इस चमन में अब अपना गुज़ारा नहीं।। मनोरंजन प्रसाद सिंह।। कमर जलालवी।। ग़ज़ल।।

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  • Опубликовано: 17 янв 2025

Комментарии • 7

  • @VrindaSingh-b1k
    @VrindaSingh-b1k Месяц назад +1

    Bahot badhiya ❤️❤️❤️❤️❤️

  • @artisrivastava7212
    @artisrivastava7212 Месяц назад +1

    Wah 👏👏👏👏👏

  • @bobbilisanyasirao970
    @bobbilisanyasirao970 Месяц назад +1

    Bahut sundar ....❤

  • @SanjayKumar-hh1jx
    @SanjayKumar-hh1jx Месяц назад +1

    कमर जलालवी के दस उत्कृष्ट ग़ज़लों में से एक उत्कृष्ट ग़ज़ल है भाई तारतम्यता गजल का श्रृंगार है,जिसे आपने बहुत खूबी से निभाया है

  • @dailman4377
    @dailman4377 Месяц назад +1

    🎉 बहुत बहुत खूब दोस्त ।मज़ा आ गया।
    मनोज सहाय

  • @m.s.ansari8420
    @m.s.ansari8420 Месяц назад +1

    So nice...

  • @duttrajeev35
    @duttrajeev35 Месяц назад +1

    Nice