स्त्री को समाज पैदा करता है! Simone de Beauvoir | Shruti Agarwal | औरतनामा EP 8 | Sahitya Tak

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 5 фев 2025
  • #Simonedebeauvoir #thesecondsex #auratnama #urduliterature #shrutiagarwal #women #ep8 #indianurdunovelist #Simonedebeauvoirbooks #Simonedebeauvoirbiography #sahityatak #sahityaaajtak
    9 जनवरी पेरिस में जन्मीं सिमोन द बोउआर दुनिया की पहली नारीवादी चिंतक और विचारक थीं, जिन्‍होंने स्त्रियों की समस्‍या को पहली बार इतिहास, विज्ञान और दर्शन के साथ समायोजित कर आर्थिक-सामाजिक संदर्भों में उसकी व्‍याख्‍या की. वे फ़्रांस की ऐसी लेखिका थीं जिन्होंने अपने विचारों के अनुसार जीवन जीने का साहस भी दिखाया. सिमोन का पालन-पोषण एक सख्त कैथोलिक घराने में हुआ था. युवावस्था में, उन्हें कॉन्वेंट स्कूलों में भेजा गया. वह एक बच्चे के रूप में गहरी धार्मिक थी. लेकिन 14 साल की उम्र में, सिमोन ने अपने विश्वास पर सवाल उठाया नतीजतन, उसने अपनी शुरुआती किशोरावस्था में अपने विश्वास को त्याग दिया और जीवन भर नास्तिक बनी रही. सन 1927 में उन्होंने दर्शन की डिग्री ली. 1928 में एकौल नौमाल सुपेरियर में दर्शन में स्नातकोत्तर के लिये दाखिला लिया. जहां उन्होंने पहली बार घर के बंधनों से दूर आजादी की खुली सांस ली. उनका कहना था की स्त्री पैदा नहीं होती, उसे समाज द्वारा बनाया जाता है. सिमोन का मानना था कि स्त्रियोचित गुण दरअसल समाज व परिवार द्वारा लड़की में भरे जाते हैं, क्योंकि वह भी वैसे ही जन्म लेती है जैसे कि पुरुष और उसमें भी वे सभी क्षमताएं, इच्छाएं, गुण होते हैं जो कि किसी लड़के में. 1947 का वर्ष था, जब सीमोन ने अपने महान ग्रंथ ‘द सेकेंड सेक्स' पर काम शुरू किया. जिस समय यह पुस्तक प्रकाशित हुई, सीमोन स्वयं को नारीवादी यानी पुरुषों के बीच स्त्री की स्वाभाविक स्थिति या यूं कहिए कि स्त्री के वास्तविक और बुनियादी अधिकारों की समर्थक नहीं मानती थीं, मगर वक्त के साथ उन्हें समझ में आने लगा कि यह आधी दुनिया की गुलामी का सवाल है, जिसमें अमीर-गरीब हर जाति और हर देश की महिला जकड़ी हुई है. कोई स्त्री मुक्त नहीं. सिमोन द बोवुआर की पुस्‍तक ‘द सेकेंड सेक्स’ आज भी विश्‍व भर की करोड़ों महिलाओं के लिए प्रकाश-स्‍तंभ की तरह है. सिमोन का मानना था की पुरुष और महिलाओं के बीच के जैविक अंतर को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए. वे कहती हैं कि महिलाओं और पुरुषों के बीच जैविक अंतर के आधार पर महिलाओं को दबाना बहुत ही अन्यायपूर्ण और अनैतिक है और इसी तथ्य को लेकर सिमोन ने महान दार्शनिक प्लेटो का भी विरोध किया था. द सेकेंड सेक्स के अलावा सिमोन की द मेंडारिंस, ऑल मेन आर मोर्टल, ऑल सेड एंड डन, द कमिंग ऑफ एज, ए वेरी ईजी डेथ, वूमन डिस्ट्रॉयड, द ब्लड ऑफ अदर्स आदि प्रमुख पुस्तकें हैं. 1949 में उनके आलोचकों ने उन्हें महिला विरोधी, मात्र विरोधी और विवाह विरोधी बताया था. लेकिन वे ही थीं जिन्होंने महिलाओं को भी सामान्य इंसान समझा जाए, उन्हें स्वतंत्र व्यक्तित्व माना जाए इसके बारे में अपना दर्शन लिखा था. और शायद यही वजह है कि 'औरतनामा' के इस खास कार्यक्रम में पत्रकार, अनुवादक, लेखक श्रुति अग्रवाल ने सिमोन द बोउआर के जीवन और लेखनी पर बातें की हैं.
    ******
    ये वे लेखिकाएं हैं, जिन्होंने न केवल लेखन जगत को प्रभावित किया, बल्कि अपने विचारों से समूची नारी जाति को एक दिशा दी. आज का युवा वर्ग कलम की इन वीरांगनाओं को जान सके और लड़कियां उनकी जीवनी, आजाद ख्याली के बारे में जान सकें, इसके लिए चर्चित अनुवादक, लेखिका, पत्रकार और समाजसेवी श्रुति अग्रवाल ने 'साहित्य तक' पर 'औरतनामा' के तहत यह साप्ताहिक कड़ी शुरू की है. आज इस कड़ी में श्रुति 'सिमोन द बोउआर' के जीवन और लेखन की कहानी बता रही हैं. 'औरतनामा' देश और दुनिया की उन लेखिकाओं को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल इतिहास रचा बल्कि अपने जीवन से भी समाज और समय को दिशा दी.
    Facebook: / sahityatakofficial
    Instagram: / sahityatak
    Twitter: / sahitya_tak
    ............................
    क्लिक कर देखें लेटेस्ट TAK फोटो गैलरी: www.tak.live/p...
    About the Channel
    Sahitya Tak आपके पास शब्दों की दुनिया की हर धड़कन के साथ I शब्द जब बनता है साहित्य I वाक्य करते हैं सरगोशियां I जब बन जाती हैं किताबें, रच जाती हैं कविताएं, कहानियां, व्यंग्य, निबंध, लेख, किस्से व उपन्यास I Sahitya Tak अपने दर्शकों के लिये लेकर आ रहा साहित्य के क्षेत्र की हर हलचल I सूरदास, कबीर, तुलसी, भारतेंदु, प्रेमचंद, प्रसाद, निराला, दिनकर, महादेवी से लेकर आज तक सृजित हर उस शब्द की खबर, हर उस सृजन का लेखा, जिससे बन रहा हमारा साहित्य, गढ़ा जा रहा इतिहास, बन रहा हमारा वर्तमान व समाज I साहित्य, सृजन, शब्द, साहित्यकार व साहित्यिक हलचलों से लबरेज दिलचस्प चैनल Sahitya Tak. तुरंत सब्स्क्राइब करें व सुनें दादी मां के किस्से कहानियां ही नहीं, आज के किस्सागो की कहानियां, कविताएं, शेरो-शायरी, ग़ज़ल, कव्वाली, और भी बहुत कुछ I
    Sahitya Tak - Welcome to the rich world of Hindi Literature. From books to stories to poetry, essays, novels and more, Sahitya Tak is a melting pot where you will keep abreast of what's the latest in the field of literature. We also delve into our history and culture as we explore literary gems of yesteryears from Surdas, Kabir, Tulsi, Bhartendu, Premchand, Prasad, Nirala, Dinkar, Mahadevi, etc. To know more about how literature shapes our society and reflects our culture subscribe to Sahitya Tak for enriching stories, poems, shayari, ghazals, kawali and much more. Subscribe Sahitya Tak now.

Комментарии • 4

  • @mayankbajpai170
    @mayankbajpai170 2 года назад +1

    पुरुष को भी समाज पैदा करता है

    • @payalgupta2677
      @payalgupta2677 Год назад

      बेहतरीन प्रस्तुति ❤🙏🙏🙏