काश कोई ऐसा तरीका होता जिससे मैं अपने पुराने दिन वापस से जी पाता। जि़न्दगी के सफर में जो बिछड़ गए कही उनसे दोबारा मिल पाता । ये सीरियल मेरे बडे़ भाई को बहुत पसन्द था और चूंकि मै उस समय इतना बडा नहीं हुआ था इसलिए जो बडे भाई को पसंद था वही मुझे भी पसंद था क्योंकि मैं उनकी परछाई था जहाँ वो जाते वहीं मैं जाता जो वो करते वही मैं करता आज लगता है कि बड़ा तो हो गया हूँ लेकिन अब मैं सिर्फ परछाई ही हूँ क्योंकि बडे भाई जिन्दगी के सफर में बीच में हाथ छोड़ कर चले गए। काश मैं उनसे कह पाता भाई मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ काश मैं उनसे अपने हर उस काम की माफ़ी मांग पाता जिनसे मैने भाई का दिल दुखाया जब भी कभी इस सीरियल को देखता हूँ तो मन में बस यही बात आती है कि भाई आपके बदले मैं चला जाता क्योंकि जितनी जिम्मेदारियां आपने उठा रखी थी शायद मैं कभी नहीं उठा पाऊँगा और आपके प्यार और एहसानो का कर्ज कभी नहीं चुका पाऊँगा 😭😭😭😭😭😭😭😭😭
जैसे आप अपने भाई का परछाई बनकर थे वैसे ही आपका भाई आज भी आपके साथ है यादें बनकर गुजरा हुआ समय और गुजरे हुए लोग वापस तो नहीं आते किंतु हम उनके छोड़े हुए जिम्मेदारियों को पूरा कर के उनके आत्मा को शांति जरूर दे सकते हैं
बिलकुल सही बात है भाई। में सारी जिंदगी भूतकाल में ही जी रहा हु। और में भी वो गुजरा जमाना याद करके दुखी होता हु और फिर उसी वक्त में लौट जाना चाहता हु। मगर अफसोस
@@tanujakumari1881 आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपकी बातों से दिल को बड़ा सुकून मिला सच में दुनिया में अभी भी दूसरों के दुख और दर्द को समझने वाले लोग है आप हमेशा ऐसे ही नेकदिल बने रहे 🙏🙏🙏
फिर वही तलाश!!.. सच एक ऐसा १९९० साल में हर हफ्ते रविवारके दिन सुबह 11:00 बजे प्रसारित होने वाला हिंदी सीरियल जिसे देखने के लिए हम हर हफ्ते राह देखते थे। सीरियल के सभी कलाकारोंने बहुत ही रियलिस्टिक अभिनय सांझा किया है। चंदन दास के सभी गजल गीत बहुत लोकप्रिय हुए थे। आरा इस सीरियल के पहले शाहरुख खान की फौजी सीरियल भी रविवार को प्रसारित हुआ करती थी। मतलब हम उसे जेनरेशन से हैं ; जिन्हें दूरदर्शन के जरिए , बहुत ही उम्दा किस्म के सीरियल सन १९९० में देखने मिले।
ये उस दौर की बेह्तरीन tv serial है जो हम सब की जिंदगी हुआ करती थीं.....आज भी वो दिन याद आते है तो साँसे रुक जाती है....दिल भर आता है.... काश!!! वी दिन फिर से लौट आए......
मैं भी एक बात कहता हूं की सबसे बड़ी बात ये है किसी दौर की यादें,उस दौर से लगाव,उस दौर से अब लालच,और उस दौर को दोबारा जी लेने की चाह हम सबकी एक सी है बिलकुल।हम सबने उस दौर को एकदम एक सा ही जिया है,जबकि हम सब अलग अलग धर्म,अलग अलग परवरिश,अलग अलग संस्कृति,और अलग अलग ऐशो आराम या हालत में जिए,सोचिए सच में उस दौर से अच्छा कुछ नहीं था। सारी समस्या की जड़ ये टचस्क्रीन मोबाइल है।
मेरा जन्म 1991 में हुआ था। ये सीरियल मैने 1999 में दूरदर्शन पर देखा बहुत अच्छा सीरियल उसके आलावा अलिफ लैला, सुरभि, तहकीकात, उड़ान, जय हनुमान, आप बीती, फरमान, मिट्टी के रंग, चंद्रकांता, बेताल पच्चीसी, मोगली, भारत एक खोज, आरोहण, कैप्टन हाउस, नींव, स्कूल डेज, एक था रस्टी आदि कई सीरियल प्रोग्राम देखा है मैंने। और तो और शाम की फिल्म भी 😊
@@nitinanand6947 , sabse accha yeh tha ki sab ek program dekhte the toh school me sabka topic wahi hota tha. Yeh sabse negative hai aajke time me. Aaj har koi alag alag serial. Ladkiyo ke star plus aur ladko ke sports aur laughter. Kisi ka topic hi nahi match hota.
यूट्यूब पर आज लगभग 34 साल बाद देख रहा हूं, जब मैं बहुत छोटा था 6 या 7 साल का, तब देखा था और तब भी बहुत अच्छा लगता था ये सीरियल, काश वो दिन फिर लौट आते, यूट्यूब का धन्यवाद कि उन्होंने इतने पुरानी यादें ताजा कर दी
दिल से होकर रूह तक समा गया था ये सीरियल और इसके सारे पात्र हर शख्स खुद को नायक की जगह रखकर देख रहा था ❤❤❤रेवती रमन शर्मा की कलम का ऐसा जादू था कि हर नौजवान को इसमें खुद की कहानी की झलक दिखाई देती थी ❤❤❤❤
Pehle chitrhar, fir ramayan fir mogli aur fir shaam ko movie kya din the wo.. Meri sister aur mein ek din pehle hi sara kaam nipta dete the.. Jaise ghar ka paani do drum bharna padta tha
ये सीरीअल गजल सभी उस समय से आज तक उतनी ही दिलों मे उतर जाते है। काश दूरदर्शन कोई ott पर इस सीरीअल को दिखाता तो मे पेमेंट पर भी देखता । और शयाद एक बार रोज। हम सभी को दूरदर्शन से अनुरोध करना चाहिए शायद ये दूरदर्शन के पुराने दिन भी वापिस ले आए
Age has finally caught up with me. They say you are old when you start talking about "good old days." After getting reminded about this serial, i dont mind being called old.
most decent couple ..........most pure love story ...........there absence from screen made them more lovable ............people dont miss stars nowadays.........but people who disppear in their youth ......are missed a lot my mother always dislikes Films and regualar tv serials...............but every few months she watch all the episodes of this serial to watch narendra and padma again and again
Koi ho Safar mein jo saath de, Mein Rukun jahan koi haath de, meri manzilen abhi door hain, mujhe raaston ki talash hai...............................Ji haan Phir Wohi Talash, main umr mein chota tha lekin itni si umr mein bhi is serial ki gehraai ko mehsoos kar paya aur ye bhi mere bachpan ki un yaadon ka hissa ban gaya jo main aaj tak na bhool saka aur na hi bhoolna chahta hun. Zindagi ka sabse khoobsurat daur maine tabhi jiya. Aaj jo kuch bhi mere paas hai tab aisa kuch bhi nahin lekin main aaj se kahin jyada ameer tha. Kaash woh pal laut kar aa saken to shayad jee bhar kar ji lu unhen. Pyaar ki jo paribhasha is serial mein batayi gayi hai shayad bahuton ke gale se neeche na utare ( end of serial ) lekin sabse khoobsurat pyaar yehi hai aur hamesha rahega. Thanks to Doordarshan for making our childhood wonderful......Naman
90's not the time to be born but the time to be lived feel angst not to be grown and be in high school / college , I just feel that time was pure . 2000 -2010 time was moving towards corruption even in emotions and innocence
दूरदर्शन ने एक से एक बेहतरीन धारावाहिक और संस्मरण दिए हैं,,जिनको हम जैसी पीढ़ी कभी भुला नहीं सकती है,,बेड़ा गर्क तो अन्य चैनलो और एकता कपूर के सीरियल्स ने किया है जो समाज को गर्त में लेकर गए हैं। मुझे इसका टाइटल सॉन्ग और ये धारावाहिक बहुत अच्छा लगता था और है। ऐसे अनगिनत बातें हैं जो डीडी 1 और डीडी 2 में होती थी। क्या ज़माना था वो भी,, सच है जो मेरे पिता सुनते गुनगुनाते थे और तब वो हमे पसंद नहीं था पर आज लगता है कि पुराना ही सबसे सुंदर था उसमे अपनापन और लगाव होता हैं। कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ❤❤
Isko sunkar purani yadein taaja ho gai . Undinon mein bhi notebook lekar TV ke paas baith jaati thi . Ye gazals likhane ke liye. Yad nahin hai vo Kaun sa serial tha bas 2 line yaad hai. Jindagi jindagi aye meri zindagi... mein bhi kis kam ka tu bhi kis kaam ki...😢
Trust me this singer had such a magnificent voice. Till now in ghazal I know about Jagjit Singh, Anoop Jalota, Ghulam Ali, Mehdi Hassan. Really my ghazal repertoire is very poor. What a mellifluous singing. I am honored to be able to hear him.
My DOB is feb 1985 . I have very well lived those cable TV days. DD channel . Please give me my childhood. But I have harsh memories also in same age. So I sometimes throught that. Whatever is happening is good. Keep smiling
आज ये गजल सुनी काफी अरसे बाद न जाने कितने शोर के बाद आज दिल में एक शांति है तब में लगभग दस साल का रहा होऊंगा जब ये सीरियल आया करता था और इसे देखने के लिए में काफी इंतेज़ार भी करता था क्योंकि तब में बड़ा हो रहा था और दुनिया को समझने की कोशिश कर रहा था और चंदन दास जी ने तो इस सीरियल में मानो जान सी फूक दी थी काश वो दिन फिर लौट आए। अब तो घर भी सिर्फ परिवार के लिए आता हूं अगर परिवार ना होता तो शायद में कही निकल जाता.......
Durdarshan per jb ye serial aata tha tb mai bahut chhoti thi lekin yaad hai aaj ise dekh kar purani yadein taza ho gai ab tak ki puri life rivers ho gai kitni shanti hua karti thi pehle ab shor hai lekin khali pan lgta hai life me
Nelima azeem and poonam rehani simpal look mei bhi bahut hi excellent and versatile performance di hai kya dour tha 90s ka - vahi aajkal ke serials mei heroine ang pardarshan mei kapde utarne ko tayyar rahti hai or koi bhi inka serials nahi dekhta
Ghazal nahi hai… Moti hain moti… kya piroya hai.. sur, shabad, ada aur adakar aur vo ishq ki shuruat ki na bhulne wali khushboo, sab bohat bohat behtreen❤❤❤
[2024] Great to see this amazing song, setting and dialogues... Must have been shot around late 80s! Such amazing charm in Chandan Das voice and great actors around.. The trend of portraying protagonists as class topper/good in studies also ended around this era.
I watched this serial in 2001-2002 when I was in class 10th. DD national telecasted it on every Thursday at 7:30 pm … love ❤️ those days …. “Culcutta Doordarshan ki Peshkash “….
Yeh ghazal kitna pyara hai bohut sundar awaz ke sath❤
मेरे गुरु भाई हैं चंदन दास जी!
❤❤❤
काश कोई ऐसा तरीका होता जिससे मैं अपने पुराने दिन वापस से जी पाता। जि़न्दगी के सफर में जो बिछड़ गए कही उनसे दोबारा मिल पाता । ये सीरियल मेरे बडे़ भाई को बहुत पसन्द था और चूंकि मै उस समय इतना बडा नहीं हुआ था इसलिए जो बडे भाई को पसंद था वही मुझे भी पसंद था क्योंकि मैं उनकी परछाई था जहाँ वो जाते वहीं मैं जाता जो वो करते वही मैं करता आज लगता है कि बड़ा तो हो गया हूँ लेकिन अब मैं सिर्फ परछाई ही हूँ क्योंकि बडे भाई जिन्दगी के सफर में बीच में हाथ छोड़ कर चले गए। काश मैं उनसे कह पाता भाई मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ काश मैं उनसे अपने हर उस काम की माफ़ी मांग पाता जिनसे मैने भाई का दिल दुखाया जब भी कभी इस सीरियल को देखता हूँ तो मन में बस यही बात आती है कि भाई आपके बदले मैं चला जाता क्योंकि जितनी जिम्मेदारियां आपने उठा रखी थी शायद मैं कभी नहीं उठा पाऊँगा और आपके प्यार और एहसानो का कर्ज कभी नहीं चुका पाऊँगा 😭😭😭😭😭😭😭😭😭
Jiska jitna saath h utna he rehta h ....jaane wale ko kuch ni pta ab dukhi h ya khush ...woh ja chuka apna kirdaar niba ke...khush rahiye ❤
जैसे आप अपने भाई का परछाई बनकर थे वैसे ही आपका भाई आज भी आपके साथ है यादें बनकर गुजरा हुआ समय और गुजरे हुए लोग वापस तो नहीं आते किंतु हम उनके छोड़े हुए जिम्मेदारियों को पूरा कर के उनके आत्मा को शांति जरूर दे सकते हैं
ये कमेन्ट पढकर मेरी ऑंख भर गई
मेरे साथ छोडकर मेरा भी भाई गया 😔
बिलकुल सही बात है भाई।
में सारी जिंदगी भूतकाल में ही जी रहा हु। और में भी वो गुजरा जमाना याद करके दुखी होता हु और फिर उसी वक्त में लौट जाना चाहता हु। मगर अफसोस
@@tanujakumari1881 आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपकी बातों से दिल को बड़ा सुकून मिला सच में दुनिया में अभी भी दूसरों के दुख और दर्द को समझने वाले लोग है आप हमेशा ऐसे ही नेकदिल बने रहे 🙏🙏🙏
Lonely evening , coffee and this beautiful gazal ..
👍🏻👍🏻
Bahut yaad ate he wo purane din😊
एक दम सही
Mein ne ye tab se Aaj dekha. Really missing those days.
Yes😂😂😂
Bhai apne mare Dil ki baat keh di .
vartmaan mein jiyo pyaare
हम लोग लकी है जो वो दौर देख चुके है आज के समय में सब टेक्नोलॉजी होने के बाद भी वो सुकून नही है जो वो दूरदर्शन देखने में सुकून मिलता था ❤😊
Sahi baat hai Kitna skoon tha life
वो लम्हे अब महसूस नहीं होंगे
TV ab hum dekhte nhi bus apne tym k dramas h psand he
@@monikaadv2903 sahi kahaa
Har koi ek hi serial dekhta tha isiliye sab ek dusre se story share karte the. Ab 100 se upar channel, sabka pasand alag.
सिने जगत् में इससे सुंदर कुछ नहीं हो सकता!
Sach
Jaane kaha gaye woh din 😢
@@rajendrakumarmehta-mg9ww pura face aur figure bekar ho chuka he 2024 me
Heart touching gajal ❤😮
🌹🌹❤️🌹❤️👌👌👌🌹❤️🌹❤️👌👌👌BEAUTIFUL AND AMAZING 🎸🪘🥁🪘🥁GHAZAL SND PICTURES 🪘🥁🪘🥁🎤🎤
फिर वही तलाश!!.. सच एक ऐसा १९९० साल में हर हफ्ते रविवारके दिन सुबह 11:00 बजे प्रसारित होने वाला हिंदी सीरियल जिसे देखने के लिए हम हर हफ्ते राह देखते थे। सीरियल के सभी कलाकारोंने बहुत ही रियलिस्टिक अभिनय सांझा किया है। चंदन दास के सभी गजल गीत बहुत लोकप्रिय हुए थे। आरा इस सीरियल के पहले शाहरुख खान की फौजी सीरियल भी रविवार को प्रसारित हुआ करती थी। मतलब हम उसे जेनरेशन से हैं ; जिन्हें दूरदर्शन के जरिए , बहुत ही उम्दा किस्म के सीरियल सन १९९० में देखने मिले।
बिल्कुल सही कहा 👍
us samay tv dekhne mein maza aata tha
Bilkul sahi baat hai. Mein bhi wahi generation se hu. 🥰❤🌹
@@manjitgoregaonkar645 जी हां, सही कह रहे हैं आप 🙏☺️
@@psa896
जी बिल्कुल सही कहा आपने
ये उस दौर की बेह्तरीन tv serial है जो हम सब की जिंदगी हुआ करती थीं.....आज भी वो दिन याद आते है तो साँसे रुक जाती है....दिल भर आता है.... काश!!! वी दिन फिर से लौट आए......
मेरे बस मे होता तो ये वक़्त मे फिर से ले आता,😢
और आज के लोग कहते है वो दौर बहुत पिछड़ा था, उन्हें शायद अच्छे दिनों की पहचान ही नही।
اسوقت ایک دوl تھا سکون، جو آج ممکن نہیں۔
काश! वह दिन लापाते.
@@sureshahirwar4381PM
@@sureshahirwar4381
पिछड़े आज के लोग है जिन्हे सही गलत की पहचान नहीं
सिर्फ मोबाइल नहीं था बाकी सब कुछ नब्बे के दशक में था।
ऐसी ही हम पे गुजरी 😢😢😢
मैं भी एक बात कहता हूं की सबसे बड़ी बात ये है किसी दौर की यादें,उस दौर से लगाव,उस दौर से अब लालच,और उस दौर को दोबारा जी लेने की चाह हम सबकी एक सी है बिलकुल।हम सबने उस दौर को एकदम एक सा ही जिया है,जबकि हम सब अलग अलग धर्म,अलग अलग परवरिश,अलग अलग संस्कृति,और अलग अलग ऐशो आराम या हालत में जिए,सोचिए सच में उस दौर से अच्छा कुछ नहीं था। सारी समस्या की जड़ ये टचस्क्रीन मोबाइल है।
🙏🙏🙏🙏
Right
Wo waqt fir ek baar aajaye wo pyar ab nhi esa pyar ab nhi
Very well said 👍
Yar 35saal kb guzar gaye pata hi nahi chala
Yes. I agree...never knew when a 17 years turned into 52 years old....
Dar lagta h
I met her after almost 30 years...
Right
ab kya darna @@nirmeshdabas8348
मुझे यह सीरियल बहुत पसंद था, यह हीरोइन मेरा crush थी,
ये एक वीडियो नही है एक सफर है अतीत के उन दिनों का जब जज़्बात , जज़्बात लगते थे। उन दिनों के को जाने का दर्द और उन दिनों का सुकून को जाने का दर्द। उफ।
कितनी अच्छी बात कही है आपने कि यह एक विडियो नहीं है एक सफर है अतीत के उन दिनों का
एक वो भी जमाना था.....
धीरे-धीरे रेत की तरह हाथ से छूटती हुई जींदगी की शाम में बस उन्ही बीते दिनों की यादें बाकी है भागदौड भरी आज की इस दुनिया में।
Aap kay comment ne bohot rulaaya hai...
@@hussainfarhathullah899 दिल ढूँढता है फिर वही... फुरसत के रात दिन .....🙏
Very nice
मेरा जन्म 1991 में हुआ था।
ये सीरियल मैने 1999 में दूरदर्शन पर देखा
बहुत अच्छा सीरियल
उसके आलावा
अलिफ लैला, सुरभि, तहकीकात, उड़ान, जय हनुमान, आप बीती, फरमान, मिट्टी के रंग, चंद्रकांता, बेताल पच्चीसी, मोगली, भारत एक खोज, आरोहण, कैप्टन हाउस, नींव, स्कूल डेज, एक था रस्टी आदि कई सीरियल प्रोग्राम देखा है मैंने।
और तो और शाम की फिल्म भी 😊
Malgudi days..😊
Ha sach me nitin bhai, sahi kaha. Cable band karo. Sirf ek channel. Sabka topic ek
@@umeshyadav-du7wt ji bilkul 🙏
Bahut achhe din the
@@chhayat9791 ji bahut achhe program
@@nitinanand6947 , sabse accha yeh tha ki sab ek program dekhte the toh school me sabka topic wahi hota tha. Yeh sabse negative hai aajke time me. Aaj har koi alag alag serial. Ladkiyo ke star plus aur ladko ke sports aur laughter. Kisi ka topic hi nahi match hota.
यूट्यूब पर आज लगभग 34 साल बाद देख रहा हूं, जब मैं बहुत छोटा था 6 या 7 साल का, तब देखा था और तब भी बहुत अच्छा लगता था ये सीरियल, काश वो दिन फिर लौट आते, यूट्यूब का धन्यवाद कि उन्होंने इतने पुरानी यादें ताजा कर दी
Kya naam h seriel ka ?
तलाश
80 के दशक में यह धारावाहिक दूरदर्शन पर दिल जीत लिया था, जाने कहां गए वो दिन.....
Mai v dekhya hai eh serial bachpan ch but hun naam nhi yaad
Mujhe bhi iss pal m jeena h ❤
This was the first ever drama when I zealt with romance during my school life. Thanks for recalling me with obligation
दिल से होकर रूह तक समा गया था ये सीरियल और इसके सारे पात्र हर शख्स खुद को नायक की जगह रखकर देख रहा था ❤❤❤रेवती रमन शर्मा की कलम का ऐसा जादू था कि हर नौजवान को इसमें खुद की कहानी की झलक दिखाई देती थी ❤❤❤❤
चंदन दास जी की मखमली आवाज़ और फिर वही तलाश, बचपन में देखते थे यादें ताज़ा हो गई❤❤
Same here,meri bachpn ki yaade ❤❤❤
Bahut khubsurat gahal
Pehle chitrhar, fir ramayan fir mogli aur fir shaam ko movie kya din the wo.. Meri sister aur mein ek din pehle hi sara kaam nipta dete the.. Jaise ghar ka paani do drum bharna padta tha
Kabhi nahi bhula sakte Wo 80-90 k sunhare din. Bas ab yaadein reh gyi ha.
Agreed
ये सीरीअल गजल सभी उस समय से आज तक उतनी ही दिलों मे उतर जाते है। काश दूरदर्शन कोई ott पर इस सीरीअल को दिखाता तो मे पेमेंट पर भी देखता । और शयाद एक बार रोज। हम सभी को दूरदर्शन से अनुरोध करना चाहिए शायद ये दूरदर्शन के पुराने दिन भी वापिस ले आए
Super se bhi upar
बहुत ही सुखद और यादगार समय था। उस वक्त का पसंदीदा सीरियल
ये होती है वीडियो , ना फुहड़ता न ओवर एक्टिंग फिर भी हर बात दिल छू गई .इसलिए हमेसा मेरी पसंद सिर्फ और सिर्फ गजल
Age has finally caught up with me. They say you are old when you start talking about "good old days." After getting reminded about this serial, i dont mind being called old.
Usi daur mai pahunch jata hu, wo sare log yaad aate hai, school friends, neighbors, father, grandfather 😢😢😢 but koi vapis nahi ayega😢😢😢
🥹
😢😢😢😢😢
Same here
मुझे भी बहुत याद आते भाई वह दिन तब मैरी उम्र 16 साल की थी बहुत मजेदार दिन थे वो 💐👍👍👍💐
Same here
Bahut pyara daur tha .
Kash phir ek bar usi waqt ko jine ka muqa mil ta
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, TV serial, फिर वही तलाश, बहुत टीवी सीरियल
तब मैं बहुत छोटा था लगभग आठ नौ साल का लेकिन उस समय की मिठास आज भी महसूस होती हैं और वो समय अब कभी नहीं आ पाएगा 😢
most decent couple ..........most pure love story ...........there absence from screen made them more lovable ............people dont miss stars nowadays.........but people who disppear in their youth ......are missed a lot
my mother always dislikes Films and regualar tv serials...............but every few months she watch all the episodes of this serial to watch narendra and padma again and again
वो सुनहरे दिन कभी n भूल सकने वाले दिन।वो धूप वो छांव वो चांद तारों भरी रात गर्मी की सूनी दोपहर सर्दी की वो लंबी लंबी रात
बोहोत याद आता है😘😘😘
Chandan das kha gye bahut acha gaate thhe ye Bombay walo ko acha chiz ki pahechaan nhi hai khaali poltics se bhara mumbai
आह!. ओह.ओह हो हो 💔. क्या गुलाबी ,मदमस्त 💖थे रूमानी जिंदगी के वो दिन , क्या कोई तरीका हो सकता है अपने पास्ट में जाने का ? 🙄🤔😢😢😢......
ये मेरा सबसे फेवरेट सीरियल था ❤ कहां गए वो दिन
काश वो दिन और वो बचपन वापस आ सकता। मेरे पापा ये प्रोग्राम देखते थे और हम दोनो भाई शोर मचाते उनके पास बैठकर।
उस समय के कुछ बेहतरीन और शानदार शाहकार का कोई मुकाबला नहीं ❤
वाह क्या दिन थे
One of my favourite ghazals. All the serials of that era were classic and worth to watch this day also.
Koi ho Safar mein jo saath de, Mein Rukun jahan koi haath de, meri manzilen abhi door hain, mujhe raaston ki talash hai...............................Ji haan Phir Wohi Talash, main umr mein chota tha lekin itni si umr mein bhi is serial ki gehraai ko mehsoos kar paya aur ye bhi mere bachpan ki un yaadon ka hissa ban gaya jo main aaj tak na bhool saka aur na hi bhoolna chahta hun. Zindagi ka sabse khoobsurat daur maine tabhi jiya. Aaj jo kuch bhi mere paas hai tab aisa kuch bhi nahin lekin main aaj se kahin jyada ameer tha. Kaash woh pal laut kar aa saken to shayad jee bhar kar ji lu unhen. Pyaar ki jo paribhasha is serial mein batayi gayi hai shayad bahuton ke gale se neeche na utare ( end of serial ) lekin sabse khoobsurat pyaar yehi hai aur hamesha rahega. Thanks to Doordarshan for making our childhood wonderful......Naman
Shayad Padma naam tha iss khubsurat haseen ka.....sabse alag sabse juda...
Ur right padma
@@rana-xp9lf yes
@@rana-xp9lf Yes
han ji poonam rehani sarin
90's not the time to be born but the time to be lived feel angst not to be grown and be in high school / college , I just feel that time was pure . 2000 -2010 time was moving towards corruption even in emotions and innocence
दूरदर्शन ने एक से एक बेहतरीन धारावाहिक और संस्मरण दिए हैं,,जिनको हम जैसी पीढ़ी कभी भुला नहीं सकती है,,बेड़ा गर्क तो अन्य चैनलो और एकता कपूर के सीरियल्स ने किया है जो समाज को गर्त में लेकर गए हैं।
मुझे इसका टाइटल सॉन्ग और ये धारावाहिक बहुत अच्छा लगता था और है।
ऐसे अनगिनत बातें हैं जो डीडी 1 और डीडी 2 में होती थी।
क्या ज़माना था वो भी,,
सच है जो मेरे पिता सुनते गुनगुनाते थे और तब वो हमे पसंद नहीं था पर आज लगता है कि पुराना ही सबसे सुंदर था उसमे अपनापन और लगाव होता हैं।
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ❤❤
Kash woh din vapas aajaye
Lovely soooo beautiful song n sweet memories
No Words Can Describe…… What M Feeling……..After A Long Time…..Seen & Favourite Serial, Feel The Ghazal…..
Padma or shahnaaj tha in ladkiyon ka naam mai bhi dekhti thi ye serial 😊😊😊
Thanks for reminding
Yes....I remember
✅
शहनाज़=नीलिमा अज़ीम
शाहिद कपूर की माँ
@@shahidazam7167आपका नाम भी शाहिद है।
😊
...और अश्वनी कुमार का नाम शायद serial में भी अश्वनी ही था, जहॉं तक मुझे याद है।
🤔
Isko sunkar purani yadein taaja ho gai . Undinon mein bhi notebook lekar TV ke paas baith jaati thi . Ye gazals likhane ke liye. Yad nahin hai vo Kaun sa serial tha bas 2 line yaad hai. Jindagi jindagi aye meri zindagi... mein bhi kis kam ka tu bhi kis kaam ki...😢
I literally cried at the climax. I can still feel the pain.
Trust me this singer had such a magnificent voice. Till now in ghazal I know about Jagjit Singh, Anoop Jalota, Ghulam Ali, Mehdi Hassan. Really my ghazal repertoire is very poor. What a mellifluous singing. I am honored to be able to hear him.
My DOB is feb 1985 . I have very well lived those cable TV days. DD channel . Please give me my childhood. But I have harsh memories also in same age. So I sometimes throught that. Whatever is happening is good. Keep smiling
Ab na Chandan Dass Ji hain aur na humare mama hain iss duniya main bass sirf unki yaadein rahe gayee....
I was a teenager when saw this serial on Doordarshan . Saw all the episodes once again on the RUclips recently. Brought back the old memories.
वह भी क्या दिन थे. लेकिन समय किसी के लिए रुकता नही.
Fir vahi talaash ...ke peraral kitne bhi serial ban jaye ye no 1 bana rahega❤
आज ये गजल सुनी काफी अरसे बाद न जाने कितने शोर के बाद आज दिल में एक शांति है तब में लगभग दस साल का रहा होऊंगा जब ये सीरियल आया करता था और इसे देखने के लिए में काफी इंतेज़ार भी करता था क्योंकि तब में बड़ा हो रहा था और दुनिया को समझने की कोशिश कर रहा था और चंदन दास जी ने तो इस सीरियल में मानो जान सी फूक दी थी काश वो दिन फिर लौट आए। अब तो घर भी सिर्फ परिवार के लिए आता हूं अगर परिवार ना होता तो शायद में कही निकल जाता.......
Lovely
Waqt bahut teazi ke saath guzar gaya
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है ... मैं रोज़ रात को ये गजल सोते वक्त ये गजल सुनता हु...।।।
Durdarshan per jb ye serial aata tha tb mai bahut chhoti thi lekin yaad hai aaj ise dekh kar purani yadein taza ho gai ab tak ki puri life rivers ho gai kitni shanti hua karti thi pehle ab shor hai lekin khali pan lgta hai life me
very true. Those are golden days. Kyan din they, kya log they, kya sama tha... ab bus ek dhuwa hi dhuwa hai
जबरजस्त सीरियल था यह,अभी भी जब वक्त मिलता है तो देखते हैं इसको
Palash k fool... ❤❤neelima aziz❤
ഈ ഗസൽ ഈ നടി ❤എനിക് എത്ര ഇഷ്ട്ടം ആണന്നു പറയാൻ ആവില്ല ❤❤😊
Ever green serial
I witnessed it so many times
Very touching, hert rending
Ufff this ghazal and the situations and the picturizations... Priceless !!!
Gazab
Reminds me of my exboyfriend during college days who is not in this world any more - his life was cut short too soon... He used to love Ghazals.
Nelima azeem and poonam rehani simpal look mei bhi bahut hi excellent and versatile performance di hai kya dour tha 90s ka - vahi aajkal ke serials mei heroine ang pardarshan mei kapde utarne ko tayyar rahti hai or koi bhi inka serials nahi dekhta
The serial We enjoyed a lot during 80s. A beautiful love story.
Purani yaadein taaza ho gayi....yeh serial uss tym ka one of fav8 tha....🎉🎉🎉🎉
Beautiful song laced with great memories of times
क्या अच्छे दिन थे ,,
Ghazals have their own fragrance...of love and longing...listening to this in the evening while working...itna sukoon tanhaeinyon mein ❤
Mera bachpan ka pahla pyar.. Aj tak nahi bhula es chera ko
70s, 80s and 90 were golden era to lived in...proud 90s kid
Jab ye serial aata tha mai bhut chhoti thi par is serial ki padma mujhe abhi tak yaad hai
Wo bhut khubsurat thi
Ghazal nahi hai… Moti hain moti… kya piroya hai.. sur, shabad, ada aur adakar aur vo ishq ki shuruat ki na bhulne wali khushboo, sab bohat bohat behtreen❤❤❤
OMG looking for this for sooo long
And that ghazal Tanha Tanha
Ye serial Maine crown black and white TV pe dekha hai 😊😊😊
Thank you so much purane din Ko yad dene ke liye
Lucky to be happy once again. I loved this serial for simplicity of both.she was so sweet and he was so simple.
those days its was the most loved serial among tanagers...now in their forties....hope life turned out well for all...
A serial for lifetime, much much love ❤
[2024] Great to see this amazing song, setting and dialogues... Must have been shot around late 80s! Such amazing charm in Chandan Das voice and great actors around.. The trend of portraying protagonists as class topper/good in studies also ended around this era.
I was glued to TV in those days. I am again 18 today, watching this retro ghazal.
Waah waah… such beautiful memories.
Fir vahi talash.
MUZE MAMZILO KI TALASH HAI.
I always saw on DD1.
Serial was so simple but part of view was so correct.I like very much.❤❤❤
M jab ye serial dekhte hu, to kisi aur hi duniya me pahuch jaate hu ♥️♥️😊
Each and every character was strong in its own place ..and Padma was national crush of all boys as wellas girls also 😊
Nice video.. Great voice Chandan Das sir..
THIS WAS ALSO MY FAVORITE SERIAL WHEN I WAS A STUDENT OF SCHOOL , NOW I AM ABOUT 48, AAP KE BADE BHAAI KE JAANE KA JAANKAR BAHUT DUKH HUA 😢
वो क्या पुराने दिन थे । ❤
I watched this serial in 2001-2002 when I was in class 10th. DD national telecasted it on every Thursday at 7:30 pm … love ❤️ those days …. “Culcutta Doordarshan ki Peshkash “….
Serial ka naam to Bata de paji
@@jayes100 Fir wohi talaash
Ye siriyel un dino bahut chalti thi, mere feborite thi.