Angrezo se pahle Indians kya padhte the or kis samaaj k log padhte the ye bataiye😂😂😂😂😂😂.. agar itne gurukul the to ek bhi gurukul Mila kyo nhi .agar itne saare gurukul the to pure india ko ved ,puran ,geeta ye sab sanskrit me kyo nhi padh paate aaj bhi😂😂😂😂😂😂😂
@@hemasingh6994 angrezo k yha aaj bhi Indians higher research k liye jaate hai.MIT, Harvard, Oxford University ki kya importance hai aap jaante hai.agar ved, puran, gurukul me itna science hota to angrez yha padhne aate ..lagta hai k aap ko vedo me science kuch jyada hi dikh rha hai 😹😹😹😹
आचार्य जी आप जो ज्ञान देते हैं उस ज्ञान को लोगों ने सुन और समझ लिया तो देश दुनिया का भविष्य उज्जवल हो जाएगा। और लोगों को सुनना समझना चाहिए। आर्य समाज की जय हो।
सभी देशवासियों को स्वदेशी शिक्षा का मांग करना हीं होगा, वरना न संस्कृति रहेगा न संस्कार, न हीं देश बचेगा, कोई भी ऐसा चीज नहीं जो आज का शिक्षा लाभकारी देता हो , आचार्य योगेश भारद्वाज को प्रणाम जो इस परिस्थिति को समझते हैं और हमें समझने पर मजबूर किया 🙏🏼
गुरू जी अज्ञानवश मेरे दिमाग मे एक संशय उतपन हो गया है कि आज के विज्ञान के मुताबिक मनुष्य 2-3 लाख वर्ष पहले आये लेकिन हमारे शास्त्रो के हिसाब से यह कलियुग चल रहा है और तीन युग बीत चुके है और सतयुग मे भी मनुष्य थे क्रिप्या मेरे ईस संशय को दुर करे धन्यवाद
आप की वजह से मुझे मेरे देश और सनातनी आर्य होने पर दिन प्रति दिन गर्व होता जा रहा है
हर व्यक्ति को स्वदेशी शिक्षा की मांग करनी चाहिए।🙏🚩
Angrezo se pahle Indians kya padhte the or kis samaaj k log padhte the ye bataiye😂😂😂😂😂😂.. agar itne gurukul the to ek bhi gurukul Mila kyo nhi .agar itne saare gurukul the to pure india ko ved ,puran ,geeta ye sab sanskrit me kyo nhi padh paate aaj bhi😂😂😂😂😂😂😂
@@First403
आप अंग्रेजों से ज्यादा प्रभावित लग रहे हैं। पहले आप ये बताइए अंग्रेज़ पहले क्या पढ़ते थे ,और कहां पढ़ें??????
@@hemasingh6994 angrezo k yha aaj bhi Indians higher research k liye jaate hai.MIT, Harvard, Oxford University ki kya importance hai aap jaante hai.agar ved, puran, gurukul me itna science hota to angrez yha padhne aate ..lagta hai k aap ko vedo me science kuch jyada hi dikh rha hai 😹😹😹😹
@@First403तू क्या दुष्ट मैकालै के गूलाम हैं।
@@First403तेरै High research वालै के विदेशी अंग्रैज देशों में मनुष्य के कितनै लिंग होतै हैं यह भी अंग्रैज नहीं ज्ञानतै हैं।
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
आचार्य जी आप जो ज्ञान देते हैं उस ज्ञान को लोगों ने सुन और समझ लिया तो देश दुनिया का भविष्य उज्जवल हो जाएगा।
और लोगों को सुनना समझना चाहिए। आर्य समाज की जय हो।
नमस्ते आचार्य जी
उत्तम अति उत्तम आचार्य जी को नमस्ते ।
शिक्षा ही स्वराज की नींव है... 🙏
आपकी जय हो
Thanks Thanks thanks
आपका आभार
सभी देशवासियों को स्वदेशी शिक्षा का मांग करना हीं होगा, वरना न संस्कृति रहेगा न संस्कार, न हीं देश बचेगा, कोई भी ऐसा चीज नहीं जो आज का शिक्षा लाभकारी देता हो , आचार्य योगेश भारद्वाज को प्रणाम जो इस परिस्थिति को समझते हैं और हमें समझने पर मजबूर किया 🙏🏼
Bilkul 100%sahi h
बिल्कुल 100%सही बोले ह आचार्य जी
कोटि कोटि प्रणाम
धन्य है आप आचार्य जी।सादर नमन।
प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी 🚩🚩🚩🚩
🙏🕉️🚩
जय श्री राम 🙏🙏🚩🚩
✨🙏🌷सत्य ॐ🌷🙏✨
🚩🙏प्रणाम आचार्य श्री🙏🚩
🕉🙏जय-जय श्री सीताराम🙏🕉
🎯बहोत बहोत धन्यवाद आचार्य श्री🎯
🕉️🕉️👍👌🚩💯
🙏🙏
आचार्य जी नमस्ते। आप के शिक्षा अभियान कार्यक्रम का समर्थन करता हूं। और आप के शिक्षा अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं
बिल्कुल 100%स्वदेसी होनी चाहिए जो की गुरुकुल ह
गुरुकुल से ही बड़े बड़े विद्वान् महारथी तैयार हुआ है स्कूल से नहीं
राजीव दीक्षित जी का सपना पूरा हो
गुरू जी अज्ञानवश मेरे दिमाग मे एक संशय उतपन हो गया है कि आज के विज्ञान के मुताबिक मनुष्य 2-3 लाख वर्ष पहले आये लेकिन हमारे शास्त्रो के हिसाब से यह कलियुग चल रहा है और तीन युग बीत चुके है और सतयुग मे भी मनुष्य थे क्रिप्या मेरे ईस संशय को दुर करे धन्यवाद
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🚩🚩🚩🚩🚩
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्माण है ना की
योगेश विद्यार्थी होने पर भी योगेश भारद्वाज क्यों लगाया जा रहा है।
योगेश विद्यार्थी लगाइए इंद्रजीत विद्यार्थी 1:23
सोशल मीडिया के algoritham पर योगेश भारद्वाज नाम से एक प्रेजेंस बनी हुई है।
जिस वजह से नाम अभी चेंज नहीं किया गया है।
परंतु जल्द ही किया जाएगा।
नमस्ते आचार्य जी हमें तो स्वदेशी शिक्षा लागू करना है
Brahman hokar bhi jo jhuth bole , zamin ke naam pr thagi kare , paisa pratap kar ke apne baton se mukkar jaye , us Brahan ka kia kia jaye please reply
Jise tum brahman kah rahe ho woh brahman ha kaise kya woh vedo ko janta ha bina ved ko jane koi brahman nhi ha
जो आरक्षण खा के लूट खा के केवल ब्राह्मण को ही अपशब्द कहतै हैं ऐसे दानव के नाश होणै हैं।