61. बंधे को बंधा मिला, छूटै कौन उपाय - कबीर दास जी के प्रसिद्द दोहे हिंदी अर्थ सहित (Kabir Ji)

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  • Опубликовано: 8 сен 2024
  • बंधे को बंधा मिला, छूटै कौन उपाय।
    कर सेवा निरबंध की, पल में लेत छुङाय॥
    61. बंधे को बंधा मिला, छूटै कौन उपाय - कबीर दास जी के प्रसिद्द दोहे हिंदी अर्थ सहित (Kabir Ji)
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