ओ३म् तत् सत् 🙏नमस्ते जी माननीय आदरणीय आचार्य आपने सत्य कहा शब्द के विषय मे। एक वाक्य मेरे अध्ययन मे आया था। शब्द ज्ञानानुपाति वस्तु शून्य विकल्पः। मैरी समझ मे जो आया वह यह है शब्द को मूल अर्थ तक जानना ही पूर्णता कहाती है। अर्थात एक एक अक्षर का ज्ञान होना 🙏
नमस्ते जी। भ्राता जी आप स्वयं ही आर्षग्रन्थों का अध्ययन करो तथा आर्यसमाज से निरन्तर सम्पर्क में रहो। समय-समय पर अपने घर में यज्ञ करो, ऐसा करने पर आप गुरुकुल वाले ही बन सकते हो तथा दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा भी बन सकते हो।
स: विद्या या विमुक्तये।। वे कर्म जो मुक्ति प्रदान करते हैं विद्या कहलाते हैं।। विद्या=अशुक्लाकृष्णा कर्मो को हि विद्या कहते हैं।। अविद्या=कृष्ण कर्म+कृष्ण शुक्ल कर्म+शुक्ल कर्म।।
जाति नहीं होती तो ये बात भी नहीं होती,हमारे नेता जाति में जन्म लेने पर गर्व महसूस करते है। यहां हिन्दू,ही हिन्दुओ से नफरत करता है, क्यों कि कुछ हिन्दु श्रेष्ठ हैं,कुछ नीच है जिन्हे छूना भी वर्जित है।
Yogesh ji chandersheikhar aajad ji thik se padhe the gurukul me chahe thide padhe ho,but aapko fir se,suru se gurukul join kr lena chahiye lgta h aap pdhe hi nhi vha.
To aap ham sab samajh rahe hai ki gurukul sahi hai aurved ke hisab se khana pina rahna chahiye to log karte kyo nahi sahi chejo ko sahi chiz ka percent kam kyo
Yogesh Bhardwajji Sadare Namaste(Binod Kumar Dehury Odisha)
ओ३म् तत् सत् 🙏नमस्ते जी माननीय आदरणीय आचार्य आपने सत्य कहा शब्द के विषय मे। एक वाक्य मेरे अध्ययन मे आया था।
शब्द ज्ञानानुपाति वस्तु शून्य विकल्पः।
मैरी समझ मे जो आया वह यह है शब्द को मूल अर्थ तक जानना ही पूर्णता कहाती है। अर्थात एक एक अक्षर का ज्ञान होना 🙏
प्रणाम गुरू जी बहुत सुंदर चर्चा करते है जो दिमाग में बैठ जाता है
आचार्य जी आपको सुन्ता हुँ तो आर्य समाज सनातन जैसा दिखता है लेकिन जब निश्चलानंद को सुन्ता हुँ तो आर्य समाजका सोच महमद जैसा दिखता है।
ओ३म् अयं त इध्म आत्मा जातवेदस्तेनेध्यस्व वद्धर्स्व चेद्ध वधर्य चास्मान् प्रजयापशुभिब्रह्मवर्चसेनान्नाद्येन समेधय स्वाहा ।इदमग्नये जातवेदसे - इदं न मम ओ३म् ओ३म् ओ३म्
आचार्य जी ईश्वर आपको सदा सुरक्षित स्वस्थ रखे... ऐसे ही हमारा मार्गदर्शन करते रहे 🎉
आचार्य जी ओउम् नमस्ते
राजीव जी लोट आये है | आपके रूप मे
पंडित जी कोटि कोटि नमन... हीन्दुओ जाग जाओ ऐसे महान वीर कभी कभार इस दुनिया मैं आते है इनको सुनो
इस विषय को समझने का मुझे बहुत समय से इंतजार था
M bhi gurukul m padna chata hu par meri ummar 23 h Or m kanoon ka vidhiyarti hu khar koi baat nhi ☹️,,aacharya ji k pravachan bhut ache h
नमस्ते जी। भ्राता जी आप स्वयं ही आर्षग्रन्थों का अध्ययन करो तथा आर्यसमाज से निरन्तर सम्पर्क में रहो। समय-समय पर अपने घर में यज्ञ करो, ऐसा करने पर आप गुरुकुल वाले ही बन सकते हो तथा दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा भी बन सकते हो।
।।ओ३म्।।
Suv bihani.
Namaste.
Jai Nepal
प्रणाम आचार्य जी,आप के इस वीडियो ने गुरुकुल से निकला विद्यार्थी क्या क्या बन सकता है बहुत ही सरलता पूर्वक समझा दिया है। आपको कोटि कोटि नमन 🙏
स: विद्या या विमुक्तये।। वे कर्म जो मुक्ति प्रदान करते हैं विद्या कहलाते हैं।। विद्या=अशुक्लाकृष्णा कर्मो को हि विद्या कहते हैं।। अविद्या=कृष्ण कर्म+कृष्ण शुक्ल कर्म+शुक्ल कर्म।।
Guruji ko koti koti Dandvat Pranam Aap ke chrnome
Om
Om namoh namah Aacharya ji
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय सनातन
कोटि कोटि नमन आचार्य जी को बहुत ही अच्छी तरह समझा या ।
प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
Ati sundar 👌👌
आचार्य जी सादर प्रणाम
बहुत सुंदर जानकारी दिया आदरणीय आचार्य जी आपने ❤👏🚩🚩
आचार्य जी वामपंथ पर जो बीडीओ विकाश दिव्यकिर्ती की आई हैं, उस पर वीडियो कब आएगी।
सादर प्रणाम भाई साहब आप को
बहुत बहुत सुन्दर
बहुत महत्वपूर्ण व्याख्या
हार्दिक आभार वा धन्यवाद जी
❤ji Sadar Namaste
🙏🙏🙏🙏
👏👏👏👏👏
Saty sanatan ki jai
Guruji shat shat pranam
नमस्ते आचार्य जी
❤a hu
🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर व्याख्या 🙏
हर हर महादेव 🙏
☝️🌹🙏🏻🌹👌
❤❤❤❤❤
जिज्ञासा- आचार्य जी! नमस्ते। शिक्ष = विद्योपादाने (विद्या+उपादाने) का क्या अर्थ होगा?
Pabhu ji aap. Kiou desh ke har aak state. Me. Gurukul shwa pit kare mera anurudh hai
Guru jee namaste. Aapa kaise hain
Aacharya jee ham hamari pidakasta aapko batana chahate hai kaise bataen
जाति नहीं होती तो ये बात भी नहीं होती,हमारे नेता जाति में जन्म लेने पर गर्व महसूस करते है। यहां हिन्दू,ही हिन्दुओ से नफरत करता है, क्यों कि कुछ हिन्दु श्रेष्ठ हैं,कुछ नीच है जिन्हे छूना भी वर्जित है।
Hamare two sal ki Kanya santan ham 5 year hone ke bad gurukul me padhana chahate hai
आपके गुरुकुल में बच्चों को प्रवेश कैसे मिलता है कृपया उत्तर दे
Ktm Nepal me aaj 7 rector ka bhukamp ka jhatka
Yogesh ji chandersheikhar aajad ji thik se padhe the gurukul me chahe thide padhe ho,but aapko fir se,suru se gurukul join kr lena chahiye lgta h aap pdhe hi nhi vha.
भारत की शिक्षा इतनी कारगर थी, तो कोई भी आविष्कार क्यों नहीं हुआ। किसी की खोज यहां नहीं हुई। इसी प्रकार के ग्यान से भारत की ये स्थित है
@@virendrasingh-du1uiधूर्त्तवत् मूर्खतापूर्ण प्रलाप शब्दों न लिखित करैं।
Congress ke samay mein English hi to bolte the neta or pablic sochati thi padalikha hai
दुष्ट विदेशी ईसाई चोर गान्धी जन मूर्ख देशद्रोही हैं।
To aap ham sab samajh rahe hai ki gurukul sahi hai aurved ke hisab se khana pina rahna chahiye to log karte kyo nahi sahi chejo ko sahi chiz ka percent kam kyo
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कृपया सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ अवश्य पढैं।