शिव वंदना(विद्यापति गीत)आजू नाथ एक व्रत!!रंजना झा
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- Опубликовано: 12 сен 2024
- इस विद्यापति गीत में शिव तांडव स्तोत्र के साथ एक सुंदर प्रयोग किया गया है अवश्य सुनें और शेयर करें🙏
महाकवि विद्यापति जी की अनुपम रचना
एक रोचक कथा
एक बार मां पार्वती जी ने भोलेनाथ से कहा की आज आप नट के वेश धर के डमरू बजाइए जिससे मुझे परम सुख की अनुभूति होगी।तो शिव ने कहा की हे गौरी आप जो मुझे नृत्य करने कह रही हैं मुझे चार चिंता हो रही है जिससे किस तरह से बचा जायेगा।
पहली चिंता अमृत के जमीन पर टपकने से बाघंबर जो मैंने पहन रखा है वो जीवित होकर बाघ बन जायेगा और बसहा को खा जायेगा।
दूसरी चिंता सिर पर से सर्प गिर जायेंगे और जमीन पर फैल जायेंगे और कार्तिक ने जो मयूर को पाला है उसे पकड़ के खा लेगा।
तीसरी चिंता मेरे जटा से गंगा छलक जायेगी और सारी जमीन पर फैल जाएगी और जिसके सैकड़ों मुख हो जायेंगे जिसे समेटना मुश्किल हो जायेगा।
चौथी चिंता ये हो रही है की मैं मुंड का माला पहना हूं
वो टूट कर गिर जाएगा और सारे जग जायेंगे और आप भाग जाएगी डर कर तो मेरा नाच कौन देखेगा।
पर महाकवि विद्यापति कहते हैं की उन्होंने सब बाधाओं को सम्हालते हुए गौरी का मान रखा और अपना नृत्य दिखाया।
विद्यापति गीत
आजु नाथ एक व्रत महा सुख लागत हे
तोहे शिव धरु नट वेष कि डमरू बजाबह हे
तोहें जे कहैछ गौरी नाचय कि हम कोना नाचब हे
आहे चारि सोच मोहि होए कोन बिधि बाँचब हे
अमिअ चुबिअ भूमि खसत बघम्बर जागत हे
होएत बघम्बर बाघ बसहा धरि खायत हे
सिरसँ ससरत साँप पुहुमि लोटायत हे
कार्तिक पोसल मजूर सेहो धरि खायत हे
जटासँ छिलकत गंग भूमि भरि पाटत हे
होएत सहस्त्र मुखी धार समेटलो न जाएत हे
मुंडमाल टुटि खसत, मसानी जागत हे
तोहें गौरी जएब पड़ाए नाच के देखत हे
🙏शिव तांडव स्तोत्रम🙏
जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले,
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम्
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकार
चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||१||
जटा कटाह संभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी,
विलोल वीचिवल्लरी विराजमान मूर्धनि |
धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके
किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||२||
धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुरस्
फुरद् दिगन्त सन्तति प्रमोद मानमानसे |
कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि
क्वचिद् दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ||३||
जटा भुजङ्ग पिङ्गलस् फुरत्फणा मणिप्रभा
कदम्ब कुङ्कुमद्रव प्रलिप्तदिग्व धूमुखे |
मदान्ध सिन्धुरस् फुरत्त्वगुत्तरीय मेदुरे
मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ||४||
सहस्र लोचनप्रभृत्य शेष लेखशेखर
प्रसून धूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रि पीठभूः |
भुजङ्ग राजमालया निबद्ध जाटजूटकः
श्रियै चिराय जायतां चकोर बन्धुशेखरः ||५||
ललाट चत्वरज्वलद् धनञ्जयस्फुलिङ्गभा
निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्प नायकम् |
सुधा मयूख लेखया विराजमान शेखरं
महाकपालिसम्पदे शिरो जटाल मस्तु नः ||६||
कराल भाल पट्टिका धगद् धगद् धगज्ज्वलद
धनञ्जया हुती कृत प्रचण्ड पञ्चसायके |
धरा धरेन्द्र नन्दिनी कुचाग्र चित्रपत्रक
प्रकल्प नैक शिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम||७||
नवीन मेघ मण्डली निरुद् धदुर् धरस्फुरत्-
कुहू निशीथि नीतमः प्रबन्ध बद्ध कन्धरः |
निलिम्प निर्झरी धरस्तनोतु कृत्ति सिन्धुरः
कला निधान बन्धुरः श्रियं जगद् धुरंधरः||८||
प्रफुल्ल नीलपङ्कज प्रपञ्च कालिम प्रभा-
वलम्बि कण्ठकन्दली रुचिप्रबद्ध कन्धरम् |
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांध कच्छिदं तमंत कच्छिदं भजे||९||
अखर्व सर्व मङ्गला कला कदंब मञ्जरी
रस प्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् |
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
गजान्त कान्ध कान्तकं तमन्त कान्तकं भजे||१०||
जयत्व दभ्र विभ्रम भ्रमद् भुजङ्ग मश्वस-
द्विनिर्ग मत्क्रमस्फुरत् कराल भाल हव्यवाट् |
धिमिद् धिमिद धिमिद ध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल
ध्वनि क्रम प्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ||११||
दृषद विचित्र तल्पयो र्भुजङ्ग मौक्ति कस्रजोर्-
गरिष्ठ रत्नलोष्ठयोः सुहृद् विपक्ष पक्षयोः |
तृणारविन्द चक्षुषोः प्रजामही महेन्द्रयोः
सम प्रवृत्तिकः कदा सदाशिवं भजाम्यहम||१२||
कदा निलिम्प निर्झरी निकुञ्ज कोटरे वसन्
विमुक्त दुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् |
विलोल लोल लोचनो ललाम भाल लग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ||१३||
निलिम्प नाथ नागरी कदम्ब मौल मल्लिका
निगुम्फ नीर भक्षरन्म धुष्णिका मनोहरः।
तनोतु नो मनो मुदं विनोदिनी महर्निशं।
परिश्रय परम् पदम तदंग जत्विषां चयः।।१४।।
प्रचण्ड वाडया नल प्रभा शुभ प्रचारिणी
महाष्ट सिद्धि कामिनी जनाव हूत जल्पना।
विमुक्त वाम लोचनो विवाह कालिक ध्वनिः
शिवेति मंत्र भूषगो जगज्जयाय जायताम।।१५।।
इमम् हि नित्य मेव मुक्त मुत्तमोत्तमं स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रु वन्नरो विशुद्धि मेति संततम् |
हरे गुरौ सुभक्ति माशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशंकरस्य चिंतनम् ||१४||
भनई विद्यापति गाओल गाबि सुनाओल हे
राखल गौरी केर मान चारु बचाओल हे!!
Recording - Prime studio patna rajesh keshri
Har har Mahadev 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Jai maa Durga 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Jai maa Parvati 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
बहुत- बहुत ही सुंदर,,,
Bahut bahu sundar bhajan Jay shambhu
जय हो शंकर भगवान की जय
बहुत सुन्दर लाजवाब😊
अद्भुत प्रस्तुति दी ..
खुबसूरत प्रस्तुति
Ati madhur Nachaarik swar ! Deerghaayuh rahu !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
Wah 🎉Ranjana ji! atyant bhavpurn. Jai Bhole Shankar
Om namah shivay 🙏🙏🙏🙏🙏🪷🪷🌹🌹
बहुत सुंदर बहुत मधुर रंजना जी ❤
Adbhut gayan ,shiv ke kripa bar shat.
बहुत सुन्दर
लाजवाब लाजवाब
Atisundar Prastuti
Bahut sundar didi🙏
ओम नमः शिवाय उत्तम गायिकी सुमधुर प्रस्तुति
बहुत-बहुत अद्भुत गीत गायिकी के साथ भक्ति भाव से ओतप्रोत ।
ओहो अद्भुत
आपके गायिकी का जवाब नहीं है दीदी
बेजोड़ 🙏❤️
ॐ नमः शिवाय ।ॐ नमः शिवाय ।ॐ नमः शिवाय ।जय हो भोलेनाथ ।हर - हर महादेव ।कर कल्याण हे कृपानिधान ।🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
Waah Ati sunder
नीक गायन, संगीत आ प्रयोग अद्भुत। साधुवाद रंजना जी।
अति सराहनीय और सफल प्रयोग
भक्ति भाव से भरी आपकी सुरीली आवाज़ हृदय को आह्लादित करती है
बहुत सुंदर 👌🏻 ॐ नमः शिवाय 🙏💐
हर हर महादेव🙏🙏
सीताराम आहाँ के खुब आशीर्वाद दीये जय श्री राधे कृष्ण की जय जय हिंद हर हर महादेव जय
Jai bholenath
आहा जय शिव शंभू
अहाँक् गायकी? मन मुग्ध क दैत अछि 🌹
अति सुन्दर
Ati sundar 🙏🙏
सुंदर रचना
bahut neek
Adabhut 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
अति सुन्दर 👌 बड़ नीक विद्यापति भजन
जय हो भोलेनाथ 🙏🕉️🌷🌷🌷
❤️😍❤️😍❤️😍❤️😍❤️👌👌👌
अति सुंदर,मधुर गीत
बहुत सुंदर
Om namah shivaya 🙏
Bahut sundar ❤️ har har Mahadev 🙏🙏
Sundar
Bhut acha ☺️
बहुत सुंदर स्वर और रचना👌👍🙏🌹
Wah didi ❤🌹🙏🙏🙏
अपूर्ब सुन्दर 💐💐
❤
🙏🙏
एहि स्वरक कतेक वर्णन करी दी.. खूब सुन्दर गीत लागल !!
Super
आपके गायन को सुनने से पूजा का लाभ प्राप्त हो जाता है।। हर हर महादेव
🙏🙏
अद्भुत भावपूर्ण 🙏🥰 कोटि-कोटि प्रणाम दीदी 🙏🙏🙏
ऐ बेर काका फैंसला काकी के बारहफांस मे। की काका उबरला देखु ई दिलचस्प लघु मैथिली फिल्म "तिरहुत मिथिला" के "इहो काका काकी अलबत्ते" के शृंखला मे। नीक् लागे त चैनल के अन्य दर्जनों लघु फिल्म सेहो देखु, सब्सक्राइब करू आ हे प्रतिक्रिया देणाय ने विसरब 🙏
ruclips.net/video/osj3v-DJ2VA/видео.html&feature=share
ॐ जय भोलेनाथ 🕉️ जय गौरीशंकर 🌿🌿🎊🎊🙏🚩
👌👌💐💐🙏🙏
हमेशा की तरह भावपूर्ण आनंद संयुक्त।
सुखद लाजवाब
गीत बहुत कर्णप्रिय ❤🙏
ढेरक बधाई रंजना झा जी क 💐💐💐💐💐
Waah! Lajawaab Ranjana 💐👌
Very Very nice singing dear Ranjana Jha ji 💖 Love with greetings to you always and heartiest congratulations 🎉💖🎊🌷🕉️
Bhagwan Bholenath ki Kripa Prapt ho Sada Khush raho
अद्भुत प्रस्तुति 🙏🎧
जते कहू कम अछि आहाँ के धन्यवाद अछि
Jy Ho Meri umar tumhe lg jay
धन्यवाद बहिन❤
❤️💚👏👏👏
Ñmhshiwayhrhrmahadev
ऊं नमः शिवायै।
बहुत सुंदर प्रस्तुति हम आपसे जुड़ गए हैं आप भी हमसे जुड़ जाइए बहन ❤❤❤❤❤
बहुत सुंदर