यहां सब कुछ हो रहा है कोई करता नहीं है. इसे ही लीला कहते है. हम दृष्टा नहीं दृश्य हैं और व्यक्तित्व के बारे में जो अद्भुत ज्ञान दिया आपने उसके लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद महाराज जी
प्रणाम महाराज जी 🙏! गागर में सागर बहुत सुंदर सत्संग महाराज जी आपने। जीवन जीने के लिए नही , जीवन मरने के लिए भी नही , जीवन स्वयं को जानने के लिए है ! हम सब कुछ जान कर भी अनजान बने रहना चाहते है जिंदगी का मतलब बस चलते रहना निरन्तर बढ़ते रहना, चलते चले जाना ना मंजिल, ना कोई उद्देश्य बस इन्हें पाल लेते हैं चलने के दौरान ताकि चलने में मन फँसा रहे, लगा रहे क्योंकि जीवन में है हमें निरन्तर चलना | प्रणाम !
🙏महाराजी प्रणाम 🙏 अपने जो जीवन का खोजने के लिए बताया है वो इंसान के हितों का जूनून है। ओर हम जो अपने ध्यान को केंद्रित करे तो सत्य दिखने लगता है हम दुनिया को दुनिया से हट के देखे तो साफ साफ़ पता चल जाए इंसान को उस के अनुभव पर ध्यान देना चाहिए। आपके चरणों मैं कोटि कोटि नमन 🌹
आपने प्रज्ञापारमिता सूत्र का जिक्र किया। दुनिया की इस प्रथम मुद्रित पुस्तक के विषय में भारतीय अभी भी अनभिज्ञ है। इस सूत्र की शिक्षाओं पर आप पुनः भविष्य में विस्तार से कुछ कहेंगे ऐसी आशा है। अत्यंत खेद की बात है कि इस महत्वपूर्ण पुस्तक का हिन्दी अनुवाद भी अब तक 2024 में उपलब्ध नहीं हो सका है जबकि भगवान बुद्ध और उनके बौद्ध धर्म ने इसी भूमि पर जन्म लिया!
मैंने भी कहीं पढ़ा है ऐसा ही कुछ स्वरुप की प्राप्ति का विवरण...कि गंगा नदी से कोई सोने की तरह दमकता पुरूष निकला और देखने वाले के शरीर में समा गया और देखने वाले ने इसे स्वरुप प्राप्ति समझ लिया अपने चेलों को भी यही अज्ञान बता दिया 😁😁😁 महाराज जी को कोटि कोटि साष्टांग दण्डवत प्रणाम!🙏🙏
मेरा, मेरी कहते कहते अहम किया मजबूत। अब इस अहम से व्याकुल सारे ये अहम बड़ा मरदूत ।। ज्ञान मिले तो जाने भैया ये अहम है भ्रामक भूत। निज स्वरुप सो आत्मा जो इस अहम से रहे अछूत।। महाराज जी को प्रणाम! 🙏🙏
Bahut hi gyaanvardhak video! Atma ke anubhav ya prapti ka jhooth samajhna, hamari soch ko naye aayam pradan karta hai. Is video ko sabhi ko dekhna chahiye. 🌟
कोई उद्देश्य नहीं जीवन का क्यूंकि व्यक्ति की सत्ता भ्रामक है और जिसका नाम जीवन है उसके साथ कोई कर्ता नहीं है! जीवन ही जीवन को जी रहा है - यह आपका जीवन क्या है ? सत्संग का कथन अभी इस वीडियो को सुनते हुए याद आ गया महाराज जी। आपको सादर प्रणाम! 🌹🌹🌹🌹
आत्म-साक्षात्कार की अवधारणा को खारिज करते हुए, वीडियो परंपरागत आध्यात्मिक ज्ञान के पुनर्मूल्यांकन को प्रेरित करता है, साथ ही नए ज्ञान के निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
आपके आज के सत्संग ने रोमांचित कर दिया है प्रभु! आपने सोचने के लिए एक नई सोच और खुद मे डूबने के लिए एक असीम शून्य गहराई दे दी है। आप अद्भुत है आप श्री को बारम्बार नमस्कार 🙏🙏
Satya kaha maharaj ji aapne Lila ese ko kaha gya h apne aham bhav ke mit jane se dirshya or drashta dono samapt yhi budhatav h aap hamra esi tarh se margdarshan karte rahe parnam 🙏🙏
Sadar pranaam maharaj ji There is no purpose for a person you made it clear , everyone is chasing his own purpose, and keeps getting spoiled every day, but this Satsang of yours has destroyed this misconception also.
अपने श्रेय मार्ग का प्रतिपादन करते हुए एक बहुत ही सूक्ष्म बारीक बात बोल दी कि किस प्रकार से हम अध्यात्म से जुड़ मुक्ति, मोक्ष, सिद्धि, कोई विशेष अनुभव की खोज में अपने व्यक्ति भाव को ही बढ़ाते हैं जो कि श्रेय मार्ग से सर्वथा विरुद्ध है। हम सोचते रहते हैं कि हम श्रेयमार्गी हैं परंतु होते हम प्रेय मार्ग के ही राही! इतना सुंदर 🙏 इतना स्पष्ट 🙏 इतना सटीक 🙏 इतना सत्य से ओतप्रोत कोई नहीं समझाता !आपको असीम धन्यवाद कोटि-कोटि नमन🌹🌹
Actually instead of searching purpose of life we should search meaning of life....this video helps a lot in giving right direction for the search. Namaste Maharaj Ji🌻
Our individuality is the outcome of our conditioning happened or happening while dealing with this world. And that dealing is solely based upon language...truly said! You caught the right point. Many thanks for such a deep wisdom sharing with us.
वीडियो द्वारा प्रस्तुत अहंकार-केंद्रित उद्देश्य की अवधारणा, सार्थकता के पारंपरिक मानदंडों को चुनौती देती है, जिससे हमें जीवन के अर्थ के बारे में पुनर्विचार करने की प्रेरणा मिलती है।
लीला की अवधारणा के माध्यम से, वीडियो एक ऐसे विश्वदृष्टि की पेशकश करता है जिसमें कारक की भूमिका को नकारा जाता है, जिससे कारण और प्रभाव के पारंपरिक ढांचे को पुनर्विचार करने की आवश्यकता होती है।
Agr koi shrey marg yani paramatmik bahav me aane ki chaht rakhta hai esme swarth kya hua ?? yahi to mukti hai vyaktikta se halanki ye hota to kripya se hi h
लीला को ऑटोमेशन मोड का नाम दे re कुछ आध्यात्मिक गुरु और सब्जेक्ट से हटाने के लिए प्रकृति का बहाव और परमात्मिक बहाव में हो रहा सब कुछ ,जो महाराज जी बोलते इंद्रियों से जो अहसास होता वही सत्य ज्ञान उसको वाइब्रेशन लेवल पर ज्ञान होना बोलते ये सबसे उत्तम है हालांकि बोलते की शास्त्र से हमें लेना देना नहीं ये मनुष्य रचित है
जीवन हमारे द्वारा खुद अपने को जी रहा है!
प्रणाम! महाराज जी
वीडियो को देखकर मन में एक शांति का अनुभव हुआ। धन्यवाद!
महाराज जी
जीवन सर्वथा उद्देश्य रहित है। यहाँ सब कुछ हो रहा है जिसका कोई कर्ता नहीं है....इस होने में बहना ही तो अध्यात्म है !
सादर प्रणाम!
Bhagwan Buddha ke Pragyaparmita Sutra ka saransh sachmuch anupam hai. Is video ne mera drishtikon badal diya. 🙌
Yeh video samajh ke naye aayam ko pradarshit karta hai! Jeevan ka uddeshya aham ki chal hai, yeh soch sachmuch chintan karne yogya hai. 🌟
यहां सब कुछ हो रहा है कोई करता नहीं है. इसे ही लीला कहते है. हम दृष्टा नहीं दृश्य हैं और व्यक्तित्व के बारे में जो अद्भुत ज्ञान दिया आपने उसके लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद महाराज जी
आपकी वाणी ही चित्त को शांत कर देती और फिर कुछ और रह ही नहीं जाता। आपकी सीख को सीखने से अब तक का सब सीखा हुआ धुल जाता है प्रभु! कोटि-कोटि नमन!
प्रणाम महाराज जी 🙏! गागर में सागर बहुत सुंदर सत्संग महाराज जी आपने। जीवन जीने के लिए नही , जीवन मरने के लिए भी नही , जीवन स्वयं को जानने के लिए है ! हम सब कुछ जान कर भी अनजान बने रहना चाहते है जिंदगी का मतलब बस चलते रहना निरन्तर बढ़ते रहना, चलते चले जाना ना मंजिल, ना कोई उद्देश्य बस इन्हें पाल लेते हैं चलने के दौरान ताकि चलने में मन फँसा रहे, लगा रहे क्योंकि जीवन में है हमें निरन्तर चलना | प्रणाम !
सचमुच हमारा व्यक्ति सूचनाओं का पुलिंदा है अतएव भाषा से निर्मित हैं..सादर नमन प्रभु खूब सही समझाते हैं आप!
Pranaam Prabhu
Jeevan aur maut ke sambandh ko naye drishtikon se samajhne ka yeh video sachme prernadayak hai. 🌟
🙏महाराजी प्रणाम 🙏
अपने जो जीवन का खोजने के लिए बताया है वो इंसान के हितों का जूनून है।
ओर हम जो अपने ध्यान को केंद्रित करे तो सत्य दिखने लगता है हम दुनिया को दुनिया से हट के देखे तो साफ साफ़ पता चल जाए इंसान को उस के अनुभव पर ध्यान देना चाहिए।
आपके चरणों मैं कोटि कोटि नमन 🌹
आपने प्रज्ञापारमिता सूत्र का जिक्र किया। दुनिया की इस प्रथम मुद्रित पुस्तक के विषय में भारतीय अभी भी अनभिज्ञ है। इस सूत्र की शिक्षाओं पर आप पुनः भविष्य में विस्तार से कुछ कहेंगे ऐसी आशा है। अत्यंत खेद की बात है कि इस महत्वपूर्ण पुस्तक का हिन्दी अनुवाद भी अब तक 2024 में उपलब्ध नहीं हो सका है जबकि भगवान बुद्ध और उनके बौद्ध धर्म ने इसी भूमि पर जन्म लिया!
Vicharshil video! Jeevan ke uddeshya ko aham ki chal ke roop mein samajhna nayi drishti pradan karta hai. 🌟
Vyaktitva ko bhasha ki den maan-na, yeh soch sachme nayi soch ko janm deti hai. Bahut hi rochak video. 🙌
Adbhut video! Maut ke drishtikon ke saath jeevan ke uddeshya par bhi gahraai se charcha ki gayi hai. Yeh video nischit roop se manthan ke layak hai. 🙏
मैंने भी कहीं पढ़ा है ऐसा ही कुछ स्वरुप की प्राप्ति का विवरण...कि गंगा नदी से कोई सोने की तरह दमकता पुरूष निकला और देखने वाले के शरीर में समा गया और देखने वाले ने इसे स्वरुप प्राप्ति समझ लिया
अपने चेलों को भी यही अज्ञान बता दिया 😁😁😁
महाराज जी को कोटि कोटि साष्टांग दण्डवत प्रणाम!🙏🙏
मेरा, मेरी कहते कहते अहम किया मजबूत।
अब इस अहम से व्याकुल सारे ये अहम बड़ा मरदूत ।।
ज्ञान मिले तो जाने भैया ये अहम है भ्रामक भूत।
निज स्वरुप सो आत्मा जो इस अहम से रहे अछूत।।
महाराज जी को प्रणाम! 🙏🙏
Bohot khub likha sunder
🙏प्रणाम महाराज जी🙏
Bahut hi gyaanvardhak video! Atma ke anubhav ya prapti ka jhooth samajhna, hamari soch ko naye aayam pradan karta hai. Is video ko sabhi ko dekhna chahiye. 🌟
कोई उद्देश्य नहीं जीवन का
क्यूंकि व्यक्ति की सत्ता भ्रामक है
और जिसका नाम जीवन है उसके साथ कोई कर्ता नहीं है!
जीवन ही जीवन को जी रहा है - यह आपका जीवन क्या है ? सत्संग का कथन अभी इस वीडियो को सुनते हुए याद आ गया महाराज जी। आपको सादर प्रणाम! 🌹🌹🌹🌹
आत्म-साक्षात्कार की अवधारणा को खारिज करते हुए, वीडियो परंपरागत आध्यात्मिक ज्ञान के पुनर्मूल्यांकन को प्रेरित करता है, साथ ही नए ज्ञान के निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
प्रणाम🙏
महराज जी आज अपने जीवन जीने के बारे में बहुत अच्छा बताया है और आज पता चल रहा है कि जीवन जीना कैसे हैं🙏
आपके आज के सत्संग ने रोमांचित कर दिया है प्रभु!
आपने सोचने के लिए एक नई सोच और खुद मे डूबने के लिए एक असीम शून्य गहराई दे दी है।
आप अद्भुत है
आप श्री को बारम्बार नमस्कार 🙏🙏
Maharaj ji dhanya ho
Satya kaha maharaj ji aapne Lila ese ko kaha gya h apne aham bhav ke mit jane se dirshya or drashta dono samapt yhi budhatav h aap hamra esi tarh se margdarshan karte rahe parnam 🙏🙏
My humble pranam 🙏
🙏🙏🙏🙏
Jivan ke itne Mushkil prashnon Ka Uttar saralta se aapke Satsang ke Madhyam se Hamen prapt Hota Hai Pranam Maharaj ji 🙏
Sadar pranaam maharaj ji There is no purpose for a person you made it clear , everyone is chasing his own purpose, and keeps getting spoiled every day, but this Satsang of yours has destroyed this misconception also.
Adbhut drishtikon! Mera jeevan ka uddeshya aham ka chal hai, yeh vichar manthan aur chintan ke layak hai. Apne doston ke saath isse zaroor share karungi
Bahoot khubsurat si elaborate kiya guru ji apne apko natmastak pranam
Hariom.guruji❤❤
I liked this explanation because it paves the path of self inquiry so that we come to know our real Self. नमस्ते नमस्ते महाराज जी 🙏✨👍
महाराज जी को प्रणाम!
अत्यंत सारगर्भित यह आज का सत्संग वैदिक ऋषियों का श्रेय मार्ग से जो यथार्थ अभिप्राय था उसे स्पष्ट कर देता है।🙂👌🙏
Well said, Maharaj Ji
In this conceptual reality, this thing - 'purpose of life'- is also a concept.
🙏🙏
अध्यात्म को उसके विशुद्ध स्वरुप, गरिमा एवं महिमा के साथ प्रस्तुत करने लिए आपका शुक्रिया!
लीला शब्द की सुन्दर से भी सुन्दरतम परिभाषा आपसे सुन गदगद हो गया! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अपने श्रेय मार्ग का प्रतिपादन करते हुए एक बहुत ही सूक्ष्म बारीक बात बोल दी कि किस प्रकार से हम अध्यात्म से जुड़ मुक्ति, मोक्ष, सिद्धि, कोई विशेष अनुभव की खोज में अपने व्यक्ति भाव को ही बढ़ाते हैं जो कि श्रेय मार्ग से सर्वथा विरुद्ध है। हम सोचते रहते हैं कि हम श्रेयमार्गी हैं परंतु होते हम प्रेय मार्ग के ही राही! इतना सुंदर 🙏 इतना स्पष्ट 🙏 इतना सटीक 🙏 इतना सत्य से ओतप्रोत कोई नहीं समझाता !आपको असीम धन्यवाद कोटि-कोटि नमन🌹🌹
🙏🙏
Hariom Tatsat namah Shivay
Actually instead of searching purpose of life we should search meaning of life....this video helps a lot in giving right direction for the search. Namaste Maharaj Ji🌻
दोनों मार्गों के तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से, वीडियो जीवन के उद्देश्यों और मूल्यों के बारे में गहन चिंतन को प्रोत्साहित करता है।
Our individuality is the outcome of our conditioning happened or happening while dealing with this world. And that dealing is solely based upon language...truly said!
You caught the right point.
Many thanks for such a deep wisdom sharing with us.
Aapko sunna bhut accha lgta h
💯 true
वीडियो द्वारा प्रस्तुत अहंकार-केंद्रित उद्देश्य की अवधारणा, सार्थकता के पारंपरिक मानदंडों को चुनौती देती है, जिससे हमें जीवन के अर्थ के बारे में पुनर्विचार करने की प्रेरणा मिलती है।
Life lives life itself
We are played not are player...though it disappointed bit truth is truth. 🙏🙏🌻🌹
वीडियो में प्रस्तुत द्वंद्वात्मक दृष्टिकोण - एक ओर अहंकार की निंदा और दूसरी ओर उद्देश्य की खोज की आवश्यकता - जटिल मानवीय मनोविज्ञान को उजागर करता है।
🙏Maharaj Ji pranaam 🙏 aaj mallum huaa jivan ka koi uddeshy nahi h
Maharaj ji parnaam 🙏🙏🙏
Aaj mallum huaa jivan ka koi udhesya nahi h!
लीला की अवधारणा के माध्यम से, वीडियो एक ऐसे विश्वदृष्टि की पेशकश करता है जिसमें कारक की भूमिका को नकारा जाता है, जिससे कारण और प्रभाव के पारंपरिक ढांचे को पुनर्विचार करने की आवश्यकता होती है।
Agr koi shrey marg yani paramatmik bahav me aane ki chaht rakhta hai esme swarth kya hua ??
yahi to mukti hai vyaktikta se halanki ye hota to kripya se hi h
लीला को ऑटोमेशन मोड का नाम दे re कुछ आध्यात्मिक गुरु
और सब्जेक्ट से हटाने के लिए प्रकृति का बहाव और परमात्मिक बहाव में हो रहा सब कुछ ,जो महाराज जी बोलते इंद्रियों से जो अहसास होता वही सत्य ज्ञान उसको वाइब्रेशन लेवल पर ज्ञान होना बोलते ये सबसे उत्तम है हालांकि बोलते की शास्त्र से हमें लेना देना नहीं ये मनुष्य रचित है