"पार्टी लेस पॉलिटिक्स" की वर्तमान प्रासंगिता पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। हमारे राजनीतिक दलों द्वारा ऐतिहासिक घटनाओं, विचारों एंव व्यक्तित्वों के गहन अध्ययन की आवश्यकता है । वर्तमान राजनीति में विचारों का गहन अभाव है,जय प्रकाशजी ,गांधी जी की और लौट कर ही लोकतान्त्रिक व्यवस्था की जीवटता बरकरार रखी जा सकती है।
जेपी हों या गांधी हाें किसी की भी राजनीति पुरातन से भिन्न नहीं है क्योंकि अद्य कालीन राजनीति पांच सालों की केवल एक दल की रह गई और राजनेता दुकानदार व मतदाता ग्राहक जैसा संबंध हो चुका है
"पार्टी लेस पॉलिटिक्स" की वर्तमान प्रासंगिता पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। हमारे राजनीतिक दलों द्वारा ऐतिहासिक घटनाओं, विचारों एंव व्यक्तित्वों के गहन अध्ययन की आवश्यकता है । वर्तमान राजनीति में विचारों का गहन अभाव है,जय प्रकाशजी ,गांधी जी की और लौट कर ही लोकतान्त्रिक व्यवस्था की जीवटता बरकरार रखी जा सकती है।
right to recall , right to reject , aam aadmi party dwara uthaya gya hai
जेपी हों या गांधी हाें किसी की भी राजनीति पुरातन से भिन्न नहीं है क्योंकि अद्य कालीन राजनीति पांच सालों की केवल एक दल की रह गई और राजनेता दुकानदार व मतदाता ग्राहक जैसा संबंध हो चुका है