सांत्वनाष्टक - बा.ब्र.रविन्द्रजी आत्मन Saantvaanshtaka - B.B.RavindraJi Aatman

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  • Опубликовано: 21 дек 2024

Комментарии • 9

  • @kljain2388
    @kljain2388 2 месяца назад +1

    ये रचनाएं शाश्वत है आज के मुनियों सिरावको गिरहसथो को बार-बार पढना नही अमल करना चाहिए। यही धरम है।

  • @meenajain6349
    @meenajain6349 Месяц назад +1

    Jai jinendra

  • @kljain2388
    @kljain2388 2 месяца назад +1

    वीतरागता से परिपूर्ण रचना जो अनादि काल से शांशवतहैऔर रहेगी ।पण्डित जी को सादर नमन करते हुए विनम्र प्रणाम।

  • @amitjain4862
    @amitjain4862 2 месяца назад +1

    अमर रचना। रवींद्रजी पंडीतजीको प्रणाम।

  • @ranid2devi274
    @ranid2devi274 Год назад +1

    उत्तम रचना

  • @akshayjn148
    @akshayjn148 3 года назад +2

    😇👌👌👌

  • @pragatijain1162
    @pragatijain1162 10 месяцев назад +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @manjulajain9422
    @manjulajain9422 Год назад +1

    👌👌👏👏👏

  • @sandeshjain9443
    @sandeshjain9443 3 года назад +2

    👼👼