राणा पूंजा भील को गोरिल्ला युद्ध प्रणाली में निपुण मानते हैं तो भिलों का नेतृत्व करने के लिए कोई राजपूत को क्यों चुना गया था और यदि राणा पूंजा राजपूत था तो भीलों का नेतृत्व करने के लिए राणा पूंजा को क्यों चुना गया
भीलों के दादा को अपना दादा अब कैसे मानने लगे, भीलू राणा जगजाहिर है हमारे पुरखों के वंशावली में पूंजा नाम भील जाति में होते हैं ओर आज तक कभी पूंजा नाम है ही नहीं भीलों के दादा को अपना दादा मानते हैं अच्छी बात हैं
Bhai Rana sangram singh ji ko Rana sanga kaha jata tha.. Kalyan Singh ko Kalla ji kaha jata he, or fatah singh ji ko Fatta ji kaha jata he... Ye sab rajput the... Punjraaj ko poonja bola gya .... Kherwara k paas jawas gaav he ..vaha k rav the dolat sing ji jinko aadivasi Bhai Dola kaka kahte the..... Or unki adivasi bhaiyo ki ek senik tukdi thi ..jinse Angrej thar thar kapte the..... Or dolat singh ji Angrej ko chakma Dene k liye har time Aadivasi vesh bhusha me rahte the.....
@@nagendrasinghpanwar7706 galti kar di tum logo ka sath de kar bhilo ne.... Sogan hi bhilo apne purvajo ki inke ravle mai Gaye or Inka Pani bhi pia to.... Mar jjana par inke dub ke mat rehna
@@HarishKumarParmar-th3ue यह कहां लिखा हुआ है कि भीलों का लीडर भील रहता है और मुस्लिम का लीडर मुस्लिम और राजपूत का लीडर राजपूत रहता है महाराणा प्रताप राजपूत थे और उनका सेनापति हकीम का सूर पठान मुस्लिम था जिसमें अधिकतर राजपूत और भील सेना थी और मराठा सेना का सेनापति इब्राहिमखा गांधी जो की एकमुस्लिम था और अकबर की सेना के सेनापति आमेर के महाराजा मानसिंह थे जोकि राजपुत पहले इतिहास पढ़ो फिर बहस बाजी करो किसी बात का ज्ञान नहीं हो तो उसे पर बोलना नहींचाहिए
@@ShaitansinghDeora-m6r side bol do naa bhilo se gin aati hai tum logo ko sabhi war tumne ladi humre purwajo ne kuch nahi kia . tum hi ho sab kuch yahi kehwana chate ho naa.... Mewad ka raj tilak bhil ke rakt ke tilak se hoti hai vo bhi hum chod de... Hum bhi dramantran kar le yahi chate ho naa
हम भील है हम स्वाभिमानी समाज के लोग हैं हम किसी के फेंके हुए निवाले पर पलने वाले लोग नहीं हैं, अगर आज भी मोका मिले तो कितने punja भील बनकर साबित कर सकते हैं कि हम आज भी किसी से कम नहीं है,, जय राणा punja bheel, jai johar
राजपूतों में पूंजा नाम के कितने राजपूत हैं? और गिनती की जय और भीलों में कितने इनकी भी गिनती की जाय मुगलों के सामने राजपूतों की कोई औकात नहीं थी voto भीलों के कारण इनका स्वाभिमान बचा हुआ है,,, वरना युद्ध भूमि छोड़ कर भाग जाया करते थे ये तो तीर कमान और गोफन से मुकाबला करते थे राणा पूंजा भील और अनेकों भील सैनिक
पूंजा नाम के ऑल राजस्थान में राजपूत व्यक्तियो के कितने नाम है आज तक अपने पूर्वजों का नाम तो रखा ही होगा या नही 🏹🏹🏹🏹🏹🏹 रहीं भीलों की बात तो पूंजा नाम के लाखों मिल जायेंगे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
भाई मॉडर्न जमाने में कोई पूजा नाम नहीं रखता है राजपूतों में वैसे तो पता चुंडावत उनके नाम से भी कोई राजपूत नहीं है और मॉडर्न जमाने में तो क्या वह राजपूत नहीं थे राजपूतों की औकात नहीं थी इसलिए उनके पास 562 रियासतें थी जो राजपूतों ने राजस्थान के एकीकरण के लिएदान कर दी अब तुम लोगों की औकात थी तो तुम्हारे पास रियासत कितनी थी यह भी बतादो औरकितनी दान दी यह बता दो फालतू सोशल मीडिया पर बकवासमत करो
राणा पूंजा भील एक प्रसिद्ध भील नेता थे जिन्होंने 16वीं शताब्दी में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के साथ मिलकर मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वह एक महान योद्धा और स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपने समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। राणा पूंजा भील का जन्म मेवाड़ के एक भील परिवार में हुआ था। वह महाराणा प्रताप के एक करीबी मित्र और सलाहकार थे और उन्होंने कई लड़ाइयों में उनका साथ दिया था। राणा पूंजा भील की सबसे प्रसिद्ध लड़ाई हल्दीघाटी की लड़ाई में हुई थी, जिसमें उन्होंने मुगल सेना के खिलाफ महाराणा प्रताप का साथ दिया था। इस लड़ाई में भील सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मुगल सेना को पराजित किया था। आजकल, राणा पूंजा भील को एक नायक के रूप में याद किया जाता है और उनकी वीरता और स्वतंत्रता की भावना को पूरे देश में सम्मानित किया जाता है।
इतने दिन पहले कहा गए थे और नाम से ही अर्थात पूंजा, नाम से ही भील आदिवासी समाज से है और राणा की उपाधी महाराणा प्रताप जी की मां , माता जी दी थी। जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश।
रामदेव जी मेघवाल थे उनको राजपूत बना दिया ,अब पूंजा जी भील है उनको राजपूत बनाने पर तूले हो ऐसे कही महापुरुष है जो राजपूत नही थे लेकिन राजपूतों ने उनको राजपूत बना दिया कुछ तो शर्म करो
मेवाड़ में कोई भील नही थे यह भी साफ साफ बोल देते 🤔 तुम लोगो ने मासूम लोगो के साथ खेल खेल ना शुरू किया है तो इसे पूरा भी करके दिखाना तुम लोगो ने नफरत का जहर गोल ही दिया है 🤔
@@bhagwatrajput08राणा पूजा जी भील इतने महान थे कि राजपूत अपना बाप मानने लग गए राणा पंजा जी भील वह भीलो के सेनापति थे भील के आज तक इतिहास में राजपुत सेनापती नहीं बन सका और भील किसिकी गुलामी नहीं करता महाराणा प्रताप को भीलो ने वचन दीया था इसलिए उनके साथ थे राणा पंजा भील के फोटो में साफ साफ दिख रहा है माथे पर गमछा धोती और धनुष पकड़े हुए राणा पुंजा भील राजपूत केसे हो गए मेवाड़ का राज चिन्ह देख लो अच्छी तरह से फिर मत कहना कि भिलो का सेनापति राजपूत कभी नहीं हो सकता हैं
@@subhashmasar6642 आप राणा पूंजा भील के लिए लड़ो और मैं राणा पूजा सोलंकी के लिए लड़ता हु आखिरकार कभी ना कभी तो जीत होगी और ये बात भी याद रखना जहां जहां क्षत्रिय लड़ा है वहां वहां जीत मिली है
हमारे भील राजाओ के नाम से आप का अस्तित्व बचा आप का मान समान बचा तुम्हारे सारे राजपूत राजा तो अक़बर के अधीन हो गए थे और आप हमारे पूर्वजों को की वजह से राणा प्रताप से महाराणा प्रताप कहलाए और आप हमारा इतिहास मिटाना चाहते हैं अब ये अब हम नहीं होने देगे
राणा पूंजा जी भील थे हे और रहेंगे... 1. इनका जो राणा पूंजा बताया जा रहा हे वो 2019 के बाद देखने को मिल रहा हे मेने उससे पहले कभी नही देखा 2. इनके राणा पूंजा की तस्वीर / फोटो जो हे वो हमारे राणा पूंजा जी भील से अलग हे 3. हमारे राणा पूंजा जी भील की मूर्ति हर जगह हमारी पारंपरिक वेशभूषा में अकीत हे 4. महाराजा प्रताप को महाराणा प्रताप बनाने में अहम भूमिका भीलों ने दी इस बात को कोई भूल नही सकता तभी से मेवाड़ के राजाओं के नाम के आगे राणा से महाराणा उपाधि लगी फिर तभी से पूंजा भील को राणा की उपाधि दी और तब से राणा लगाया और आज भी भीलों के नाम के साथ राणा लग रहा हे 5. इतिहास गवाह हैं मेवाड़ में अगर भील साथ नही देते तो क्या होता कभी सोचा है अगर सोचते तो आज इतिहास चोरी नही करते जय राणा पूंजा भील जय महाराणा प्रताप जय मेवाड़
राणा पूंजा जी राजपूत थे तो उनके नाम के साथ सिंह क्यू नहीं लगाया जाता है || राजपूत भाई लोग को तो सिंह से सम्बोधित किया जाता है || में किसी का विरोध नहीं कर रहा हूं || जानकारी के लिए पूछ रहा हूं || तो कोई अपशब्द का उपयोग करके अपने आप को नीच साबित ना करे || मेरे सवाल का भी जवाब दिजिए ||
राजपूतों के पीछे सिंह लगना अंग्रेजों के आने के बाद शुरू हुआहै राजपूत को सिंह की उपाधि जनरल जेम्स टॉड दी है राजपूतों की अंग्रेजों के पहले की वंशावली देख लेना किसी भी राजपूत के पीछे सिंह लगा हुआ नहींहै वैसे तो दुर्गादास राठौड़ के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहींहै सिरोही के महाराज महाराज सुल्तान के पीछे भी सिंह नहीं है जोधपुर महाराजा मालदेव के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहीं है और उनके सेनापति जेता कुपा के पीछे भी नहीं है और कितने उदाहरण चाहिएबोल भाई
@@yashwantparmar995राजपूतों के पीछे सिंह लगना अंग्रेजों के आने के बाद शुरू हुआ है राजपूत को सिंह की उपाधि जनरल जेम्स टॉड दी है राजपूतों की अंग्रेजों के पहले की वंशावली देख लेना किसी भी राजपूत के पीछे सिंह लगा हुआ नहीं है वैसे तो दुर्गादास राठौड़ के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहीं है सिरोही के महाराज महाराज सुल्तान के पीछे भी सिंह नहीं है जोधपुर महाराजा मालदेव के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहीं है और उनके सेनापति जेता कुपा के पीछे भी नहीं है
दोनों पक्षों दोनों समाज के लोगों को अपने अपने सबूत पक्ष लेकर कोर्ट में जाना चाहिए बल्कि दोनों समाज में आपसी तालमेल बिगड़ाता है सामाजिक सौहार्द बनाए रखें
पूंजा नाम के ऑल राजस्थान में राजपूत व्यक्तियो के कितने नाम है आज तक अपने पूर्वजों का नाम तो रखा ही होगा या नही 🏹🏹🏹🏹🏹🏹 रहीं भीलों की बात तो पूंजा नाम के लाखों मिल जायेंगे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
भील राजा पुजां जी को राणा की उपाधि मिली है एक वीर यौद्धा शिरोमणि थे नाम से पता चलता है कि पुजां आदिवासियों में नाम हुआ करता है उस जमाने में राजाओं राणा के आगे सिंह लगाए जाते थे शांति से इतिहास का पता करके शांति अमन-चैन भाईचारा का वातावरण बनाए रखे 🙏🙏
आप श्री परिक्षित सिंह पानरवा हुक्म की खम्मा घणी बहुत ही अच्छे शब्दों और ज्ञान पूर्वक इन्टरव्यू दिया जी और पत्रकार महोदय ने भी निष्पक्ष सवाल जवाब किए आभार धन्यवाद
जो इतिहास की विकृत कर रहै उनके खिलाफ कोर्ट मे जाये और ऐसे लोगो को सबक सिखाया जाये। आप राणा पून्जा की जयन्ति मेवाड मे जोर शोर से मनाये। जगह-जगह राणा पून्जा की मूर्तिया लगाये
परीक्षित सिंह जी आपका एक बयान आ रहा कि १०००/१५०० लोग बाहर से आकर माहोल बिगाड़ रहे हैं,आप भूल रहें कि बाहरी नहीं बल्कि यहीं पर आदिकाल से रहते आ रहे भील समाज के ही लोग है,।
परिक्षित जी राणा पूंजा जी आपके पूर्वज थे तो मेवाड़ राजघराना तथ्य पेश क्यू नी करता अगर राणा पूंजा जी राजपूत थे तो सभी राजघराने ख़ामोश क्यू है आख़िर वो सब तथ्य पेश क्यू नी करते
यह भाई बोल रहा है बाएं तरफ भील सैनिक की मूर्ति है तो उस भील सैनिक का इतिहास क्या है पूजा भील को तो तोड़ मरोड़ कर राजपूत बना रहे तो बताओं भील सैनिक कौन था जो एक तरफ राजपूत सैनिक और दूसरी तरफ भील सैनिक हैं तो उसका इतिहास क्या है फिर
महाराणा प्रताप के सहयोगी राणा पूंजा जी सोलंकी की उनकी जन्मस्थली पानरवा में एक भव्य मूर्ति व स्मारक बनवाया जाकर एक भव्य समारोह करके उद्घाटन किया जाए तथा देशभर के अतिथियों, इतिहासकारों व मीडियाकर्मियों को इनवाइट करें।
@@TheFrontiersMan1 सौ बात की एक बात भीलों के राणा बनने की कोशिश मत करो कोई जरूरत नहीं भीलों का राणा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप थे फालतू की झूठी कहानियां गढ़ने से इतिहास नहीं बदल जाता
@@TheFrontiersMan1 vedio ki starting me hi ye fix kr rhe he ki vo Rana punja Solanki rajput the are ese kese bhai।।। Rajput singh lgate aaye he saalo se to sirf ek punja ji hi apni गोत्र क्यों लगाते बजाय की पूंजा सिंह सोलंकी लगाने के????
पूंजा नाम के ऑल राजस्थान में राजपूत व्यक्तियो के कितने नाम है आज तक अपने पूर्वजों का नाम तो रखा ही होगा या नही 🏹🏹🏹🏹🏹🏹 रहीं भीलों की बात तो पूंजा नाम के लाखों मिल जायेंगे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
राजपूत समाज में पूजा नाम के कितने लोग हैंआज की तारीख में पर भील आदिवासी परिवार में लाखों लोग मिल जाएंगे आज की तारीख में पूजा नाम के राणा पूंजा भील थे और रहेंगे
Bappa kitne Rajput naam hain hai ,Duhlerai kitne Rajput hai naam hain ,Chunda kitne Rajput naam hain Bhai naamo ka parchlan samay ke saath badlata raha hai
श्री राम देव जी तुवर राजपूतों था गांव रामदेरा श्री पुजरा सिंह जी सोलंकी था राजपूतों गांव पाटण गुजरात है बिल्कुल बाकी जाती को पता नहीं है गलत टिपण्णी करने को शांति ठीक राजस्थान में राजपूतों का इतिहास देखो जय श्री राजपूताना राज जय हो 🙏🙏🎉🎉❤️❤️❤️🎉💪💪💪💪🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सभी भाईयों से निवेदन है कि दान फिर रक्षा की तो राजपुतों बिल्कुल आजादी दिलाने वाले है तो बिल्कुल राजपूतों फिर से बाकी सब जगह पर राज करने वाले है 💪💪💪⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️❤️🎉🎉🎉🙏🙏🙏🙏
मीडिया वाले भाई साहब एक व्यक्ति भील समाज से भी बुला लेते स्पष्ट हो जाता राणा पूंजा भील थे या नहीं राणा पूंजा भील है भील रहेंगे भीलों का इतिहास खत्म करने वाले खुद खत्म हो गए हैं भील समाज भारत का मुल मालिक है
भाई जी अपको इतिहास का मालुम होना चाहिये सामन्ती राज में भिलों को सेना में भर्ती नही किया जाता था,, भिलों की अपनी अलग राज व्यवस्था व न्याय व्यवस्था थी और वह आज भी जीवित हे,,, भील समुदाय अपने उपर किसी अन्य जमजों का नेत्रत्व या अधीन रहना पसंद नही करते,,, भील समुदाय हमेशा स्वतंत्र रहना ही पसंद करते थे और आज भी वसे ही हें,,,और वचनबद्द भी पक्के होते हें, और अन्य समुदायों की किसी भी भी प्रकार की राज व्यवस्था हो या दरबार व्यवस्था हो गुलामी नही स्वीकारते,,,लेकिन मित्रता व मदद का भाव जरुर रखते थे ओर रखते हें,,, और अपनी मात्रभूमि पर संकट बिल्कुल भी बर्दाश नही करते चाहे दुश्मन फिर केसा भी हो,,,इन्ही गुणो क
भिलों के इन्ही गुणो की वजह से भील राणा पुंजा के नेत्र्तव में भिलों की मात्र भूमि मेवाड पर संकट को भापते हुए अकेला पनरवा के ही भील नही पुरी भोमट की पालवी भूमि के (मुखी,गमेतीयों)के नेत्र्तव में चाप मार युद्ध मे निपुर्ण भिलो ने अपने क्षेत्र को दिल्ली वाला बादशाह जलालाउद्दीं अकबर से
राणा पूंजा सोलंकी राजपूत थे सब को पता ह ऐसे ही राजा मान सिंह आमेर का इतिहास बिगाड़ा ह वामपंथी इतिहासकारों ने बल्कि राजा मान सिंह आमेर महान राजा थे इसमें कोई सक नही ह किसी को
राणा पूजा भील थे मेवाड़ के राज चिन्ह में एक तरफ भील है और एक तरफ राजपूत है आंख खोल कर देखो दोनों का पहनावा अलगअलग है अगर आपको इतना भी समझ में नहीं आ रहा है तो इतिहास उठाकर देख लो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा राजपूत समाज में कितने पूजा है गिनती करके बताओ अगर आदिवासी परिवार में राणा पूजा भील के नाम के हजारों पूजा मिल जाएंगे राणा पूजा भील के बेटे का नाम तुम्हारे राजपूत समाज से नहीं मिलता है मेगा भील तुम लोग बात करते हो कि राणा पूजा सोलंकी है महाराणा प्रताप के वंशज भी बोलते हैं की राणा पूजा भील थे राणा पूजा भील थे और रहेंगे जय आदिवासी
परीक्षित सिंह सोलंकी पनरवा राज परिवार से हैं ।इनके ही पूर्वज राणा पूंजा थे जो हल्दीघाटी की युद्ध में मेवाड़ की तरफ से उपस्थित थे। राजपूतों की मूर्खता और सामूहिक भले की सोच नही रखने का परिणाम है की पूरी दुनिया ही आज पूंजा को भील जानती है। क्या ये दुनिया के लोगो की गलती है ? नही ,यह राजपूतों की गलती है की उन्होंने झूठ को स्थापित होने दिया । आज पनारवा परिवार हर जगह अपनी आवाज उठा रहा है अपनी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए।इतिहास लेखन के माध्यम से राजपूतों के विरुद्ध जो लैंड माइंस बिछाए गए हैं उसकी बहुत ही बड़ी कीमत राजपूतों को अब चुकानी होगी क्योंकि वक्त पर सोए रहने से छोटा सा घाव अब नासूर बन चुका है।
अरे भाई फोकट की बकवास नहीं होनी चाहिए एक तरफ कपड़े पहना हुआ व्यक्ति और एक तरफ बिना कपड़े पहने व्यक्ति इससे साफ जाहिर होता है एक व्यक्ति राजपूत था और एक तरफ राणा पूंजा भील था पूजा नाम का इतिहास उठाकर देख लो पूजा नाम का कोई व्यक्ति राजपूतों में नहीं मिलेगा और नहीं है यह सिर्फ तोड़मरोड़ की बातें
जाट गुर्जर यादव तो छोड़ो अब भीलों के बाप को भी अपना बाप बनाने पर तुले हुए हैं राजपूत 😅😅😅😅
राणा पूंजा भील को गोरिल्ला युद्ध प्रणाली में निपुण मानते हैं तो भिलों का नेतृत्व करने के लिए कोई राजपूत को क्यों चुना गया था और यदि राणा पूंजा राजपूत था तो भीलों का नेतृत्व करने के लिए राणा पूंजा को क्यों चुना गया
बकवास कर रहा है , कुछ खाती प्राप्त करने के लिए कर रहा है । इतने दिन शायद सोए हुए था जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश।
राणा पुंजा भील थे और रहे गा भील इतिहास के साथ छैड़खानी मत करना 🏹🏹🏹🏹
इतने दिनों तक सो रहे थे शायद
पुंजा नाम सिर्फ आदिवासियों में होता है
न की राजपूतों में ।
Brahman rss ka khel tha. Samaj ab samajh raha hai. Dhire dhire Rajput hindu dharm bhi chorenge. Bas 10 saal entejaar karo
भीलों के दादा को अपना दादा अब कैसे मानने लगे, भीलू राणा जगजाहिर है हमारे पुरखों के वंशावली में पूंजा नाम भील जाति में होते हैं ओर आज तक कभी पूंजा नाम है ही नहीं भीलों के दादा को अपना दादा मानते हैं अच्छी बात हैं
Bhai Rana sangram singh ji ko Rana sanga kaha jata tha.. Kalyan Singh ko Kalla ji kaha jata he, or fatah singh ji ko Fatta ji kaha jata he... Ye sab rajput the... Punjraaj ko poonja bola gya .... Kherwara k paas jawas gaav he ..vaha k rav the dolat sing ji jinko aadivasi Bhai Dola kaka kahte the..... Or unki adivasi bhaiyo ki ek senik tukdi thi ..jinse Angrej thar thar kapte the..... Or dolat singh ji Angrej ko chakma Dene k liye har time Aadivasi vesh bhusha me rahte the.....
@@KRMEENA-ke4uw वही तो हमारे पुरखों दादाओं को अपना बाप मान रहे है बेशर्म पहले कहा मर गए थे।जय राणा पूंजा भील
@@nagendrasinghpanwar7706 galti kar di tum logo ka sath de kar bhilo ne.... Sogan hi bhilo apne purvajo ki inke ravle mai Gaye or Inka Pani bhi pia to.... Mar jjana par inke dub ke mat rehna
भीलों का लीडर भील ही होता है राजपूत केसे ,,मुस्लिम का लीडर मुस्लिम ही होता है ..........
@@HarishKumarParmar-th3ue यह कहां लिखा हुआ है कि भीलों का लीडर भील रहता है और मुस्लिम का लीडर मुस्लिम और राजपूत का लीडर राजपूत रहता है महाराणा प्रताप राजपूत थे और उनका सेनापति हकीम का सूर पठान मुस्लिम था जिसमें अधिकतर राजपूत और भील सेना थी और मराठा सेना का सेनापति इब्राहिमखा गांधी जो की एकमुस्लिम था और अकबर की सेना के सेनापति आमेर के महाराजा मानसिंह थे जोकि राजपुत पहले इतिहास पढ़ो फिर बहस बाजी करो किसी बात का ज्ञान नहीं हो तो उसे पर बोलना नहींचाहिए
Jaglo ka raja kon hai bhil
@@ShaitansinghDeora-m6r side bol do naa bhilo se gin aati hai tum logo ko sabhi war tumne ladi humre purwajo ne kuch nahi kia . tum hi ho sab kuch yahi kehwana chate ho naa.... Mewad ka raj tilak bhil ke rakt ke tilak se hoti hai vo bhi hum chod de... Hum bhi dramantran kar le yahi chate ho naa
आपने कहा पढा ऐसा की राणा पुंजा भील भील नहीं आप खुद भी राजनीती से जुड़े हुए लग रहे हो मुझे लगता की आप बीजेपी से जुड़े हुए हो और राजनीती करना चाहते हो
इतने दिन कहा सोये थे जो आप ऐसा बोल रहे हो आप खुद कोन हो ये तय कर लो पहले
हम भील है हम स्वाभिमानी समाज के लोग हैं हम किसी के फेंके हुए निवाले पर पलने वाले लोग नहीं हैं, अगर आज भी मोका मिले तो कितने punja भील बनकर साबित कर सकते हैं कि हम आज भी किसी से कम नहीं है,, जय राणा punja bheel, jai johar
राजपूतों में पूंजा नाम के कितने राजपूत हैं? और गिनती की जय और भीलों में कितने इनकी भी गिनती की जाय
मुगलों के सामने राजपूतों की कोई औकात नहीं थी voto भीलों के कारण इनका स्वाभिमान बचा हुआ है,,, वरना युद्ध भूमि छोड़ कर भाग जाया करते थे ये तो तीर कमान और गोफन से मुकाबला करते थे राणा पूंजा भील और अनेकों भील सैनिक
Jay bhil
@@mkdewda आपके पूर्वज बहादुर थे पर आप वाटसअप यूनिवर्सिटी के मूर्ख
पूंजा नाम के ऑल राजस्थान में राजपूत व्यक्तियो के कितने नाम है आज तक अपने पूर्वजों का नाम तो रखा ही होगा या नही 🏹🏹🏹🏹🏹🏹 रहीं भीलों की बात तो पूंजा नाम के लाखों मिल जायेंगे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
दिल को छू लेने वाली बात बोल भाई आपने❤❤❤ बहुत ही सही जवाब दिया आपने अब जब भी कोई सवाल करें यही जवाब देना है बाकी जय भील
भाई मॉडर्न जमाने में कोई पूजा नाम नहीं रखता है राजपूतों में वैसे तो पता चुंडावत उनके नाम से भी कोई राजपूत नहीं है और मॉडर्न जमाने में तो क्या वह राजपूत नहीं थे राजपूतों की औकात नहीं थी इसलिए उनके पास 562 रियासतें थी जो राजपूतों ने राजस्थान के एकीकरण के लिएदान कर दी अब तुम लोगों की औकात थी तो तुम्हारे पास रियासत कितनी थी यह भी बतादो औरकितनी दान दी यह बता दो फालतू सोशल मीडिया पर बकवासमत करो
राणा पूंजा भील एक प्रसिद्ध भील नेता थे जिन्होंने 16वीं शताब्दी में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के साथ मिलकर मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वह एक महान योद्धा और स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपने समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।
राणा पूंजा भील का जन्म मेवाड़ के एक भील परिवार में हुआ था। वह महाराणा प्रताप के एक करीबी मित्र और सलाहकार थे और उन्होंने कई लड़ाइयों में उनका साथ दिया था।
राणा पूंजा भील की सबसे प्रसिद्ध लड़ाई हल्दीघाटी की लड़ाई में हुई थी, जिसमें उन्होंने मुगल सेना के खिलाफ महाराणा प्रताप का साथ दिया था। इस लड़ाई में भील सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मुगल सेना को पराजित किया था।
आजकल, राणा पूंजा भील को एक नायक के रूप में याद किया जाता है और उनकी वीरता और स्वतंत्रता की भावना को पूरे देश में सम्मानित किया जाता है।
इतने दिन पहले कहा गए थे और नाम से ही अर्थात पूंजा, नाम से ही भील आदिवासी समाज से है और राणा की उपाधी महाराणा प्रताप जी की मां , माता जी दी थी। जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश।
रामदेव जी मेघवाल थे उनको राजपूत बना दिया ,अब पूंजा जी भील है उनको राजपूत बनाने पर तूले हो ऐसे कही महापुरुष है जो राजपूत नही थे लेकिन राजपूतों ने उनको राजपूत बना दिया कुछ तो शर्म करो
Ye itihas chor h. Gujar ko bhi rajput man rhe h
भीलों को भी अपना बाप बनाएंगे अब ये 😂😂😂😂
😅
तुझे पता नहीं है बोला मत कर
रामदेव जी तंवर राजपूत he nhi pta he to be matlab ka gyaan mat bato
लक्ष्यराज सिंह एक इंटरव्यू में बोला मेवाड़ राज्य चिन्ह पर राणा पूजा भील और महाराणा महाराणा प्रताप का चित्र
मेवाड़ में कोई भील नही थे यह भी साफ साफ बोल देते 🤔 तुम लोगो ने मासूम लोगो के साथ खेल खेल ना शुरू किया है तो इसे पूरा भी करके दिखाना तुम लोगो ने नफरत का जहर गोल ही दिया है 🤔
Rana punja bheel the or bheel hi rahenge❤
@@DKrana09saradi राणा पूजा सोलंकी थे और सोलंकी रहेंगे
@@bhagwatrajput08राणा पूजा जी भील इतने महान थे कि राजपूत अपना बाप मानने लग गए राणा पंजा जी भील वह भीलो के सेनापति थे भील के आज तक इतिहास में राजपुत सेनापती नहीं बन सका और भील किसिकी गुलामी नहीं करता महाराणा प्रताप को भीलो ने वचन दीया था इसलिए उनके साथ थे राणा पंजा भील के फोटो में साफ साफ दिख रहा है माथे पर गमछा धोती और धनुष पकड़े हुए राणा पुंजा भील राजपूत केसे हो गए मेवाड़ का राज चिन्ह देख लो अच्छी तरह से फिर मत कहना कि भिलो का सेनापति राजपूत कभी नहीं हो सकता हैं
@@bhagwatrajput08वैसे हम भी कह सकते महाराणा प्रताप भील थे लेकिन तुम्हारी तरह नींच नहीं है किसी और को अपना बाप थोड़ी मानेगे
@@subhashmasar6642 आप राणा पूंजा भील के लिए लड़ो और मैं राणा पूजा सोलंकी के लिए लड़ता हु आखिरकार कभी ना कभी तो जीत होगी और ये बात भी याद रखना जहां जहां क्षत्रिय लड़ा है वहां वहां जीत मिली है
हमारे भील राजाओ के नाम से आप का अस्तित्व बचा आप का मान समान बचा तुम्हारे सारे राजपूत राजा तो अक़बर के अधीन हो गए थे और आप हमारे पूर्वजों को की वजह से राणा प्रताप से महाराणा प्रताप कहलाए और आप हमारा इतिहास मिटाना चाहते हैं अब ये अब हम नहीं होने देगे
मेरे हिसाब से पत्रकार भी मिला हुआ है इसको पता है राणा पूंजा भील था पर इस असामाजिक तत्व पक्ष में बात कर रहा है
पहले प्रथम क्लास का पाठ था उसमें राणा पूजा भील का पूरा इतिहास लिखा हुआ तब लेकिन उसको वंचित किया गया
राणा पूंजा जी भील थे हे और रहेंगे...
1. इनका जो राणा पूंजा बताया जा रहा हे वो 2019 के बाद देखने को मिल रहा हे मेने उससे पहले कभी नही देखा
2. इनके राणा पूंजा की तस्वीर / फोटो जो हे वो हमारे राणा पूंजा जी भील से अलग हे
3. हमारे राणा पूंजा जी भील की मूर्ति हर जगह हमारी पारंपरिक वेशभूषा में अकीत हे
4. महाराजा प्रताप को महाराणा प्रताप बनाने में अहम भूमिका भीलों ने दी इस बात को कोई भूल नही सकता तभी से मेवाड़ के राजाओं के नाम के आगे राणा से महाराणा उपाधि लगी फिर तभी से पूंजा भील को राणा की उपाधि दी और तब से राणा लगाया और आज भी भीलों के नाम के साथ राणा लग रहा हे
5. इतिहास गवाह हैं मेवाड़ में अगर भील साथ नही देते तो क्या होता कभी सोचा है अगर सोचते तो आज इतिहास चोरी नही करते
जय राणा पूंजा भील
जय महाराणा प्रताप
जय मेवाड़
इतिहास चोर 😂 भील भी लिख लो तुम
राणा पूंजा जी राजपूत थे तो उनके नाम के साथ सिंह क्यू नहीं लगाया जाता है || राजपूत भाई लोग को तो सिंह से सम्बोधित किया जाता है || में किसी का विरोध नहीं कर रहा हूं || जानकारी के लिए पूछ रहा हूं || तो कोई अपशब्द का उपयोग करके अपने आप को नीच साबित ना करे || मेरे सवाल का भी जवाब दिजिए ||
@@niruahari98 ऐसे तो देखा जाए छत्रपति शिवाजी ने कहां सिंह लगाया मुझे बताइए जरा आप भी
राजपूतों के पीछे सिंह लगना अंग्रेजों के आने के बाद शुरू हुआहै राजपूत को सिंह की उपाधि जनरल जेम्स टॉड दी है राजपूतों की अंग्रेजों के पहले की वंशावली देख लेना किसी भी राजपूत के पीछे सिंह लगा हुआ नहींहै वैसे तो दुर्गादास राठौड़ के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहींहै सिरोही के महाराज महाराज सुल्तान के पीछे भी सिंह नहीं है जोधपुर महाराजा मालदेव के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहीं है और उनके सेनापति जेता कुपा के पीछे भी नहीं है और कितने उदाहरण चाहिएबोल भाई
@@ShaitansinghDeora-m6rपागल है क्या तू राणा उदय सिंह कब के थे?🤦
@@bhagwatrajput08namune rajasthan ki baat kar
@@yashwantparmar995राजपूतों के पीछे सिंह लगना अंग्रेजों के आने के बाद शुरू हुआ है राजपूत को सिंह की उपाधि जनरल जेम्स टॉड दी है राजपूतों की अंग्रेजों के पहले की वंशावली देख लेना किसी भी राजपूत के पीछे सिंह लगा हुआ नहीं है वैसे तो दुर्गादास राठौड़ के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहीं है सिरोही के महाराज महाराज सुल्तान के पीछे भी सिंह नहीं है जोधपुर महाराजा मालदेव के पीछे भी सिंह लगा हुआ नहीं है और उनके सेनापति जेता कुपा के पीछे भी नहीं है
दोनों पक्षों दोनों समाज के लोगों को अपने अपने सबूत पक्ष लेकर कोर्ट में जाना चाहिए बल्कि दोनों समाज में आपसी तालमेल बिगड़ाता है सामाजिक सौहार्द बनाए रखें
जननी जने तो एडा जने के दाता के शूरवीर नहीं तर रिजे बजनी मति गमा जे नूर जय राणा पूंजा भील की जय और महाराणा प्रताप की जय जय मेवाड़
राणा पूंजा भील थे ।
😂😂😂😂 surajmal dada rajput the 😂😂😂😂😂
@@Chaudhary487 surajmal dada Bhil the
राणा पुंजा भील की जय
बहुत ही शानदार जानकारी दी है,जिन लोगों को गलतफहमियां है उनको हकीकत का पता चल जाएगा।🎉🎉🎉❤
एक बात आप समझ सकते हैं भील का नेतृत्व करने वाला भील राजा ही हो सकता राजपूत राजा नहीं हो सकता
राणा पुजा भील है और रहेंगे जय जोहार जय भील प्रदेश 🏹🏹🏹💪💪💪💪💪💪💪💪
पूंजा नाम के ऑल राजस्थान में राजपूत व्यक्तियो के कितने नाम है आज तक अपने पूर्वजों का नाम तो रखा ही होगा या नही 🏹🏹🏹🏹🏹🏹 रहीं भीलों की बात तो पूंजा नाम के लाखों मिल जायेंगे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
राणा पूंजा भील आदिवासी राजा है ]
वोई तो राणा पुजा भील है
भील सैनिक मेवाड़ में महाराणा के बराबर खडा रहता है तो महाराणा के बराबर कोई महान भील सैनिक होगा और वह राणा पूंजा भील था
100 परसेंट राणा पूंजा भील समाज का था।
इतने दिन कहा सोए थे अब पूंजा भील की प्रसिद्धि बढ़ने क्या लगी, राजपूत नजर आने लगा,
राणा पूंजा भील थे मेवाड़ राज चिन्ह में एक तरफ भील है एक तरफ राजपूत हैं कितनी भी समझ नहीं है दोनों का पहनावा अलग-अलग हैं!
भील राजा पुजां जी को राणा की उपाधि मिली है एक वीर यौद्धा शिरोमणि थे नाम से पता चलता है कि पुजां आदिवासियों में नाम हुआ करता है उस जमाने में राजाओं राणा के आगे सिंह लगाए जाते थे शांति से इतिहास का पता करके शांति अमन-चैन भाईचारा का वातावरण बनाए रखे 🙏🙏
भोमट के भील होलांकी गोत्र लगते थे , राणा दयालदास भील ,राणा हरपाल भील, राणा पुंजा भील भोमट के राजा थे ।
भील है और रहेंगे जय भील वंश __
राणा पूंजा भील कि जय जय जोहार जय आदिवासी जय संविधान जय भील प्रदेश 🏹🏹
आप श्री परिक्षित सिंह पानरवा हुक्म की खम्मा घणी बहुत ही अच्छे शब्दों और ज्ञान पूर्वक इन्टरव्यू दिया जी
और पत्रकार महोदय ने भी निष्पक्ष सवाल जवाब किए आभार धन्यवाद
गलत बात कह रहे हो मान्यवर मेवाड़ का चप्पा चप्पा जानता है तुम्हारा इतिहास कुछ भी कहें हम नहीं मानेंगे!
जो इतिहास की विकृत कर रहै उनके खिलाफ कोर्ट मे जाये और ऐसे लोगो को सबक सिखाया जाये। आप राणा पून्जा की जयन्ति मेवाड मे जोर शोर से मनाये। जगह-जगह राणा पून्जा की मूर्तिया लगाये
जयन्ति धूमधाम से मनायी जाती है और मूर्तियां लगी हुई है और वह भील है। अब 3-4 वर्षों से वो कैसे क्षत्रिय होने लगे।
राणा पुजा भील हैं और रहेंगे जय जोहार जय भील
परीक्षित सिंह जी आपका एक बयान आ रहा कि १०००/१५०० लोग बाहर से आकर माहोल बिगाड़ रहे हैं,आप भूल रहें कि बाहरी नहीं बल्कि यहीं पर आदिकाल से रहते आ रहे भील समाज के ही लोग है,।
सच्चाई का पत्ता स्थानीय लोगों से ही वार्ता करके लगाया जा सकता है
Rana punja Solanki rajput the thik hai hamare pass abhi bhi pura ithihas hai okey 👍👍👍👍 jai rajputana jai shree ram jai bhavani har har mahadev....
ये दोनों bjp के आदमी है।
जो अंग्रेजो को लैंड चाटा अब ओ बोल रहा है कि राणा पूजा राजपूत है
राणा पूजा भील है❤❤❤🏑🏑🏑 6:55 6:55
क्या रामदेव जी का मुदा भुल गए राणा पुजा पर आ गए उस समय भी हार स्वीकार करनी पड़ी थी
राणा पूजा भील था जय जोहारजय आदिवासी
महाराणा प्रताप भील थे
Bas kar bhai aapne un logo jese nhi h 😅
Ha apn ऐसे नहीं हैं
जब इतने सालो से भीलू राणा की जयनंति मनाते थे तब रावणे कहा सोये थे याबलवत सिह मेहता से यादेवीलाल पालीवाल से ठोलन नामा करवा रहे थे
राणा पूंजा सोलंकी कि जय
🙏🙏
राणा पूंजा जी पनारवा ठिकाने के सोलंकी राजपूत थे और आज भी वंशज ठिकाने में मोजूद है में खुद यह से बिलोंग करता हूं
@@ManishKharadi-j6l पनारवा रावले मैं पधारे आप तो
Mast joke tha re baba😂😂😂
@@mahaveerkharadi2669 राणा पुंजा सोलंकी के वंशज अभी भी पानरवा मैं मोजूद है
आपके वंशज कहा मोजूद है
वो तो बाद में हड़पा गया। क्यूंकि भील घुमंतू थे।
पनारवा वाले राजपूत बोखलाहट गये (हमारे भीलों के वजह से तुम्हारा इतिहास बचा
राणा पूजा जी सोलंकी का इतिहास बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
राणा पूंजा जी सोलंकी अगर भील थे उनके आज के वंशज कहां है परिवार कहां है भील समाज का इतिहास स्पष्ट करें
परिक्षित जी राणा पूंजा जी आपके पूर्वज थे तो मेवाड़ राजघराना तथ्य पेश क्यू नी करता अगर राणा पूंजा जी राजपूत थे तो सभी राजघराने ख़ामोश क्यू है आख़िर वो सब तथ्य पेश क्यू नी करते
तथ्य तेरे घर लेकर आएंगे क,या
यह भाई बोल रहा है बाएं तरफ भील सैनिक की मूर्ति है तो उस भील सैनिक का इतिहास क्या है
पूजा भील को तो तोड़ मरोड़ कर राजपूत बना रहे तो बताओं भील सैनिक कौन था जो एक तरफ राजपूत सैनिक और दूसरी तरफ भील सैनिक हैं तो उसका इतिहास क्या है फिर
महाराणा प्रताप के सहयोगी राणा पूंजा जी सोलंकी की उनकी जन्मस्थली पानरवा में एक भव्य मूर्ति व स्मारक बनवाया जाकर एक भव्य समारोह करके उद्घाटन किया जाए तथा देशभर के अतिथियों, इतिहासकारों व मीडियाकर्मियों को इनवाइट करें।
सोलंकी राजपूत कब से राणा बन गए
@@MukeshKumar-iy2hg पूरा वीडयो देख लिया होता तो यह सवाल नहीं पूछते आप!
@@TheFrontiersMan1 सौ बात की एक बात भीलों के राणा बनने की कोशिश मत करो कोई जरूरत नहीं भीलों का राणा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप थे फालतू की झूठी कहानियां गढ़ने से इतिहास नहीं बदल जाता
Rana. Jati. Nahi. Kintu. Rana. Pd. Nam. He. Bhilo. Rana. Nahi. Kintu. Majirana. Ka. Pd. Nam. Or. Yh. Pd. Nam. Mharana. Pratap. Ne. Diya tha. Or. Kyu. Diya. Tha. Vo. Aap. Logo. Ko. PTA. Hona. Chahiye.
Jb. Ki. Rana. Sanga. Or. Rana Puja solanki. Ke. Smy. Bhilo. Ko. Koi. Pd. Nam. Nahi. Tha. @@MukeshKumar-iy2hg
@@TheFrontiersMan1 vedio ki starting me hi ye fix kr rhe he ki vo Rana punja Solanki rajput the are ese kese bhai।।। Rajput singh lgate aaye he saalo se to sirf ek punja ji hi apni गोत्र क्यों लगाते बजाय की पूंजा सिंह सोलंकी लगाने के????
राणा पूंजा भील थे है रहेंगे
राणा पूजा भील की मूर्ति हर राज्य में राजस्थान के हर सर्किल पर लगेगी लेकिन ताकत है तो रोक लेना
जय राजपूताना जय राणा पूजा सोलंकी
पूंजा नाम के ऑल राजस्थान में राजपूत व्यक्तियो के कितने नाम है आज तक अपने पूर्वजों का नाम तो रखा ही होगा या नही 🏹🏹🏹🏹🏹🏹 रहीं भीलों की बात तो पूंजा नाम के लाखों मिल जायेंगे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
राणा पुजा भील हे ओर भील रहीगे
आज तक इतिहास में बीना नाम की मुर्ति नहीं लगी है मेरे भाई आज तक
Good
राणा पूजाजी सोलकी राजपूत है थे रहगे
दोनो पक्षों को अपने अपने सबूत लेकर कोर्ट जाना चाहिए
सही बात हे एकदम
पनारवा से राजपरिवारवाले दस्तावेज पेश कर रहे। आप लोग भी बताओ
राजपूत समाज में पूजा नाम के कितने लोग हैंआज की तारीख में पर भील आदिवासी परिवार में लाखों लोग मिल जाएंगे आज की तारीख में पूजा नाम के राणा पूंजा भील थे और रहेंगे
शायद लगता है राणा पूंजा भील कुछ गलत से रोज राजपूतानी से लव मैरिज करके यह वंशज छोड़करचले गए😂😂😂😂😂
मुंह संभाल के बात कर
जा राणा पूंजा का जन्म हुआ वा से ध्यान से सुने
@@BhimSingh-oz6yyवैसे तुम मुगल की ओलाद हो फालतू मत बक😂
राणा पूजा जी सोलंकी इतिहास बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
जय राणा पुंजा भील भील है और भील रहेंगे
Bheel nhi bheelo ke sardar the
Solanki rajput
@@bhawanisinghbhati8974😂😂 इतिहास चोर
Are rehn de bhai kuch bhi thoda mewar ka chinh he usme ja kr dekh man buddhi balak@@bhawanisinghbhati8974
पुरे भारत के राजपूत समाज में पूंजा नाम का एक भी व्यक्ति हो तो हमें बताओ पहले,
फिर भिल सरदार को राजपूत बताओ @@bhawanisinghbhati8974
@@bhawanisinghbhati8974 bheelo ka sardar bheel hi hota he koi dusrara nahi
पुनरव राज वंशज बडीया परिवार रोएल फेमोली है
भील थे
राणा पूजा भील थे होलकी परिवार में जन्म हुआ
भीलो का एक गौत्र है सोलंकी
राजपूतों में पूंजा नाम के कितने राजपूत है देखो
Bappa kitne Rajput naam hain hai ,Duhlerai kitne Rajput hai naam hain ,Chunda kitne Rajput naam hain
Bhai naamo ka parchlan samay ke saath badlata raha hai
श्री राम देव जी तुवर राजपूतों था गांव रामदेरा श्री पुजरा सिंह जी सोलंकी था राजपूतों गांव पाटण गुजरात है बिल्कुल बाकी जाती को पता नहीं है गलत टिपण्णी करने को शांति ठीक राजस्थान में राजपूतों का इतिहास देखो जय श्री राजपूताना राज जय हो 🙏🙏🎉🎉❤️❤️❤️🎉💪💪💪💪🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सभी भाईयों से निवेदन है कि दान फिर रक्षा की तो राजपुतों बिल्कुल आजादी दिलाने वाले है तो बिल्कुल राजपूतों फिर से बाकी सब जगह पर राज करने वाले है 💪💪💪⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️❤️🎉🎉🎉🙏🙏🙏🙏
मीडिया वाले भाई साहब एक व्यक्ति भील समाज से भी बुला लेते स्पष्ट हो जाता राणा पूंजा भील थे या नहीं राणा पूंजा भील है भील रहेंगे भीलों का इतिहास खत्म करने वाले खुद खत्म हो गए हैं भील समाज भारत का मुल मालिक है
श्रीमान आप बोल रहे हैं राणा पुंजा भील है तो उनके वंशक कहां है और उनका ठिकाना कहा है आपके पास कोई प्रूफ है बातवे
कुंवर साहब आप सही हो।
राणा पूँजा सोलंकी राजपूत ने भील समाज को सेना में भर्ती किया गया। और सेना में जो भी भर्ती होते हैं वे युद्ध में जीतने के लिए ही लड़ते हैं।
भाई जी अपको इतिहास का मालुम होना चाहिये सामन्ती राज में भिलों को सेना में भर्ती नही किया जाता था,,
भिलों की अपनी अलग राज व्यवस्था व न्याय व्यवस्था थी और वह आज भी जीवित हे,,,
भील समुदाय अपने उपर किसी अन्य जमजों का नेत्रत्व या अधीन रहना पसंद नही करते,,,
भील समुदाय हमेशा स्वतंत्र रहना ही पसंद करते थे और आज भी वसे ही हें,,,और वचनबद्द भी पक्के होते हें,
और अन्य समुदायों की किसी भी
भी प्रकार की राज व्यवस्था हो या दरबार व्यवस्था हो गुलामी नही स्वीकारते,,,लेकिन मित्रता व मदद का भाव जरुर रखते थे ओर रखते हें,,,
और अपनी मात्रभूमि पर संकट बिल्कुल भी बर्दाश नही करते चाहे दुश्मन फिर केसा भी हो,,,इन्ही गुणो क
भिलों के इन्ही गुणो की वजह से भील राणा पुंजा के नेत्र्तव में भिलों की मात्र भूमि मेवाड पर संकट को भापते हुए अकेला पनरवा के ही भील नही पुरी भोमट की पालवी भूमि के (मुखी,गमेतीयों)के नेत्र्तव में चाप मार युद्ध मे निपुर्ण भिलो ने अपने क्षेत्र को दिल्ली वाला बादशाह जलालाउद्दीं अकबर से
आजाद रखा दुश्मन को भिलों की पालवी धरती पर तो कदम तक नही रखने दिया,,
अन्त में महाराणा प्रताप मेवाड राजधानी भिलो की पालों के बिच चावन्द मे बनाई।
RANA PUNJA BHEEL THE
राणा पूजा भीलःजयःजोहारःआदिवासी❤❤❤
उनका जन्म कहा हुआ था
Rana Puja solanki rajput hai
जय हो राणा पूंजा जी सोलंकी
Jai ho Mr... Rana punja Solanki from panarwa....❤❤
वीराना पूजा के वंशज नहीं है मानसिंह के वंशज है मानसिंह के वंशज ही ऐसा काम कर सकते हैं बाकी जो
राणा पूंजा सोलंकी राजपूत थे सब को पता ह ऐसे ही राजा मान सिंह आमेर का इतिहास बिगाड़ा ह वामपंथी इतिहासकारों ने बल्कि राजा मान सिंह आमेर महान राजा थे इसमें कोई सक नही ह किसी को
Ye RSS ne voto ke lye Rajputo ke purvajo ko dusro mein bant diya. Ran Punja Rajput the par rajneeti ke shikar ho gaye.
राणा पुजा भील वो राजपूत थे तो 🏹तीर कमान 🏹 लेके क्यू खड़े थे
कुछ कुन तो गलती हुई है जो सामने नहीं आया है
well done banna 🌞🚩
राणा पूजा भील थे मेवाड़ के राज चिन्ह में एक तरफ भील है और एक तरफ राजपूत है आंख खोल कर देखो दोनों का पहनावा अलगअलग है अगर आपको इतना भी समझ में नहीं आ रहा है तो इतिहास उठाकर देख लो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा राजपूत समाज में कितने पूजा है गिनती करके बताओ अगर आदिवासी परिवार में राणा पूजा भील के नाम के हजारों पूजा मिल जाएंगे राणा पूजा भील के बेटे का नाम तुम्हारे राजपूत समाज से नहीं मिलता है मेगा भील तुम लोग बात करते हो कि राणा पूजा सोलंकी है महाराणा प्रताप के वंशज भी बोलते हैं की राणा पूजा भील थे राणा पूजा भील थे और रहेंगे जय आदिवासी
Jai rajputana rana solanki punjaji
दोनो रज चिनह राजपूतै के है भीलो का कूछ नही रावणे गोलियो कीओलाद टिटू बनना कोन था घूमर नंतय किसका है
परीक्षित सिंह सोलंकी पनरवा राज परिवार से हैं ।इनके ही पूर्वज राणा पूंजा थे जो हल्दीघाटी की युद्ध में मेवाड़ की तरफ से उपस्थित थे।
राजपूतों की मूर्खता और सामूहिक भले की सोच नही रखने का परिणाम है की पूरी दुनिया ही आज पूंजा को भील जानती है।
क्या ये दुनिया के लोगो की गलती है ? नही ,यह राजपूतों की गलती है की उन्होंने झूठ को स्थापित होने दिया ।
आज पनारवा परिवार हर जगह अपनी आवाज उठा रहा है अपनी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए।इतिहास लेखन के माध्यम से राजपूतों के विरुद्ध जो लैंड माइंस बिछाए गए हैं उसकी बहुत ही बड़ी कीमत राजपूतों को अब चुकानी होगी क्योंकि वक्त पर सोए रहने से छोटा सा घाव अब नासूर बन चुका है।
राणा पूंजा भील की जय हो
अरे भाई फोकट की बकवास नहीं होनी चाहिए एक तरफ कपड़े पहना हुआ व्यक्ति और एक तरफ बिना कपड़े पहने व्यक्ति इससे साफ जाहिर होता है एक व्यक्ति राजपूत था और एक तरफ राणा पूंजा भील था पूजा नाम का इतिहास उठाकर देख लो पूजा नाम का कोई व्यक्ति राजपूतों में नहीं मिलेगा और नहीं है यह सिर्फ तोड़मरोड़ की बातें
Rajput rana punjaa 🙏🙏🚩🚩🚩
Rana punja Solanki Rajput teh _ Bhilo ke leader teh but teh rajput
Sab raja hi the to arkshan kyu diya OBC,SC,ST ka sabko
राणा पूंजा भील जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश