नामजप का सुख चाहते हैं तो नाम रूपी धन को पाप और लोभ से बचाओ
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- Опубликовано: 9 окт 2024
- अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किसी को नही पता की अंत समय कब आएगा। ये सब जानते है की अंत समय सबका आएगा, पर कब आएगा ये कोई नही जानता है। इसके लिए ही तो संतो ने बताया है। यदि तुमने जीवन भर परमात्मा को याद किया होगा तभी तो वो अंत समय याद आएगा। नही तो जिन विषयों में मन अटका हुआ है वही याद आएंगे। इसलिए जब भी समय मिले भगवान को जरूर याद करना। कभी भी कोई भी समय खाली न जा पाये। अच्छे कर्म करते रहो और भगवान का नाम जपते रहो। बस यही एक मन्त्र है उन तक पहुंचने का।
जय श्री राम
राम
Jai shree sitaram
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Jay shree sheetaram
Jai Jai Shri Sita ram
Jai jai shree sitaram
જય સીયારામ
Ram Ram
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गुरुजी आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻
जय जय सिया राम 🙏🙏
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जय श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
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