Shree hari parmatma ne har yug ka dharm banaya he or apni lilaye ki he esa vedo me likha par har yug me rahne walw hanuman ji swam shambhu he ye kripa unki thi kaliyug me india vsmodi dharm yudh he radhe radhe baba ram ram aap jese bujurg bhagya se milte he vedo purado me bahut kuch he Devendra Deewana vrindavan
भाव स्पष्ट है जी किंतु यहां आदरणीय श्री सूरजमल जी ने इस भाव के साथ इस बात को नहीं रखा था। अंतिम समय में महाबली कर्ण अपनी शस्त्र विद्या को भूल जाएंगे ये श्राप था उनको। धन्यवाद आपका 🙏🙏
सभी का अपना अपना मत है जी, आपके मत में यदि यही सही है तो कौन इसे बदल सकता है? इन ग्रंथों को समझने के लिए हमें सदगुरु अन्यथा किसी विद्वान व्यक्ति की आवश्यकता होती है। धन्यवाद आपका 🙏
भाई, बात सारी ठीक है । पर बेईमाना छल कपट घमंड ये सब अहंकार का नाम है । ओर कटु वचन समाज मे एक बहुत बड़ा योगदान है बर्बादी का , मान भगं करना शामिल है, उन्होंने पाडुओ को असल पांडु पुत्र नही माना ओर कुंती को बदचलन माना । यही वजह अहंकार को बढ़ावा दिया ।
Jai shree krishna.bhagwan shree krishna dhram sthapna ke liye pandvo ka sath diya kyonki pandav log dhram ke virudh koi kaam nahi karte thay Bhisam Ji yogi purush thay unhe eycha mirtu ka vardan tha.
आप बनावे आप मिटावे बन्दे के बस नहि जी कर दे कोन बिगाड़ जिन्हो के रख वाली रघु राई जी समय कर दे नर के करले समय आवना जाना पंडित साधु राम जी ने आपने कविता में सब खोल कर रख दिया है महाभारत की रचना तो नारायण की रचना है जितने भी किरदार थे वो सब अपना अपना किरदार निभा रहे थे कृष्ण आज्ञा अनुसार या यूं कह लिजिए विवेक और बुद्धि से जिस पर नारायण का वास होता हैं के अनुसार हो रहा था जिसमे धर्म और अधर्म वा सत और असत्य भी दिखाई दे रहा था आज का मानव भी महाभारत का युद्ध लड़ रहा है
अपने विचार व्यक्त किए हैं जी पंडित सूरजमल जी ने यहां, हो सकता है कि आप इनसे विपरीत सोचते हों। तो इस प्रकार से ना आप उल्टा सोचते हैं और ना ही सूरजमल जी। धन्यवाद
@@RaagRaginiSangam Maharaj ji Mahabharat jaise vishal granth mein dee gayee vyavasthaon se ekdam nishkarsh nikalna bahut kathin bhi hai. Apne agraj aur yuvraj ka adesh parit karna Du:shasan ke liye dharm hi tha, yeh bhi ek drishtikon ho sakta hai. Sat ath varsh ki ayu se Mahabharat ka vidyarthee raha hun aur ab 68 mein hun.
पितामह भीष्म ने गुरु गुरु द्रोणाचार्य ने दुर्योधन को कोई भविष्यवाणी नहीं की, कि मैं पांडवों को नहीं मारूंगा, बाबा जी कृपया बताएं इसका कोई प्रमाण है क्या?? धन्यवाद
बलराम जी को सादर प्रणाम 🙏🙏 आप मूल महाभारत में वर्णित इस घटनाक्रम को पढ़ सकते हैं जी। मैं पांडवों को नहीं मारुंगा, उनके 10000 महारथी अवश्य ही मारुंगा प्रतिदिन। - पितामह भीष्म उवाच।
महाराज धृतराष्ट्र की 101 संतान थी, जिनमें 100 पुत्र और 1 पुत्री (दुश्शला), युयुत्सु सबसे छोटे थे तो उनको 101 वाँ कौरव कहना अनुचित नहीं है जी, शेष आप स्वयं जानकार ही जान पड़ते हैं। जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद, राम राम जी
सबसे पहले बैईमानी गंधारी ने अपने गर्भ अवस्था में ही शुरूवात हो गयी थी ।तो विधी में विधान है कि जिसकी नियत गर्भ काल में ही सही नहीं हो तो बच्चे अच्चे स्वभाव कहा से आयेगा ।
Mahabharat ko ghar mein rakhne Ki Jo Baat Hai yah muglo dwara band kar a Gai thi Kyunki Mahabharat padhne ke bad hindu dharm bhartiyon ko jo Sata tha Aur vah mugalon Ke Upar chadhai Karte The isliye mugalon ne Mahabharat Granth ko hinduon ke ghar mein mugalon ne rakhva na band Kiya aur kuch had Tak angreji shasan ka bhi hai
Dada ji aapne sab sulja kar bta diya h hmara bharam dur huwa h aab aap ye pheli bhi btao hanuman ka janam Or machli k pet se ladki ka janam jo ki btate he galat kokh me wiryya nast ho jata h fir bhi ladki ka janam huwa thaa kan nak seeng se manash ka janam sab btao
आदरणीय रामचंद्र जी 🙏🙏 जो आप समझते हैं, उसी को मानते हैं और अनुसरण भी उसी का करते हैं किंतु हमारे कुछ भी मानने से या ना मानने से पृथ्वी की गति पर कोई असर नहीं पड़ता। आशा है कि आप समझ गए होंगे मेरा भाव, ग्रंथों को पढ़िए, समस्या दूर हो जाएगी। धन्यवाद आपका 🙏
राम राम जी 🙏🙏 आपके या किसी और के कुछ मानने या ना मानने से प्रकृति और पृथ्वी का संतुलन नहीं बिगड़ता। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सद्बुद्धि प्रदान करें इस प्रकार की प्रत्येक खोपड़ी को। धन्यवाद जुड़ने के लिए।
युधिष्ठिर को धर्म राज नहीं कहा जा सकता है । अर्जुन को वरमाला पहनाने वाली द्रौपदी से विवाह करने वाला तथा जुए में पत्नी और भाइयों को हारने वाला धर्मराज नहीं हो सकता है ।
आपके विचार में ऐसा होगा जी, हमारे विचार में तो महाराज युधिष्ठिर स्वयं धर्मराज ही हैं। मूल महाभारत पढ़िए किसी ज्ञानी का सहारा लेकर तो बात समझ आए, मनमुखी व्यक्ति किसी भी तरह से पार नहीं हो सकता। रही बात आपके आरोपों की तो आपके और हमारे पुर्वजों ने तो सदैव महाराज युधिष्ठिर को धर्मराज कहकर संबोधित किया है तो आप उनको ग़लत ठहरा रहे हैं इस विचार से। सादर प्रणाम आपको 🙏🙏
Bahut bahut dhanyawad hamari nayee generation ko purana etihaas sunane ke liye....umeed hai hum, hamare bachhe ess se bahut kuchh dikhenge.❤
अति सुन्दर अति सुन्दर व्याख्या पंडित सूरजमल जी द्वारा की गई है इसके लिए पंडित जी व सुधीर गोड जी आप दोनों का बहुत धन्यवाद राम राम जी
Bhai Dard Mahabharat Chala Diye Kitni badhiya tarike se Samjha Dada ko Ram ram
अति सुन्दर रहस्य बताया हैं जी,😊
Jai shre ram ❤
सुन्दर व्रतांत.. जय जय श्री राधे कृष्णा 🙏 🙏 🙏
Bhai sahab aap ki yad ke uper swarsty ki kripa hai.❤❤
Jay ho. Aapke. Chanal ki
चैनल भी और हम भी आपके 🙏🙏
आपको बारंबार प्रणाम।
Dada ji ko sat sat paranam 🙏🙏
Sundar bahut sundar
Shree hari parmatma ne har yug ka dharm banaya he or apni lilaye ki he esa vedo me likha par har yug me rahne walw hanuman ji swam shambhu he ye kripa unki thi kaliyug me india vsmodi dharm yudh he radhe radhe baba ram ram aap jese bujurg bhagya se milte he vedo purado me bahut kuch he Devendra Deewana vrindavan
Jai jai shri krishna ji
DaduRam SatyaRamJi 🙏 Sh.Krishna
Dada bahut acchi Vyakhya sunaeye aapko Bar Bar Naman
जब मृत्यु का समय आता है तो कर्ण क्या कोई भी जान की रक्षा नहीं कर सकता
भाव स्पष्ट है जी किंतु यहां आदरणीय श्री सूरजमल जी ने इस भाव के साथ इस बात को नहीं रखा था।
अंतिम समय में महाबली कर्ण अपनी शस्त्र विद्या को भूल जाएंगे ये श्राप था उनको।
धन्यवाद आपका 🙏🙏
@@RaagRaginiSangam7
Dada ji ne bilkul bat sahi kahi h ye jo bate t v siriyal walo ne ulta pulta dhikaya h vahi samaj me felaya h
Super se upar ji dada ji ✌👍🙏🙏🙏🙏
Very very bate
जो राजगुरू राजा को गलत काम करने से नहीं रोक सकता वो कहां का गुरु। राजगुरू का काम ही राजा को न्याय नीति पर चलाना होता था
सभी का अपना अपना मत है जी, आपके मत में यदि यही सही है तो कौन इसे बदल सकता है? इन ग्रंथों को समझने के लिए हमें सदगुरु अन्यथा किसी विद्वान व्यक्ति की आवश्यकता होती है।
धन्यवाद आपका 🙏
मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी दोनों ही प्रधानमंत्री रहे हैं
भाई,
बात सारी ठीक है । पर बेईमाना छल कपट घमंड ये सब अहंकार का नाम है ।
ओर कटु वचन समाज मे एक बहुत बड़ा योगदान है बर्बादी का ,
मान भगं करना शामिल है, उन्होंने पाडुओ को असल पांडु पुत्र नही माना ओर कुंती को बदचलन माना ।
यही वजह अहंकार को बढ़ावा दिया ।
🙏🙏
Very good story tauu Ram Ram
Mahabharat ke yuddh ko Dharm yuddh Kaha Gaya Hai Lekin usmein to hinsa Dikhai gai hai
ये बड़ा विचित्र लिखा जी आपने कि युद्ध में हिंसा दिखाई गई है।
रोले में भी लाल माथे ना होंगे तो के गिंदोडे बटैंगे?
युद्ध का अर्थ ही यही होता है।
यही तो ब्रह्म ज्ञान है
आप जिस समस्या की बात कर रहे हैं वो अनाड़ियों का टोला है। कहीं कहीं काम भी वही आते हैं।मुलला और मिशनरी को यह अनाड़ी ही काबू कर सकते हैं।
Baba ki seva karo sab jeevo ki seva karo maja aa jayega radhe radhe
Jai shree krishna.bhagwan shree krishna dhram sthapna ke liye pandvo ka sath diya kyonki pandav log dhram ke virudh koi kaam nahi karte thay Bhisam Ji yogi purush thay unhe eycha mirtu ka vardan tha.
🙏🙏
आप बनावे आप मिटावे बन्दे के बस नहि जी कर दे कोन बिगाड़ जिन्हो के रख वाली रघु राई जी
समय कर दे नर के करले समय आवना जाना
पंडित साधु राम जी ने आपने कविता में सब खोल कर रख दिया है महाभारत की रचना तो नारायण की रचना है जितने भी किरदार थे वो सब अपना अपना किरदार निभा रहे थे कृष्ण आज्ञा अनुसार या यूं कह लिजिए विवेक और बुद्धि से जिस पर नारायण का वास होता हैं के अनुसार हो रहा था जिसमे धर्म और अधर्म वा सत और असत्य भी दिखाई दे रहा था आज का मानव भी महाभारत का युद्ध लड़ रहा है
cc 18:57
Patiwart धर्म कैसे नस्ट होता बताना jra
अपने विचार व्यक्त किए हैं जी पंडित सूरजमल जी ने यहां, हो सकता है कि आप इनसे विपरीत सोचते हों।
तो इस प्रकार से ना आप उल्टा सोचते हैं और ना ही सूरजमल जी।
धन्यवाद
आप अपने ऊपर लागू कर के देख लो
Pt. Ji yadi sab apne dharm se bandhe huye the to Du:shasan bhi apne yuvaraj ke aadesh ka palan karne ko vivash tha ya nahin?
नमस्कार वैध जी, धर्म और आदेश की पालना दोनों ही अलग हैं। आपका प्रश्न कृपया कर पुनः लिखें ताकि भाव स्पष्ट हो सकें आपके।
धन्यवाद 🙏🙏
@@RaagRaginiSangam Maharaj ji Mahabharat jaise vishal granth mein dee gayee vyavasthaon se ekdam nishkarsh nikalna bahut kathin bhi hai. Apne agraj aur yuvraj ka adesh parit karna Du:shasan ke liye dharm hi tha, yeh bhi ek drishtikon ho sakta hai. Sat ath varsh ki ayu se Mahabharat ka vidyarthee raha hun aur ab 68 mein hun.
क्याय तारे सिर तारे कहा कहा भागे बताना
पूज्य जगदीश जी, आपके प्रश्न समझ नहीं आते, कृपया सही से लिखकर बताएं।
धन्यवाद
श्री कृष्ण जी भगवान नहीं थे महा पुरुष थे योगी थे योद्धा थे
धन्य हे आर्य वीर 😂😂
Mahasay ji dronacharya k sath chaal hua tha na
अंगद किसका पुत्र था दादा न पूछ क बताओ खोल क सारी
बाली का पुत्र था
पितामह भीष्म ने गुरु गुरु द्रोणाचार्य ने दुर्योधन को कोई भविष्यवाणी नहीं की, कि मैं पांडवों को नहीं मारूंगा, बाबा जी कृपया बताएं इसका कोई प्रमाण है क्या?? धन्यवाद
बलराम जी को सादर प्रणाम 🙏🙏
आप मूल महाभारत में वर्णित इस घटनाक्रम को पढ़ सकते हैं जी।
मैं पांडवों को नहीं मारुंगा, उनके 10000 महारथी अवश्य ही मारुंगा प्रतिदिन।
- पितामह भीष्म उवाच।
@@RaagRaginiSangam आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी बाबा जी के ज्ञान को बार-बार प्रणाम
18:20
नुबी लिख राखी स असि साल का बूढा शादी करवाना चाहता है ओर 18साल बचा शादी नहीं करना चाहता
पंडित जी ने यहां अपने विचार व्यक्त किए हैं जी, आप कृपया कर आपत्ति बताएं, सही किया जाएगा निश्चित रूप से।
5-Bhay.kisk.putr.The
करदे गेल करिये ओर पाप धर्म त ना डरिये
Ye vidharmi log hamare dharm giranthon ko kalpnik batate hn. Jo aab snatani log bhi manne lagaye. Ye sab gulami ka prabhav h.
Yuyutsu 100va thha na ke 101 va
महाराज धृतराष्ट्र की 101 संतान थी, जिनमें 100 पुत्र और 1 पुत्री (दुश्शला), युयुत्सु सबसे छोटे थे तो उनको 101 वाँ कौरव कहना अनुचित नहीं है जी, शेष आप स्वयं जानकार ही जान पड़ते हैं।
जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद,
राम राम जी
Tau n nu to btade ak dropdi daav p lgayi khud yudhistar n thi uste bda paapi kon hai
कृपया कर पहले किसी विद्वान का सहारा लेकर ग्रंथों का अध्ययन कीजिए, स्वयं संतुष्ट हो जाएंगे सभी जिज्ञासाओं का उत्तर मिल जाएगा।
धन्यवाद जुड़ने हेतु 🙏🙏
अग्नि से कैसे utpann हुई Dropadi
श्रीमान जी, जब आपने मानना ही नहीं है तो कृपया ये अहंकार किसी यथार्थ स्थान पर प्रयोग करें, ऊर्जावान रहें आप परमात्मा से यही प्रार्थना है मेरी 🙏🙏
सबसे पहले बैईमानी गंधारी ने अपने गर्भ अवस्था में ही शुरूवात हो गयी थी ।तो विधी में विधान है कि जिसकी नियत गर्भ काल में ही सही नहीं हो तो बच्चे अच्चे स्वभाव कहा से आयेगा ।
Television पर जो दिखाया गया है उसमें बड़ी सारी बातें जोड़कर दिखाया गया है जो कि मूल कथानक से अलग है जी।
Mahabharat ko ghar mein rakhne Ki Jo Baat Hai yah muglo dwara band kar a Gai thi Kyunki Mahabharat padhne ke bad hindu dharm bhartiyon ko jo Sata tha Aur vah mugalon Ke Upar chadhai Karte The isliye mugalon ne Mahabharat Granth ko hinduon ke ghar mein mugalon ne rakhva na band Kiya aur kuch had Tak angreji shasan ka bhi hai
आदरणीय श्री राज कुमार जी को सादर प्रणाम 🙏🙏
आपका कथन सत्य है जी।
पुनः धन्यवाद 🙏🙏
Dada ji aapne sab sulja kar bta diya h hmara bharam dur huwa h aab aap ye pheli bhi btao hanuman ka janam Or machli k pet se ladki ka janam jo ki btate he galat kokh me wiryya nast ho jata h fir bhi ladki ka janam huwa thaa kan nak seeng se manash ka janam sab btao
अजीब है गंधारी अपने बेटे को तो रोकती नहीं द्रोपती को अपनी रक्षा करने से रोक ती है
आदरणीय रामचंद्र जी 🙏🙏
जो आप समझते हैं, उसी को मानते हैं और अनुसरण भी उसी का करते हैं किंतु हमारे कुछ भी मानने से या ना मानने से पृथ्वी की गति पर कोई असर नहीं पड़ता।
आशा है कि आप समझ गए होंगे मेरा भाव, ग्रंथों को पढ़िए, समस्या दूर हो जाएगी।
धन्यवाद आपका 🙏
Vastav me sant purush hai
राजा wirat की गऊ घेरी तब संतनु नहीं दिखा
धर्मग्रन वास्तव में झूठे हैं।
राम राम जी 🙏🙏
आपके या किसी और के कुछ मानने या ना मानने से प्रकृति और पृथ्वी का संतुलन नहीं बिगड़ता।
ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सद्बुद्धि प्रदान करें इस प्रकार की प्रत्येक खोपड़ी को।
धन्यवाद जुड़ने के लिए।
युधिष्ठिर को धर्म राज नहीं कहा जा सकता है । अर्जुन को वरमाला पहनाने वाली द्रौपदी से विवाह करने वाला तथा जुए में पत्नी और भाइयों को हारने वाला धर्मराज नहीं हो सकता है ।
आपके विचार में ऐसा होगा जी, हमारे विचार में तो महाराज युधिष्ठिर स्वयं धर्मराज ही हैं।
मूल महाभारत पढ़िए किसी ज्ञानी का सहारा लेकर तो बात समझ आए, मनमुखी व्यक्ति किसी भी तरह से पार नहीं हो सकता।
रही बात आपके आरोपों की तो आपके और हमारे पुर्वजों ने तो सदैव महाराज युधिष्ठिर को धर्मराज कहकर संबोधित किया है तो आप उनको ग़लत ठहरा रहे हैं इस विचार से।
सादर प्रणाम आपको 🙏🙏
कृष्ण ने