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समाज व संसार परफेक्ट मैच मिस मैच,में ही उल्झी हुई है, परफेक्ट जैसा कुछ भी नही होता, हमे खुद देखना चाहिए कि हम कितने परफेक्ट है,खुद के लिए और लोगो के लिए, जवाब होगा नही,क्योंकि कोई परफेक्ट नहीं होता है,बस जीवन में संबध समाज में तालमेल स॔यम बनाकर चलना ही मानवता है, बस हित न अपना या दूसरो का खराब न हो,ये जीवन का मूल मंत्र का ध्यान रखना ही एक संतुष्ट जीवन का समाधान है,राधे राधे🙏🌹
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा। यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
अब तो आचार्य जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए हर शब्द छोटा लगता है ..... जैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं,निशब्द होती जा रही हूं, गहरे मौन में जाती जा रही हूं l नमन 🙏🙏❤
हो सकता है। जब मै इसे जिन्दगी में लाया था। तो बड़ी उम्मीदे रही हो। अब अ गया है। तो पड़ा रह न। अब मै बदल गया। मै आगे बड़ गया। मुझे पता है मुझे क्या करना है। ~ आचार्य प्रशांत
आप जिंदगी में जिसको भी लेकर आए हो, चाहे वह प्रियतम हो ,या कलम हो ,वो कभी भी अपेछाओ पर खरा नहीं उतरने वाला तो अपेछाओं का मातम नहीं मनाना है । हमे अपने जीवन के उद्देश्य पर आगे बढ़ जाना है ।🙏🙏
पहले खुद को संबारो पहले खुद को सत्य के मार्ग पर लेकर चलो, जो साथ है उनको पड़े रहने दो उन पर इतना ध्यान मत दो की अपना रास्ता ही भटक जाओ अगर उनको भी आप के साथ आना हुआ तो वो खुद ही चल पड़ेंगे, प्रणाम आचार्य जी ❤❤🙏🙏🙏
बात तो सही है-अपने व दुसरो के प्रति अच्छा करना ही नैतिकता है-धन्यवाद!गुरु जी ..."हम आह भी करते है तो हो जाते है बदनाम वो क़त्ल भी करते है तो चर्चा नही होता"...
गुरु मिले तो सब मिला, न तो मिला न कोय। मात पिता सुत बांधवा, वो तो घर घर होय।। जाया है सो जान दे, तेरी दसा न जाए। खेवटिया की नाव जियू, घने मिलेंगे आए।। कबीर साहब ❤
कल्पना कोई बेहतरी नहीं दे देती, कल्पना तो अहम् का प्रक्षेपण और विस्तार होती है, कल्पना भीतर बिमारी होती है, कल्पना बिमार मन की विचार होती है, जितना सहज और स्वस्थ्य होते जाते हों, उतना भविष्य की कल्पना करने की जरूरत बहुत कम होती है,
Thanku so much Aacharya ji... Aap ne bahut achchhe se samjhaya life partner ko lekar ..... Prabhu aap par kripa banae rakhe or aap jankalyaan me yogdaan karte rahe 🙏🌺
शादी या रिलेशन बहुत लोगों का तो गलत जगह बनते है, इसलिए हमें उन पर जादा ध्यान नहीं देना हैं, हमे ऊंचे और बड़े काम के तरफ़ ध्यान देना हैं और ऊंचा उठना है, आगे बढ़ना चाहिए , चाह गई चिंता मिटी मनुआ बेपरवाह, जिनको कुछ नहीं चहिए, ओ शाहन के शाह, । 🙏🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l 🙏❤️
हम हमेशा रोते हैं कि हमारी जिंदगी में जो लोग हैं अच्छे नहीं है तो हम ही कितने अच्छे हैं। तो क्या करें जैसे हैं चलने दे और क्या अब बैठकर अफसोस थोड़ी मनाओगे। जो सही काम है करते जाओ बस
Kya batye achray ji ko sun ko next level ki energy mil jati h kash aap hme pahle hi mil jate to ye Faltu ki jhanjhto m na padte koi Nahi abhi waqt gya nhi h abhi BHI waqt h khud ko sudharne ko 😊😊😊
कल्पना तो अहम का प्रक्षेपण होती है , विस्तार होती है । कल्पना जैसे बीमारी से निकलती है भीतरी । बीमार मन का विचार होती है कल्पना । इसलिए जितने आप स्वस्थ और सहज होते जाते हो उतना भविष्य की कल्पना करने की जरूरत कम होती जाती है। उस के बाद आप एक अनियोजित, अप्रत्यासित, भविष्य में जीने के लिए तैयार हो जाते हो ।
तुम गलत करना बंद कर दो, यही समाधान है, विकल्प को मत ढूंढो, वो कभी मिलेगा ही नहीं! जो पहले गलत चल रहा है इस पहले रोको! जो नहीं ठीक है उसे तत्क्षण त्यागिए! 🙏🙏
आप जिंदगी में जिसको भी लेकर आये है, चाहें वह प्रियतम हों या कलम हो,वो कभी भी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने वाला, तो अपेक्षाओं का मातम नहीं मनना है, हमें अपने जीवन के उद्देश्य पर आगे बढ़ जाना है,
कोई नहीं समझता ,उसे छोड़ दो आगे बढ़े. हम सत्य समझ गए है तो रुके क्यो? तकलीफ़ होती है पर हम भी रुक गए तो तकलीफ़ बढ़ेगी ही. उठे सत्य के साथ, सत्य के लिए चले, करुणा रखे उन सभी के लिए जो साथ नही 🤲👍🏽
आप ज़िंदगी में जिसको भी लेकर आए हो, चाहे वो प्रियतम हो, या कलम हो, वो कभी भी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने वाला। तो अपेक्षाओं का मातम नहीं मनाना है। हमें अपने जीवन के उद्देश्य पर आगे बढ़ जाना है। -आचार्य प्रशांत
"आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं?
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Sir publish your books in Bengali language....
Guru ji k offline satra krna chahte h kya mujhe batayenge aap ,
kanha aa k join kre please help me
Desh sudharo , sirl
समाज व संसार परफेक्ट मैच मिस मैच,में ही उल्झी हुई है, परफेक्ट जैसा कुछ भी नही होता, हमे खुद देखना चाहिए कि हम कितने परफेक्ट है,खुद के लिए और लोगो के लिए, जवाब होगा नही,क्योंकि कोई परफेक्ट नहीं होता है,बस जीवन में संबध समाज में तालमेल स॔यम बनाकर चलना ही मानवता है, बस हित न अपना या दूसरो का खराब न हो,ये जीवन का मूल मंत्र का ध्यान रखना ही एक संतुष्ट जीवन का समाधान है,राधे राधे🙏🌹
❤🙏🌹❤प्रणाम आचार्य जी❤🌹🙏❤
जीवित आदमी को उसकी मर्जी के बगैर उसे नहीं सुधारा जा सकता।
ye kis vidoe me bola hai
हमारी जिंदगी में कौन आ गया इस पर हमें रोना नहीं रोना है , हमे उसे नजरंदाज करके आगे बढ़ना है।
~आचार्य प्रशांत 🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
न अतीत की सोचिए, और न ही भविष्य की सोचिए,बस आगे बढ़ते रहो,
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है।
किसी के मोह में नही आना चाहिए
।
Sach kaha aapne bahut gahri baat boliye. Anubhav ke baad mujhe bhi samaj agaya ab
रिश्ते को तोड़ना नहीं होता है उसको सही जगह पहुंचानी होती है🙏🙏🙏
kuch reshite ko tor dena hi achi jagah pahuchana hota he.😢
@@amankumar-hz5ne Exactly yrrr kuchh rishte bhaut toxic hote hain.... Tumhara suna hi nhii jaata kuchh 😢😢😢
सत्य वचन
कुछ नया करने के लिए पुराना भूलना पड़ता है.
रिश्ता गलत नहीं होता,हमारा चुनाव गलत होता है।देख लो ना किसको चुन रहे हो जीवन में उसी से तय हो जाता है अपना भी जीवन और सामने वाले का भी।
जिंदगी मे जिस भी किसी को लाए है वो पुरा खरा नही उतरने वाला और हम भी इस लिए जिंदगी में जो उच्च से उच्चतम है उस ओर अग्रसर हो ले आगे बढ़े आगे बढ़े । Ap
😊😊
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
अब तो आचार्य जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए हर शब्द छोटा लगता है ..... जैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं,निशब्द होती जा रही हूं, गहरे मौन में जाती जा रही हूं l नमन 🙏🙏❤
हो सकता है। जब मै इसे जिन्दगी में लाया था। तो बड़ी उम्मीदे रही हो। अब अ गया है। तो पड़ा रह न। अब मै बदल गया। मै आगे बड़ गया। मुझे पता है मुझे क्या करना है।
~ आचार्य प्रशांत
Jb bhi mai kisi bhi उलझन mai hoti hu aapka video aaa jata h mujhe sahi raah dikhane ka
Bilkul ishwar ka kripa h hum par or aacharya ji ki b
कल्पना तो हमारे स्वार्थ से जुड़ी होती है न और जब स्वार्थ मिटता हैं तो
कल्पना पर जीने की जरूरत भी कम होने लगती हैं 👍👍
बीमार मन का विचार होती है कल्पना 🙏🙏🙏🙏🙏
हम जैसे हमारे रिश्ते भी वैसे..।
Sahi bola. Na kisi ke zindagi mein taang adao na kudh ki zindagi barbad Karo
जितना तुम स्वास्थ और सहज हो जाते हो उतना ही तुम्हारे भविष्य की कल्पनाएं कम होती जाती है🙏🙏
आपकी ये बाते अब मै अपने रिश्ते में लगा रही हू और आगे बड़ने की कोशिश कर रही हू
Same with me
जो कुछ है, जैसा भी है, बस का करते रहो,और आगे बढ़ते रहो,
वर्तमान में निष्काम और भविष्य से बेपरवाह - ये है आध्यात्मिक आदमी की पहचान।
~आचार्य प्रशांत
ईमानदारी का नुस्खा है पहले बेईमानी को छोड़ दो, प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏
झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मनमोद ।
जगत चबैना काल का, कुछ मुख में कुछ गोद।।
- संत कबीर
बीमार मन का विचार होती हैं कल्पना।
*स्थितियां अनुकूल हों, चाहें प्रतिकूल हों, सही काम तो करना ही है।*
Jai Gurudev
आप जिंदगी में जिसको भी लेकर आए हो, चाहे वह प्रियतम हो ,या कलम हो ,वो
कभी भी अपेछाओ पर खरा नहीं उतरने वाला तो अपेछाओं का मातम नहीं मनाना है । हमे अपने जीवन के उद्देश्य पर आगे बढ़ जाना है ।🙏🙏
"जो अभी चल रहा है उसे रोको, फिर दिखेगा की आगे क्या करना है।"
❤ प्रणाम आचार्य श्री।
परिस्थिति का स्वीकार करो समस्या में उलझो नहीं आगे बढ़ो। 🙏
आचार्य जी को शत शत नमन ❤❤❤
कल्पना भीतरी बीमारी से निकलती हैं ,जितने हम भीतर से स्वस्थ और सहज होने लगते हैं उतना ही हमे भविष्य की कल्पना करने की जरूरत कम होने लगती है 🙏🙏
पहले खुद को संबारो पहले खुद को सत्य के मार्ग पर लेकर चलो, जो साथ है उनको पड़े रहने दो उन पर इतना ध्यान मत दो की अपना रास्ता ही भटक जाओ अगर उनको भी आप के साथ आना हुआ तो वो खुद ही चल पड़ेंगे,
प्रणाम आचार्य जी ❤❤🙏🙏🙏
जिंदगी में जो कुछ भी मिला है ,वह सिर्फ एक संसाधन है जिसका प्रयोग करके हमे सत्य (आत्मा)की ओर आगे बढ़ना है 🙏🙏
लड़ना नही अपने जीवन के उद्देश्यों के साथ आगे बड़ जाना है । 🙏🙏
बात तो सही है-अपने व दुसरो के प्रति अच्छा करना ही नैतिकता है-धन्यवाद!गुरु जी
..."हम आह भी करते है तो हो जाते है बदनाम
वो क़त्ल भी करते है तो चर्चा नही होता"...
ईमानदारी के मार्ग से घटित हुए विकल्प ही स्वस्थ एवं सहज जीवन की ओर अग्रसर करती है।
PRANAM
Naman Acharya ji koti koti pranam...🙏🙏🌺❤️
Was really in need of this vdo..
For mind awakening ❤🙏
अपनी अपेक्षाओं का मातम नहीं मनाना है अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ जाना है ❤ धन्यवाद आचार्य जी
नजर ,ध्यान हमेशा ऊंचे लक्ष्य मुक्ति की ओर रहे और खुद पर❤
धन्यवाद आचार्य जी जीवन को सार्थकता देने के लिए 🙏🙏
आप को बोहोत बोहोत धन्यवाद मेरे जीवन में प्रकाश लाने के लिए।
गुरु मिले तो सब मिला, न तो मिला न कोय।
मात पिता सुत बांधवा, वो तो घर घर होय।।
जाया है सो जान दे, तेरी दसा न जाए।
खेवटिया की नाव जियू, घने मिलेंगे आए।।
कबीर साहब ❤
कल्पना स्वार्थ की दासी होती है।
कल्पना कोई बेहतरी नहीं दे देती, कल्पना तो अहम् का प्रक्षेपण और विस्तार होती है, कल्पना भीतर बिमारी होती है, कल्पना बिमार मन की विचार होती है, जितना सहज और स्वस्थ्य होते जाते हों, उतना भविष्य की कल्पना करने की जरूरत बहुत कम होती है,
Shat Shat Naman Acharya ji 🙏🏻
Thanku so much Aacharya ji...
Aap ne bahut achchhe se samjhaya life partner ko lekar .....
Prabhu aap par kripa banae rakhe or aap jankalyaan me yogdaan karte rahe 🙏🌺
शादी या रिलेशन बहुत लोगों का तो गलत जगह बनते है, इसलिए हमें उन पर जादा ध्यान नहीं देना हैं, हमे ऊंचे और बड़े काम के तरफ़ ध्यान देना हैं और ऊंचा उठना है, आगे बढ़ना चाहिए , चाह गई चिंता मिटी मनुआ बेपरवाह, जिनको कुछ नहीं चहिए, ओ शाहन के शाह, । 🙏🙏🙏🙏🙏
Right
🙏🙏🙏
सच्चाई के कितने करीब है आप मुझे बहुत शांति मिल रही है
❤❤ नमन आचार्य जी🙏❤❤❤❤❤❤❤️❤ आई लव यू आचार्य जी❤❤❤❤❤
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं ,जिन्होंने जनसमान्य में भगवदगीता, उपनिषदों,ऋषियों की बोधवाड़ी को पुनर्जीवित किया।🙏🙏🙏🙏🙏
👌👌👏👏🌟
कल्पना स्वार्थमय
होती है।
Pranam aacharya ji
Related to my life. now I m thinking my decision is right.thank you Acharya ji 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏~~ प्रणाम आचार्य जी ~~ ❤❤❤❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏~~ प्रणाम आचार्य जी ~~ ❤❤❤❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l 🙏❤️
बीमर मन की विचार होती है कल्पना
जीवन जीने की कला आपसे अच्छी कौन बता सकता है आचार्यजी🙏🙏❤️❤️
हम हमेशा रोते हैं कि हमारी जिंदगी में जो लोग हैं अच्छे नहीं है तो हम ही कितने अच्छे हैं।
तो क्या करें जैसे हैं चलने दे और क्या
अब बैठकर अफसोस थोड़ी मनाओगे। जो सही काम है करते जाओ बस
Shi baat h guruji aap ki🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
चरण स्पर्श आचार्य जी
कल्पना तो स्वार्थ के हिसाब से होती है, और जब स्वार्थ मिटने लगता है, तो कल्पना पर जीने की जरूरत अपने आप घटने लगती है।
सुप्रभातम् शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
Kya batye achray ji ko sun ko next level ki energy mil jati h kash aap hme pahle hi mil jate to ye Faltu ki jhanjhto m na padte koi Nahi abhi waqt gya nhi h abhi BHI waqt h khud ko sudharne ko 😊😊😊
न अतीत को याद करो ना भविष्य को जो सामने हैं वो करो
SAHI KAH...🎉❤
acharya ji pranam you are true angel of God krishna
Right
Thank you
शत शत नमन गुरूदेव ❤ ❤ ❤
Eagerly waiting....
बिलकुल सही कहा
Bilkul Sahi baat....🙏🙏
कल्पना तो अहम का प्रक्षेपण होती है ,
विस्तार होती है ।
कल्पना जैसे बीमारी से निकलती है भीतरी ।
बीमार मन का विचार होती है कल्पना ।
इसलिए जितने आप स्वस्थ और सहज होते जाते हो उतना भविष्य की कल्पना करने की जरूरत कम होती जाती है।
उस के बाद आप एक अनियोजित, अप्रत्यासित, भविष्य में जीने के लिए तैयार हो जाते हो ।
तुम गलत करना बंद कर दो, यही समाधान है, विकल्प को मत ढूंढो, वो कभी मिलेगा ही नहीं! जो पहले गलत चल रहा है इस पहले रोको! जो नहीं ठीक है उसे तत्क्षण त्यागिए! 🙏🙏
प्रणाम अचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
थोड़े नहीं ज्यादा समस्याएं हैं
Thanks Aacharya ji❤❤❤❤❤❤
आचार्य जी ❤❤❤
आप जिंदगी में जिसको भी लेकर आये है, चाहें वह प्रियतम हों या कलम हो,वो कभी भी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने वाला, तो अपेक्षाओं का मातम नहीं मनना है, हमें अपने जीवन के उद्देश्य पर आगे बढ़ जाना है,
Ji
Good morning acharya ji
प्रणाम आचार्य जी कोटि कोटि नमन है आपको
मैं बहुत अच्छी तरह समझ रही हूं
कोई नहीं समझता ,उसे छोड़ दो आगे बढ़े. हम सत्य समझ गए है तो रुके क्यो?
तकलीफ़ होती है पर हम भी रुक गए तो तकलीफ़ बढ़ेगी ही.
उठे सत्य के साथ, सत्य के लिए चले, करुणा रखे उन सभी के लिए जो साथ नही 🤲👍🏽
Right sir hme hmse present me jina hoga .....
❤pranam Acharya ji ❤
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी ❤️💐🌹🌼
🙏 aacharya jii
🙏 मुझे भी सत्र मै आकार गुरुदेव को प्रत्यक्ष रूप मै देखना है
सादर प्रणाम आचार्य जी ❤
बहुत ही सुन्दर explanation है ❤
आप ज़िंदगी में जिसको भी लेकर आए हो,
चाहे वो प्रियतम हो, या कलम हो,
वो कभी भी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने वाला।
तो अपेक्षाओं का मातम नहीं मनाना है।
हमें अपने जीवन के उद्देश्य पर आगे बढ़ जाना है।
-आचार्य प्रशांत
Pranam acharya ji ❤❤❤
मैने कई शिकायत पाल रखे थे अपने शादी शुदा जीवन को ले कर, मगर अब मैने मुक्ति की तरफ ध्यान दिया है और रिश्तों को उनका सही स्थान पर रखा है 😊
जाता है तो जान दे,
तेरी दश न जाए।
खेवटिया की नाव जो,
घनी मिलेंगे आय।।🌻
एक दिन ऐसा होएगा,
कोई काहू का नाहि।
घर की नारी को कहे,
तन की नारी जाहि।।🌻
Jay ho 🙏🧘
जो आज्ञा गुरू
जो नहीं ठीक है उसे तत्क्षण त्यागो
Jai shri krishna