बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि, हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि। कबीर कहते हैं कि वाणी एक अमूल्य रत्न के समान है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर अर्थात सोच समझ कर ही उसे मुंह से बाहर आने देना चाहिए.
एक समय गोरख नाथ (सिद्ध महात्मा) काशी (बनारस) में स्वामी रामानन्द जी (जो साहेब कबीर के गुरु जी थे) से शास्त्रार्थ करने के लिए (ज्ञान गोष्टी के लिए) आए। जब ज्ञान गोष्टी के लिए एकत्रित हुए तब कबीर साहेब भी अपने पूज्य गुरुदेव स्वामी रामानन्द जी के साथ पहुँचे थे। एक उच्च आसन पर रामानन्द जी बैठे उनके चरणों में बालक रूप में कबीर साहेब (पूर्ण परमात्मा) बैठे थे। गोरख नाथ जी भी एक उच्च आसन पर बैठे थे तथा अपना त्रिशूल अपने आसन के पास ही जमीन में गाड़ रखा था। गोरख नाथ जी ने कहा कि रामानन्द मेरे से चर्चा करो। उसी समय बालक रूप (पूर्ण ब्रह्म) कबीर जी ने कहा - नाथ जी पहले मेरे से चर्चा करें। पीछे मेरे गुरुदेव जी से बात करना। योगी गोरखनाथ प्रतापी, तासो तेज पृथ्वी कांपी। काशी नगर में सो पग परहीं, रामानन्द से चर्चा करहीं। चर्चा में गोरख जय पावै, कंठी तोरै तिलक छुड़ावै। सत्य कबीर शिष्य जो भयऊ, यह वृतांत सो सुनि लयऊ। गोरखनाथ के डर के मारे, वैरागी नहीं भेष सवारे। तब कबीर आज्ञा अनुसारा, वैष्णव सकल स्वरूप संवारा। सो सुधि गोरखनाथ जो पायौ, काशी नगर शीघ्र चल आयौ। रामानन्द को खबर पठाई, चर्चा करो मेरे संग आई। रामानन्द की पहली पौरी, सत्य कबीर बैठे तीस ठौरी। कह कबीर सुन गोरखनाथा, चर्चा करो हमारे साथा। प्रथम चर्चा करो संग मेरे, पीछे मेरे गुरु को टेरे। बालक रूप कबीर निहारी, तब गोरख ताहि वचन उचारी। इस पर गोरख नाथ जी ने कहा तू बालक कबीर जी कब से योगी बन गया। कल जन्मा अर्थात् छोटी आयु का बच्चा और चर्चा मेरे (गोरख नाथ के) साथ। तेरी क्या आयु है? और कब वैरागी (संत) बन गए? गोरखनाथ जी का प्रश्न:- कबके भए वैरागी कबीर जी, कबसे भए वैरागी। कबीर जी का उत्तर:- नाथ जी जब से भए वैरागी मेरी, आदि अंत सुधि लागी।। धूंधूकार आदि को मेला, नहीं गुरु नहीं था चेला। जब का तो हम योग उपासा, तब का फिरूं अकेला।। धरती नहीं जद की टोपी दीना, ब्रह्मा नहीं जद का टीका। शिव शंकर से योगी, न थे जदका झोली शिका।। द्वापर को हम करी फावड़ी, त्रोता को हम दंडा। सतयुग मेरी फिरी दुहाई, कलियुग फिरौ नो खण्डा।। गुरु के वचन साधु की संगत, अजर अमर घर पाया। कहैं कबीर सुनांे हो गोरख, मैं सब को तत्व लखाया।। साहेब कबीर जी ने गोरख नाथ जी को बताया हैं कि मैं कब से वैरागी बना। साहेब कबीर ने उस समय वैष्णों संतों जैसा वेष बना रखा था। जैसा श्री रामानन्द जी ने बाणा (वेष) बना रखा था। मस्तिक में चन्दन का टीका, टोपी व झोली सिक्का एक फावड़ी (जो भजन करने के लिए लकड़ी की अंग्रेजी के अक्षर ‘‘T‘‘ के आकार की होती है) तथा एक डण्डा (लकड़ी का लट्ठा) साथ लिए हुए थे। ऊपर के शब्द में कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि जब कोई सृष्टि (काल सृष्टि) नहीं थी तथा न सतलोक सृष्टि थी तब मैं (कबीर) अनामी लोक में था और कोई नहीं था। चूंकि साहेब कबीर ने ही सतलोक सृष्टि शब्द से रची तथा फिर काल (ज्योति निरंजन-ब्रह्म) की सृष्टि भी सतपुरुष ने रची। जब मैं अकेला रहता था जब धरती (पृथ्वी) भी नहीं थी तब से मेरी टोपी जानो। ब्रह्मा जो गोरखनाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाला पैदा भी नहीं हुआ था। तब से मैंने टीका लगा रखा है अर्थात् मैं (कबीर) तब से सतपुरुष आकार रूप मैं ही हूँ। सतयुग-त्रोतायुग-द्वापर तथा कलियुग ये चार युग तो मेरे सामने असंख्यों जा लिए। कबीर परमेश्वर जी ने कहा कि हमने सतगुरु वचन में रह कर अजर-अमर घर (सतलोक) पाया। इसलिए सर्व प्राणियों को तत्व (वास्तविक ज्ञान) बताया है कि पूर्ण गुरु से उपदेश ले कर आजीवन गुरु वचन में चलते हुए पूर्ण परमात्मा का ध्यान सुमरण करके उसी अजर-अमर सतलोक में जा कर जन्म-मरण रूपी अति दुःखमयी संकट से बच सकते हो। इस बात को सुन कर गोरखनाथ जी ने पूछा हैं कि आपकी आयु तो बहुत छोटी है अर्थात् आप लगते तो हो बालक से। जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी। असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।।टेक।। कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी। हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।। अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया। सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।। कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी। देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी।। नहीं बुढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी। कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी।।
SISODIA SISTERS इतना तो स्कूल का बच्चा भी जानता है कि इतिहास में क्या-क्या लिखा होता है अगर नहीं मालूमात होती तो वह भी पढ़ कर किसी से मालूमात कर कर जब बात करता है
SISODIA SISTERS range name ki kisi term ko jante to bhai man liya matbhed h but ek ki 11-14 century h aur dusre ki 15-16 century h agar math accha hoga to samjh jaoge ki kon jhuta h .thank u
भाई जी हम इतने महान है कि हमने अपने से महान लोगों को MP चुना और उन्होंने महानता की पराकाष्ठा को छूते हुए उस व्यक्ति को नेता चुना जो शायद आज तक भी उस पद की गरिमा को समझने में असमर्थ है ।
Dharmendra Singh Bhadoriya Ho anpad log aksar khi se ulta sidha aun sate he or aksar asa he.kahte he. Bhai PM he us pad par bethe insan se satyta ummid hoti he. Pure desh ko. Ak jhute insan par kitna viswas kiya ja sakta he.
Aisa kaha jata hai to usey manch par kyun dohraya. Yeh bhi nahin Kaha ki confirm nahin hai. Yani khud bhi usey sahi maan Kar aage paros rahe hain is ummeed se ke jhooth pakda nahin jayega aur public tali baja degi. Radar badal aur fighter jet ke mamle mein bhi yahi Kiya. Air force chief PM ki salah lete honge badal aur radar ke baare mein is baat par kaun yakeen karega?
Bhai sant kabir sahib ji gorakh nath ji se mele the कबीर :- नहीं बूढा नहीं बालक, नहीं कोई भाट भिखारी। कहै कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी॥ YA DOHA SUN LO
कबीरा खड़ा बाजर मे सबकी मांगे खैर नहीं कोऊ से दोस्ती ना कोऊ से बैर फिर तुम बात का बतंगड़ क्यों बनावट ह बुब्वा ,,,???कबीर नहीं मुसलमान नहीं हिन्दू कबीर तो खली एक था इंसान जो सबको देता जीने की राह बोल बोल के मुँह की बात यही था कबीरा का राग,,मुसलमानो को भी कोई कम नहीं कोसते थै कबीर जी ,,,कबीर खली अच्छा एक था इंसान ,,,कबीर के दोहे पहले शिक्षा मे भी बच्चो को पढ़ते थे अब पता नहीं क्यों शिक्षा को बना दिया भिक्षा ,,,नेतालोग की चल से सब तोड़के रख दिया सब भारत के अच्छी लोगो को शिक्षा मे बताना छोड़ दिया,,,बड़ा हुवा तो क्या हुवा जैसे पाहड खजूर पन्थियो को छाया नहीं और फल लागै अति दूर ,,,बहुत ज्ञान की बाते शिक्षा मे होती थी आज बीएस सबके सब अंग्रेजी के पीछे भाग रहे ह जो ज्ञान खुद का देश मे उसे छोड़ते जा रहे ह,,जो लोगो नै चोरी करके ले गई वह भी आज बोलने लगाई की १५०० मई ब्रिटिश चोर नै चोरी करके अपना नाम लिख दिया ,पर वह तो भारत का ज्ञान जो चोरी करके अपना बताया आज वह भी बोलते यह भारत का ज्ञान ह,जो १५०० का समय था चोरी करके ले गया था आज कबीर रविदास मीरा बाई कर्मा बाई रामदेवबाबा यह सब उसी समय के ह जो आज के बच्चो को नहीं शिक्षाय बताया जाता ह,,,जयहिंद
PM Modi didn't use 'ek sath ' any where in the sentence. He said "aa kar charcha ki thi " not "ek sath aa kar charcha ki thi". So how it became factual fault? Listen carefully. In our culture we Say that " this religious / social topic has been discussed. That's why "charcha" word has been used for discussion. This doesn't mean that these 3 personality came along and discussed. Be familiar with the regional culture how few words are used locally. Thanks Alok Ranjan
कबीर सागर - अगम निगम बोध - पृष्ठ 41) अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।।टेक।। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक ह्नै दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। माता-पिता मेरे कछु नहीं, ना मेरे घर दासी। जुलहा को सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हांसी।। पांच तत्व का धड़ नहीं मेरा, जानूं ज्ञान अपारा। सत्य स्वरूपी नाम साहिब का, सो है नाम हमारा।। अधर दीप (सतलोक) गगन गुफा में, तहां निज वस्तु सारा। ज्योति स्वरूपी अलख निरंजन (ब्रह्म) भी, धरता ध्यान हमारा।। हाड चाम लोहू नहीं मोरे, जाने सत्यनाम उपासी। तारन तरन अभै पद दाता, मैं हूं कबीर अविनासी।। साहेब कबीर ने कहा कि हे अवधूत गोरखनाथ जी मैं तो अविगत स्थान (जिसकी गति/भेद कोई नहीं जानता उस सतलोक) से आया हूँ। मैं तो स्वयं शक्ति से बालक रूप बना कर काशी (बनारस) मंे एक लहर तारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुआ हूँ। वहाँ पर नीरू-नीमा नामक जुलाहा दम्पति को मिला जो मुझे अपने घर ले आया। मेरे कोई मात-पिता नहीं हैं। न ही कोई घर दासी (पत्नी) है और जो उस परमात्मा का वास्तविक नाम है, वही कबीर नाम मेरा है। आपका ज्योति स्वरूप जिसे आप अलख निरंजन (निराकार भगवान) कहते हो वह ब्रह्म भी मेरा ही जाप करता है। मैं सतनाम का जाप करने वाले साधक को प्राप्त होता हूँ अर्थात् वहीं मेरे विषय में सही जानता है। हाड-चाम तथा लहु रक्त से बना मेरा शरीर नहीं है। कबीर साहेब सतनाम की महिमा बताते हुए कहते हैं कि मेरे मूल स्थान (सतलोक) में सतनाम के आधार से जाया जाता है। अन्य साधकों को संकेत करते हुए प्रभु कबीर (कविर्देव) जी कह रहे हैं कि मैं उसी का जाप करता रहता हूँ। इसी मन्त्रा (सतनाम) से सतलोक जाने योग्य होकर फिर सारनाम प्राप्ति करके जन्म-मरण से पूर्ण छुटकारा मिलता है। यह तारन तरन पद (पूजा विधि) मैंने (कबीर साहेब अविनाशी भगवान ने) आपको बताई है। इसे कोई नहीं जानता। गोरख नाथ जी को बताया कि हे पुण्य आत्मा! आप काल क्षर पुरुष (ज्योति निरंजन) के जाल में ही हो। न जाने कितनी बार आपके जन्म हो चुके हैं। कभी चैरासी लाख जूनियों में कष्ट पाया। आपकी चारांे युगों की भक्ति को काल अब (कलियुग में) नष्ट कर देता यदि आप मेरी शरण मंे नहीं आते। यह काल इक्कीस ब्रह्मण्डों का मालिक है। इसको शाप लगा है कि एक लाख मानव शरीर धारी (देव व ऋषि भी) जीव प्रतिदिन खायेगा तथा सवा लाख मानव शरीरधारी प्राणियों को नित्य उत्पन्न करेगा। इस प्रकार प्रतिदिन पच्चीस हजार बढ़ रहे हैं। उनको ठिकाने लगाए रखने के लिए तथा कर्म भुगताने के लिए अपना कानून बना कर चैरासी लाख योनियाँ बना रखी हैं। इन्हीं 25 हजार अधिक उत्पन्न जीवों के अन्य प्राणियों के शरीर में प्रवेश करता है। जैसे खून में जीवाणु, वायु में जीवाणु आदि-2। इसकी पत्नी आदि माया (प्रकृति देवी) है। इसी से काल (ब्रह्म/अलख निरंजन) ने (पत्नी-पति के संयोग से) तीन पुत्रा ब्रह्मा-विष्णु-शिव उत्पन्न किए। इन तीनों को अपने सहयोगी बना कर ब्रह्मा को शरीर बनाने का, विष्णु को पालन-पोषण का और शिव को संहार करने का कार्य दे रखा है। इनसे प्रथम तप करवाता है फिर सिद्धियाँ भर देता है जिसके आधार पर इनसे अपना उल्लु सीधा करता है और अंत में इन्हें (जब ये शक्ति रहित हो जाते हैं) भी मार कर तप्त शिला पर भून कर खाता है तथा अन्य पुत्रा पूर्व ही उत्पन्न करके अचेत रखता है उनको सचेत करके अपना उत्पति, स्थिति तथा संहार का कार्य करता है। ऐसे अपने काल लोक को चला रहा है। इन सब से ऊपर पूर्ण परमात्मा है। उसका ही अवतार मुझ (कबीर परमेश्वर) को जान
कबीर दास का जन्म-1398 ई कबीर दास -की मौत 1494 ई गुरुनानक- जन्म 1469 ई गुरुनानक - मौत 1539 ई गोरखनाथ-11वी शताब्दी तीनो लोग कैसे एक साथ आध्यात्मिक चर्चा किये ????(मगहर)
Wahi to, sach bolne me koi atak jaye to bura dikh raha tujhe aur Jhoot koi bina atke bole to koi problem nahi hai. Chutiya chaatukaar ho tum, Kabir ne nahi, maine kaha hai.
जिस आदमी को ३ का पहाड़ा ना आता हो वो देश का PM हो इस से बड़ा दुर्भाग्य इस देश का क्या होगा फेंकू को चाहे कुछ पता हो या ना हो या झूठ बोले सब बराबर है ये आदमी अपनी विश्वसनीयता खो चुका है ये चौकिदार बन ने के क़ाबिल भी नहि PM तो बहुत बड़ी बात है
Amin Aziz mohamad sahab ko bhi nhi aata tha 3 ka pahada,, sala wo to fucker tha, he fucked 9 years old ayesha,,, fir bhi tum log uski gand chat te ho means use follow karte ho
Yah duniya ka Sabse takatwar Insan he jiska nam Narendra Modi he agar galti Nikal te ho to Nanak mattha utrakhan me he wo Gorakhnath tekra kahete the guru Gorakh ji guru Nanak se mile the aur wo guru Granth Sahib me darj he pata na ho to bakwas mat karna bhai
ये अभी 3 साल बाद भी चल रहा है। Is baat ko jyada nahi khiche......modi ne kaha "aisa kehte hain.............". ऐसा ऐतिहासिक रूप से गलत है, पर ये स्थानीय मान्यता है।
प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में बोला है की "ऐसा कहते हैं की संत कबीर,गुरुनानक साहब और गोरखनाथ जी ने यहाँ साथ बैठ कर अध्यात्मिक चर्चा की थी.."पर उन्होंने ये कहीं नहीं कहा की यह सच है..यह केवल किस्सा भी हो सकता है..हो सकता है की यह तथ्य गलत हो..पर इससे कोई झूठा सिद्ध नही हो सकता..और आप का यह ज्ञान उस वक्त कहाँ गया था जब राहुल गाँधी जी शिकंजी बेंच रहे थे।। झूठ उसको कहते हैं भाईसाहब।। आप पत्रकार हैं पत्रकारिता करें न कि जनता को गुमराह करें।। और हाँ आगे से अपने फायदे के लिए देश के ऐसे व्यक्ति जोकि पूर्णतयाः निश्वार्थी है उस पर लाल्छन न लागयें।।🇮🇳🙏
You are anchoring but you don't have proper knowledge Chandra Gupta 1 and Chandra Gupta 2 related to Gupta Vansh While Chandra Gupta Maurya related to Maurya Vansh.. He is saying true.. You people only know how to criticize.
अच्छा लगता कि आप अपने इस वीडियो के अंत में यह भी बताते, कि आप, व्यक्तिगत आप किसको सच्चा, झूठ न बोलने वाले व्यक्ति को श्री नरेंद्र मोदी की जगह प्रधानमंत्री के रूप में देखना पसंद करते हैं।
मोदी जी ने आज पोटी साफ करके पानी से हाथ नही धोए बल्कि दल्लन टोप के एंकर ने चाटे थे। मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि.... और ये ढोंढू इसमें इस बात मोदी का अपना स्टेटमेंट बता रहा है। यार डूब मरो कहीं जाकर। कहने को तो यह भी माना जाता है मोहम्मद साहब १.५ लाख किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से गधी पर बैठकर अल्लाह ताला से मिलकर आया। तो तू नही बोलेगा। लेकिन मोदी ने साफ बोला कि ऐसा माना जाता है, अर्थात् मान्यता है, मतलब वो जनसामान्य मे मान्य है इसलिए लोगो मे जनसामान्य की ही बात कही जाएगी और ये गुटखा छाप बोल रहा है कि इसको मोदीका झूठ कहा जाएगा? साथ ही अपनी भडास भी निकाल ली हर बार की तरह कि जनता जिसको वोट देना है। टटपूंजिए साहब! आप लोग क्यों यार सौरभ भाई का नाम डुबो रहे हो। सौरभ भाई का मस्त लल्लन टोप तुमलोगो ने दल्लन टोप बना दिया झूठ बोल बोल के। शरम करो शरम।
Nitisha Mehta bhai tu sun le pahle , bhojpuri hai wo bas "nikk" ek word mathili ka hai , baki bhojpuri hai pura. Bhojpuri tum nahi jante ho mtlb koi bhi language nahi bol sakte ho isko. Kabhi mathili kabhi maghi , kuch der baad bengali bhi bol dena.
vidio banane vale ,Pahle to kabir das ji ka itihas padho , modiji ne kabir saheb ko sufi sant kaha hai lekin kabir saheb Sufi nahi the , guru nanakdev ji samkalin the ,lekin kabir saheb ke grandh kabir sagar me guru gorkh nath ki gyan goshti hai , guru gorkh nath ji ka alag alag time hai ,lokdevta veer gogaji jo 1000 isvi me huye the unka time me bhi bataya sath hi ujjen (mp) ke raja vikramadity ke samkalin bhi bataya hai jinhone vikram savat ki shayad shuruaat ki thi ,,isliye kabir saheb or santo ko samjna manushy ke bash ki bat nahi hai !!
कई गलतियां अनजाने में हो जाती है जिसका हमारा कोई उद्देश्य नहीं होता है लेकिन पीएम मोदी के मामले में देखा गया है कि वह जानबूझकर कहीं गलती करते हैं राजनीतिक फायदा लेने के लिए
Jo log kehte hai Modi ji alawa koi option nhi hai iss liye Modi ji Ko vote de rhe hai . Unhe eek bar congressio ka hal dekhna chahiye. Unka question bhi Rahul khan hai or answer bhi Rahul khan hai. Multiple options to dur ki bat hai . Jabardasti jhelna padta hai unko ek bewkuf ki harqat Ko . Wo log uski image sudharne ka full try krte hai par wo ek bar muh khol k sab guh gobbar KR deta hai . Pappu hai Wo pappu
A K Gaming club मोदी जी ने आज पोटी साफ करके पानी से हाथ नही धोए बल्कि दल्लन टोप के एंकर ने चाटे थे। मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि.... और ये ढोंढू इसमें इस बात मोदी का अपना स्टेटमेंट बता रहा है। यार डूब मरो कहीं जाकर। कहने को तो यह भी माना जाता है मोहम्मद साहब १.५ लाख किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से गधी पर बैठकर अल्लाह ताला से मिलकर आया। तो तू नही बोलेगा। लेकिन मोदी ने साफ बोला कि ऐसा माना जाता है, अर्थात् मान्यता है, मतलब वो जनसामान्य मे मान्य है इसलिए लोगो मे जनसामान्य की ही बात कही जाएगी और ये गुटखा छाप बोल रहा है कि इसको मोदीका झूठ कहा जाएगा? साथ ही अपनी भडास भी निकाल ली हर बार की तरह कि जनता जिसको वोट देना है। टटपूंजिए साहब! आप लोग क्यों यार सौरभ भाई का नाम डुबो रहे हो। सौरभ भाई का मस्त लल्लन टोप तुमलोगो ने दल्लन टोप बना दिया झूठ बोल बोल के। शरम करो शरम।
कबीर कहते हैं कि वाणी एक अमूल्य रत्न के समान है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर अर्थात सोच समझ कर ही उसे मुंह से बाहर आने देना चाहिए. LALAN YA BAAT TUM PA LAGO HOTE HA
अभी तुम बच्चे हो बेटा गोरखनाथ जी और कबीर दास जी की मुलाकात हुई है जिसमें गोरखनाथ जी को कबीर दास जी ने काफी हद तक प्रभावित किया हार जीत का फैसला आपस में नहीं हो पाया पहले की बातों का मोदी जी के बारे में हमें नहीं पता लेकिन अभी यह बात उन्होंने बिल्कुल सही बताई है
भाई निखिल आप बोलते बहुत अच्छे हैं हम नहीं जानते हैं कि गोरखनाथ कबीर दास और गुरु नानक एक ही समय के थे या नहीं थे लेकिन जो आपने चंद्रगुप्त के बारे में कहा है कि चंद्रगुप्त ,मौर्य वंश से संबंधित थे बिल्कुल सही कहा लेकिन वह चंद्रगुप्त नहीं चंद्रगुप्त मौर्य थे चंद्रगुप्त प्रथम और चंद्रगुप्त द्वितीय गुप्त वंश से संबंधित है शायद आप की हिस्ट्री इतनी अच्छी नहीं है जितनी कि मोदी प्रधानमंत्री की चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में ही चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था जोकि गुप्त वंश से संबंधित थे
मक्खी तमाम अच्छी चीजो को छोड़कर एक बुरी और गंदी जगह तलाश करती है उसी तरह आप मोदीे जी के अच्छी उपल्बधीयो को छिपाकर बुरा शाबीत करना चाहते हो।।।धन्य है आप।। और हां कभी समय मीले तो मोदीे जी के अच्छाईयो को पर भी video बनाओ
Actor hai modi ji is liye full confidence ke sath झूठ bol dete hai our modi भक्त real main modi ji ke fan nahi hote hain ye भक्त acting ke fan hote hai 😂😂
Congress se kitna paisa Mila hai ....hamesha modi ji ki galti nikalte ho...nehru ke papo ke upar kapda dalte ho....Pappu ki pappugiri pe bhi to video banao
Yeh sach bol rha ha fer ve koi bjp wala man nhi rha modi ji ek PM ka desh ko unko yeh sab karna accha nhi lagda agar modi aur congress same ha fer modi ko kyu choice kare
PM ne sirf yeh bola ki aisa kehte hai ki tin mahapurush ek sath alochana ki thi.... He categoraly said 'aisa kehte hai ki'..which may or may not be true
If some one does not know about folk tales about nanak and kabir being contemporary and the possibility of gorakhnath, nanak and kabir born around the same time should go and serve their western masters. its a well known fact that nanak travelled across indian subcontinent.
Wahan par kabir das ji sadhna nahi karte the.. sadhna banaras me karte the..maghar me unki mrityu huvi thi.. antim samay me wahan pahunche the..isliye wahan unki samadhi banayi gayi... 500 meter ki duri par Maghar station hai Jise adha mandir aur adha masjid ke roop me banaya gaya hai. Station par har jagah unke dohe likhe huve hain .. bahut hi sundar station hai...
पढ़ हर कोई लेता है, किन्तु ज्ञान विरले, और सतत प्रयास से मिलता है। और हमारे प्रधानमंत्री जी के ज्ञान, विज्ञान के बारे मे ज्यादा बात करने की ज़रूरत ही नहीं है। बाकी आप सब सुधीजनों ज्ञानी हो.......
कह रहे हो सूफी संत करें वह विश्व का पूर्ण परमात्मा है वह पूरे विश्व का समाज सुधारक हैं इसका प्रमाण संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं कि सदगुरु कबीर ही पूर्ण परमेश्वर है वेद भी यही प्रमाण देते हैं और गीता भी यही प्रमाण देती है कि पूर्ण परमात्मा कबीर है
संबत 1455 एवं सन 1398 से संबत 1575 एवं सन 1518 तक ही सतपुरुष सदगुरु कबीर साहब नही है बल्कि इससे पहले भी आये है और . मगहर तजि बासा किया परकाशा जहाँ धर्मदासा व्रत धारी । तिनको शिष्य कीन्हा सरबस दीन्हा दुख हरि लीन्हा यम भारी ।। सत पंथ चलाये भ्रम मिटाये इष्ट द्रढाये संसारी । और सदगुरु कबीर साहब जी ने स्वामी रामानंद जी से कहा था कि मै आपके दास बनने आया हू एवं मै आपके दास रहूंगा मगर अज्ञान के कारण आज भी मानव सदगुरु कबीर साहब जी को दास कहते है हमारे प्रेमीजनो दास तो उसको कहते जो अपना सेवक एवं शिष्य हो तो क्या सदगुरु कबीर साहब जी आपके सेवक है या शिष्य है भाई बहनो थोड़ा बिचार करके भी बोल लिया करो . सप्रेम साहब बंदिगी साहब जी ।
(1) कबीर नानक आदि के साथ गोरखनाथ का संवाद हुआ था, इस पर दंतकथाएँ भी हैं और पुस्तकें भी लिखी गई हैं। यदि इनसे गोरखनाथ का काल-निर्णय किया जाए, जैसा कि बहुत-से पंडितों ने भी किया है, तो चौदहवीं शताब्दी के ईषत् पूर्व या मध्य में होगा। (2) गूगा की कहानी, पश्चिमी नाथों की अनुश्रुतियाँ, बँगाल की शैव-परंपरा और धर्मपूजा का संपद्राय, दक्षिण के पुरातत्त्व के प्रमाण, ज्ञानेश्वर की परंपरा आदि को प्रमाण माना जाए तो यह काल 1200 ई० के उधर ही जाता है। तेरहवीं शताब्दी में गोरखपुर का मठ ढहा दिया गया था, इसका ऐतिहासिक सबूत है, इसलिए निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि गोरखनाथ 1200 ई० के पहले हुए थे। इस काल के कम से कम सौ वर्ष पहले तो यह काल होना ही चाहिए। (3) नेपाल के शैव-बौद्ध परंपरा के नरेंद्रदेव, के बाप्पाराव, उत्तर-पश्चिम के रसालू और होदो, नेपाल के पूर्व में शंकराचार्य से भेंट आदि आधारित काल 8वीं शताब्दी से लेकर नवीं शताब्दी तक के काल का निर्देश करते हैं। (4) कुछ परंपराएँ इससे भी पूर्ववर्ती तिथि की ओर संकेत करती हैं। ब्रिग्स दूसरी श्रेणी के प्रमाणों पर आधारित काल को उचित काल समझते हैं, पर साथ ही यह स्वीकार करते हैं कि यह अंतिम निर्णय नहीं है। जब तक और कोई प्रमाण नहीं मिल जाता तब तक वे गोरखनाथ के विषय में इतना ही कह सकते हैं कि गोरखनाथ 1100 ई० से पूर्व, संभवतः ग्यारहवीं शाताब्दी के आरंभ में, पूर्वी, बंगाल में प्रादुर्भुत हुए थे। परंतु सब मिलकर वे निश्चित रूप से जोर देकर कुछ नहीं कहते और जो काल बताते हैं, उसे अन्य प्रमाणों से अधिक युक्तिसंगत माना जाए, यह भी नहीं बताते। मैंने नाथ संप्रदाय में दिखाया है कि किस प्रकार गोरखनाथ के अनेक पूर्ववर्ती मत उनके द्वारा प्रवर्तित बारहपंथी संप्रदाय में अंतर्भुक्त हो गए थे।
Aap jise galtia kah rahe h vo pree plan karke hota h. Kya aapki himmat h ye dikhaane ki ki gov. Job vaale log ab gaanvo se logo ko le ke gaye h 100% truth hai. Surya
मोदीजी ने आज यूपी के मगहर में अपने भाषण के दौरान कहा : गुरुनानक जी, बाबा गोरखनाथ और संत कबीर साथ बैठकर धर्म पर चर्चा किया करते थे अब मजे देखो बाबा गोरखनाथ का जन्म 10 वी शताब्दी में संत कबीर का जन्म 1398 में गुरुनानक जी का जन्म 1469 में इसी बात पर दो पंक्तियाँ पेश है : माना कि अंधेरा घना है पर बेवकूफ बनाना कहाँ मना है
Bhai sant kabir sahib ji gorakh nath ji se mele the कबीर :-
नहीं बूढा नहीं बालक, नहीं कोई भाट भिखारी।
कहै कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी॥
Bilkul sahi dinesh ji 🙏🙏
Feku P.M...😂😂😂😂😂 Sirf fekna hi aata h or kuch nahi...
बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।
कबीर कहते हैं कि वाणी एक अमूल्य रत्न के समान है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर अर्थात सोच समझ कर ही उसे मुंह से बाहर आने देना चाहिए.
एक समय गोरख नाथ (सिद्ध महात्मा) काशी (बनारस) में स्वामी रामानन्द जी (जो साहेब कबीर के गुरु जी थे) से शास्त्रार्थ करने के लिए (ज्ञान गोष्टी के लिए) आए। जब ज्ञान गोष्टी के लिए एकत्रित हुए तब कबीर साहेब भी अपने पूज्य गुरुदेव स्वामी रामानन्द जी के साथ पहुँचे थे। एक उच्च आसन पर रामानन्द जी बैठे उनके चरणों में बालक रूप में कबीर साहेब (पूर्ण परमात्मा) बैठे थे। गोरख नाथ जी भी एक उच्च आसन पर बैठे थे तथा अपना त्रिशूल अपने आसन के पास ही जमीन में गाड़ रखा था। गोरख नाथ जी ने कहा कि रामानन्द मेरे से चर्चा करो। उसी समय बालक रूप (पूर्ण ब्रह्म) कबीर जी ने कहा - नाथ जी पहले मेरे से चर्चा करें। पीछे मेरे गुरुदेव जी से बात करना।
योगी गोरखनाथ प्रतापी, तासो तेज पृथ्वी कांपी।
काशी नगर में सो पग परहीं, रामानन्द से चर्चा करहीं।
चर्चा में गोरख जय पावै, कंठी तोरै तिलक छुड़ावै।
सत्य कबीर शिष्य जो भयऊ, यह वृतांत सो सुनि लयऊ।
गोरखनाथ के डर के मारे, वैरागी नहीं भेष सवारे।
तब कबीर आज्ञा अनुसारा, वैष्णव सकल स्वरूप संवारा।
सो सुधि गोरखनाथ जो पायौ, काशी नगर शीघ्र चल आयौ।
रामानन्द को खबर पठाई, चर्चा करो मेरे संग आई।
रामानन्द की पहली पौरी, सत्य कबीर बैठे तीस ठौरी।
कह कबीर सुन गोरखनाथा, चर्चा करो हमारे साथा।
प्रथम चर्चा करो संग मेरे, पीछे मेरे गुरु को टेरे।
बालक रूप कबीर निहारी, तब गोरख ताहि वचन उचारी।
इस पर गोरख नाथ जी ने कहा तू बालक कबीर जी कब से योगी बन गया। कल जन्मा अर्थात् छोटी आयु का बच्चा और चर्चा मेरे (गोरख नाथ के) साथ। तेरी क्या आयु है? और कब वैरागी (संत) बन गए?
गोरखनाथ जी का प्रश्न:-
कबके भए वैरागी कबीर जी, कबसे भए वैरागी।
कबीर जी का उत्तर:-
नाथ जी जब से भए वैरागी मेरी, आदि अंत सुधि लागी।।
धूंधूकार आदि को मेला, नहीं गुरु नहीं था चेला।
जब का तो हम योग उपासा, तब का फिरूं अकेला।।
धरती नहीं जद की टोपी दीना, ब्रह्मा नहीं जद का टीका।
शिव शंकर से योगी, न थे जदका झोली शिका।।
द्वापर को हम करी फावड़ी, त्रोता को हम दंडा।
सतयुग मेरी फिरी दुहाई, कलियुग फिरौ नो खण्डा।।
गुरु के वचन साधु की संगत, अजर अमर घर पाया।
कहैं कबीर सुनांे हो गोरख, मैं सब को तत्व लखाया।।
साहेब कबीर जी ने गोरख नाथ जी को बताया हैं कि मैं कब से वैरागी बना। साहेब कबीर ने उस समय वैष्णों संतों जैसा वेष बना रखा था। जैसा श्री रामानन्द जी ने बाणा (वेष) बना रखा था। मस्तिक में चन्दन का टीका, टोपी व झोली सिक्का एक फावड़ी (जो भजन करने के लिए लकड़ी की अंग्रेजी के अक्षर ‘‘T‘‘ के आकार की होती है) तथा एक डण्डा (लकड़ी का लट्ठा) साथ लिए हुए थे। ऊपर के शब्द में कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि जब कोई सृष्टि (काल सृष्टि) नहीं थी तथा न सतलोक सृष्टि थी तब मैं (कबीर) अनामी लोक में था और कोई नहीं था। चूंकि साहेब कबीर ने ही सतलोक सृष्टि शब्द से रची तथा फिर काल (ज्योति निरंजन-ब्रह्म) की सृष्टि भी सतपुरुष ने रची। जब मैं अकेला रहता था जब धरती (पृथ्वी) भी नहीं थी तब से मेरी टोपी जानो। ब्रह्मा जो गोरखनाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाला पैदा भी नहीं हुआ था। तब से मैंने टीका लगा रखा है अर्थात् मैं (कबीर) तब से सतपुरुष आकार रूप मैं ही हूँ।
सतयुग-त्रोतायुग-द्वापर तथा कलियुग ये चार युग तो मेरे सामने असंख्यों जा लिए। कबीर परमेश्वर जी ने कहा कि हमने सतगुरु वचन में रह कर अजर-अमर घर (सतलोक) पाया। इसलिए सर्व प्राणियों को तत्व (वास्तविक ज्ञान) बताया है कि पूर्ण गुरु से उपदेश ले कर आजीवन गुरु वचन में चलते हुए पूर्ण परमात्मा का ध्यान सुमरण करके उसी अजर-अमर सतलोक में जा कर जन्म-मरण रूपी अति दुःखमयी संकट से बच सकते हो।
इस बात को सुन कर गोरखनाथ जी ने पूछा हैं कि आपकी आयु तो बहुत छोटी है अर्थात् आप लगते तो हो बालक से।
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी।
असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।।टेक।।
कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी।
हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।।
अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया।
सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।।
कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी।
देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी।।
नहीं बुढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी।
कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी।।
जब कबीर और गोरखनाथ के जीवन पर इतिहासकार एक मत नही है... तो आप किस आधार पर मोदी को झुठा साबित कर रहे हैं.. ?
लगता है मोदी ने इनके खाते में १५ लाख जमा कर दिये।
तो आप किस आधार पर मोदी को सच साबित कर रहे है ?
SISODIA SISTERS इतना तो स्कूल का बच्चा भी जानता है कि इतिहास में क्या-क्या लिखा होता है अगर नहीं मालूमात होती तो वह भी पढ़ कर किसी से मालूमात कर कर जब बात करता है
SISODIA SISTERS range name ki kisi term ko jante to bhai man liya matbhed h but ek ki 11-14 century h aur dusre ki 15-16 century h agar math accha hoga to samjh jaoge ki kon jhuta h .thank u
Kya baat kahi bhai
कमाल का सवाल जब उनको सच बोलना ही नहीं आता तो झूठ ही बोलेंगे 😂😂😂
Jai Guru Gorakh Nath Ke 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भाई जी हम इतने महान है कि हमने अपने से महान लोगों को MP चुना और उन्होंने महानता की पराकाष्ठा को छूते हुए उस व्यक्ति को नेता चुना जो शायद आज तक भी उस पद की गरिमा को समझने में असमर्थ है ।
उन्होंने कहा है कि “एसा कहा जाता है”
तू अपना ज्ञान न बाँट
सिर्री....
Dharmendra Singh Bhadoriya Ho anpad log aksar khi se ulta sidha aun sate he or aksar asa he.kahte he. Bhai PM he us pad par bethe insan se satyta ummid hoti he. Pure desh ko. Ak jhute insan par kitna viswas kiya ja sakta he.
Ankur Bains
तू साले सोनिया मेडम की चप्पल चाटने के लायक है, चाटता रह....वैसे कौन सी क्वालिटी की चाटता है वे?
Dharmendra Singh Bhadoriya arey tattee khane aa gye bhakt ji😂😂😂😂
Aisa kaha jata hai to usey manch par kyun dohraya. Yeh bhi nahin Kaha ki confirm nahin hai. Yani khud bhi usey sahi maan Kar aage paros rahe hain is ummeed se ke jhooth pakda nahin jayega aur public tali baja degi. Radar badal aur fighter jet ke mamle mein bhi yahi Kiya. Air force chief PM ki salah lete honge badal aur radar ke baare mein is baat par kaun yakeen karega?
Bhai sant kabir sahib ji gorakh nath ji se mele the कबीर :-
नहीं बूढा नहीं बालक, नहीं कोई भाट भिखारी।
कहै कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी॥ YA DOHA SUN LO
Right
कबीरा खड़ा बाजर मे सबकी मांगे खैर नहीं कोऊ से दोस्ती ना कोऊ से बैर फिर तुम बात का बतंगड़ क्यों बनावट ह बुब्वा ,,,???कबीर नहीं मुसलमान नहीं हिन्दू कबीर तो खली एक था इंसान जो सबको देता जीने की राह बोल बोल के मुँह की बात यही था कबीरा का राग,,मुसलमानो को भी कोई कम नहीं कोसते थै कबीर जी ,,,कबीर खली अच्छा एक था इंसान ,,,कबीर के दोहे पहले शिक्षा मे भी बच्चो को पढ़ते थे अब पता नहीं क्यों शिक्षा को बना दिया भिक्षा ,,,नेतालोग की चल से सब तोड़के रख दिया सब भारत के अच्छी लोगो को शिक्षा मे बताना छोड़ दिया,,,बड़ा हुवा तो क्या हुवा जैसे पाहड खजूर पन्थियो को छाया नहीं और फल लागै अति दूर ,,,बहुत ज्ञान की बाते शिक्षा मे होती थी आज बीएस सबके सब अंग्रेजी के पीछे भाग रहे ह जो ज्ञान खुद का देश मे उसे छोड़ते जा रहे ह,,जो लोगो नै चोरी करके ले गई वह भी आज बोलने लगाई की १५०० मई ब्रिटिश चोर नै चोरी करके अपना नाम लिख दिया ,पर वह तो भारत का ज्ञान जो चोरी करके अपना बताया आज वह भी बोलते यह भारत का ज्ञान ह,जो १५०० का समय था चोरी करके ले गया था आज कबीर रविदास मीरा बाई कर्मा बाई रामदेवबाबा यह सब उसी समय के ह जो आज के बच्चो को नहीं शिक्षाय बताया जाता ह,,,जयहिंद
कबीर साहिब जी ने खुद कबीर सागर में गुरु गोरखनाथ के साथ संवाद को बताया है जहां आप गलत हैं
राइट ❤️🙏
Lallantop वाला नास्तिक है और नास्तिकता ही पर विश्वास करता है
Modi is First pm who's speech for Sant kabir.. No any one pm has speeched still today.. Thank S Modi
Lallantop
Ndtv ban raha h
India tv ban raha h
Ya
Aaj tak ban raha h....
Ye aapke uper h..... Dhanyawad
To kya 2019 me Rahul Gandhi Ko PM Bana de??? 😁😀😁
prem pragati Yes
prem pragati to kya is juthe ko hi bana kr rakhe jo her baat ki galat batata he
prem pragati ....km.s km 10 guna behtar prime minister sabit hone rahul ya koi bhi mahan modi jii se
Bhai kyu desh ki mitti palit krna chahte ho cartoon ko PM bnakr ke
heart lover 😂😂
PM Modi didn't use 'ek sath ' any where in the sentence. He said "aa kar charcha ki thi " not "ek sath aa kar charcha ki thi". So how it became factual fault? Listen carefully. In our culture we Say that " this religious / social topic has been discussed. That's why "charcha" word has been used for discussion. This doesn't mean that these 3 personality came along and discussed.
Be familiar with the regional culture how few words are used locally.
Thanks
Alok Ranjan
आप फिर से सुनिए। मोदीजी ने एकसाथ चर्चा की थी। एक साथ बैठकर चर्चा का क्या मतलब है?
कबीर सागर - अगम निगम बोध - पृष्ठ 41)
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।।टेक।।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक ह्नै दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
माता-पिता मेरे कछु नहीं, ना मेरे घर दासी।
जुलहा को सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हांसी।।
पांच तत्व का धड़ नहीं मेरा, जानूं ज्ञान अपारा।
सत्य स्वरूपी नाम साहिब का, सो है नाम हमारा।।
अधर दीप (सतलोक) गगन गुफा में, तहां निज वस्तु सारा।
ज्योति स्वरूपी अलख निरंजन (ब्रह्म) भी, धरता ध्यान हमारा।।
हाड चाम लोहू नहीं मोरे, जाने सत्यनाम उपासी।
तारन तरन अभै पद दाता, मैं हूं कबीर अविनासी।।
साहेब कबीर ने कहा कि हे अवधूत गोरखनाथ जी मैं तो अविगत स्थान (जिसकी गति/भेद कोई नहीं जानता उस सतलोक) से आया हूँ। मैं तो स्वयं शक्ति से बालक रूप बना कर काशी (बनारस) मंे एक लहर तारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुआ हूँ। वहाँ पर नीरू-नीमा नामक जुलाहा दम्पति को मिला जो मुझे अपने घर ले आया। मेरे कोई मात-पिता नहीं हैं। न ही कोई घर दासी (पत्नी) है और जो उस परमात्मा का वास्तविक नाम है, वही कबीर नाम मेरा है। आपका ज्योति स्वरूप जिसे आप अलख निरंजन (निराकार भगवान) कहते हो वह ब्रह्म भी मेरा ही जाप करता है। मैं सतनाम का जाप करने वाले साधक को प्राप्त होता हूँ अर्थात् वहीं मेरे विषय में सही जानता है। हाड-चाम तथा लहु रक्त से बना मेरा शरीर नहीं है। कबीर साहेब सतनाम की महिमा बताते हुए कहते हैं कि मेरे मूल स्थान (सतलोक) में सतनाम के आधार से जाया जाता है। अन्य साधकों को संकेत करते हुए प्रभु कबीर (कविर्देव) जी कह रहे हैं कि मैं उसी का जाप करता रहता हूँ। इसी मन्त्रा (सतनाम) से सतलोक जाने योग्य होकर फिर सारनाम प्राप्ति करके जन्म-मरण से पूर्ण छुटकारा मिलता है। यह तारन तरन पद (पूजा विधि) मैंने (कबीर साहेब अविनाशी भगवान ने) आपको बताई है। इसे कोई नहीं जानता। गोरख नाथ जी को बताया कि हे पुण्य आत्मा! आप काल क्षर पुरुष (ज्योति निरंजन) के जाल में ही हो। न जाने कितनी बार आपके जन्म हो चुके हैं। कभी चैरासी लाख जूनियों में कष्ट पाया। आपकी चारांे युगों की भक्ति को काल अब (कलियुग में) नष्ट कर देता यदि आप मेरी शरण मंे नहीं आते।
यह काल इक्कीस ब्रह्मण्डों का मालिक है। इसको शाप लगा है कि एक लाख मानव शरीर धारी (देव व ऋषि भी) जीव प्रतिदिन खायेगा तथा सवा लाख मानव शरीरधारी प्राणियों को नित्य उत्पन्न करेगा। इस प्रकार प्रतिदिन पच्चीस हजार बढ़ रहे हैं। उनको ठिकाने लगाए रखने के लिए तथा कर्म भुगताने के लिए अपना कानून बना कर चैरासी लाख योनियाँ बना रखी हैं। इन्हीं 25 हजार अधिक उत्पन्न जीवों के अन्य प्राणियों के शरीर में प्रवेश करता है। जैसे खून में जीवाणु, वायु में जीवाणु आदि-2। इसकी पत्नी आदि माया (प्रकृति देवी) है। इसी से काल (ब्रह्म/अलख निरंजन) ने (पत्नी-पति के संयोग से) तीन पुत्रा ब्रह्मा-विष्णु-शिव उत्पन्न किए। इन तीनों को अपने सहयोगी बना कर ब्रह्मा को शरीर बनाने का, विष्णु को पालन-पोषण का और शिव को संहार करने का कार्य दे रखा है। इनसे प्रथम तप करवाता है फिर सिद्धियाँ भर देता है जिसके आधार पर इनसे अपना उल्लु सीधा करता है और अंत में इन्हें (जब ये शक्ति रहित हो जाते हैं) भी मार कर तप्त शिला पर भून कर खाता है तथा अन्य पुत्रा पूर्व ही उत्पन्न करके अचेत रखता है उनको सचेत करके अपना उत्पति, स्थिति तथा संहार का कार्य करता है। ऐसे अपने काल लोक को चला रहा है। इन सब से ऊपर पूर्ण परमात्मा है। उसका ही अवतार मुझ (कबीर परमेश्वर) को जान
Good news like a responsible channel.
Isko galti nahi jhoot kahate hai Bhai.
कबीर दास का जन्म-1398 ई
कबीर दास -की मौत 1494 ई
गुरुनानक- जन्म 1469 ई
गुरुनानक - मौत 1539 ई
गोरखनाथ-11वी शताब्दी
तीनो लोग कैसे एक साथ आध्यात्मिक चर्चा किये ????(मगहर)
बेटा लल्लू ये झूठ नही ये सिर्फ गलती है
और गलती किसी से भी हो सकती है।
CREATIVE PRASHANT abe 2017 main sirf 29 baar manch se bola jhoot. Plz check ittt
Bloody troll shutup
Jhuth nahi Galti bolna chaiye. Waise title to TRP k liye dale ho.
सामने देख कर बोलते हो फिर भी अटकते हो अपनी गलती देखो ।दुनिया देखन मैं चला मुझसे बुरा न मिल्या कोई ।कबीर जी ने कहा था
Wahi to, sach bolne me koi atak jaye to bura dikh raha tujhe aur Jhoot koi bina atke bole to koi problem nahi hai.
Chutiya chaatukaar ho tum, Kabir ne nahi, maine kaha hai.
Santosh Kumar kyu bhai to eye bat modiji keh dena. Who to ask kar bhasam hi congress walo ki burai karne se ant khud ki wahwahi se karate he.
Lallantop ko paid criticism ke liye dhanyawaad and Sadhuwaad.
जिस आदमी को ३ का पहाड़ा ना आता हो वो देश का PM हो इस से बड़ा दुर्भाग्य इस देश का क्या होगा फेंकू को चाहे कुछ पता हो या ना हो या झूठ बोले सब बराबर है ये आदमी अपनी विश्वसनीयता खो चुका है ये चौकिदार बन ने के क़ाबिल भी नहि PM तो बहुत बड़ी बात है
Amin Aziz rahul gandhi ko 124356 ka pahada aata hai
Amin Aziz तुम्हारे धर्म के अनुसार इस दुनिया में एक भी पत्ता बगैर ऊपर वाले की मर्जी से नहीं हिलता है तो सोचो भाई कि मोदी को प्रधानमंत्री किसने बनाया
Amin Aziz mohamad sahab ko bhi nhi aata tha 3 ka pahada,, sala wo to fucker tha, he fucked 9 years old ayesha,,, fir bhi tum log uski gand chat te ho means use follow karte ho
Modi bhi allah ki marzi se hi to pm bna hoga na katuy
Iski degree bhi to mil nahi Rahi bhai bechara school Gaya hota to history bhi padh aata
और ये कोई पहली बार नही है जब लल्लनटॉप ने मोदी के ख़िलाफ़ बोला है
Yah duniya ka Sabse takatwar Insan he jiska nam Narendra Modi he agar galti Nikal te ho to Nanak mattha utrakhan me he wo Gorakhnath tekra kahete the guru Gorakh ji guru Nanak se mile the aur wo guru Granth Sahib me darj he pata na ho to bakwas mat karna bhai
Dipu Bajaj bhai guru granth sahib to hamne bhi suni he. And to khu nhi para chal bhai
Nanak Dev ka ithihas puchna kisi Sikh Ko aur Nanak mattha nam ke pahele usjaga ka kya nam tha aur Nanak mattha nam kyu pada pata chalega mere bhai
Aap ne Guru Granth Sahib padha he samja nahi Varna Bina Jane yah bat nahi karte mere bhai
Google me search karna jankari miljyegi
Na mile to Mai link bhejuga
ये अभी 3 साल बाद भी चल रहा है। Is baat ko jyada nahi khiche......modi ne kaha "aisa kehte hain.............". ऐसा ऐतिहासिक रूप से गलत है, पर ये स्थानीय मान्यता है।
The lallantop tu bika hua hai
pramod patel baaki channel pura BJP kahina
Srinu Kurma chup be
Pramod Patel Han isko ye nhi pata hai Chandragupta Gupta vansh ka bhi do raja tha
प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में बोला है की "ऐसा कहते हैं की संत कबीर,गुरुनानक साहब और गोरखनाथ जी ने यहाँ साथ बैठ कर अध्यात्मिक चर्चा की थी.."पर उन्होंने ये कहीं नहीं कहा की यह सच है..यह केवल किस्सा भी हो सकता है..हो सकता है की यह तथ्य गलत हो..पर इससे कोई झूठा सिद्ध नही हो सकता..और आप का यह ज्ञान उस वक्त कहाँ गया था जब राहुल गाँधी जी शिकंजी बेंच रहे थे।। झूठ उसको कहते हैं भाईसाहब।। आप पत्रकार हैं पत्रकारिता करें न कि जनता को गुमराह करें।। और हाँ आगे से अपने फायदे के लिए देश के ऐसे व्यक्ति जोकि पूर्णतयाः निश्वार्थी है उस पर लाल्छन न लागयें।।🇮🇳🙏
"Modi जिससे हिंदी तो तो ढंग से बोली नहीं जाती, अब भोजपुरी भाषा का भी सत्यानास करने वाला हे"।
बिल्कुल सही कहे आप🙏🙏
All salute to your hardwork
You are anchoring but you don't have proper knowledge Chandra Gupta 1 and Chandra Gupta 2 related to Gupta Vansh While Chandra Gupta Maurya related to Maurya Vansh..
He is saying true..
You people only know how to criticize.
अच्छा लगता
कि आप अपने इस वीडियो के अंत में यह भी बताते,
कि आप, व्यक्तिगत आप
किसको सच्चा,
झूठ न बोलने वाले व्यक्ति को श्री नरेंद्र मोदी की जगह
प्रधानमंत्री के रूप में देखना पसंद करते हैं।
That was maithali not bhojpuri.
jay Kumar dhyan se sun bhai , nik word ke chhod ke sara bhojpuri hai , nahi aati hai to bolna nahi chahiye.
It's maghai
मोदी जी ने आज पोटी साफ करके पानी से हाथ नही धोए बल्कि दल्लन टोप के एंकर ने चाटे थे।
मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि....
और ये ढोंढू इसमें इस बात मोदी का अपना स्टेटमेंट बता रहा है।
यार डूब मरो कहीं जाकर। कहने को तो यह भी माना जाता है मोहम्मद साहब १.५ लाख किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से गधी पर बैठकर अल्लाह ताला से मिलकर आया।
तो तू नही बोलेगा।
लेकिन मोदी ने साफ बोला कि ऐसा माना जाता है, अर्थात् मान्यता है, मतलब वो जनसामान्य मे मान्य है इसलिए लोगो मे जनसामान्य की ही बात कही जाएगी और ये गुटखा छाप बोल रहा है कि इसको मोदीका झूठ कहा जाएगा?
साथ ही अपनी भडास भी निकाल ली हर बार की तरह कि जनता जिसको वोट देना है।
टटपूंजिए साहब! आप लोग क्यों यार सौरभ भाई का नाम डुबो रहे हो।
सौरभ भाई का मस्त लल्लन टोप तुमलोगो ने दल्लन टोप बना दिया झूठ बोल बोल के।
शरम करो शरम।
Nitisha Mehta bhai tu sun le pahle , bhojpuri hai wo bas "nikk" ek word mathili ka hai , baki bhojpuri hai pura. Bhojpuri tum nahi jante ho mtlb koi bhi language nahi bol sakte ho isko. Kabhi mathili kabhi maghi , kuch der baad bengali bhi bol dena.
Maghi
Bahot achhi jankari di vishal ji,.. thanks
2019 me कौन चुनाव जीते गा समझ नहीं आ रहा है। वोट किसको दे। और किस चीज के लिए दे । अपने अपने विचार रखे।
फेमस होने के लिए लोग कुछ भी करने लगते हैं। बस अपनी माँ बहन को तो छोड़ देना, एक छोटी सी विनती।
Kbi Rahul Soniya Mamta Lalu Akhilesh Ke b Juth dikha do chacha ya ye sb sirf Satya he bolte h??
Deep bhai bjp it cell. Tum kabhi modi Ji ki burai kar ke dekhawo useke bad dusro se ummid rkho.
उनका कहने का अर्थ होगा जनाब कि इस स्थान पर कभी गोरखनाथ आए हो
Pappu PR bhi ek video bana bhai
vidio banane vale ,Pahle to kabir das ji ka itihas padho , modiji ne kabir saheb ko sufi sant kaha hai lekin kabir saheb Sufi nahi the , guru nanakdev ji samkalin the ,lekin kabir saheb ke grandh kabir sagar me guru gorkh nath ki gyan goshti hai , guru gorkh nath ji ka alag alag time hai ,lokdevta veer gogaji jo 1000 isvi me huye the unka time me bhi bataya sath hi ujjen (mp) ke raja vikramadity ke samkalin bhi bataya hai jinhone vikram savat ki shayad shuruaat ki thi ,,isliye kabir saheb or santo ko samjna manushy ke bash ki bat nahi hai !!
Faku no 01 ,, are bhai koi isko Bhaskar award de do no 1 hone ke liye.
nasir arafat Modi bhi allah ki marzi se hi to pm bna hoga na katuy
the dark knight mullah bhag saale
कई गलतियां अनजाने में हो जाती है जिसका हमारा कोई उद्देश्य नहीं होता है लेकिन पीएम मोदी के मामले में देखा गया है कि वह जानबूझकर कहीं गलती करते हैं राजनीतिक फायदा लेने के लिए
Sab anti BJP video daalta h ye channel
Mohit Sachdeva Ha bakta dhuniyaa ka Sara gyan to tum logo ke hi pass he. Bali sab to dalle he.
thnx tu give us right knowledg
Aaj fir fek diya
Tum ko sirf modi ki galtiya dekhta hai. Papu aur dusre netao ka nahin. Jitna bhi Jor lagalo modi ko badnam karne me. Ye public ko sab pata hai
Par bjp ki illava koi option nhi h. Khud hi btao kise vote de... Bjp kam kam karti h par kar deti h.
Independent candidate, or you can vote for AAP
Jo log kehte hai Modi ji alawa koi option nhi hai iss liye Modi ji Ko vote de rhe hai . Unhe eek bar congressio ka hal dekhna chahiye. Unka question bhi Rahul khan hai or answer bhi Rahul khan hai. Multiple options to dur ki bat hai . Jabardasti jhelna padta hai unko ek bewkuf ki harqat Ko . Wo log uski image sudharne ka full try krte hai par wo ek bar muh khol k sab guh gobbar KR deta hai .
Pappu hai Wo pappu
A K Gaming club मोदी जी ने आज पोटी साफ करके पानी से हाथ नही धोए बल्कि दल्लन टोप के एंकर ने चाटे थे।
मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि....
और ये ढोंढू इसमें इस बात मोदी का अपना स्टेटमेंट बता रहा है।
यार डूब मरो कहीं जाकर। कहने को तो यह भी माना जाता है मोहम्मद साहब १.५ लाख किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से गधी पर बैठकर अल्लाह ताला से मिलकर आया।
तो तू नही बोलेगा।
लेकिन मोदी ने साफ बोला कि ऐसा माना जाता है, अर्थात् मान्यता है, मतलब वो जनसामान्य मे मान्य है इसलिए लोगो मे जनसामान्य की ही बात कही जाएगी और ये गुटखा छाप बोल रहा है कि इसको मोदीका झूठ कहा जाएगा?
साथ ही अपनी भडास भी निकाल ली हर बार की तरह कि जनता जिसको वोट देना है।
टटपूंजिए साहब! आप लोग क्यों यार सौरभ भाई का नाम डुबो रहे हो।
सौरभ भाई का मस्त लल्लन टोप तुमलोगो ने दल्लन टोप बना दिया झूठ बोल बोल के।
शरम करो शरम।
सत्य सनातन Satya Sanatan bilkul Shi kehra rha hai bhai ye diwedi bhai ka Naam khrab KR RHA hai .
Manish Suhag ek bari galti kardi baar baar nhi krunga aap ko bilkul vote nhi dunga.
ये बिलकुल सच बात है संत गरीबदास द्वारा लिखी कबीर सागर में है ये बात ।जिस की यक़ीन नहीँ हो पड़ लो
Feku bola gaaega
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय।
जो तन झांका अपना ,मोह से बुरा न कोय ।।
Vishal kya aap congress ke dalal ho?
Sukria dost sahi jankari k liye.
Vishal bhai 🙂 awesome topic
कबीर कहते हैं कि वाणी एक अमूल्य रत्न के समान है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर अर्थात सोच समझ कर ही उसे मुंह से बाहर आने देना चाहिए. LALAN YA BAAT TUM PA LAGO HOTE HA
Mr. pm modi ki jaaay ho
Tum desh drohi ho
Hahahaha I want that comments for you lallantop
But honestly I love you 🤟 guys keep it up .
HARSHIL GOSWAMI tu mujhe confused lagta hai
अभी तुम बच्चे हो बेटा गोरखनाथ जी और कबीर दास जी की मुलाकात हुई है जिसमें गोरखनाथ जी को कबीर दास जी ने काफी हद तक प्रभावित किया हार जीत का फैसला आपस में नहीं हो पाया पहले की बातों का मोदी जी के बारे में हमें नहीं पता लेकिन अभी यह बात उन्होंने बिल्कुल सही बताई है
We support Modi
Jai hind
भाई निखिल आप बोलते बहुत अच्छे हैं हम नहीं जानते हैं कि गोरखनाथ कबीर दास और गुरु नानक एक ही समय के थे या नहीं थे लेकिन जो आपने चंद्रगुप्त के बारे में कहा है कि चंद्रगुप्त ,मौर्य वंश से संबंधित थे बिल्कुल सही कहा लेकिन वह चंद्रगुप्त नहीं चंद्रगुप्त मौर्य थे चंद्रगुप्त प्रथम और चंद्रगुप्त द्वितीय गुप्त वंश से संबंधित है शायद आप की हिस्ट्री इतनी अच्छी नहीं है जितनी कि मोदी प्रधानमंत्री की चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में ही चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था जोकि गुप्त वंश से संबंधित थे
कभी आलू से सोना या आसमान पे ज़मीन के ऊपर भी वीडियो बना
Topsingh Lilhare bna hai bhai.. Kabhi fursat mile toh aaloo wale video ki puri sachhai RUclips par search kr lena
Kabir parmeshwar hai use sadhana ki kya jarurat hai kabeer kabhi sadhana nahin karta wo haryug charon yug me aata hai.
मक्खी तमाम अच्छी चीजो को छोड़कर एक बुरी और गंदी जगह तलाश करती है उसी तरह आप मोदीे जी के अच्छी उपल्बधीयो को छिपाकर बुरा शाबीत करना चाहते हो।।।धन्य है आप।। और हां कभी समय मीले तो मोदीे जी के अच्छाईयो को पर भी video बनाओ
Actor hai modi ji is liye full confidence ke sath झूठ bol dete hai our modi भक्त real main modi ji ke fan nahi hote hain ye भक्त acting ke fan hote hai 😂😂
Congress se kitna paisa Mila hai ....hamesha modi ji ki galti nikalte ho...nehru ke papo ke upar kapda dalte ho....Pappu ki pappugiri pe bhi to video banao
Bhumesh Inkane gandu isko paysa lena hota to bjp ka dalali karta sarkar bjp ki ha is se jeyada kon dega
ISRAFIL ISRAFIL ...chutiye paiso ko kami to congress ke pas bhi nahi hai... 70 salo se luta hua hai ...
Abe pdhe likhe gadhe ye bikhari media hai jise Congress jaisi party aaram se kharid sakti hai. Aur ye anchor sbse bda Wala gadha hai.
Yeh sach bol rha ha fer ve koi bjp wala man nhi rha modi ji ek PM ka desh ko unko yeh sab karna accha nhi lagda agar modi aur congress same ha fer modi ko kyu choice kare
दुनिया का वह कोना जहाँ नीच आदमी ने झूठ न बोला हो ढूंढने वाले को 15 लाख रुपयों का इनाम दिया जायेगा
सिख इतिहास मे उलेखित है गुरु नानक देव और गोरखनाथ का मिलन हुआ था ।गुरु जी ने गोरखनाथ जी को मायावी शक्तिया छोड़ने को कहा था।
PM ne sirf yeh bola ki aisa kehte hai ki tin mahapurush ek sath alochana ki thi.... He categoraly said 'aisa kehte hai ki'..which may or may not be true
bhaiya ek chandragupt gupt vansh me bhi tha dekhna google krke
गलतियाँ तो सबसे हो जाती हैं इतनी जनता के बीच मंच पर भाषण देने पर ध्यान बट जाता होगा
Nice analysis , behterin. Keep it up
Well done llallon top aap achcha kaam kar rahe hain....keep doing the good work
*Factual mistake is not such a big mistake, may be his history is not good but he is a real patriot*
अनपढ़ जाहिल
If some one does not know about folk tales about nanak and kabir being contemporary and the possibility of gorakhnath, nanak and kabir born around the same time should go and serve their western masters. its a well known fact that nanak travelled across indian subcontinent.
Wahan par kabir das ji sadhna nahi karte the.. sadhna banaras me karte the..maghar me unki mrityu huvi thi.. antim samay me wahan pahunche the..isliye wahan unki samadhi banayi gayi... 500 meter ki duri par Maghar station hai Jise adha mandir aur adha masjid ke roop me banaya gaya hai. Station par har jagah unke dohe likhe huve hain .. bahut hi sundar station hai...
पढ़ हर कोई लेता है, किन्तु ज्ञान विरले, और सतत प्रयास से मिलता है।
और हमारे प्रधानमंत्री जी के ज्ञान, विज्ञान के बारे मे ज्यादा बात करने की ज़रूरत ही नहीं है।
बाकी आप सब सुधीजनों ज्ञानी हो.......
मोदी जी को हर महापुरुष पर राजनीतिक करना बहुत अच्छी तरीके से आता है उसके नाम पर वोट मांगते हैं मोदी जी वाह मोदी जी
झूठ बोलते हो या सच इससे क्या फर्क
पड़ता है जनता को तो काम चाहिए
इतिहास की गलती से नहीं
if congress is ready to drop rahul gandhi as cm candidate my vote is for congress..
Lallantop chahe kitna bhi Antimodi ho jao... we will vote for Modi....
साहेब बन्दगी 🙏🙏🙏
vishal ji simple look ..
he is not well versed in history. but uses it most
ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਦੀਆਂ ਕੁਰੀਤੀਆਂ ਨੂੰ ਜਗ ਜਾਹਰ ਕੀਤਾ ਸੀ
कह रहे हो सूफी संत करें वह विश्व का पूर्ण परमात्मा है वह पूरे विश्व का समाज सुधारक हैं इसका प्रमाण संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं कि सदगुरु कबीर ही पूर्ण परमेश्वर है वेद भी यही प्रमाण देते हैं और गीता भी यही प्रमाण देती है कि पूर्ण परमात्मा कबीर है
पर विकिपीडिया भी मोदी जी का सपोर्ट कर रहा है उसमें भी लिखा है कुछ दंतकथाएं भी इसे सही बतलाती है।
PM is live example of what happens when you don't study.... He's 65 year old Pappu
Continue Good work of bringing out truth from lots and lots of fake that is floating around.
संबत 1455 एवं सन 1398 से संबत 1575 एवं सन 1518 तक ही सतपुरुष सदगुरु कबीर साहब नही है बल्कि इससे पहले भी आये है और . मगहर तजि बासा किया परकाशा जहाँ धर्मदासा व्रत धारी । तिनको शिष्य कीन्हा सरबस दीन्हा दुख हरि लीन्हा यम भारी ।। सत पंथ चलाये भ्रम मिटाये इष्ट द्रढाये संसारी । और सदगुरु कबीर साहब जी ने स्वामी रामानंद जी से कहा था कि मै आपके दास बनने आया हू एवं मै आपके दास रहूंगा मगर अज्ञान के कारण आज भी मानव सदगुरु कबीर साहब जी को दास कहते है हमारे प्रेमीजनो दास तो उसको कहते जो अपना सेवक एवं शिष्य हो तो क्या सदगुरु कबीर साहब जी आपके सेवक है या शिष्य है भाई बहनो थोड़ा बिचार करके भी बोल लिया करो . सप्रेम साहब बंदिगी साहब जी ।
Chalo agree for the mistake.. But Rahul Gandhi ki Sikanji pr bhi video bna do bhai... Waiting from long time..
(1) कबीर नानक आदि के साथ गोरखनाथ का संवाद हुआ था, इस पर दंतकथाएँ भी हैं और पुस्तकें भी लिखी गई हैं। यदि इनसे गोरखनाथ का काल-निर्णय किया जाए, जैसा कि बहुत-से पंडितों ने भी किया है, तो चौदहवीं शताब्दी के ईषत् पूर्व या मध्य में होगा।
(2) गूगा की कहानी, पश्चिमी नाथों की अनुश्रुतियाँ, बँगाल की शैव-परंपरा और धर्मपूजा का संपद्राय, दक्षिण के पुरातत्त्व के प्रमाण, ज्ञानेश्वर की परंपरा आदि को प्रमाण माना जाए तो यह काल 1200 ई० के उधर ही जाता है। तेरहवीं शताब्दी में गोरखपुर का मठ ढहा दिया गया था, इसका ऐतिहासिक सबूत है, इसलिए निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि गोरखनाथ 1200 ई० के पहले हुए थे। इस काल के कम से कम सौ वर्ष पहले तो यह काल होना ही चाहिए।
(3) नेपाल के शैव-बौद्ध परंपरा के नरेंद्रदेव, के बाप्पाराव, उत्तर-पश्चिम के रसालू और होदो, नेपाल के पूर्व में शंकराचार्य से भेंट आदि आधारित काल 8वीं शताब्दी से लेकर नवीं शताब्दी तक के काल का निर्देश करते हैं।
(4) कुछ परंपराएँ इससे भी पूर्ववर्ती तिथि की ओर संकेत करती हैं। ब्रिग्स दूसरी श्रेणी के प्रमाणों पर आधारित काल को उचित काल समझते हैं, पर साथ ही यह स्वीकार करते हैं कि यह अंतिम निर्णय नहीं है। जब तक और कोई प्रमाण नहीं मिल जाता तब तक वे गोरखनाथ के विषय में इतना ही कह सकते हैं कि गोरखनाथ 1100 ई० से पूर्व, संभवतः ग्यारहवीं शाताब्दी के आरंभ में, पूर्वी, बंगाल में प्रादुर्भुत हुए थे। परंतु सब मिलकर वे निश्चित रूप से जोर देकर कुछ नहीं कहते और जो काल बताते हैं, उसे अन्य प्रमाणों से अधिक युक्तिसंगत माना जाए, यह भी नहीं बताते। मैंने नाथ संप्रदाय में दिखाया है कि किस प्रकार गोरखनाथ के अनेक पूर्ववर्ती मत उनके द्वारा प्रवर्तित बारहपंथी संप्रदाय में अंतर्भुक्त हो गए थे।
Aap jise galtia kah rahe h vo pree plan karke hota h.
Kya aapki himmat h ye dikhaane ki ki gov. Job vaale log ab gaanvo se logo ko le ke gaye h 100% truth hai.
Surya
लल्लनटाप का किसी एक व्यक्ती कि विरोघ के कारन स्तर कमजोर हो रहा है.
गजब 😊
Modi Jee is right
कुछ नही कहा जाएगा तमाम नेताओ की ऐसी ही चूक हुई है मगर यह कैमरे को सिर्फ मोदी ही दिखते है ।
मोदीजी ने आज यूपी के मगहर में अपने भाषण के दौरान कहा : गुरुनानक जी, बाबा गोरखनाथ और संत कबीर साथ बैठकर धर्म पर चर्चा किया करते थे
अब मजे देखो
बाबा गोरखनाथ का जन्म 10 वी शताब्दी में
संत कबीर का जन्म 1398 में
गुरुनानक जी का जन्म 1469 में
इसी बात पर दो पंक्तियाँ पेश है :
माना कि अंधेरा घना है
पर बेवकूफ बनाना कहाँ मना है
Lallantap top ke style ko sab check karo...sach samne aayega...
Thanks lallantop
मुझे लगा था कि आसमान पे ज़मीन देने की बात कर दीं या आलू से सोना बना दिया