चंचल चपल चतुर चन्द्रावली चाले चटक मटक की चाल
HTML-код
- Опубликовано: 8 сен 2024
- #harekrishna #pushtimarg #haveli #braj #shrinathji #hinduism #hari #vrindavan #dwarkadhish #vallabh #havelisangeet #krishnalove #krishnabhajan #krishnastatus #krishnajanmashtami #braj #barshana #vrindavandham #vrindavankrishna
Bhut he sundar ❤🙏 radhe radhe
Hare Krishna Jai shree radhe radhe
जय हो .....🙇♀️
ATI. Sunder. Jai shri krushna
🙏Jay shree krishna 🙏 🙏jay shree vallabh🙏🙏⛳💐⛳💐🙏⛳⛳🙏🙏
Banke bihari ki jai
Jay shree Krishna Baba mandir jay radhe Krishna ji suprabhat mitro happy Holi festival
Please lyrics dijiye 🙏
please lyrics bhi dijiye
*चंचल चतुर चपल चन्द्रावली चाले*
🌻चंचल चपल चतुर चंद्रावली चाले,
चटक मटककी चाल।
चटक मटककी चाल चाले, चटक मटककी चाल ||ध्रु||
🍁--चंद्रावली दधि बेचन चालीजी,
घेरी गैल छैल बन मालीजी।
दान दधि जोबन देऊ चुकाय,
दहेड़ीको नेक दही दै खवाय,
कहे यो चंद्रावली मुस्काय,
🙏 *दोहा- जो कान्हा पल्ले परो, लाओ पतौआ तोर।*
*छोड़ मनसुखा को गए, मोहन माखन चोर।*
👉 *चंद्रावली गई सटक मारा, मनसुखके गुलचा लाल-(२)... चंचल ||१||*
-
🏵️ पत्ता तोड़ श्याम जब आए जी,
मनसुखलाल रोवते पाएजी।
ना देखी चंद्रावली बृजनार,
करन लागे मनमें सोच विचार,
खीरकमे जाय सोये मन मार,
🙏 *-दोहा-** ढूंढते ढूंढते डोलती, घर-घर जसुमति माय।*
*मेरो कान्हा कीत गयो, कोई देहो बताय।*
👉 *कहे मनसुखलाल खिरक में, सोय रहे नंदलाल-(२)... चंचल ||२||*
-
🌹 -हैरत मात श्याम नाये बोलेजी,
क्यों लाला तू पर्यों रे खटोलेजी
कि तोकू कौने दीनी गार,
कि तोको आवत ताव बुखार,
बताई दे मेरे प्राण आधार,
-
🙏 *दोहा- ना काहू गारी देई, ताव न आवत मोय।*
*छल कर गई चंद्रावली, कहा बताउं तोय।*
👉 *आपके लालके चार ब्याह करूं, घर चल मदन गोपाल-(२)... चंचल ||३||*
-
🌞 -समद बहाऊ मैया चार बहुरीयजी,
मेरे मन बसी चंद्रावली गुजरीयाजी।
कहे मैया मो डिंग आऊ,
तोए छल गई तोय वाय छलवाऊ,
चल्यो तू री ढोरे कू जाऊ,
-
🙏 *दोहा- इतनी सुनके श्यामने, सखी भेष लियो धार।*
*लहंगा फरीया पहर के, कर सोलह श्रृंगार।*
*चलत कमर वलखाएं बन गई, नव नवरंगी बाल-(२)... चंचल ||४||*
-
🦚 -तुरंत श्याम बन गए हैं जनानीजी,
यशोदाने प्रभु नाय पहचानेजी।
उलाहना देने लगे घनश्याम,
सांवरी सखी बतायो नाम,
तिहारो छोड़ जाऊंगी गाम,
-
🙏 *दोहा- यशोदाने पहचानके, लिए कंठ लगाय।*
*मैया की आज्ञा भईके, रिठोरा गए आय।*
*चंद्रावलीको कुछ रहे घर, सखी बने नंदलाल-(२)... चंचल ||५||*
-
🎍 -चंद्रावलीके घरकी यहीतो डगरीयाजी,
ऊंचीसी अटरीयामें लाल किवरीयाजी।
पहुंच गए चंद्रावलीके द्वार,
खोल बहना नेक जंग किवार,
द्वार पर कबकी रही है पुकार,
🙏 *दोहा- चंद्रावली कहने लगी, सुनो सखी सुकुमार।*
*कहांसे आई नाम गांम, तो मुखते उच्चार।*उसके
*कहां लगे नाते में अली, कह दे सोच हवाल-(२)... चंचल ||६||*
--
🌻 चंद्रावली सुन सांचे बे नारी,
पीहर ते आई लागू तोरी बहनारी
कहे यो चंद्रावली समझाय,
खिलाइ गोदन जन्मी माय,
कहां ते बहन गई तू आय,
--
🙏 *दोहा- चंद्रावली ते सामरी, सखी लगी यों कहन।*
*मामा फूफी की दोऊ, हम तुम लगे बहन।*
*ब्याह तेरे ते मोय सासरे, भेज दही तत्काल-(२)... चंचल ||७||*
--
🪴- मिलत बहन दोऊ भुजा रे पसारीजी, चंद्रावलीने गिरा रे ऊझारीजी कहत मे लगे लाज बानी,
लगे तेरी छाती मरदानी,
सामरी सखी कहे सयानी,
-
🙏 *दोहा- बहेना तेरो निशा दिना, करत रहत ही सोच।*
*सोच करत में है गई, मेरी छाती पोच।*
*तेरे देखे बिना बहन में, पाये दुख कराल-(२)... चंचल ||८||*
-
🌺-चलरी बहन दोऊ पानी भर लावेजी,
मिलजुलके कुआंपें आवेजी।
अचंबो भयो सखी मोहे आज,
कहत मे आवे मोकु लाज,
चले तु चाल मर्दयी भाज,
🙏 *दोहा- बालापनमें बा करुवा, घेर चराई गाय।*
*वह लकब मोय लग रही, सुन बैना चिल्लाय!*
*चाल मेरी मरदानी पर तू, मति करे रे प्यार-(२ चंचल ||९||*
🏵️ --चलरी बहन तोए ऊबट न्हवाऊजी,
तेल सुगंधित अत्तर मिलाऊजी।
सामरी सखी जोर कहे हात,
मेरे घर शेर शीतला मात,
सुनी बढ़िया पुराण में बात,
🙏 *-दोहा-** तो बहना न्हाओ मती, भोजन करो अघाय।*
*सखी सामरी प्रेम ते, बड़े-बड़े ग्रासन खाय।*
*खीर खाड पकवान मिठाई, छके अनेकन माल-(२)... चंचल ||१०||*
--
🍀 कहत सुनत मोहे शरम लगत है री,
मरदाने तू कोर भरत है री।
सामरी सखी करें अरदास,
मेरे घर में लड़हारी सास,
देर जो करूं देय दुख त्रास,
🙏- *दोहा- भोजन कर बीडी रही, फिर है आई रेन।*
*पचरंग पलंग बिछायके, करो सेज सुख चैन।*
*चराण पलोटतमें पिंडारीनमें, लगे खुरदरी खाल-(२)... चंचल ||११||*
-🦜 -तेरे बिरजमें लोग ठगोरारी,
कहां बूढ़ों कहा जवान छिछोरारी।
बताई दई मोकु ऊबट बाट,
जहां कांटे करीन के घाट,
छिल्ली पिंडरी लहंगा गयो फाट,
🙏- *दोहा- सोलह श्रृंगार उतार के, पितांबर लियो धार!*
*चंद्रावली चकित भई, करन लगी बलिहार।*
*मैंतो तोहे लाल जबभी जान गई, पर्यो न खाई जाए-(२)... चंचल ||१२||*
-
🦚 -कौन तेरी बहना ने कौन तेरा बीरारी,
तू गुजर हम जात अहीरारी।
तनिक दधि कुछल आई मोये,
छल्ली वा कारण मैंने तोये,
परस्पर बदलो जग में होये,
-
🦚 *दोहा- चंद्रावली लीला करी, प्रेम भरी घनश्याम।*
*गोवर्धन दस बीस में, छितर घासीराम।*
*छीतर "घासीराम" युगल छवि, निरखत भये* *निहाल-(२)... चंचल ||१३||*
Achha bhajan