आदिवासी इस धरती में सबसे महान और दयालु है। इनकी बराबरी कोई भी नहीं कर सकता है। बस कुछ लोगों ने और समय के चक्र ने इनको और इनके समृद्ध विचारों को इस संसार में सामने आने नहीं दिया गया। जबकि आदिवासी अपने समय में महान योद्धा, महान विद्वान, महान दर्शनिक, बहुत बड़े चिंतक इत्यादि इत्यादि। मतलब इनका बखान करने में शब्द कम पड़ जाते है। इसीलिए ये इस धरती के महत्व को समझते है। और पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए तथा प्रकृति की कृतज्ञता को दर्शाने के लिए, ये इनकी पूजा करते है। पर कुछ शहरी लोग इसको बिना जाने कुछ भी बोलते है। जबकि ये ही इस धरती की मूल्यों को सच में बचाए हुए है। आदिवासी महान है.... जय जोहार ❤❤❤🎉
रंजन भाई .... दिल की बहुत गहरी बात कह दी आपने, जो बस्तर से, और यहां के आदिवासी से, उनके दरिया दिली से, उनकी मासूमियत से , मुख्य रूप से बस्तर की प्रकृति, और यहां की शांति से प्रेम करता है, उनके दिल में यह दर्द जरूर उठता होगा । की भविष्य में क्या यह सब रहेगा ?????😢🙏🙏🙏
तिवारी सर आपने सही कहा की रंजन सर बिल्कुल प्रबुद्ध पत्रकार है उनके विचारों को सुनकर दिल से दर्द महसूस हो रहा था कि माओवादियों के कब्जे से ये क्षेत्र मुक्त हो जायेगा तो शायद तस्वीर विकास के गति के साथ ज्यादा रुलाने वाली होगी। तब माइनिंग से आदिवासी अपनी विरासत खो देंगे, अपनी स्वाभाविक जिंदगी खो देंगे। अभी प्रकृति का सुकून वाला अँधेरा है और कालांतर में उजाला तो होगा पर विनाश का, सभ्यता का अँधेरा होगा
शहरी दिमाग चलाता है दिमाग से लेता है गांव के रहने वाले साफ दिल ओर दिलदार होते हैं, शहरों में रहने वाले लोग स्वार्थी और चालाक ज्यादातर पाए जाते हैं , यह मेरा अपना व्यक्तिगत अनुभवहै
पत्रकार चाहे तो किसी गांव को उजाड़ सकता है और पत्रकार चाहे तो किसी गांव को स्वर्ग जैसा बन सकता है आप लोगों का पत्रकारिता देखकर दिल को बहुत-बहुत ज्यादा सुकून आया आप ही लोग उसे गांव के आदिवासी लोगों को न्याय दिला सकते हैं जय जवान जय किसान जय संवाददाता मैं सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले से भगवानों नायक आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं विकास तिवारी भगवान के रूप में उसे गांव में पहुंचे 💐💐💐💐
ये होती है सच्ची पत्रकारिता,, जो इतनी असुविधा के होते हुए, कड़ी मेहनत करके अपना सबकुछ झोकर लोगो को सच्चाई दिखा रहे है,,,,,, इन पत्रकार भाइयों को दोनों तरफ से सुनना पड़ता है, सरकार कहती है मवोवादी से मिले है,, और माववादी बोलते है की सरकार से मिले है,,,
आप पत्रकारों की तपस्या पूर्ण पत्रकारिता के लिए बहुत धन्यवाद। बस्तर के जंगली क्षेत्र का निवासी अपने को जल जंगल और जमीन को अपन ठिकाना मानता है, और है भी सही। इसीलिए जंगल आज भी आबाद है। अन्यथा कभी दिल्ली में भी जंगल और जंगली जानवर हुआ करता था। परंतु आज कांक्रीट का जंगल ज्यादा हो गया है। बस्तर मैं मंडल, ब्लाक और जिला स्तर को सरकार हर आधुनिक सुविधाओं और दैनिक जरूरत एवम शैक्षणिक सुविधा युक्त बनाए। लेकिन किसी सूरत में जंगल को न उजाड़ करे।
विकास सर जी आप को दिल से सैल्यूट आदिवासियों को आप समझते है मैं आदिवासी हूं राठिया ,(कंवर )जाति से हमारे जिला रायगढ़ तह. खरसिया हमारे एरिया बस्तर जैसे है यहां गांव को कोयला खनन के लिए केंद्र सरकार द्वारा हटाए जाने का योजना है विरोध जबर जस्त हुआ सरकार चुनाव तक खामोश है
शुक्रिया, कि आपने जमीन पर और कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले पत्रकारों से हम शहर वालों को रूबरू कराया। ईश्वर आप सभी को शक्ति दे कि आप सत्य और ईमानदार पत्रकारिता के रास्ते पर चलते हुए जंगलों, हमारे आदिवासी भाइयों, जंगल के जीव जंतुओं, वहां की नदी, पेड़ों वहां की मिट्टी की आवाज पहुंचाते रहें।
इसी सरलता और सहजता। का। फायदा । एक तरफ माओवादी तो दूसरी तरफ प्रशासन उठा रही है वरना बिहार बंगाल । बनते देर नहीं लगती कही न कही गलत तो हमारे आदिवासी भाईयों के साथ हो रहा है वरना पत्रकार भाईयों को इतनी उम्मीद भरी नजरों से नहीं देखती वास्तव में आप लोग ही नयाय दिलाने में मददगार साबित हो सकते हो ।। धन्यवाद आप सभी पत्रकार भाइयों को
अबूझमाड़ के क्षेत्र में खनिज सम्पदा का दोहन आदिवासियों की पहचान को विलुप्त करना है। अबूझमाड़ के क्षेत्रों में वहां के निवासियों को सड़क आवास स्कूल अस्पताल बिजली आदि सुविधाएं ईमानदारी से व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन वहां की खनिज सम्पदा को दोहन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जै जै श्रीराम।
सारे पत्रकारों को एक जगह मैत्रीपूर्ण भाव मे देखकर अच्छा लगा, जिन आदिवासियों को भाषा की वजह से अपनी बात बयां नहीं करने आती उनकी आवाज ये दरियादिल पत्रकार बनते हैं। धन्य हैं आप सब...💐💐💐
सभी पत्रकार भाइयो को सैलूट है जो ना दिन देखते है ना रात सिर्फ निकल जाते है जंगल के अंदरो की खबर लेने उन्हे ये नाही पता के वापस घर कब पहुंचेंगे ,जंगल के अंदर पत्रकारिता करना कोई खेल नाही पुनः सभी को सैलूट है,, विडिओ कितना बी लम्बा बने कोई दिक्कत नाही अंदरूनी छेत्र की खबरे दर्शक पूरे मन दे देखते है ।।।।।।।।।।
उल्टा पुल्टा कमेंट करने वाले क्या जानेंगे असलियत गांव में जाकर देखो कि गांव वाले कितना दिलदार होते हैं गांव का हालत को समझने का कोशिश करो(असली खिलाड़ी तो ओ होता है जो मैदान में उतर के खेलता है ) पूरी टीम को दिल से धन्यवाद 🙏🙏👍🌹🌹
Sir आपके इस बातो को सुन कर अब मुझे भी लग रहा है कि मुझे भी आपकी तरह दीन दुखी बे सहारा लोगो की एक आवाज़ बन के सामने आना चाहिए। और अपने इन घने जंगलों में निवास करने वाले परिवारों की उम्मीद बन के उनको साथ ले उभरना चहिए ऐसा लग रहा। सच में आप सब के बातो ने मेरे दिल को छू लिया खास कर ओ सर जिन्होंने कहा कि "डाक्टर" के बाद अगर किसी को भगवान की तरह मानते हैं ओ एक "पत्रकार" को , इनकी बात मुझे सबसे अच्छी लगी और आपकी क्योंकि बस्तर को समझना या बस्तर के लोगों को समझना इतनी आसन नहीं है और इतनी कठिन भी नहीं है सामने से प्रेम देंगे तो सामने से प्रेम मिलेगा ऐसा हैं। इनके पास सबसे बेशुमार किमती कोई दौलत हैं तो एक प्रेम भाव ही है। इस जगह पर अगर किसी प्रकार उनकी छोटी सी दुनिया में आफत आती है तो ओ पहले तो समझने की कोशिश करते हैं फिर न समझे तो समझाते है। उनकी विचार "प्यार दो,प्यार लो"
Salute hai sir ❤sabhi patrakar ko jo gown Wale keliye umed ki Kiran banke jate ho. Sath sath Naman hai mera patrakar sabhi sir ko ♥️🙏I'm from Odisha Rourkela 🎉🙏
हर पत्रकार को आदिवासी प्यारे लगते है टिक हैं? लेकिन पुलिस फोर्स के नजर में नक्सली या दोषी नजर आते हैं अधिकतर गटना में आदिवासी क्यों मारे जाते हैं शहरो में तो हर समान का मोल होता है और गांव में फ्री में मिलता है
विकास भैया नमस्ते में कौन सा हूं या गांव रिकॉर्डिंग करने गए थे ग्रेनाइट कभी करना भूल गए हैं वहां पर खाना बना था अपना रिकॉर्डिंग किया पत्रकारों से बातें किए हैं आप अच्छा लगा क्या
Sabhi patrakar log ko sunn ke Aisa feel hota hai ki wakai aaplog iss daur me jab patrkar hasiye pe jati huyi dikh rhi hai iss daur me v aaplog ek ummeed ki Kiran ki tarah ek diye ke jaise ho I'm not from cg and remote area where you are xplore But jab main yha Delhi ke college me upsc ki competition ke galiyon me baat krta hu aapke patrakarita ke madhyam So ek motivation feel hota hai ki Wakai desh ke liye ek vanchit soshit logo ke liye bhot kaam krne ke jarurat hai But ek dukh v hota hai ki Aaj jadatar yuva pidhi log jante v nhi ki kya chal rhi hai hmare desh ke andruni hisso me Sayed aaj ki Tarik me aaj aawaj uthane yaa lekh lihna or satta se sawal krna v ek kranti se kam nhi hai 😢
आदिवासी इस धरती में सबसे महान और दयालु है। इनकी बराबरी कोई भी नहीं कर सकता है। बस कुछ लोगों ने और समय के चक्र ने इनको और इनके समृद्ध विचारों को इस संसार में सामने आने नहीं दिया गया। जबकि आदिवासी अपने समय में महान योद्धा, महान विद्वान, महान दर्शनिक, बहुत बड़े चिंतक इत्यादि इत्यादि। मतलब इनका बखान करने में शब्द कम पड़ जाते है। इसीलिए ये इस धरती के महत्व को समझते है। और पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए तथा प्रकृति की कृतज्ञता को दर्शाने के लिए, ये इनकी पूजा करते है। पर कुछ शहरी लोग इसको बिना जाने कुछ भी बोलते है। जबकि ये ही इस धरती की मूल्यों को सच में बचाए हुए है। आदिवासी महान है.... जय जोहार ❤❤❤🎉
आपकी बात सत प्रतिशत सही है 🙏🙏
रंजन भाई .... दिल की बहुत गहरी बात कह दी आपने, जो बस्तर से, और यहां के आदिवासी से, उनके दरिया दिली से, उनकी मासूमियत से , मुख्य रूप से बस्तर की प्रकृति, और यहां की शांति से प्रेम करता है, उनके दिल में यह दर्द जरूर उठता होगा । की भविष्य में क्या यह सब रहेगा ?????😢🙏🙏🙏
बहुत शानदार रिपोर्ट है
सभी पत्रकार बन्धुओं को ढेर सारी शुभकामनायें दुआएँ
विकास तिवारी का धन्यवाद जिनके द्वारा ये रिपोर्ट देखने का अवसर मिला
तिवारी सर आपने सही कहा की रंजन सर बिल्कुल प्रबुद्ध पत्रकार है उनके विचारों को सुनकर दिल से दर्द महसूस हो रहा था कि माओवादियों के कब्जे से ये क्षेत्र मुक्त हो जायेगा तो शायद तस्वीर विकास के गति के साथ ज्यादा रुलाने वाली होगी। तब माइनिंग से आदिवासी अपनी विरासत खो देंगे, अपनी स्वाभाविक जिंदगी खो देंगे।
अभी प्रकृति का सुकून वाला अँधेरा है और कालांतर में उजाला तो होगा पर विनाश का, सभ्यता का अँधेरा होगा
शहरी दिमाग चलाता है दिमाग से लेता है गांव के रहने वाले साफ दिल ओर दिलदार होते हैं, शहरों में रहने वाले लोग स्वार्थी और चालाक ज्यादातर पाए जाते हैं , यह मेरा अपना व्यक्तिगत अनुभवहै
Aur bhai 2 cm jamin aur nali gali ke liye goli kaun chalata hai ?
पत्रकार चाहे तो किसी गांव को उजाड़ सकता है और पत्रकार चाहे तो किसी गांव को स्वर्ग जैसा बन सकता है आप लोगों का पत्रकारिता देखकर दिल को बहुत-बहुत ज्यादा सुकून आया आप ही लोग उसे गांव के आदिवासी लोगों को न्याय दिला सकते हैं जय जवान जय किसान जय संवाददाता मैं सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले से भगवानों नायक आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं विकास तिवारी भगवान के रूप में उसे गांव में पहुंचे 💐💐💐💐
ये होती है सच्ची पत्रकारिता,, जो इतनी असुविधा के होते हुए, कड़ी मेहनत करके अपना सबकुछ झोकर लोगो को सच्चाई दिखा रहे है,,,,,,
इन पत्रकार भाइयों को दोनों तरफ से सुनना पड़ता है, सरकार कहती है मवोवादी से मिले है,, और माववादी बोलते है की सरकार से मिले है,,,
आप पत्रकारों की तपस्या पूर्ण पत्रकारिता के लिए बहुत धन्यवाद। बस्तर के जंगली क्षेत्र का निवासी अपने को जल जंगल और जमीन को अपन ठिकाना मानता है, और है भी सही। इसीलिए जंगल आज भी आबाद है। अन्यथा कभी दिल्ली में भी जंगल और जंगली जानवर हुआ करता था। परंतु आज कांक्रीट का जंगल ज्यादा हो गया है। बस्तर मैं मंडल, ब्लाक और जिला स्तर को सरकार हर आधुनिक सुविधाओं और दैनिक जरूरत एवम शैक्षणिक सुविधा युक्त बनाए। लेकिन किसी सूरत में जंगल को न उजाड़ करे।
जी शुक्रिया आपका
इसे ही असली पत्र करिता कहते हैं । आप लोग बहुत बढ़िया कार्य कर रहे हो । गोदी मिडिया से ❤❤❤
विकास सर जी आप को दिल से सैल्यूट आदिवासियों को आप समझते है मैं आदिवासी हूं राठिया ,(कंवर )जाति से हमारे जिला रायगढ़ तह. खरसिया हमारे एरिया बस्तर जैसे है यहां गांव को कोयला खनन के लिए केंद्र सरकार द्वारा हटाए जाने का योजना है विरोध जबर जस्त हुआ सरकार चुनाव तक खामोश है
मै झारखंड के चतरा जिले से हू सभी मिडीया भाइयों मेरे तरफ से जोहार
रानू भैया ने एक बात तो एकदम सही पत्रकार लेवी लेते है, लेते होंगे लेंगे आखरी उम्मीद पत्रकार ही होती है
शुक्रिया, कि आपने जमीन पर और कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले पत्रकारों से हम शहर वालों को रूबरू कराया।
ईश्वर आप सभी को शक्ति दे कि आप सत्य और ईमानदार पत्रकारिता के रास्ते पर चलते हुए जंगलों, हमारे आदिवासी भाइयों, जंगल के जीव जंतुओं, वहां की नदी, पेड़ों वहां की मिट्टी की आवाज पहुंचाते रहें।
पूरे पत्रकारिता भाई को सलाम
अपलोग जितनी मेहनत और बलिदान करते जनता के उमिद के लिए धन्यवाद तो जनता का उमिद
टूटने ना दीजिएगा ❤❤❤❤
aap logo ka patrakarita ko salam ❤
हम भी आदिवासी है नेताम परिवार से है हम गरियाबंद। मैनपुर से है आप को दिल से सैल्यूट है ❤❤❤❤
आप ज्यादातर साथियों से मिलता रहा हूँ, अच्छा लगा इस तरह की सच्ची प्रतिक्रियाओं को सुन कर
जी शुक्रिया
इसी सरलता और सहजता। का। फायदा । एक तरफ माओवादी तो दूसरी तरफ प्रशासन उठा रही है वरना बिहार बंगाल । बनते देर नहीं लगती कही न कही गलत तो हमारे आदिवासी भाईयों के साथ हो रहा है वरना पत्रकार भाईयों को इतनी उम्मीद भरी नजरों से नहीं देखती वास्तव में आप लोग ही नयाय दिलाने में मददगार साबित हो सकते हो ।। धन्यवाद आप सभी पत्रकार भाइयों को
अबूझमाड़ के क्षेत्र में खनिज सम्पदा का दोहन आदिवासियों की पहचान को विलुप्त करना है। अबूझमाड़ के क्षेत्रों में वहां के निवासियों को सड़क आवास स्कूल अस्पताल बिजली आदि सुविधाएं ईमानदारी से व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन वहां की खनिज सम्पदा को दोहन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जै जै श्रीराम।
Bahut saandar report
आप सभी पत्रकार का धन्यवाद आपका चैनल डेली देखता हूं मैं मैं मध्य प्रदेश से खरगोन जिले
तिवारीजी एकदम सही रिपोर्टींग...एक नंबर....पत्रकारो का अनुभव
पेशा नहीं तपस्या है ये..... माँ कसम, विकास भाई.....रुला दिया है आज आपने🙏🙏
मन भर आया आज मेरा 😔😔
बहुत बहुत धन्यवाद आपका प्यार हैं
आदिवासी का आवाज नही इंसान का आवाज हो तुम पत्रकार जय हिंद
सारे पत्रकारों को एक जगह मैत्रीपूर्ण भाव मे देखकर अच्छा लगा, जिन आदिवासियों को भाषा की वजह से अपनी बात बयां नहीं करने आती उनकी आवाज ये दरियादिल पत्रकार बनते हैं।
धन्य हैं आप सब...💐💐💐
बेस्ट रिपोटिंग विकाश सर
जी शुक्रिया सर
Tiwari ji aap ka bolne ki bhasha bahut badiya hai😊
सभी पत्रकार भाइयो को सैलूट है जो ना दिन देखते है ना रात सिर्फ निकल जाते है जंगल के अंदरो की खबर लेने उन्हे ये नाही पता के वापस घर कब पहुंचेंगे ,जंगल के अंदर पत्रकारिता करना कोई खेल नाही पुनः सभी को सैलूट है,, विडिओ कितना बी लम्बा बने कोई दिक्कत नाही अंदरूनी छेत्र की खबरे दर्शक पूरे मन दे देखते है ।।।।।।।।।।
जी शुक्रिया
आदिवासी के घर जाओगे तो
भुके पेट वापस नहीं आवोगें
यें पाक है
यें सिर्फ आदिवासी सबसे बड़ा दिल है,
जय जोहार जय सेवा जय आदिवासी 🙏🙏🏹🏹🏹🏹🙏🙏🌍🌍
बस्तर के जंगलों से विपरीत हालातो में बस्तर के समस्या और खबर को कवर करने के लिए आप सब पत्रकार भाइयों का धन्यवाद।
दिल को सुकून देने वाली रिपोर्टिंग। ❤
सभी पत्रकार साथियों को दिल से सैल्यूट❤
Mujhe bhi salyut hai
उल्टा पुल्टा कमेंट करने वाले क्या जानेंगे असलियत गांव में जाकर देखो कि गांव वाले कितना दिलदार होते हैं गांव का हालत को समझने का कोशिश करो(असली खिलाड़ी तो ओ होता है जो मैदान में उतर के खेलता है ) पूरी टीम को दिल से धन्यवाद 🙏🙏👍🌹🌹
31:47 yahi baat mere man me कौंध रही थी
इस प्रश्न का जबाब मिल गया आपको साधुबाद
मुझे रानू भाई की बोलने का तरीका उनका अनुभव अच्छा लगता है. सभी पत्रकार को मेरा ♥️ से नमन 🙏
Best presentation ❤ Tiwari ji
बहुत खूब सर.... आपकी मेहनत...😊
जी शुक्रिया आपका
आप सभी पत्रकार विरो को धन्यवाद बहुत मेहनत करते हो
जी शुक्रिया
आदिवासियों की आवाज और आस है विकास सर
🙏सभी पत्रकार भाईयों को मेरा प्रणाम, अच्छा रिपोर्टिंग सर यही जमीनी हकीकत है, सरकार तक आप लोगों की समस्या हल करने में मदद मिलती रहनी चाहिए धन्यवाद 🙏
Ranjan bhai- ki anubhav kafi achi lagi
Sir आपके इस बातो को सुन कर अब मुझे भी लग रहा है कि मुझे भी आपकी तरह दीन दुखी बे सहारा लोगो की एक आवाज़ बन के सामने आना चाहिए।
और अपने इन घने जंगलों में निवास करने वाले परिवारों की उम्मीद बन के उनको साथ ले उभरना चहिए ऐसा लग रहा।
सच में आप सब के बातो ने मेरे दिल को छू लिया खास कर ओ सर जिन्होंने कहा कि "डाक्टर" के बाद अगर किसी को भगवान की तरह मानते हैं ओ एक "पत्रकार" को , इनकी बात मुझे सबसे अच्छी लगी और आपकी
क्योंकि बस्तर को समझना या बस्तर के लोगों को समझना इतनी आसन नहीं है और इतनी कठिन भी नहीं है
सामने से प्रेम देंगे तो सामने से प्रेम मिलेगा ऐसा हैं। इनके पास सबसे बेशुमार किमती कोई दौलत हैं तो एक प्रेम भाव ही है।
इस जगह पर अगर किसी प्रकार उनकी छोटी सी दुनिया में आफत आती है तो ओ पहले तो समझने की कोशिश करते हैं फिर न समझे तो समझाते है।
उनकी विचार "प्यार दो,प्यार लो"
Sunder tiwari ji
जी शुक्रिया आपका
बहुत ही अच्छा आईडिया हो अपने आदिवासी के बारे में बनाते हो
Bahut bahut thank u bhaiya 🙏 God bless u 🙌🙌
भैया प्रणाम❤❤
बहुत बढ़िया भैया
Ranjan bhai bahut sunder Kha..
सलाम है दादा आप लोगो की पत्रकरिता को
bahut shandar reporting
जी शुक्रिया
आप सभी पत्र कारो को सलाम
जी धन्यवाद
Bahut bahut Dhanyabaad. Patrakar Bhaion kou.
सहर हो या जंगल राज उन्ही का होता है जो जिसका हो
आपका रिपोर्टिंग सराहनीय है...
बाइक से गिर जाना पर पत्रकार, जनता की नज़र में मत गिरना।👌👌
बाइक से गिर जाना पर पत्रकार जनता की नजर में मत गिरना,,,,, क्या बात है रानू भईया
सेवा 🙏 जोहार सभी पत्रकार साहाब को
Bahut Badhiya ❤
Mera pahle comments,
Aap bahut acha reporting karte h, dada aap aise hi adiwasiyon k hit me kahde rahiye
Salute hai sir ❤sabhi patrakar ko jo gown Wale keliye umed ki Kiran banke jate ho. Sath sath Naman hai mera patrakar sabhi sir ko ♥️🙏I'm from Odisha Rourkela 🎉🙏
Salute all journalists
जी शुक्रिया
Love u ❤ Vikash Sir from Jharkhand (Ranchi) or apke liye koe shabd nai hai
बिकाश जी के अनुभव सभी से अच्छा है
Vikas bhaiya bahut badhiya appeal kiye "bike se gir jana lekin janta k nazro m nhi "
Bahut achcha laga hai sir aap news ❤❤
आदिवासियों को भी बचाएँ
Tiwari ji aap bahut ache patrakar ho
जोहार दादा🌴
Tiwari ji very good
सच्ची पत्रकार है
सर टेकामेटा part - 5 अपलोड करिए.
Part 4 के बाद बेसब्री से इंतजार हैं
Sar mai apka bahut bada fan hu
मैं मारवाड़ी के बारे में सब समझता हूं सर लेकिन मेरी कसम एक बार वापस ले चलो ना बीजापुर जिले में
छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग को बचाओ वह भी हमारे भाई हैं बहुत अन्याय हो रहा है
Red salute to these reporters ✊🏼
पीड़ित को न्याय दिलाना सुनिश्चित करे उनकी आवाज उठाये अपनी कमाई का धंधा न बनाऐ
सही बोला भाई ये पत्रकार नहीं है मानव अंग तस्कर माफिया है पुलिस भी मिला है
कया बात कही
अच्छा लगता है आप सबकी हंसी मजाक के बीच कष्टदायक गंभीर पत्रकारिता को देखकर
Super sir
आदिवासी, माओवादी,फोर्स कोई भी मरे सब तो अपने ही हैं बहुत दुख होता है।
GREAT 👍👍
Sir❤
आप ने सही कहां सर प्यार से मांगों तो जान देगे
Salute Hai patrakaar per Jo jungle mein sab kaise Samadhan Karte Hain
Aapka papita bahut Achcha hai ek bar Bihar bhi I hai
Aadivasiyo ki Jay Ho !
सभी बस्तर के शेर एक साथ।
अच्छी पहल है
salute all unpaid diamond hero❤❤
जी शुक्रिया
पत्रकार आज के समय मे ईमानदार नही हो सकते पत्रकारी करके कोई परिवार नहीं चला सकता भृष्टाचारी करेगा ही
Very nice
Gajab ka jajba Dada
सभी पत्रकारों के रिपोर्टिंग का अनुभव जानने के लिए मेरा निवेदन है कि सभी के चैनल का लिंक भी साझा किया जाए
Ye humare adivasi bhai Bahan Hume ye Sikh aur humare Manav dayitav ki yaad dilate hai
हर पत्रकार को आदिवासी प्यारे लगते है टिक हैं? लेकिन पुलिस फोर्स के नजर में नक्सली या दोषी नजर आते हैं अधिकतर गटना में आदिवासी क्यों मारे जाते हैं शहरो में तो हर समान का मोल होता है और गांव में फ्री में मिलता है
जब आदिवासी आप सब के लिये खाने पीने का इंतजाम कर सकते है आप आदिवासीयों के लिये कुछ नहीं कर सकते?
विकास भैया नमस्ते में कौन सा हूं या गांव रिकॉर्डिंग करने गए थे ग्रेनाइट कभी करना भूल गए हैं वहां पर खाना बना था अपना रिकॉर्डिंग किया पत्रकारों से बातें किए हैं आप अच्छा लगा क्या
Bahut sunder.
Lakin aap sabhi ka name, news, or channel ko bhi batate.
Namaskar bhai
Video Assa laga.... Enjoy full video.....most.
Thank you so much 😀
@@BastarTalkies wlcm...
Sabhi patrakar log ko sunn ke Aisa feel hota hai ki wakai aaplog iss daur me jab patrkar hasiye pe jati huyi dikh rhi hai iss daur me v aaplog ek ummeed ki Kiran ki tarah ek diye ke jaise ho
I'm not from cg and remote area where you are xplore
But jab main yha Delhi ke college me upsc ki competition ke galiyon me baat krta hu aapke patrakarita ke madhyam
So ek motivation feel hota hai ki
Wakai desh ke liye ek vanchit soshit logo ke liye bhot kaam krne ke jarurat hai
But ek dukh v hota hai ki Aaj jadatar yuva pidhi log jante v nhi ki kya chal rhi hai hmare desh ke andruni hisso me
Sayed aaj ki Tarik me aaj aawaj uthane yaa lekh lihna or satta se sawal krna v ek kranti se kam nhi hai 😢
Sabke anubav se acha anubav acha hai aur apse pahle jisne batya hai unka acha tha