतिहास और कुछ नही बौद्ध सभ्यता ही हैं आपको सादर प्रणाम
अद्धभुत ज्ञान प्राप्त हुआ सर्🙏,🙏🏻🙏🏻धन्यवाद
JAY BHEEM NAMO BUDDHAY SIR JI 🙏🙏🙏
आपके पढ़ाने की ये नई शैली (तकनीक के प्रयोग के साथ) बहुत अच्छी है सर।
वीडियो शिक्षा में एडिटिंग बहुत जरुरी है, समझ को आसान बनाती है।
आपने एडिटिंग को अपनाया, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
🙏🏻
आभार और अभिनंदन आप महोदय dr राजेंद्र प्रसाद सिंह
नई तकनीकी कौशल से ऑनलाइन live class के लिए
Thanks for updation
बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति, पौराणिक ग्रंथों मे पंचम निषाद प्रजाति, महाकाव्यओं मे निषादराज प्रजाति, तमिल साहित्य मे द्रविड़ प्रजाति, अंग्रेजी साहित्य मे प्रोटो ऑस्ट्रेलायड प्रजाति और हिंदी साहित्य मे नाग, निषाद, द्रविड़, कोल, भील,गोंड,संथाल तथा आजकल ओबीसी, अनसूचित जाति और अनसूचित जन जाति सब समयानुसार अलग अलग नाम है पर मुझे लगता है ये सब एक ही प्रजाति का नाम है अथवा एक जैसे ही है मेरी समझ मे तो यही आया पर अंतिम सत्य मुझे पता नहीं
भीम जोहार बुद्ध प्रणाम
सर जोहार मत लिखा करे यह सच मे जवाहर लाल को है जो इगलिस मे लिखने पर है JOWAHAR अम्बेडकर को hide करने वाले ऐसा स्लोगन दिये थे
@@ashwanisahu2439
शायद ऐसा नहीं है क्योंकि वेस्ट साइड में (एटा-इटावा-मैनपुरी) होली के गुझिया पापड़ आदि नाश्ते को गांव में जुहारी/ जुआरी शब्द प्रचलित है मतलब मूलनिवासी का ही शब्द है
@@ashwanisahu2439 भाई जी जोहार का मतलब अभिवादन करना होता है, आज भी आदिवासी समुदाय जोहार या सेवा जोहार ही प्रयोग करता है बस विश्वरतन बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर साहब को सम्मान देने के लिए है
सर जी जय हिंद। मुझे लगता है कि आप जिस मूल निवासी नागवंशी का इतिहास खोज रहे हैं वह इस पुस्तक में मिल सकता है।,,,,, प्राचीन भारत का शासक नाग, उनकी उत्पत्ति एवं इतिहास,,, लेखक श्री डॉ नवल वियोगी,,,। धर्म रक्षक, राष्ट्र रक्षक, सच्चा देशभक्त, महान त्यागी व बलिदानी,, जुझारू एवं शूरवीर, मूल निवासी योद्धा के योद्धा महाराज सुहेलदेव राजभर की चरणों में कोटि कोटि नमन। जय हिंद जय भारत, जय संविधान, जय जवान जय किसान।
@@arpitaroy8390 आप ठीक ही कह रहे है, पर सारे विश्व मे केवल पांच ही प्रजाति होती है 1 कोकसाइड 2 प्रोटो ऑस्ट्रेलायड 3 मंगोलाइड 4नेग्राईट 5 कैफेइड
अब है तो सब ही प्रोटो ऑस्ट्रेलायड है अब आप चाहे नाग बोलो या निषाद बोलो बात तो एक ही है और निषाद या नाग कोई जाति धर्म संप्रदाय का नाम नहीं है निषाद / नाग संस्कृति और सभ्यता का नाम है जब से किताबें लिखने का समय आया तो नाग प्रजाति ना लिख के निषाद प्रजाति हो गया है
जय हिन्द
Beautiful Rajendra Sir 💐🙏
#JaiBhim
#NamoBuddhaya
चित् आनन्द से सराबोर हो गया, आपको नमन करते हैं🙏🙏🙏
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी देने पर आपको साधुवाद ❤❤
बहुत अच्छे से लिपि की उत्पत्ति और विकास के बारे में बताया। हमें आज पता चला कि लिपी का किसे कहते हैं लिपि का मतलब है लिपना। सबसे पहले चित्रों को लिपा गया जो चित्र लिपि कहलाई, फिर चित्रों में भाव डालकर उन्हें लिपा गया जो भावलिपि कहलाई, फिर उनमें ध्वनि के प्रतीक बनाकर लिपे गए जो ध्वनि लिपि कहलाई। इस तरह दिनों मिलकर के भाषा बन गई जिसे हम आपस में बातचीत कर सकते हैं, इस तरह भाषा और लिपी का जन्म हुआ। जिन लोगों ने जिस कारण से जिस आधार से लिपी बनी उसी के नाम पर लिपि की पहचान बन गई। जैसे धम्मिक लोगों ने बनाया तो धम्म लिपी, नाग लोगों ने बनाया तो नागरी लिपि आदि।
Beautiful presentation and information sir Ji
इतिहास की सही जानकारी देने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं बधाई हो। नमो बुध्दाय।
Dr Rajendra Prasad God bless you Jai mulnivasi jindabad jai Bhim Namo budhay
आदरणीय सर,
कैलाश मंदिर के बारे में आपके क्या विचार हैं?
साथ ही अजंता एलोरा गुफाओं को बारीकी से समझाएं, हम सब जानने के इच्छुक हैं।❤
गोंडी आचार्य मोतीरावन कंगाली जी ने इस लिपी को गोंडी भाषा में पढा है l
क्या गोंडी लिपी और धम्म लिपी में समानता है
आप बहुत ही श्रेष्ठ काम कर रहे हैं। इतिहास की सही कड़ियां जोड़कर सच्चा इतिहास की पहचान जन सामान्य लोगों को करा रहे हैं धन्यवाद ।
Super sir ji I'm watching you from Paris PUNJAB 🙌
Namo Budhay Jaybhim Jay Ashok Samrat Mahan , Very nice information
आपसे ज्यादा बुद्धिमान व्यक्ति कोई नही गुरुदेव
Dr Rajendra Prasad Singh is grt language teacher
बेहतरीन जानकारी
जय भीम नमो बुद्धाय
माननीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी आपके द्रारा बहुत अच्छी अच्छी जानकारी मिलता रहता है, इसके लिए आपको बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।।
इसको मैथड़ को प्राथमिक शिक्षा के रूप में बच्चों को पढ़ाना बहुत ही आवश्यक है। ताकि लीपि को सभ्यता से जोड़कर समझने में मदद मिल सके।
बहुत बहुत धन्यवाद सरजी
जयभीम नमोबुधाय
आपको कोटि कोटि धन्यवाद
परम प्रबुद्ध शुद्ध पथ गामी नमो तथागत बुद्ध नमामि
गुरुदेव को सादर जय भीम नमो बुद्धाय🙏🙏🙏🙏🙏
वाह इसे ही कहतें हैं सच्ची ज्ञान। वो भी सच्चे एविडेंस के साथ। बहुत बहुत धन्यवाद सर जी।🇮🇳✍🏼☸️👌🏼🙏🏼🙏🏼💙💐💐
बहुत ही अमिट जानकारी दी है।
Sir i am really fan of you thank you very much for your wonderful analysis
जय भीम जय मूलनिवासी नमो बुद्धाय आपके द्वारा दी गई सटीक जानकारी हमारे पुरखों की सभ्यता से हमें अवगत कराते हैं दिमाग में एकदम स्पष्टता निर्माण होती है
अपनी पहचान स्थापित करो भारत के मूलनिवासीयों 💪💪💪💪
Please keep this beautiful research continue. Jai Bhim, Namo Buddhay.❤
Excellent Analysis Professor Sir. I watch each of your video multiple times. Dr. K Singh.
बौध्द सनातन संस्कृती ही सिंधू घाटी सभ्यता है
कुल मिला के हिंदु सिख बोध जैन एक ही हेन इनमे कुछ अलग नही हे बस थोड़ा टाइम टाइम के बदलाव है
सर आप डिबेट शो किया कीजिए तभी ज्यादा से ज्यादा लोगों को समझने में आसानी होगी। 🙏
बहुत अच्छा सर रियलिटी बताने के लिए ।आपकी बात लोग मानेंगे आप अपना काम करते रहिए सर।धन्यवाद
बहुत ही शानदार प्रदर्शन, विवरण, विश्लेषण एवं तुलना। एक नई दिशा मिली है सोचने के तरीक़े को। धन्यवाद।
चित्र भाव प्राकृत ब्राम्ही पाली धम नागरिलिपि आदि प्रमुख रही.....बहुत सुंदर प्रस्तुती अभिनंदन
लिपि के बारे में प्रोफेसर साहब जानकारी के बताने वारे बहुत बहुत साधुवाद
जय भीम नमो बुधाय
कोटि कोटि आभार सर आपका
शानदार पोस्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !
हमें पुरा विश्वास हैआप जैसे इतिहासकार बहुत कम हाय जो सत्ते हम ताक पाहूनच रहा है आप के कोटी कोटी नमन सर नोमो बुद्धय जय भीम जय सविधान जय महान सम्राट अशोका जय विज्ञान 🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹🙏💙💙💙💙🙏💜💜💜💜🙏🙏
बहुत ही शानदार तरीके से आपने तीनों लिपियों के बारे में बताया व समझाया ❤❤❤
Sir many thanks for bringing true history of India. Arya Brahmins have tried their best to dismantle our historical facts.
great movement by.... Buddha's... historical....... great in all over world.... 100% .... true that all over time....
I'm proud of our history.... Buddha's
sir you explain deeply about bhasha&lipy internally we are feel that our connection is with Indus velly civilisation
आपका काम बहुत रोचक है ,,,ghyanwardhak है
आप हमारे इतिहास में लिपि को अति सुन्दर शब्द में समझाया। नमो नमो वौध्य
आदरनिय सर ,जयभिम.
Apne Mul nivasiyon ki sabhyata Ko aapane darshaya hai iske liye aapko bahut bahut bahut dhanyvad sar.
दोनों बैलों में बहुत अंतर है। इन दोनों का बाड़ी स्ट्रक्चर देखिए। सबसे बड़ी बात इनकी सींगों का मिलान कीजिए। इस प्रकार के बैल गंगा घाटी और राजस्थान में पाये जाते हैं। सिंधु नगरों के उजड़ने के बाद किसान ये बैल अपने साथ गंगा यमुना घाटी में लाए और यहां लगभग 1200 ईसापूर्व रहना आरंभ किया। यहां पक्के मकान बनाना आसान नहीं था। इसलिए घासफूस व सरकंडों से मकान बनाए गए। अगर हमें असली और सही इतिहास लिखना है तो आपको पक्षपात से बाहर निकलना होगा।
महोदय आपने बहुत गहन तुलनात्मक अध्ययन कर हमरी बौद्ध सभ्यता की खोज किए हैं इसके लिए समाज सदा आपका आभारी रहेगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करेगें कि आपको अनसुलझे इतिहास को सुलझाने में सशक्त बनाए। धन्यवाद!
डॉक्टर साहब बहुत अच्छी जानकारी दी आपने बहुत-बहुत बधाई
Quite convincing. Dr Rajendra Prasad Ji, you earned my sincere respect.