राजपुत हमेशा शरणागत वत्सल रहे हैं।शरण में दुश्मन आता है तो भी शरण देना एक सच्चे क्षत्रिय का धर्म है इसमें अमर कोट की कोई भुल नहीं है। इन्होंने अपने कुल की परम्परा अनुसार शरणागत को शरण दी थी।शरण देने से अकबर बादशाह नहीं बना।इसके उभरने का सबसे बड़ा कारण रहा कि राजपुतो में एकता की कमी थी और राजपुतो में क्षेत्रवाद था।कभी भी एक झंण्डे के निचे आये ही नहीं। राजपुतों में जो एकता होती तो आज भी अखंड भारत होता। जयसिंह परमार सरवाना
ये भावुकता थी जिसको धर्म संस्कृति व संस्कारो का चोला पहनाया गया। इसके अनेक परिणाम भुगतने पड़े।जिसमें शरणागत की रक्षा,मैदान से भागते का पीछा नही करना,रात्रि को युद्ध नही करना,पीठ,पीछे,वार नही करना,इत्यादि और शत्रु ने सभी सिद्धान्त ताक पर रख कर सत्ता हथियाली।
Sir agar ye baat sahi hai ki humayu ki bibi present thi .ye ghatna 1540 ki hai. Aur Akbar ka janm hua tha 1542 me to Is Akbar ka baap kaun hai. Please isko mujhe bataiye.
भारत विलय में अमरकोट का शामिल नहीं होना यह गरदिश की बात है पर हुमायू को शरण देना भूल नहीं एक राजपूत संस्कार होता किसी को शरण में आए हुए को शरण देना है जो अमरकोट के राणा ने भली भांति निर्वहन किया।
इसको संस्कार नही कहा जाता वो विदेशी आक्रांता था उसके बाप ने अनेक मंदिर तोड़े आपकी dp पर लिखा जय श्री राम उनकी राम का मंदिर तोड़ा धर्म परिवर्तन करवाया लूटमार की इज्जत को तार तार की ऐसे व्यक्ति को पनाह देना आप संस्कार करते हो तो इसका मतलब बीकानेर व जोधपुर वालो ने शरण नही तो वो संस्कारी नही थे क्या।ये संस्कार हम सब को भारी पड़े और सबसे ज्यादा राजपूतो तो अकबर ने और बाद वालो ने क्या क्या किया पढ़ना फिर सोचना।रही अतीत की बात तो इतिहास कभी नही मरता है गलतियों की सजा आने वाली कई पीढियां भुगतती है और हम वोही भुगत रहे है ।
@SurTarang123 वो औरत जोधपुर और बीकानेर वालो के पास नहीं गई तो वो कैसे उन्हें पनाह देंगे।बेवकूफी जैसी बातें कर रहे हो।एक गर्भवती औरत की रक्षा करना क्या तुम्हारे हिसाब से मूर्खता थी।वो बच्चा तो पैदा भी नहीं हुआ था और तुम कह रहे हो उसने मंदिर तोड़े।
ओर पाकिस्तान में हिंदू हे तो फायदा भी हे उस देश में एक दिन हिन्दुओं की आबादी बढ़ेगी और हम आसानी से पाकिस्तान के भाग को अपना बना सकते हे।वो भी समय आयेगा ही जैसे भारत में मुसलमान बढ़े वैसे पाकिस्तान में भी हिन्दू बढ़ेंगे।
सर आप जो स्क्रीन पर फोर्ट का फ़ोटो बता रहे हो य डेरा वर का हैं जो कभी भाटी राजपूतों की राजधानी हुआ करती थी । ये किला पाकिस्तान की हुदुद में हैं जो पंजाब प्रान्त के बहावलपुर जिले में हैं । इस किले की भी बड़ी रोचक कहानी है । ये किला चोलिस्तान नामक रेगिस्तान में पड़ता हैं । चोलिस्टन को स्थानीय भाषा में रोही कहा जाता हैं । ये किला अंग्रेजो ने सिंध फतह के समय भाटी राजपूतों के सहयोग करने के कारण जैसलमेर के महाराजा को दिया था। जैसलमेर महाराजा जवाहर सिंह के समय सिंध में सिंधी मुसलमानों ने पीर पगरो साहब के अगुवाही में हूर आन्दोलन किया था। ये आन्दोलन सिंध को अंग्रेजो से आजाद करवाने के लिए हुआ था। सिंधीयो ने पूरे सिंध में अराजकता पैदा कर दी थी तब अंग्रेज़ो ने इस आन्दोलन को रोंद दियो और इस आन्दोलन के मुख्यो को फांसी दी। तब पीर पगारो साहब जैसलमेर पधारे और जैसलमेर महारावल ने इनको शरण दी इससे अंग्रेज नाराज हुए और देरावर का किला अपने कब्जे में ले लिया । बाद में य किला अंग्रेजो बहावलपुर के नवाब को दे दिया।
पाकिस्तान में मिलने के बाद 1980 में जियाउल हक ने वहाँ के कुछ हिन्दू नाम वाले शहरों के नाम बदले उसमे इसका भी नाम अमर कोट से उमर कोट किया।जैसे भारत मे शहरों ने नाम बदले है वैसे ही वह भी बदले गए।
@SurTarang123 हुमायूं और शेर शाह के बीच मे 26.7.1539 मे हुवा था और हुमायूं वहा से भागा था... और अकबर का जन्म 15.10.1542 मे हुवा था... दोनों तारीख मे बहुत ज्यादा अन्तर हो गया ना...
1545 में शेरशाह कालिंजर किले की घेरा बन्दी के दोहरान बारूद विस्फोट में घायल हो गया था और फिर उसकी मृत्यु हो गई थी उसके बेटा फिर गद्दी पर बैठा था। 1555 में हुमायु ने फिर से दिल्ही पर कब्जा किया।
अच्छा आप को पाकिस्तान क्या करता वो सब पता है पर यदि वो भारत मे विलय हो जाते और पाकिस्तान के कुछ हरकत करने पर भारत क्या करता इसका बोध नही है। तरस आता है आपकी सोच पर जो अपने ही देश की ताकत पर संदेह करते है।
मेरी जाति का इतिहास तुममे पढ़ने की हैसियत नही है। जिस जाति मे असंख्य देवियो ने अवतार लिया। जिन्होंने राव बिका को राज्य दिलाया। शेखा को कैद से छुड़ाया। अकबर से नवरोजे छुड़ाये और राणा हमीर को मदद की व जीत दिलाई। राव रिदमल की हत्त्या होने पर उनका जान पर खेल अंतिम संस्कार किया। राह से भटके कृतव्य से विमुख हुए राजाओं को वीरता का पाठ पढाया। युद्धो मे भाग लिया व वीर गति को प्राप्त हुए। मेरी जाति इतिहास जानना हो तो राजस्थान का इतिहास पढ़ो। महाराजा मानसिंह को पढ़ो स्वर्गीय ठाकुर नाहर सिंह जी जसोल को पढ़ो। आहुआ के धरने को पढ़ो आआजादी के आंदोलन मे अपना बलिदान देने वाले ठाकुर केसरी सिंह व् उनके परिवार को पढ़ो करनल टोड को पढ़ो। और भी भी जान नही पाओ तो जिनकी तरफ दारी कर रहे हो उसी उमर कोट के अभी के राणा हमीर सिंह का मेरी जाति का इतिहास बताया है वो you tube पर या गूगल पर जाकर सुनो। और सुनने की हिम्मत हो तो तुम्हारी जाति व गोत्र बताओ तो मै तुम्हे तुम्हारा इतिहास बताता हूँ।
Sir me sodha rajput hu .sir amarkot riyashat Muslim bahul riyasat thi lekin sasak vaha ak hindu Raja tha .esliye angrej gavarner ne Muslim abadi ko dekhte hue is riyasat ko pak me Mila liya. Jai ma bhavani 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
@@jagmalsinghjagmalsingh6048 भारत की 565 रियासतों में से अमरकोट का नाम कहां है पहले यह पता करें मिलेगा ही नहीं क्योंकि अमरकोट जागीर थी ना की रियासत अच्छा अमरकोट के राजा पर यह आरोप लगाना भी गलत है कि वह पाकिस्तान में मिल गए केवल रियासत के राजा को यह अधिकार था कि उसे कहां जाना है पाकिस्तान या हिंदुस्तान
@pushpendrasinghnaruka8395 amarkot riyasat hi hi thi aur angrejo ne ise rajputana रेसीडेंसी me shamil kar rakha tha. Google kar lena list me aapko amarkot riyasat ka naam mil jayega.
bharat ke aajady ke samay sardar patel ke kam desbhgty mane jayengy durbhagav bharat ke perdhamaty ke list he vah hindu varody rahy phir amar kot ko kesy galat kaha
बहुत सुंदर लम्हो ने खता की थी सदियों ने सजा पाई है
जी हाँ
बेवकूफ इंसान
बिना जानकारी के यू ट्यूब में डाल देता है लोगो को भ्रमित कर रहा है
सत्य कड़वा होता है
इतिहास पढ़ो तो पता चलेगा
अभी उमरकोट भारत में है या पाकिस्तान में बताए
पाकिस्तान में
सही, बात है
राजपुत हमेशा शरणागत वत्सल रहे हैं।शरण में दुश्मन आता है तो भी शरण देना एक सच्चे क्षत्रिय का धर्म है इसमें अमर कोट की कोई भुल नहीं है। इन्होंने अपने कुल की परम्परा अनुसार शरणागत को शरण दी थी।शरण देने से अकबर बादशाह नहीं बना।इसके उभरने का सबसे बड़ा कारण रहा कि राजपुतो में एकता की कमी थी और राजपुतो में क्षेत्रवाद था।कभी भी एक झंण्डे के निचे आये ही नहीं। राजपुतों में जो एकता होती तो आज भी अखंड भारत होता।
जयसिंह परमार सरवाना
ये भावुकता थी जिसको धर्म संस्कृति व संस्कारो का चोला पहनाया गया। इसके अनेक परिणाम भुगतने पड़े।जिसमें शरणागत की रक्षा,मैदान से भागते का पीछा नही करना,रात्रि को युद्ध नही करना,पीठ,पीछे,वार नही करना,इत्यादि और शत्रु ने सभी सिद्धान्त ताक पर रख कर सत्ता हथियाली।
Murkhta thi
क्यों तुम्हारे बाप दादा इन रूल्स का पालन ना करके कितने युद्ध जीत लिए।
आपको इतिहास कि जानकारी नहीं है.
उसकी पत्नी गर्भवती नहीं थीं।
हुमायु को भागने के दो बर्ष और चार महीने बाद अकबर का जन्म हुआ था।
Enemies should be treated as enemies only, nothing else.
👍👍👍
Thanks
Please this is history is rough
बहुत बहुत धन्यवाद।
सही इतिहास से अवगत करवाया।
Thanks
बहुत बड़ा मिस्टेक,शरण देकर देस बर्बाद कर दिया। अदूरदर्शी राजा राज्य
बिल्कुल सच
mistake nahi GADDARI
Nice sir ❤️🔥
Thanks
Yes
Jordaar hkm vedio acha lega
Thanks
Our country is suffering for some treaturous King's...we are proud of the warriors among them... who are nationalists...also hates the selfishs.
Right
आज वो भारत से ज्यादा अपना महत्व रखते है पाकिस्तान में
गलत कह रहे हो कोई महत्व नही है यूही लोग बड़ा चढ़ा कर बात करते हैं।
khandaani gaddar hai ye umarkot wale
क्यों तुझे पाकिस्तान में mla नहीं बनाया इसलिए
Niji swarth ke chalte jànta ka nahi socha
बिल्कुल सही
Sir agar ye baat sahi hai ki humayu ki bibi present thi .ye ghatna 1540 ki hai. Aur Akbar ka janm hua tha 1542 me to Is Akbar ka baap kaun hai.
Please isko mujhe bataiye.
यह एक विरोधाभाषी तिथि है इस कारण सन्देह होना वाजिब है इस पर आगे विस्तार से कभी बताऊंगा।
भारत विलय में अमरकोट का शामिल नहीं होना यह गरदिश की बात है पर हुमायू को शरण देना भूल नहीं एक राजपूत संस्कार होता किसी को शरण में आए हुए को शरण देना है जो अमरकोट के राणा ने भली भांति निर्वहन किया।
इसको संस्कार नही कहा जाता वो विदेशी आक्रांता था उसके बाप ने अनेक मंदिर तोड़े आपकी dp पर लिखा जय श्री राम उनकी राम का मंदिर तोड़ा धर्म परिवर्तन करवाया लूटमार की इज्जत को तार तार की ऐसे व्यक्ति को पनाह देना आप संस्कार करते हो तो इसका मतलब बीकानेर व जोधपुर वालो ने शरण नही तो वो संस्कारी नही थे क्या।ये संस्कार हम सब को भारी पड़े और सबसे ज्यादा राजपूतो तो अकबर ने और बाद वालो ने क्या क्या किया पढ़ना फिर सोचना।रही अतीत की बात तो इतिहास कभी नही मरता है गलतियों की सजा आने वाली कई पीढियां भुगतती है और हम वोही भुगत रहे है ।
Murkhta thi yahi murktha prithvi raj chauhan ne ki jiska antim sanskar bhi nh ho paya.
@SurTarang123
वो औरत जोधपुर और बीकानेर वालो के पास नहीं गई तो वो कैसे उन्हें पनाह देंगे।बेवकूफी जैसी बातें कर रहे हो।एक गर्भवती औरत की रक्षा करना क्या तुम्हारे हिसाब से मूर्खता थी।वो बच्चा तो पैदा भी नहीं हुआ था और तुम कह रहे हो उसने मंदिर तोड़े।
आज के समय की बात करो कौनसे अपराधी की सजा उसके बेटे को दी जा रही है बता
मुस्लिम से पुनः हिन्दू बने राजाओं की जानकारी दिजिए!
आज अपलोड किया वीडियो देखें उसमे सब बताया है
बुलाने वाले कोन थे वो भी बताओ मुघलों को
महाराणा सांगा
अच्छा लड़ा कोन तेरा बाप
Amarkot ki 80% janta hindu thi 1947 में.
Right
आज के समय की बात करो कौनसे अपराधी की सजा उसके बेटे को दी जा रही है बता
लगता है आपकी भी मुगलो के प्रति विशेष सहानुभूति है।
मुझे मुगलों से कोई लेना देना नहीं पर तुम हमारे हिन्दू राजा को बदनाम कर रहे हो।ऐसा हमारे हिन्दुओं में ही हो सकता हे
ओर पाकिस्तान में हिंदू हे तो फायदा भी हे उस देश में एक दिन हिन्दुओं की आबादी बढ़ेगी और हम आसानी से पाकिस्तान के भाग को अपना बना सकते हे।वो भी समय आयेगा ही जैसे भारत में मुसलमान बढ़े वैसे पाकिस्तान में भी हिन्दू बढ़ेंगे।
सर आप जो स्क्रीन पर फोर्ट का फ़ोटो बता रहे हो य डेरा वर का हैं जो कभी भाटी राजपूतों की राजधानी हुआ करती थी । ये किला पाकिस्तान की हुदुद में हैं जो पंजाब प्रान्त के बहावलपुर जिले में हैं । इस किले की भी बड़ी रोचक कहानी है । ये किला चोलिस्तान नामक रेगिस्तान में पड़ता हैं । चोलिस्टन को स्थानीय भाषा में रोही कहा जाता हैं । ये किला अंग्रेजो ने सिंध फतह के समय भाटी राजपूतों के सहयोग करने के कारण जैसलमेर के महाराजा को दिया था। जैसलमेर महाराजा जवाहर सिंह के समय सिंध में सिंधी मुसलमानों ने पीर पगरो साहब के अगुवाही में हूर आन्दोलन किया था। ये आन्दोलन सिंध को अंग्रेजो से आजाद करवाने के लिए हुआ था। सिंधीयो ने पूरे सिंध में अराजकता पैदा कर दी थी तब अंग्रेज़ो ने इस आन्दोलन को रोंद दियो और इस आन्दोलन के मुख्यो को फांसी दी। तब पीर पगारो साहब जैसलमेर पधारे और जैसलमेर महारावल ने इनको शरण दी इससे अंग्रेज नाराज हुए और देरावर का किला अपने कब्जे में ले लिया । बाद में य किला अंग्रेजो बहावलपुर के नवाब को दे दिया।
शानदार जानकारी दी ।आपका ऐतिहासिक ज्ञान से काबिले तारीफ है।
अमरकोट न कि उमरकोट
पहले था अब तो उमर कोट ही कहा जाता है
@@SurTarang123 नाम बदलने का कारण?
और उमर कौन था?
पाकिस्तान में मिलने के बाद 1980 में जियाउल हक ने वहाँ के कुछ हिन्दू नाम वाले शहरों के नाम बदले उसमे इसका भी नाम अमर कोट से उमर कोट किया।जैसे भारत मे शहरों ने नाम बदले है वैसे ही वह भी बदले गए।
हुमायूं की पत्नी तब गर्भवती नहीं थी...... हुमायूं अपनी पत्नी को छोड़ कर गया उसके साढ़े दस महिने बाद अकबर का जन्म हुआ.....
आप गलत कह रहे है कृपया वापस इतिहास पढ़े
@SurTarang123 हुमायूं और शेर शाह के बीच मे 26.7.1539 मे हुवा था और हुमायूं वहा से भागा था... और अकबर का जन्म 15.10.1542 मे हुवा था... दोनों तारीख मे बहुत ज्यादा अन्तर हो गया ना...
जामनगर नही जूनागढ़,ये इतिहास हे जल्दबाजी न करे
Sorry bolane me galati huee hai
राजपूत ही राजपूत को बदनाम कर सकता है यही हमारी कमजोरी बन जाती हे।
ऐसा नही है
ऐसा ही हे आपको देखकर लगता है
हुमायूं ने शेरशाह को कौनसे सन् में हराया था
1555
@@SurTarang123 पक्का हुक्म
1545 में शेरशाह कालिंजर किले की घेरा बन्दी के दोहरान बारूद विस्फोट में घायल हो गया था और फिर उसकी मृत्यु हो गई थी उसके बेटा फिर गद्दी पर बैठा था। 1555 में हुमायु ने फिर से दिल्ही पर कब्जा किया।
शेरशाह सूरी के वंशज सिकन्दर शाह सूरी को 1555 में हरा कर पुनः हुमायु बादशाह बना
अमरकोट ने गलत नहीं किया अगर वो पाकिस्तान में नहीं जाते तो पाकिस्तान हमला कर उसे कब्जा लेते।जैसे pok लिया।जिस तरह भारत ने जूनागढ़ और हैदराबाद लिया
अच्छा आप को पाकिस्तान क्या करता वो सब पता है पर यदि वो भारत मे विलय हो जाते और पाकिस्तान के कुछ हरकत करने पर भारत क्या करता इसका बोध नही है। तरस आता है आपकी सोच पर जो अपने ही देश की ताकत पर संदेह करते है।
अपने देश की ताकत पे मुझे भरोसा ये सिर्फ आप ओर हम बाते कर सकते जमीनी हकीकत क्या होती हे तभी पता चलता हे।जैसे आप वीडियो बनाकर सिर्फ बाते ही कर सकते हो
तो लेते पीओके उन्होंने तो कश्मीर से दिया था पूरा आप ओर हम सिर्फ बाते कर सकते हे जमीनी हालत का पता तभी चलता है
Alha udal ne jeeta tha umarkot bundelkhand ke❤❤❤❤❤❤❤❤
Right
तो लेते पीओके उन्होंने तो कश्मीर से दिया था पूरा आप ओर हम सिर्फ बाते कर सकते हे जमीनी हालत का पता तभी चलता है
amarkot vala ne sahi nahi kiya.
humayu ko suport nahi karna tha.
mogalo ko ashra nahi dene ka thha.
jay bharat !
Nice comment
अपने देश की ताकत पे मुझे भरोसा ये सिर्फ आप ओर हम बाते कर सकते जमीनी हकीकत क्या होती हे तभी पता चलता हे।जैसे आप वीडियो बनाकर सिर्फ बाते ही कर सकते हो
Huaa karti ni ab bhi hai
जी हां
थोड़ा दिमाग से भी काम लेना होता हे चाइना से हम अक्साई चीन गवा चुके हे,
गलत जानकारी जानकारी का अभाव हे आपमें
सच है। सत्य कड़वा होता है
सवालों के जवाब नहीं दे पाते आप इसलिए सबको मुगलों से जोड़ रहे हो।पर जवाब नहीं दोगे
कौनसा सवाल
अमरकोट ने गलत नहीं किया अगर वो पाकिस्तान में नहीं जाते तो पाकिस्तान हमला कर उसे कब्जा लेते।जैसे pok लिया।जिस तरह भारत ने जूनागढ़ और हैदराबाद लिया
तुम कौनसी जाती से हो में पड़ता हु तुम्हारा इतिहास
मेरी जाति का इतिहास तुममे पढ़ने की हैसियत नही है। जिस जाति मे असंख्य देवियो ने अवतार लिया। जिन्होंने राव बिका को राज्य दिलाया। शेखा को कैद से छुड़ाया। अकबर से नवरोजे छुड़ाये और राणा हमीर को मदद की व जीत दिलाई। राव रिदमल की हत्त्या होने पर उनका जान पर खेल अंतिम संस्कार किया। राह से भटके कृतव्य से विमुख हुए राजाओं को वीरता का पाठ पढाया। युद्धो मे भाग लिया व वीर गति को प्राप्त हुए। मेरी जाति इतिहास जानना हो तो राजस्थान का इतिहास पढ़ो। महाराजा मानसिंह को पढ़ो स्वर्गीय ठाकुर नाहर सिंह जी जसोल को पढ़ो। आहुआ के धरने को पढ़ो आआजादी के आंदोलन मे अपना बलिदान देने वाले ठाकुर केसरी सिंह व् उनके परिवार को पढ़ो करनल टोड को पढ़ो। और भी भी जान नही पाओ तो जिनकी तरफ दारी कर रहे हो उसी उमर कोट के अभी के राणा हमीर सिंह का मेरी जाति का इतिहास बताया है वो you tube पर या गूगल पर जाकर सुनो। और सुनने की हिम्मत हो तो तुम्हारी जाति व गोत्र बताओ तो मै तुम्हे तुम्हारा इतिहास बताता हूँ।
Sir me sodha rajput hu .sir amarkot riyashat Muslim bahul riyasat thi lekin sasak vaha ak hindu Raja tha .esliye angrej gavarner ne Muslim abadi ko dekhte hue is riyasat ko pak me Mila liya. Jai ma bhavani 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
अंग्रेजो ने नही मिलाया यह तत्कालीन राजा अर्जुनसिंह जी का निर्णय था।
@@jagmalsinghjagmalsingh6048
भारत की 565 रियासतों में से अमरकोट का नाम कहां है पहले यह पता करें मिलेगा ही नहीं क्योंकि अमरकोट जागीर थी ना की रियासत अच्छा अमरकोट के राजा पर यह आरोप लगाना भी गलत है कि वह पाकिस्तान में मिल गए केवल रियासत के राजा को यह अधिकार था कि उसे कहां जाना है पाकिस्तान या हिंदुस्तान
@@pushpendrasinghnaruka8395 GADDAR UMERKOT
@pushpendrasinghnaruka8395 amarkot riyasat hi hi thi aur angrejo ne ise rajputana रेसीडेंसी me shamil kar rakha tha. Google kar lena list me aapko amarkot riyasat ka naam mil jayega.
1947 me amarkot ki 80% janta hindu thi. Amarkot aaj bhi hindu bahul hai lekin abhi 52% hindu hi reh gaye hai.
Hukam kush mistake
1 umerkot nahi amarkot he
2 amarkot is not state
Amarkot ek 2 nd class jagir Thi
अब इसका नाम अमरकोट से उमरकोट कर दिया है
Pakistan ki hukumat ne name change jarur Kiya lekin
Aap video me before indendenty
Ki bat kahi to wo time amarkot tha
Bad me name change Kiya
Hukam
इस्लाम का प्रभाव पड गया।।अमर- उमर
@@chauhancreation7343 बिल्कुल यही हुआ
Sir muje ye bataye ki amarkot konsi riyasat ki jagir thi
क्यों तुम्हारे बाप दादा इन रूल्स का पालन ना करके कितने युद्ध जीत लिए।
इतिहास पढ़ो
कौनसी जाती से हो
पड़ता हु
bharat ke aajady ke samay sardar patel ke kam desbhgty mane jayengy durbhagav bharat ke perdhamaty ke list he vah hindu varody rahy phir amar kot ko kesy galat kaha
सरदार पटेल गृह मंत्री थे प्रधानमंत्री नही उन्होंने रियासतों को एक किया वो देशभक्त थे।
हॉट चोटिला तुम बता रहे हो यह देरावर फोर्ट है ना कि अमरकोट
यायह सही है यह वही फोर्ट है ।
Tabhi toh aisi ki taisi hoti hai
जी हा