1_ 2,3 लाख ज्यादा कीमत 2_ रेंज का लिमिटेशन 3_ चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी 4_ कम रीसेल वेल्यू 5_ वारंटी के बाद बैटरी बदलने की कीमत 5,6 लाख रु 6_ 60,70 की स्पीड के ऊपर चलाने पर रेंज और कम आती है 7_ कंपनी क्लेम से एक्चुअल रेंज काफी कम होती है
कीमत हद्द से ज्यादा अधिक होना न बिकने की एक बड़ी वजह है।। सरकार का कोई लगाम नहीं है निर्माताओं पर और उपर से अनाप-शनाप सरकारी कर व्यवस्था ये ही वजह है। बाकी आप लोग थूक बिलोते रहिए। जो है सो हइये है 😮
@@shettyyadav8380 kuchh bhi? zara ye bhi to batana ki tax kitna hia EV and EV batteries per? Same Tesls I can buy in USA for less than half the price than in India after taxes. and here u r talking about peanuts subsidies.
जैसे रिवॉल्वर रखने का लाइसेंस सबको नहीं दिया जाता वैसे ही गाड़ी रखने का भी परमिशन सबको नहीं मिलना चाहिए। इण्डिया के किसी भी शहर में जाके देख लो,गाड़ी पार्किंग की जगह नहीं है। यहां तक कि सोसायटी में भी किसी की शादी हो तो कार पार्किंग के लिए झगड़े हो जाते हैं। सच पूछा जाए तो गाड़ियों की जरूरत दूरदराज गांव में रहने वाले लोगों को है।शहरों में तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ही बढ़ावा देना चाहिए। कितने लोग तो बस दिखावे के चक्कर में कार खरीद तो लेते हैं पर पेट्रोल भरवाने की सामर्थ्य नहीं। महीने दो महीने में एकाध बार कार की धूल मिट्टी साफ़ कर फिर से कवर लगा कर रख देते हैं। मुहल्ले में इतनी गाडियां पार्क रहती हैं कि पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। अगर इस समस्या को नजरंदाज करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब कार से ऑफिस जाने वालो की बजाय पैदल चल कर जाने वाले जल्दी पहुंच जायेंगे।इसलिए हे पत्रकार महोदय, इस बात की व्यर्थ चिंता मत कीजिए की EV क्यों नहीं बिक रही।
Is se koi farak nahi padega sirf corruption badhegi jiske pass paisa and approach hogi vo ek parking pe 4 gaadi le ayega and economy pe iska asar bahut bura hoga
yeh faltu ki srkr day to day bijli ki demand puri nahi kar paa rahi hai.hazaro gaavo mein aaj tak bijli nahi hai.aur agar 50% indian EVs use karne lage toh itni bijli ki demand kahan se puri karegi yeh nikkami srkr. aur maanlo kar bhi liya toh high demand ke chalte per unit rate bijli ke itna mehnga hoga ki aaj joh kifayti hai Evs operating cost woh petrol se mehnga hoga.
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है मैं बेंगलुरू में रहता हूँ और मेरे आसपास 4 किमी के दायरे में पाँच-सात चार्जिंग स्टेशन हैं और उनके चार्जिंग पॉइंट्स खराब ही रहते हैं, जहाँ चालू भी रहते हैं वहाँ जब भी जाओ, ईवी टैक्सियाँ लगी रहती हैं चार्जिंग में .. जब बेंगलुरू की ये हालत है तो बोलपुर और बीकानेर का क्या हाल होगा?
Prepaid electricity meters chalu honge 2025 me adaniji wali jitna recharge karenge utna hi chalegi plans jio airtel ki tarah hi honge jo samay samay me desh ki bhalayi ke liye badhaye jayenge
Hum abhi Germany ghoom ke aa rahe hain. Maine socha tha wahaan chaaron taraf EVs dikhengi. Par wahaan cars hi kam dikhti hain. Sab wahaan public transport use karte hain aur unka public transport bhi uss layak hai aur government bhi usko sasta karti rehti hai taaki log zyaada use karein. Aur wahaan parking kaafi mehangi kar di hai aur fuel bhi mehanga hai taaki log cars kam use karein. Wahaan parkings ki jagah parks hain aur log fresh hawa mein itna zyaada time spend karte hain chaahe jitni bhi thand ho
Aur India mein log ek litre mein 3-4 km chalne waali gaadi khareedte hain padosi ko dikhaane ke liye ki dekho mere paas zyada paisa hai. Yahaan quality of life ka asli matlab nahi pata humein. Hum mehngi gaadi mein baith ke traffic mein phans kar zehereeli hawa mein saans lene ko high quality of life samajhte hain
@@RajeshVerma-rf3yk Coldplay ticket outsold ho gaya teeno shows ka... Log black me bhi le rahe hai.. Iphone to chalo emi pr mil raha... Goa me car lekar sab ghumne ja rahe sab... Paise nahi hai to ye dab le kon kar raha hai?
Baat sahi hai but Aisa check nhi kiya jata total vehicle market share dekhte hai uske baad ic engine ka sell dekhta hai aur ev ka sell dekhte hai uske baad samajh me aata ev ka growth hora ya nhi Aur indian public gari lenese pahle admi sochte hai bad me gari achcha kimat se bech sakte ya nhi battery long time Tak chalega ya nhi kharab hogaya to bohat jada paisa de kar lena padega Aur sabse bari dikkat second hand jo kharidega oh bohat jada darega
मेरा एक सवाल है , बिजली का उत्पादन अभी भी ज्यादातर कोयले गैस या अणु ऊर्जा से होती है, प्रदूषण कम करने के लिए ईवी का इस्तेमाल भी एक पैराडॉक्स है जिस में EV चार्ज करने के लिए थर्मल पावर प्लांट में ज्यादा कोयला इस्तेमाल कर के हम पॉल्यूशन ही बढ़ाएंगे।
दूसरे देशों में हुए शोधों के अनुसार कोयला जलाकर बिजली बनाने से हुआ प्रदूषण और उस बिजली से चल रही ईवी अगर पेट्रोल से चलती तब होने वाला प्रदूषण एक समान नहीं है .. बिजलीघरों से हो रहा प्रदूषण थोड़ा कम है
दूसरे देश में मिलने वाले कोयले की क्वालिटी और इंडियन कॉल की क्वालिटी के अंतर भी बहुत है भाई साब, इंडिया में सब से ज्यादा प्रदूषण इंडियन कॉल जलाने वाले पावर प्लांट ही करते है
@@gaurangchaudhari152 फिलहाल अपने देश में इतनी ईवी है भी नहीं कि शोध किया जाए .. इसलिए दूसरे देशों के शोधों पर निर्भर रहना पड़ेगा जबतक इधर कोई पुख्ता जानकारी निकल कर ना आए .. और तबतक हमें अपने पूर्वाग्रहों को कंट्रोल में रखना पड़ेगा .. क्योंकि किसी भी बात में दम तभी होता है जब आँकड़े हों, शोध हों .. हवा में बात करनी हो तो ये भी कह सकते हैं कि रेस्टोरेंट्स में तंदूर से भी प्रदूषण होता है और हमें प्रदूषित खाना बेचा जाता है
Nexon petrol के comparison मैं Nexon ev का प्राइस आधा है जो पैसे बचाते है मिडल क्लास उस पैसे मैं 15 साल तक पेट्रोल भरवा सकता है तो फिर कोई आदमी kiyo लेगा ev
संकेत जी ये अमित जी तो कार कंपनी की ही हमेशा तरफदारी करते है अरे भाई कई ग्राहक कार खरीद करके मर रहा है आप जैसे एक्सर्ट कार कंपनी से अपनी जेब भर रहे है आप लोगो का भला कम और कार कंपनी का फायदा चाहते है आप का ये स्टन्टं अब लोग जानने लगे है
SANKET BHAI , Gadkari के पास EV बनाने कि कंपनी है , इसलिए वो EV पे ज्यादा जोर दे रहे हैं ... और EV , बिना सोचे-समझे किया गया फैसला है ... हर BJP के फैसले कि तरह ... EV कि गाड़ीयां महेंगी है , EV के Charging कि सुविधा है हि नहीं , EV का maintenance cost भी ज्यादा है और जब EV कि life ( 15 years ) जब खत्म हो जाएगी तो उसे Dispose करने के लिए भी बड़ी दिक्कत है , पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है , जो आज हम प्रदुषण से बचाएंगे वो कल Dispose करते वक्त , बहुत ज्यादा प्रदुषित करेगा .... इस सबके बारे में सोचे बगैर , ये EV का फैसला लिया गया है .... सिर्फ personal फायदे के लिए .....
Or fossil fuels ka bahana karte hai ki petrol -deisal se pollution hota hai Magar electricity bhi to koyla jala kar bANAYI JATI HAI bas logon ka dhayan bhatkana kaam hai government ka
@@06madhav maintenance नहीं , maintenance cost लिखा है मैं ने ... दोनों में बहुत फर्क है .... आज़ maintenance नहीं है , 5 साल बाद , आप को पता चलेगा ..... Every thing comes with a COST ....
@@baba36369 मेंटेनेंस कॉस्ट की ही बात कर रहा हूँ भाई .. 15 साल में तो वैसे भी गाड़ी की उम्र खत्म हो जाती है, 5 साल अगर शून्य मेंटेनेंस है तो क्या बुरा है? मुझे पता चलेगा- बोल तो ऐसे रहे हो कि आपको सब पता है .. पता है तो डेटा शेयर करो ..
Greed will DESTROY the EV industry - Can't Repair My Own Car? - Can't Repair my own car at the local mechanic? - App Updates can stop my car dead? - Subscription services for things that should be one time costs? - Horrendous distracting touch panels that can glitch out and freeze controls that should be physical buttons? - The car company collects all my data and sells it to third-party data brokers and makes things like Insurance more expensive for me? F*** Off with that...
Electric car बहुत महंगी है पेट्रोल कार के सामने। Ev 7 साल की बैटरी लाइफ देती है उसके बाद गाड़ी की आधी कीमत के बराबर बैटरी लगती है जबकि पेट्रोल गाड़ी 15 साल की लाइफ के साथ आती है उसके बाद 5 साल के re रजिस्ट्रेशन हो जाता है ।
1. E is not pollution free. It shifts pollution to somewhere else like battery manufacture and electricity production 2. Cost of battery replacement is very high. Warranty is proportional / pro-rata. 3. With passage of time battery holding power reduces. 4. Everyday cost of electricity is increasing. 5. Electricity is in short supply. We face power cuts
Its a blufff and people are given misinformation by the govt that EV is pollutin free.. secondly if everyone siifts to EV, then prices of electricity will also be hiked so that govt will benift adani....
E V शहरों के बाहर ले जाने के बाद बहुत परेशानी होती हें BPCL के edrive चार्जिंग तो 90% बंद रहते हें ,कोई देखने वाला नहीं हें । पेट्रोलियम व सड़क मत्रालय का ध्यान नहीं हें। शायद पेट्रोलियम लॉबी का रोल हें।😢😢😮😮
ये अमित जी हमेशा गाड़ी कंपनियों की तरफ से ही दलीले देते हैं। जनता को कोई सिखाने की कोशिश न करे ।जनता का पैसा सरकारों या कंपनियों की जेब भरने के लिए नही है ।हाइब्रिड कारें तो ठीक वो भी दस लाख के अंदर वो भी अच्छी बिल्ड क्वालिटी के साथ ।बाकी सब बकवास ।
सरकार 15 साल के बाद गाड़ी को बंद कर रही है, गलत कर रही है । ऐसा किसी देश में नहीं होता । सरकार कंपनी को मुनाफा देने के लिए कर रही है । लोगों की हालात अच्छी नही केसे गाड़ी ले ?
Hybrids and plug-ins are way to go. They should be highly promoted and subsidize by the government. They overall give better mileage, are better for environment than ICE cars and you won't have range anxiety like EVs. A win win situation. It's sad to see Hybrids are more expensive than EVs.
Sanket आपकी qualification है की आपने पत्रकारिता में पढ़ाई की है और आप वो ही काम कर रहे है पर जिस व्यक्ति की आप राय ले रहे है उनकी क्या योग्यता है इन्होंने automobile/automotive industry में एैसी पढ़ाई नहीं कि है जो ये बताती है कि ये कोई auto Except है Amit को पास bachelor का डिग्री और MBA की योग्यता है फिर ये कैसे auto expert हो गये
Bhai ye automobile enginner hai, detail me ja ke search kro Aur baat qualification ki n hoti experience aur jankari ki hoti h Inke pas automobile ki bahut jankari hai
हां, आप सही कह रहे हैं। इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की कीमतें काफी अधिक हैं, और उनकी रेंज भी सीमित है। जब EV वाहनों की रेंज लगभग 600 किलोमीटर या इससे अधिक हो जाएगी और कीमतें भी किफायती हो जाएंगी, तब इनकी वास्तविक बिक्री में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। इसके साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और बैटरी तकनीक में उन्नति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
EVs aren't selling because of these reasons - 90% of customers have one car and EVs aren't ideal for the highways yet because we see our cars as an asset. - 10% of customers who purchase multiple cars, ditch EVs because of no dedicated parking space inside their house - No budget EV offering from Maruti and Hyundai - CNG, Hybrid and Diesel still seen as practical options when fuel efficiency is a priority - Currently available EVs aren't seen as reliable - Mostly cuomersst are unaware about the driving quality, charging time at home etc, too much headache for a layman - Battery replacement cost questions unanswered - Our country isn't as developed (not even 20%) like China where they took EV game to next level to surpass Germans to become 'aatamnirbhar' in auto sector too. EV demand will increase gradually with time but it will remain as niche product in coming 5-7 years. We are not mature and capable enough yet to be a mass EV country yet.
Diesel band kardiya.. uska option EV laye h but infrastructure kaha h ?? Ask this from govt. Jo chargers h chalte nahi yaa fir achi populated cities me chargers hi nahi h. Ask this question from govt.
मैं भोपाल से हूं मेरे द्वारा ओला खरीदी गई है। पहला गाड़ी खरीदने से 1 सप्ताह के अंदर कोई प्राब्लम आती है तो वे ठीक करेंगे। 1 सप्ताह बाद सर्विसिंग फ्री नहीं है। आपको 1 साल की सर्विसिंग हेतु 4200 पे करना होगा। मेरी ओला गाड़ी 10-15 दिन के अंतर में खराब होते रहती है। मैं ओला गाड़ी से त्रस्त हो चुका हूं। मुझे ओला गाड़ी के नाम से घृणा होती है। गाड़ी में मेन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट है तब तो बार बार खराब होती है।
हमारा मन भी इवी कार चलाने का करता है लेकिन जान की कीमत देकर चलाना समझदारी नहीं है भारत जैसे गर्म देश में रोज बैटरी फटने का मामला सामान्य हो गया है। किसी दिन पावर कट है तो चार्ज भी नहीं हो सकती है लेकिन सरकार महंगी ईवी गाड़ियां आम जनता पर थोप रही है।
Bhai Saab jumla mat karo. Facts and figures do. Kitni Gaadi ki battery fati hey pichle 4 years mein. Suni sunai baat mat karo. Battery fatne se jyada to petrol diesel cars jal ke rakh hui hein . 1 ya 2 Ola scooter jale to Aisa halka machaya Jaise ki 1 lakh scooter jal gaye .
मुझे अभी भी याद है,जब स्मार्टफोन्स मार्केट मे नये आये थे तब भी battery explosion की बहोत चर्चा हुई लेकीन अब तो सच सबके सामने है.वैसे ही ये पेट्रोल बाईक कंपनिया ऐसा झूठ फैला रही है क्योंकी अब EVs का जमाना आ गया है तो इनकी फटी पडी है/
Yes for better life without pollution in our Indian population please modiji take off any kind taxes for fully Electric vehicles and even hydrogen fuel cell vehicles and hybrid vehicles too.
इलेक्ट्रिक गाड़ी इस लिए नहीं बिक रही क्योंकि इसकी टेक्नोलॉजी अभी भी विकास दौर में ही है। और सबसे बड़ी वजह इसके न बिकने की इसमें तकनीकी समस्या जो आए दिन बहोत ज्यादा ही हैं और इसकी बैटरी में आने वाली दिक्कत और अपनी आयु और रेंज तथा इस गाड़ी की रीसेल वैल्यू का बहोत ही खराब होना भी बड़ी वजह दिखती है जो मैंने लोगों से सुना है अबतक।
Amit khare is straight forward... ❤❤Kisi bhi company k taraf zukav nahi hai unka.... Gagan Hyundai Rachit- Mahindra Ravi- Tata Sundardeep -Skoda Etc .. Baki sab- jis taraf paisa do😂😂😂
Sanket ji माफी चाहता हूँ मैं तो भूल गया था की auto expert बनने के लिए किसी योग्यता की ज़रूरत तो है ही नहीं कैमरा उठाओ showroom से गाड़ी की specification ले लो और गाड़ी के चारों तरफ़ घूम घूम कर वीडियो बनाओ 😢😢😢बस बन गये आप except
Bike 100000/........EV 180000.......Bike petrol need 80000 for five year..... Kahin bhi ghumo.. 4 year mein battery 40000......only time waste. ..... Thanks Congress 56000 Passion Pro.... Thanks Achche din.. Passion pro... 105000...
I stay in Bangalore......, and here it is mostly apartment culture, and most apartments here don't provide charging stations. Also, if like for myself, in my apartment my parking is in another block, so I can't even think of taking electricity from my own flat to my parking. Many such problems keep customers like me from buying EV vehicles.....
Three wheeler aur two wheeler city me hi use hote hai. Fuel cost se ev ka cost sasta padata hai. Lekin four wheeler city ke sath dusare city ke liye travel karana me use hota hai. Charging me problem hota hai aur time bhi kharab hota hai. Isiliye jo do car afford kar sakata hai vo hi city ke liye rakh sakata hai. Intercity travelling ke liye ev ko prefer nhi kiya jata. Hybrid car ka bhi cost bahut jyada hota hai. Isiliye middle class kharid nhi sakata hai.
Ev ka naa chalne ka karan hai 1.range non stop 500 kms hogi toh sales bahut badhegi . 2. Price extremely high hai eg tata nexon top model should not be above 13 to 14. 3. Charging stations theekse kaam nai karte. Agar karte hai toh 25 to 30 rs per unit is very high. 4. Tata ki cars theek se naa chalne ka karan uski service hai. 5. Tata ki punch sabse comfortable car hai. Nexon, cruv bhi itni comfortable nai hai.
Bhai mene gadi bech di hai...galat turn le liya tha mistake se...aisa treat krte hai jaise humne chori ki ho...gaadi chalane wale zyadatar fine se pareshan hai ..10k tak kharcha ho gaya case khtm krne mein
भाई बिकेंगी कैसे? जब EV के रेट पेट्रोल,डीजल वाहनो के लगभग बराबर ही है ओर 2या3 सालो मे बैट्री बदलने पर भारी खर्च फिर Resale value खत्म ओर कही कही तो Ev's पेट्रोल डीजल वाहनो से मंहगी भी पडती है तो कोई पागल है जो खरीदे??
Sanket ji I have been using an e- scooter since 2010 and EV since August 2022, and I find them very good, of course in EV four wheeler, range concerns are there. I have a 10 kWh rooftop solar plant and both my vehicles run free - literally. What is discouraging in EV sales is the very high price of the vehicle, very costly roadside charging and very high cost of battery ( replacement). High costs of all three components is a result of unfriendly Government policies - taxes -. Solar power costs around Rs 3.25 per unit, domestic power is supplied at Rs 11.00 per unit and roadside charging costs Rs 20+ per unit. Cost of hydel and thermal power is around Rs 4-5 , but heavy duties push the cost from Rs 8-12 per unit indifferent States. Governments are greedy, their appetite for revenue is insatiable. If the Government wants to promote EV ,be it in the name of the environment, then some relief needs to be given to EV users. The government, to promote their political agenda gives freebies which adversely affect the economy and discourage the beneficiary to look for work, thus making him dependent on govt dole. As on date EV is good for local travel and for retired/ seniors who are not in a hurry. By the grace of God I have not faced any issues with my electric vehicles till date - no burnout nothing, only range anxiety nothing else.
Customers in India r not given OPTION ... OPTIONS SHOULD BE ELECTRIC ... CNG PNG ....BUT NO WE ALWAYS HAVE TO LISTEN TO MANUFACTUREER RATHER THAN THE CUSTOMER.....
नमस्कार संकेत जी. आप , Sudhanshu, Shomit Mishra और Ravish जी कि पत्रकारिता से मैं हमेशा प्रभावित रहा हु। क्या ऐसा हो सकता है कि आप सब फिर मिल जाये और एक चैनल शुरू करे?
Metro को मंथली पास सिस्टम को बढ़ावा देना चाहिए सस्ते में। लेकिन मेट्रो तो प्रॉफिट के पीछे भाग रहा है! मंथली पास वालों के लिए डब्बे फिक्स होने चाहिए ताकि उन्हें बैठने या खड़े होने की ठीक जगह मिले। ऐसे कुछ करें तो बहुत से लोग मेट्रो यूज़ करेंगे।
Will it be for 15 years free replacement or simply becoming open Circuit one cell, it have to trace on road ,where is it at standstill ! Let's think safety as it is consisting batteries ,open circuiting of one cell tends towards standstill condition only ,whereas short circuiting of one cell may be cause of fire/ explosion ! where does solution exist for consumer ?
बात सिर्फ इतनी सी है की..... इलेक्ट्रिक कार लेने का मन ही नहीं बनता.... कार कंपनी पर गुस्सा आता है कार कंपनी 15 से 20 लाख मे स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड लाए.... सरकार हाइब्रिड को बढ़ावा दे तो बात बने सब्सिडी कहने के लिए ही है अगर सब्सिडी देना ही है तो प्लगिन हाइब्रिड ले के आओ.... 20-25 लाख मे...... फिर देखो..... ICE इंजन की गाड़ी कोई नहीं लेगा सरकार को हिम्मत दिखानी होंगी !!!
दूसरी बात...... भाई साहब अगर किसी को महीने मे 1 बार ही कार चलाने का मन हो तो ICE इंजन पड़ा रहेगा.... ज़ब मन तब पेट्रोल/डीज़ल डालो..... लेकिन EV मे पहले दिन ही सारे पैसे कंपनी को दे दो.... चलाओ या ना चलाओ और मोबाइल की बैटरी मे हमने समय के साथ बैकअप मे गिरावट खूब देखा है..... कार की तो पुंगी बज़ जाएगी इलेक्ट्रिक कार सिर्फ कुछ नादानों की कुकमिजाज़ी है.... और कुछ नहीं 10 घंटे चार्ज मे कौन लगाए...... फोन तो चार्ज करने की याद नहीं रहती... ये पन्गा कौन पाले
@@kumarjaishakti2786agar mahine mein ek hi baar chalana hey to car leni hi kyon . Taxi kar lo. Sara paisa bachao . Car is a non productive asset unless us se aap direct razi roti kamate ho to.
1_ 2,3 लाख ज्यादा कीमत
2_ रेंज का लिमिटेशन
3_ चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी
4_ कम रीसेल वेल्यू
5_ वारंटी के बाद बैटरी बदलने की कीमत
5,6 लाख रु
6_ 60,70 की स्पीड के ऊपर चलाने पर रेंज और कम आती है
7_ कंपनी क्लेम से एक्चुअल रेंज काफी कम होती है
ek number bhai sahab
कीमत हद्द से ज्यादा अधिक होना न बिकने की एक बड़ी वजह है।।
सरकार का कोई लगाम नहीं है निर्माताओं पर और उपर से अनाप-शनाप सरकारी कर व्यवस्था ये ही वजह है। बाकी आप लोग थूक बिलोते रहिए।
जो है सो हइये है 😮
भाई 1 लाख की गाड़ी पर 30/35 हजार की सब्सिडी सेंट्रल गवर्नमेंट की है। लेकिन यह सही बात है कि इन कंपनियों पर गवर्नमेंट का लगाम नहीं है।
@@shettyyadav8380 kuchh bhi? zara ye bhi to batana ki tax kitna hia EV and EV batteries per? Same Tesls I can buy in USA for less than half the price than in India after taxes.
and here u r talking about peanuts subsidies.
जैसे रिवॉल्वर रखने का लाइसेंस सबको नहीं दिया जाता वैसे ही गाड़ी रखने का भी परमिशन सबको नहीं मिलना चाहिए। इण्डिया के किसी भी शहर में जाके देख लो,गाड़ी पार्किंग की जगह नहीं है। यहां तक कि सोसायटी में भी किसी की शादी हो तो कार पार्किंग के लिए झगड़े हो जाते हैं। सच पूछा जाए तो गाड़ियों की जरूरत दूरदराज गांव में रहने वाले लोगों को है।शहरों में तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ही बढ़ावा देना चाहिए। कितने लोग तो बस दिखावे के चक्कर में कार खरीद तो लेते हैं पर पेट्रोल भरवाने की सामर्थ्य नहीं। महीने दो महीने में एकाध बार कार की धूल मिट्टी साफ़ कर फिर से कवर लगा कर रख देते हैं। मुहल्ले में इतनी गाडियां पार्क रहती हैं कि पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। अगर इस समस्या को नजरंदाज करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब कार से ऑफिस जाने वालो की बजाय पैदल चल कर जाने वाले जल्दी पहुंच जायेंगे।इसलिए हे पत्रकार महोदय, इस बात की व्यर्थ चिंता मत कीजिए की EV क्यों नहीं बिक रही।
Sir very true. Bilkul sahi
❤🙏🙏
Right
जिस व्यक्ति के पास पार्किंग का का स्थान नहीं है उसको लाइसेंस नहीं दिया जाना चाहिए. इससे कार कि संख्या पर रोक लगेगा.
Is se koi farak nahi padega sirf corruption badhegi jiske pass paisa and approach hogi vo ek parking pe 4 gaadi le ayega and economy pe iska asar bahut bura hoga
बैटरी चलित वाहन बाद में बैटरी डिस्पोजल की समस्या बन जायेंगे।
1997 में आयी CNG अभी भी 13 % वो भी सरकारी डंडे के बावजूद।
EV भी एक तमाशा है।
बिजली की कमी
Lekin maruti is saying that their cng sales are 30 percent of from their 100 percent
yeh faltu ki srkr day to day bijli ki demand puri nahi kar paa rahi hai.hazaro gaavo mein aaj tak bijli nahi hai.aur agar 50% indian EVs use karne lage toh itni bijli ki demand kahan se puri karegi yeh nikkami srkr.
aur maanlo kar bhi liya toh high demand ke chalte per unit rate bijli ke itna mehnga hoga ki aaj joh kifayti hai Evs operating cost woh petrol se mehnga hoga.
@@sagaronline265 solar lagwao bhai , free milti bijli
Soler
Pawan chakki
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है
मैं बेंगलुरू में रहता हूँ और मेरे आसपास 4 किमी के दायरे में पाँच-सात चार्जिंग स्टेशन हैं और उनके चार्जिंग पॉइंट्स खराब ही रहते हैं, जहाँ चालू भी रहते हैं वहाँ जब भी जाओ, ईवी टैक्सियाँ लगी रहती हैं चार्जिंग में .. जब बेंगलुरू की ये हालत है तो बोलपुर और बीकानेर का क्या हाल होगा?
Bengaluru toh kuda city hai
@@vibhusharma9098 तो कौन सी सिटी बढ़िया है- दिल्ली, जहाँ साँस लेना दूभर है?
EV टू-व्हीलर इसलिए नहीं चल रहें कि उनके दाम देखें हैं! एक मोटर एक बैटरी लगा कर दाम सत्तर अस्सी हजार के उपर!
80000 ki sirf battery hi hai bhai ola ki battery ka minimum rate 70000 hai
Sahi baat hai
Ev bike ki price bahut betuka hai
Aur isi karan nahi bik rhi hai
सतर हजार मे घटिया मिलती कम से कम डेढ लाख की लेकर डेढ साल बाद पच्चीस हजार की बैट्री कोन लेगा
@@upkakisan4998 डेढ़ लाख होता हैं।
Three wheelers इस लिये ज़्यादा बिक रहे क्योंकि इंडिया में electricity की चोरी ज़्यादा होती है ।और इसमें प्रॉफिट है ।
Ek riksha 100 rupay bijali roj leta charging me agar bo 10 ghante charge hota hai to.
Sahi bole dunia me bijli chori Sabse jyada bharat mein hoti hain
Prepaid electricity meters chalu honge 2025 me adaniji wali jitna recharge karenge utna hi chalegi plans jio airtel ki tarah hi honge jo samay samay me desh ki bhalayi ke liye badhaye jayenge
Abe gadhe yahan ke log jyada samjhdaar hai...ke Ii battery ka recycling bahot hanikarak hai...jyada polluted hai
Village me electricity ki chori hoti he city me chori nahi hoti, or 90% electric three wheeler city me bik rahe he...
Hum abhi Germany ghoom ke aa rahe hain. Maine socha tha wahaan chaaron taraf EVs dikhengi. Par wahaan cars hi kam dikhti hain. Sab wahaan public transport use karte hain aur unka public transport bhi uss layak hai aur government bhi usko sasta karti rehti hai taaki log zyaada use karein. Aur wahaan parking kaafi mehangi kar di hai aur fuel bhi mehanga hai taaki log cars kam use karein. Wahaan parkings ki jagah parks hain aur log fresh hawa mein itna zyaada time spend karte hain chaahe jitni bhi thand ho
Aur India mein log ek litre mein 3-4 km chalne waali gaadi khareedte hain padosi ko dikhaane ke liye ki dekho mere paas zyada paisa hai. Yahaan quality of life ka asli matlab nahi pata humein. Hum mehngi gaadi mein baith ke traffic mein phans kar zehereeli hawa mein saans lene ko high quality of life samajhte hain
लोगों के पास अब पैसा नहीं है, जिनके पास था उन्होंने खरीद लिया है, अर्थ व्यवस्था को गर्त में धकेल दिया है, कुछ लोगों तक सीमित है।
सही बात
Right
Nirmal Sita Ramayan ko htaa kr , Montek singh ko bnaa de moti kaa kya bigad jayega
@@RajeshVerma-rf3yk Coldplay ticket outsold ho gaya teeno shows ka... Log black me bhi le rahe hai..
Iphone to chalo emi pr mil raha...
Goa me car lekar sab ghumne ja rahe sab...
Paise nahi hai to ye dab le kon kar raha hai?
Cold play lene wale wahi hai jinhone alreadyEV le rakhi hai.
सभी को पता है पांच साल बाद EV कबाड़ के ढेर
Metal and plastic is recycle ho jayega
और जब तक है तब तक रोज रीचार्जिंग का टेंशन और बाहर जाओ तो चारजिन्ग स्टेशन ढुंडने का अलग टेन्शन!
Logo k pas paisa b hona chaiy 80 caror log free k rashan p jee rahe hai kaha se car khreedega
Baat sahi hai but Aisa check nhi kiya jata total vehicle market share dekhte hai uske baad ic engine ka sell dekhta hai aur ev ka sell dekhte hai uske baad samajh me aata ev ka growth hora ya nhi
Aur indian public gari lenese pahle admi sochte hai bad me gari achcha kimat se bech sakte ya nhi battery long time Tak chalega ya nhi kharab hogaya to bohat jada paisa de kar lena padega
Aur sabse bari dikkat second hand jo kharidega oh bohat jada darega
मेरा एक सवाल है , बिजली का उत्पादन अभी भी ज्यादातर कोयले गैस या अणु ऊर्जा से होती है, प्रदूषण कम करने के लिए ईवी का इस्तेमाल भी एक पैराडॉक्स है जिस में EV चार्ज करने के लिए थर्मल पावर प्लांट में ज्यादा कोयला इस्तेमाल कर के हम पॉल्यूशन ही बढ़ाएंगे।
दूसरे देशों में हुए शोधों के अनुसार कोयला जलाकर बिजली बनाने से हुआ प्रदूषण और उस बिजली से चल रही ईवी अगर पेट्रोल से चलती तब होने वाला प्रदूषण एक समान नहीं है .. बिजलीघरों से हो रहा प्रदूषण थोड़ा कम है
दूसरे देश में मिलने वाले कोयले की क्वालिटी और इंडियन कॉल की क्वालिटी के अंतर भी बहुत है भाई साब, इंडिया में सब से ज्यादा प्रदूषण इंडियन कॉल जलाने वाले पावर प्लांट ही करते है
भाई कौन से देश मे रहते हो
बहुत जयादा सोलर पावर बन रही है
Ye research kisne kiya.... Bade business walo nr h
@@gaurangchaudhari152 फिलहाल अपने देश में इतनी ईवी है भी नहीं कि शोध किया जाए .. इसलिए दूसरे देशों के शोधों पर निर्भर रहना पड़ेगा जबतक इधर कोई पुख्ता जानकारी निकल कर ना आए .. और तबतक हमें अपने पूर्वाग्रहों को कंट्रोल में रखना पड़ेगा .. क्योंकि किसी भी बात में दम तभी होता है जब आँकड़े हों, शोध हों .. हवा में बात करनी हो तो ये भी कह सकते हैं कि रेस्टोरेंट्स में तंदूर से भी प्रदूषण होता है और हमें प्रदूषित खाना बेचा जाता है
Really true... Great solution Amit sir ... ❤❤Lot of love from maharashtra..
Nexon petrol के comparison मैं Nexon ev का प्राइस आधा है जो पैसे बचाते है मिडल क्लास उस पैसे मैं 15 साल तक पेट्रोल भरवा सकता है तो फिर कोई आदमी kiyo लेगा ev
Bhai alto se compare to aur bhi achha hey. Aur Mercedes se karo to 28 Lakh pehle hi saving ho jata hey.
9 Lakh mein bhi EV milta hey
changed two battery sets in six yrs to keep a electric two wheeler running.Could have got a brand new petrol version easily.
@@BunnyBugs009 how many kilometers driven by each battery. And was it paid or warranty replacement.Which make or brand and model
😂
EV charging pe bhi GST.... He Bhagwan 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅
इलेक्ट्रीक गाडी रास्ते मे खराब हो तो लोकल मेकॅनिक रिपेअर नही कर सकता गाडी बीच रास्ते मे खराब होती है गाडी को धक्का मारकर भी आगे नही बढती.
ज्यादा से ज्यादा ₹ सरकार को चाहिए जनता से सिर्फ लेना ही लेना है जनता को 5किलो सिर्फ देना है ।
जो 5 किलो मुफ्त में ले रहा है उसमें गवर्नमेंट को कुछ देने की क्षमता नहीं है। इसमें मिडिल क्लास पिस्ता है।
Govt should remove RTO charges and toll charges...
जब तक charging infra govt नहीं करेगी तब तक ev का कोई भविष्य नहीं भारत में । यह तय है आबादी हद से ज़्यादा है सो पूर्ति संभव नहीं ।
संकेत जी ये अमित जी तो कार कंपनी की ही हमेशा तरफदारी करते है अरे भाई कई ग्राहक कार खरीद करके मर रहा है आप जैसे एक्सर्ट कार कंपनी से अपनी जेब भर रहे है आप लोगो का भला कम और कार कंपनी का फायदा चाहते है आप का ये स्टन्टं अब लोग जानने लगे है
SANKET BHAI , Gadkari के पास EV बनाने कि कंपनी है , इसलिए वो EV पे ज्यादा जोर दे रहे हैं ... और EV , बिना सोचे-समझे किया गया फैसला है ... हर BJP के फैसले कि तरह ... EV कि गाड़ीयां महेंगी है , EV के Charging कि सुविधा है हि नहीं , EV का maintenance cost भी ज्यादा है और जब EV कि life ( 15 years ) जब खत्म हो जाएगी तो उसे Dispose करने के लिए भी बड़ी दिक्कत है , पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है , जो आज हम प्रदुषण से बचाएंगे वो कल Dispose करते वक्त , बहुत ज्यादा प्रदुषित करेगा .... इस सबके बारे में सोचे बगैर , ये EV का फैसला लिया गया है .... सिर्फ personal फायदे के लिए .....
Or fossil fuels ka bahana karte hai ki petrol -deisal se pollution hota hai
Magar electricity bhi to koyla jala kar bANAYI JATI HAI
bas logon ka dhayan bhatkana kaam hai government ka
ईवी का मेंटेनेंस कुछ भी नहीं है, मेरे पास ईवी है और मैं अपने अनुभव से ये बात बता रहा हूँ
@@06madhavandhabhakt spotted
@@06madhav maintenance नहीं , maintenance cost लिखा है मैं ने ... दोनों में बहुत फर्क है .... आज़ maintenance नहीं है , 5 साल बाद , आप को पता चलेगा ..... Every thing comes with a COST ....
@@baba36369 मेंटेनेंस कॉस्ट की ही बात कर रहा हूँ भाई .. 15 साल में तो वैसे भी गाड़ी की उम्र खत्म हो जाती है, 5 साल अगर शून्य मेंटेनेंस है तो क्या बुरा है?
मुझे पता चलेगा- बोल तो ऐसे रहे हो कि आपको सब पता है .. पता है तो डेटा शेयर करो ..
Ev wale jo रेंज देते हे वो 1 साल बाद 80% चलने की गारंटी भी नहीं देंगे
कोई भी इलेक्ट्रॉनिक विकल कामयाब नही है
Right ✅️
Greed will DESTROY the EV industry
- Can't Repair My Own Car?
- Can't Repair my own car at the local mechanic?
- App Updates can stop my car dead?
- Subscription services for things that should be one time costs?
- Horrendous distracting touch panels that can glitch out and freeze controls that should be physical buttons?
- The car company collects all my data and sells it to third-party data brokers and makes things like Insurance more expensive for me?
F*** Off with that...
Electric car बहुत महंगी है पेट्रोल कार के सामने। Ev 7 साल की बैटरी लाइफ देती है उसके बाद गाड़ी की आधी कीमत के बराबर बैटरी लगती है जबकि पेट्रोल गाड़ी 15 साल की लाइफ के साथ आती है उसके बाद 5 साल के re रजिस्ट्रेशन हो जाता है ।
1. E is not pollution free. It shifts pollution to somewhere else like battery manufacture and electricity production 2. Cost of battery replacement is very high. Warranty is proportional / pro-rata. 3. With passage of time battery holding power reduces. 4. Everyday cost of electricity is increasing. 5. Electricity is in short supply. We face power cuts
Correct
Its a blufff and people are given misinformation by the govt that EV is pollutin free.. secondly if everyone siifts to EV, then prices of electricity will also be hiked so that govt will benift adani....
@@syedkhaleel262 correct.
E V शहरों के बाहर ले जाने के बाद बहुत परेशानी होती हें BPCL के edrive चार्जिंग तो 90% बंद रहते हें ,कोई देखने वाला नहीं हें ।
पेट्रोलियम व सड़क मत्रालय का ध्यान नहीं हें।
शायद पेट्रोलियम लॉबी का रोल हें।😢😢😮😮
शासन के मंत्रीगण, बड़े सरकारी अधिकारी डीजल - पेट्रोल आधारित वाहनों का
प्रयोग करें और जनता से उम्मीद करें
जरा सोचिए
ये अमित जी हमेशा गाड़ी कंपनियों की तरफ से ही दलीले देते हैं। जनता को कोई सिखाने की कोशिश न करे ।जनता का पैसा सरकारों या कंपनियों की जेब भरने के लिए नही है ।हाइब्रिड कारें तो ठीक वो भी दस लाख के अंदर वो भी अच्छी बिल्ड क्वालिटी के साथ ।बाकी सब बकवास ।
Kuch din pehle hum Lonavala ja rahe the. El Ola wala bechara Ghat mein fas gaya tha. Uski Ola Two wheeler Ghat hi nahin chadh pa rahi thi.
सरकार 15 साल के बाद गाड़ी को बंद कर रही है, गलत कर रही है । ऐसा किसी देश में नहीं होता । सरकार कंपनी को मुनाफा देने के लिए कर रही है । लोगों की हालात अच्छी नही केसे गाड़ी ले ?
Amit sir is next level very honest man
Hybrids and plug-ins are way to go. They should be highly promoted and subsidize by the government. They overall give better mileage, are better for environment than ICE cars and you won't have range anxiety like EVs. A win win situation. It's sad to see Hybrids are more expensive than EVs.
Sanket आपकी qualification है की आपने पत्रकारिता में पढ़ाई की है और आप वो ही काम कर रहे है पर जिस व्यक्ति की आप राय ले रहे है उनकी क्या योग्यता है इन्होंने automobile/automotive industry में एैसी पढ़ाई नहीं कि है जो ये बताती है कि ये कोई auto Except है Amit को पास bachelor का डिग्री और MBA की योग्यता है फिर ये कैसे auto expert हो गये
Bhai ye automobile enginner hai, detail me ja ke search kro
Aur baat qualification ki n hoti experience aur jankari ki hoti h
Inke pas automobile ki bahut jankari hai
Kahe jealous ho be
कभी नहीं चलेगी, बैटरी सबसे बड़ी समस्या है, कीमत, चारजिंग, कैपेसिटी, मेनटनेंस।
हां, आप सही कह रहे हैं। इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की कीमतें काफी अधिक हैं, और उनकी रेंज भी सीमित है। जब EV वाहनों की रेंज लगभग 600 किलोमीटर या इससे अधिक हो जाएगी और कीमतें भी किफायती हो जाएंगी, तब इनकी वास्तविक बिक्री में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। इसके साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और बैटरी तकनीक में उन्नति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सांची बात है यार ❤ मैं चाहता हूं कि यह सब कंपनी वाले आपस में लड़े, प्राइस कम हो जाए तो मैं भी ले लूंगा ev🥰❤️
EVs aren't selling because of these reasons
- 90% of customers have one car and EVs aren't ideal for the highways yet because we see our cars as an asset.
- 10% of customers who purchase multiple cars, ditch EVs because of no dedicated parking space inside their house
- No budget EV offering from Maruti and Hyundai
- CNG, Hybrid and Diesel still seen as practical options when fuel efficiency is a priority
- Currently available EVs aren't seen as reliable
- Mostly cuomersst are unaware about the driving quality, charging time at home etc, too much headache for a layman
- Battery replacement cost questions unanswered
- Our country isn't as developed (not even 20%) like China where they took EV game to next level to surpass Germans to become 'aatamnirbhar' in auto sector too.
EV demand will increase gradually with time but it will remain as niche product in coming 5-7 years. We are not mature and capable enough yet to be a mass EV country yet.
Diesel band kardiya.. uska option EV laye h but infrastructure kaha h ?? Ask this from govt. Jo chargers h chalte nahi yaa fir achi populated cities me chargers hi nahi h. Ask this question from govt.
One reason is also,the battery replacement price is half cost of the vicle.
Bhai pehle 1,60,000 kilometers ya 8 saal to chala lo fir battery replacement ki sochna.
@@MrKhabbuhaha good answer
agreed
नामर्द और मर्द मे जितना अंतर होता है वो ही फर्क है
Namard our Mard mein common to last mein Mard hi aata hai.....kyaa kare itnaa hi farak hai....
अगर गाड़ी में इंजन की जगह विन टरवैन लग जाये 3 किलो वाट से चलती गाड़ी चार्ज हो सकती है बिजली से कम चार्ज होगी तो ई वी मार्केट सबसे ज्यादा होगी
मैं भोपाल से हूं मेरे द्वारा ओला खरीदी गई है। पहला गाड़ी खरीदने से 1 सप्ताह के अंदर कोई प्राब्लम आती है तो वे ठीक करेंगे। 1 सप्ताह बाद सर्विसिंग फ्री नहीं है। आपको 1 साल की सर्विसिंग हेतु 4200 पे करना होगा। मेरी ओला गाड़ी 10-15 दिन के अंतर में खराब होते रहती है। मैं ओला गाड़ी से त्रस्त हो चुका हूं। मुझे ओला गाड़ी के नाम से घृणा होती है। गाड़ी में मेन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट है तब तो बार बार खराब होती है।
जब तक एक चीज पूरी तरह प्रमाणित न हो जाए तब तक उसे न खरीदें ।है न सही बात ?क्यूँ दोस्तो ?
Very good sir . Your speech very good and fast
कारगुरू अमितजी 🙏🙏🙏
Carguru ji ki aawaaz zabardast hai 😁
Ev वाहन सरकार के हाथ में बिकाना चाहे तो बिक जाएगा, पेट्रोल के बहुत ज्यादा दाम बढ़ा देगे, बिक जाएगा 😂😂
Abhi tak CNG nhi aaya bahut si jagah..... Electric aane me to bahut time lg jayenge
💯 percent agree with Amit g advice. Pata nahi humare sarkar ko atmagyan kob hogi. Hogi vi ya nahi
Ye becar guru hai... diplomatic answers deta hai...
Thanks sanket sir.
Thanks For Nice Information Video. South K Mukabley North Mey E V Ki Sale Kam Hai. Par Dheerey Dheerey Sale Badh Rahi Hai.
Straight talking and knowledgeable expert, hope the Red Mike team also take a cue and do the homework before discussing any issue.
हमारा मन भी इवी कार चलाने का करता है लेकिन जान की कीमत देकर चलाना समझदारी नहीं है भारत जैसे गर्म देश में रोज बैटरी फटने का मामला सामान्य हो गया है। किसी दिन पावर कट है तो चार्ज भी नहीं हो सकती है लेकिन सरकार महंगी ईवी गाड़ियां आम जनता पर थोप रही है।
Bhai Saab jumla mat karo. Facts and figures do. Kitni Gaadi ki battery fati hey pichle 4 years mein. Suni sunai baat mat karo.
Battery fatne se jyada to petrol diesel cars jal ke rakh hui hein .
1 ya 2 Ola scooter jale to Aisa halka machaya Jaise ki 1 lakh scooter jal gaye .
मुझे अभी भी याद है,जब स्मार्टफोन्स मार्केट मे नये आये थे तब भी battery explosion की बहोत चर्चा हुई लेकीन अब तो सच सबके सामने है.वैसे ही ये पेट्रोल बाईक कंपनिया ऐसा झूठ फैला रही है क्योंकी अब EVs का जमाना आ गया है तो इनकी फटी पडी है/
Two wheelers mein potential hai... recharging can be done in home. Cars have added charging cost. As electricity is not cheap
COST OF BATTERY REPLACEMENT is also high.
1. Charging stations ka pta nhi.
2. Parts bahut expensive hai.
3. Electric consumption jyada hai during charging.
4. Vehicle bhi expensive hai.
EV is not for the lower middle class because. of high price and bad connecting roads in the majority portion of India .
Yes for better life without pollution in our Indian population please modiji take off any kind taxes for fully Electric vehicles and even hydrogen fuel cell vehicles and hybrid vehicles too.
Very Nice information about
EV
in india ONLY very good इंफो
One important thing is to increase the EV cars' sales, is that if Adani starts to sell. Govt. will also give subsidy.
Ev is for daily commute within city or limited km drive .. if u want extra fun calculate within available range .. 😊😊
इलेक्ट्रिक गाड़ी इस लिए नहीं बिक रही क्योंकि इसकी टेक्नोलॉजी अभी भी विकास दौर में ही है। और सबसे बड़ी वजह इसके न बिकने की इसमें तकनीकी समस्या जो आए दिन बहोत ज्यादा ही हैं और इसकी बैटरी में आने वाली दिक्कत और अपनी आयु और रेंज तथा इस गाड़ी की रीसेल वैल्यू का बहोत ही खराब होना भी बड़ी वजह दिखती है जो मैंने लोगों से सुना है अबतक।
Me Electrision hu or me jantahu ki abhi Jo eV sy bahut fayda hai or technology bhi best hai
Govt को सबसे पहले EV Govt. Emplyees को Compulsory करना चाहिए
Amit khare is straight forward... ❤❤Kisi bhi company k taraf zukav nahi hai unka....
Gagan Hyundai
Rachit- Mahindra
Ravi- Tata
Sundardeep -Skoda
Etc ..
Baki sab- jis taraf paisa do😂😂😂
Inn digajjon mein hamara naam likhne ke liye bahut bahut shukriya
@@SunderdeepSingh i m ur followers sir🤣
@@xzee156 Thanks for the support Brother. :)
what an analysis......👍
Amit ji at maruti suzuki😅
Two main reason-
1-EV is so costly
2-Saving is getting down
और चार्जिंग स्टेशन की कमी
ऑटो वालों को जबरन EV दी जा रही हैं। क्योंकि, cng ऑटो का परमिट दे ही नहीं रहे।इसलिए, EV ऑटो दिख रहे हैँ।
कंपनी को मुनाफा देने के लिए सरकार कर रही है, प्रदूषण तो फेक्ट्री वाले करते हैं
India me 40% Cars Aisi hai
Jo saal me 10000-20000 Km Hi chalti, Every village me Lok gaadi 20 din baad hi use Karte hai
Solid reporter 👌
Sanket ji माफी चाहता हूँ मैं तो भूल गया था की auto expert बनने के लिए किसी योग्यता की ज़रूरत तो है ही नहीं कैमरा उठाओ showroom से गाड़ी की specification ले लो और गाड़ी के चारों तरफ़ घूम घूम कर वीडियो बनाओ 😢😢😢बस बन गये आप except
Bike 100000/........EV 180000.......Bike petrol need 80000 for five year..... Kahin bhi ghumo.. 4 year mein battery 40000......only time waste. .....
Thanks Congress 56000 Passion Pro....
Thanks Achche din.. Passion pro... 105000...
Offcourse Strong hybrid is a good option, Bette rmilage plus of mind in available budget
I stay in Bangalore......, and here it is mostly apartment culture, and most apartments here don't provide charging stations. Also, if like for myself, in my apartment my parking is in another block, so I can't even think of taking electricity from my own flat to my parking. Many such problems keep customers like me from buying EV vehicles.....
Lithium nikalne aur bnane me kitna liter pani waste hota hai ye btao?? Aur pollution kitna hota hai battery thermal electricity bnane me
E - Riksha USE LEAD ACID BATTERY THIS IS VERY CHEAPER (10,000-12,000) THEN L. ION BATTERY (60% OF VEHICLE COST APPROX)
10 saal diesel petrol car ki Qimat ke saath use karo fir bhi EV se kam paise...
Three wheeler aur two wheeler city me hi use hote hai. Fuel cost se ev ka cost sasta padata hai. Lekin four wheeler city ke sath dusare city ke liye travel karana me use hota hai. Charging me problem hota hai aur time bhi kharab hota hai. Isiliye jo do car afford kar sakata hai vo hi city ke liye rakh sakata hai. Intercity travelling ke liye ev ko prefer nhi kiya jata. Hybrid car ka bhi cost bahut jyada hota hai. Isiliye middle class kharid nhi sakata hai.
Going for Ev! Let Delhi Ncr breath
Ev ka naa chalne ka karan hai 1.range non stop 500 kms hogi toh sales bahut badhegi .
2. Price extremely high hai eg tata nexon top model should not be above 13 to 14.
3. Charging stations theekse kaam nai karte. Agar karte hai toh 25 to 30 rs per unit is very high.
4. Tata ki cars theek se naa chalne ka karan uski service hai.
5. Tata ki punch sabse comfortable car hai. Nexon, cruv bhi itni comfortable nai hai.
सभी कंपनीने हायब्रीड कार सस्ते दामोपरर देनी चाहिए ...
Bhai mene gadi bech di hai...galat turn le liya tha mistake se...aisa treat krte hai jaise humne chori ki ho...gaadi chalane wale zyadatar fine se pareshan hai ..10k tak kharcha ho gaya case khtm krne mein
भाई बिकेंगी कैसे? जब EV के रेट पेट्रोल,डीजल वाहनो के लगभग बराबर ही है ओर 2या3 सालो मे बैट्री बदलने पर भारी खर्च फिर Resale value खत्म ओर कही कही तो Ev's पेट्रोल डीजल वाहनो से मंहगी भी पडती है तो कोई पागल है जो खरीदे??
Very nice information about EV vehicle 👍 👌
🎉Free jio like strategy needed for CNG. but No ev need for noncommercial use.
Sanket ji
I have been using an e- scooter since 2010 and EV since August 2022, and I find them very good, of course in EV four wheeler, range concerns are there. I have a 10 kWh rooftop solar plant and both my vehicles run free - literally.
What is discouraging in EV sales is the very high price of the vehicle, very costly roadside charging and very high cost of battery ( replacement). High costs of all three components is a result of unfriendly Government policies - taxes -. Solar power costs around Rs 3.25 per unit, domestic power is supplied at Rs 11.00 per unit and roadside charging costs Rs 20+ per unit. Cost of hydel and thermal power is around Rs 4-5 , but heavy duties push the cost from Rs 8-12 per unit indifferent States. Governments are greedy, their appetite for revenue is insatiable. If the Government wants to promote EV ,be it in the name of the environment, then some relief needs to be given to EV users. The government, to promote their political agenda gives freebies which adversely affect the economy and discourage the beneficiary to look for work, thus making him dependent on govt dole.
As on date EV is good for local travel and for retired/ seniors who are not in a hurry.
By the grace of God I have not faced any issues with my electric vehicles till date - no burnout nothing, only range anxiety nothing else.
Hybrid successfull nahi hoga kyuki competition nahi rahegi or public ko or kuch nahi milega toh ye market grow nahi hoga..ye baat aap ki sahi he...
Customers in India r not given OPTION ...
OPTIONS SHOULD BE ELECTRIC ...
CNG
PNG ....BUT NO WE ALWAYS HAVE TO LISTEN TO MANUFACTUREER RATHER THAN THE CUSTOMER.....
हाइवे के होटलों और ढाबों में भी चार्जिंग स्टेशन जरूरी कर देना चाहिए ताकि सफर के दौरान फ्रेस होना खाना पीना और चार्जिंग एक साथ हो।
Make the EV + PETROL CAR more and more top salling
अडानी की ई बी होती । तो ज्यादा सरकार इन्ट्रेस्ट लेती ।
देश की अर्थव्यवस्था गर्त मे जा चुका है तो लोग पैसे के अभाव मे खरीदेंगे कैसे?
नमस्कार संकेत जी. आप , Sudhanshu, Shomit Mishra और Ravish जी कि पत्रकारिता से मैं हमेशा प्रभावित रहा हु।
क्या ऐसा हो सकता है कि आप सब फिर मिल जाये और एक चैनल शुरू करे?
Waah, askcarguru🎉
Metro को मंथली पास सिस्टम को बढ़ावा देना चाहिए सस्ते में। लेकिन मेट्रो तो प्रॉफिट के पीछे भाग रहा है!
मंथली पास वालों के लिए डब्बे फिक्स होने चाहिए ताकि उन्हें बैठने या खड़े होने की ठीक जगह मिले। ऐसे कुछ करें तो बहुत से लोग मेट्रो यूज़ करेंगे।
Sir Canada Mae toh project cancel hogai ! Auto industry all over the world is going around in circles. Politicians EV ka sath catch catch khel raha ha
Ev ek scam he is me jo pada vo barbad huwa chahe wo ev dealer ya ev consumer
@@zuberpathan3372 bhai hum toh karigar admi ha scam sham we don’t get it ! You know about hydrogen fuel technology?
What's guranted life of battery ? What's safety towards explosion of a single cell of battery ?
Will it be for 15 years free replacement or simply becoming open Circuit one cell, it have to trace on road ,where is it at standstill ! Let's think safety as it is consisting batteries ,open circuiting of one cell tends towards standstill condition only ,whereas short circuiting of one cell may be cause of fire/ explosion ! where does solution exist for consumer ?
बात सिर्फ इतनी सी है की.....
इलेक्ट्रिक कार लेने का मन ही नहीं बनता.... कार कंपनी पर गुस्सा आता है
कार कंपनी 15 से 20 लाख मे स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड लाए.... सरकार हाइब्रिड को बढ़ावा दे तो बात बने
सब्सिडी कहने के लिए ही है
अगर सब्सिडी देना ही है तो प्लगिन हाइब्रिड ले के आओ.... 20-25 लाख मे...... फिर देखो..... ICE इंजन की गाड़ी कोई नहीं लेगा
सरकार को हिम्मत दिखानी होंगी
!!!
दूसरी बात......
भाई साहब अगर किसी को महीने मे 1 बार ही कार चलाने का मन हो तो ICE इंजन पड़ा रहेगा.... ज़ब मन तब पेट्रोल/डीज़ल डालो..... लेकिन EV मे पहले दिन ही सारे पैसे कंपनी को दे दो.... चलाओ या ना चलाओ
और मोबाइल की बैटरी मे हमने समय के साथ बैकअप मे गिरावट खूब देखा है..... कार की तो पुंगी बज़ जाएगी
इलेक्ट्रिक कार सिर्फ कुछ नादानों की कुकमिजाज़ी है.... और कुछ नहीं
10 घंटे चार्ज मे कौन लगाए...... फोन तो चार्ज करने की याद नहीं रहती... ये पन्गा कौन पाले
Bhai kya baat hey. 10 Lakh ki EV mehengi lagti hey Aur aap 25 Lakh ki baat kar rahe ho. Hybrid ka koi matlab nahi banta.
@@kumarjaishakti2786agar mahine mein ek hi baar chalana hey to car leni hi kyon . Taxi kar lo. Sara paisa bachao .
Car is a non productive asset unless us se aap direct razi roti kamate ho to.