@@gopalchoudhary137संपूर्ण रहस्यमई जानकारी वह भी प्रमाणो के साथ जरूर देखें शंकराचार्य के कलयुगी राक्षस का भंडाफोड़ यह वही राक्षस है इनके पूर्वज भक्ति आंदोलन के संतों के खून से इन पाखंडी राक्षसों के हाथ रंगे हुए हैं इसका प्रमाण इतिहास में है एक जगह नहीं है कई जगह है थोड़ा रिसर्च का जरूरी है आज के युवाओं को👏🏻
@@gopalchoudhary137संपूर्ण रहस्यमई जानकारी वह भी प्रमाणो के साथ जरूर देखें शंकराचार्य के कलयुगी राक्षस का भंडाफोड़ यह वही राक्षस है इनके पूर्वज भक्ति आंदोलन के संतों के खून से इन पाखंडी राक्षसों के हाथ रंगे हुए हैं इसका प्रमाण इतिहास में है एक जगह नहीं है कई जगह है थोड़ा रिसर्च का जरूरी है आज के युवाओं को👏🏻
@@gopalchoudhary137Gopal Chaudhary ... भाई जब तुम इतना ही बोल रहे हो कबीर सागर में और भी बहुत कुछ लिखा है उसको कौन मानेगा ?? भाई जिनकी छाया नहीं होगी वहां कबीर अपनी बात कर रहे थे इसलिए यह बात परमात्मा के लिए है ,, परंतु आगे परमात्मा नहीं आएंगे तो उन्होंने बोला था मैं अपना दास भेजूंगा और वह कौन है सतगुरु रामपाल जी महाराज और कबीर सागर की सब कुछ उनके ऊपर ही बैठ रहा है *मेरे साथ अगर तुम लाइव चर्चा में होते तो तुम्हें मैं वही समझा देता* जो परमात्मा का महापुरुष आएगा वह सत पुरुष से जगत को परिचित कराएगा अर्थात पहले लोग परिचित नहीं थे यानि ब्राह्मण जो ज्ञान देते आ रहे हैं वह भी अर्थ है #respect 🎉🎉🎉🎉🎉
@gopalchoudhary137 कबीर ही पूर्ण परमात्मा है प्रमाण कबीर सागर *जिस ग्रंथ से आप लाइव चर्चा में बहस कर रहे थे* श्री राम उनकी लीला जानी है रामायण पढ़ा जाता है श्री कृष्णा और उनकी लीला जानी है भागवत पड़ी जाती है इसी प्रकार कबीर को जानने के लिए कबीर सागर , अमर ग्रंथ साहेब पढ़ना होता है
5-5 log mil kar ek sawal ka jawab nhi de paye 😂😂,bas baate gol gol ghuma Rahe the ,,aaj ye bhi pata chal gaya ki Rampal tatvadarshi nhi he 😂😂😂kyoki Rampal ki to parchayi banti he
संत रामपाल जी के भगत ही मु,,र्ख है क्या ज्ञान सुनते है संत रामपाल जी को एक इंसान मानते है, ऐसे लोग नर्क में ही जाते है, गुरु को। मानुष जो गिने चरणामृत को पान ते नर नर्क में जायेंगें जन्म जन्म होए स्वान, संत रामपाल जी ने कोई जन्म नही लिया सिर्फ अपनी शक्ति से जन्म की लीला की क्योकी वो समर्थ है कुछ भी कर सकतें है, बस परमात्मा अपने को छुपाने के लिए दास बोल देते है, इसीलिए गुरु जी बोलते है भगतो में विवेक भी होना चाहीए, जगत वाले समझ गए पर ये भगत लोग बेहोश है 😢
@T R pahadi.. गीता अध्याय 4 श्लोक 6 अजन्मा इस लिए यह मानव की तरह जन्म नही लेते है यह बात @Govind Gurukul official ने भी Live chats में बोला है और इसके जन्म तो होता है पर मानव की तरह नहीं
@@ekBrahm-o5t o Bhai Thoda dimag ka bhi use kar lo ,ajnma ka arth hota he jo janm rahit ho ,ye rampal ki mangadant baate Yaha nhi chalegi ,mujhe Kisi bhi Sanskrit sabd kos me ye dikha do ki ajnma ka arth manav ki Tarah janm na Lene Wala likha ho ,,
जय श्री राम मुझे थोड़ा समय काम मिलता है नौकरी करता हु नहीं तो इनकी सब पोल खोलता कैसे लोगो भर्मित करते है ओर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे है। गीता अध्याय 3 श्लोक 35 मे लिखा है जिस धर्म है उसको हि अपना श्रवश्रेष्ठ माने दूसरे के धर्म मे तो अच्छा आपने धर्म मर जाना भी अच्छा है । इसलिये बहुत सारे हमारे देश मे हुये है धर्म पर्वितन नहीं किये है बली दान दे दिये । गोविंद देव जी अपने 4 बच्चों को जिंदा दीवार मे चुनवा दिये लेकिन धर्म पर अड़े रहे धर्म चेंज नहीं किया । ये लोग पैसो के लालच मे धर्म चेंज कर लिये सनातन धर्म पर कलंक है ये सब
पूरे विश्व में 80 करोड़ बच्चे हैं रामकृष्ण की भक्ति कर रहे हैं फिर भी काम होते जा रहे हैं काम होते जा रहे हैं क्या हुआ रामकृष्ण रक्षा करने नहीं आ रहा क्या
संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान में इतनी पावर है कि वह पाकिस्तान में अपना झंडा गढ़ दिया उन्होंने तुम्हारे ज्ञान में इतनी पावर थी कि पूरे विश्व में हिंदू थे और आज पूरे विश्व में 80 करोड़ बच्चे हैं
संपूर्ण रहस्यमई जानकारी वह भी प्रमाणो के साथ जरूर देखें शंकराचार्य के कलयुगी राक्षस का भंडाफोड़ यह वही राक्षस है इनके पूर्वज भक्ति आंदोलन के संतों के खून से इन पाखंडी राक्षसों के हाथ रंगे हुए हैं इसका प्रमाण इतिहास में है एक जगह नहीं है कई जगह है थोड़ा रिसर्च का जरूरी है आज के युवाओं को👏🏻
अरे भाई मुरली तू जो ये बात बता रहा है ऐसी बातों को खूब निपटाया तू जो आदि पुरुष नारायण की बात कर रहा है वो कृष्ण (विष्णु जी) हैं । प्रमाण; भागवत पुराण 3 स्कंद 24 अध्याय में देख ले।
अरे भाई मुरली संस्कृत पढ़ी होतों देख वहा विद्यात्=जानना, विद्यते=होता हैं। उसी डिक्शनरी में लिखा है जिस डिक्शनरी से व्रज का मतलब दिखाते हो। उन्हें मालूम था कि अगर डिक्शनरी से विद्यते का मतलब दिखाऊंगा तो मेरी बात कट जाएगी
अरे भाइयों (भक्तों) पहले अपना सुधार करो परमात्मा की बनायी सृष्टि आप लोगों की नजर मे बिगड़ी नजर आ रही है इसका सुधार करने के लिए आप लोग ब्यर्थ अहंकार कर रहे हो हम सब पूरी पृथ्वी के एक सूक्ष्म से सूक्ष्म कण के समान हैं समस्त कण मिलकर पृथ्वी है इसी तरह सभी चैतन्यधारी मिलकर परमात्मा है।अरे सबका सुधार करने वाले पहले अपना सुधार कर लो मत अहंकार करके दूसरों को भ्रमित करने का अभिमान न करने की प्रार्थना करता हूॅ आप और हम परमात्मा के सामने पूरी पृथ्वी के एक कण के समान है यह टिटिहरी कीट जो चारों टांगे ऊपर करके टीं टीं करके सोचती है कि पूरे आसमान को हमी सम्हाले हूॅ आप को अपना स्वयं का सुधार करने की जरूरत है यदि आप अपना सुधार कर लेते हैं तो आप को परमात्मा की पूरी सृष्टि सुधरी नजर आयगी।
@@gopalchoudhary137 भाई जब तुम इतना ही बोल रहे हो कबीर सागर में और भी बहुत कुछ लिखा है उसको कौन मानेगा ?? भाई जिनकी छाया नहीं होगी वहां कबीर अपनी बात कर रहे थे इसलिए यह बात परमात्मा के लिए है ,, परंतु आगे परमात्मा नहीं आएंगे तो उन्होंने बोला था मैं अपना दास भेजूंगा और वह कौन है सतगुरु रामपाल जी महाराज और कबीर सागर की सब कुछ उनके ऊपर ही बैठ रहा है *मेरे साथ अगर तुम लाइव चर्चा में होते तो तुम्हें मैं वही समझा देता* जो परमात्मा का महापुरुष आएगा वह सत पुरुष से जगत को परिचित कराएगा अर्थात पहले लोग परिचित नहीं थे यानि ब्राह्मण जो ज्ञान देते आ रहे हैं वह भी अर्थ है 😃😃😃😃😃😃
स्वयं कविर्देव (कबीर परमेश्वर) जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है - अविगत से चल आए, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया। (टेक) न मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक हो दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, वहाँ जुलाहे ने पाया।। मात-पिता मेरे कुछ नाहीं, ना मेरे घर दासी (पत्नी)। जुलहा का सुत आन कहाया, जगत करें मेरी हाँसी।। पाँच तत्व का धड़ नहीं मेरा, जानुं ज्ञान अपारा। सत्य स्वरूपी (वास्तविक) नाम साहेब (पूर्ण प्रभु) का सोई नाम हमारा।। अधर द्वीप (ऊपर सत्यलोक में) गगन गुफा में तहां निज वस्तु सारा। ज्योत स्वरूपी अलख निरंजन (ब्रह्म) भी धरता ध्यान हमारा।। हाड़ चाम लहु ना मेरे कोई जाने सत्यनाम उपासी। तारन तरन अभय पद दाता, मैं हूँ कबीर अविनाशी।।
12 amit dash ji sat Saheb Jay Shri Ram Jay Shri Krishna Geeta ka chautha adhyay Shri Krishna bhagwan tatvdarshi sant ke bare mein Bata de use Gyan se Mukti hogi Lekin hogi theek hai bad mein aapke Guru Ji ne tatvdarshi ki pahchan ulte vruksh ko bataega vahi tatvdarshi hoga Aisa praman kahan hai dijiye 🙏🙏🙏🙏 sat Sahib Jay Shri Ram Jay Shri Krishna
Amit Das Ji main yah nahin kahta ki aapki aapki bhakti Sahi nahin hai Jo aapane Geeta adhyay 4 mein kahan hai usko usko Sahi Mana hai Lekin chautha adhyay 7_8 shlok usko bhi Sahi manana padega Shrimad Bhagwat Geeta Ko mante Ho tab
@@Amitdash482 aap ek bhi prashn ka jawab nahin de pa rahe ho aur Shrimad Bhagwat Geeta jitne bhi jitne vivad Bhumi bade bade sant mahapurush unka apman karna sikhaya hai kya aapke aapko
@@RavishankarDwivedi-lw5kc हां क्या तूने कभी ,, रामकृष्ण राधा दुर्ग गणेश आदि आदि यह सब देवी देवताओं के लिए बोला है इनके ऊपर बोलने पर क्यों फट जाती है नई सृष्टि तो इन्होने बनाई है इतनी तकलीफ भरी हुई प्राणियों से गुना के प्रभाव से बुरे कर्म करवाते हैं फिर इन्हें नरक में डालते हैं अब तुम नहीं बोलोगे अपने देवी देवताओं को
@@ekBrahm-o5t भक्त जी मै आप से यह प्रार्थना करता हूॅ कि आप ने पूॅछा है कि दुर्गा व गणेश के बारे मे क्या आप की फट जाती है। तो कृपया फट का अर्थ जानने की रिक्वेष्ट करता हूॅ। हम निरंजन काल ब्रह्म के बारे मे यह जानना चाहते हैं कि कबीर परमेश्वर ने अपने ही अंश से एक आत्मा निकाल कर जो अचिन्त ने बगैर कबीर परमात्मा की इजाजत के अक्षर ब्रह्म की अपनी शब्द शक्ति से उत्पत्ति कर दी और वह मान सरोवर मे स्नान करने के लिए गया और वही पर सुन्दर वातवरण मे सो गया अभी उसको जगाना अचिन्त के सामर्थ्य के बस की नही थी।कबीर परमात्मा ने अचिन्त को कोई पनिसमेन्ट नही दिया जब कि अचिन्त ने मन मानी की थी अपन शरीर से निकाली आत्मा को निकाल कर मान सरोवर का जल लेकर उसी मे अपनी ही आत्मा के अंश को मिलाकर एक अंडा बनाया और मान सरोवर मे फेक दिया अन्डे के फटने पर उसकी गड़गड़ाहट की आवाज से अक्षर ब्रह्म की नींद टूट गयी और उसको क्रोध आदि नाना प्रकार के बिकार आ गये जो कबीर परमात्मा की निकाली निर्दोष आत्मा मे समा गये जब कि सतलोक मे बिकारों के लिए किंचित मात्र स्थान नही है अभी हमारे इस संसय का निवारण करने की प्रार्थना कि निरंजन का क्या दोष है।दूसरी बात अपने सभी सोलह पुत्रों को तो प्रथक प्रथक एक द्वीप अचिंत के द्बीप मे अचिन्त,उसी के पुत्र अक्षर व निरंजन को एक साथ रहने का स्थान दे दिया जब कि निरन्जन के लिए भी एक सत्रहवे द्वीप की रचना न्याय संगत थी हम आप से समझने की प्रार्थना करते हैॅ। तीसरी बात यदि निरंजन ने अपने साथ आने वाली पहली परमात्मा कबीर की आत्मा के शरीर मे अपने नाखून से योनि बनी दी तो निरंजन के शरीर मे लिंग किसने बनाया जब लिंग योनि का मेल स्वभाविक है आदि आदि हमारे दिमाक मे बहुत संसय हैं संसयों का निवारण करने की प्रार्थना अभी आप कहोगे कि सतसंग सुनो तो निवारण हो जायगा यह सब संसय बहुत ज्यादा सतसंग सुनने के बाद ही आये आखिरी संसय दुर्गा व गणेश के बारे मे कहने मे क्या आप की फट जाती है फट जाने की मतलब जानने की प्रार्थना करता हूॅ।
मान गए आज लोग एक भी बात साबित कर न सके लेकिन जोर से चिल्ला कर देख रहे है कि हम जीते
गोपाल जी ने सारे रामपाल जी की बंद बैंड बजा दे बैंड बाजा❤❤❤❤
ये तो अभी सुरुवात है पुरी फिलम तो बकी है जी
@@gopalchoudhary137संपूर्ण रहस्यमई जानकारी वह भी प्रमाणो के साथ जरूर देखें शंकराचार्य के कलयुगी राक्षस का भंडाफोड़ यह वही राक्षस है इनके पूर्वज भक्ति आंदोलन के संतों के खून से इन पाखंडी राक्षसों के हाथ रंगे हुए हैं इसका प्रमाण इतिहास में है एक जगह नहीं है कई जगह है थोड़ा रिसर्च का जरूरी है आज के युवाओं को👏🏻
ये मुरलीधर दास किसी प्रमाण को नहीं मानता है। प्रमाण दिखाने की बात करते है तो चर्चा करते है ऐसा बोलता है।
Sat saheb ji
Jay Shri Ram Jay Shri Krishna bhagwan ki Jay 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵
जय श्री राम
@@gopalchoudhary137संपूर्ण रहस्यमई जानकारी वह भी प्रमाणो के साथ जरूर देखें शंकराचार्य के कलयुगी राक्षस का भंडाफोड़ यह वही राक्षस है इनके पूर्वज भक्ति आंदोलन के संतों के खून से इन पाखंडी राक्षसों के हाथ रंगे हुए हैं इसका प्रमाण इतिहास में है एक जगह नहीं है कई जगह है थोड़ा रिसर्च का जरूरी है आज के युवाओं को👏🏻
गोपाल भाई लगता है इन लोगों को कहीं का नहीं छोड़ो गे 😂😂😂यह आपकी किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकते😢😢😢😢😢 जय श्री राम
जय श्री राम
तत्वदरसी का पाखंड का पर्दा पास हो गया है इस वीडियो मे 1:34:00 सि लेकर 1:51:00 तक देखिये प्रमाण दिखा रहे है यही लोग इनके हि कबीर सागर मे
@@gopalchoudhary137Gopal Chaudhary ... भाई जब तुम इतना ही बोल रहे हो कबीर सागर में और भी बहुत कुछ लिखा है उसको कौन मानेगा ??
भाई जिनकी छाया नहीं होगी वहां कबीर अपनी बात कर रहे थे इसलिए यह बात परमात्मा के लिए है ,, परंतु आगे परमात्मा नहीं आएंगे तो उन्होंने बोला था मैं अपना दास भेजूंगा
और वह कौन है सतगुरु रामपाल जी महाराज और कबीर सागर की सब कुछ उनके ऊपर ही बैठ रहा है *मेरे साथ अगर तुम लाइव चर्चा में होते तो तुम्हें मैं वही समझा देता*
जो परमात्मा का महापुरुष आएगा वह सत पुरुष से जगत को परिचित कराएगा अर्थात पहले लोग परिचित नहीं थे यानि ब्राह्मण जो ज्ञान देते आ रहे हैं वह भी अर्थ है
#respect 🎉🎉🎉🎉🎉
@@ekBrahm-o5t आप भी आ जाइये सत्य सत्य हि होगा आप सब को खुला चेलेंज है मुझे एक हि प्रमाण दिखा दो कबीर दास पूर्ण परमात्मा है ?
@gopalchoudhary137 कबीर ही पूर्ण परमात्मा है प्रमाण कबीर सागर *जिस ग्रंथ से आप लाइव चर्चा में बहस कर रहे थे*
श्री राम उनकी लीला जानी है रामायण पढ़ा जाता है श्री कृष्णा और उनकी लीला जानी है भागवत पड़ी जाती है इसी प्रकार कबीर को जानने के लिए कबीर सागर , अमर ग्रंथ साहेब पढ़ना होता है
5-5 log mil kar ek sawal ka jawab nhi de paye 😂😂,bas baate gol gol ghuma Rahe the ,,aaj ye bhi pata chal gaya ki Rampal tatvadarshi nhi he 😂😂😂kyoki Rampal ki to parchayi banti he
TR Pande ji iska jawab Agali debate Mein milega
संत रामपाल जी के भगत ही मु,,र्ख है क्या ज्ञान सुनते है संत रामपाल जी को एक इंसान मानते है, ऐसे लोग नर्क में ही जाते है, गुरु को। मानुष जो गिने चरणामृत को पान ते नर नर्क में जायेंगें जन्म जन्म होए स्वान, संत रामपाल जी ने कोई जन्म नही लिया सिर्फ अपनी शक्ति से जन्म की लीला की क्योकी वो समर्थ है कुछ भी कर सकतें है, बस परमात्मा अपने को छुपाने के लिए दास बोल देते है, इसीलिए गुरु जी बोलते है भगतो में विवेक भी होना चाहीए, जगत वाले समझ गए पर ये भगत लोग बेहोश है 😢
@T R pahadi.. गीता अध्याय 4 श्लोक 6 अजन्मा इस लिए यह मानव की तरह जन्म नही लेते है यह बात @Govind Gurukul official ने भी Live chats में बोला है और इसके जन्म तो होता है पर मानव की तरह नहीं
Sant Rampal Ji Bhagwan hai
@@ekBrahm-o5t o Bhai Thoda dimag ka bhi use kar lo ,ajnma ka arth hota he jo janm rahit ho ,ye rampal ki mangadant baate Yaha nhi chalegi ,mujhe Kisi bhi Sanskrit sabd kos me ye dikha do ki ajnma ka arth manav ki Tarah janm na Lene Wala likha ho ,,
ये छाया वाले में क्या फसे
इन लोगो का पुरा पर्दा पास करूंगा मे
सत साहेब भगत जी 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
😂😂😂नवीन चाचा ने 2 से 18 गीता के श्लोक पर TR पहाड़ी गुरु कुल गोविंद को चैलेंज करा था गोपाल ने तो चाचा की धोती खोल दी फिर बात घूमाने लग गए😂😂😂
जय श्री राम मुझे थोड़ा समय काम मिलता है नौकरी करता हु नहीं तो इनकी सब पोल खोलता कैसे लोगो भर्मित करते है ओर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे है। गीता अध्याय 3 श्लोक 35 मे लिखा है जिस धर्म है उसको हि अपना श्रवश्रेष्ठ माने दूसरे के धर्म मे तो अच्छा आपने धर्म मर जाना भी अच्छा है । इसलिये बहुत सारे हमारे देश मे हुये है धर्म पर्वितन नहीं किये है बली दान दे दिये । गोविंद देव जी अपने 4 बच्चों को जिंदा दीवार मे चुनवा दिये लेकिन धर्म पर अड़े रहे धर्म चेंज नहीं किया । ये लोग पैसो के लालच मे धर्म चेंज कर लिये सनातन धर्म पर कलंक है ये सब
धर्म की रक्षा करनी है तो ज्ञान से करो
तभी तो भारत में 80 करोड़ बच्चे हैं पूरे विश्व में
पूरे विश्व में 80 करोड़ बच्चे हैं रामकृष्ण की भक्ति कर रहे हैं फिर भी काम होते जा रहे हैं काम होते जा रहे हैं क्या हुआ रामकृष्ण रक्षा करने नहीं आ रहा क्या
संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान में इतनी पावर है कि वह पाकिस्तान में अपना झंडा गढ़ दिया उन्होंने तुम्हारे ज्ञान में इतनी पावर थी कि पूरे विश्व में हिंदू थे और आज पूरे विश्व में 80 करोड़ बच्चे हैं
Gopal bhai ki jay ho
मुझे थोड़ा समय कम मिलता है नौकरी करता हु । फिर भी मे कोसिस करूंगा पाखंड का पुरा पर्दा पास करूंगा सारे प्रमाण सहित प्रूफ है ।
संपूर्ण रहस्यमई जानकारी वह भी प्रमाणो के साथ जरूर देखें शंकराचार्य के कलयुगी राक्षस का भंडाफोड़ यह वही राक्षस है इनके पूर्वज भक्ति आंदोलन के संतों के खून से इन पाखंडी राक्षसों के हाथ रंगे हुए हैं इसका प्रमाण इतिहास में है एक जगह नहीं है कई जगह है थोड़ा रिसर्च का जरूरी है आज के युवाओं को👏🏻
अरे भाई मुरली तू जो ये बात बता रहा है ऐसी बातों को खूब निपटाया तू जो आदि पुरुष नारायण की बात कर रहा है वो कृष्ण (विष्णु जी) हैं । प्रमाण; भागवत पुराण 3 स्कंद 24 अध्याय में देख ले।
अरे भाई मुरली संस्कृत पढ़ी होतों देख वहा विद्यात्=जानना, विद्यते=होता हैं। उसी डिक्शनरी में लिखा है जिस डिक्शनरी से व्रज का मतलब दिखाते हो। उन्हें मालूम था कि अगर डिक्शनरी से विद्यते का मतलब दिखाऊंगा तो मेरी बात कट जाएगी
अरे भाइयों (भक्तों) पहले अपना सुधार करो परमात्मा की बनायी सृष्टि आप लोगों की नजर मे बिगड़ी नजर आ रही है इसका सुधार करने के लिए आप लोग ब्यर्थ अहंकार कर रहे हो हम सब पूरी पृथ्वी के एक सूक्ष्म से सूक्ष्म कण के समान हैं समस्त कण मिलकर पृथ्वी है इसी तरह सभी चैतन्यधारी मिलकर परमात्मा है।अरे सबका सुधार करने वाले पहले अपना सुधार कर लो मत अहंकार करके दूसरों को भ्रमित करने का अभिमान न करने की प्रार्थना करता हूॅ आप और हम परमात्मा के सामने पूरी पृथ्वी के एक कण के समान है यह टिटिहरी कीट जो चारों टांगे ऊपर करके टीं टीं करके सोचती है कि पूरे आसमान को हमी सम्हाले हूॅ आप को अपना स्वयं का सुधार करने की जरूरत है यदि आप अपना सुधार कर लेते हैं तो आप को परमात्मा की पूरी सृष्टि सुधरी नजर आयगी।
ruclips.net/video/rzwzGT1LMUY/видео.htmlsi=xBc-sauS4ToAyiw4
तत्वदरसी का पाखंड का पर्दा पास हो गया है इस वीडियो मे 1:34:00 सि लेकर 1:51:00 तक देखिये प्रमाण दिखा रहे है यही लोग इनके हि कबीर सागर मे.
@@gopalchoudhary137 भाई जब तुम इतना ही बोल रहे हो कबीर सागर में और भी बहुत कुछ लिखा है उसको कौन मानेगा ??
भाई जिनकी छाया नहीं होगी वहां कबीर अपनी बात कर रहे थे इसलिए यह बात परमात्मा के लिए है ,, परंतु आगे परमात्मा नहीं आएंगे तो उन्होंने बोला था मैं अपना दास भेजूंगा
और वह कौन है सतगुरु रामपाल जी महाराज और कबीर सागर की सब कुछ उनके ऊपर ही बैठ रहा है *मेरे साथ अगर तुम लाइव चर्चा में होते तो तुम्हें मैं वही समझा देता*
जो परमात्मा का महापुरुष आएगा वह सत पुरुष से जगत को परिचित कराएगा अर्थात पहले लोग परिचित नहीं थे यानि ब्राह्मण जो ज्ञान देते आ रहे हैं वह भी अर्थ है
😃😃😃😃😃😃
पर्दा फास् तो ऐसे न्यूज़ चैनल पर हो गया है देख ले चेक कर ले
वह क्यों नहीं देखता अपनी स्टोरी क्यों नहीं बता रहा
स्वयं कविर्देव (कबीर परमेश्वर) जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है -
अविगत से चल आए, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया। (टेक)
न मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक हो दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, वहाँ जुलाहे ने पाया।।
मात-पिता मेरे कुछ नाहीं, ना मेरे घर दासी (पत्नी)।
जुलहा का सुत आन कहाया, जगत करें मेरी हाँसी।।
पाँच तत्व का धड़ नहीं मेरा, जानुं ज्ञान अपारा।
सत्य स्वरूपी (वास्तविक) नाम साहेब (पूर्ण प्रभु) का सोई नाम हमारा।।
अधर द्वीप (ऊपर सत्यलोक में) गगन गुफा में तहां निज वस्तु सारा।
ज्योत स्वरूपी अलख निरंजन (ब्रह्म) भी धरता ध्यान हमारा।।
हाड़ चाम लहु ना मेरे कोई जाने सत्यनाम उपासी।
तारन तरन अभय पद दाता, मैं हूँ कबीर अविनाशी।।
12 amit dash ji sat Saheb Jay Shri Ram Jay Shri Krishna Geeta ka chautha adhyay Shri Krishna bhagwan tatvdarshi sant ke bare mein Bata de use Gyan se Mukti hogi Lekin hogi theek hai bad mein aapke Guru Ji ne tatvdarshi ki pahchan ulte vruksh ko bataega vahi tatvdarshi hoga Aisa praman kahan hai dijiye 🙏🙏🙏🙏 sat Sahib Jay Shri Ram Jay Shri Krishna
गीता अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 तक मैं लिखा है
@Ranjeetkumar777rkd bhgti ji
Yahan per tatvdarshi ki baat hi nahin hai Aisa Kahan likha hai ki use vruksh ke bare mein bataega vahi tatvdarshi
ruclips.net/video/rzwzGT1LMUY/видео.htmlsi=xBc-sauS4ToAyiw4
Amit Das Ji main yah nahin kahta ki aapki aapki bhakti Sahi nahin hai Jo aapane Geeta adhyay 4 mein kahan hai usko usko Sahi Mana hai Lekin chautha adhyay 7_8 shlok usko bhi Sahi manana padega Shrimad Bhagwat Geeta Ko mante Ho tab
Rampal ke chele apni maan badai me lage hue hi
ruclips.net/video/rzwzGT1LMUY/видео.htmlsi=xBc-sauS4ToAyiw4
@@Amitdash482 ruclips.net/video/sq-kjA6Sejk/видео.htmlsi=wzamrr2bgzfOh_4u
ब्लॉक
Kabir ji is god
Ak aadmi ko daba rahe ho 6 log mil kr bolne nahi de raha hai
तत्वदरसी का पाखंड का पर्दा पास हो गया है इस वीडियो मे 1:34:00 सि लेकर 1:51:00 तक देखिये प्रमाण दिखा रहे है यही लोग इनके हि कबीर सागर मे
ruclips.net/video/rzwzGT1LMUY/видео.htmlsi=xBc-sauS4ToAyiw4
@@Amitdash482 aap ek bhi prashn ka jawab nahin de pa rahe ho aur Shrimad Bhagwat Geeta jitne bhi jitne vivad Bhumi bade bade sant mahapurush unka apman karna sikhaya hai kya aapke aapko
@Amitdash482 ruclips.net/video/sq-kjA6Sejk/видео.htmlsi=wzamrr2bgzfOh_4u
आप सब हार कर ब्यर्थ अर्गूमेन्ट कर रहे हो।
यह सब भ्रम कबीर। ने काल ब्रहम को नियुक्त करके डाल रखी है
@@RavishankarDwivedi-lw5kc हां क्या तूने कभी ,, रामकृष्ण राधा दुर्ग गणेश आदि आदि यह सब देवी देवताओं के लिए बोला है इनके ऊपर बोलने पर क्यों फट जाती है
नई सृष्टि तो इन्होने बनाई है इतनी तकलीफ भरी हुई प्राणियों से गुना के प्रभाव से बुरे कर्म करवाते हैं फिर इन्हें नरक में डालते हैं अब तुम नहीं बोलोगे अपने देवी देवताओं को
ruclips.net/video/rzwzGT1LMUY/видео.htmlsi=xBc-sauS4ToAyiw4
@@ekBrahm-o5t भक्त जी मै आप से यह प्रार्थना करता हूॅ कि आप ने पूॅछा है कि दुर्गा व गणेश के बारे मे क्या आप की फट जाती है। तो कृपया फट का अर्थ जानने की रिक्वेष्ट करता हूॅ। हम निरंजन काल ब्रह्म के बारे मे यह जानना चाहते हैं कि कबीर परमेश्वर ने अपने ही अंश से एक आत्मा निकाल कर जो अचिन्त ने बगैर कबीर परमात्मा की इजाजत के अक्षर ब्रह्म की अपनी शब्द शक्ति से उत्पत्ति कर दी और वह मान सरोवर मे स्नान करने के लिए गया और वही पर सुन्दर वातवरण मे सो गया अभी उसको जगाना अचिन्त के सामर्थ्य के बस की नही थी।कबीर परमात्मा ने अचिन्त को कोई पनिसमेन्ट नही दिया जब कि अचिन्त ने मन मानी की थी अपन शरीर से निकाली आत्मा को निकाल कर मान सरोवर का जल लेकर उसी मे अपनी ही आत्मा के अंश को मिलाकर एक अंडा बनाया और मान सरोवर मे फेक दिया अन्डे के फटने पर उसकी गड़गड़ाहट की आवाज से अक्षर ब्रह्म की नींद टूट गयी और उसको क्रोध आदि नाना प्रकार के बिकार आ गये जो कबीर परमात्मा की निकाली निर्दोष आत्मा मे समा गये जब कि सतलोक मे बिकारों के लिए किंचित मात्र स्थान नही है अभी हमारे इस संसय का निवारण करने की प्रार्थना कि निरंजन का क्या दोष है।दूसरी बात अपने सभी सोलह पुत्रों को तो प्रथक प्रथक एक द्वीप अचिंत के द्बीप मे अचिन्त,उसी के पुत्र अक्षर व निरंजन को एक साथ रहने का स्थान दे दिया जब कि निरन्जन के लिए भी एक सत्रहवे द्वीप की रचना न्याय संगत थी हम आप से समझने की प्रार्थना करते हैॅ। तीसरी बात यदि निरंजन ने अपने साथ आने वाली पहली परमात्मा कबीर की आत्मा के शरीर मे अपने नाखून से योनि बनी दी तो निरंजन के शरीर मे लिंग किसने बनाया जब लिंग योनि का मेल स्वभाविक है आदि आदि हमारे दिमाक मे बहुत संसय हैं संसयों का निवारण करने की प्रार्थना अभी आप कहोगे कि सतसंग सुनो तो निवारण हो जायगा यह सब संसय बहुत ज्यादा सतसंग सुनने के बाद ही आये आखिरी संसय दुर्गा व गणेश के बारे मे कहने मे क्या आप की फट जाती है फट जाने की मतलब जानने की प्रार्थना करता हूॅ।
Kuchh Nahin maloom hai mere pass jitna hai rampal pata hai jaise
Tera Kabir das jo hai to kyon rampal ko dukhi dekh sakta hai abhi to Kabir ka beta hai na rampal kyon jail mein sardar
Kuchh Nahin maloom hai mere pass jitna hai rampal pata hai jaise