वो मेरे अचेतन की कोई सुप्त सहमी स्मृति थी या जायी स्वयं अपने मृत्यु का रहस्य बताने आयी थीं....
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- Опубликовано: 21 окт 2024
- #दीपकशर्मा की कहानी-प्रेत छाया
Story by Deepak Sharma
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हिन्दी कहानी
#स्वर-सीमासिंह
@aajsuniye
दीपक शर्मा (जन्म ३० नवंबर १९४६) हिन्दी की जानी मानी कथाकार हैं। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से १९६८ में अँग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। उनकी पहली कहानी पंजाबी में अचतन चेती परौहना शीर्षक से १९७० में पंजाबी मासिक प्रीत-लड़ी में दीपक भुल्लर नाम से प्रकाशित हुई थी। हिंदी में पहली कहानी कोलंबस अलविदा धर्मयुग के दिसंबर १९७९ अंक में उनके विवाहित नाम दीपक शर्मा से प्रकाशित हुई। - Развлечения
Har kahani mein aapka utsah aur passion preranadayi hai ❤ aapke vaachan aur pathan se preteyk kahani ko sunte rehne ka mann karta hai ❣️
Thank you dear Anju ❤️
Extraordinary 👌👌👌...felt too short..this writter too is remarkable. शायद यहां ’जाई’ शब्द ’झाई ’ उच्चारित होता होगा। हालांकि मैने कहानी का अभी लिखित रूप देखा : लेखक ने अपनी तरफ से जाई ही लिखा है। झाई जिसे हम पंजाबी में अपनी मां और दादी के लिए इस्तेमाल करते हैं या यूं कहूं करते थे। वो वक्त उन सब के साथ ये संबोधन भी समेट ले गया🙏🙏 very nice 👍
Deepak ma'am मूल रूप से पंजाबी हैं।