आज की केन्द्रीय सत्ता के प्रभाव से ये सवाल पैदा होता है कि क्या भारत में उत्तर आधुनिकता है। आज तर्क के उपर धर्म और अंध विश्वास की पराकाष्ठा स्थापित है।
बहुत अच्छा सर आज तक मैंने पोस्ट मॉडर्निटी को इतने अस्पष्ट और अच्छे तरीके से किसी बुक में भी नहीं पढ़ा था थैंक यू सर आई एम वेरी प्राउड ऑफ यू थैंक यू सो मच सर
भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो जब दुनिया में पूर्व आधुनिक काल या डार्क एज था तो उससे भी बहुत पहले से भारत में जिसे आज उत्तर आधुनिकतावाद कहा जा रहा है वह आस्तित्व में था, परन्तु एक अंतर यह था कि उस समय भारत में शास्त्रार्थ का बहुत महत्व था, विभिन्न विचारों में से उत्तम और समाज के लिए सर्वमान्य विचार को चुनने के लिए शास्त्रार्थ रुपी संस्था बहुत मजबूती से उपस्थित थी और उसकी स्वीकार्यता भी थी.. आज के उत्तर आधुनिकताकाल में ऐसी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं देती।
नमस्ते सर आपने उत्तर आधुनिकतावाद बहुत अच्छे से समझाया लेकिन जहां तक मेरा मानना है आपने लास्ट में कहा कि विकास चलता है ऐसे ऐसे ही चलता रहेगा । सर यह विकास नहीं विनाश है।
Sir aapne jitna achhe se postmodernism ko samjhaya hai utna achha na to kisi Book me likha hai aour na to kisi teacher or profecer ne aaj tak nahi samjha paya hai. Chahe college ke teacher ho ya koi youtube ke teacher 👌👌👌🙏🙏🙏
भारत जैसे देशों में जब तक शिक्षा का विस्तार नहीं हो जाता तब तक समाज के प्रत्येक सदस्य में बौद्धिकता और विवेक का जागरण कठिन कार्य लगता है
आज की केन्द्रीय सत्ता के प्रभाव से ये सवाल पैदा होता है कि क्या भारत में उत्तर आधुनिकता है। आज तर्क के उपर धर्म और अंध विश्वास की पराकाष्ठा स्थापित है।
विद्यार्थियों के साथ साथ सामान्य जनों को सरल तरीके से गूढ़ विषय को सुग्राह्य बनाकर प्रस्तुत करने के लिए अनेकशः धन्यवाद ।
बहुत अच्छा सर आज तक मैंने पोस्ट मॉडर्निटी को इतने अस्पष्ट और अच्छे तरीके से किसी बुक में भी नहीं पढ़ा था थैंक यू सर आई एम वेरी प्राउड ऑफ यू थैंक यू सो मच सर
भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो जब दुनिया में पूर्व आधुनिक काल या डार्क एज था तो उससे भी बहुत पहले से भारत में जिसे आज उत्तर आधुनिकतावाद कहा जा रहा है वह आस्तित्व में था, परन्तु एक अंतर यह था कि उस समय भारत में शास्त्रार्थ का बहुत महत्व था, विभिन्न विचारों में से उत्तम और समाज के लिए सर्वमान्य विचार को चुनने के लिए शास्त्रार्थ रुपी संस्था बहुत मजबूती से उपस्थित थी और उसकी स्वीकार्यता भी थी.. आज के उत्तर आधुनिकताकाल में ऐसी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं देती।
नमस्ते सर आपने उत्तर आधुनिकतावाद बहुत अच्छे से समझाया लेकिन जहां तक मेरा मानना है आपने लास्ट में कहा कि विकास चलता है ऐसे ऐसे ही चलता रहेगा । सर यह विकास नहीं विनाश है।
Sir aapne jitna achhe se postmodernism ko samjhaya hai utna achha na to kisi Book me likha hai aour na to kisi teacher or profecer ne aaj tak nahi samjha paya hai. Chahe college ke teacher ho ya koi youtube ke teacher 👌👌👌🙏🙏🙏
Sir, ye lecture main apne exam se pehle dekh raha hu. aur aapne itne aache se samjhaya hai ki main abhibhoot hu. sare points clear ho gaye.
बहुत अच्छा सर। अगर इसपर और बात की जाये तो जैसे उत्तरआधुनिकता का प्रभाव हिंदी साहित्य पर क्या और कैसे और फिर क्यों.... तो यह एक अच्छी पहल होगी।
राजनीति विज्ञान की कॉलेज व्याख्याता का पूरा पाठ्यक्रम करवा दो plZ
सर जी अभी नेट का सिलेबस चेंज हो गया कृपया करके इसी सिलेबस के अनुसार अगर वीडियो बना देते तो
गुरुदेव प्रणाम नमन
एकं सत्यं विप्रा बहुतः वदन्ते।
बहुत शानदार समझाया सरजी,,सादर प्रणाम 🙏🙏🌻🌻🍀🌹
Sandar concept sir, thank you sir
Thanks sir bhut axa samjhaya apne
बहुत वीडियो देखने के बाद यहाँ पहुंची।
Bahut hi achhe se samjhaya...Sir ji
Gajab sir aap ke lecture se mera presentation bahut achha gaya
With all my respect Thank You Sir for explaining PM in such a simple and lucrative way...