पितृ तर्पण की सरल विधि, pitra tarpan ki saral vidhi

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 20 дек 2024

Комментарии • 14

  • @amitjii7291
    @amitjii7291 3 месяца назад +3

    अति सुंदर बहुत बहुत धन्य वाद इस वीडियो के लिए।

    • @neerajkrishnacharya
      @neerajkrishnacharya  3 месяца назад

      @@amitjii7291 और आपका धन्यवाद ज्ञापित करता हूं इसे देखने के लिए l
      जय। श्री सीताराम

  • @sharngpanidikshit5084
    @sharngpanidikshit5084 2 месяца назад +6

    साधुवाद श्रीमन्! अत्यन्त सुन्दर प्रस्तुतिकरण, जटिल प्रक्रिया को न कर पाने वाले उन सभी मनुष्यों की सुविधा हेतु आपने अत्यन्त सरलीकृत विधि प्रस्तुत की है।जन जन तक अपने अध्यात्मिक कृत्यों (जो अत्यन्त महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं) को सरलता पूर्वक करने केलिए इस तरह के वीडियो की बहुत ही आवश्यकता और महत्व है। पुनः साधुवाद!इस सुन्दर कृत्य हेतु।

    • @neerajkrishnacharya
      @neerajkrishnacharya  2 месяца назад

      @@sharngpanidikshit5084 जय श्री सीताराम

  • @Gurmatsidhant
    @Gurmatsidhant 3 месяца назад +1

    Dhannyavaad❤

  • @AshokJaiswal-mm3ho
    @AshokJaiswal-mm3ho 2 месяца назад +2

    Dhanyvad pandit Ji

    • @neerajkrishnacharya
      @neerajkrishnacharya  2 месяца назад

      जय श्री राधे श्याम भईया जी

  • @DeepakSharma-mu5rt
    @DeepakSharma-mu5rt 2 месяца назад +1

    Shaandar video

    • @neerajkrishnacharya
      @neerajkrishnacharya  2 месяца назад

      @@DeepakSharma-mu5rt ji धन्यवाद आदरणीय

  • @purendrapandey1572
    @purendrapandey1572 3 месяца назад +2

    Very very good

  • @kamlaramsahai9843
    @kamlaramsahai9843 3 месяца назад +2

    ❤❤❤

  • @govindjangra5320
    @govindjangra5320 2 месяца назад +2

    मेरे माता पिता दोनों जिवित है क्या मै कर सकता हूं और मुझे ये नहीं पता क्षत्रीय वैश्य शूद्र इनमे से मेरा कोन सा वर्ण है तो मैं अपने नाम के आगे क्या लगाऊँ

    • @neerajkrishnacharya
      @neerajkrishnacharya  2 месяца назад

      माता पिता के जीवित होने पर आपके पिता का कर्तव्य है कि वो अपने पिता अर्थात अपने दादा दादी परदादा परदादी नाना नानी परनाना परनानी अथवा जो भी चाचा चाची ताऊ ताई अगर मृत हो गए हो तो उनको तर्पण किया जा सकता है l
      वर्ण का ज्ञान न होने पर केवल गोत्र और नाम ले कर ही तर्पण कर सकते है हां अगर गोत्र भी पता नही हो तब कश्यप गोत्र का उच्चारण करें l
      और यदि पिता अचल हो तो ये कार्य आप करसकते है
      पर प्रथम अधिक आपके पिता का है