सुंदर सुभूमि भैया - मनोरंजन प्रसाद सिंह। बटोहिया गीत। रघुवीर नारायण। भोजपुरी का वंदे मातरम। लोकगीत।

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  • Опубликовано: 29 дек 2024

Комментарии • 8

  • @manrangsabrang2519
    @manrangsabrang2519  2 года назад +1

    सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसवा से
    मोरे प्राण बसे हिम-खोह रे बटोहिया
    एक द्वार घेरे रामा हिम-कोतवलवा से
    तीन द्वार सिंधु घहरावे रे बटोहिया
    जाऊ-जाऊ भैया रे बटोही हिंद देखी आउ
    जहवां कुहुकी कोइली गावे रे बटोहिया
    गंगा रे जमुनवा के झिलमिल पनियां से
    सरजू झमकि लहरावे रे बटोहिया
    आगरा प्रयाग कासी दिल्ली कलकतवा से
    मोरे प्रान बसे सरजू तीर रे बटोहिया
    जाउ-जाउ भैया रे बटोही हिंद देखी आउ
    जहां ऋसि चारो बेद गावे रे बटोहिया
    सीता के बीमल जस राम जस कॄष्ण जस
    मोरे बाप-दादा के कहानी रे बटोहिया
    बिद्यापति कालीदास सूर जयदेव कवि
    तुलसी के सरल कहानी रे बटोहिया
    जाउ-जाउ भैया रे बटोही हिंद देखि आउ
    जहां सुख झूले धान खेत रे बटोहिया

    • @rameshmurhekar4853
      @rameshmurhekar4853 2 года назад

      साहब जी!...!
      बहुत ही बढिया excellent

  • @bipinroy5682
    @bipinroy5682 2 года назад +1

    बहुत दिन के बाद इस गीत सुनने का मौका मिला। ऐसे लगा कि पहला प्यार मिल गया।👍

  • @dhiruchem3977
    @dhiruchem3977 2 года назад +1

    बहुत खूब भाई मनोरंजन, जेहन में बस जाने वाली प्रस्तुति

  • @conceptjiclasses
    @conceptjiclasses 2 года назад +1

    मन तृप्त हो गया ,इतना मधुर गीत सुन कर।

  • @KhileshwarPrasad
    @KhileshwarPrasad 2 года назад +1

    Bahoot hi sundar hai.
    Composition bhi bahut achhi hai sir. 🇮🇳🙏🏼

  • @kumarisweta3613
    @kumarisweta3613 2 года назад +1

    मेरा भारत महान🙏

  • @manrangsabrang2519
    @manrangsabrang2519  2 года назад +2

    सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसवा से
    मोरे प्राण बसे हिम-खोह रे बटोहिया
    एक द्वार घेरे रामा हिम-कोतवलवा से
    तीन द्वार सिंधु घहरावे रे बटोहिया
    जाऊ-जाऊ भैया रे बटोही हिंद देखी आउ
    जहवां कुहुकी कोइली गावे रे बटोहिया
    गंगा रे जमुनवा के झिलमिल पनियां से
    सरजू झमकि लहरावे रे बटोहिया
    आगरा प्रयाग कासी दिल्ली कलकतवा से
    मोरे प्रान बसे सरजू तीर रे बटोहिया
    जाउ-जाउ भैया रे बटोही हिंद देखी आउ
    जहां ऋसि चारो बेद गावे रे बटोहिया
    सीता के बीमल जस राम जस कॄष्ण जस
    मोरे बाप-दादा के कहानी रे बटोहिया
    बिद्यापति कालीदास सूर जयदेव कवि
    तुलसी के सरल कहानी रे बटोहिया
    जाउ-जाउ भैया रे बटोही हिंद देखि आउ
    जहां सुख झूले धान खेत रे बटोहिया