बहुत बढ़िया भुला राहुल. शेखर दा से बात करना, हमेशा ही रोमांचक होता है. यह सौभाग्य एक बार मुझे भी मिला 2014 नंदा देवी राजजात के दौरान. ‘बारामासा’ के लिए अनंत शुभकामनाएं... 🙏
अपना उत्तराखण्ड का इतिहास, उत्तराखंड के इतिहासकारो , संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान,यहां के धर्म स्थल ,गाढ,गदेरे, जीवन शैली ,यहां का खान पान, बिना तालों के घर, एक घर की चूल्हे की आग, गाँव तक पहुंचने की संस्कृति के विषय में जानकारी वास्तविक रूप से प्राप्त होगी l एक बड़ा लक्ष्य है l युवा भारत में नए उत्तराखंड का जन्म इस युवा टीम के प्रयासों से सम्भव होगा l मेरी शुभकामनाएँ
इंग्लिश का शब्द हुआ कॉम्प्रिहेंशन, विज्ञान में कॉम्प्रिहेंशन हुआ कि आप अगर कुछ कह रहे हो तो आपका दिमाग उसकी तस्वीर गढ़ने लगता है, ये वैसा ही बातचीत है दिमाग में एक एक चित्र उतर गए.
अदभुत क्या कभी मेरे पास भी किसी उम्र में जाकर पहाड़ों और हिमालय से जुड़े इतने किस्से कहानियां होंगें ? ये सोच हमेशा जहन में रहती है, आज ऐसा लगा रास्ता दिखा है 🙏
राहुल भैजी, किन शब्दों में आपका धन्यवाद करूँ । शेखर दा और आप के साथ मैंने भी आत्मिक रूप से यात्रा की, लगा कि ज्ञान के अंधकार से प्रकाश की ओर जा रहा हूँ । मेरे गुरुजी कहते हैं भ्रमण से भ्रम दूर होते हैं , सो ये बात बिल्कुल सत्य है । बस दूसरे भाग की प्रतीक्षा है । आप और शेखर दा ऐसे ही स्वस्थ और ज्ञान का प्रकाश पुंज बिखेरते रहें , यही बाबा केदार से प्रार्थना है । में ऋषिकेश से 🙏🏼🙏🏼 जय देवभूमि उत्तराखंड
Baramas team aap log uk ko nayi disha de rhe hai .. aaj tak jinhe hum books ya kisi aur madhyam se sunte the aap unse rubru kra rhe hai .. umid hai aage aap aur famous hastiya jo uk ki hai unse rubru karayenge jinse hume bhut kuch sikhne ka mauka milega.. thanks baramas team❤️🙏
भारत माता की हमारी मां है जो कि हम सभी भारतीयों को जोड़ें हुए हैं यह बूबू को कह दो आप सभी माता में भारत माता को देख सकते हो बाकी ये ठहरे दिल्ली दूर बीजिंग नजदीक वाले।।। बाराहमास बहुत अच्छा काम कर रहा है।।
Excellent interview. Listening to Prof Pathak is always a treat. Each word he speaks carries immense wisdom. He represents soul of Uttarakhand. He is repository of our contemporary history. Looking forward for more conversations like this with him. Baramasa is a great initiative in intellectual void of current Uttarakhand.
kitana acha lagta hai jab app, apne logo ko , apane samaj ko or apni sanskriti ko itane karib se jante ho we are salute to shekhar pathak ji or @baramasa youtube channel ko
बहुत ही उम्दा कड़ी, बारामासा की team को हार्दिक धन्यवाद कि वह ऐसी चीज़ों को मेरे जैसे शहरी पहाड़ियों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। ये बहुत ही प्रेरणा दायक है और ऊर्जा का संचार करता है कुछ करने को as a पहाड़ी। Special shout out to the cameraman for keeping up with the guys on an uphill trek going backwards 🤣 धन्यखाल, जय पहाड़।
बहुत शानदार,जानदार मज ऐगो पद्म श्री शेखर पाठक सर को सुन के एक और नया अनुभव 'बारामासा' दगड़ीयो भल काम करना छा तुम लोग शाबाश 👏👏👍👍 वैसे इनका पुत्र सौमित्र मेरे भाई का बाल्यावस्था से ही स्कूल सखा रहा है बचपन से मेरी भी बातचीत होती थी उससे तब अक्सर श्री शेखर सर के बारे में सुनते रहते थे अपनों से बड़े लोगों से घर के सदस्यों से वो बुद्धिजीवी व्यक्तित्व के हैं उनका लिखा हुआ पढ़ते हुए भी आये हैं अफसोस शायद ये मेरा दुर्भाग्य ही होगा एक ही नगर में रहने के बावज़ूद एक ही तरह की घुमक्कड़ प्रवत्ती, रुचि होते हुए भले ही विचारधारा अलग हो पर डगर एक ही है। उनसे पहले कभी ढंग से मुलाकात नहीं हो पायी श्री पाठक जी उनसे कितना कुछ ज्ञान मिल जाता आजतक क्या पता उनके साथ उस समय के दौर से ही घूमने को मिल जाता उन हिमालय की यात्राओं का हम भी साक्ष भागीदार होते। माफ़ी चाहता हूँ कुछ लंबा साझा करना चाहूँगा अपना अनुभव श्री शेखर पाठक सर के साथ पिछले ही हफ्ते के कुछ लम्हे 👇
एक अलग ही आनंद है पद्म श्री शेखर पाठक जी को सुनने का ज्ञान का अपार भंडार भरा है 'चक्षु' खुल जाते हैं बल 🙂😇अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ भाग्यशाली रहा फ़िर से मिल गए वैसे तो काफी बार मिले किसी सेमिनार या फंक्शनल में ही सुना हमेशा इर्द गिर्द लोगों से घिरे ही मिले इस लिये कभी ढ़ंग से बात नहीं हो पायी उनसे। फिर वो समय भी आया २०१४ की मेरी दूसरी नन्दा देवी राज जात यात्रा 'वांण गाँव' में अकस्मात मिल गए तब भी वो घिरे थे उनके और पांडे जी के हाथों डेगची में बनी मैगी भी खाने को मिल गई😀अपनी तो तब यात्रा लंबी थी २८० किलोमीटर पैदल चलना था मुझे नौटी गाँव से शुरूआत कर दी थी एक सरकारी डाक्यूमेंट्री जो शूट करनी थी दो चर्चित फ़िल्म मेकरस को असिस्ट कर रहा था।मैंने वो स्वादिष्ठ मैगी खाई और इन सब आदर्श लोगों से आज्ञा लेकर आघे को बड़ चला। फिर भाग्यवश इतने सालों बाद ट्रेन में एक बार फिर से भेंट हो गई लगभग बस एक हफ्ता ही हुआ होगा😀अपन देहरादून जो जा रहे थे हल्द्वानी स्टेशन में भेंट हो गई अपने लिये प्रथम श्रेणी का टिकट बुक करा रखा था भाग्यशाली रहे हम एक साथ ही एक ही डिब्बे 'कोच' में थे ठीक पल्ली तरफ प्रसिद्ध छायाकार, पर्यावरणीय हमारे आदर्श पद्म श्री अनूप साह जी और वन विभाग से सेवानिवृत्त मशरूम और वनस्पति के ज्ञानी श्री विनोद पांडे जी थे दोनों कुछ देर हमारे साथ बैठने के बाद 'फॉरेस्ट फायर' प्रेजेंटशन में व्यस्त हो गये असल में दूसरे दिन हम सब को एक साथ 'फॉरेस्ट फायर वर्क शाप' सेमिनार अटेंड करने जा रहे थे।अपना भी किस्मत का ताला खुल गया था शायद इन बड़े बड़े ज्ञानी,महानुभावों के साथ अपने को भी निमंत्रण मिल गया था। 'लौह पथ गामिनी' का सफर चालू हुआ और फिर एक और हमारे प्रिय पुराने मित्र जिनके साथ सन ९०के दशक से बीच बीच में हिमालय में घूमते हुए आयें हैँ ये भी हमारे आदर्श रहे रजवाड़े खानदान से सम्बंध रखने वाले अपने ज़माने के अच्छे खिलाड़ी,पर्वतारोही, पर्यावरणी प्रेमी 'राणा दाईं' मिल गये इन्होंने अबतक ढाई लाख पेड़ लगा दिये हैं और अभी भी इनका कार्य प्रगति पर है गाँव के नौजवानों को साथ लेकर हर फॉरेस्ट फायर सीजन में कई बार अपनी टीम के साथ अपनी ही तरह कई जलते हुए जंगलो जानवरों को वन अग्नि से बचाया है। अब हम तीनों ही कोच में थे और फिर रात ८:३० बजे से जो हम तीनों का गुफ़्तगू का सिलसिला जो चालू हुआ बिकट हो गया बल 'ट्रेन' की रफ्तार से भी अधिक श्री शेखर पाठक जी की बातें थी उनका ज्ञान का पिटारा धीरे धीरे-धीरे खुलने लगा बीच बीच में हमारे नेपाल कुमाऊँ के राजकुमार 'दाईं' कूद पड़ने वाले ठहरे जंगल पर्यावरण की बातों से शुरुआत हुई जंगल की क्राउन फायर की तरह हमारी लंबी वार्तालाप शुरु हो गई😄हम ट्रेन में बैठे बैठे कई बार कैलाश मानसरोवर यात्रा करते हुए उत्तराखंड से नेपाल,सिक्किम, हिमाचल और अंत में 'तिब्बत' तो कई बार पहुंच गये थे🤣ऐसा लगा वही घूम रहे है बस अगली सुबह तिब्बत पहुच जाएंगे फिर ञान और फसक का सिलसिला यू ही चलता रहा कब रात के १२ बज गये पता ही नहीं चला मुझे लगा शायद पहली बार ऐसा हुआ होगा की एक महान इतिहासकार श्री शेखर पाठक जी और हमारे गौर शंकर दाईं शांति से हम जैसे घुमक्कड़ की व्यथा,कथा शांति से सुन रहे थे बल😀🤭हमने भी उन्हें केदारनाथ से गौमुख-तपोवन की अपनी सुखद पैदल यात्रा, लंबी लंबी दौड़ से लेकर सिक्किम लाछैन,थांगु वैली -->रानी पार्वत का सफल अभियान शूरवीर 'हिमविरो' संग ये सब अपना छोटा सा २०-२5 साल का उच्च हिमालय में विचरण करने का अनुभव सांझा कर दियाऔर फिर सिक्किम सुन्दरी पुष्प के दर्शन भी करा डाले 😄 इसके बाद एक बार फिर शेखर सर हमें तिब्बत भ्रमण ले गये उन नदियों के उदग़म से लेकर कहाँ कहाँ किन किन देशों में उनका बहना वो सभ्यताएं सब का और ज्ञान मिल गया😊उस समय बिल्कुल भी समय का आभास नहीं हुआ हुआ इससे पहले हमारी ट्रेन तिब्बत पहुंच जाती 😀हमनें आदरणीय प्रिय शेखर पाठक सर को अपना अमूल्य समय देने के लिये धन्यावाद बोला बहुत कुछ जानने को मिला उनसे और अनुमति ली फिर अपने कक्ष 'कोच' में जाने से पहले ये भी बात करने लग गये की ठीक बगल के कक्ष में श्री साहजी और पांडे जी भी हैं हम तो बिलकुल ही भूल गये हमारी जोर जोर के ठहाकों और वार्तालाप से सो नहीं पाये होंगे कल सुबह हम सबकी सालिड क्लास लगने वाली है बल😀गौर दाईं और मैंने देरी नहीं करी बगल के कक्ष में लेटा मारने की लेटे लेटे भी शेखर सर की बातें घूम रही थी।
अगली सुबह लगभग ४:20 बजे पर हमारी ' रेल यामन' दून स्टेशन पहुंच गई। हम सब ट्रेन से उतर सर लोगों को स्माइल प्रणाम सुप्रभात करते हुए एक साथ एक ही होटल पहुंच गये थोड़ा विश्राम नाश्ता पानी के बाद सुबह ९:30 से शाम के ५:30 बजे तक हमारी फॉरेस्ट फायर पर राउन्ड टेबल टाइप 'फॉरेस्ट फायर वर्क' शाप चली एक से एक देश प्रदेश के ज्ञानी पर्यावरणीय ज्ञाता,अफ़सरान वैज्ञानिक महानुभव थे फिर जब पद्य श्री शेखर पाठक जी की बारी आयी उन्होंने अपनी बातों से ऐसा समा बांध दिया समय सीमा को पार करते हुए सब सुनते ही चले गये मन्त्रमुग्ध हो गए पिछली रात की बातें याद आ गई इस बार हम उन सब के साथ एक बार फिर से 'तिब्बत' पहुंच गये😀 इस बार मैंने उनका ४५मिनट का दिया ज्ञान रिकार्ड कर लिया। शाम को डिनर पार्टी में पिछली रात की बात आ गई 😄 श्री साह जी हंस के बोले क्या कर रहे थे तुम लोग कल इतनी रात बड़े ठहाके आ रहे थे 🤭पहले थोड़ा झेपे और फिर बोले हम असल में तिब्बत भ्रमण पर निकल गये थे सर के साथ 😀 अंत में यही कहूंगा श्री शेखर पाठक जी को जितना सुनो उतना कम है समय कब निकल गया पता ही नहीं चलता एक ही नगर में रहते हुये उनसे ज्यादा भेंट ना कर पाने का अफसोस रहेगा देर आये दुरुस्त आये पर अब नहीं होगा ये थी लंबी गाथा 😀जो भी पढ़ रहा है वो भी अपना अब समय व्यर्थ ना करे उनका लिखा हुआ पढ़िए उनको सुनिए हो सके तो उनसे जरूर मिलिए 🙂🙏
बहुत ही सुंदर वीडियो, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो घुमक्कड़ हैं। उन्हें शेखर पाठक की इस बातचीत से ये सीखने को मिलेगा कि आंख नाक कान खुले रखो... यात्रा करते रहो।
Weldone Baramasa, you have introduced to Shakhar jii in public domain. We had attended some Shivirs in 90th decade through Sarvodaya Gopeshwar. I met him around 2000 in Ukhimath when they were in Askot-aarakot trek last. Thanks.
बारामासा की सम्पूर्ण टीम का हार्दिक आभार की आप लोगों के प्रसारण से बहुत ज्यादा सिखने और अपने उत्तराखण्ड को जानने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। आपके द्वारा संजोए सभी तथ्य व जानकारी ज्ञानवर्धक व दिलचस्प है। Thank's to all team of Baramasa pls keep it up. जय उत्तराखंड
Eagerly waiting for the second part. We are blessed to be born in this generation,as we have first hand experience from our respected elders 🙏 Pranam evam abahar 🙏
मैं अपने को भाग्यशाली मानता हूँ कि वर्ष 2014 में शेखर पाठक सर व उनकी पहाड़ संस्था के साथ अस्कोट-आराकोट पदयात्रा में कुछ दिन बिताने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। Salute to Encyclopedia of Himalayas
बारामासा को सपोर्ट करें:
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❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉
gratitude 🎉
शेखर पाठक नाम ही काफी है जो लोग जानते है😍 the real brand ambassador of Himalayas
Many many thanks to Dr pathakji
❤❤❤
Prof. Shekhar Pathak is the Rahul Sankrityayan and Encyclopedia of Himalaya.
सही कहा सर आपने
इस केवल एक वीडियो में इतनी information है । जो आप पूरे जीवन भर नहीं जान सकते घर बैठे ।
बरमासा का तहें दिल से धन्यवाद
बहुत बढ़िया भुला राहुल. शेखर दा से बात करना, हमेशा ही रोमांचक होता है. यह सौभाग्य एक बार मुझे भी मिला 2014 नंदा देवी राजजात के दौरान. ‘बारामासा’ के लिए अनंत शुभकामनाएं... 🙏
बारामासा को धन्यवाद। आपने प्रोफेसर शेखर पाठक जैसे विद्वान व्यक्ति के संस्मरण और यात्रा वृत्तांत सुनने का मौका दिया। नई पीढ़ी के प्रेरणा स्त्रोत।
उत्तराखंड और उत्तराखंड वासीयो के प्रति स्नेह बड़ता ही जा रहा हैं। 😍🏔👩
गजब की शख़्सियत हैं शेखर दा, उन्हें सुनकर ऐसा लगता है मानो आप उस कहानी को उस किस्से को महसूस कर रहे हों.....🧡
I have met Pathakji at Baan village during Nanda Raaj jaat in 2014.
शेखर दा गजब की मासूमियत है आपमें....
One can listen to Dr.Pathak for all day long. He's the tallest among all the intellectuals of Uttarakhand. Thanks for this amazing interview.
अपना उत्तराखण्ड का इतिहास, उत्तराखंड के इतिहासकारो , संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान,यहां के धर्म स्थल ,गाढ,गदेरे, जीवन शैली ,यहां का खान पान, बिना तालों के घर, एक घर की चूल्हे की आग, गाँव तक पहुंचने की संस्कृति के विषय में जानकारी वास्तविक रूप से प्राप्त होगी l एक बड़ा लक्ष्य है l युवा भारत में नए उत्तराखंड का जन्म इस युवा टीम के प्रयासों से सम्भव होगा l मेरी शुभकामनाएँ
डॉक्टर पाठक अपने आप में एक ज्ञानकोष है। हिमालय को इतने करीब से जाना और समझा है की कल्पना नहीं कर सकते हैं, डॉक्टर पाठक मेरे आदर्श हैं ❤🙏
गिरदा,आप का धन्यवाद ,आप ने परिचित कराया
प्रणाम उत्तराखंड के ही नहीं पूरे भारतवर्ष के ध्रुव तारे को।
इंग्लिश का शब्द हुआ कॉम्प्रिहेंशन, विज्ञान में कॉम्प्रिहेंशन हुआ कि आप अगर कुछ कह रहे हो तो आपका दिमाग उसकी तस्वीर गढ़ने लगता है, ये वैसा ही बातचीत है दिमाग में एक एक चित्र उतर गए.
Shekhar pathak ji ko pranam
दिल से धन्यवाद , पाठक जी की सरलता देख कर मन बहूत प्रफुलित हुआ। इतने रोचक किस्से मजा आगया। 👌👌
अति उत्तम प्रस्तुति , बारामासा को बधाई एवम् धन्यवाद !
धन्य है शेखर पाठक जी 🙏
पाठक जी के साथ यात्रा में जाना ही सौभाग्य की बात
शब्द नही है मेरे पास और शुक्रिया बारोमास की टीम को ऐसे ही काम करते रहे।
गजब के बिभूतियाँ है हमारे उत्तराखंड में बस हम अपने ज़िन्दगी के जद्दोजहद में इन्हें जानना या समझना भूल गये।
ye meri sabse fav documentry hai
अदभुत
क्या कभी मेरे पास भी किसी उम्र में जाकर पहाड़ों और हिमालय से जुड़े इतने किस्से कहानियां होंगें ? ये सोच हमेशा जहन में रहती है, आज ऐसा लगा रास्ता दिखा है 🙏
शेखर दा प्रणाम
राहुल भैजी, किन शब्दों में आपका धन्यवाद करूँ ।
शेखर दा और आप के साथ मैंने भी आत्मिक रूप से यात्रा की, लगा कि ज्ञान के अंधकार से प्रकाश की ओर जा रहा हूँ ।
मेरे गुरुजी कहते हैं भ्रमण से भ्रम दूर होते हैं , सो ये बात बिल्कुल सत्य है ।
बस दूसरे भाग की प्रतीक्षा है ।
आप और शेखर दा ऐसे ही स्वस्थ और ज्ञान का प्रकाश पुंज बिखेरते रहें , यही बाबा केदार से प्रार्थना है ।
में ऋषिकेश से 🙏🏼🙏🏼
जय देवभूमि उत्तराखंड
मैं तो बहुत ही आनंदित हो गई। वाह बहुत ही सुंदर यात्रा और वार्तालाप। 😍😍🙏
The real hero of uttrakhand i am proud of you🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍👏👏👏👏👌👌👌👌👌
ग्रेट prsnlity
very nice jai ho .Aapka Ahobhaya hain sir .Dhany ho gaya mai.
Baramas team aap log uk ko nayi disha de rhe hai .. aaj tak jinhe hum books ya kisi aur madhyam se sunte the aap unse rubru kra rhe hai .. umid hai aage aap aur famous hastiya jo uk ki hai unse rubru karayenge jinse hume bhut kuch sikhne ka mauka milega.. thanks baramas team❤️🙏
Nice Tour ❤
Enjoyed listening to this wise gentleman, Rahul you are really fortunate.
लगा शेखर जी बोलते रहें और बस उन्हें हम सुनते रहें। हम जैसे घुमक्कडों के लिए तो वो एक खान की तरह हैं। हर किस्सा और कहानी अनमोल।
भारत माता की हमारी मां है जो कि हम सभी भारतीयों को जोड़ें हुए हैं यह बूबू को कह दो आप सभी माता में भारत माता को देख सकते हो बाकी ये ठहरे दिल्ली दूर बीजिंग नजदीक वाले।।। बाराहमास बहुत अच्छा काम कर रहा है।।
Salute Shekhar sir❤
नमन 🙏
बहुत ही उम्दा बातचीत. जब आख़िर में लिखा आयाः बाक़ी दूसरे भाग में तो मन के
भीतर से आवाज आईः अरे यार।
जल्दी डालिए।
वाह मजा आ गया 🙏शेखर दा को सुनना ही मानसरोवर में डुबकी लगाने जैसा है ।।
अद्भुत। सादर धन्यवाद बारामासा। धन्यवाद पाठक जी धन्यवाद कोटनाला जी। कुछ यात्रा मेने भी की है जिनमे पिंडारी ग्लेशियर 2013 भी एक है।
Excellent interview. Listening to Prof Pathak is always a treat. Each word he speaks carries immense wisdom. He represents soul of Uttarakhand. He is repository of our contemporary history. Looking forward for more conversations like this with him. Baramasa is a great initiative in intellectual void of current Uttarakhand.
शानदार.. अदभुत ।।।
kitana acha lagta hai jab app, apne logo ko , apane samaj ko or apni sanskriti ko itane karib se jante ho
we are salute to shekhar pathak ji or @baramasa youtube channel ko
Bhuttt aaanand aaya puri vedio dekhkr ,aasa krte h ese kyi episodes or dekhne ko milenge
वाह! अनुभव के आईने में यात्रा वृतांत दिखा। 🍀
मेरे पास शब्द नहीं हैं आप सबकी तारीफ़ करने के लिए,,, ये सब हमारे लिए खजाना है। धन्यवाद बारामासा
रोचक जानकारियां मिलीं शेखर दा से.....
प्रो०साहब इतने सहृदय हैं आप के माध्म से प्रो०साहब को सुनने का मौका मिला बहुत बहुत धन्यवाद🙏🇮🇳
Didn't knew about shekhar Pathak before.... please make a longer video...he seems like full of wisdom..
शेखर पाठक नहान साहित्यकार और प्रतिभाशाली हैं हमारे कॉलेज की लाइफ 1973 se 1977 के दौरान भी वो हमारे आदर्श थे
बारामास आपको बहुत धन्ये वाद
What a man
This is what we call a life well lived❤
शेखर दा को सुनो तो लगता है बस सुनते रहो ।
शानदार अगले एपिसोड का इंतज़ार रहेगा
वीडियो देखते हुए महसूस हुआ कि मैं स्वयं यात्रा में साथ हूँ। शेखर दा तो हैं ही लाज़वाब, बारामासा टीम का भी जवाब नहीं। 👌👌
शेखर पाठक सर जी को सुन कर लगा, इंसान संसार की तुलना में बहुत सूक्ष्म है। एक टक लगा कर सुना तो उनकी यात्रा में सारी जगहें भी घूम आया।
❤️ kya baat hai ..kya baat hai...
Isse bahtr channel koi nhi, ❤❤❤
धन्यवाद चैनल बारामासा 🌼❤🍁
यात्राएँ हमें, हमारे विज़न को बड़ा करती हैं निःसंदेह तथ्य, शास्वत एवं सत्य है।
🙏🏽🙏🏽🙏🏽 धन्यवाद इस सुंदर प्रस्तुति के लिए।❤
Shekherda pranaam. aapki bahut purani prashanshak hu. jab aap Chipko ke supporter the.
बहुत ही सुंदर
Baramasa channel बहुत ही अच्छा कार्य कर रहा है. सराहनीय 👏👏👏👏👏👏
सारी ही videos बहुत ही ज्ञानवर्धक और रूचिकर है.
Uttarakhand ke har ek yuva ko Shekhar Pathak ji ko padna chiyee 👍
अद्भुत
हिमालय दर्शन और जीवन दर्शन
शुक्रिया राहुल भाई शानदार वीडियो के लिए अगले भाग का इंतजार रहेगा।
शेखर दादा को पढ़ना और सुनना दोनों ही कितना सुखद है. राहुल सर बहुत अच्छा है ये एपिसोड. दूसरे का बेसब्री से इंतिज़ार है.
बहुत ज्ञानप्रद बातें देखने सुनने को मिली।
हिमालय के किसी दर्रे में भटक रहा हूं मैं..
जबरदस्त गुरु🙏🙏
308 Like bahut sundar video
अद्भुत, अपने पहाड़ के बारे इतना कुछ और हर बार नया जानने को मिल रहा है।
Dhanyawad... pahado ki khoobasurati k baare main batane k liye.🙌
Bohot jaandaar .. bohot jabardast
Dr पाठक सर ने मुझे भी पढ़ाया है गुरू जी को नमन है बंधन है 🙏🙏🙏
नमन
वाह! राहुल बहुत सुंदर ढंग से बातचीत, दृश्य, प्रस्तुति देखकर मजा आ रहा हैं।अपना NCC trekking याद आ गया।आगे भी ऐसे ही विडियो लेकरआना।
बहुत ही उम्दा कड़ी, बारामासा की team को हार्दिक धन्यवाद कि वह ऐसी चीज़ों को मेरे जैसे शहरी पहाड़ियों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। ये बहुत ही प्रेरणा दायक है और ऊर्जा का संचार करता है कुछ करने को as a पहाड़ी।
Special shout out to the cameraman for keeping up with the guys on an uphill trek going backwards 🤣
धन्यखाल, जय पहाड़।
Pehli bar uttrakhand ka koi aisa channel dekh raha hu...
Bahut khub👍
Dada gazab 🔥🤓💯❤️🇮🇳👮🏻♂️
बारामासा को बहुत बहुत और आभार 🙏🌹♥️
असली लीडर आप है, डाउन टू अर्थ,, उत्तराखंड को नाज है आप पर, सुंदर लाल जी, चंडी प्रसादजी, विजय सर पर,,,,,🙏🙏
Thank u so much sir for sharing such a great knowledge.it is really very helpful for understanding our uttarakhand .
Pathak sir ek sahaj aur saral adami h
M sir se milne ki echa h ❤
बहुत शानदार,जानदार मज ऐगो पद्म श्री शेखर पाठक सर को सुन के एक और नया अनुभव 'बारामासा' दगड़ीयो भल काम करना छा तुम लोग शाबाश 👏👏👍👍
वैसे इनका पुत्र सौमित्र मेरे भाई का बाल्यावस्था से ही स्कूल सखा रहा है बचपन से मेरी भी बातचीत होती थी उससे तब अक्सर श्री शेखर सर के बारे में सुनते रहते थे अपनों से बड़े लोगों से घर के सदस्यों से वो बुद्धिजीवी व्यक्तित्व के हैं उनका लिखा हुआ पढ़ते हुए भी आये हैं अफसोस शायद ये मेरा दुर्भाग्य ही होगा एक ही नगर में रहने के बावज़ूद एक ही तरह की घुमक्कड़ प्रवत्ती, रुचि होते हुए भले ही विचारधारा अलग हो पर डगर एक ही है। उनसे पहले कभी ढंग से मुलाकात नहीं हो पायी श्री पाठक जी उनसे कितना कुछ ज्ञान मिल जाता आजतक क्या पता उनके साथ उस समय के दौर से ही घूमने को मिल जाता उन हिमालय की यात्राओं का हम भी साक्ष भागीदार होते।
माफ़ी चाहता हूँ कुछ लंबा साझा करना चाहूँगा अपना अनुभव श्री शेखर पाठक सर के साथ पिछले ही हफ्ते के कुछ लम्हे 👇
एक अलग ही आनंद है पद्म श्री शेखर पाठक जी को सुनने का ज्ञान का अपार भंडार भरा है 'चक्षु' खुल जाते हैं बल 🙂😇अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ भाग्यशाली रहा फ़िर से मिल गए वैसे तो काफी बार मिले किसी सेमिनार या फंक्शनल में ही सुना हमेशा इर्द गिर्द लोगों से घिरे ही मिले इस लिये कभी ढ़ंग से बात नहीं हो पायी उनसे। फिर वो समय भी आया २०१४ की मेरी दूसरी नन्दा देवी राज जात यात्रा 'वांण गाँव' में अकस्मात मिल गए तब भी वो घिरे थे उनके और पांडे जी के हाथों डेगची में बनी मैगी भी खाने को मिल गई😀अपनी तो तब यात्रा लंबी थी २८० किलोमीटर पैदल चलना था मुझे नौटी गाँव से शुरूआत कर दी थी एक सरकारी डाक्यूमेंट्री जो शूट करनी थी दो चर्चित फ़िल्म मेकरस को असिस्ट कर रहा था।मैंने वो स्वादिष्ठ मैगी खाई और इन सब आदर्श लोगों से आज्ञा लेकर आघे को बड़ चला।
फिर भाग्यवश इतने सालों बाद ट्रेन में एक बार फिर से भेंट हो गई लगभग बस एक हफ्ता ही हुआ होगा😀अपन देहरादून जो जा रहे थे हल्द्वानी स्टेशन में भेंट हो गई अपने लिये प्रथम श्रेणी का टिकट बुक करा रखा था भाग्यशाली रहे हम एक साथ ही एक ही डिब्बे 'कोच' में थे ठीक पल्ली तरफ प्रसिद्ध छायाकार, पर्यावरणीय हमारे आदर्श पद्म श्री अनूप साह जी और वन विभाग से सेवानिवृत्त मशरूम और वनस्पति के ज्ञानी श्री विनोद पांडे जी थे दोनों कुछ देर हमारे साथ बैठने के बाद 'फॉरेस्ट फायर' प्रेजेंटशन में व्यस्त हो गये असल में दूसरे दिन हम सब को एक साथ 'फॉरेस्ट फायर वर्क शाप' सेमिनार अटेंड करने जा रहे थे।अपना भी किस्मत का ताला खुल गया था शायद इन बड़े बड़े ज्ञानी,महानुभावों के साथ अपने को भी निमंत्रण मिल गया था। 'लौह पथ गामिनी' का सफर चालू हुआ और फिर एक और हमारे प्रिय पुराने मित्र जिनके साथ सन ९०के दशक से बीच बीच में हिमालय में घूमते हुए आयें हैँ ये भी हमारे आदर्श रहे रजवाड़े खानदान से सम्बंध रखने वाले अपने ज़माने के अच्छे खिलाड़ी,पर्वतारोही, पर्यावरणी प्रेमी 'राणा दाईं' मिल गये इन्होंने अबतक ढाई लाख पेड़ लगा दिये हैं और अभी भी इनका कार्य प्रगति पर है गाँव के नौजवानों को साथ लेकर हर फॉरेस्ट फायर सीजन में कई बार अपनी टीम के साथ अपनी ही तरह कई जलते हुए जंगलो जानवरों को वन अग्नि से बचाया है। अब हम तीनों ही कोच में थे और फिर रात ८:३० बजे से जो हम तीनों का गुफ़्तगू का सिलसिला जो चालू हुआ बिकट हो गया बल 'ट्रेन' की रफ्तार से भी अधिक श्री शेखर पाठक जी की बातें थी उनका ज्ञान का पिटारा धीरे धीरे-धीरे खुलने लगा बीच बीच में हमारे नेपाल कुमाऊँ के राजकुमार 'दाईं' कूद पड़ने वाले ठहरे जंगल पर्यावरण की बातों से शुरुआत हुई जंगल की क्राउन फायर की तरह हमारी लंबी वार्तालाप शुरु हो गई😄हम ट्रेन में बैठे बैठे कई बार कैलाश मानसरोवर यात्रा करते हुए उत्तराखंड से नेपाल,सिक्किम, हिमाचल और अंत में 'तिब्बत' तो कई बार पहुंच गये थे🤣ऐसा लगा वही घूम रहे है बस अगली सुबह तिब्बत पहुच जाएंगे फिर ञान और फसक का सिलसिला यू ही चलता रहा कब रात के १२ बज गये पता ही नहीं चला मुझे लगा शायद पहली बार ऐसा हुआ होगा की एक महान इतिहासकार श्री शेखर पाठक जी और हमारे गौर शंकर दाईं शांति से हम जैसे घुमक्कड़ की व्यथा,कथा शांति से सुन रहे थे बल😀🤭हमने भी उन्हें केदारनाथ से गौमुख-तपोवन की अपनी सुखद पैदल यात्रा, लंबी लंबी दौड़ से लेकर सिक्किम लाछैन,थांगु वैली -->रानी पार्वत का सफल अभियान शूरवीर 'हिमविरो' संग ये सब अपना छोटा सा २०-२5 साल का उच्च हिमालय में विचरण करने का अनुभव सांझा कर दियाऔर फिर सिक्किम सुन्दरी पुष्प के दर्शन भी करा डाले 😄
इसके बाद एक बार फिर शेखर सर हमें तिब्बत भ्रमण ले गये उन नदियों के उदग़म से लेकर कहाँ कहाँ किन किन देशों में उनका बहना वो सभ्यताएं सब का और ज्ञान मिल गया😊उस समय बिल्कुल भी समय का आभास नहीं हुआ हुआ इससे पहले हमारी ट्रेन तिब्बत पहुंच जाती 😀हमनें आदरणीय प्रिय शेखर पाठक सर को अपना अमूल्य समय देने के लिये धन्यावाद बोला बहुत कुछ जानने को मिला उनसे और अनुमति ली फिर अपने कक्ष 'कोच' में जाने से पहले ये भी बात करने लग गये की ठीक बगल के कक्ष में श्री साहजी और पांडे जी भी हैं हम तो बिलकुल ही भूल गये हमारी जोर जोर के ठहाकों और वार्तालाप से सो नहीं पाये होंगे कल सुबह हम सबकी सालिड क्लास लगने वाली है बल😀गौर दाईं और मैंने देरी नहीं करी बगल के कक्ष में लेटा मारने की लेटे लेटे भी शेखर सर की बातें घूम रही थी।
अगली सुबह लगभग ४:20 बजे पर हमारी ' रेल यामन' दून स्टेशन पहुंच गई। हम सब ट्रेन से उतर सर लोगों को स्माइल प्रणाम सुप्रभात करते हुए एक साथ एक ही होटल पहुंच गये थोड़ा विश्राम नाश्ता पानी के बाद सुबह ९:30 से शाम के ५:30 बजे तक हमारी फॉरेस्ट फायर पर राउन्ड टेबल टाइप 'फॉरेस्ट फायर वर्क' शाप चली एक से एक देश प्रदेश के ज्ञानी पर्यावरणीय ज्ञाता,अफ़सरान वैज्ञानिक महानुभव थे फिर जब पद्य श्री शेखर पाठक जी की बारी आयी उन्होंने अपनी बातों से ऐसा समा बांध दिया समय सीमा को पार करते हुए सब सुनते ही चले गये मन्त्रमुग्ध हो गए पिछली रात की बातें याद आ गई इस बार हम उन सब के साथ एक बार फिर से 'तिब्बत' पहुंच गये😀 इस बार मैंने उनका ४५मिनट का दिया ज्ञान रिकार्ड कर लिया।
शाम को डिनर पार्टी में पिछली रात की बात आ गई 😄 श्री साह जी हंस के बोले क्या कर रहे थे तुम लोग कल इतनी रात बड़े ठहाके आ रहे थे 🤭पहले थोड़ा झेपे और फिर बोले हम असल में तिब्बत भ्रमण पर निकल गये थे सर के साथ 😀
अंत में यही कहूंगा श्री शेखर पाठक जी को जितना सुनो उतना कम है समय कब निकल गया पता ही नहीं चलता एक ही नगर में रहते हुये उनसे ज्यादा भेंट ना कर पाने का अफसोस रहेगा देर आये दुरुस्त आये पर अब नहीं होगा ये थी लंबी गाथा 😀जो भी पढ़ रहा है वो भी अपना अब समय व्यर्थ ना करे उनका लिखा हुआ पढ़िए उनको सुनिए हो सके तो उनसे जरूर मिलिए 🙂🙏
बहुत ही सुंदर वीडियो, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो घुमक्कड़ हैं। उन्हें शेखर पाठक की इस बातचीत से ये सीखने को मिलेगा कि आंख नाक कान खुले रखो... यात्रा करते रहो।
मेरा भी सपना है इसी यात्रा करने का
❤❤
Really good work team baramasa
I hope you will continue to work like this in future.
Apka level hi alag hai... Grt..
Wah maja aa gaya ....the only bad thing about this video is that it ends..Shikhar Da🙏🙏
Weldone Baramasa, you have introduced to Shakhar jii in public domain. We had attended some Shivirs in 90th decade through Sarvodaya Gopeshwar. I met him around 2000 in Ukhimath when they were in Askot-aarakot trek last. Thanks.
बारामासा की सम्पूर्ण टीम का हार्दिक आभार की आप लोगों के प्रसारण से बहुत ज्यादा सिखने और अपने उत्तराखण्ड को जानने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। आपके द्वारा संजोए सभी तथ्य व जानकारी ज्ञानवर्धक व दिलचस्प है। Thank's to all team of Baramasa pls keep it up.
जय उत्तराखंड
I really like your channel “baramasa “
Eagerly waiting for the second part. We are blessed to be born in this generation,as we have first hand experience from our respected elders 🙏
Pranam evam abahar 🙏
Sekhar pathak ji ke bare me abhi tak sirf padha tha unko sunna to us se v behtar hai... thanku team baramasa😍🙏🙏
मैं अपने को भाग्यशाली मानता हूँ कि वर्ष 2014 में शेखर पाठक सर व उनकी पहाड़ संस्था के साथ अस्कोट-आराकोट पदयात्रा में कुछ दिन बिताने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
Salute to Encyclopedia of Himalayas
हे प्रकृति,
तुम नया संसार रचो,
किसी रचनाकार की कल्पना सा,
अब तुम नया संसार रचो।
ज्ञानवर्धक👌👌💐💖
बेहतरीन