अमीन सयानी जी की आवाज़ और बोलने का अंदाज लाजवाब है, मेरे पिताजी के पास मर्फी का बड़ा सा सुंदर रेडियो था ,यह पैसठ के दशक की बात है मैं और मेरा भाई बहुत छोटे थे। पिताजी के उसी रेडियो पर बिनाका गीत माला के प्रोग्राम सुने थे,अमीन सयानी जी की आवाज हमें तभी से पसंद है..
60 का दशक और 70 का दशक , मुझै अब तक का सबसे अच्छा दशक लगता है , इस दशक मे , पहले शैलेंद़ , हसरत जयपुरी , कैफी आझमी , राजा मेहंदी अली खान , मजरुह , आनंद बक्षी साहब , नीरज , और भी गीतकार है , यह इन सभी गीतकारो ने यह दशक अनोखा और बेहतरीन बनाया , इन गीतकारो और संगीतकारो ने जो काम किया है , वह बेहतरीन और लाजवाब था !
آمین سیانی جی میں آپ کو 1967 سے جانتا ہوں اُس وقت میں7سال کا تھا ۔ اور میری والدہ جو انگلیش کی پروفیسر تھیں آپ کی آواز اور آپ کا بات کرنے کا انداز ان کو بہت پسند تھا ۔ جب آپ کہتے تھے ۔ بہنوں بھائیو آپ سب کو آمین سیانی کا آداب ۔ یہ سن کر وہ رونے لگ پڑتی تھیں ۔ اُنھوں نے ایک واقعہ سُنایا ان کا ایک بھائی جو بیس سال پہلے باپ کی مارکھا کر گھر سے بھاگ گیا تھا ۔ عبدالحمید قریشی بھاگ کر دلی چلا گیا آپنے ایک دوست کے پاس جو دلی کے بہت مشہور چاولا خاندان کا بیٹا تھا ۔وہ وہنی راہنے لگا ۔ تب پاکستان اور بھارت کو اب بھی آزادی نہیں ملی تھی ۔ ایک دن اخبار میں تصویر دیکھی لاہور کے عبدالعزیز قریشی کے بیٹے عبدالحمید قریشی نے ایف ایس سی میں دہلی بورڈ سے پہلی پوزیشن حاصل کی ہے ۔ یہ واقعہ سُنانے کی وجہ یہ ہی ہے کے جب بہنوں بھائیو آپ سب کو آمین سیانی کا آدب تو اُن کو یہ واقعہ یاد آجاتا ہے۔ میری والدہ مجھے ایک بات کہی کھبی بھی آمین سیانی ملے تو اُسے ضرور ملنا ۔آمین سیانی جی شاہد ہم نہ مل سکیں ۔ اگر آپ یہ پڑھ رہے ہوں ۔ ایک میسج ضرور کی جی اے گا ۔ قاسم اسلم لاہور سے
अमीन सयानी जी का 91 वर्ष में इंतकाल हो गया, अतीत का मधुर स्मरण कराने हेतु अमीन सयानी जी को नमन, बि*** गीत माला" जैसा खूबसूरत प्रोग्राम न आज तक आया है न कभी आयेगा, "गीतमाला की छाँव" के जरिये हमें उसी स्वर्णिम समय को फिर से जी पा रहे हैं, l बिनाका ओर सिबाका गीत माला चलती रही वो बुधवार गुलज़ार रहा यादें ताज़ा हो गई अमीन सायानी जी का का जवाब प्रस्तुति कारण ओर उनकी आवाज़ क्या शानदार वक्त था वो भी, अमीन सायानी साब अमर रहे. आवाज का जादूगर थे वो!! ओम शांती ओम, गुज़रे ज़माने की याद ताजा हो गई।
अभी- अभी पता चला कि अमीन सयानी जी का 91 वर्ष में इंतकाल हो गया । इसी के साथ ही गीतमाला के एक युग के चिराग का आज अन्त हो गया किन्तु जब तक लोग गीतमाला को सुनेंगे आप हमें याद आयेंगे। रेडियो पर आपके द्वारा प्रस्तूत किया गया बिनाका गीतमाला की यादें आज भी ज़हन में है। आज आपकी वह मधुर आवाज़ खामोश हो गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे । ओम शान्ति। ।
Rip We also lost our loved ❤ parents and grandparents reminds us our chins hood and our life with our elders and miss them Crezy want to start life again
I am 73 now. When I was in college studying engineering during 1969-74 we used to rush to radio on wednesday for BINACA GEETHMALA. Legendary voice of AMEEN SAYANI. My sweet memories with this programe are coming back. Thank you for posting.
Today am 79 years old. At the age of14--17years , in 1956-58, high school students life we are very fond of Binaca. We hear every Wednesday standing on rosdside from Hotel.
हर बुधवार की रात 8 बजे हम सब भाई-बहन रेडियो ऑन कर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाया करते थे। एक बुधवार का वाक्या मैं 50 वर्ष बाद भी नहीं भूला हूं। तब मैं 16-17 साल का था। जब अमीन सयानी साहब ने मेरे पसंदीदा गाने के पहले पायदान पर आने की घोषणा की (गाना अब याद नहीं है) तो मैं खाना खाते हुए खुशी से उछल पड़ा। लेकिन यह खुशी मुझे बहुत भारी पड़ी क्योंकि मछली का कांटा मेरे गले में फंस चुका था। घर में कोहराम मच गया। डॉक्टर आंटी दौड़ती हुई आईं। उन्होंने कांटे को निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह फोर्सेप में आता ही नहीं था और मेरा मुंह खुला का खुला था। सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी। हमारे फैमिली डॉक्टर दवे साहब बाहर गए हुए थे। संयोग से वे भी आ गए। उन्होंने आते ही मेरे मुंह में उंगली डाली और तलवे में फंसे हुए कांटे को अंदर ही सरका दिया और मुझे पीने के लिये पानी का गिलास दिया और कहा बेटा, पानी पी जाओ। पानी पीकर मैंने राहत की सांस ली और माँ तथा भाई-बहन (जो मुझसे छोटे होने के कारण रोने लगे थे) सभी ने राहत की सांस ली। पापाजी जब बाहर से लौटे तो उन्हें भी सारा वाक्या बताया गया और यह फैसला हुआ कि अब बिनाका गीतमाला के साथ बुधवार को फिश नहीं खाई जाएगी। मैंने तो डर के मारे कई साल तक फिश नहीं खाई। ऐसा जज़्बा था बिनाका गीतमाला का और अमीन सयानी साहब की दिलकश आवाज का!
लाजवाब पूरा हिंदुस्तान बुधवार ८ से ९ बजे तक बिनाका गीत माला का ग़ुलाम हो जाता था क्यूँकि मनोरंजन के दूसरे साधन भी उपलब्ध नहीं थे यही एक सर्वश्रेष्ठ प्रोग्राम था और अमीन sahaniji की खूबसूरत आवाज़ मैंने बहुत एंजोय किया था उस जमाने में और इस programme का इंतज़ार करता था
उस वख्त हम मेसे ज्यादातर गाँव वालों के पास रेडियो मुश्किल से था, फिर टीवी की तो बात ही कहा हे... मुजे आज भी याद हे मेरे पिताजी ने नवरात्रि पर्व पर गाँव मे 5 रुपए की लॉटरी की टिकट खरीदी थी... तब ड्रॉ हुआ तो उस टिकिट पर रेडियो इनाम मे लगा..जब पिताजी ने घर आकर ये बताया तो हम भाई बहन खुशी से जूम उठे... उस दिन से उस रेडियो को परिवार के सदस्य की तरह संभाल ते थे.. ओर सुबह सुबह राम चरित मानस की आवाज गूंजती थी... फिर ऑल इंडिया रेडियो की उर्दू सर्विस मे अनमोल नगमे बजते थे... रात को सुमसान सड़कों के बीच शर्दियों की खामोश रातो मे इस रेडियो की आवाज जाने मधुर सुर बरसाते थे... फिर गिरते गिरते रेडियो की हालत ऐसी हो गई कि रबर बेंड से जैसे तैसे बांध के समेटे रखा था.. फिर भी वो आनंद ऐसा था कि आज के स्मार्ट मोबाइल मे वो मजा नही आता...😭
उस समय मैं नवम् वर्ग में पढ़ता था। 1962 का समय था वह। मैं बिनाका गीतमाला बड़े ही चाव से सुनता था। उस समय मेरे बगल के शहर ( 21किलोमीटर ) झुमरीतिलैया से बहुत बड़ी संख्या में बिनाका गीतमाला में फरमाइशें भेजी जाती थीं। उसी समय से झुमरीतिलैया का नाम पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ, जो आज तक प्रसिद्ध है। अमीन सायानी की आवाज, वाह वाह वाह वाह .....................।
I was so fond of Aminsayani ji and the Hindi songs of BINACA GEET MALA between 8 & 9 p.m. e ery Wednesday inspite I did not know Hindi. In kodaikanal 1967.
अमीन सयानी एक ऐसा नाम जो रोतो को हँसा दे,ग़मज़दा को राहत अता कर दे । बचपन से उस आवाज़ को सुन-सुन कर बड़े हुए, आज जब फिर से वाल्यूम 1 से उनके प्रोग्राम व बिनाका गीतमाला का शुरुवाती दौर को सुना तो अपने आप मे बहोत ज़्यादा रोमांच का अनुभव महसूस हुआ व खूब ज़्यादा रोना आया,आज अमीन साहब 87 वर्ष के हो गए ईश्वर उन्हें सदा सुखी रखे व जितनी भी उनकी उम्र है,वो मज़बूती में रहे यही दुआ करता हूँ अपने खुदा से ( आमीन सुम्मा आमीन ) ये वो दौर था,की इससे ज़्यादा कोई पापुलर प्रोग्राम होता ही नही था,आज का कोई शो ऐसा नही है जो " बिनाका गीतमाला से जिसकी तुलना की जा सके "
Namaskar n assalamalekum sayaniji aaj b khwab dil me basahua hy k aap jaisa my b radio jockey cum commentator Banu aap aawaj ki duniya ki ek aisi thara ho k Gehree neend me b aap ki mellifluous voice ko bhoolna chahne k bawazood nahee bhool pavunga shukriya zanaab
अतीत का मधुर स्मरण कराने हेतु अमीन सयानी जी को नमन। जीवन के अभिन्न अंग की भाँति थे वो पल। पुनः प्रस्तुतिकरण के लिए आपका आभार। 60 और 70 के दशक में आपको बहुत सुना। सबकुछ स्मरण हो आया। सारेगामा म्युज़िक कम्पनी को धन्यवाद।
Jug jug jeo sri amin sayani.ab yeh aawaj kaha sunne ko milti hai. Pahli paydan biaka geetmala ka gana ' tere pyari pyari surat ko kishi ki najar na lage...........' 🙏🌹🌺🏝🌴💐🍓🍒🍉🍎🍇🌺😎🤩
मेरे पिताजी कहते थे.. " तब मैं नाशिक कॉलेज मे पढता था और हर बुधवार बिनाका गीतमाला सूनने के लिये दोस्तों के साथ कोसों दूर जाते थे।" ये बात पिताजी ने मेरे जन्म से पहले वाली बताये थे। इ स ३ डिसेंबर १९५२ के दिन पहला बिनाका गीतमाला सिलोन ब्राडकास्ट पर हर बुधवार रात ८ से ९ बजे शुरु होता था। उस वक्त गांव, शहर के रस्तेपर सन्नाटा छाया जाता था और ये सब जादू सिर्फ और सिर्फ अमिन सयानी की बुलंद आवाज की वजह से..
अमीन साहब, आपके द्वारा तबले की ताल पर खनकती आवाज़ की कमेंट्री के साथ गीत मुझ बूढ़े आदमी को अपनी बाल अवस्था, किशोरावस्था फिर युवावस्था में पहुंचा देते हैं ।गीतों के साथ अपने शहर गलियां, मोहल्ला और पड़ोसियों के घर भी याद आजाते हैं जहां ये गीत सुनी थे।
हम तो बिनाका गीतमाला सुनेने के लिये बुधवार की आतुरता से राह तक्ते थे अमीन सयानी की वो आवाज सुनेने को दिल त्रास जाता था पहीली पादान पर कौनसा नया गाणा अमीन भाई लेकर आ रहा ईसकी होड लगी रहती थी वो दीन भी क्या दीन थे
अमीनजी अब मेरी उमर ७३ हो गया और मेरी यादोके मुताबिक मै जभी सात या आठ सालका था तभी से सुनता आ रहा हुं. आपकी पेशकश का दिवाना और आपके आवाजसे बेहद प्यार करनेवाला और आज भी वही लगन से सुनता हुं और मित्रोंको भी सुनाता हुं. जुग जुग जीयो मेरे दोस्त
बहुत ही सराहनीय हम सब तो विविध भारती गीतमाला और आपके चाहने वाले हैं रेडियो प्रेमी मोबाइल में भी इन्हीं पुराने लम्हों को ढूंढ़ते हैं ए सदाबहार है 🙏🌹🙏 आनंद के क्षणों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी
हमारी माता पिता जी की धरोहर है जो अब हम भाई बहिनों के लिए सुहाने पल है विविध भारती हमारी बचपन की यादें और सुनहरे पल जो आज भी सुनते ही रोमांचित हो जाते हैं परिवार की भाॅंति है विविध भारती 🙏🌹🙏❤️
मुझे याद है बुधवार की शाम ८ से ९ बजें तक पुरे गाव में सन्नाटा छा जाता था, सिर्फ अमिन सयानी की कांमेट्री पर बेहतरिन गीत गुंजते थे. अब मुझे वह सुनहरे पल बार बार याद आते है. धन्यवाद सरजी पेशकश के लिये.
Amen Sayani ji I know you since 1967, at that time I was 7 years old. And my mother, who was an English professor, loved your voice and the way you spoke. When you said Amen Sayani to all of you brothers and sisters. Hearing this, she started crying. He narrated an incident of one of his brothers who ran away from home twenty years ago after killing his father. Abdul Hameed Qureshi ran away and went to Delhi to a friend of his who was the son of a very famous Chawla family of Delhi. He started there. Then Pakistan and India still did not get independence. One day, I saw a picture in the newspaper. Abdul Hameed Qureshi, son of Abdul Aziz Qureshi of Lahore, has secured the first position in FSC from Delhi Board. The reason for narrating this incident is that when all of you brothers and sisters read Amen Sayani's literature, they remember this incident. My mother told me one thing, Amen, if you meet Sayani, you must meet him. If you are reading this. A message will be sent. Qasim Aslam from Lahore
८० से ले कर जब तक बिनाका ओर सिबाका गीत माला चलती रही वो बुधवार गुलज़ार रहा यादें ताज़ा हो गई अमीन सायानी जी का का जवाब प्रस्तुति कारण ओर उनकी आवाज़ क्या शानदार वक्त था वो भी
अमीन सयानी जी, को आज बरसों बाद याद कर रहे है ! 1990 का दौर याद आ गया जब रेडियो पर प्रायोजित कार्यक्रम सिबाका संगीत माला, बिनाका संगीत माला वगैरह सिनते थे !
Ameen Sayani is a legend. In my childhood I grew up with radio Ceylon and Ameen Sayani. I’m so happy to find you again on the RUclips. I love your voice and presentation,you’re one of a kind. I’m from Los Angeles ,California,USA. But I grew up in Chittagong,Bangladesh.
Haan.. hum vi diwana thha ... Binaca Geetmala ki ... har Budhbaar radio CYLONE ke liye kitna mehnaat karne hoti thhi ...Sirf BINACA GEETMALA aur, AMEEN SAYANI dono ke liye .. Salute to AMMEN SIR
Ye meri nanima ke time ke gane hain , lekin maine unhi ke mukh se ye sab sune the , to mujhe bhi ye sab aaj bhi bahut pasand hain . Aur fir Amin Sayani sir ki prastuti to fir kya hi kahne .
Thanks to youtube I am able to listen to Geetmala all over again. My school friends and I loved listening to this program. The first thing on Friday morning in school we used to ask each other ‘suna kya’ as Thursday used to be a holiday. If anyone of us didn’t have a genuine reason for missing the program uski toh kher nahin.He used to be bombarded with all sorts of abuses. It was like how can you miss the program. That was the craze. Hats off to the great Ajeet Sayani for hosting such a wonderful program. God always bless him.
Really very nostalgic of childhood memories. Those were the days of Radio Ceylon, Amin Sayani jee, his elder brother Hamid Sayani jee in English, Binaca Geetmala to be followed by Cadbury's Phoolwari and Leslin Sangeet Bahar et al. Listening this programme since inception, today living with the nostalgic moments in 2019, a real gift by the convener of this programme. Thosand times Thank you.
Very nice comments. I am also an old timer. Every Wednesday we would wait eagerly to hear Ameen sayaniji on famous Biinaca Geet Mala at 8 pm. " Jaane kahan gaye woh din"
मुझे याद है वह सुनहरी बचपन कि यादें जब हमारे पास रेडिओ भी नही था और हमारे चचेरे भाई उनके रेडिओ पे अलग अलग प्रोग्राम सुनते थे उन्हीमेसे हमारा सबसे पसंदिदा प्रोग्राम था बिनाका गीतमाला! हमें अमीन सयानीजी का आवाज बहोत पसंद था ! हम हर हफ्ते बुधवार कि राम देखते थे! दिनभर के पुरे काम जल्दी जल्दी निपटाके चाचा कि सिडियो पे जमा होकर पुरा प्रोग्राम सुनते थे!पसंदिदा गाने पे रेडिओ की आवाज बड़ी करने के लिये भाई के साथ झगडे करते थे.....पहले नंबर पे कौनसा खाना होगा इस बात पर शर्ते लगाई जाती थी.... Really nostalgic memories and hats off to Ameen sayaniji for connecting so many people's with all india Radio......
उसजवाने में मेरा जन्म भी नहीं था जब बिनाका गीतमाला सुरु हुवा था लेकिन जबसे होस सम्भाला तबसे सुनता रहा और आज भी अमीन सयानी का यूटयूब पर हरेक किलिप को सुनता हूं और आनन्द लेते है
ईस,पचास घंटे की रेकॉर्डिंग की खासियत यह है कि ईस में,बिनाका गीतमाला में विभिन्न पादानोंपर बजाये गये गानों के अलावा वो गीत भी शामील है जो अछ्चे होते हुए भी ईन पादानोंपर नही बज पाये। साथ में अनेक फिल्मी कलाकारों के साथ अमीन सयानी साहब ने साक्षात्कार किये थे वो भी सुनने को मिलेंगे। बहुत बढ़िया प्रोग्राम है जो हमेशा अपनी संग्रहालय में होना चाहिए।
We have witnessed three incredible personalities last century and they are Lataji. Rafi saheb and Sir Ameen Sayni and all in one frame of Binaka Geet Mala. All great in their own spheres.
While I was a boy in the 1960s, Wednesday was the most special day of the week because of Ameen Sayani's geetmala not only because of the songs but his magical voice and the legend's inimitable style and presentation. After relocating to Bombay in 1981 and my foray into journalism I had the good fortune of meeting him several times.He has a special place in my heart. I love and adore him!
During 75 to 80 on Wednesday I always set the radio station Ceylon in day time and start radio at 7.30pm directly to listen binaca geetmala in the voice of Ameen Sayani sahab.
Yadon ke sahare bhejiye ja sakta yah ek Anmol khajana hai jiska is duniya mein koi mol nahin hai gane ke bad se Bad cibaka Binaka ka prachar Prasar Amin Sayani ji ke andaaz mein bahut achcha lagta tha🙏🙏
लगता है कि सारे कमेंट्स मैंने ही किए हैं। बिल्कुल ऐसी ही यादें। हमारे गांव में एक ही घर में रेडियो था बुधवार को सब उसे घेरकर बैठते और सयानी जी की मोहक आवाज़ के साथ अद्भुत गीतों का आनंद लेते थे।
My elder brother mr Gunakanta Bhuyan from majuli, who himself is a veteran artist of Rass theatre of Assam is a great fan of Mr Ameen Sayani alongwith so many followers of radio.
बुध की शम आये aur रेडिओ सिलोन पर रात 8 बजे अमीन साब की आवाज सुननेके लिये कान तरस जाते थे. बस ऊस रात के 8 से 9 तक गाणे कानोमे सूमधुर लागता था.. बस अब सिर्फ यादे कर कर के पुराणे गीत सूनना.........❤
Main bachpan se hi binaca sangeet mala ki fan thi.....jab v Wednesday aata tha main radio apne paas rakh ker baithti thi radio Ceylon laga ker ise sunte hue hi padhai kerti thi....abhi iski series dekhi tohise phir se sun rahi hoon.....mazedaar program aur mazedaar aawaz k maalik amin sayani ji......pata nahi binaca sangeet mala se amin sayani ji famous hue ya amin sayani ji se geetmala famous hua 🌹🌹🌹🌹🌹
ईश्वर का वरदान है अमीन सयानी साहब,अपनी आवाज की जादूगरी से बिनाका के रुप मे सारे देश को बड़ी सौगात दी थी।मेरी उम्र इस समय 64वर्ष है लेकिन ये प्रोगाम सुनकर छोटा हो जाता हूँ।
आज याद ताजा हो गयी। ठीक 38 वर्ष पहले जब 20 साल के गिरफ्त में था तो गीतमाला सुनने का एक अलग जज्बा था। अमीन सर की आवाज सारी दुनिया मे एकल है। अभी भी लगता है कोई अपना बोल रहा है कुछ अलग अंदाज में। 🙏
गुज़रे ज़माने की याद ताजा हो गई। मैंने ज्यादा तो आमीन सयानी जी को नही सुना पर जितना भी सुना था मैं सयानी साहब का फैन हो गया था ।काफी समयान्तराल के बाद काफी बिनाका गीतमाला सुनने को मिला दिल खुश हो गया
Dil khus ker diya Ameen sahib ❤😅app ne aaj ye geet mala sun ker maam bhut khush hua aur purana din 1954_56 Mai 3rd stander thi .waa waa Maja aa gaya Etna dino bad app ki away to Sunil thanks to U tube 😅😅namaskar Jai hind
आज भी मुझे याद है बुधवार की रात 8 से 9 तक हम रेडिओ सिलोन लगाते थे. और कौन सा गीत इस हप्ते सरताज होनेवाला है. हम बचपन मे नोटबुक मे लिखते थे. और डिसेंबर मे कौन सी फिल्म और गीत एक नं आनेवाला है इस का अंदाज लगाते थे. अमिन सयानी साहब का आवाज सुनने के लिए तरसते थे.
The Golden voice of the past Amin Sayaniji you are a Legend.I remember listening to Radio Binaca in late sixty and early seventy in India and Radio was our only Entertainment but we really appreciated what ever we had India in the past was a society at peace unlike wealth chasers of today
वह ज़माना याद आ रहा है जब हम हर हफ़्ते बिनाका गीतमाला का बेक़रारी से इन्तज़ार किया करते थे रेडियो सीलोन पर १९५४ में । टी०वी०, मोबाइल और पी० एस० ए० वग़ैरह सब फ़िज़ूल हैं उसके ज़माने के सामने, काश वो वक़्त फिर लौट के आ जाये । अमीन सयानी का शुक्रिया ।
आज के रेडियो जॉकीज् को सुनना चाहिए सयानी साहब को। मैं उस पीढ़ी से हूँ, जिन्होंने सयानी साहब की सिर्फ रिकॉर्ड आवाज ही सुनी, उन्हें कभी लाइव नहीं सुन पाए, पर लगता है जैसे वो रेडियो जॉकीज् के भगवान हों और आज के रेडियो जॉकी उनके फेल्ड स्टूडेंट्स।
Hamlog bhi bachpan mai geet mala ka bahut intajar rahta tha or hame bahut maja aata tha . Gaana ke sath sath amin sayaniji ki awaj bahut achhi lagti thi.
Never in my life have I enjoyed a hindi film music programme as the Geetmala presented by Amin Sayani. He can never be equalled. "Age cannot wither him". A Padma Bhushan to him would be an apt honour.
When I was small, we used to wait for Radio Cylone broadcasted by Amin Sayani. We used to love it. His voice was clear and forceful and his choice of songs were awesome.
9 hrs of sheer bliss...immortal melodies & commentary by the original radio jockey....with his wonderful voice....sharing forgotten anecdotes from yester years....bringing back a flood of sweet memories....thank you so much...
Thank you ameen ji .. Again listening to old hindi songs after many many years ... Enjoying all songs ... Ur wonderful voice and interviews ... Thank you all who r connected in this caravan .... 🏵🌸🌹🌻🌷🌺
Oh. I thank you so much for preparing Mr. Amin Sayani's radio program . I remember his programs from Srilanka brodcasting. It is a history of 50 years ago. I listened to this program every morning in Afghanistan. Thanks a lot.
My golden childhood memory is alive again!! What a time was when whole country would surround Radio set to listen Binaca geet mala presented by great Amin sayanijee.
रेडियो और अमीन सयानी जी 🙏 जस्ट लाइक ब्रेड एंड बटर 🙏 ❤️ यू सर फॉर your great contribution for redio & redio lover's 🙏🙏🙏🙏 आपका बहोत बहोत धन्यवाद सर 🙏 आपकी आवाज अमर है सर 🙏🙏🙏
बहेनो aur भाईयो the announcement with Radio's/transistor sharp 8PM ,wow what a nice n pleasent moment in Binaca geetmala never Miss to listen,🙏🙏 with friends n family 👍👍 lots of love to Ameen Sayani ❤️🙏🙏❤️ sir,...
It reminds me of my childhood. Ameen Sayani was a great artist. The memories of his voice reminds you of the great days of simplicity of the time. Life was a lot of fun.
अमीन साहनी साहब की कमिंटरी हमारे दिल को छू लेती है हमारे देश की जान अमीन साहब की वजह से हम जैसे छोटे कलाकारों को माइक मै बोलने का तरीका आया जिस से हमारा रोटी रोज़ी चलती hai
आज यह कार्यक्रम सुनकर पुराने जमाने का बिनाका गीतमाला का कार्यक्रम याद आ रहा है .और अमीन सयानी जी की बाते आखों के सामने आते है . बहुत खूब अच्छा था वह जमाना .
Hello namesake I am 22 and I am playing this video for my nani who is also a big time fan of this show . I love this show as well now it's so much awesome !😄
In 1960's, in a remote village of Karnataka, we had only one radio to the village and all of us were gathering at 8pm on Wednesdays to listen the Binaca Geetmaala and enjoy songs. Thanks for uploading them.
I use to listen Amin Sayani's program during my childhood in Karachi, Pakistan, as my late father Sadruddin Bhayani would regularly tuned the Radio on Radio Cylon every week. It was very nice to listen this program again and lovely voice of Amin Sayani. Amin Bhayani Atlanta, GA, USA. 01/04/2018
Amin Bhayani You have done nice job. But on Radio Cylon it was free of cost ,and this one ? If all songs download what cost of it ? It is so cheap for customer if it is in memory card, one can play it easyly. By any device in. new age.
Now I am 65 years. I enjoy the beautiful voice of Amin sayani even today. The ever green songs of all time and the sweet beautiful voice is an added attraction to the listeners. Hats off to Amin sayani ji.
well, that's an Urdu name and is pretty common just like my name. yet, there are probabilities that his father might have liked amin sayani. so my question was just on this trivial yet intresting part thats it .
Aahaaaa , very nice voice. Unke baad hazaro aaye or gaye . But no one likes Amin saab. Salaam. Purani sari yaade taja kardi aapne. Very nice sir. I'm very appreciate for it.🌹🌹🌹🌹💃💃💃💃💃
In the realm of love, every tear holds a story. Listen to #RoLainDe OUT NOW!
ruclips.net/video/irF2QC5xP2g/видео.html
😅😅
ककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककक@@sureshkothari8200
Qp
बचपन से बिनाका गीत माला सुनकर 1962 से 1992 तक आकाशवाणी रायपुर में उदघोषक का सफर तय किया ।। अब सिर्फ yade ही शेष हैं ।।
अमीन सयानी जी की आवाज़ और बोलने का अंदाज लाजवाब है, मेरे पिताजी के पास मर्फी का बड़ा सा सुंदर रेडियो था ,यह पैसठ के दशक की बात है मैं और मेरा भाई बहुत छोटे थे। पिताजी के उसी रेडियो पर बिनाका गीत माला के प्रोग्राम सुने थे,अमीन सयानी जी की आवाज हमें तभी से पसंद है..
60 का दशक और 70 का दशक , मुझै अब तक का सबसे अच्छा दशक लगता है , इस दशक मे , पहले शैलेंद़ , हसरत जयपुरी , कैफी आझमी , राजा मेहंदी अली खान , मजरुह , आनंद बक्षी साहब , नीरज , और भी गीतकार है , यह इन सभी गीतकारो ने यह दशक अनोखा और बेहतरीन बनाया , इन गीतकारो और संगीतकारो ने जो काम किया है , वह बेहतरीन और लाजवाब था !
भ।रत के एकत। के लिए हिन्दी सेना का बडा योगदान रहा
آمین سیانی جی میں آپ کو 1967 سے جانتا ہوں اُس وقت میں7سال کا تھا ۔ اور میری والدہ جو انگلیش کی پروفیسر تھیں آپ کی آواز اور آپ کا بات کرنے کا انداز ان کو بہت پسند تھا ۔ جب آپ کہتے تھے ۔ بہنوں بھائیو آپ سب کو آمین سیانی کا آداب ۔ یہ سن کر وہ رونے لگ پڑتی تھیں ۔ اُنھوں نے ایک واقعہ سُنایا ان کا ایک بھائی جو بیس سال پہلے باپ کی مارکھا کر گھر سے بھاگ گیا تھا ۔ عبدالحمید قریشی بھاگ کر دلی چلا گیا آپنے ایک دوست کے پاس جو دلی کے بہت مشہور چاولا خاندان کا بیٹا تھا ۔وہ وہنی راہنے لگا ۔ تب پاکستان اور بھارت کو اب بھی آزادی نہیں ملی تھی ۔ ایک دن اخبار میں تصویر دیکھی لاہور کے عبدالعزیز قریشی کے بیٹے عبدالحمید قریشی نے ایف ایس سی میں دہلی بورڈ سے پہلی پوزیشن حاصل کی ہے ۔ یہ واقعہ سُنانے کی وجہ یہ ہی ہے کے جب بہنوں بھائیو آپ سب کو آمین سیانی کا آدب تو اُن کو یہ واقعہ یاد آجاتا ہے۔ میری والدہ مجھے ایک بات کہی کھبی بھی آمین سیانی ملے تو اُسے ضرور ملنا ۔آمین سیانی جی شاہد ہم نہ مل سکیں ۔ اگر آپ یہ پڑھ رہے ہوں ۔ ایک میسج ضرور کی جی اے گا ۔ قاسم اسلم لاہور سے
بهت اچها لیکه آپ نی. مین افغانستان مین غزنی سی هو
अमीन सयानी जी का 91 वर्ष में इंतकाल हो गया, अतीत का मधुर स्मरण कराने हेतु अमीन सयानी जी को नमन, बि*** गीत माला" जैसा खूबसूरत प्रोग्राम न आज तक आया है न कभी आयेगा, "गीतमाला की छाँव" के जरिये हमें उसी स्वर्णिम समय को फिर से जी पा रहे हैं, l बिनाका ओर सिबाका गीत माला चलती रही वो बुधवार गुलज़ार रहा यादें ताज़ा हो गई अमीन सायानी जी का का जवाब प्रस्तुति कारण ओर उनकी आवाज़ क्या शानदार वक्त था वो भी, अमीन सायानी साब अमर रहे. आवाज का जादूगर थे वो!! ओम शांती ओम, गुज़रे ज़माने की याद ताजा हो गई।
आवाज़ के जादूगर हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन हमारे दिल में हमेशा रहेंगे।
@@bvlodhi Sahi kaha aapne
सही फर्माया आपने.नमस्कार.
अभी- अभी पता चला कि अमीन सयानी जी का 91 वर्ष में इंतकाल हो गया । इसी के साथ ही गीतमाला के एक युग के चिराग का आज अन्त हो गया किन्तु जब तक लोग गीतमाला को सुनेंगे आप हमें याद आयेंगे। रेडियो पर आपके द्वारा प्रस्तूत किया गया बिनाका गीतमाला की यादें आज भी ज़हन में है। आज आपकी वह मधुर आवाज़ खामोश हो गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे । ओम शान्ति। ।
RIP
Rip
We also lost our loved ❤ parents and grandparents reminds us our chins hood and our life with our elders and miss them Crezy want to start life again
I am 73 now. When I was in college studying engineering during 1969-74 we used to rush to radio on wednesday for BINACA GEETHMALA. Legendary voice of AMEEN SAYANI. My sweet memories with this programe are coming back. Thank you for posting.
I looking same your age person.pls reply
Me too
Me too
Me too.
@@abdulwadood-vq7lzaap century maaren
Today am 79 years old. At the age of14--17years , in 1956-58, high school students life we are very fond of Binaca. We hear every Wednesday standing on rosdside from Hotel.
Awesome voice of Aminbhai ki
@@hansajoshi6070 K.
Ì
😂you have given us chance to hear first release of first Bianca geet Male. Bharat r.parekh familys from Bombay.dubai & USA 😢😮😅😂😅
I am 76 years old and yes we used to be glued to the radio on Wednesday and wait for 1st song!nostalgic😢
हर बुधवार की रात 8 बजे हम सब भाई-बहन रेडियो ऑन कर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाया करते थे। एक बुधवार का वाक्या मैं 50 वर्ष बाद भी नहीं भूला हूं। तब मैं 16-17 साल का था। जब अमीन सयानी साहब ने मेरे पसंदीदा गाने के पहले पायदान पर आने की घोषणा की (गाना अब याद नहीं है) तो मैं खाना खाते हुए खुशी से उछल पड़ा। लेकिन यह खुशी मुझे बहुत भारी पड़ी क्योंकि मछली का कांटा मेरे गले में फंस चुका था। घर में कोहराम मच गया। डॉक्टर आंटी दौड़ती हुई आईं। उन्होंने कांटे को निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह फोर्सेप में आता ही नहीं था और मेरा मुंह खुला का खुला था। सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी। हमारे फैमिली डॉक्टर दवे साहब बाहर गए हुए थे। संयोग से वे भी आ गए। उन्होंने आते ही मेरे मुंह में उंगली डाली और तलवे में फंसे हुए कांटे को अंदर ही सरका दिया और मुझे पीने के लिये पानी का गिलास दिया और कहा बेटा, पानी पी जाओ। पानी पीकर मैंने राहत की सांस ली और माँ तथा भाई-बहन (जो मुझसे छोटे होने के कारण रोने लगे थे) सभी ने राहत की सांस ली। पापाजी जब बाहर से लौटे तो उन्हें भी सारा वाक्या बताया गया और यह फैसला हुआ कि अब बिनाका गीतमाला के साथ बुधवार को फिश नहीं खाई जाएगी। मैंने तो डर के मारे कई साल तक फिश नहीं खाई। ऐसा जज़्बा था बिनाका गीतमाला का और अमीन सयानी साहब की दिलकश आवाज का!
आमिर सयानि साहब को विनम्र नमन. आज आप नहीं रहे और आज फ़िर आपकी याद आ गयी.. आपकी आत्मा को शांति मिले
So true
लाजवाब पूरा हिंदुस्तान बुधवार ८ से ९ बजे तक बिनाका गीत माला का ग़ुलाम हो जाता था क्यूँकि मनोरंजन के दूसरे साधन भी उपलब्ध नहीं थे यही एक सर्वश्रेष्ठ प्रोग्राम था और अमीन sahaniji की खूबसूरत आवाज़ मैंने बहुत एंजोय किया था उस जमाने में और इस programme का इंतज़ार करता था
लोग रास्ते पर भी जहां रेडियो बजता है वहां खड़े खड़े सुनते थे और अंदाज लगाते थे कि कौन सा गीत नंबर एक पर आता है।
उस वख्त हम मेसे ज्यादातर गाँव वालों के पास रेडियो मुश्किल से था, फिर टीवी की तो बात ही कहा हे... मुजे आज भी याद हे मेरे पिताजी ने नवरात्रि पर्व पर गाँव मे 5 रुपए की लॉटरी की टिकट खरीदी थी... तब ड्रॉ हुआ तो उस टिकिट पर रेडियो इनाम मे लगा..जब पिताजी ने घर आकर ये बताया तो हम भाई बहन खुशी से जूम उठे... उस दिन से उस रेडियो को परिवार के सदस्य की तरह संभाल ते थे.. ओर सुबह सुबह राम चरित मानस की आवाज गूंजती थी... फिर ऑल इंडिया रेडियो की उर्दू सर्विस मे अनमोल नगमे बजते थे... रात को सुमसान सड़कों के बीच शर्दियों की खामोश रातो मे इस रेडियो की आवाज जाने मधुर सुर बरसाते थे... फिर गिरते गिरते रेडियो की हालत ऐसी हो गई कि रबर बेंड से जैसे तैसे बांध के समेटे रखा था.. फिर भी वो आनंद ऐसा था कि आज के स्मार्ट मोबाइल मे वो मजा नही आता...😭
उस समय मैं नवम् वर्ग में पढ़ता था। 1962 का समय था वह। मैं बिनाका गीतमाला बड़े ही चाव से सुनता था। उस समय मेरे बगल के शहर ( 21किलोमीटर ) झुमरीतिलैया से बहुत बड़ी संख्या में बिनाका गीतमाला में फरमाइशें भेजी जाती थीं। उसी समय से झुमरीतिलैया का नाम पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ, जो आज तक प्रसिद्ध है। अमीन सायानी की आवाज, वाह वाह वाह वाह .....................।
झुमरीतलैया
आपका सादर आभार अपनी इतनी मीठी यादें साझा करने के लिए🙏🏻
मै 1967से बिनाका गीत माला प्रोग्राम सुनता हू आज भी रेकॉर्डिंग सुनता हू आज मेरी उम्र 64है आज भी मुझे प्रोग्राम पसंत है... अपका. धन्यवाद..
Right good afternoon 👍👍👍👍
I was so fond of Aminsayani ji and the Hindi songs of BINACA GEET MALA between 8 & 9 p.m. e ery Wednesday inspite I did not know Hindi. In kodaikanal 1967.
सयानी जी को विनम्र श्रद्धांजलि। मैं बचपन में सिबाका गीतमाला सुनता था । ये बात लगभग 1981 की है
अमीन सयानी एक ऐसा नाम जो रोतो को हँसा दे,ग़मज़दा को राहत अता कर दे । बचपन से उस आवाज़ को सुन-सुन कर बड़े हुए, आज जब फिर से वाल्यूम 1 से उनके प्रोग्राम व बिनाका गीतमाला का शुरुवाती दौर को सुना तो अपने आप मे बहोत ज़्यादा रोमांच का अनुभव महसूस हुआ व खूब ज़्यादा रोना आया,आज अमीन साहब 87 वर्ष के हो गए ईश्वर उन्हें सदा सुखी रखे व जितनी भी उनकी उम्र है,वो मज़बूती में रहे यही दुआ करता हूँ अपने खुदा से ( आमीन सुम्मा आमीन ) ये वो दौर था,की इससे ज़्यादा कोई पापुलर प्रोग्राम होता ही नही था,आज का कोई शो ऐसा नही है जो " बिनाका गीतमाला से जिसकी तुलना की जा सके "
Namaskar n assalamalekum sayaniji aaj b khwab dil me basahua hy k aap jaisa my b radio jockey cum commentator Banu aap aawaj ki duniya ki ek aisi thara ho k Gehree neend me b aap ki mellifluous voice ko bhoolna chahne k bawazood nahee bhool pavunga shukriya zanaab
अतीत का मधुर स्मरण कराने हेतु अमीन सयानी जी को नमन। जीवन के अभिन्न अंग की भाँति थे वो पल। पुनः प्रस्तुतिकरण के लिए आपका आभार। 60 और 70 के दशक में आपको बहुत सुना। सबकुछ स्मरण हो आया। सारेगामा म्युज़िक कम्पनी को धन्यवाद।
२१डिसेंबर अमीन सयानी साहाब को ८८वि जन्म दिन की मुबारक बाद
आज भि ये आवाज जवा लगता है
खुदा नें अमिन सय्यानी जी को खनकदार आवाज का धनी बनकर हम भारतवासीयों को मंत्रमुग्ध करनें और रेडियो की पहचान बनानें ही धरती पर उतारा था... जह- ए- नसीब
@@rajendragupta7814 ha bhai Bht sahi kaha aapne
Jug jug jeo sri amin sayani.ab yeh aawaj kaha sunne ko milti hai. Pahli paydan biaka geetmala ka gana ' tere pyari pyari surat ko kishi ki najar na lage...........' 🙏🌹🌺🏝🌴💐🍓🍒🍉🍎🍇🌺😎🤩
"बि*** गीत माला" जैसा खूबसूरत प्रोग्राम न आज तक आया है न कभी आयेगा,
"गीतमाला की छाँव" के जरिये हमें उसी स्वर्णिम समय को फिर से जी पा रहे हैं
मेरे पिताजी कहते थे.. " तब मैं नाशिक कॉलेज मे पढता था और हर बुधवार बिनाका गीतमाला सूनने के लिये दोस्तों के साथ कोसों दूर जाते थे।" ये बात पिताजी ने मेरे जन्म से पहले वाली बताये थे। इ स ३ डिसेंबर १९५२ के दिन पहला बिनाका गीतमाला सिलोन ब्राडकास्ट पर हर बुधवार रात ८ से ९ बजे शुरु होता था। उस वक्त गांव, शहर के रस्तेपर सन्नाटा छाया जाता था और ये सब जादू सिर्फ और सिर्फ अमिन सयानी की बुलंद आवाज की वजह से..
Un gujre hue yadonko fir tharashkar sajdaj k humare mood ban jaatee hy o sunheri yadon k badoulat thank u sir
एक ऐसी आवाज थी जिसने लोगो के दिलो पर राज किया और रेडिओ को अजरामर कर दिया ♥️♥️♥️♥️🌹🌹🌹🌹, शत शत नमन अमीन साहब ♥️♥️♥️👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹
अमीन साहब, आपके द्वारा तबले की ताल पर खनकती आवाज़ की कमेंट्री के साथ गीत मुझ बूढ़े आदमी को अपनी बाल अवस्था, किशोरावस्था फिर युवावस्था में पहुंचा देते हैं ।गीतों के साथ अपने शहर गलियां, मोहल्ला और पड़ोसियों के घर भी याद आजाते हैं जहां ये गीत सुनी थे।
हम तो बिनाका गीतमाला सुनेने के लिये बुधवार की आतुरता से राह तक्ते थे
अमीन सयानी की वो आवाज सुनेने को दिल त्रास जाता था
पहीली पादान पर कौनसा नया गाणा अमीन भाई लेकर आ रहा ईसकी होड लगी रहती थी
वो दीन भी क्या दीन थे
गाणे तो मिठास भरे ते साथमे अमीन जी की आवाज बहोत मीठी हैं......
अमीनजी अब मेरी उमर ७३ हो गया और मेरी यादोके मुताबिक मै जभी सात या आठ सालका था तभी से सुनता आ रहा हुं. आपकी पेशकश का दिवाना और आपके आवाजसे बेहद प्यार करनेवाला और आज भी वही लगन से सुनता हुं और मित्रोंको भी सुनाता हुं. जुग जुग जीयो मेरे दोस्त
बहुत ही सराहनीय हम सब तो विविध भारती गीतमाला और आपके चाहने वाले हैं रेडियो प्रेमी मोबाइल में भी इन्हीं पुराने लम्हों को ढूंढ़ते हैं ए सदाबहार है 🙏🌹🙏 आनंद के क्षणों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी
हमारी माता पिता जी की धरोहर है जो अब हम भाई बहिनों के लिए सुहाने पल है विविध भारती हमारी बचपन की यादें और सुनहरे पल जो आज भी सुनते ही रोमांचित हो जाते हैं परिवार की भाॅंति है विविध भारती 🙏🌹🙏❤️
मुझे याद है बुधवार की शाम ८ से ९ बजें तक पुरे गाव में सन्नाटा छा जाता था, सिर्फ अमिन सयानी की कांमेट्री पर बेहतरिन गीत गुंजते थे. अब मुझे वह सुनहरे पल बार बार याद आते है. धन्यवाद सरजी पेशकश के लिये.
आप लोग बोहत किस्मत वाले लोग हो काश मै आपकी जिंदगी जिता या वो वक्त मै देखता
Mere bachpan se Binaca geetmala mera azeez prog Har Budhvar iss progrm ka besabari ka intezar rahathathah
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@@nazeemuddinshaik8841 bio
Amen Sayani ji I know you since 1967, at that time I was 7 years old. And my mother, who was an English professor, loved your voice and the way you spoke. When you said Amen Sayani to all of you brothers and sisters. Hearing this, she started crying. He narrated an incident of one of his brothers who ran away from home twenty years ago after killing his father. Abdul Hameed Qureshi ran away and went to Delhi to a friend of his who was the son of a very famous Chawla family of Delhi. He started there. Then Pakistan and India still did not get independence. One day, I saw a picture in the newspaper. Abdul Hameed Qureshi, son of Abdul Aziz Qureshi of Lahore, has secured the first position in FSC from Delhi Board. The reason for narrating this incident is that when all of you brothers and sisters read Amen Sayani's literature, they remember this incident. My mother told me one thing, Amen, if you meet Sayani, you must meet him. If you are reading this. A message will be sent. Qasim Aslam from Lahore
अमिंन sayani,बेस्ट अँकर,ओल्ड ईज गोल्ड.हमारे जमणेके गीत सुनं कर आप भी मधोहोश हो jayege
८० से ले कर जब तक बिनाका ओर सिबाका गीत माला चलती रही वो बुधवार गुलज़ार रहा यादें ताज़ा हो गई अमीन सायानी जी का का जवाब प्रस्तुति कारण ओर उनकी आवाज़ क्या शानदार वक्त था वो भी
आज बहुत दुख हुआ 😭
अमीन सयानी जी, को आज बरसों बाद याद कर रहे है !
1990 का दौर याद आ गया जब रेडियो पर प्रायोजित कार्यक्रम सिबाका संगीत माला, बिनाका संगीत माला वगैरह सिनते थे !
Ameen Sayani is a legend. In my childhood I grew up with radio Ceylon and Ameen Sayani. I’m so happy to find you again on the RUclips. I love your voice and presentation,you’re one of a kind. I’m from Los Angeles ,California,USA. But I grew up in Chittagong,Bangladesh.
I concur wholeheartedly! I was born in Bombay and am now in southern California.
Very nice program
Newazji, To my mind he is the Best Narrator so far ...😍👌👌
क्या मधुर आवाज अमीन सायानी जी की, और उतने ही मधुर् संगीत । मन हल्का कर देती है
Haan.. hum vi diwana thha ... Binaca Geetmala ki ... har Budhbaar radio CYLONE ke liye kitna mehnaat karne hoti thhi ...Sirf BINACA GEETMALA aur, AMEEN SAYANI dono ke liye ..
Salute to AMMEN SIR
Ye meri nanima ke time ke gane hain , lekin maine unhi ke mukh se ye sab sune the , to mujhe bhi ye sab aaj bhi bahut pasand hain . Aur fir Amin Sayani sir ki prastuti to fir kya hi kahne .
Thanks to youtube I am able to listen to Geetmala all over again. My school friends and I loved listening to this program. The first thing on Friday morning in school we used to ask each other ‘suna kya’ as Thursday used to be a holiday. If anyone of us didn’t have a genuine reason for missing the program uski toh kher nahin.He used to be bombarded with all sorts of abuses. It was like how can you miss the program. That was the craze. Hats off to the great Ajeet Sayani for hosting such a wonderful program. God always bless him.
Wonderful! heart full of old memories
Same with us
Thank you Saregama for this therapy 🙏 OM Shanti, travel well Ameen Sayani Saab 🫡
महान गायक इस सदी की सुंदर आवाज को जब तक मानव जीवन रहेगा तब तक इनकी आवाज को याद किया जाएगा।में इनको सलाम करता हु।
Really very nostalgic of childhood memories. Those were the days of Radio Ceylon, Amin Sayani jee, his elder brother Hamid Sayani jee in English, Binaca Geetmala to be followed by Cadbury's Phoolwari and Leslin Sangeet Bahar et al. Listening this programme since inception, today living with the nostalgic moments in 2019, a real gift by the convener of this programme. Thosand times Thank you.
Sweet memories.
Very nice comments. I am also an old timer. Every Wednesday we would wait eagerly to hear Ameen sayaniji on famous Biinaca Geet Mala at 8 pm. " Jaane kahan gaye woh din"
Wahhj in songs ki to koi misal nahi di jaa sakti awesome song ang goldan song thanku so much
मुझे याद है वह सुनहरी बचपन कि यादें जब हमारे पास रेडिओ भी नही था और हमारे चचेरे भाई उनके रेडिओ पे अलग अलग प्रोग्राम सुनते थे उन्हीमेसे हमारा सबसे पसंदिदा प्रोग्राम था बिनाका गीतमाला! हमें अमीन सयानीजी का आवाज बहोत पसंद था ! हम हर हफ्ते बुधवार कि राम देखते थे! दिनभर के पुरे काम जल्दी जल्दी निपटाके चाचा कि सिडियो पे जमा होकर पुरा प्रोग्राम सुनते थे!पसंदिदा गाने पे रेडिओ की आवाज बड़ी करने के लिये भाई के साथ झगडे करते थे.....पहले नंबर पे कौनसा खाना होगा इस बात पर शर्ते लगाई जाती थी.... Really nostalgic memories and hats off to Ameen sayaniji for connecting so many people's with all india Radio......
उसजवाने में मेरा जन्म भी नहीं था जब बिनाका गीतमाला सुरु हुवा था लेकिन जबसे होस सम्भाला तबसे सुनता रहा और आज भी अमीन सयानी का यूटयूब पर हरेक किलिप को सुनता हूं और आनन्द लेते है
same speech
ईस,पचास घंटे की रेकॉर्डिंग की खासियत यह है कि ईस में,बिनाका गीतमाला में विभिन्न पादानोंपर बजाये गये गानों के अलावा वो गीत भी शामील है जो अछ्चे होते हुए भी ईन पादानोंपर नही बज पाये। साथ में अनेक फिल्मी कलाकारों के साथ अमीन सयानी साहब ने साक्षात्कार किये थे वो भी सुनने को मिलेंगे। बहुत बढ़िया प्रोग्राम है जो हमेशा अपनी संग्रहालय में होना चाहिए।
We have witnessed three incredible personalities last century and they are Lataji. Rafi saheb and Sir Ameen Sayni and all in one frame of Binaka Geet Mala. All great in their own spheres.
While I was a boy in the 1960s, Wednesday was the most special day of the week because of Ameen Sayani's geetmala not only because of the songs but his magical voice and the legend's inimitable style and presentation. After relocating to Bombay in 1981 and my foray into journalism I had the good fortune of meeting him several times.He has a special place in my heart. I love and adore him!
Blessed r u that u met him
Love you so much Sayani sahab for your affectionate style of narrations. We salute you sir🙏❤
Since childhood it's my most favourite program. Hatsoff to you ameen Sayani sir.
Lucky you
His 'Bhayon aur Behnon' was the ultimate
अमीन सयानी जी की खनकती आवाज ने लोगों को रेडियो से जोड़ा। बाद में वे एनाउंसरों के आइडल बने
During 75 to 80 on Wednesday I always set the radio station Ceylon in day time and start radio at 7.30pm directly to listen binaca geetmala in the voice of Ameen Sayani sahab.
आज फिर सुनने आया हूँ अमीन सियानी को, छत पर रेडियो लगाना और पूरा मोहल्ला बिना कोई शोर किए सुनना बहुत ही अच्छे दिन थे 3/1/2022💞
Yadon ke sahare bhejiye ja sakta yah ek Anmol khajana hai jiska is duniya mein koi mol nahin hai gane ke bad se Bad cibaka Binaka ka prachar Prasar Amin Sayani ji ke andaaz mein bahut achcha lagta tha🙏🙏
लगता है कि सारे कमेंट्स मैंने ही किए हैं। बिल्कुल ऐसी ही यादें। हमारे गांव में एक ही घर में रेडियो था बुधवार को सब उसे घेरकर बैठते और सयानी जी की मोहक आवाज़ के साथ अद्भुत गीतों का आनंद लेते थे।
After more than 70 years of age feeling the same emotions and that is the magic of our music legends and the voice of leading announcer Amin Sayani.
My elder brother mr Gunakanta Bhuyan from majuli, who himself is a veteran artist of Rass theatre of Assam is a great fan of Mr Ameen Sayani alongwith so many followers of radio.
Such a pleasant presentation of songs and how it works in the interests of samajdar listeners of Binaca geetmala found nowhere other than BG
Thank you Shafat sir for sharing ur sweet memories.
बुध की शम आये aur रेडिओ सिलोन पर रात 8 बजे अमीन साब की आवाज सुननेके लिये कान तरस जाते थे.
बस ऊस रात के 8 से 9 तक गाणे कानोमे सूमधुर लागता था..
बस अब सिर्फ यादे कर कर के पुराणे गीत सूनना.........❤
Old is gold kyuki us jamane mai ache log ache vichar ache script writer ache playback singers hote they
Old is gold
Happy Memories
Love this program forever
Thank you for refreshing those golden days once again
Kudos to AMEEN SAYANI
Main bachpan se hi binaca sangeet mala ki fan thi.....jab v Wednesday aata tha main radio apne paas rakh ker baithti thi radio Ceylon laga ker ise sunte hue hi padhai kerti thi....abhi iski series dekhi tohise phir se sun rahi hoon.....mazedaar program aur mazedaar aawaz k maalik amin sayani ji......pata nahi binaca sangeet mala se amin sayani ji famous hue ya amin sayani ji se geetmala famous hua 🌹🌹🌹🌹🌹
ईश्वर का वरदान है अमीन सयानी साहब,अपनी आवाज की जादूगरी से बिनाका के रुप मे सारे देश को बड़ी सौगात दी थी।मेरी उम्र इस समय 64वर्ष है लेकिन ये प्रोगाम सुनकर छोटा हो जाता हूँ।
True
I feel same to you
@@shaheensultana9927or ooooooooo
आज याद ताजा हो गयी। ठीक 38 वर्ष पहले जब 20 साल के गिरफ्त में था तो गीतमाला सुनने का एक अलग जज्बा था। अमीन सर की आवाज सारी दुनिया मे एकल है। अभी भी लगता है कोई अपना बोल रहा है कुछ अलग अंदाज में। 🙏
Very nice
Jo hindi songs ki ahmiyat hindi movies main thee wohi Ameen Sayyani ki radio key saath. Dono ek doosrey key bina adhurey...
गुज़रे ज़माने की याद ताजा हो गई। मैंने ज्यादा तो आमीन सयानी जी को नही सुना पर जितना भी सुना था मैं सयानी साहब का फैन हो गया था ।काफी समयान्तराल के बाद काफी बिनाका गीतमाला सुनने को मिला दिल खुश हो गया
આવા ગીતો સાંભળતા મનમાં આનદ થાય છે
Bhule bisre feet sun Kar Apne bachpan Yaad Aya.
Bhule bisre geet sun Kar Mera bachpan yaad aya.
Dil khus ker diya Ameen sahib ❤😅app ne aaj ye geet mala sun ker maam bhut khush hua aur purana din 1954_56 Mai 3rd stander thi .waa waa Maja aa gaya Etna dino bad app ki away to Sunil thanks to U tube 😅😅namaskar Jai hind
❤ बहुत शुक्रिया अमीन सयानी जी की आवाज़ के लिए....🙂❤🎉 लाजबाब❤ 😊
आज भी मुझे याद है बुधवार की रात 8 से 9 तक हम रेडिओ सिलोन लगाते थे. और कौन सा गीत इस हप्ते सरताज होनेवाला है. हम बचपन मे नोटबुक मे लिखते थे. और डिसेंबर मे कौन सी फिल्म और गीत एक नं आनेवाला है इस का अंदाज लगाते थे. अमिन सयानी साहब का आवाज सुनने के लिए तरसते थे.
The Golden voice of the past Amin Sayaniji you are a Legend.I remember listening to Radio Binaca in late sixty and early seventy in India and Radio was our only Entertainment but we really appreciated what ever we had India in the past was a society at peace unlike wealth chasers of today
वह ज़माना याद आ रहा है जब हम हर हफ़्ते बिनाका गीतमाला का बेक़रारी से इन्तज़ार किया करते थे रेडियो सीलोन पर १९५४ में । टी०वी०, मोबाइल और पी० एस० ए० वग़ैरह सब फ़िज़ूल हैं उसके ज़माने के सामने, काश वो वक़्त फिर लौट के आ जाये । अमीन सयानी का शुक्रिया ।
Kamlesh Gupta same here bro...
very pleasant to hear the ever green song
Jo
Kamlesh Gupta जी अब वो समय कहॉ .
Love old days old is gold
अाहा वाे भि कया दिन थे , 1957 जब से फिल्मि गाने मे मन रमाने लगेथे।याद अारिहेे वाे दिन ।धन्यवाद अमिन साहनिजि।
आज के रेडियो जॉकीज् को सुनना चाहिए सयानी साहब को। मैं उस पीढ़ी से हूँ, जिन्होंने सयानी साहब की सिर्फ रिकॉर्ड आवाज ही सुनी, उन्हें कभी लाइव नहीं सुन पाए, पर लगता है जैसे वो रेडियो जॉकीज् के भगवान हों और आज के रेडियो जॉकी उनके फेल्ड स्टूडेंट्स।
Can tune in to FM radio to listen to him live even today.
JAGAT JAGDEV
Which F.M.?
Gurudev datt
Old is gold
great one
All beautiful songs states by his highness late Aminn Sayani sahb. Salute.
Hamlog bhi bachpan mai geet mala ka bahut intajar rahta tha or hame bahut maja aata tha . Gaana ke sath sath amin sayaniji ki awaj bahut achhi lagti thi.
Never in my life have I enjoyed a hindi film music programme as the Geetmala presented by Amin Sayani. He can never be equalled. "Age cannot wither him". A Padma Bhushan to him would be an apt honour.
Long live amin sayaniji really enjoyed went back to my golden days with golden songs
Agree with you
Exactly
Ameen Sayaniji you have enthralled us by your inimitable style and voice.
Thank you Saregama Music.
Thanks Ameen Sayani ki goonj ney 55yrs back ki yaadein taza karvadi
When I was small, we used to wait for Radio Cylone broadcasted by Amin Sayani. We used to love it. His voice was clear and forceful and his choice of songs were awesome.
9 hrs of sheer bliss...immortal melodies & commentary by the original radio jockey....with his wonderful voice....sharing forgotten anecdotes from yester years....bringing back a flood of sweet memories....thank you so much...
Thank you ameen ji .. Again listening to old hindi songs after many many years ... Enjoying all songs ... Ur wonderful voice and interviews ... Thank you all who r connected in this caravan .... 🏵🌸🌹🌻🌷🌺
Right good afternoon 👍👍👍👍
Oh. I thank you so much for preparing Mr. Amin Sayani's radio program . I remember his programs from Srilanka brodcasting. It is a history of 50 years ago. I listened to this program every morning in Afghanistan. Thanks a lot.
Old is Gold
By memorable songs like this is a great honor to indian .
My golden childhood memory is alive again!! What a time was when whole country would surround Radio set to listen Binaca geet mala presented by great Amin sayanijee.
धन्यवाद यूट्यूब का जिसके माध्यम से हम आज वो पहले का दिन याद कर रहे है आंसू आ जाता है पहले के दिन याद कर के
रेडियो और अमीन सयानी जी 🙏
जस्ट लाइक ब्रेड एंड बटर 🙏
❤️ यू सर फॉर your great contribution for redio & redio lover's 🙏🙏🙏🙏
आपका बहोत बहोत धन्यवाद सर 🙏
आपकी आवाज अमर है सर 🙏🙏🙏
बहेनो aur भाईयो the announcement with Radio's/transistor sharp 8PM ,wow what a nice n pleasent moment in Binaca geetmala never Miss to listen,🙏🙏 with friends n family 👍👍 lots of love to Ameen Sayani ❤️🙏🙏❤️ sir,...
बचपन से यही गीत सुनते आये हैं। हर गीत जैसी जुबानी याद है. अमीन सयानी जी की बातें भी बहुत मज़ेदार थीं।
Mr Ameen Sayani your voice realy realy beautiful the golden voice.same like Mohammad Rafi the voice will Never Dies.
🙏🙏♥️♥️
@@20-aman l
MCR
It reminds me of my childhood. Ameen Sayani was a great artist. The memories of his voice reminds you of the great days of simplicity of the time. Life was a lot of fun.
Thank you for returning me those beutiful days.golden words and golden voice. Great and immortal Amin shahni sahab
Man
0
@@subramanianchorotur8176
Md is
Aminji aap jaise sadime ek hi hai. Apne karodo logoko Sangit se pyar karna sikhaya hair. Aap mahan Ho.
अमीन साहनी साहब की कमिंटरी हमारे दिल को छू लेती है हमारे देश की जान अमीन साहब की वजह से हम जैसे छोटे कलाकारों को माइक मै बोलने का तरीका आया जिस से हमारा रोटी रोज़ी चलती hai
आवाज़ के जादूगर अमीन सयानी जी !तरोताजा कर देते हैं आप!!
अमीन सायानी साहबकी मीठी मधुरी आवाज सुनकर हमारा बचपन याद आ गया बिनका गीतमाला सुनने को हम रेडियो पे इंतजार करते थे.. जाने कहां गये वो दिन....
क्या ज़माना था गीतों ka जो शायद लौट कर आना नामुमकिन है।
आज यह कार्यक्रम सुनकर पुराने जमाने का बिनाका गीतमाला का कार्यक्रम याद आ रहा है .और अमीन सयानी जी की बाते आखों के सामने आते है . बहुत खूब अच्छा था वह जमाना .
Those days were awesome, all the family members used to wait for Wednesday to listen the beautiful voice of Amin Sir with those beautiful melodies.
Singers and actors ke saath Ameen sayaaniji ki yaad bhi avashya aayegi.
I am one of the fan of this program and the magnetic voice of the legendary announcer Mr. Ameen Sayani since my teenage. I am now 55...
Same here, I am now 52 and during my younger years this used to be a family favourite.
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Hello namesake I am 22 and I am playing this video for my nani who is also a big time fan of this show . I love this show as well now it's so much awesome !😄
Me too 🥰
Mam I m also 55 I m also lucky to listen Ameen sir programe
In 1960's, in a remote village of Karnataka, we had only one radio to the village and all of us were gathering at 8pm on Wednesdays to listen the Binaca Geetmaala and enjoy songs. Thanks for uploading them.
Amen sayani sir aur saregamapa ka sukriya..
I use to listen Amin Sayani's program during my childhood in Karachi, Pakistan, as my late father Sadruddin Bhayani would regularly tuned the Radio on Radio Cylon every week.
It was very nice to listen this program again and lovely voice of Amin Sayani.
Amin Bhayani
Atlanta, GA, USA.
01/04/2018
Amin Bhayani You have done nice job. But on Radio Cylon it was free of cost ,and this one ? If all songs download what cost of it ? It is so cheap for customer if it is in memory card, one can play it easyly. By any device in. new age.
so were you named after him ??? just a question
Now I am 65 years. I enjoy the beautiful voice of Amin sayani even today. The ever green songs of all time and the sweet beautiful voice is an added attraction to the listeners. Hats off to Amin sayani ji.
Gaurav, it’s a Sindhi name, karachi is in Sindh?
well, that's an Urdu name and is pretty common just like my name. yet, there are probabilities that his father might have liked amin sayani. so my question was just on this trivial yet intresting part thats it .
I am 65 years old.My memory goes 50 years back when I hear these songs.Great programme anchored by Ameen Sayani Sir 🙏
Pl
L
👌👌🌹🌹🙏 अमीन साहब के लिए धन्यवाद शुक्रिया ♥️🙏 Nasir Shalimar Music jodhpur raj India
Aahaaaa , very nice voice. Unke baad hazaro aaye or gaye . But no one likes Amin saab. Salaam. Purani sari yaade taja kardi aapne. Very nice sir. I'm very appreciate for it.🌹🌹🌹🌹💃💃💃💃💃
Listening to it lying on the bed at the window side and the dizzy rain outside at 11.30 pm. What a beautiful & perfect moment.
Which speaker??
🎉 listening in London reminded the youthfulness of life.🎉
I'm listening at exactly 11 :17 pm, raining outside