Gulami ka karan bhee bhi Varn Byavastha hai.Brahmano ne desh ka mahaul bigada hai aur Hinduon ko gulami dee hai.Yadi Brihdrath Maurya kee hatya na hoti to desh gulam na hota.
वर्ण और जाति में अंतर वर्ण-- चार होते हैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र जाति-- चार होती है अंडज पिंडज स्वेदज जरायु वर्ण- गुण कर्म स्वभाव के अनुसार होते हैं जाति-- योनि जन्म के आधार पर होती है वर्ण --गुण कर्म के अनुसार परिवर्तन हो जाते हैं जाति-- जीवात्मा का दूसरी योनि में मरणोपरांत परिवर्तन होती है (वर्ण) ब्राह्मण-- शिक्षक उपदेशक समाज को ज्ञान देने वाला क्षत्रिय-- रक्षक सैनिक समाज की रक्षा करने वाला वैश्य-- पोषक कृषक व्यापारिक समाज का भरण करने वाला शूद्र--- सेवक चपरासी समाज की सेवा करने वाला (जातियां) अंडज--- पक्षी आदि अंडे से पैदा होने वाले जीव पिंडज--- वृक्ष वनस्पतियां आदि पृथ्वी से पैदा होने वाले स्वेदज--- बिच्छू जुआं आदि कीचड़ पसीने से पैदा होने वाले जीव जरायु-- मनुष्य पशु आदि गर्भ से पैदा होने वाले जीव अतः मनुष्य बंदर हाथी घोड़ा मोर सर्प आदि प्राणी जातियां कहलाती हैं। जो मरणोपरांत दूसरी योनि में जाने से परिवर्तन हो जाती हैं चार वर्ण ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र जीवन काल में परिवर्तन हो जाते हैं अर्थात कर्मानुसार शूद्र ब्राह्मण और ब्राह्मण शूद्र हो सकता है इसी तरह वैश्य और क्षत्रिय को समझो। यही वेद आदि शास्त्रों में और मनु आदि स्मृतियों में उल्लेख है इतना स्पष्ट होने पर भी यह स्वार्थी मानव समझते हुए भी नहीं मान रहा है। जो चार वर्णों को अपनी अज्ञानता और मूर्खता से जातियां समझ रहा है। धिक्कार है इस मानव जाति को ! इससे तो पशु पक्षी आदि जातियां श्रेष्ठ है जो अपने नियम व्यवस्था में रह रहे हैं।
Accha mujhe batau atna sab kuch ho na ka bad ve chuay chuat ku he ha ku dalit aaj ve dalit he ha ku un ko aaj ve kast utana pad ta he ku dur ky jata he ainn samjo se ku un kasar chuay chuat jasa or har samay partret key jata he ha aap barin babasta ke bat kar ta he
अंग्रेज इस देश में राज नहीं करते तो शूद्रों की गुलामी ख़त्म नहीं होती। चारों युगों मे एक ही भगवान पैदा हुआ जिसने सभी इंसानो को एक समान जीवन जीने का अवसर दिया।
इतिहास के साथ - साथ समय के अनुकूल और प्रतिकूल राज्यों के रजवाड़ों के ब्राह्मणों के कर्मकांडों tatha संबंधो के भी चर्चा साथ - साथ होना अनिवार्य है ।जय भीम ।samvidhan जिंदाबाद ।
मैंने जो भारत का इतिहास पढ़ा है उसके आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि भारत में जातियाँ लगभग 2000 वर्ष पूर्व से शुरू हुई लेकिन देश में अंग्रेजो के आने के बाद जातिवाद मे काफी कमी आई क्योंकि अंग्रेजो ने बहुत सारे ऐसे कानून बनाये तथा सख्ती के साथ लागू किए जिसका परिणाम हुआ कि जो लोग अपने को जानवरो से बदतर मानते थे जिनको सभी हक अधिकारों से वंचित किया हुआ था एवम ऐसे शोषित और पीड़ित लोगो के साथ अमानवीय वयव्हार कुछ प्रतिशत् जातिवादी लोग किया करते थे जिनके हाथ में सत्ता,पैसा और पॉवर हुआ करती थी उनके द्वारा इस देश मे अमानवीय कार्यो को ठोकर से उडाने का कार्य करना शुरू किया जिससे हर पीड़ित शोषित को अहसास होना शुरू किया कि वो भी इंसान है तथा उनको भी जीने का अधिकार है इसीलिए देश से अंग्रेजो को देश से भगाया गया क्योंकि वो जातिवाद के खिलाफ काम किया करते थे जिससे जातिवादी लोगो के पेट में बहुत दर्द रहा करता था तथा उनके द्वारा गरीबो के ऊपर किए जाने वाले शोषण मे कमी आ रही थी जिसका परिणाम हुआ कि अंग्रेजो के कारण ही भारत को नया संविधान मिला जिसमें जातिवाद जैसी कुप्रथा को नष्ट करने का काम किया गया है लेकिन जातिवादी लोगो के पेट में हर वक्त इसी कारण दर्द रहता है कि उनके द्वारा दूसरो के ऊपर किए जाने वाले शोषण और पीड़ित करने का अधिकार छीन लिया गया तथा ऐसे कुछ प्रतिशत् जातिवादी मानसिकता के लोग आज भी प्रयासरत है कि वर्तमान संविधान खतम करके दोबारा गरीबो का शोषण करने वाला विधान लागू किया जाए तभी उनकी आत्मा को शांति मिलेगी लेकिन अब यदि ऐसा हुआ ये पूरा देश शमशानो और कब्रो का देश बन कर रह जायेगा जिससे मानव सभ्यता का अंत भी हो सकता है.
अंग्रेजों को देश से इसलिए भगाया गया था कि वे देश का पूरा सोना चांदी कपास अनाज ब्रिटेन में ले जाते थे। बंगाल में अकाल अंग्रेजों के कारण ही पड़ा था। अंग्रेज पूरा चावल गेंहू ब्रिटेन ले गए थे जिससे करोड़ों लोग मरे थे। तुम अंग्रेजों की वकालत कर रहे हो।
Aaj ke kaal mein dalit jaatiyan aapas mein hi chua chhut karte hain aur unka takraav sabse zyada shudron ke saath hi hota hai na ki savarn brahmano ke saath.
Bilkul sahi kaha aapne sir hame aisa samaj rachna hai jis me koi unch Nich na hi koi Garib na ho koi tavangar na ho sabhi ek saman ho Kiya aisa ban sakta hai
@@nikeshshriwas7482 Desh ko gulam banane wale ki tarif karne wale log deshbhakt kaise ho sakte hai? Rani Lakshmi bai ne angrejo ko isliye thode bhagaya tha ki jaat paat shuru ho, bhagat singh Or kai jawan jaat paat shuru hone ke liye faasi par chadhe the🤔? Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo RUclips par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
यह पर्दा डालने की कोशिश की नहीं तो सिर्फ तीन ही लोगों के बच्चे पढ़ाई लिखाई कर सकते थे वह तो शुक्र मनाओ कि अंग्रेज भारत में आए उन्होंने शिक्षा का अधिकार 1813 में शिक्षा का अधिकार दीया वह अधिकार यह तीनों वर्ण व्यवस्था वाले भी दे सकते थे मगर उन्होंने कभी नहीं अब आप लोग इस पर पर्दा जरूर डाल रहे हैं गोदी मीडिया
कर्म और काम फर्क है। कर्म जिसे पाप हो। उसे बुरा समझना चाहिए। काम, काम है । नालियों की सफाई का काम है वह बड़ा काम है। जो जरुरी है।उस को करने वालों को दलित बना दिया गया। यही हिन्दू धर्म की गलती है।
जगत के विश्वगुरु भगवान बुद्ध के अनुसार जाति=जन्म से है | लेकिन आज इसका अर्थ ही बदल दिया गया है | मान लें कोई एक बच्चा गौ~ माता के घर में जन्म लिया हो, 10:38 वह गौवंश जाति का माना जाएगा | वैसे ही जो कोई एक बच्चा यदि मानव जीव के घर जन्म लिया हो,वह "मानव जाति" का कहलाएगा | अतः जाति भिन्नता तो जीव~जंतुओं, पेड़~ पौधों में पाए जाते हैं |मनुष्यो में सिर्फ दो ही जातियां हैं~ एक पुरुष और दूसरी स्त्री | इसके अलावे कोई तीसरी जाति नहीं हैं | जय भीम नमो बुद्धाय |❤
अभी बात जाति की हो रही है अभी यह देखो बोल रहा है ब्राह्मणों को बाहर कर दें चाणक्य भी ब्राह्मण थे , तुम्हारी हिम्मत थी तो ,उसको बहार कर देते ,उसने भी एक बहुत छोटी जाति के लड़के को राजा बनाया तो आरक्षण वाले उसका लाभ लेते हैं और जो उनका भला करता है उसका गली बकते हैं कोस्ते है l
Pahle padho yah log buraiyan chhupate Hain FIR bad mein bolna Jai bhim Baba sahab ke Naam Lene Wale sab unke vichar per nahin hote Naam lekar Dhokha Dene Wale hote Hain
वे व्यक्ति की मानसिकता होती थी और हैं। कि वह और उसका समाज सब से श्रेष्ठ बने इसके लिए कभी कभी सही गलत मै अन्तर नहीं कर पाता है और गलत का साथ देता हैं ये साधारण बात है जबकि सत्य यह है कि कर्म ही प्रधान होता हैं। जय हिन्द
इनके विचार मैक्समूलर के अध्ययन पर आश्रित हैं. वेदों का अध्ययन ब्राह्मणों के लिए भी एक कठिन कार्य है. हाँ मनुस्मृति आदि ग्रंथों को समझना आसान है. आजकल राजनीति करने वाले लोग ही मनुस्मृति आदि का जिक्र ज्यादा करते हैं. या इक्का दुक्का कर्मकांडी ब्राह्मण. भारत का संविधान भी घोर जातिवादी मानसिकता का है. यहाँ तक कि जातिवादी मानसिकता से प्रदूषित कानून भी बने हुए हैं. जातिवाद को बनाये रखना शासन की मजबूरी आज भी राजनैतिक कारणों से है.
@Crime Master GoGo ये जो चैनल दिखाया है ये सब बकवास बता रहा है क्योकि भगवान राम ने किसी सम्मुख का वध नहीं किया, सर तन सै जुदा 🤣🤣🤣 पता नहीं कहा सै लाते हो
जिसको पढ़ने का अधिकार था।वही लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं। अब गुमराह नहीं किया जा सकता है क्योंकि सब पढ़ने लिखने समझने लगे हैं । अगर हर जाति की उत्पत्ति और उनके अपमानित करने वाली श्लोकों /बातें मनुस्मृति, उपनिषद, पुराण, बाल्मिकी रामायण और गीता में उल्लेख है। इसमें हर जाति समझ सकता किसकी क्या औकात है। ये जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। यह सब किस जाति के लोगों ने लिखा है सर्व बिदित है। अंग्रेजों ने नहीं लिखा है।
❤🎉अति सुन्दर कितने गुमराह है लोग कि मुंह से ,हाथों से ,पेट जंघाओं से ,पैरों से ,मानव जन्म ले रहा था /है ,उनको इस पर समझने की जरूरत है कि ,यदि सरदार पटेल जी को लौह पुरुष कहते हैं तो वे सचमुच लोहे से नहीबने थे ,किवे तो रोबोट नहीं थे ,हाड़ माश से ही बने थे ,रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे और अंग्रेजों से लोहा लेती रही😂क्या उन्होंने अगरेजो को इमलीऔर कच्चे आम की चटनीजबरन खिलातीथी और क्या अंग्रेज लोहा बेचते थे ,, पिताजी ने मरते समय बेटे को कहा कि बेटा हमारे खेतों में ही सोना पड़ा है परिश्रम करो और सम्पन्न होते रहो ,तो बेटा खेतों में मजदूर लगा कर सोने के गले ढूंढने लगा ,जबकि वह ग़लत समझ बैठा ,उसे उसमें खेती करनी थी ,होने के डले नहीं ,तो कैसे समझें और कैसे समझाया गया ,और मिलकर क्या और कितने प्रयास किए गये , हिन्दू के चारों वर्णों को आपस में सहृदयता से बिचार गोष्ठी करनी चाहिए और लोगों के षड्यंत्रों को समझ कर एकता करनी चाहिए , जो दलित लोग बौद्ध बन रहे हैं उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि मुसलमानों की नजर में सभी गैर मुस्लिम काफिर ही होता है ,, म्यांमार उदाहरण है जब बौद्धों को हथियार उठाने को बिवश किया जो संघर्ष अभी जारी है ,,घर छोड़ने के बजाय सपरिवार सबको बात करके समस्या का समाधान करना चाहिए । उपमाओं को समझना चाहिए , लगता है मनु स्मृति को बाबा साहब भी नहीं समझ पाए ,और तैश में आ गये ,उसमें और भी कयी बातें लिखी थी जो समाज के लिए उपयुक्त है तो बाबा साहब जैसे बिदवान ने पूरी किताब जला दी ,उन्हें केवल वे ही पन्ने फाड़ने थे जो बिवादित थे ।अंग्रेजों ,बामी कम्युनिस्टों और कुछ लालची बिदवान उसमें ब्राह्मण भी शामिल होता है के मिले जुले षड्यंत्रों से हिन्दू समाज को तोड़ने के और स्थाई रूप से भारत को गुलाम रखने के लिए किताबों में मिलावट करना और उन्हें प्रचारित करना जारी रहा ,सभी हिन्दू आपस में समीक्षा करने की अपेक्षा दूर जाने लगे जिसकी जिम्मेदारी क्रमश सबको लेनी चाहिए थी ,और अब भी है ,क्यों कि हिन्दू से बौद्ध आदि बनने से वे वहां पर मौलवीमुललापौप फादर या मठाधीश बना दिए गये हैं या पर्याप्त बराबरी से शादी आदि हुई हो सन्देह ही होता है ,अपना घर छोड़ना तोड़ना स्थाई समाधान नहीं होता।
@@yogendramohan2809 अपना घर पहले ठीक करना चाहिए। अभी भी भेदभाव, छुआछूत ,ऊँच नीच मौजूद है। लीपापोती करके गुमराह नहीं करना चाहिए। हजार साल से पढ़ने,पढ़ाने और वेद सुनने का अधिकार छीन लिया था। संविधान ने हक दिलाया तब सब एवं स्त्री को पढ़ने का अधिकार मिला। अभी भी गांव में कोई भी अन्त्ज्य चाय या होटल खोल नहीं सकता है। मार कर बन्द करवा दिया जाता है। गरीब अपनी आजीविका छुआछूत की वजह से चला नहीं सकता है।अभी भी मन्दिरों में प्रवेश वर्जित है। मुहावरा और उपमा को समझाकर गुमराह करने की आदत नहीं जा रही है। अभी भी अत्याचार कितना हो रहा है,खबरों से बेख़बर हैं? बाबासाहब सूरज हैं कोई दीपक नहीं हैं। कुछ खुद्दार जातियाँ हैं जो मिट गयी परन्तु धर्म परिवर्तन नहीं किये। बहुत सी जातियाँ चाटुकार बने और धर्म परिवर्तन भी कर लिए थे।अल्लाह उपनिषद भी चाटुकारिता में लिख डाले और बाकी को खुब सताया भी। मिलावट वहीं किये जिसको पढ़ने का अधिकार था। गुमराह न होने वाले कभी भी गुमराह न हुए थे न होगें। डर उनसे है जो चाटुकार बने थे। देश भक्त देशभक्त ही रहेगा। डर केवल गुमराह करने और चाटुकारिता करने वाले से है।
@@lalsingh1658 देखिए साहब! एक प्रचलित लोकोक्ति कुछ प्राचीन है जाति पांति पूछै नहिं कोय । हरि को भजै सो हरि का होय। जो सही और प्रामाणिक है अटल रहेगा। राजनैतिक लालच वश है ये सब वही आज वही कल रहेगा।।
@@krmusic3523 अरे मूर्ख कोई धर्म क्यों छोड़ेगा सनातन धर्म देवी देवताओं को मानेगा नहीं ब्राह्मण पाखंडी है इसका मतलब कोई भगवान को सनातन धर्म को छोड़ देगा और तुम्हारे अंबेडकर को मानने लगेगा एक साधारण मनुष्य को
खानपान बदलने से ही अच्छे इंसान का जन्म होता है, चांडालों भी बदलकर ब्रह्मण बन (समाज के प्रतिष्ठित पदों पर आरूढ़) सकेगा।.... ।।वंदे मातरम् भारत माता की जय।।
महोदय जी---आप ने जिस तथ्य पूर्ण बातो से अपने सुझाव/विचार वीडियो मे समझाया, आज के समय मे कुछ कहा नही जा सकता, मूलतः तीन वर्ण (ब्राहमण, क्षत्रिय ,और वैश्य)उक्त तीनों वर्ण वर्तमान मे जातियो के नाम से जाने जाते है।इनके कागज प्रमाण है, धार्मिक ग्रंथ है ।पुराण तथा महापुराण है।जिनमे तीनों वर्णो का उल्लेख किया गया है तो अब आगे चौथा वर्ण शूद्र का कोई सत्यापित प्रमाण नही है।मैंने भारतीय समाज के किसी भी जाति के अंकसूची ,जमीन राजस्व रिकार्ड, भूमिसवामी कागज मे नाम के सरनेम मे शूद्र शब्द लिखा नही पढा ।(जैसे राजू शूद्र ) जब किसी के नाम मे सरनेम शूद्र लिखा नही मिल रहा है तो चौथा वर्ण शूद्र भारत देश के किस कोने मे है। और जब प्रमाण नही मिल रहा है तो मै मानता हू कि जाति सूचक शब्द का प्रयोग उन लोगों के दवारा किया गया जो ईरशालु है निकम्मे हैं, कयोकि मनुष्य जाति मे उपरोक्त गुण जन्मजात पाये जाते है,चाहे वह किसी भी जाति का क्यो न हो ।हमारे देश भारत का दुर्भाग्य है कि हभ भारतीय आज भी जातिय जीजिविषा के शिकार है।लोग इतना नफरत करते है।कि काश इन भगवानो की भारत भूमि में चौथे वर्ण का जन्म ही नही होता । मै जब सब प्रकार से शक्तिशाली संपन्न भारत की बात सुनता हूँ ।और विपन्नता चारो तरफ़ दिखाई देती हैं ।तो लगता है भारत भूमि की शिक्षा मे जो कुछ भी पढ़ाया जाता है ।इतिहास के सभी प्रमाण झूठे हैं ।परन्तु फिर भी हम अपने अतीत के गौरवशाली इतिहास को जानकार गर्व करते है ।(सिवाय छुआ-छूत जाति के नाम पर) 🙏🙏🙏🙏🙏
Shudra bhi kayi jaatiyon mein hain aur apne jaati ke naam lagate hain, shudra nahi! Jaise Ram Chauhan, not Ram Kshatriya, Krishna Aggrawal, not Krishna Vaishya!! Shiv Nadar, not Shiv Dalit. Iska matlab koi apne varna ka surname nahi lagate! Bhartiya sabhyata mein kuchh yogdaan toh savarno ka bhi hai😏. Aarakshan jo jaatiyon ke naam par lete hain kintu jaativaad chhodne ki baat karte hain😆
@@meenu999 Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo RUclips par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo RUclips par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
जाती और वर्ण भारतीय समाज को तोडणे का सबसे बडा हत्यार है. जिसने येह बनाये वाह उनके फायदे के लिये बनाये. येह स्वार्थी व्यवस्था है. और ब्राह्मण के फायदे के लिये बनाइ
195 देश मे कोन गया जातीया बनाने के लिए ॲमेझोन के जंगलो मे न जाने कितने अलग अलग आदीवासी कबिले है सात हजार भाषा के उपर बोली जाती है दुनिया मे अलग पहचान अलग वर्न चपटे काले सब ब्राम्हन ने हि बनाया क्या
आज के समय में मजदूर गरीब परिवारों को इतने नीचे गिरा दिया गया है कि इंसान ही नहीं है क्योंकि आज उनका जीवन जीने के लिए कोई सहाराही नहीं है नाउन की प्रशासन मदद कर रहे हैं कुछअमीर लोग उन्हें ढंग से जीवन यापन करने ही नहीं देते
ये बात ही गलत है जब लोग रिसर्च की जगह सत्ता का लोभ में हो जाते हैं तब एक ससकत संविधान का बिनाश हो जाता है धर्म के ठेकेदारों को ना ये पता है कि जाति आयी कहा से दूसरा ना धर्म का पता है सनातन धर्म जैसी मजबूत व्यवस्था खंडित करदी आज्ञान के कारण,🌷🌷🌷🌷
1- मुह से ब्राह्मण पैदा होना अर्थात ज्ञान प्राप्त कर समाज को ज्ञान देने वाला 2- हाथों से जन्म लेना अर्थात हाथों से तलवार तीर चलाने में महारथ 3- पेट से जन्म लेना अर्थात उदर पूर्ति के संसाधन जुटाने मे महारथ 4- पैर से पैदा होना अर्थात ज्ञान प्राति का केन्द्र बनाना, तीर तलवार बनाना, कृषि यंत्रों को बनाना आदि कार्य करने में महारथ इनके आधार पर कर्म आधारित व्यवस्था थी
Every time new explanation of varna vyavastha . It is still non sensical to have any group to not have 360 development . Just because I am a doctor and serve people does not mean I should not be able to gain knowledge
Nahi banega jabtak koi alien na aa jaye Kyuki insan individual hota hai. Jab bhi group banega wo kisi ke khilaf hi banega. Or sab manushya ban jaye bas to desh ka kya kaam? Desh hata ke one world government bnao fir
मनुष्य बनने की अवधारणा ही वेद धर्म से आती है अगर धर्म न होता तो समाज यहा तक की यात्रा कर ही नही सकता था अगर धर्म न होता तो मनुष्य जाती जङ्गल में जिस तरहा एक शक्ति शाली जीव कमजोर को मारकर खा जाता है अगर वह उसे खाता भी न हो तो भी मार डालता है रही बात मनुष्यो के कई जातियो वर्गो मत पन्थो संप्रदायो में बटने की और आपस में वर्ग संघर्ष और भेद भाव की तो इसके पीछे कई कारण है
@@antimsharma1925 ओ। ज्ञानी शास्त्री, सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हम सब मूलनिवासी खुशहाली से रह रहे थे, किसी भी धर्म, किसी भी शास्त्र,वेद, इत्यादि की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन मादरचोद विदेशी मनु ने, हम मूलनिवासीयों पर अनेकों ज़ुल्म ढाये, और हमें गुलाम बना लिया... भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी तो कोई भी धर्म नहीं मानते थे, फिर भी आज तक कोई नहीं कर पाया वो काम किया!.. साले। धर्म और वेद, शास्त्र को भी तो किसी ने लिखा होगा...? जिस तरह बीज अंकुरित होकर एक विशाल बृक्ष के रूप में तब्दील हो जाता है उसी हम भी विकसित हो ही रहे थे, सिंधुघाटी सभ्यता के दौरान... हमें धर्म की कोई आवश्यकता नहीं.... तुम्हारे धर्म में स्त्रीयों को जिंदा जलाया जाता था, पढ़ने का अधिकार नहीं था, ना जाने कितने दुष्कर्म थे।।। क्या यही धर्म है ऐसा है पाखंडवाद मत फैलाओ हमारे देश में।।।। विदेशीयों
मुगलों और अंग्रेजों की दी गई ये व्यवस्था का छिन्नादिभेद जल्द होगा भारत अनादि था और रहेगा,सर्वजन को ईश्वरीय ज्ञातव्ता का अधिकार प्राकृतिक है जो सदैव रहेगा🌷
बात तो सही है. पर सरकार को आज भी यह एडवांइजरी क्यों जारी करनी पडती है कि अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अपनी जाति की पहचान इंटरव्यू में छुपा कर पहुंचे. क्या आज भी खंडे से सिर फोडने वालों पर किसी का कोई जोर नहीं है.
sc st obc कभी भी आपस मै नही लडते क्यूकि यही असली यही के लॉग है ओर जो विदेशी स्वर्ण है उन्हे पता है की ये उनकी धरती नही नही है इसलिये यहा के मूलनिवासी को परेशान करते है.
@@shubhverma219लगता है आप कभी स्कूल नहीं गये गये होते तो भूगोल पढ़ा होता इंडिया का कांटीनेंट अफ्रीका से जुड़ा था लाखो वर्ष पहले जिसमे ऑस्ट्रालिया भारत दक्षिण अमेरिका अफ्रिका एक ही खंड हुवा करता है जिसे गोंडवाना लैंड कहते है ओर उत्तर के भाग को लाऊरेसिया जिसे उत्तर अमेरिका ओर यूरोप जुड़ा था जिस खंड मै जिनका जन्म हुवा वहा के मूल वासी यही sc st obc है जो अफ्रीका से अलग हो के भारत का कांटीनेंट एशिया से टकराया जहा हिमायल जैसे पर्वत का जन्म हुवा बाद मै कै हजारों वर्ष के बाद देश बना गूगल कर ले इस देश का मालिक sc st obc है बाकी सब विदेशी है।
@@666mhboys😂😂😂,कहा लिखा है और तुम पढ़े हो कि इंसान का विकास भारत में हुआ? अफ्रीका में नहीं, दुनिया के सभी इंसानों की मां आज से 1.5 लाख साल पहले अफ्रीका में रहती थी ,😂😂तुम पर तरस आता है
हां आपने सही बात कही है मूलनिवासी तो आदिवासी लोग ही है बाकी सब विदेशी जातियां हैं बहार सेआए विदेशी जातियां ने हमको पिछे धकेल दिया है लेकिन अब विदेशी जातियों को से सावधान रहें 626
Jb sadi suru v nhi hue thi to usase pahle Smrat Ashok ek baniya the kyo jhuth bolte ho ki 9vi sadi me brahmno ne thopa tha jiska jo mn kiya wahi krne lga yhi saty hai. Jay Hind 🙏🙏🙏
Hmara sanatan dharm etna kmjor nhi ki hm videsiyo ko apna adrsh mane aphi apna gyan badaye. Jo khud ko bhul gya ho o apne ghar walo ko videsi hi btayega.
@@RajeshKumar-tm5sh वो सही बता रहे हैं पढ़ोगे तब पता लगेगा 9 वी सदी में शंकराचार्य के आने के बाद ही ब्राह्मणवाद मजबूत होना शुरू हुआ मैगस्तिनी कि इंडिका पढ़ो सब पता लग जायेगा वेद पुराण उपनिषद गीता रामायण महाभारत सारे भगवान थे क्या अस्तित्व में उस समय
भाई साहब ब्राहमण व भील हमेशा साथ रहें है ब्राह्मणों ने कभी राज नहीं किया वह ब्राह्मण चाणक्य जेसे राजनीतिज्ञ ने चंद्रगुप्त जेसे व्यक्ति को राजा बनाया मेरे भाईयों किसी पर आरोप नहीं लगा ना वाल्मिक ऋषि ने भी भगवान् राम के जीवन पर महान ग्रंथ रामायण को लिखनेवाले थे व्यक्ति कर्म से ब्राहमण होता हे जात से ब्राहमण नहीं होता हैं जेसे कर्म करोगे एसी उपाधि मिलती हे शिक्षा से ही अच्छाई है । धर्म प्रेमी बनो मनुष्य को भगवान् ने अच्छे कर्मो के लिए जन्म दीया हे कि सी की बुराईयां नहीं करनी चाहिये ।
😂😏 अबे भाई अंबेटकर के चमचे जा हटा कुछ उसने उखाड़ लिया कुछ तुम जैसे भी उखाड़ लेंगे मैं किसान हूं और मैं हिंदू हु गर्व से कहता हु मालूम है क्यों क्योंकि पढ़ाई तो मैंने भी की है b,a,c की है पर रही तो बता मैरी मैं किसान हुं पर मैं अपने धर्म को जनता हु और उसी राह पर चलता हु नहीं तो तुम जैसे चूतिए खाना कैसे खाते 😂🚩
ब्रह्मांड की रचना हुई इनके बाद ही सभी प्रजातियों का अस्तित्व हुआ तो उसी समय जाति बाती नही होगा ये तो आम इन्सान को बनाया हुआ व्यवस्था है। अब तो इंसानियत, करुणा,दया, अनुकंपा, और सबका साथ सबका विकास होना चाहिए।
It is very important to understand Dr. B.R. Ambedkar 20 vows witch are declared on 14 April,1956 and strictly follow them to eliminate Manowad/Brahmanwad.
You are totally wrong. Education and employment will eliminate the stuck sentiment in mind, cause, the upgradation of economic standard, recognition amongst others too.
ब्रान्मा के मुहसे मतलब ब्रह्मा के अल्टीसे ब्राह्मण पैदा हुआ ब्रह्मा के बाजू से क्षत्रिय ए बात अलग है 21 बार परशुराम ने क्षत्रिय यो धरती से खत्म किया लेकिन आज भी क्षेत्रीय जिंदा है?😀😀😀। जो क्षत्रिय है उनके पिता कोन है ओर दुबारा कैसे पैदा हुए उसका पूरा लेखा जुका महाभारत। शिव पर्व में है गीता प्रेस से दोनो किताबे पड़े
क्षेत्रीय के बायोलॉजिकल फादर ब्राह्मण हैं कैसे छतराणिया जब विधवा हुई थी तब परशुराम के पास गई और परशुराम ने बंचे कैसे होंगे ये प्राबलेम दुर कि थी जैसे पहले ब्राम्हण लोग मंदिरो में देव दासियां रखते थे वैसे ऐसा इतिहास बताता है जय शिवराय जय जिजाऊ
The first tribal community on this earth was the tribal community and different groups emerged from the tribals and caste religion was formed over time, that is, the ancestors of all are tribals.
With balanced mind the matter is placed. Thanks Anuradha ji . In ancient days varna system was necessary for all to live. It was the mean of earning. Now a days thousands of job opportunities are available. Most of the people are not doing work as for his cast .A barber is running a dry cleaning shop . Yet he says he is barber. Most confusing. Hence I recommend only 5 casts .A) Rich people’s cast B) Mid rich people cast .C) Middle class people cast. D) poor people cast. E) very poor peoples cast. Which person falls in which cast can be decided easily with some norms .
ऋग्वेद में पुरुष सूक्त में ब्रहं के बिभिन्न अंगों से विभिन्न जातियों के पैदा होने का श्लोक प्रक्षिप्त है क्योंकि हमारा वेद निराकर ब्रहं की बात कर्ता है।
@usertv5. धन्यवाद जी, आपका आर्य हा शब्द प्रयोग बहोत महत्वपूर्ण हैं.यही से तोड-फोड करके आदमीका माकड बनानेमें संकोच नहि किया .और अनुसंधान की जरुरत हैं.प्रेमपूर्वक हस्ताअंदोलन करके नमस्कार.!!!.
मनुस्मृति को 2000 वर्ष या उससे भी अधिक पुराना बताने वाले क्या यह बता सकते हैं कि मनुस्मृति में प्रयोग किए गए ऋ,क्ष आदि वर्णाक्षर देवनागरी में कब प्रयोग में आयी ? अगर यह बहुत पुराना है तो पुरातात्त्विक खुदाई में जो शिलालेख मिले हैं देवनागरी लिपि का अस्तित्व कहीं प्राप्त हुआ है? अतः यह मनुस्मृति की रचना उत्तर बौद्ध कालीन है ।
ईसि जाती धर्म के वजह से मुस्लिमो की ख्रिस्ती की जनसंख्या बढी है❓ क्योंकि आदमी को जीधर अपनापन मान सम्मान मिलता है आदमी ऊसी ओर चल देता है ईस हिन्दू समाज ने छोटे समाज के साथ बहुत बहुत बर्बतासे व्यवहार कीया है ईसलिए हिन्दू समाज टुटके बिखर गया है ये गलती पढ़े लिखे धर्म के ठेकेदारो की है. धन्यवाद🙏💕 जय अवधूत जयहिंद जयहिंद की सेना💂💂💂💂💂💂💂💂💂
दक्ष प्रजापति ब्रह्मा के चरण के दाने अंगूठे से पैदा हुए पैर के अंगूठे से ब्रह्मा के पैर के अंगूठे से ब्रह्मा के दक्ष प्रजापति का जन्म हुआ वह क्षत्रिय कैसे हो गए कोई जवाब दे पाएगा इस बात का
@vedha singh जन्म से ही होता है क्षत्रिय यादव जन्म से छत्रिय है कर्म से छत्रिय है जन्म से ही क्षत्रिय होता है कर्म से कोई क्षत्रिय नहीं होता सही बात तो यह है
@vedha singh पूरी गलत बात आपकी हमने ग्रंथ देखे हमने पुराण पढ़ें हम एक-एक शब्द जानते हैं यादवों ने सब ने राज्य किया हर राजधानी पर राजा था यादव केवल 2 गांव के यादव वृंदावन गोकुल के 2 गांव के यादवों के कारण पूरे यदुवंश को बदनाम किया जाता है
@vedha singh राक्षस तो राजा रहे सभी युद्ध किए लड़ाई लड़ी राक्षसों ने उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया अगर कर्म से छतरी किसी को बनाना चाहते हो तो किसी राक्षस तो राजा रहे युद्ध किए बाण अस्त्र-शस्त्र रहे उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया
@vedha singh मुसलमान भी राजा रहे युद्ध किए उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया भाई कर्म से कोई छत्रिय नहीं होता जन्म से होता है मजदूरी कर रहा हो जिसका जन्म क्षत्रिय घर में हुआ वह छत्रिय है
Calcutta= sr.citizen= Clear answer= Sloka no.13 / chapter 4 = GEETA = Srikrsna explains to Arjuna that HE implemented 4 division in Society accordig to the profession / business - adopted by that group of people but not birth issue ! In Mahabharata society,Brahmins could become Astra-guru by own effort. In some book, Mongolians , some 1000 yrs back, settled in Rajasthan state ! Generals of Alexander, settled in different parts of India -extending upto Afghanistan.
जाति पाति एक गहरी खाई मानव बने तो उभरें भाई।। सत्य कथा जो समझ ना पाये हंस नहीं वे काग कहाये।। लौमश ऋषि के वचन ना मानें काकभुशुण्डि भये जग जाने।। राम चरित्र मानस।। जय हों काकभुशुण्डि जी महाराज। धन्यवाद।।
3.5% videshi Euresian brahman who came to India 4700 years back and captured the power by assassination of last Buddhist king brahadrath by brahman pushyamitra shunga and massacred lakhs of Buddhist monks and destroyed Buddhist stupas and converted it in hindu mandir by making changes in buddha statues and created 4 Verna and divided original buddhist people into 4000 castes and more than 72000 sub castes to remain divided forever to rule on them permanently. Jai bhim jai Mulnivasi
आपकी आर्थिक स्थिति ही बताती है कि आपकी जाती क्या है । अगर कोई गरीब हो तो उसे कोई नहीं पूछता चाहे वह उसकी ही जाती का क्यों न हो । इसलिए अमीर बनिए जाती अपने आप ही खत्म हो जाएगी ।
इसलिए बाबा साहब अंबेडकर ने ओबीसी एससी एसटी को आरक्षण देकर बराबर लाने का प्रयास किया आज पार्लिमेंट के अंदर भी इससे दारी है सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी है
*It is now known to all in the country, that native aboriginal agrarian and artisan people (SC +ST +OBC)of India are real native people of Indian subcontinent. Unscientific and inhuman"Varna vyavastha " was created through incorporating shlokas in "Purush Suktam " and "Gita" and finally "Manu smriti " was established after fall of Buddhism in India to enslave, suppress and exploit the native aboriginal agrarian and artisan people(SC +ST +OBC) of India. NOW,we are in 21st century and must try to create a society based on human values such as, Liberty, equality, fraternity and coexistence for betterment and development of our country*
अशोक सम्राट माहात्म जोतिबा फुले सावित्रीबाई फुले बाबासाहेब आंबेडकर यांनी अहोरात्र मेहनत करून शिक्षणासाठी ब्राह्मणांनी या लोकांना शेन गोटे चिखल फेकून मारत होते स्त्री आणि पुरूषांसाठी खुप मेहनत घेऊन आज लोक काही प्रकारच्या दीगॅ घेऊन आपल्या परिवारात खुष आहे केवळ यां लोकान मूळे जाती वर्ण व्यवस्था या ब्राह्मणांनी लावलि आज बहुजन समाजाला छेडत असेल तर ब्राह्मण समाज या लोकांनी मनूस्मृती कायदा लावला म्हणून बाबासाहेब आंबेडकर अहोरात्र मेहनत घेऊन संविधान निर्माण केले अशा माहामानवाला कोटी कोटी प्रचांग प्र माण म्हणून आज जनलोंक सुरळीत चालू आहे जय भीम जय संविधान जय शिवराय जय महाराष्ट्र 🌹🙏🌹
In india caste came in to existence because of the continuous prevalent unrest and conquest.Slavery was prevailing worldwide.Bramins studied vedas and never mingled with others but controled their life..kshatriyas were meant to fight for the kings .Vaishyas indulged in trade and never were concerned with change of kings.The people who did not have lands and did not pay any contribution to the kings ,who lived in the forests and did menial jobs and many who were bought and sold as slaves were mentioned as SHUDRAS.BUT THESE WERE MEANT FOR THE PAST AND NOW WITH INCLUIVE EDUCATION AND GOVT INTERVENTION SUCH DISCUSSIONS BECOME MERITLESS.
एक टिप्पणी- विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में 10मण्डल हैं जिसमें अनेक ऋषियों के10852मंत्र हैं। ऋग्वेद के विभिन्न मंत्र लगभग 1600वर्ष तक कहते जाते रहे। सर्वप्रथम विश्वामित्र फिर भरद्वाज, आगे कण्व और अत्रि, वशिष्ठ, वामदेव व शौनक ऐसे 7 ऋषि और उनके परिवार जनो के मंत्र सात मण्डलों में रखे गये, दूसरे से आठवें तक। पहला और नवमां मण्डल विभिन्न ऋषियों के मत्रों वाले। दसवाँ मण्डल जिसमें पुरुष सूक्त है यह मण्डल बाद में जोडा गया है। इसमें ही पहली बार शूद्र शब्द आया। ऋग्वेद में और कहीं भी शूद्र शब्द नहीं है।
🌹🌹🌹गुरुदेव वाणी 🌹🌹🌹 जीवन में क्षण-क्षण परिवर्तन होता है, अवस्थाएं बदलती है, परिस्थितियां बदलती हैं, सुख आता है, दुःख आता है, धूप आती हैं, छाया आती है, धन आता है, धन जाता है, वैभव आता है, वैभव जाता है, दुनिया की हर वस्तु स्थिति पल पल बदलती रहती है बदलाव ही संसार का नियम है । राम राम जी । 🌹🌹🌹गुरुदेव 🌹🌹🌹
राजपूत जाति अकबर के शासन काल मे जाने जानी लगी पहले इन्हे ठाकुर के नाम से जाना जाता था यह नाम इन्हे भगवान ठाकुर जी यानि लड्डू गोपाल जी के नाम से मिला जब इन्हें हिन्दू धर्म मे शामिल किया गया इन्हे क्षत्रिय किसी ने नही बनाया ये स्वयं को क्षत्रिय बताने लगे ठाकुर सुहाती के पुरोधा चारण भाटो ने इस बात को आगे बढाया विचार कीजिये क्या क्षत्रिय सिर्फ राजस्थान में ही होते थे यह लोग सिर्फ आटे मे नमक की संख्या मे है इनके पास आजादी के समय 222 रियासते थी इनमे से कोई भी रियासत छह सात सौ साल से पुरानी नही है जबकी कुर्मी समाज की 318 रियासते हजार वर्ष एवं उससे भी पुरानी है जगन्नाथ पुरी के गंगवार घराने की सत्ता ईसा पूर्व से चली आ रही है पुरी की रथयात्रा भी इसी परिवार के सोने की झाडू से झाडने के नेंग के बाद ही शुरू होती है
१)एक परिवा में एक ही आरक्षण हो। २)जिन के मॉं बाप आज भी पूर्वजों का व्यवसाय कर रहें हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाये। ३)नौकरी में आने पर आरक्षण समाप्त हो। ४) आरक्षण हमेशा के लिए लागू रहे। ५)सभी उल्लंघन के वाद human rights में सुलझाये जाय।
मानवता तभी कायम रह सकती है जब लोग अपने आगे जाति सूचक शब्द लगाना छोड़ दे,
Toh kya islamic deshon mein aapko ISIS ki jagah manavta dikh rahi hai😂😂Lol
यह शुरुवात खुद से करो.तब आपका स्वागत होगा.
Ye hinduo ko samjhao na ki ham dalito ko
Jantajnardn
वाह क्या बात कही है 👏👏👏
अपने जाति में ही जो लोग अमीर है , वो अपने जाति के गरीब से शादी नहीं करते है , वो भी अपने बराबरी के ही खोजते है ,
सत्य हैं बिलकुल
Right yahi to sacchai hai
आप एकदम सही कहे
जाति से नहीं धन से बहुत अंतर पड़ता है
सुना जा रहा है साहरुख ख़ान और अमिताभ के परिवार में वैवाहिक संबंध बनता है
Ha ye bhi sahi hai sala ye dukh kahe nahi khatam hota 😅😅😅
जाति खत्म होने पर एक भिखारी भी टाटा बिडला अंबानी की लडकी से शादी कर सकेगा।
@@Shriramkrishnharim
जाति भेदभाव ने समाज में एक ऐसी खाई बना दी है जिसने इन्सान को ही इन्सान का दुश्मन बना दिया है और यह समाज देश की उन्नति में बहुत बड़ी बाधा है
Gulami ka karan bhee bhi Varn Byavastha hai.Brahmano ne desh ka mahaul bigada hai aur Hinduon ko gulami dee hai.Yadi Brihdrath Maurya kee hatya na hoti to desh gulam na hota.
@@surendrasinghkush2953सादर जय भीम नमो बुद्धाय 🌹🇮🇳🙏
सही है
Aap desh ke liye apne liye kuchh karte ho to aap ko koin rokta hain koin si jati apke karya main Bandha dalta hain
Ooiooooooooooioiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiíiiiiiiiíiiiíiiiíiiiiiiíiííiiíiiiíiiíiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiijiiiiiiiiiiiiiiiiiijiiíiiiiiiíiiiíiiíiiíiiiíiiíiiíiiiíiiiiiiiiiiiiiiiíiiíiiiiiiuíuuiíiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiíúuuiiiiiiiíiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii@@surendrasinghkush2953
जाति व्यवस्था खत्म होना मानव मानव सब एक ऊंच-नीच का भाव खत्म होना चाहिए जय भीम जय भारत जय, बाबा, साहेब
Fir to arachhan khatm hona chahiye keval garib ko arachhan milna chahiy e jati ko nhi
@@ranjaymaurya8058 Ye dhire dhire hoga. ek raat me na jati khatam ho rahi na arakshan
Or Arachhad bhi khatam hone ki bhi bol liya karo
@@virendrasingh-cl6qs chalo aarakshan khatam karte hain,, iske liye Intercaste arrange marriage karte hain,, araksan apne aap khatam ho jaaegaa
@@himanshugurjar9002 mehnat kash to khatam ho hi rha, jiska khoon bheem ambedkar kuvidhanik durvyavastha choos rhi aarakshhan sanrakshhan muftkhori se
वर्ण और जाति में अंतर
वर्ण-- चार होते हैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र
जाति-- चार होती है अंडज पिंडज स्वेदज जरायु
वर्ण- गुण कर्म स्वभाव के अनुसार होते हैं
जाति-- योनि जन्म के आधार पर होती है
वर्ण --गुण कर्म के अनुसार परिवर्तन हो जाते हैं
जाति-- जीवात्मा का दूसरी योनि में मरणोपरांत परिवर्तन होती है
(वर्ण)
ब्राह्मण-- शिक्षक उपदेशक समाज को ज्ञान देने वाला
क्षत्रिय-- रक्षक सैनिक समाज की रक्षा करने वाला
वैश्य-- पोषक कृषक व्यापारिक समाज का भरण करने वाला
शूद्र--- सेवक चपरासी समाज की सेवा करने वाला
(जातियां)
अंडज--- पक्षी आदि अंडे से पैदा होने वाले जीव
पिंडज--- वृक्ष वनस्पतियां आदि पृथ्वी से पैदा होने वाले
स्वेदज--- बिच्छू जुआं आदि कीचड़ पसीने से पैदा होने वाले जीव
जरायु-- मनुष्य पशु आदि गर्भ से पैदा होने वाले जीव
अतः मनुष्य बंदर हाथी घोड़ा मोर सर्प आदि प्राणी जातियां कहलाती हैं। जो मरणोपरांत दूसरी योनि में जाने से परिवर्तन हो जाती हैं
चार वर्ण ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र जीवन काल में परिवर्तन हो जाते हैं अर्थात कर्मानुसार शूद्र ब्राह्मण और ब्राह्मण शूद्र हो सकता है इसी तरह वैश्य और क्षत्रिय को समझो।
यही वेद आदि शास्त्रों में और मनु आदि स्मृतियों में उल्लेख है इतना स्पष्ट होने पर भी यह स्वार्थी मानव समझते हुए भी नहीं मान रहा है। जो चार वर्णों को अपनी अज्ञानता और मूर्खता से जातियां समझ रहा है। धिक्कार है इस मानव जाति को ! इससे तो पशु पक्षी आदि जातियां श्रेष्ठ है जो अपने नियम व्यवस्था में रह रहे हैं।
Moorkh manav ko gyan dene bale.
ME APKE IS GYAN KO NAMAN KARTA HU.
BHAGWAN AAPKO KHUSHIYAN DE
Accha mujhe batau atna sab kuch ho na ka bad ve chuay chuat ku he ha ku dalit aaj ve dalit he ha ku un ko aaj ve kast utana pad ta he ku dur ky jata he ainn samjo se ku un kasar chuay chuat jasa or har samay partret key jata he ha aap barin babasta ke bat kar ta he
Phale ey bat ey na aap
100 percent right.
Yahi Manuwadi dhoortta hai
अब समय नहीं है कि हम क्या है क्या नहीं है वर्तमान समय में क्या करना है
अंग्रेज इस देश में राज नहीं करते तो शूद्रों की गुलामी ख़त्म नहीं होती। चारों युगों मे एक ही भगवान पैदा हुआ जिसने सभी इंसानो को एक समान जीवन जीने का अवसर दिया।
जाति, वर्ण व्यवस्था आदि सबकुछ के बारे में महान सम्राट ज्योतिबा राव फुले ने अपनी किताब गुलामगिरी में स्पष्ट कर दी।😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से ज्यादा विद्वान नहीं थे ज्योतिबा फुले। ज्योतिबा अंग्रेजों का दलाल था।
Super good
Ab ta sab chalta hai
@@Sampitarhimmatwala tu h kinke Teri cast bta
इतिहास के साथ - साथ समय के अनुकूल और प्रतिकूल राज्यों के रजवाड़ों के ब्राह्मणों के कर्मकांडों tatha संबंधो के भी चर्चा साथ - साथ होना अनिवार्य है ।जय भीम ।samvidhan जिंदाबाद ।
मैंने जो भारत का इतिहास पढ़ा है उसके आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि भारत में जातियाँ लगभग 2000 वर्ष पूर्व से शुरू हुई लेकिन देश में अंग्रेजो के आने के बाद जातिवाद मे काफी कमी आई क्योंकि अंग्रेजो ने बहुत सारे ऐसे कानून बनाये तथा सख्ती के साथ लागू किए जिसका परिणाम हुआ कि जो लोग अपने को जानवरो से बदतर मानते थे जिनको सभी हक अधिकारों से वंचित किया हुआ था एवम ऐसे शोषित और पीड़ित लोगो के साथ अमानवीय वयव्हार कुछ प्रतिशत् जातिवादी लोग किया करते थे जिनके हाथ में सत्ता,पैसा और पॉवर हुआ करती थी उनके द्वारा इस देश मे अमानवीय कार्यो को ठोकर से उडाने का कार्य करना शुरू किया जिससे हर पीड़ित शोषित को अहसास होना शुरू किया कि वो भी इंसान है तथा उनको भी जीने का अधिकार है इसीलिए देश से अंग्रेजो को देश से भगाया गया क्योंकि वो जातिवाद के खिलाफ काम किया करते थे जिससे जातिवादी लोगो के पेट में बहुत दर्द रहा करता था तथा उनके द्वारा गरीबो के ऊपर किए जाने वाले शोषण मे कमी आ रही थी जिसका परिणाम हुआ कि अंग्रेजो के कारण ही भारत को नया संविधान मिला जिसमें जातिवाद जैसी कुप्रथा को नष्ट करने का काम किया गया है लेकिन जातिवादी लोगो के पेट में हर वक्त इसी कारण दर्द रहता है कि उनके द्वारा दूसरो के ऊपर किए जाने वाले शोषण और पीड़ित करने का अधिकार छीन लिया गया तथा ऐसे कुछ प्रतिशत् जातिवादी मानसिकता के लोग आज भी प्रयासरत है कि वर्तमान संविधान खतम करके दोबारा गरीबो का शोषण करने वाला विधान लागू किया जाए तभी उनकी आत्मा को शांति मिलेगी लेकिन अब यदि ऐसा हुआ ये पूरा देश शमशानो और कब्रो का देश बन कर रह जायेगा जिससे मानव सभ्यता का अंत भी हो सकता है.
अंग्रेजों को देश से इसलिए भगाया गया था कि वे देश का पूरा सोना चांदी कपास अनाज ब्रिटेन में ले जाते थे। बंगाल में अकाल अंग्रेजों के कारण ही पड़ा था। अंग्रेज पूरा चावल गेंहू ब्रिटेन ले गए थे जिससे करोड़ों लोग मरे थे। तुम अंग्रेजों की वकालत कर रहे हो।
Aaj ke kaal mein dalit jaatiyan aapas mein hi chua chhut karte hain aur unka takraav sabse zyada shudron ke saath hi hota hai na ki savarn brahmano ke saath.
Bilkul sahi kaha aapne sir hame aisa samaj rachna hai jis me koi unch Nich na hi koi Garib na ho koi tavangar na ho sabhi ek saman ho Kiya aisa ban sakta hai
Matlab angrejo ko aaj bhi india me rhna tha aap ke vicharo se to abhi sabhi log niyam se rahte
@@nikeshshriwas7482 Desh ko gulam banane wale ki tarif karne wale log deshbhakt kaise ho sakte hai? Rani Lakshmi bai ne angrejo ko isliye thode bhagaya tha ki jaat paat shuru ho, bhagat singh Or kai jawan jaat paat shuru hone ke liye faasi par chadhe the🤔? Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo RUclips par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
यह पर्दा डालने की कोशिश की नहीं तो सिर्फ तीन ही लोगों के बच्चे पढ़ाई लिखाई कर सकते थे वह तो शुक्र मनाओ कि अंग्रेज भारत में आए उन्होंने शिक्षा का अधिकार 1813 में शिक्षा का अधिकार दीया वह अधिकार यह तीनों वर्ण व्यवस्था वाले भी दे सकते थे मगर उन्होंने कभी नहीं अब आप लोग इस पर पर्दा जरूर डाल रहे हैं गोदी मीडिया
अबे चूतिया है क्या बे कुछ भी बकवास करने लगते हो कब और किसने रोका पड़ने से जरा बताना तो
बहुत खुश हुए होंगे तेरे पुरखे,जब अंग्रेज आए थे| इसलिए ही तुम नीच हो और हमेशा नीच ही रहोगे |
अंग्रेजों के आने से पहले नालंदा विश्वविद्यालय था जो बौद्धों का था उन्होंने कोई प्रयास क्यों नहीं किया।
😮😮
जनताजनारदन❤❤❤
धन्यवाद ऐसे चॅनल देश के जनतेकेलिए फायदा
हो सकता है❤
पूरा विश्व कर्म के आधार पर ही आपको पहचान देता हैं वैदिक काल से लेकर कलयुग तक।
कर्म और काम फर्क है। कर्म जिसे पाप हो। उसे बुरा समझना चाहिए। काम, काम है । नालियों की सफाई का काम है वह बड़ा काम है। जो जरुरी है।उस को करने वालों को दलित बना दिया गया। यही हिन्दू धर्म की गलती है।
जनसांख्यिकी परिवर्तन से देश बदल रहा है और यहाँ आज भी जाति जाति का खेल हो रहा है, अच्छा है
जगत के विश्वगुरु भगवान बुद्ध के अनुसार जाति=जन्म से है | लेकिन आज इसका अर्थ ही बदल दिया गया है | मान लें कोई एक बच्चा गौ~ माता के घर में जन्म लिया हो, 10:38 वह गौवंश जाति का माना जाएगा | वैसे ही जो कोई एक बच्चा यदि मानव जीव के घर जन्म लिया हो,वह "मानव जाति" का कहलाएगा | अतः जाति भिन्नता तो जीव~जंतुओं, पेड़~ पौधों में पाए जाते हैं |मनुष्यो में सिर्फ दो ही जातियां हैं~ एक पुरुष और दूसरी स्त्री | इसके अलावे कोई तीसरी जाति नहीं हैं | जय भीम नमो बुद्धाय |❤
मनुष्य जाति धर्म में न उलझ कर सबको एक इंसान समझे तो पृथ्वी स्वर्ग बन जायेगी
मानव ने जाती बनाई .नष्ट करना अपने ही हात मे और मन से निकालने शुरुवात करो.।
अंग्रेज नहीं ब्रह्माण्ड प्रमुख जिम्मेदार देश के शुभ चिन्तक नहीं!
Haan mai yahan se tumko lutne aaya tha.bina vehicle ke bina phone ke😂🤣
अभी बात जाति की हो रही है अभी यह देखो बोल रहा है ब्राह्मणों को बाहर कर दें चाणक्य भी ब्राह्मण थे , तुम्हारी हिम्मत थी तो ,उसको बहार कर देते ,उसने भी एक बहुत छोटी जाति के लड़के को राजा बनाया तो आरक्षण वाले उसका लाभ लेते हैं और जो उनका भला करता है उसका गली बकते हैं कोस्ते है l
अभी तक पता नही कि सूद्रो को आरक्षण किस आधार पर मिल रहा है इनके तो राजा भी हुए थे
जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान जय विज्ञान
Pahle padho yah log buraiyan chhupate Hain FIR bad mein bolna Jai bhim Baba sahab ke Naam Lene Wale sab unke vichar per nahin hote Naam lekar Dhokha Dene Wale hote Hain
😅😅😅😅
Jai shree Ram
Jai IND
जनताजनारदन❤❤❤
वे व्यक्ति की मानसिकता होती थी और हैं। कि वह और उसका समाज सब से श्रेष्ठ बने इसके लिए कभी कभी सही गलत मै अन्तर नहीं कर पाता है और गलत का साथ देता हैं ये साधारण बात है जबकि सत्य यह है कि कर्म ही प्रधान होता हैं। जय हिन्द
भारत के बाद भाग्य विधाता जो लिखा है वह आध्यात्मिक बाद से अछूता नहीं है इसीलिए यही ब्राह्मणवाद का प्रतीक है
क्या अग्रेजो के समय वेद नहीं थे यह बात गलत है कि अंग्रेजों ने मनुस्मृति को ही हिदुओं का ग्रंथ माना था उन्होंने सबसे पहले एक हृह्मण को फांसी दी थी,!
ये लोग भारतीय नहीं है भारतीय होते तो भारतीयों से ऐसा वयवहार नहीं करते,
आपने जातीवाद की वृध्दी, विकास,प्रकार ,दायरा ,बताया,उसके काम का तरीका बताया हैं , परंतूआप जातिवाद की जड तक पँहुचनेमें नाकामयाब रहे हैं ।
इनके विचार मैक्समूलर के अध्ययन पर आश्रित हैं. वेदों का अध्ययन ब्राह्मणों के लिए भी एक कठिन कार्य है. हाँ मनुस्मृति आदि ग्रंथों को समझना आसान है.
आजकल राजनीति करने वाले लोग ही मनुस्मृति आदि का जिक्र ज्यादा करते हैं.
या इक्का दुक्का कर्मकांडी ब्राह्मण.
भारत का संविधान भी घोर जातिवादी मानसिकता का है. यहाँ तक कि जातिवादी मानसिकता से प्रदूषित कानून भी बने हुए हैं. जातिवाद को बनाये रखना शासन की मजबूरी आज भी राजनैतिक कारणों से है.
जातिवाद धर्म का हिस्सा नहीं
@Crime Master GoGo ये जो चैनल दिखाया है ये सब बकवास बता रहा है क्योकि भगवान राम ने किसी सम्मुख का वध नहीं किया,
सर तन सै जुदा 🤣🤣🤣
पता नहीं कहा सै लाते हो
@@Ankitjat5441बाल्मिकी रामायण में कुल ६ कांट है सातवां कांट है ही नहीं जिसमें शंम्बूक वध सर तन से जुदा है
जिसको पढ़ने का अधिकार था।वही लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं। अब गुमराह नहीं किया जा सकता है क्योंकि सब पढ़ने लिखने समझने लगे हैं । अगर हर जाति की उत्पत्ति और उनके अपमानित करने वाली श्लोकों /बातें मनुस्मृति, उपनिषद, पुराण, बाल्मिकी रामायण और गीता में उल्लेख है। इसमें हर जाति समझ सकता किसकी क्या औकात है। ये जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। यह सब किस जाति के लोगों ने लिखा है सर्व बिदित है। अंग्रेजों ने नहीं लिखा है।
Super good
❤🎉अति सुन्दर
कितने गुमराह है लोग कि मुंह से ,हाथों से ,पेट जंघाओं से ,पैरों से ,मानव जन्म ले रहा था /है ,उनको इस पर समझने की जरूरत है कि ,यदि सरदार पटेल जी को लौह पुरुष कहते हैं तो वे सचमुच लोहे से नहीबने थे ,किवे तो रोबोट नहीं थे ,हाड़ माश से ही बने थे ,रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे और अंग्रेजों से लोहा लेती रही😂क्या उन्होंने अगरेजो को इमलीऔर कच्चे आम की चटनीजबरन खिलातीथी और क्या अंग्रेज लोहा बेचते थे ,,
पिताजी ने मरते समय बेटे को कहा कि बेटा हमारे खेतों में ही सोना पड़ा है परिश्रम करो और सम्पन्न होते रहो ,तो बेटा खेतों में मजदूर लगा कर सोने के गले ढूंढने लगा ,जबकि वह ग़लत समझ बैठा ,उसे उसमें खेती करनी थी ,होने के डले नहीं ,तो कैसे समझें और कैसे समझाया गया ,और मिलकर क्या और कितने प्रयास किए गये ,
हिन्दू के चारों वर्णों को आपस में सहृदयता से बिचार गोष्ठी करनी चाहिए और लोगों के षड्यंत्रों को समझ कर एकता करनी चाहिए ,
जो दलित लोग बौद्ध बन रहे हैं उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि मुसलमानों की नजर में सभी गैर मुस्लिम काफिर ही होता है ,, म्यांमार उदाहरण है जब बौद्धों को हथियार उठाने को बिवश किया जो संघर्ष अभी जारी है ,,घर छोड़ने के बजाय सपरिवार सबको बात करके समस्या का समाधान करना चाहिए । उपमाओं को समझना चाहिए ,
लगता है मनु स्मृति को बाबा साहब भी नहीं समझ पाए ,और तैश में आ गये ,उसमें और भी कयी बातें लिखी थी जो समाज के लिए उपयुक्त है तो बाबा साहब जैसे बिदवान ने पूरी किताब जला दी ,उन्हें केवल वे ही पन्ने फाड़ने थे जो बिवादित थे ।अंग्रेजों ,बामी कम्युनिस्टों और कुछ लालची बिदवान उसमें ब्राह्मण भी शामिल होता है के मिले जुले षड्यंत्रों से हिन्दू समाज को तोड़ने के और स्थाई रूप से भारत को गुलाम रखने के लिए किताबों में मिलावट करना और उन्हें प्रचारित करना जारी रहा ,सभी हिन्दू आपस में समीक्षा करने की अपेक्षा दूर जाने लगे जिसकी जिम्मेदारी क्रमश सबको लेनी चाहिए थी ,और अब भी है ,क्यों कि हिन्दू से बौद्ध आदि बनने से वे वहां पर मौलवीमुललापौप फादर या मठाधीश बना दिए गये हैं या पर्याप्त बराबरी से शादी आदि हुई हो सन्देह ही होता है ,अपना घर छोड़ना तोड़ना स्थाई समाधान नहीं होता।
@@yogendramohan2809 अपना घर पहले ठीक करना चाहिए। अभी भी भेदभाव, छुआछूत ,ऊँच नीच मौजूद है। लीपापोती करके गुमराह नहीं करना चाहिए। हजार साल से पढ़ने,पढ़ाने और वेद सुनने का अधिकार छीन लिया था। संविधान ने हक दिलाया तब सब एवं स्त्री को पढ़ने का अधिकार मिला। अभी भी गांव में कोई भी अन्त्ज्य चाय या होटल खोल नहीं सकता है। मार कर बन्द करवा दिया जाता है। गरीब अपनी आजीविका छुआछूत की वजह से चला नहीं सकता है।अभी भी मन्दिरों में प्रवेश वर्जित है। मुहावरा और उपमा को समझाकर गुमराह करने की आदत नहीं जा रही है। अभी भी अत्याचार कितना हो रहा है,खबरों से बेख़बर हैं? बाबासाहब सूरज हैं कोई दीपक नहीं हैं। कुछ खुद्दार जातियाँ हैं जो मिट गयी परन्तु धर्म परिवर्तन नहीं किये। बहुत सी जातियाँ चाटुकार बने और धर्म परिवर्तन भी कर लिए थे।अल्लाह उपनिषद भी चाटुकारिता में लिख डाले और बाकी को खुब सताया भी। मिलावट वहीं किये जिसको पढ़ने का अधिकार था। गुमराह न होने वाले कभी भी गुमराह न हुए थे न होगें। डर उनसे है जो चाटुकार बने थे। देश भक्त देशभक्त ही रहेगा। डर केवल गुमराह करने और चाटुकारिता करने वाले से है।
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
सामाजिक बदलाव धीरे धीरे होते हैं,सभी को सच्चे दिल से प्रयास करना चाहिए किसी को खामख्वाह दोषी मानना ठीक नहीं, वास्तविक मीमांसा होनी चाहिए...
आपने सत्य कहा
@@lalsingh1658 देखिए साहब!
एक प्रचलित लोकोक्ति कुछ प्राचीन है
जाति पांति पूछै नहिं कोय ।
हरि को भजै सो हरि का होय।
जो सही और प्रामाणिक है अटल रहेगा।
राजनैतिक लालच वश है ये सब वही आज वही कल रहेगा।।
शूद्रों को पढ़ने का कोई अधिकार नहीं था अब भी मनुवादी लोग दुहले को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देते पहले तो आप खुद ही सोच कर देख लें कया हालत होंगे
ऐसा कहीं कुछ नहीं है सारा मनुष्य 1212 ब्राह्मणों का पाखंड फैलाया हुआ है पूजने के चक्कर में
खत्म सब करना चाहते हैं पर छोड़ना कोई नहीं चाहता
@@krmusic3523 अरे मूर्ख कोई धर्म क्यों छोड़ेगा सनातन धर्म देवी देवताओं को मानेगा नहीं ब्राह्मण पाखंडी है इसका मतलब कोई भगवान को सनातन धर्म को छोड़ देगा और तुम्हारे अंबेडकर को मानने लगेगा एक साधारण मनुष्य को
@@Brokergamingofficial मैंने किसी ब्राह्मण को इतना परेशान नहीं देखा जितने तुम हो तुम्हारी फितरत ही है ब्राह्मणों की गुलामी करना।
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
खानपान बदलने से ही अच्छे इंसान का जन्म होता है, चांडालों भी बदलकर ब्रह्मण बन (समाज के प्रतिष्ठित पदों पर आरूढ़) सकेगा।.... ।।वंदे मातरम् भारत माता की जय।।
नमो बौद्ध जय भीम जयभारत संविधान हम आपके साथ है
मनु ने मनुस्मृति के द्वारा शुद्र अछूत बनाया और गुलाम बनाया अब भी यही प्रयास चल लहा है भाजपा आरएसएस द्वारा सावधान रहने की जरुरत है।
आपका कहना बिलकुल गलत है
Bjp rss bjp rss evm hatao desh bachao jaybhim namo bhudhay jay samvidhan
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
इस वीडियो में ब्राह्मणवाद का बचाव किया जा रहा है।
I think she's not a brahmn
Toh kay bhimwadi atankwad ka support kare jo pfi ke sath mile chuke ha
ᴀᴄʜʜɪ ʙᴀᴀᴛ ʜᴀɪ
@@sonofgod793 PFI par ben lag chuka he. PFI तो गयौ।
@@PD130470 😂 ek baap nikal liya bhimwadi logo ka bhot bura hua 😭😂
जातीय एकता का काम तो इस्तेमाल है कि किसी पर जुल्म ना ही ना कि अपने जाति के अपराधियों को बचाने में सहायक हो
महोदय जी---आप ने जिस तथ्य पूर्ण बातो से अपने सुझाव/विचार वीडियो मे समझाया, आज के समय मे कुछ कहा नही जा सकता, मूलतः तीन वर्ण (ब्राहमण, क्षत्रिय ,और वैश्य)उक्त तीनों वर्ण वर्तमान मे जातियो के नाम से जाने जाते है।इनके कागज प्रमाण है, धार्मिक ग्रंथ है ।पुराण तथा महापुराण है।जिनमे तीनों वर्णो का उल्लेख किया गया है तो अब आगे चौथा
वर्ण शूद्र का कोई सत्यापित प्रमाण नही है।मैंने भारतीय समाज के किसी भी जाति के अंकसूची ,जमीन राजस्व रिकार्ड, भूमिसवामी
कागज मे नाम के सरनेम मे शूद्र शब्द लिखा नही पढा ।(जैसे राजू शूद्र ) जब किसी के नाम मे सरनेम शूद्र लिखा नही मिल रहा है तो चौथा वर्ण शूद्र भारत देश के किस कोने मे है। और जब प्रमाण नही मिल रहा है तो मै मानता हू कि जाति सूचक शब्द का प्रयोग उन लोगों के दवारा किया गया जो ईरशालु है निकम्मे हैं, कयोकि मनुष्य जाति मे उपरोक्त गुण जन्मजात पाये जाते है,चाहे वह किसी भी जाति का क्यो न हो ।हमारे देश भारत का दुर्भाग्य है कि हभ भारतीय आज भी जातिय जीजिविषा के शिकार है।लोग इतना नफरत करते है।कि काश इन भगवानो की भारत भूमि में चौथे वर्ण का जन्म ही नही होता ।
मै जब सब प्रकार से शक्तिशाली संपन्न भारत की बात सुनता हूँ ।और विपन्नता चारो तरफ़ दिखाई देती हैं ।तो लगता है भारत भूमि की शिक्षा मे जो कुछ भी पढ़ाया जाता है ।इतिहास के सभी प्रमाण झूठे हैं ।परन्तु फिर भी हम अपने अतीत के गौरवशाली इतिहास को जानकार गर्व करते है ।(सिवाय छुआ-छूत जाति के नाम पर) 🙏🙏🙏🙏🙏
Shudra bhi kayi jaatiyon mein hain aur apne jaati ke naam lagate hain, shudra nahi! Jaise Ram Chauhan, not Ram Kshatriya, Krishna Aggrawal, not Krishna Vaishya!! Shiv Nadar, not Shiv Dalit. Iska matlab koi apne varna ka surname nahi lagate! Bhartiya sabhyata mein kuchh yogdaan toh savarno ka bhi hai😏. Aarakshan jo jaatiyon ke naam par lete hain kintu jaativaad chhodne ki baat karte hain😆
@@meenu999 Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo RUclips par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo RUclips par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
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ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ,,,,और मुस्लिम कभी नहीं चाहते कि मानव समाज एक हो ।।
बांट कर रखना ही उनका उद्देश्य है
जाती और वर्ण भारतीय समाज को तोडणे का सबसे बडा हत्यार है. जिसने येह बनाये वाह उनके फायदे के लिये बनाये. येह स्वार्थी व्यवस्था है. और ब्राह्मण के फायदे के लिये बनाइ
जाति व्यवस्था कोई नहीं मिटा सकता वो किसी न किसी रूप में अवश्य रहेंगी।
@@krmusic3523 आर्य समाज में कोई भी नाम में आर्य लगाते हैं।
195 देश मे कोन गया जातीया बनाने के लिए ॲमेझोन के जंगलो मे न जाने कितने अलग अलग आदीवासी कबिले है सात हजार भाषा के उपर बोली जाती है दुनिया मे अलग पहचान अलग वर्न चपटे काले सब ब्राम्हन ने हि बनाया क्या
हम हींन्दु सनातनी है जय श्रीराम
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
आज के समय में मजदूर गरीब परिवारों को इतने नीचे गिरा दिया गया है कि इंसान ही नहीं है क्योंकि आज उनका जीवन जीने के लिए कोई सहाराही नहीं है नाउन की प्रशासन मदद कर रहे हैं कुछअमीर लोग उन्हें ढंग से जीवन यापन करने ही नहीं देते
ये बात ही गलत है जब लोग रिसर्च की जगह सत्ता का लोभ में हो जाते हैं तब एक ससकत संविधान का बिनाश हो जाता है धर्म के ठेकेदारों को ना ये पता है कि जाति आयी कहा से दूसरा ना धर्म का पता है सनातन धर्म जैसी मजबूत व्यवस्था खंडित करदी आज्ञान के कारण,🌷🌷🌷🌷
ऐसा कब तक होगा क्या इसका समाधान नहीं है
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
1- मुह से ब्राह्मण पैदा होना अर्थात ज्ञान प्राप्त कर समाज को ज्ञान देने वाला 2- हाथों से जन्म लेना अर्थात हाथों से तलवार तीर चलाने में महारथ 3- पेट से जन्म लेना अर्थात उदर पूर्ति के संसाधन जुटाने मे महारथ 4- पैर से पैदा होना अर्थात ज्ञान प्राति का केन्द्र बनाना, तीर तलवार बनाना, कृषि यंत्रों को बनाना आदि कार्य करने में महारथ इनके आधार पर कर्म आधारित व्यवस्था थी
Haat pair aaur mukh kaam karna band kar Diya toh muh mein reh jayega
Every time new explanation of varna vyavastha . It is still non sensical to have any group to not have 360 development . Just because I am a doctor and serve people does not mean I should not be able to gain knowledge
जातीव्यवस्था जन्म से लादने वाले कौन
5. Sanghis - Born from shits
शिक्षा हीं ऐसा अस्त्र है जिससे जंग जिता जा सकता है।
फ़िर तेज़, तेजस्वी कैसे जिन्दगी के जंग जीतते हैं अनपढ़ होके 😅😂😅😂😅 पप्पू
जात पात की करो विदाई ।
हिन्दु हिन्दु भाई भाई ।
Mazaak achchha kar lete ho
Seth bol rha hai
Sty
@@SANJEEVKUMAR-bu3ykmajak tab ata chalega jab desh converted ho jayega 😂😂😂
sc st hindu nhi h
कोई बड़ा नही हो सकता कियू कि पूरे वर्ल्ड मे ब्लड 8 गुरब मै है और अभी के सारे जाति मे सारे गुरब ब्लड है, विज्ञान से सोचिये
Right brother 🥰
ruclips.net/video/wkwdcEYbmas/видео.html
काश मनुष्य जाति धर्म में न उलझ कर सिर्फ मनुष्य बन जाता.….
Nahi banega jabtak koi alien na aa jaye
Kyuki insan individual hota hai.
Jab bhi group banega wo kisi ke khilaf hi banega.
Or sab manushya ban jaye bas to desh ka kya kaam? Desh hata ke one world government bnao fir
Bilkul hai hamara bharat me bahut jyada bhaichara hai bhai meri nazar se dekho
mujhe to kahin ladai nahi dikhti
Bhai ji..ye tumhare hi purvaj ki den hai.....Manu...ne yesi bimari daali ki aaj tak nahi jaa saki....
मनुष्य बनने की अवधारणा ही वेद धर्म से आती है अगर धर्म न होता तो समाज यहा तक की यात्रा कर ही नही सकता था अगर धर्म न होता तो मनुष्य जाती जङ्गल में जिस तरहा एक शक्ति शाली जीव कमजोर को मारकर खा जाता है अगर वह उसे खाता भी न हो तो भी मार डालता है
रही बात मनुष्यो के कई जातियो वर्गो मत पन्थो संप्रदायो में बटने की और आपस में वर्ग संघर्ष और भेद भाव की तो इसके पीछे कई कारण है
@@antimsharma1925 ओ। ज्ञानी शास्त्री, सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हम सब मूलनिवासी खुशहाली से रह रहे थे, किसी भी धर्म, किसी भी शास्त्र,वेद, इत्यादि की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन मादरचोद विदेशी मनु ने, हम मूलनिवासीयों पर अनेकों ज़ुल्म ढाये, और हमें गुलाम बना लिया...
भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी तो कोई भी धर्म नहीं मानते थे, फिर भी आज तक कोई नहीं कर पाया वो काम किया!..
साले। धर्म और वेद, शास्त्र को भी तो किसी ने लिखा होगा...?
जिस तरह बीज अंकुरित होकर एक विशाल बृक्ष के रूप में तब्दील हो जाता है उसी हम भी विकसित हो ही रहे थे, सिंधुघाटी सभ्यता के दौरान... हमें धर्म की कोई आवश्यकता नहीं....
तुम्हारे धर्म में स्त्रीयों को जिंदा जलाया जाता था,
पढ़ने का अधिकार नहीं था, ना जाने कितने दुष्कर्म थे।।। क्या यही धर्म है
ऐसा है पाखंडवाद मत फैलाओ हमारे देश में।।।। विदेशीयों
Raght है इंसान को इंसान जानो जाति पेड़ व जानवरो में होती हैं इंसानों में नहीं होती है जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय
मानव समाज 100 % सत्य। आर्थिक विषमता दूर करे समाज (सामाजिक विवाद समाप्त हो जाएगा)
मनुसम्रति हिंदू धर्म का विभाजक है
मुगलों और अंग्रेजों की दी गई ये व्यवस्था का छिन्नादिभेद जल्द होगा भारत अनादि था और रहेगा,सर्वजन को ईश्वरीय ज्ञातव्ता का अधिकार प्राकृतिक है जो सदैव रहेगा🌷
1000 saal pahele to mugal nehi thaa fir adi sankar k jibani me achhut kahan se aayaa
Jantajnardn
ruclips.net/video/wkwdcEYbmas/видео.html
Bakwas manuwad ki den usi ki sajish hai
पचास साल पहले मेरे बाप को खण्डा क्यों मारा को याद कर अपने दुख को बढाय ही जा सकता है अब इस बात को भुलना चाहिए।
Pahle.aap.to.bhoolo
Danda maarne ka koi saboot bhi nahi hai par musalman ke atyacharon ka saboot hote huey bhi unko ye dalit kuchh nahi kahte!
बात तो सही है. पर सरकार को आज भी यह एडवांइजरी क्यों जारी करनी पडती है कि अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अपनी जाति की पहचान इंटरव्यू में छुपा कर पहुंचे. क्या आज भी खंडे से सिर फोडने वालों पर किसी का कोई जोर नहीं है.
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
SC, ST, OBC भारत देश के मूलनिवासी है बाकी सभी विदेशी है
जय मूलनिवासी
sc st obc कभी भी आपस मै नही लडते क्यूकि यही असली यही के लॉग है ओर जो विदेशी स्वर्ण है उन्हे पता है की ये उनकी धरती नही नही है इसलिये यहा के मूलनिवासी को परेशान करते है.
Sc st obc bhi videshi hai , africa ka manushya 60,000 bce pehle bharat mein aakar basa tha😅
@@shubhverma219लगता है आप कभी स्कूल नहीं गये गये होते तो भूगोल पढ़ा होता इंडिया का कांटीनेंट अफ्रीका से जुड़ा था लाखो वर्ष पहले जिसमे ऑस्ट्रालिया भारत दक्षिण अमेरिका अफ्रिका एक ही खंड हुवा करता है जिसे गोंडवाना लैंड कहते है ओर उत्तर के भाग को लाऊरेसिया जिसे उत्तर अमेरिका ओर यूरोप जुड़ा था जिस खंड मै जिनका जन्म हुवा वहा के मूल वासी यही sc st obc है जो अफ्रीका से अलग हो के भारत का कांटीनेंट एशिया से टकराया जहा हिमायल जैसे पर्वत का जन्म हुवा बाद मै कै हजारों वर्ष के बाद देश बना गूगल कर ले इस देश का मालिक sc st obc है बाकी सब विदेशी है।
@@666mhboys😂😂😂,कहा लिखा है और तुम पढ़े हो कि इंसान का विकास भारत में हुआ? अफ्रीका में नहीं, दुनिया के सभी इंसानों की मां आज से 1.5 लाख साल पहले अफ्रीका में रहती थी ,😂😂तुम पर तरस आता है
हां आपने सही बात कही है मूलनिवासी तो आदिवासी लोग ही है बाकी सब विदेशी जातियां हैं बहार सेआए विदेशी जातियां ने हमको पिछे धकेल दिया है लेकिन अब विदेशी जातियों को से सावधान रहें 626
9वीं सदी से प्रारंभ हुआ जाति व्यवस्था जो ब्राह्मणों ने जबरन मूलनिवासियों का शोषण किया व जाति धोपी
Jb sadi suru v nhi hue thi to usase pahle Smrat Ashok ek baniya the kyo jhuth bolte ho ki 9vi sadi me brahmno ne thopa tha jiska jo mn kiya wahi krne lga yhi saty hai. Jay Hind 🙏🙏🙏
@@RajeshKumar-tm5sh श्रीमान जी, फाहियान, हेनसोंग, इतिसिंग, अल-बरुनी आदि की पुस्तकें पढ़िए और अपना सही ज्ञान बढ़ाएं
Hmara sanatan dharm etna kmjor nhi ki hm videsiyo ko apna adrsh mane aphi apna gyan badaye. Jo khud ko bhul gya ho o apne ghar walo ko videsi hi btayega.
@@RajeshKumar-tm5sh वो सही बता रहे हैं पढ़ोगे तब पता लगेगा 9 वी सदी में शंकराचार्य के आने के बाद ही ब्राह्मणवाद मजबूत होना शुरू हुआ मैगस्तिनी कि इंडिका पढ़ो सब पता लग जायेगा वेद पुराण उपनिषद गीता रामायण महाभारत सारे भगवान थे क्या अस्तित्व में उस समय
@@nileshyadav78 मेगस्तिनी ने तो लिखा है कि सभी भारतीय सोने चांदी के बर्तनों में भोजन करते थे।
बहन जी आप ने हमको बहुत अच्छी जानकारी दी है जिसका वर्णन करना सम्माननीय है नमो बुध्दाय जय भारत
दुनिया का सबसे बड़ा पाप वर्ण व्यवस्था दुनिया के सबसे बड़े पापी वर्ण व्यवस्था बनाने वाले
Sabse big pap to savidhan banane vale ne kiya h jisne bnaya uski chli nhi
Manuwadi.dhoort.hai
Yahi Manuwadi dhoortta hai
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
भाई साहब ब्राहमण व भील हमेशा साथ रहें है ब्राह्मणों ने कभी राज नहीं किया वह ब्राह्मण चाणक्य जेसे राजनीतिज्ञ ने चंद्रगुप्त जेसे व्यक्ति को राजा बनाया मेरे भाईयों किसी पर आरोप नहीं लगा ना वाल्मिक ऋषि ने भी भगवान् राम के जीवन पर महान ग्रंथ रामायण को लिखनेवाले थे व्यक्ति कर्म से ब्राहमण होता हे जात से ब्राहमण नहीं होता हैं जेसे कर्म करोगे एसी उपाधि मिलती हे शिक्षा से ही अच्छाई है । धर्म प्रेमी बनो मनुष्य को भगवान् ने अच्छे कर्मो के लिए जन्म दीया हे कि सी की बुराईयां नहीं करनी चाहिये ।
में इस मनोस्मरेटी को नहीं मानती जो मुझे जीने की आजादी नहीं देती है मै तो बाबा साहेब को मानती हूं जो मुझे जाने की आजादी दे गए
Sahi baat hai
😂😏 अबे भाई अंबेटकर के चमचे जा हटा कुछ उसने उखाड़ लिया कुछ तुम जैसे भी उखाड़ लेंगे मैं किसान हूं और मैं हिंदू हु गर्व से कहता हु मालूम है क्यों क्योंकि पढ़ाई तो मैंने भी की है b,a,c की है पर रही
तो बता मैरी मैं किसान हुं पर मैं अपने धर्म को जनता हु और उसी राह पर चलता हु नहीं तो तुम जैसे चूतिए खाना कैसे खाते 😂🚩
ब्रह्मांड की रचना हुई इनके बाद ही सभी प्रजातियों का अस्तित्व हुआ तो
उसी समय जाति बाती नही होगा ये तो आम इन्सान को बनाया हुआ व्यवस्था है। अब तो इंसानियत, करुणा,दया, अनुकंपा, और सबका साथ सबका विकास होना चाहिए।
It is very important to understand Dr. B.R. Ambedkar 20 vows witch are declared on 14 April,1956 and strictly follow them to eliminate Manowad/Brahmanwad.
You are totally wrong. Education and employment will eliminate the stuck sentiment in mind, cause, the upgradation of economic standard, recognition amongst others too.
@@s.d.r.kharaal825😊mn
वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मण पैरों से पैदा क्यों नहीं होता और वो अछूत क्यों नहीं होता।।
ब्रान्मा के मुहसे मतलब ब्रह्मा के अल्टीसे ब्राह्मण पैदा हुआ ब्रह्मा के बाजू से क्षत्रिय ए बात अलग है 21 बार परशुराम ने क्षत्रिय यो धरती से खत्म किया लेकिन आज भी क्षेत्रीय जिंदा है?😀😀😀। जो क्षत्रिय है उनके पिता कोन है ओर दुबारा कैसे पैदा हुए उसका पूरा लेखा जुका महाभारत। शिव पर्व में है गीता प्रेस से दोनो किताबे पड़े
क्षेत्रीय के बायोलॉजिकल फादर ब्राह्मण हैं कैसे छतराणिया जब विधवा हुई थी तब परशुराम के पास गई और परशुराम ने बंचे कैसे होंगे ये प्राबलेम दुर कि थी जैसे पहले ब्राम्हण लोग मंदिरो में देव दासियां रखते थे वैसे ऐसा इतिहास बताता है जय शिवराय जय जिजाऊ
@@prabhakarpatil3941 bhai🔥🔥🔥👌
अधजल गगरी छलकत जाय,हैहय वंश के क्षत्रियों का नाश किया था किन्तु कुछ उसमें भी बच गए थे
Jaise yadav krishna ke marne ke baad paida ho gaye
@@prabhakarpatil3941😂😂 maratha bhi to kstriye hii hain😂😂😂
मैं किसी को भावना से ठेस नहीं पता ना चाहता हूं पर लेकिन राम से पहले 10000 वर्ष पहले वाल्मीकि ऋषि भेजना रामायण छुपी हुई थी मेरा नाम प्रकाश कुमार भील
Jai bhim jai sambidhan
ताज्जुब है जो दुसरे की कमाई खाने वाले उच्च जाति के हैं।
आदिवासी दलित यह के भगवान है
Bagwan ji kaise hai 😂🥰
The first tribal community on this earth was the tribal community and different groups emerged from the tribals and caste religion was formed over time, that is, the ancestors of all are tribals.
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
With balanced mind the matter is placed. Thanks Anuradha ji . In ancient days varna system was necessary for all to live. It was the mean of earning. Now a days thousands of job opportunities are available. Most of the people are not doing work as for his cast .A barber is running a dry cleaning shop . Yet he says he is barber. Most confusing. Hence I recommend only 5 casts .A) Rich people’s cast B) Mid rich people cast .C) Middle class people cast. D) poor people cast. E) very poor peoples cast. Which person falls in which cast can be decided easily with some norms .
ये,,कैसा,,खेल,,है,,अप्रमाणित ,,बातों,,,से,
झुठ,,,को,,प्रमाणित,,,किया जा रहा है,,,
ये ही तो,,पाखंडवाद है ,
ऋग्वेद में पुरुष
सूक्त में ब्रहं के बिभिन्न अंगों से विभिन्न जातियों के पैदा होने का श्लोक प्रक्षिप्त है क्योंकि हमारा वेद निराकर ब्रहं की बात कर्ता है।
Manuwadi dhoorto ki den
Be tere ved se amerika me jati kyu peda nahi hui? World's me koi bhi desh batae.
आपके सभी प्रश्नों का उत्तर है सत्यार्थ प्रकाश। यदि हम अपने को यह मान लें कि हम हिन्दू नहीं आर्य हैं तो सारी समस्याएं समाप्त हो जायेंगीं।
@usertv5.
धन्यवाद जी,
आपका आर्य हा शब्द प्रयोग बहोत महत्वपूर्ण हैं.यही से तोड-फोड करके आदमीका माकड बनानेमें संकोच नहि किया .और अनुसंधान की जरुरत हैं.प्रेमपूर्वक हस्ताअंदोलन करके नमस्कार.!!!.
प्रस्तुति में सत्य का अभाव है।सबूतों के साथ प्रस्तुत करें।
मनुस्मृति को 2000 वर्ष या उससे भी अधिक पुराना बताने वाले क्या यह बता सकते हैं कि मनुस्मृति में प्रयोग किए गए ऋ,क्ष आदि वर्णाक्षर देवनागरी में कब प्रयोग में आयी ? अगर यह बहुत पुराना है तो पुरातात्त्विक खुदाई में जो शिलालेख मिले हैं देवनागरी लिपि का अस्तित्व कहीं प्राप्त हुआ है? अतः यह मनुस्मृति की रचना उत्तर बौद्ध कालीन है ।
Uuu7uuuuu7uuuuuuuuuuuuuucup
Ye true
Gore logo ne cast system ko khatam kiya hai
Swayambhu Manu ki utpati lagbhag 12000 varsh purv hui hai abhi tak 14 Manu hue hain shastron ki jankari nahin hai To kyon bakwas karte ho
@@prashantm8861tumhe kuch jyaada hi gyaan h😂
हर दुखांत के रिस्पोंसिबल केवल हम भारतीय ही हैं 🙏✒💖
ईसि जाती धर्म के वजह से मुस्लिमो की ख्रिस्ती की जनसंख्या बढी है❓ क्योंकि आदमी को जीधर अपनापन मान सम्मान मिलता है आदमी ऊसी ओर चल देता है ईस हिन्दू समाज ने छोटे समाज के साथ बहुत बहुत बर्बतासे व्यवहार कीया है ईसलिए हिन्दू समाज टुटके बिखर गया है ये गलती पढ़े लिखे धर्म के ठेकेदारो की है. धन्यवाद🙏💕 जय अवधूत जयहिंद जयहिंद की सेना💂💂💂💂💂💂💂💂💂
Musalman samman dekar love jihad kar beti ko suitcase mein bhejte waaah, kya samman!
जाति और वर्ण व्यवस्था मानव निर्मित है जो सबसे बड़ा सामाजिक विषमता को बढ़ावा दिया।
दक्ष प्रजापति ब्रह्मा के चरण के दाने अंगूठे से पैदा हुए पैर के अंगूठे से ब्रह्मा के पैर के अंगूठे से ब्रह्मा के दक्ष प्रजापति का जन्म हुआ वह क्षत्रिय कैसे हो गए कोई जवाब दे पाएगा इस बात का
@vedha singh जन्म से ही होता है क्षत्रिय यादव जन्म से छत्रिय है कर्म से छत्रिय है जन्म से ही क्षत्रिय होता है कर्म से कोई क्षत्रिय नहीं होता सही बात तो यह है
@vedha singh पूरी गलत बात आपकी हमने ग्रंथ देखे हमने पुराण पढ़ें हम एक-एक शब्द जानते हैं यादवों ने सब ने राज्य किया हर राजधानी पर राजा था यादव केवल 2 गांव के यादव वृंदावन गोकुल के 2 गांव के यादवों के कारण पूरे यदुवंश को बदनाम किया जाता है
@vedha singh यादव राजधानी विदर्भ महिष्मति अवंतिकापुरी चंदेरी मथुरा बटेश्वर काशी द्वारका उज्जैन नासिक वृंदावन गोकुल इतनी जगह राजा यदु की संतान रहती थी
@vedha singh राक्षस तो राजा रहे सभी युद्ध किए लड़ाई लड़ी राक्षसों ने उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया अगर कर्म से छतरी किसी को बनाना चाहते हो तो किसी राक्षस तो राजा रहे युद्ध किए बाण अस्त्र-शस्त्र रहे उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया
@vedha singh मुसलमान भी राजा रहे युद्ध किए उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया भाई कर्म से कोई छत्रिय नहीं होता जन्म से होता है मजदूरी कर रहा हो जिसका जन्म क्षत्रिय घर में हुआ वह छत्रिय है
Calcutta= sr.citizen= Clear answer= Sloka no.13 / chapter 4 = GEETA = Srikrsna explains to Arjuna that HE implemented 4 division in Society accordig to the profession / business - adopted by that group of people but not birth issue ! In Mahabharata society,Brahmins could become Astra-guru by own effort. In some book, Mongolians , some 1000 yrs back, settled in Rajasthan state ! Generals of Alexander, settled in different parts of India -extending upto Afghanistan.
अब वैज्ञानिक आधार पर सारी व्यवस्था को कोई महत्व नही मिल रहा है तो नया प्रोपगन्डा चला रहे है
जाति पाति एक गहरी खाई मानव बने तो उभरें भाई।। सत्य कथा जो समझ ना पाये हंस नहीं वे काग कहाये।। लौमश ऋषि के वचन ना मानें काकभुशुण्डि भये जग जाने।। राम चरित्र मानस।। जय हों काकभुशुण्डि जी महाराज। धन्यवाद।।
ब्रह्मण शब्द घृणित है। क्योंकि इसने जनता को अपना चरागाह बनाने में अनेक हथकंडे अपनाए।
Brahman tumhara baat hai usi se Mano Jaat ki utpati Hui hai tumhare Se jaahilon ke kahane se kuchh hone wala nahin hai Jo sahi hai vah sahi hai
ब्राह्मण शब्द कै से घृणित है? नियत कितना नफरत भरा मानसिकता है।
@@prashantm8861 हमें जितना पाखंडी मनु ने जातियों में बांट दिया है, हमें पूर्ण विश्वास है कि एक दिन जरूर एक हो जायेंगे।।।।
@@All_Song_Remake Kabhi real manusmriti ko padha bhi hai kya 😂Ya bas sunkar bolte rehte ho.
@@aanchalsingh3240 ha... Pada hai.... Madam... Tumhe bhi padna chahiye... Ladies ke liye kya kya likha hai .. hansi ruk jayegi hamesha ke liye
योनि मोसे सब लोग पधारे
आदिवासी हिंदू नहीं है हम प्राकृतिक पूजक है। मंदिर से हमें कोई लेना-देना नहीं है।
Hamare Chhattisgarh me aao dikhate hai ki aadivasi se bada Hindu to pure bharat me nahi hai.
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
3.5% videshi Euresian brahman who came to India 4700 years back and captured the power by assassination of last Buddhist king brahadrath by brahman pushyamitra shunga and massacred lakhs of Buddhist monks and destroyed Buddhist stupas and converted it in hindu mandir by making changes in buddha statues and created 4 Verna and divided original buddhist people into 4000 castes and more than 72000 sub castes to remain divided forever to rule on them permanently. Jai bhim jai Mulnivasi
Very nice thank you
आपकी आर्थिक स्थिति ही बताती है कि आपकी जाती क्या है ।
अगर कोई गरीब हो तो उसे कोई नहीं पूछता चाहे वह उसकी ही जाती का क्यों न हो ।
इसलिए अमीर बनिए जाती अपने आप ही खत्म हो जाएगी ।
इतने उदहारण दिये लैकिन बिलखीस बानो उदहारण भुल गयी. जंहा आरोपियों का समर्थन तो छोड़ उनहे रिहा कर उनका सतकार किया गया
Are prophet Mohammed salalahu walaeh wasalm ka bhi jikar karna bhul gayi
इसलिए बाबा साहब अंबेडकर ने ओबीसी एससी एसटी को आरक्षण देकर बराबर लाने का प्रयास किया आज पार्लिमेंट के अंदर भी इससे दारी है सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी है
जाति प्रमाण पत्र संविधान देता। ब्राह्मण नहीं
*It is now known to all in the country, that native aboriginal agrarian and artisan people (SC +ST +OBC)of India are real native people of Indian subcontinent. Unscientific and inhuman"Varna vyavastha " was created through incorporating shlokas in "Purush Suktam " and "Gita" and finally "Manu smriti " was established after fall of Buddhism in India to enslave, suppress and exploit the native aboriginal agrarian and artisan people(SC +ST +OBC) of India. NOW,we are in 21st century and must try to create a society based on human values such as, Liberty, equality, fraternity and coexistence for betterment and development of our country*
बड़े ही खूबसूरती से ब्राह्मणो का बचाव किया गया है ! इसलिए कि ये स्वयं ब्राह्मण है !जातिवाद सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मणो की देन है
अशोक सम्राट माहात्म जोतिबा फुले सावित्रीबाई फुले बाबासाहेब आंबेडकर यांनी अहोरात्र मेहनत करून शिक्षणासाठी ब्राह्मणांनी या लोकांना शेन गोटे चिखल फेकून मारत होते स्त्री आणि पुरूषांसाठी खुप मेहनत घेऊन आज लोक काही प्रकारच्या दीगॅ घेऊन आपल्या परिवारात खुष आहे केवळ यां लोकान मूळे जाती वर्ण व्यवस्था या ब्राह्मणांनी लावलि आज बहुजन समाजाला छेडत असेल तर ब्राह्मण समाज या लोकांनी मनूस्मृती कायदा लावला म्हणून बाबासाहेब आंबेडकर अहोरात्र मेहनत घेऊन संविधान निर्माण केले अशा माहामानवाला कोटी कोटी प्रचांग प्र माण म्हणून आज जनलोंक सुरळीत चालू आहे जय भीम जय संविधान जय शिवराय जय महाराष्ट्र 🌹🙏🌹
कर्म क्षेत्र से सब आए।
जब तक हिन्दू धर्म में नाम के आगे सरनेम यानि जाति लिखना बंद नहीं करेंगे तब तक हिन्दू धर्म जाति में विभाजन बना रहेगा
पुरातत्वीय तथ्य या प्रमानो के बिना ये सब बकवास है.
पूरी दुनिया में भारत ही एक ऐसा एडम धारी देश है 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
जन्म आधारित वणॅ व्यवस्था ठीक उसी प्रकार मजबूत होती चली गयी जिस प्रकार आज वंशवाद को आधार बनाकर प्रजातंत्र की व्यवस्था में भी सरकारें बनायीं जा रही है ।
In india caste came in to existence because of the continuous prevalent unrest and conquest.Slavery was prevailing worldwide.Bramins studied vedas and never mingled with others but controled their life..kshatriyas were meant to fight for the kings .Vaishyas indulged in trade and never were concerned with change of kings.The people who did not have lands and did not pay any contribution to the kings ,who lived in the forests and did menial jobs and many who were bought and sold as slaves were mentioned as SHUDRAS.BUT THESE WERE MEANT FOR THE PAST AND NOW WITH INCLUIVE EDUCATION AND GOVT INTERVENTION SUCH DISCUSSIONS BECOME MERITLESS.
Excellent Program 👍
एक टिप्पणी- विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में 10मण्डल हैं जिसमें अनेक ऋषियों के10852मंत्र हैं। ऋग्वेद के विभिन्न मंत्र लगभग 1600वर्ष तक कहते जाते रहे। सर्वप्रथम विश्वामित्र फिर भरद्वाज, आगे कण्व और अत्रि, वशिष्ठ, वामदेव व शौनक ऐसे 7 ऋषि और उनके परिवार जनो के मंत्र सात मण्डलों में रखे गये, दूसरे से आठवें तक। पहला और नवमां मण्डल विभिन्न ऋषियों के मत्रों वाले। दसवाँ मण्डल जिसमें पुरुष सूक्त है यह मण्डल बाद में जोडा गया है। इसमें ही पहली बार शूद्र शब्द आया। ऋग्वेद में और कहीं भी शूद्र शब्द नहीं है।
Manuwadi dhoorto ki sajish . hai
🌹🌹🌹गुरुदेव वाणी 🌹🌹🌹
जीवन में क्षण-क्षण परिवर्तन होता है, अवस्थाएं बदलती है, परिस्थितियां बदलती हैं, सुख आता है, दुःख आता है, धूप आती हैं, छाया आती है, धन आता है, धन जाता है, वैभव आता है, वैभव जाता है, दुनिया की हर वस्तु स्थिति पल पल बदलती रहती है बदलाव ही संसार का नियम है ।
राम राम जी ।
🌹🌹🌹गुरुदेव 🌹🌹🌹
ये हिन्दू धर्म का आदर्श है या नहीं। विश्व में ऐसा कौन-सा धर्म है जो इतना उच्च कोटि का है जो भारत का हिंदू धर्म है।
जै भारत जै संविधान जै भीम जै विज्ञान जै Dr Babasaheb Bhimrao Ambedkar का लिखा हुवा रचा हुवा भारतका जै संविधान 🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🏹🏹🏹🏹🏹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐
पाखंड वाले ये बतायें मुस्लिम व अंग्रेज. यहूदी कैसे पैदा हुए.
राजपूत जाति अकबर के शासन काल मे जाने जानी लगी पहले इन्हे ठाकुर के नाम से जाना जाता था यह नाम इन्हे भगवान ठाकुर जी यानि लड्डू गोपाल जी के नाम से मिला जब इन्हें हिन्दू धर्म मे शामिल किया गया इन्हे क्षत्रिय किसी ने नही बनाया ये स्वयं को क्षत्रिय बताने लगे ठाकुर सुहाती के पुरोधा चारण भाटो ने इस बात को आगे बढाया विचार कीजिये क्या क्षत्रिय सिर्फ राजस्थान में ही होते थे यह लोग सिर्फ आटे मे नमक की संख्या मे है इनके पास आजादी के समय 222 रियासते थी इनमे से कोई भी रियासत छह सात सौ साल से पुरानी नही है जबकी कुर्मी समाज की 318 रियासते हजार वर्ष एवं उससे भी पुरानी है जगन्नाथ पुरी के गंगवार घराने की सत्ता ईसा पूर्व से चली आ रही है पुरी की रथयात्रा भी इसी परिवार के सोने की झाडू से झाडने के नेंग के बाद ही शुरू होती है
Vhaa prr bhi bhai gangwar king hain
१)एक परिवा में एक ही आरक्षण हो।
२)जिन के मॉं बाप आज भी पूर्वजों का व्यवसाय कर रहें हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाये।
३)नौकरी में आने पर आरक्षण समाप्त हो।
४) आरक्षण हमेशा के लिए लागू रहे।
५)सभी उल्लंघन के वाद human rights में सुलझाये जाय।
परिवार